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Sawan Month 2020: Learn the Dates, History, Signifance & Mantras Related to the Holy Shravan Month
Sawan Month 2020: Learn the Dates, History, Signifance & Mantras Related to the Holy Shravan Month
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According to Hindu customs, Sawan is the fifth month in the religion’s lunar calendar, which is dedicated to Lord Shiva and Goddess Parvati.
News18.com
Last Updated: July 5, 2020, 7:54 AM IST
The beginning of the ‘Sawan month’ and ‘Chaturmas’ is marked by the first showers of the monsoon. In 2020, Sawan or Shraavana month will start on…
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Sawan Somvar 2020: भगवान शिव की आराधना करते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां सावन का महीना खत्म होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। 3 अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार का व्रत रखा जाएगा। सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में सच्चे दिल से की गई पूजा... Source link
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सावन में शिव स्वरूप बिल्व को घर में लगाएं, मिलेगा पुण्य लाभ, दूर होंगे वास्तुदोष
सावन में शिव स्वरूप बिल्व को घर में लगाएं, मिलेगा पुण्य लाभ, दूर होंगे वास्तुदोष
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अनीता जैन, वास्तुविद, Updated Mon, 20 Jul 2020 06:48 AM IST
घरों में पेड़-पौधे लगाना शुभ माना जाता है। इनसे न केवल घर में खुशहाली आती है, बल्कि घर के सदस्यों की सेहत भी दुरुस्त रहती है। शिवपुराण के अनुसार बिल्ववृक्ष महादेव का ही रूप है,देवताओं ने भी इस शिवस्वरूप वृक्ष की स्तुति की ��ै। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में बेलपत्र के प्रयोग का महत्व हर कोई जानता है लेकिन क्या आप…
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Prasad to Be 'Home Delivered' From Kashi Vishwanath Temple During Sawan Month Amid Pandemic
Prasad to Be ‘Home Delivered’ From Kashi Vishwanath Temple During Sawan Month Amid Pandemic
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Devotees gather to pray at Kashi Vishwanath temple, Uttar Pradesh as Sawan month of Hindu calender begins.
Since devotees may not be able to visit the famed Kashi Vishwanath temple in Varanasi, they can now get home delivery of ‘prasad’ during the Sawan period of Hindu calendar.
PTI
Last Updated: July 6, 2020, 7:45 AM IST
Every year during the holy month of…
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#har har mahadev shravan 2020#Kashi Vishwanath#mahadev shravan month 2020#Om Namah Shivay#saavan starting date 2020#savan 2020 shiv chalisa#sawan 2020#sawan month 2020#sawan shivratri 2020#sawan somwar 2020#uttar pradesh#Varanasi
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Sawan somvar vrat 2020- आने वाला है सावन, होंगे 5 सोमवार और बनेंगे शुभ योग
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Dharm News In Hindi : Hindu Calendar Sawan Somvar Vrat Start Date 2020 | Sawan Month Start From 21st July, Know Date In Jyotirlingas and Nepal Pashupatinath Temple | सावन की शुरुआत 6 जुलाई से, लेकिन सोमनाथ सहित 7 ज्योतिर्लिंगों के लिए 21 जुलाई से शुरू होगा सावन महीना
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Dharm News In Hindi : Sawan Month 2020, sawan kab se hai, sawan month start date, Somnath, Mahakaleshwar, Kedarnath, rameshwaram, dvadash jyotirlinga, 12 jyotirlinga list, kedarnath dham darshan | 6 जुलाई से सावन मास; सोमनाथ, महाकालेश्वर में भक्त कर सकेंगे दर्शन, कोरोना की वजह से महाराष्ट्र के 4 ज्योतिर्लिंग बंद रहेंगे
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Dharm News In Hindi : Sawan Month 2020, sawan kab se hai, sawan month start date, Somnath, Mahakaleshwar, Kedarnath, rameshwaram, dvadash jyotirlinga, 12 jyotirlinga list, kedarnath dham darshan | 6 जुलाई से सावन मास; सोमनाथ, महाकालेश्वर में भक्त कर सकेंगे दर्शन, कोरोना की वजह से महाराष्ट्र के 4 ज्योतिर्लिंग बंद रहेंगे
3 अगस्त तक रहेगा सावन महीना, दर्शन के लिए ऑनलाइन परमिशन होगी अनिवार्य
