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chaitanyabharatnews · 3 years
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ये है कोरोना वायरस के 5 सबसे खतरनाक लक्षण, दिखते ही नजरअंदाज ना करें बल्कि तुरंत अस्‍पताल जाएं
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चैतन्य भारत न्यूज कोरोना वायरस के संक्रमण का असर अब देश के हर राज्य में दिखाई देने लगा है। कोरोना की ये लहर पहले से भी ज्यादा घातक साबित हो रही है। डॉक्टर्स के मुताबिक, नया कोरोना स्ट्रेन न सिर्फ अधिक संक्रामक है, बल्कि कई गंभीर लक्षण भी अपने साथ लेकर आया है। ज्यादातर घरों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। ज्यादातर घरों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोग घर पर ही इलाज कराकर ठीक हो रहे हैं तो कुछ की हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। यदि आपको भी ये पांच तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे नजरअंदाज ना करें। इन लक्षणों के सामने आने के बाद तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है। सांस में किसी भी तरह की तकलीफ सांस लेने में किसी भी तरह की तकलीफ या फिर छाती में दर्द कोरोना संक्रमण का खतरनाक लक्षण है। बता दें कोरोना वायरस एक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है जो हमारे फेफड़ों पर सीधा असर डालता है। वायरस का हमला जब फेफड़ों पर होता है तो सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और मरीज की जान को खतरा बढ़ जाता है। ऑक्सीजन लेवल कोरोना संक्रमित होने पर शरीर के ऑक्सीजन लेवल पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। दरअसल, कोरोना पॉजिटिव होने पर इंसान के फेफड़ों के एयर बैग में फ्लूड भर जाता है और शरीर में ऑक्सीजन लेवल की कमी हो जाती है। ऐसा होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल में दाखिल हो जाना चाहिए। बेहोशी आना या ब्रेन फंक्शन में दिक्कत होना कोरोना संक्रम�� का नया स्ट्रेन ब्रेन पर सीधा हमला कर रहा है। कई मरीजों में कोरोना वायरस ने ब्रेन फंक्शन और नर्वस सिस्टम को प्रभावित किया है। इसके कारण मरीजों में आलस, बेचैनी और बेहोशी जैसे लक्षण दिखने लगे हैं। अगर बात करते समय आप लड़खड़ाने लगे हैं तो हल्के में न लें और अस्पताल का रुख करें। सीने में दर्द सीने में किसी भी प्रकार के दर्द को नजरअंदाज न करें। SARS-COV2 कई मामलों में फेफड़ों की म्यूकोसल लाइनिंग पर अटैक करता है। इसलिए सीने के इस हिस्से में मरीज को दर्द और जलन महसूस होने लगती है। ऐसी दिक्कत महसूस होने पर आपको तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। होठ या चेहरे पर नीलापन आ जाना कोरोना पॉजिटिव मरीज के होठ और चेहरे पर नीलापन आ जाता है। इसका साफ मतलब है कि कोरोना मरीज का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया है। जिसे मेडिकल भाषा में हाइपोक्सिया कहा जाता है। हाइपोक्सिया में हमारे टिशूज़ को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिसके कारण बॉडी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाती है और चेहरे और होठ पर नीले निशान बनने लगते हैं। Read the full article
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historyinfo999-blog · 4 years
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Corona Virus क्या है ?
