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#आदत
amitgopal390 · 1 year
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डिजिटल लत क्या है? कहीं आप इसका शिकार तो नही है?
आटा से भी सस्ता मोबाइल ‘डाटा’ के घोर नकारात्मक प्रभाव अब खुलकर दिखने लगे हैं। इंटरनेट, साइबर संसार, स्मार्टफोन व सोशल मीडिया की ऐसी लत युवाओं में लग चुकी है जिससे वह न सिर्फ वास्तविक दुनिया से कट गया है, बल्कि इसके शिक्षा स्तर और बौद्धिक क्षमता में भी गिरावट दर्ज हो गई है। इसलिए ये जानना भी जरूरी है कैसे डिजिटल लत से छुटकारा पाया जाए। डिजिटल लत क्या है? डिजिटल एडिक्शन एक आवेग नियंत्रण विकार को…
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vlogrush · 3 months
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Parenting tips: सारा दिन फोन में रील्स और शॉर्ट्स देखने की आदत छुड़ाने के लिए बेहतरीन टिप्स
मोबाइल का अधिक उपयोग करती बच्ची बच्चों को फोन की लत से छुड़ाने के प्रभावी टिप्स। रील्स और शॉर्ट्स की आदत कम करने के आसान तरीके। अपने बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए मार्गदर्शन पाएं।क्या आपका बच्चा सारा दिन फोन पर रील्स और शॉर्ट्स देखता रहता है? यह चिंता का विषय है, लेकिन आप अकेले नहीं हैं। डिजिटल युग में, बच्चों को स्क्रीन से दूर रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है। लेकिन चिंता न करें, इस आदत को बदलना…
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roshni99 · 9 months
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👉 Are you trapped in the nail-biting cycle? It's time to liberate yourself from this common but potentially harmful habit. Nail-biting not only affects the appearance of your nails but can also lead to various health concerns. 🚫 *Health Risks:* Constant nail-biting can introduce bacteria from your fingers into your mouth, increasing the risk of infections. It may also cause damage to the nail bed and cuticles, leading to painful conditions. 🤢 *Oral Hygiene Concerns:* Beyond the aesthetic impact, nail-biting can contribute to poor oral hygiene, as it exposes your mouth to germs residing under your nails. 🌈 *Embark on a Nail-Care Journey:* Break free from the habit with positive reinforcement. Explore various nail care techniques, like applying a bitter-tasting polish or seeking stress-relief alternatives. 🌟 *Embrace Healthy Alternatives:* Replace nail-biting with healthier habits, such as stress-relief exercises, fidget tools, or adopting a regular nail-care routine. Discover the joy of having well-groomed and healthy nails. Remember, breaking the nail-biting habit is not just about aesthetics; it's a journey towards healthier nails, improved oral hygiene, and enhanced overall wellness. Start your journey today! 💅🌈 📲 Android: http://bit.ly/3JACQOb 🍏 Apple: https://apple.co/3I0QKbe हमारी वेबसाइट: www.raphacure.com यहां से ऐप डाउनलोड करें और अपने व्यावसायिक और स्वास्थ्य आवश्यकताओं का समर्थन प्राप्त करें। एक सुरक्षित और सुचना-पूर्ण अनुभव के लिए हमारे ऐप का उपयोग करें।" nail biting,nail biting habit,biting nails,nail biting side effects,नाखून चबाना,stop nail biting,नाखून चबाने की आदत,how to stop biting your nails,nail biting hypnosis,biting nails psychology,nail biting before and after,nail biting journey,nail biting habit how to stop,कैसे छुड़ाएं बच्चों के नाखून चबाने की आदत,नाखून चबाने से होती है ये गंभीर बीमारियां,kids biting nails,how i stopped biting my nails,how to stop biting nails,nail biting causes
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angrydreamsong · 1 year
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writerss-blog · 2 years
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जीत की आदत
जीत जाना मेरी आदत है हार मानना मेरी फितरत नहीं, मैं वो बाजीगर हूं जिसका मुकाबला करना दुश्मन की जुर्रत नहीं । हर दिन नई लकीरें बनाता हूं मिटाता भी हूं खुद से, फिर एक नई लकीर बनाकर दुश्मन को उलझाता हूं खुद से जीत की नई रणनीति का हुनर हमारी काबिलियत औरों में नहीं फलक पर चमकता सितारा हूं बुझते चिराग का किनारा नहीं ।।
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9327005315 · 2 years
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Congress leader created big problem for party !