सिर्फ दूर से ही कर पाएंगे दर्शन; केदारनाथ में पुरोहित दर्शन शुरू करने के पक्ष में नहीं
दैनिक भास्कर
Jun 28, 2020, 06:18 AM IST
6 जुलाई से सावन मास शुरू हो रहा है। ये भगवान शिव का महीना है। हर साल इस महीने में देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन, इस साल कोरोना वायरस की वजह से 12 में से 6 ज्योतिर्लिंग भक्तों के लिए बंद रहेंगे या इनके खुलने का निर्णय अभी तक नहीं हो सका है।
6 ज्योतिर्लिंग सोमनाथ (गुजरात), मल्लिकार्जुन (हैदराबाद), महाकालेश्वर (उज्जैन), ऊँकारेश्वर (खंडवा), काशी विश्वनाथ (बनारस), नागेश्वर मंदिर (गुजरात) में दर्शन व्यवस्था शुरू हो गई है। अगर आप भी सावन के महीने में किसी ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए जाने की योजना बना रहे हैं, तो ये खबर आपके काम की है।
रजिस्ट्रेशन के बाद ही हो पाएंगे दर्शन
इन ज्योतिर्लिंगों की ऑफिशियल वेबसाइट्स पर भक्तों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए मंदिर की लाइव दर्शन ऐप पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद दर्शन के लिए जो टाइम स्लॉट मिलेगा, उसी समय में भक्त मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। 65 साल से अधिक उम्र के लोग और 10 साल से छोटे बच्चों को मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश नहीं मिल सकेगा।
नियमों का पालन जरूरी
मंदिर में शासन द्वारा तय किए गए नियमों का पालन करना होगा। सभी भक्तों को मास्क पहनना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। इन मंदिरों में भक्त सिर्फ दर्शन कर सकेंगे, यहां बैठकर पूजा करने की अनुमति नहीं होगी। अगर किसी व्यक्ति को महामारी से संबंधित कोई भी लक्षण हैं तो उसे दर्शन के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।
महाराष्ट्र के चारों ज्योतिर्लिंग में दर्शन रहेंगे बंद
महाराष्ट्र के पंचांग के अनुसार 21 जुलाई से सावन माह शुरू होगा। इस समय महाराष्ट्र में कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के सभी मंदिरों में दर्शन व्यवस्था शुरू नहीं की जा रही है। महाराष्ट्र में चार ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ और घृष्णेश्वर स्थित हैं। ये चारों मंदिर सावन माह में भी आम भक्तों के लिए बंद ही रहेंगे। यहां सिर्फ मंदिर के पुजारियों और मंदिर समिति के लोगों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी।
वैद्यनाथ को लेकर है मतभेद
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को लेकर मतभेद भी हैं। एक वैद्यनाथ मंदिर झारखंड के देवघर में स्थित है। यहां के लोग इसे 12 ज्योतिर्लिंग में से एक मानते हैं। इस मंदिर में सावन माह में दर्शन शुरू करने के लिए सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है। इसकी सुनवाई 30 जून को होनी है। याचिका में कहा गया है कि नियमों का पालन करते हुए मंदिर में दर्शन शुरू करना चाहिए।
केदारनाथ और रामेश्वरम में अभी कुछ तय नहीं
केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित विनोद प्रसाद शुक्ला ने बताया कि अभी महामारी तेजी से फैल रही है, इसी वजह से केदारनाथ में दर्शन शुरू नहीं हुए हैं। उत्तराखंड के चारधामों के पुजारी और समितियां अभी दर्शन शुरू करने के पक्ष में नहीं है। यहां सावन में भी लगभग यही स्थिति रह सकती है।
तमिलनाड़ु के रामेश्वरम मंदिर में भी अभी दर्शन व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। यहां भी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ऐसे में रामेश्वर मंदिर में दर्शन शुरू नहीं हुए हैं। सावन माह में दर्शन हो पाएंगे या नहीं, इसे लेकर अभी कुछ तय नहीं है।
भगवान का ज्योति स्वरूप इसलिए ज्योतिर्लिंग
शिव पुराण में द्वादश ज्योतिर्लिंग बताए हैं। मान्यता है कि यहां भगवान शिव ज्योति स्वरूप में सदैव विराजमान रहते हैं। इन मंदिरों में शिवलिंग के दर्शन करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं और ��नोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। ��ावन माह के स्वामी शिवजी ही हैं, इसीलिए इस माह में महादेव की पूजा करने का और मंत्र जाप करने का विशेष महत्व है।
पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, चंद्रमा ने की थी इसकी स्थापना
सोमनाथ – बारह ज्योतिर्लिंगों में पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ है। ये गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है। चंद्र यानी सोम ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तप किया था। चंद्र के नाम पर ही इस मंदिर का नाम सोमनाथ पड़ा है।