क्या है कोरोना वायरस ? पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से डरी हुई है इस वायरस के चपेट में आने वाले लोग भी अब ज़िन्दगी से जूझ रहे है क्युकी वायरस बहुत तेज़ी से फैल रहा है लोग अपने अपने घर में निकलना तक बंद कर दिए क्युकी यह एक हवा की तरह फ़ैल रहा है और लोगो को अपनी चपेट में ले रहा है आइए जानते है। कोरोना वायरस क्या है कैसे इससे बचे ? कैसे यह कोरोना वायरस फैला ? कहां से इसका प्रभाव शुरू हुआ ?  क्या है इसके लक्षण ? कोरोना वायरस से कैसे बचें? 01. क्या है कोरोना वायरस ? कोरोना वायरस का पूरा नाम नोवेल कोरोना वायरस है,यह बेहद खतरनाक वायरसों में से एक है।यह जीवो से मनुष्य में फैलना वाला वायरस है।यह एक संक्रमण परिवार से है जिनमे से एक सार्स और मर्स जैसे खतरनाक वायरस के परिवार में से है यह एक तरह से नहीं फैलता बल्कि अलग अलग इसके संक्रमण होते है जो मिलकर एक होकर एक कढोर वायरस का निर्माण कर देता है। इसमें सर्दी खांसी,जुखाम, सांस लेने में दिक्कत जैसी बीमारी होती है जो शुरआत में नॉर्मल बीमारी की तरह लगेगी लेकिन इसके प्रभाव बहुत बुरा होता है,इस वायरस से लोगो को गंभीर बीमारी हो जाती है,इसकी चपेट में आने वाले लोग को वेंटिलेटर में तक रखा जाता है क्युकी यह एक इसके अास पास आने लोग को भी यह अपने चपेट में ले लेता है। 02.  कैसे यह कोरोना वायरस फैला ? कोरोना वायरस सर्वप्रथम जीवों को होता है और यह बाद ने मनुष्य में आने लगता है यह सी - फूड से फैला है जिसमें उसको खाने या सी फूड की दुकान तक जाने से यह अपनी चपेट में ले लेता है।इस वायरस ने अपनी चपेट में लेने वाले में भी सबसे पहले उसी को लिया जो उस सी फूड में गया था या वहां काम करता था। 03.  कहां से इसका प्रभाव शुरू हुआ ? यह कोरोना वायरस की शुरआत चीन के सातवें सबसे बड़े शहर बुहान से हुई इसलिए अब इसे बुहनी वायरस भी कहा जाने लगा और यह अब फैलते फैलते पूरे दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा है। 04. क्या है इसके लक्षण ? शुरआत में यह एक आप मौसमी बीमारी की तरह लगेगा लेकिन यह धीरे धीरे अपना असर दिखाना शुरू कर देगा। जिसमे यह सर्दी खांसी,जुखाम,सिर में दर्द,चक्कर आना,सांस लेने में दिक्कत,निमोनिया होना, मांसपेशियों में दर्द होना,भूख ना लगना जैसे लक्षण रहेंगे। 05. कोरोना वायरस से कैसे बचें? अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है इस पर कोई भी एंटी बायोटिक असर नहीं होगा और इसका वैक्सीन अभी तक तैयार नहीं किया गया है इसलिए सावधानी से रहे। सबसे पहले आपको उन बाजारों या सी फूड से दूर होना होगा जहां जीव बेंचे जाते है अथवा मांस ना खाएं,मुंह पर मास्क पहने,हाथो को साफ रखें,साबुन से हाथ धोते रहे,किसी से हाथ ना मिलाए,कोई व्यक्ति छिक रहा है तो उससे दूर हो जाएं।   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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चैतन्य भारत न्यूज कोरोना वायरस के संक्रमण का असर अब देश के हर राज्य में दिखाई देने लगा है। कोरोना की ये लहर पहले से भी ज्यादा घातक साबित हो रही है। डॉक्टर्स के मुताबिक, नया कोरोना स्ट्रेन न सिर्फ अधिक संक्रामक है, बल्कि कई गंभीर लक्षण भी अपने साथ लेकर आया है। ज्यादातर घरों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। ज्यादातर घरों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोग घर पर ही इलाज कराकर ठीक हो रहे हैं तो कुछ की हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। यदि आपको भी ये पांच तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे नजरअंदाज ना करें। इन लक्षणों के सामने आने के बाद तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है। सांस में किसी भी तरह की तकलीफ सांस लेने में किसी भी तरह की तकलीफ या फिर छाती में दर्द कोरोना संक्रमण का खतरनाक लक्षण है। बता दें कोरोना वायरस एक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है जो हमारे फेफड़ों पर सीधा असर डालता है। वायरस का हमला जब फेफड़ों पर होता है तो सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और