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mwsnewshindi · 2 years
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फूला हुआ पेट? छुट्टियों के इस मौसम में ब्लोटिंग को मैनेज करने के 5 टिप्स
फूला हुआ पेट? छुट्टियों के इस मौसम में ब्लोटिंग को मैनेज करने के 5 टिप्स
क्रिसमस रात्रिभोज: साल का मस्ती भरा मौसम आ गया है! एक और व्यस्त साल के बाद हम सभी अपने दोस्तों और परिवार के साथ स्टाइल में जश्न मनाने के लिए तैयार हैं। घर और क्रिसमस ट्री को सजाने के साथ-साथ छुट्टियों का मौसम अपने प्रियजनों के साथ स्वादिष्ट भोजन साझा करने के बारे में है। जी हां, क्रिसमस के सेलिब्रेशन को पूरा करने के लिए खाना जरूरी है। आखिरकार, एक उत्सव की दावत अधूरी है। हालाँकि, एक फूले हुए पेट…
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phenakistoskope · 3 months
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हिंदी साहित्य पढ़ने की आदत लगाने के दौरान प्रेमचंद कि छोटी कहानियां बिल्कुल अनिवार्य है, लेकिन इन कहानियों को पढ़ते पढ़ते मेरा ध्यान इस मुद्दे पर लगा कि प्रेमचंद जी अपने यथार्थवादी कहानियों में सामाजिक असामान्यता के विरुद्ध आवाज़ ज़रूर उठाते है, पर उसके जड़ तक कभी नहीं पहुंचते। मेरे हिसाब से इसका कारण यह है कि प्रेमचंद जी अपने सोच में गांधीवादी थे और इसीलिए, सामाजिक असामान्यता की जड़, ब्राह्मणवाद, के विरुद्ध आवाज़ उठाने से इंकार करते हैं। और यह इंकार बहुत ही अफसोस कि बात है।
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ck030201 · 4 months
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संदेह की आदत से ज़्यादा भयानक कुछ नहीं है।
संदेह लोगों को अलग कर देता है।
यह एक ऐसा ज़हर है जो दोस्ती को तोड़ देता है और
 सुखद संबंधों को तोड़ देता है।
यह एक ऐसा कांटा है जो परेशान करता है और चोट पहुँचाता है;
यह एक तलवार है जो मार देती है।
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No hay nada más terrible que el hábito de dudar.
La duda separa a las personas.
Es un veneno que desintegra amistades y rompe relaciones agradables.
Es una espina que irrita y hiere;
es una espada que mata.
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sonikasmeer · 4 months
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सम्भोग जीवन का सत्य हैं ?
एक औरत कितनी प्यासी कितनी कामवासनाओं से भरी है एक औरत अपने मन के अश्लील और कामुक विचार को
सिर्फ बिस्तर पर किसी मर्द की बाहों में लिपट कर अपनी अदाओं से व्यक्त करती है
जो मर्द उसकी इन अदाओ को समझ जाता है सिर्फ वही मर्द चरमसुख पाने का हकदार होता हैं
तुम कामुक लगती सुंदर सी यौवन आकर्षण करते हैं कामुक सी कोई हूर लगे देखें तो जलते रहते हैं
मेरी इतनी सी कसक मेरे पावन मन में अभी बाकी है मुझे सपने आते रातों में संभोग को तडपते हैं
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता हैं रोता है दिल जब वो पास नहीं होताहै
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता हैं
वासना उम्र नही देखती,चेहरा बता देता है प्यास कितनी है
वैसे बड़ी उम्र की स्त्रियां उनका शरीर बहुत चंचल और कामुक होती है
बड़ी उम्र की औरते छोटी उम्र के मर्दों को आनंद देना और लेना दोनो जानती है
भरा हुआ बदन बता देता है कि इमारत अभी मजबूत है
यह जिस्म लगे सुलगे शोला चिंगारी किसने भडकाई बस सहलाने की आदत है ठंडी चलती जब पुरवाई
हर तरफ़ फिजाओं में महके खुशबू गोरे गोरे तन की गली सडक बाजारें और जन मानस भी महकते हैंबहुत खूबसूरत है तेरे इन्तजार का आलम बेकरार सी आँखों में इश्क बेहिसाब लिए बैठे है
महिलाएं संभोग के दौरान उन पुरुषों को पंसद नही करती है जो पुरुष उन्की तुलना
किसी दूसरी महिलाओं से करते है महिलाएं सिर्फ अपनी तारीफ करने वाले को पंसद करती है
जंग में कागज़ी अफ़रात से क्या होता है हिम्मतें लड़ती हैं तादाद से क्या होता है
आपके होठों को चूमने का आदमी करता है आपके साथ जिंदगी जीने का मन करता है
आपके जैसा हजारो होंगे इस दुनिया में लेकिन रात आपके साथ गुज़रने का मन करता है
प्यार की परीक्षा कहाँ होती है खुशी एक छोटा सा स्पर्श है!