मल्लिकार्जुन – ये ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। यहां पार्वती का नाम मलिका और शिवजी का नाम अर्जुन है। इसलिए, इसे मल्लिकार्जुन कहा जाता है।
महाकालेश्वर – ये ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां की भस्मारती विश्व प्रसिद्ध है।
ऊँकारेश्वर – मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के पास स्थित है ऊँकारेश्वर ज्योतिर्लिंग। इस मंदिर के पास नर्मदा नदी है। पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊँ का आकार बनता है। यह ज्योतिर्लिंग ऊँकार यानी ऊँ का आकार लिए हुए है, इसी वजह से इसे ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है।
केदारनाथ – केदारनाथ उत्तराखंड में स्थित है। जिस तरह कैलाश पर्वत का महत्व है, वैसा ही महत्व केदारनाथ क्षेत्र का भी माना गया है। ये मंदिर हिमालय क्षेत्र में स्थित है, इसीलिए शीतकाल में बंद रहता है।
भीमाशंकर – भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है। भीमाशंकर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
काशी विश्वनाथ – उत्तरप्रदेश के वाराणसी यानी काशी में स्थित है विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग। काशी सबसे प्राचीन पुरियों में से एक है। इसे भगवान शिव का घर भी कहते हैं।
त्र्यंबकेश्वर– महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है त्र्यंबकेश्वर मंदिर। मंदिर के पास ही ब्रह्मागिरि पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है। मान्यता है कि शिवजी को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग��रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप में रहना पड़ा।
वैद्यनाथ – वैद्यनाथ 12 ज्योतिर्लिगों में नौवां है। इस मंदिर को लेकर मतभेद हैं। महाराष्ट्र स्थित वैद्यनाथ मंदिर और झारखंड स्थित वैद्यनाथ मंदिर, इन दोनों को ज्योतिर्लिंग माना जाता है। झारखंड में देवघर जिले वैद्यनाथ मंदिर स्थित है। महाराष्ट्र में परली स्टेशन के पास ही परली गांव में भी वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है।
नागेश्वर – यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारिका में स्थित है। शिवजी नागों के देवता हैं और नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है। द्वारका से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है।
रामेश्वरम – ये ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथपुरम् में स्थित है। मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। इसी वजह से इसे रामेश्वरम् कहा जाता है।
घृष्णेश्वर – घृष्णेश्वर महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास दौलताबाद क्षेत्र में स्थित है। इसे घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।
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मृत्यु के भय को भी दूर करता है शिव का यह चमत्कारी मंत्र लेकिन सही विधि से ही करना होगा जाप सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव की मन से पूजा करने से कई परेशानियों से निजात मिलती है। यही नहीं भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु तो... Source link
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Sawan 2020: 19 जुलाई को सावन शिवरात्रि, राशिनुसार इस उपाय से दूर हो सकता है आपका दुर्भाग्य
Sawan 2020: 19 जुलाई को सावन शिवरात्रि, राशिनुसार इस उपाय से दूर हो सकता है आपका दुर्भाग्य
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ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, Updated Tue, 14 Jul 2020 12:29 PM IST
सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सावन के दो सोमवार बीत चुके हैं और अब तीन सोमवार बाकी हैं। सावन का महीना भगवान शिव का महीना होता है। यह महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। मान्यता है कि सावन के महीने में जो शिव भक्त भोलेभंडारी को जल चढ़ाता है उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती है। अब कुछ ही दिनों के बाद सावन महीने की…
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Northern Thailand offers many great add-on destinations to Chiang Mai
Northern Thailand offers much in the way of culture, ethnic diversity, nature-based activities and rich history. Its largest city Chiang Mai has long been one of the country’s most popular tourist destinations, and there is a choice of surrounding provinces that make for great add-on visits.