मरीज की जान को खतरा बढ़ जाता है। ऑक्सीजन लेवल कोरोना संक्रमित होने पर शरीर के ऑक्सीजन लेवल पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। दरअसल, कोरोना पॉजिटिव होने पर इंसान के फेफड़ों के एयर बैग में फ्लूड भर जाता है और शरीर में ऑक्सीजन लेवल की कमी हो जाती है। ऐसा होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल में दाखिल हो जाना चाहिए। बेहोशी आना या ब्रेन फंक्शन में दिक्कत होना कोरोना संक्रमण का नया स्ट्रेन ब्रेन पर सीधा हमला कर रहा है। कई मरीजों में कोरोना वायरस ने ब्रेन फंक्शन और नर्वस सिस्टम को प्रभावित किया है। इसके कारण मरीजों में आलस, बेचैनी और बेहोशी जैसे लक्षण दिखने लगे हैं। अगर बात करते समय आप लड़खड़ाने लगे हैं तो हल्के में न लें और अस्पताल का रुख करें। सीने में दर्द सीने में किसी भी प्रकार के दर्द को नजरअंदाज न करें। SARS-COV2 कई मामलों में फेफड़ों की म्यूकोसल लाइनिंग पर अटैक करता है। इसलिए सीने के इस हिस्से में मरीज को दर्द और जलन महसूस होने लगती है। ऐसी दिक्कत महसूस होने पर आपको तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। होठ या चेहरे पर नीलापन आ जाना कोरोना पॉजिटिव मरीज के होठ और चेहरे पर नीलापन आ जाता है। इसका साफ मतलब है कि कोरोना मरीज का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया है। जिसे मेडिकल भाषा में हाइपोक्सिया कहा जाता है। हाइपोक्सिया में हमारे टिशूज़ को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिसके कारण बॉडी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाती है और चेहरे और होठ पर नीले निशान बनने लगते हैं। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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chaitanyabharatnews · 3 years
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chaitanyabharatnews · 5 years
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आम सर्दी-जुकाम से कितने अलग होते हैं कोरोना वायरस के लक्षण? जानिए कैसे पता करें अंतर
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चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में कहर मचाने के बाद कोरोना वायरस अब भारत में भी धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रहा है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 300 तक पहुंच गई है। कोरोना वायरस की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या अबतक 4 है। कोरोना वायरस के लक्षण आम सर्दी-जुकाम से कई हद तक मिलते-जुलते हैं। इन दोनों में फर्क करना बड़ा मुश्किल है। हालांकि, कुछ लक्षणों को अगर बारीकी से देखा या समझा जाए तो कोरोना वायरस के लक्षण आसानी से समझ आ सकते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कोरोना वायरस के खास लक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस के लक्षण आम सर्दी-जुकाम से बहुत मिलते जुलते हैं। इस वायरस की चपेट में आने के बाद मरीज तेज बुखार आने लगता है। उसे सूखी खांसी भी होने लगती है और जुकाम की समस्या भी शुरू हो जाती है। मांसपेशियों में दर्द रहता है और थकावट महसूस होने लगती है। मौसमी फ्लू में ��ी इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। मौसमी फ्लू में भी बुखार, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सिरदर्द, गला दर्द जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं।
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कब दिखते हैं लक्षण कोरोना के लक्षण दो से दस दिन के बीच में दिखना शुरू हो जाते हैं। चूंकि, इसके वायरस के लक्षण देर से दिखते हैं इसकी वजह से लोग बाहर से बीमार नहीं लगते और संक्रमण आसानी से फैलने लगता है। बहती नाक और खराश का मतलब क्या है? अगर आपकी नाक बह रही हो और गले में खराश हो तो इसका मतलब ये हुआ कि आपको कोरोना ने नहीं बल्कि फ्लू या कॉमन कोल्ड की दिक्कत है। इन दोनों में हमारी सांस की प्रणाली का ऊपरी हिस्सा प्रभावित होता है कम दिखने वाले लक्षण कोरोना वायरस में सिरदर्द, बलगम