कुछ पल तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ बाकी बल कहा किया गया है ...
क्या आपको किसी से बेइंतहा प्यार है इनमें से थोड़ा सा बाजार में बिक जाता है!
भले ही आप दे सकते हैं और अगर आप दे नहीं सकते तो भी मुझे जो एहसास है,
क्या मैं अपने सामने पैदा हो सकता हूँ मेरे पास खुशी नहीं है अब मेरे पास कोई है,
पहले जैसा प्यार अब कहा किया जाता है सुख हो या दुख हाथ से छू रहा है
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[Cheaper and narrow minded people's please stay away]
If u want some quality time spend with us
Our many terms and conditions/
Teligram @Sonika_smeerr
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vlogrush · 3 months
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Parenting tips: सारा दिन फोन में रील्स और शॉर्ट्स देखने की आदत छुड़ाने के लिए बेहतरीन टिप्स
मोबाइल का अधिक उपयोग करती बच्ची बच्चों को फोन की लत से छुड़ाने के प्रभावी टिप्स। रील्स और शॉर्ट्स की आदत कम करने के आसान तरीके। अपने बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए मार्गदर्शन पाएं।क्या आपका बच्चा सारा दिन फोन पर रील्स और शॉर्ट्स देखता रहता है? यह चिंता का विषय है, लेकिन आप अकेले नहीं हैं। डिजिटल युग में, बच्चों को स्क्रीन से दूर रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है। लेकिन चिंता न करें, इस आदत को बदलना…
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lucifar7000 · 19 days
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कानपुर वाले घर में मेरी मां, पापा और छोटी बहन रहती थी. मेरी बहन का नाम सुषमा है. उम्र में वो मुझसे तीन साल छोटी है. वो घर में सबकी लाडली है. ये कहानी जो मैं आप लोगों को आज बताने जा रहा हूं, यह करीबन दो साल पुरानी है.
उस वक्त मेरी बहन ने अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी. पढ़ाई में हम दोनों भाई-बहन ही अच्छे थे. एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरी बहन अब जॉब की तलाश में थी.
चूंकि मैं हैदराबाद जैसे बड़े शहर में रह रहा था तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरे ही शहर में जॉब ढूंढ लो. मेरी यह बात मेरे माता-पिता को भी ठीक लगी. मेरे शहर में रहने से उनको भी अपनी बेटी की सेफ्टी की चिंता करने की आवश्यकता नहीं थी.
हैदराबाद में पी.जी. रूम लेकर मैं रह रहा था. मगर अब सुषमा भी साथ में रहने वाली थी तो मैंने एक बीएचके वाला फ्लैट ले लिया. कुछ दिन के बाद बहन भी मेरे साथ मेरे फ्लैट में शिफ्ट हो गई.
सुषमा के बारे में आपको बता दूं कि वो काफी खुलकर बात करने वालों में से है. उसकी हाइट 5.6 फीट है और मेरी हाइट 6 फीट के लगभग है. मेरी बहन के बदन की बात करूं तो उसकी गांड काफी उठी हुई है. जब वो अपनी कमर को लचकाते हुए चलती है तो किसी भी मर्द को घायल कर सकती है.
मेरी बहन का फीगर 36-30-38 का है. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसकी चूचियां भी कितनी बड़ी होंगी. उसकी चूचियां हमेशा उसके कपड़ों से बाहर झांकती रहती थीं. मैंने सुना था कि जवान लड़की की चूत चुदाई होने के बाद उसकी चूचियों का साइज भी बढ़ जाता है.
अपनी बहन की चूचियों को देख कर कई बार मेरे मन में ख्याल आता था कि कहीं यह भी अपनी चूत चुदवा रही होगी. मगर मैं इस बारे में विश्वास के साथ कुछ नहीं कह सकता था. मेरी बहन खुले विचारों वाली थी तो दोनों तरह की बात हो सकती थी.
जब वो मेरे साथ फ्लैट में रहने लगी तो अभी उसके पास जॉब वगैरह तो थी नहीं. वो अपना ज्यादातर समय फ्लैट पर ही बिताती थी. मैं सुबह ही अपने काम पर निकल जाता था. पूरा दिन फ्लैट पर रह कर वो बोर हो जाती थी.
