🔹शिव जी की आयु, विष्णु जी की आयु से 7 गुना और ब्रह्मा जी की आयु से 49 गुना ज्यादा है लेकिन वे भी नाशवान हैं। तो वह समर्थ परमात्मा कौन है जिसकी कोई आयु सीमा नहीं है।
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गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में तत्वज्ञान की प्राप्ति के लिए तत्वदर्शी संत की शरण में जाने के लिए कहा गया है और उस तत्वदर्शी संत की पहचान गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में दी गई है कि ��ो संत उल्टे लटके हुए पीपल के वृक्ष के सभी विभागों को वेदों अनुसार बता देगा, वह तत्वदर्शी संत होगा। आज तक गीता के इस गूढ़ रहस्य को किसी संत ने उजागर नहीं किया है। जबकि संत रामपाल जी महाराज सूक्ष्मवेद से स्पष्ट करते हैं:
कबीर, अक्षर पुरूष एक पेड़ है, क्षर पुरूष वाकि डार।
कबीर परमात्मा की भक्ति पूर्ण गुरु से लेकर करने से मोक्ष निश्चित है वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी हैं अधिक जानकारी के लिए देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे से
कबीर परमेश्वर ने स्वामी रामानंद जी को गुरु धारण कर सत्यज्ञान से परिचित कराया जिससे स्वामी रामानंद जी का उद्धार हुआ।
प्रमाण कबीर सागर, अगम निगम बोध पृष्ठ 38,
मेरा नाम कबीरा हूँ जगत गुरु जाहिरा।
तीन लोक में यश है मेरा त्रिकुटी है अस्थाना। पाँच-तीन हम ही ने किन्हें जातें रचा जिहाना।। गगन मण्डल में बासा मेरा नौवें कमल प्रमाना। ब्रह्म बीज हम ही से आया, बनी जो मूर्ति नाना।। संखो लहर मेहर की उपजें, बाजे अनहद बाजा। गुप्त भेद वाही को देंगे, शरण हमरी आजा।। भव बंधन से लेऊँ छुड़ाई, निर्मल करूं शरीरा। सुर नर मुनि कोई भेद न पावै, पावै संत गंभीरा। बेद-कतेब में भेद ना पूरा, काल जाल जंजाला। कह कबीर सुनो गुरु रामानन्द, अमर ज्ञान उजाला ।।
देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कबीर साहेब के 627वें प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा प्रचार प्रसार किया जा रहा है। साथ ही कबीर साहेब के प्रकट दिवस पर होने वाले विशाल भंडारे में सपरिवार आने का निमंत्रण भी दिया जा रहा है।