में खून और दस्त जैसी समस्याएं कम ही दिखती हैं। जबकि मौसमी फ्लू में भी दस्त या उल्टी जैसे लक्षण नहीं दिखते हैं। ये हैं कोरोना वायरस के लक्षण अगर आपको बुखार आ रहा है साथ में सूखी खांसी हो सांस लेने में आप दिक्कत महसूस कर रहे हों मांसपेशियों में दर्द महसूस कर रहे हों साथ ही थकान आपको लगातार घेर रही हो ये भी कोरोना वायरस के संकेत हो सकते हैं आपको बलगम बनने लगे बलगम से खून आए लगातार सिर दर्द महसूस हो साथ ही पेट खराब रहे और दस्त ��ोने लगें ये कोरोना के संकेत नहीं हैं आपकी नाक बह रही हो गले में आप भारीपन या खराश महसूस करें क्या है इलाज? अब तक कोरोना वायरस का कोई टीका, दवा या इलाज उपलब्ध नहीं है। वहीं मौसमी फ्लू और सामान्य कोल्ड के लिए कई तरह के वैक्सीन उपलब्ध हैं। कोरोना से बचने के उपाय इस वायरस से बचने के लिए हाइजीन बनाए रखना बहुत जरूरी है। आपको अपने आस-पास साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखना पड़ेगा। खांसते समय टिश्यू मुंह पर रखें। समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहें। व्यक्ति को कम से कम 20 सेकंड तक अच्छे से हाथ धोना चाहिए। कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए सैनिटाइजर से ज्यादा साबुन बेहतर विकल्प है। ये भी पढ़े... शरीर में धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं कोरोना वायरस के लक्षण, आप भी हो जाइए सतर्क क्या गर्मी में भी खत्म नहीं होगा कोरोना वायरस? विशेषज्ञों ने दिया ये जवाब Coronavirus: सरकार ने बताया कोरोना वायरस से कैसे बचें? जानें क्या करें और क्या ना करें Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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क्या गर्मी में कोरोना का खतरा कम हो जाएगा या नॉनवेज खाने से यह वायरस फैलेगा? यहां देखें कोरोना से संबंधित सभी सवालों के जवाब
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चैतन्य भारत न्यूज भारत में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। देश में अब तक कोरोना वायरस की चपेट में करीब 300 लोग आ गए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को देशभर में 'जनता कर्फ्यू' की अपील की है। कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में कई सारे सवाल हैं। दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दैनिक भास्कर समूह से बातचीत के दौरान कोरोना वायरस से संबंधित कई सवालों के जवाब दिए हैं। आइए जानते हैं- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); ज्यादातर लोगों का यही सवाल है कि क्या जनता कर्फ्यू से कोरोना वायरस का संक्रमण रुकेगा? इसका जवाब देते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यह उस दिशा में एक कदम है कि हमें कैसे घर पर रहना है। अगर हम लोगों को कई दिन तक घर पर रहने के लिए कहे तो वे इसके लिए भी तैयार रहें। खुले वातावरण, सतह पर लगे वायरस के संक्रमण पर भी कुछ हद तक काबू पाया जा सकेगा। क्या वायरस गर्मी आने पर खत्म हो जाएगा? इसके जवाब में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कम तापमान के दौरान वायरस वातावरण में अधिक देर तक जीवित रहता है। गर्मी आने से वायरस कम समय तक जीवित रहेगा। इससे संक्रमण फैलने का खतरा भी कम हो जाएगा। क्या कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए 1 दिन का बंद पर्याप्त है? इसके जवाब में उन्होंने कहा- नहीं सतह से भले वायरस खत्म हो जाए लेकिन यदि संक्रमित व्यक्ति एक दिन के बंद के बाद बाहर आता है तो वह कई लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि पूरे ठीक होने तक संक्रमित व्यक्ति घर में ही रहे। वायरस से बेहतर बचाव का तरीका बताते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा, सोशल दूरी और बार-बार हाथ धोना इसका सबसे अच्छा विकल्प है। किसी के फासले पर ड्रॉपलेट इंफेक्शन होता है तो 1 से 2 मीटर दूरी तक जाता है। संक्रमित व्यक्ति मुंह पर हाथ लगाता है तो वह उसके हाथ से किसी सतह, जगह को संक्रमित करता है। जब अन्य व्यक्ति संक्रमित वाले से हाथ मिलाता है या फिर संक्रमित सतह छूकर मुंह, नाक छूता है तो वह उसमें भी आ जाता है। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि मोबाइल, फोन, रिमोट, स्विच, दरवाजे के हैंडल की सतह पर भी वायरस लग सकते हैं। ऐसे सामान की सतह पर वायरस जिंदा रहता है इसलिए इसे भी साफ करना बेहद जरूरी है। कोरोना वायरस नॉनवेज खाने से नहीं फैलता है। लेकिन डॉ. गुलेरिया का कहना है कि जो भी नॉनवेज खा रहें है वह पहले उसे पूरी तरह से पका लें और फिर ही खाएं। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि कोरोनावायरस फिलहाल भारत में दूसरी स्टेज पर है और हमें इसे कम्यूनिट संक्रमण वाली तीसरे स्टेज में जाने से रोकना है। ये भी पढ़े... Coronavirus: सरकार ने बताया कोरोना वायरस से कैसे बचें? जानें क्या करें और क्या ना करें  आम सर्दी-जुकाम से कितने अलग होते हैं कोरोना वायरस के लक्षण? जानिए कैसे पता करें अंतर कोरोना से बचने के लिए घर पर ही बना सकते हैं सैनेटाइजर जेल, इस विधि से करें तैयार Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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आम सर्दी-जुकाम से कितने अलग होते हैं कोरोना वायरस के लक्षण? जानिए कैसे पता करें अंतर
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चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में कहर मचाने के बाद कोरोना वायरस अब भारत में भी धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रहा है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 300 तक पहुंच गई है। कोरोना वायरस की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या अबतक 4 है। कोरोना वायरस के लक्षण आम सर्दी-जुकाम से कई हद तक मिलते-जुलते हैं। इन दोनों में फर्क करना बड़ा मुश्किल है। हालांकि, कुछ लक्षणों को अगर बारीकी से देखा या समझा जाए तो कोरोना वायरस के लक्षण आसानी से समझ आ सकते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कोरोना वायरस के खास लक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस के लक्षण आम सर्दी-जुकाम से बहुत मिलते जुलते हैं। इस वायरस की चपेट में आने के बाद मरीज तेज बुखार आने लगता है। उसे सूखी खांसी भी होने लगती है और जुकाम की समस्या भी शुरू हो जाती है। मांसपेशियों में दर्द रहता है और थकावट महसूस होने लगती है। मौसमी फ्लू में भी इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। मौसमी फ्लू में भी बुखार, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सिरदर्द, गला दर्द जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं।
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कब दिखते हैं लक्षण कोरोना के लक्षण दो से दस दिन के बीच में दिखना शुरू हो जाते हैं। चूंकि, इसके वायरस के लक्षण देर से दिखते हैं इसकी वजह से लोग बाहर से बीमार नहीं लगते और संक्रमण आसानी से फैलने लगता है। बहती नाक और खराश का मतलब क्या है? अगर आपकी नाक बह रही हो और गले में खराश हो तो इसका मतलब ये हुआ कि आपको कोरोना ने नहीं बल्कि फ्लू या कॉमन कोल्ड की दिक्कत है। इन दोनों में हमारी सांस की प्रणाली का ऊपरी हिस्सा प्रभावित होता है कम दिखने वाले लक्षण कोरोना वायरस में सिरदर्द, बलगम में खून और दस्त जैसी समस्याएं कम ही दिखती हैं। जबकि मौसमी फ्लू में भी दस्त या उल्टी जैसे लक्षण नहीं दिखते हैं। ये हैं कोरोना वायरस के लक्षण अगर आपको बुखार आ रहा है साथ में सूखी खांसी हो सांस लेने में आप दिक्कत महसूस कर रहे हों मांसपेशियों में दर्द महसूस कर रहे हों साथ ही थकान आपको लगातार घेर रही हो ये भी कोरोना वायरस के संकेत हो सकते हैं आपको बलगम बनने लगे बलगम से खून आए लगातार सिर दर्द महसूस हो साथ ही पेट खराब रहे और दस्त होने लगें ये कोरोना के संकेत नहीं हैं आपकी नाक बह रही हो गले में आप भारीपन या खराश महसूस करें क्या है इलाज? अब तक कोरोना वायरस का कोई टीका, दवा या इलाज उपलब्ध नहीं है। वहीं मौसमी फ्लू और सामान्य कोल्ड के लिए कई तरह के वैक्सीन उपलब्ध हैं। कोरोना से बचने के उपाय इस वायरस से बचने के लिए हाइजीन बनाए रखना