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"The whole art of teaching is only the art of awakening the natural curiosity of young minds for the purpose of satisfying it afterwards."
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Purved Publicizing wishing you a very happy “HAPPY TEACHERS DAY”
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05.09.2022, लखनऊ | शिक्षक दिवस के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ऑनलाइन संवाद विषयक "शिक्षक शिष्य सम्बंध : तब और अब" का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में किया गया | कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप मे डॉ ज्योत्सना सिंह, अध्यापिका, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, लखनऊ, उनकी शिष्या जान्हवी अवस्थी तथा सुश्री पूजा शर्मा, सहायक अध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय, दक्षिण गाँव, बाराबंकी, उनकी शिष्या प्रांशी, मौजूद थे | कार्यक्रम का संचालन सुश्री क्षमा शर्मा ने किया | कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के फेसबुक पेज लिंक
https://www.facebook.com/HelpUEducationalAndCharitableTrust पर किया गया |
इस अवसर पर डॉ ज्योत्सना सिंह ने कहा "जैसा कि सभी को पता है कि सर्वपल्ली डॉ राधा कृष्णन के जन्म दिवस पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है | आज का यह दिन मनाते हैं शिक्षक दिवस के रूप में, लेकिन मेरा यह मानना है कि विद्यार्थी के जीवन में और मनुष्य के जीवन में 4 तरह के गुरुओं से शिक्षा मिलती है, प्रथम गुरु हमारी मां होती है, दूसरे गुरु हमारे पिता होते हैं, तीसरी शिक्षा हमें विद्यालय से प्राप्त होती है और जो एक चौथा गुरु है वह है समय | समय की पाठशाला में हम जब सीखते हैं तब हम उससे ताउम्र लाभान्वित होते हैं | पहले के समय में शिष्य अपने गुरु को ही सर्वस्व मानते थे और ��ज के समय में गुरु और शिष्य का संबंध मित्र का संबंध है | आज भी प्राचीन परिवेश के कई स्कूलों में गुरु शिष्य का संबंध उसी तरह बना हुआ है जैसे पहले हुआ करता था |"
जान्हवी अवस्थी ने बताया कि "जैसा कि सभी जानते हैं टीचर हमारी लाइफ में बहुत इंपॉर्टेंट होता है | जन्म के बाद जब हम जीना सीखते हैं और उसके बाद 4 या 5 वर्ष की आयु में जब हम स्कूल जाते हैं तो क्या करना है, कैसे करना है यह हमारे टीचर बताते हैं | किसके साथ कैसे उठना बैठना है, कैसा व्यवहार करना है, सामाजिकता का एक-एक गुण हमारी टीचर हमें बताती हैं | हमारे जीवन में टीचर का बहुत महत्व है|"
सुश्री पूजा शर्मा ने बताया कि "शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के रूप मे मनाया जाता है | उन्होंने इसे सिर्फ अपने लिए ही नहीं सीमित करके रखा बल्कि पूरी शिक्षक जात के लिए समर्पित कर दिया | अपने कार्य के प्रति वह कुशल राजनीतिज्ञ थे, गुरु भी थे, नेता भी थे | इन्हें पता था कि शिक्षा ही राष्ट्र की निर्माता होती है | गुरु द्रोणाचार्य के कहने पर एकलव्य ने अपना अंगूठा ही काट कर दान कर दिया था | आज के युग में जब गुरु छात्र से कुछ करने को कहता है तो शिष्य कहता है ऐसा क्यों करना है ? तर्क वितर्क करता है, गुरु को तभी खुशी मिलती है जब उसका पढ़ाया हुआ शिष्य कहीं अच्छे पद पर पहुंचता है, तरक्की करता है | पहले के शिक्षक अपने शिष्यों की आवाज से ही उनको पहचान लेते थे| गुरु को अपने छात्र की क्षमताओं पर संदेह नहीं करना चाहिए | बदलती शिक्षा प्रणाली में काफी तेजी से बदलाव आया है | खासकर कोविड टाइम से हमारी शिक्षा में काफी बदलाव हुआ है| शिक्षा में टेक्नो एजुकेशन का समय आया है, मोबाइल का प्रयोग होने लगा है, आज का शिक्षक नई टेक्नोलॉजी सीखने में ही बिजी है जिससे उसका जुड़ाव बच्चों से कम हो पा रहा है | पहले घरों पर भी बच्चों को मां, बाप, दादा, दादी का साथ मिलता था, पढ़ने के लिए किस्से कहानियां मिलती थी | आज शिक्षा में टेक्नोलॉजी का प्रयोग हो रहा है, जो शिष्य और छात्रों के रिश्ते में बदलाव ला रहा है | आज के युग में गुरु और शिष्य दोनों को जागरूक होने की जरूरत है |"
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थित रहीं |
Anti-piles organization Wishes Happy Teachers Day
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Happy Teacher's Day! Respected teachers, you have given me the power of knowledge, and I'm grateful to you.
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