पवित्र हिन्दू समाज में चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद) का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है। माना जाता है कि वेदों में परमेश्वर की पूजा व साधना का सर्वोत्तम ज्ञान है। आश्चर्य की बात है कि 80% हिन्दू समाज वेदों के विपरीत भक्ति कर्म करते हैं तथा 80% हिन्दुओं ने वेदों की शक्ल भी नहीं देखी है।
(विशेष:- हिन्दू समाज श्रीमद्भगवत गीता को चारों वेदों का सार तथा संक्षिप्त रूप मानते हैं। गीता में वेद ज्ञान निष्कर्ष रूप में संक्षेप में कहा है। यह भी निर्विरोध राय है।)
- जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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🫴🏻 अब संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुनिए....
🏵️ ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00 से 7:00 तक
🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00 से 3:00 तक
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संत रामपाल जी महाराज नहीं चाहते कि किसी बहन-बेटी को दहेज के लिए कोई प्रताड़ित करे और दहेज की वजह से किसी पर कोई भार न चढ़े। इसलिए उन्होंने बिना कुछ लेन-देन किए हज़ारों शादियां करवाई जिनसे प्रेरणा लेकर समाज तेजी से उनका अनुसरण कर रहा है।
आज संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से उनके भक्तों ने तोहार में होने वाले जो बुराइयां हैं उनको सदा के लिए त्याग चुके हैं जिससे समाज में एक अच्छा असर देखने को मिल रहा है।
Jab Ham shastra Anukul Sadhna karenge tabhi ham iss kaal ke lok🌎 me sukhi rah skte hai aur iss Samay sachi Shastra Anukul Sadhna sirf #SantRampalJiMaharaj 🙏🏻ke pass hai aao aur apna Kalyan karao 🙏🏻❤️
‛बेटा बेटी एक समान’ इस नारे को यथार्थता के धरातल पर स्थापित करना संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है। इसी कारण उन्होंने दहेज जैसी प्रथा का समूलनाश करने के लिए विवाह की सादगीपूर्ण विधि समाज को दी है।