बहुत जरूरी है। आपको अपने आस-पास साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखना पड़ेगा। खांसते समय टिश्यू मुंह पर रखें। समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहें। व्यक्ति को कम से कम 20 सेकंड तक अच्छे से हाथ धोना चाहिए। कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए सैनिटाइजर से ज्यादा साबुन बेहतर विकल्प है। ये भी पढ़े... शरीर में धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं कोरोना वायरस के लक्षण, आप भी हो जाइए सतर्क क्या गर्मी में भी खत्म नहीं होगा कोरोना वायरस? विशेषज्ञों ने दिया ये जवाब Coronavirus: सरकार ने बताया कोरोना वायरस से कैसे बचें? जानें क्या करें और क्या ना करें Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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आम सर्दी-जुकाम से कितने अलग होते हैं कोरोना वायरस के लक्षण? जानिए कैसे पता करें अंतर
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चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में कहर मचाने के बाद कोरोना वायरस अब भारत में भी धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रहा है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 300 तक पहुंच गई है। कोरोना वायरस की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या अबतक 4 है। कोरोना वायरस के लक्षण आम सर्दी-जुकाम से कई हद तक मिलते-जुलते हैं। इन दोनों में फर्क करना बड़ा मुश्किल है। हालांकि, कुछ लक्षणों को अगर बारीकी से देखा या समझा जाए तो कोरोना वायरस के लक्षण आसानी से समझ आ सकते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कोरोना वायरस के खास लक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस के लक्षण आम सर्दी-जुकाम से बहुत मिलते जुलते हैं। इस वायरस की चपेट में आने के बाद मरीज तेज बुखार आने लगता है। उसे सूखी खांसी भी होने लगती है और जुकाम की समस्या भी शुरू हो जाती है। मांसपेशियों में दर्द रहता है और थकावट महसूस होने लगती है। मौसमी फ्लू में भी इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। मौसमी फ्लू में भी बुखार, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सिरदर्द, गला दर्द जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं।
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कब दिखते हैं लक्षण कोरोना के लक्षण दो से दस दिन के बीच में दिखना शुरू हो जाते हैं। चूंकि, इसके वायरस के लक्षण देर से दिखते हैं इसकी वजह से लोग बाहर से बीमार नहीं लगते और संक्रमण आसानी से फैलने लगता है। बहती नाक और खराश का मतलब क्या है? अगर आपकी नाक बह रही हो और गले में खराश हो तो इसका मतलब ये हुआ कि आपको कोरोना ने नहीं बल्कि फ्लू या कॉमन कोल्ड की दिक्कत है। इन दोनों में हमारी सांस की प्रणाली का ऊपरी हिस्सा प्रभावित होता है कम दिखने वाले लक्षण कोरोना वायरस में सिरदर्द, बलगम में खून और दस्त जैसी समस्याएं कम ही दिखती हैं। जबकि मौसमी फ्लू में भी दस्त या उल्टी जैसे लक्षण नहीं दिखते हैं। ये हैं कोरोना वायरस के लक्षण अगर आपको बुखार आ रहा है साथ में सूखी खांसी हो सांस लेने में आप दिक्कत महसूस कर रहे हों मांसपेशियों में दर्द महसूस कर रहे हों साथ ही थकान आपको लगातार घेर रही हो ये भी कोरोना वायरस के संकेत हो सकते हैं आपको बलगम बनने लगे बलगम से खून आए लगातार सिर दर्द महसूस हो साथ ही पेट खराब रहे और दस्त होने लगें ये कोरोना के संकेत नहीं हैं आपकी नाक बह रही हो गले में आप भारीपन या खराश महसूस करें क्या है इलाज? अब तक कोरोना वायरस का कोई टीका, दवा या इलाज उपलब्ध नहीं है। वहीं मौसमी फ्लू और सामान्य कोल्ड के लिए कई तरह के वैक्सीन उपलब्ध हैं। कोरोना से बचने के उपाय इस वायरस से बचने के लिए हाइजीन बनाए रखना बहुत जरूरी है। आपको अपने आस-पास साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखना पड़ेगा। खांसते समय टिश्यू मुंह पर रखें। समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहें। व्यक्ति को कम से कम 20 सेकंड तक