Bordering Myanmar and Lao PDR. to the west, north and east, the region comprises 17 provinces. Along with Chiang Mai, these are Chiang Rai, Mae Hong Son, Sukhothai, Phitsanulok, Nakhon Sawan, Lamphun, Lampang, Phetchabun, Nan, Tak, Uttaradit, Phichit, Phrae, Kamphaeng Phet, Uthai Thani and Phayao.
In line with the ‘Amazing Thailand Go Local’ campaign launched in 2018 by the Tourism Authority of Thailand (TAT), these provinces are being promoted as secondary and emerging destinations that can be paired together with the primary destination of Chiang Mai.
The ‘Amazing Thailand Go Local’ campaign is at the forefront of a government policy to better spread the flow of tourists and the distribution of tourism revenue among urban and rural areas, while at the same time to also even out the peak seasonality factor.
These secondary destinations are to have their tourism economies and cultural assets developed and marketed in an environmentally-friendly way and with a mind to sustainability.
Here is a quick look at four of the secondary provinces to add-on to a visit to Chiang Mai:
Chiang Rai
The northernmost province in Thailand, Chiang Rai is blessed with a dramatic landscape of mountains, rivers and forests, an ethnic diversity in its people including the various hilltribes and a strong Lanna identity that can be seen in its architecture, art, language, music and cuisine.
The Doi Tung Royal Villa, which was home to Princess Mother Srinagarindra, and the Mae Fah Luang Garden are set in the mountainous highlands. The Villa is now a museum in honour of the Princess Mother and how she dedicated herself to improving the local people’s livelihood.
Chiang Saen, on the banks of the mighty Mekong River, was a main city of the ancient Lanna Kingdom and chedis, Buddha images, earthen ramparts and pillars can still be seen today. The city is also famed for its views of the Golden Triangle, where the borders of Thailand, Lao PDR. and Myanmar meet.
Mae Hong Son
The mountainous and largely forested province of Mae Hong Son offers scenic natural beauty and outdoor activities, the fascinating culture of its ethnically diverse people and a captivating rural charm.
The popular Mae Hong Son Loop touring route can be done by rented car or motorbike. A journey of some 600 km that starts and finishes in Chiang Mai, this takes in places like Mae Chaem on Thailand’s highest mountain Doi Inthanon, the riverside town of Mae Sariang and the town of Pai with its chilled-out new-age, backpacker scene and activities like rafting, tubing, trekking and cycling.
Lamphun
Founded in the 7th century by Queen Chamathewi, Lamphun is one of Thailand’s oldest cities and boasts an impressive history. It was the capital of the Hariphunchai Kingdom and the northernmost city of the Mon Kingdom of the Dvaravati period.
Lamphun town is just a 30–40 minute drive from Chiang Mai city. In terms of national parks, the province has three — Mae Takhrai National Park, Mae Ping National Park and Doi Khun Tan National Park, which is home to Thailand’s longest railway tunnel.
Lamphun province is a major producer of the small round fruit longan (Lamyai in Thai) and around August it stages an annual longan festival.
Lampang
Steeped in Northern Thailand’s history and culture, Lampang was for some years home to the revered Emerald Buddha that is now in the Grand Palace in Bangkok. It is a city of unique sites including what is probably one of Thailand’s oldest wooden structures, and what many consider Northern Thailand’s most impressive temple. It’s also one of very few cities in the kingdom where tourists can visit sites on horse carts.
A unique way to visit the sites in town is on an open-air horse-drawn carriage unique to Lampang. Walking through the old city is also a favourite for energetic tourists. Stops can include the 100-plus-year-old teak City Pillar Shrine and at the buildings and grounds of Ban Sao Nak.
Lampang is also home to the Thai Elephant Conservation Centre, which aims to conserve Thai elephants and promote ecotourism. This includes caring for sick and injured pachyderms. Visitors can watch elephant demonstrations, elephant river bathing and feeding. Exhibits are a good introduction to the history and cultural significance of the Thai elephant.
Phrae
Phrae traces its history back to the Hariphunchai Kingdom of the Mon and was once one of Thailand’s largest centres of the teak trade. In the old town area of the provincial seat are historic buildings and locations that are testimony to these former glory days, while the province still boasts among the country’s largest teak forest reserves.
The village of Ban Thung Hong is renowned for its products made from Mo Ham, a local indigo-dyed cotton fabric. While traditionally the fabric was used for farmers’ pants and tunics, the village also offers lovely handmade clothing.
An intriguing natural attraction is Phae Mueang Phi Forest Park, where 2 million years of erosion has created curious red sandstone rock formations.
