हमें पागल बनाते है वो,
बेवफा कहते हैं कि प्यार कभी पूरा नहीं होता,
खुदा से मांगों और दिल्लगी से करो मोहब्बत,
ऐसा प्यार कभी अधूरा नहीं होता |
आँख रोएगी तेरे जाने के बाद,
याद आएगी तेरे जाने के बाद,
ओ जाने वाले पलटकर देख लेना,
शायद ये जिन्दगी ना रहे तेरे जाने के बाद |
दिलकश तेरा नक्श, सूरत भी तेरी प्यारी है
क्या चीज तुमको पेश करूँ सब चीज़ तुम्हारी है,
ये दिल भी तुम्हारा है ये जां भी तुम्हारी
हम…
एक साधु ने एक सम्राट के द्वार पर दस्तक दी सुबह का समय था। और सम्राट बगीचे में घूमने निकला था। संयोग की बात है साधु को सामने ही सम्राट मिल गया। साधु ने अपना पात्र उस के सामने कर दिया। सम्राट ने कहा क्या चाहते हो? साधु ने कहा कुछ भी दे दो “शर्त यही है,” कि मेरा पात्र पूरा भर जाए। मैं थक गया हूँ, यह पात्र कभी भरता ही नहीं। सम्राट हंसने लगा, और कहा तुम पागल मालुम होते हो। साधु ने कहा पागल न होते तो, साधु ही क्यों होते सम्राट । यह छोटा सा पात्र भरता ही नहीं? फिर सम्राट ने अपने वजीर से कहा लाओ इसे सोने की मोहरों से भर दो। और इस साधु का मुंह सदा के लिए बंद कर दो।