अच्छे से हाथ धोना चाहिए। कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए सैनिटाइजर से ज्यादा साबुन बेहतर विकल्प है। ये भी पढ़े... शरीर में धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं कोरोना वायरस के लक्षण, आप भी हो जाइए सतर्क क्या गर्मी में भी खत्म नहीं होगा कोरोना वायरस? विशेषज्ञों ने दिया ये जवाब Coronavirus: सरकार ने बताया कोरोना वायरस से कैसे बचें? जानें क्या करें और क्या ना करें Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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क्या गर्मी में कोरोना का खतरा कम हो जाएगा या नॉनवेज खाने से यह वायरस फैलेगा? यहां देखें कोरोना से संबंधित सभी सवालों के जवाब
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चैतन्य भारत न्यूज भारत में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। देश में अब तक कोरोना वायरस की चपेट में करीब 300 लोग आ गए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को देशभर में 'जनता कर्फ्यू' की अपील की है। कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में कई सारे सवाल हैं। दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दैनिक भास्कर समूह से बातचीत के दौरान कोरोना वायरस से संबंधित कई सवालों के जवाब दिए हैं। आइए जानते हैं- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); ज्यादातर लोगों का यही सवाल है कि क्या जनता कर्फ्यू से कोरोना वायरस का संक्रमण रुकेगा? इसका जवाब देते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यह उस दिशा में एक कदम है कि हमें कैसे घर पर रहना है। अगर हम लोगों को कई दिन तक घर पर रहने के लिए कहे तो वे इसके लिए भी तैयार रहें। खुले वातावरण, सतह पर लगे वायरस के संक्रमण पर भी कुछ हद तक काबू पाया जा सकेगा। क्या वायरस गर्मी आने पर खत्म हो जाएगा? इसके जवाब में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कम तापमान के दौरान वायरस वातावरण में अधिक देर तक जीवित रहता है। गर्मी आने से वायरस कम समय तक जीवित रहेगा। इससे संक्रमण फैलने का खतरा भी कम हो जाएगा। क्या कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए 1 दिन का बंद पर्याप्त है? इसके जवाब में उन्होंने कहा- नहीं सतह से भले वायरस खत्म हो जाए लेकिन यदि संक्रमित व्यक्ति एक दिन के बंद के बाद बाहर आता है तो वह कई लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि पूरे ठीक होने तक संक्रमित व्यक्ति घर में ही रहे। वायरस से बेहतर बचाव का तरीका बताते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा, सोशल दूरी और बार-बार हाथ धोना इसका सबसे अच्छा विकल्प है। किसी के फासले पर ड्रॉपलेट इंफेक्शन होता है तो 1 से 2 मीटर दूरी तक जाता है। संक्रमित व्यक्ति मुंह पर हाथ लगाता है तो वह उसके हाथ से किसी सतह, जगह को संक्रमित करता है। जब अन्य व्यक्ति संक्रमित वाले से हाथ मिलाता है या फिर संक्रमित सतह छूकर मुंह, नाक छूता है तो वह उसमें भी आ जाता है। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि मोबाइल, फोन, रिमोट, स्विच, दरवाजे के हैंडल की सतह पर भी वायरस लग सकते हैं। ऐसे सामान की सतह पर वायरस जिंदा रहता है इसलिए इसे भी साफ करना बेहद जरूरी है। कोरोना वायरस नॉनवेज खाने से नहीं फैलता है। लेकिन डॉ. गुलेरिया का कहना है कि जो भी नॉनवेज खा रहें है वह पहले उसे पूरी तरह से पका लें और फिर ही खाएं। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि कोरोनावायरस फिलहाल भारत में दूसरी स्टेज पर है और हमें इसे कम्यूनिट संक्रमण वाली तीसरे स्टेज में जाने से रोकना है। ये भी पढ़े... Coronavirus: सरकार ने बताया कोरोना वायरस से कैसे बचें? जानें क्या करें और क्या ना करें  आम सर्दी-जुकाम से कितने अलग होते हैं कोरोना वायरस के लक्षण? जानिए कैसे पता करें अंतर कोरोना से बचने के लिए घर पर ही बना सकते हैं सैनेटाइजर जेल, इस विधि से करें तैयार Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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