Nan
Nan prides itself on nature, and in 2018, received commendation from His Majesty King Maha Vajiralongkorn Bodindradebayavarangkun as the №1 ASEAN Clean Tourist City. The recognition followed Nan being awarded the No .1 ASEAN Clean Tourist City Standard 2018–2020 at the ASEAN Tourism Forum 2018 earlier in that year.
Lying 700 kilometres north of Bangkok, much of the province is wilderness, and the remainder is rural focusing on rice and fruit cultivation. There are also cultural and historical sights worth visiting.
Nan town is quaint and the capital of the province of the same name. It has little more than 20,000 people making it a rather small provincial capital. It is an old city, though, dating back to the 14th century when the first known community settled on the banks of the Nan River.
For foreign and Thai travellers alike who are keen to explore more of Northern Thailand, inter-provincial bus services, self-drive car hire and flights allow for the linking of one or more of the secondary destinations with Chiang Mai. Chiang Mai International Airport and Mae Fah Luang Chiang Rai International Airport are among the six international gateway airports in Thailand, and are served by domestic and regional flights.
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सावन के महीने में जरूर पूरी होती हैं इन तीन राशियों की मनोकामना, महादेव बरसाते हैं कृपा
सावन के महीने में जरूर पूरी होती हैं इन तीन राशियों की मनोकामना, महादेव बरसाते हैं कृपा #सावन_2020 #sawan2020 #savan2020 #mahadev #shiv
सावन के महीने में जरूर पूरी होती हैं इन तीन राशियों की मनोकामना, महादेव बरसाते हैं कृपा: ज्योतिष शात्र के मुताबिक शिव की 12 राशियों में से तीन राशियों पर अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं। चलिए बताते हैं कौन सी हैं वो तीन राशियां।।।
सावन के महीने में जरूर पूरी होती हैं इन तीन राशियों की मनोकामना, महादेव बरसाते हैं कृपा
सावन का पवित्र महीना भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. सावन के महीने में…
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Teej 2020: Date, Vrat Significance, And Traditional Foods Of Hariyali or Sindhara Teej
Teej 2020: Date, Vrat Significance, And Traditional Foods Of Hariyali or Sindhara Teej
It is said that Teej marks the reunion of Lord Shiva and Goddess Parvati.
Highlights
Teej is just around the corner
Teej is celebrated with much fervour across Inida
Teej are of three kinds: Hariyali Teej, Karjari Teej and Hartalika Teej
Come monsoon and Indians start gearing up for all the seasonal festivals in tow. The holy month of Sawan in Hindu calendar is significant, especially for…
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#hariyali teej#hariyali teej 2020#hartalika teej 2020#sawan teej 2020#teej#teej 2020#teej 2020 date in bihar#teej 2020 date in india calendar#teej date#teej vrat
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Teej 2020: Date, Vrat Significance, And Traditional Foods Of Hariyali or Sindhara Teej
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Pics:आज है सावन का दूसरा सोमवार, देखें शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख बाबा महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग की तस्वीरें
Pics:आज है सावन का दूसरा सोमवार, देखें शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख बाबा महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग की तस्वीरें
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Mahakaleshwar temple in Ujjain: आज सावन का दूसरा सोमवार है। शिव भक्त सुबह होते ही भोले नाथ की अराधना में जुट गए हैं।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का पहला सोमवार व्यक्ति को उसकी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है। जबकि दूसरा सोमवार बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करता है। माना जाता है कि सावन के दूसरे सोमवार शिव को भांग, धतूरा और शहद चढ़ाने से व्यक्ति को अच्छी सेहत का वरदान मिलता है और भोलेनाथ…
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Sawan 2020: भगवान भोलेनाथ को प्रिय होती हैं ये तीन राशियां, हमेशा मिलती है इन्हें भोले भंडारी की कृपा
Sawan 2020: भगवान भोलेनाथ को प्रिय होती हैं ये तीन राशियां, हमेशा मिलती है इन्हें भोले भंडारी की कृपा
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ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, Updated Wed, 08 Jul 2020 04:11 AM IST
सावन का पवित्र महीना 6 जुलाई से शुरू हो चुका है। करीब एक महीने तक चलने वाला यह महीना भगवान शिव का महीना है। सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान भोले नाथ अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों में वर्णन की गई कथा के अनुसार सावन के महीने में माता पार्वती के…
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