एक रोज वो कहने लगी कि वो सारा दिन फ्लैट पर रह कर बोर हो चुकी है. उसका मन कहीं बाहर घूमने के लिए कर रहा था. उसने मुझसे कहीं बाहर घूमने चलने के लिए कहा.मैंने कह दिया कि हम लोग मेरी छुट्टी वाले दिन चलेंगे.
फिर वीकेंड पर मैंने अपनी बहन के साथ बाहर घूमने का प्लान किया. अभी तक मेरे मन में मेरी बहन के लिए कोई गलत ख्याल नहीं था. हम लोग पास के ही एक मॉल में घूमने के लिए गये. मेरी बहन उस दिन पूरी तैयार होकर बाहर निकली थी.
उसके कुर्ते में उसकी चूचियां पूरे आकार में दिखाई दे रही थीं. हम लोगों ने साथ में घूमते हुए काफी मस्ती की और फिर घर वापस लौटने लगे. मगर रास्ते में बारिश होने लगी. इससे पहले कि हम लोग बारिश से बचने के लिए कहीं रुकते, हम दोनों ऊपर से लेकर नीचे तक पूरे भीग चुके थे.
बारिश काफी तेज थी इसलिए मैंने सोचा कि बारिश रुकने का इंतजार करना ही ठीक रहेगा. हम दोनों बाइक रोक कर एक मकान के छज्जे के नीचे खड़े हो गये. सुषमा के बदन पर मेरी नजर गई तो मैं चाह कर भी खुद को उसे ताड़ने से नहीं रोक पाया.
उसकी मोटी चूचियों की वक्षरेखा, जिस पर पानी की बूंदें बहती हुई अंदर जा रही थी, मेरी नजरों से कुछ ही इंच की दूरी पर थी. उसको देख कर मेरे लौड़े में अजीब सी सनसनी होने लगी. मैंने उसकी सलवार की तरफ देखा तो उसकी भीगी हुई गांड और जांघें देख कर मेरे लंड में और ज्यादा हलचल होने लगी.
मैं बहाने से उसको घूरने लग गया था. ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था. फिर कुछ देर के बाद बारिश रुक गयी और हम अपने फ्लैट के लिए निकल गये. उस दिन के बाद से मेरी बहन के लिए मेरा नजरिया बदल गया था.
अपनी बहन की चूचियों को मैं घूरने लगा था. बहन की गांड को ताड़ना अब मेरी आदत बन चुकी थी. मेरी हाइट उससे ज्यादा थी तो जब भी वो मेरे सामने आती थी उसकी चूचियां ऊपर से मुझे दिखाई दे जाती थीं. कई बार हंसी-मजाक में मैं उसको गुदगुदी कर दिया करता था.
इस बहाने से मैं उसकी चूचियों को छेड़ दिया करता था. कभी उसकी गांड को सहला देता था. यह सब हम दोनों के बीच में अब नॉर्मल सी बात हो गई थी. जब भी वो नहा कर बाहर आती थी तो वह तौलिया में होती थी. ऐसे मौके पर मैं जानबूझकर उसके आस-पास मंडराने लगता था.
जब मैं उसके साथ छेड़खानी करता था तो वो मेरी हर हरकत को नोटिस किया करती थी. उसको मेरी हरकतें पसंद आती थी���. इस बात का पता मुझे भी था. जब भी मैं उसको छेड़ता था तो वो मेरी हरकतों को हंसी में टाल दिया करती थी.
वो भी कभी-कभी मुझे यहां-वहां से छूती रहती थी. कई बार तो उसका हाथ मेरे लंड पर भी लग जाता था या फिर यूं समझें कि वो मेरे लंड बहाने से छूने की कोशिश करने लगी थी. अब आग दोनों तरफ शायद बराबर की ही लगी हुई थी.
ऐसे ही मस्ती में दिन कट रहे थे. एक दिन की बात है कि मैं उस दिन ऑफिस से जल्दी आ गया. हम दोनों के पास ही फ्लैट की एक-एक चाबी रहती थी. मैंने बाहर से ही लॉक खोल लिया था.
जब मैं अंदर गया तो उस वक्त सुषमा बाथरूम के अंदर से नहा कर बाहर आ रही थी. मैंने उसे देख लिया था मगर उसकी नजर मुझ पर नहीं पड़ी थी. उसने अपने बदन पर केवल एक टॉवल लपेटा हुआ था.
Nangi Behan
वो सीधी कबॉर्ड की तरफ जा रही थी. मैं भी उसको जाते हुए देख रहा था. अंदर जाकर उसने अलमारी से एक ब्रा और पैंटी को निकाला. उसने अपना टॉवल उतार कर एक तरफ डाल दिया. बहन के नंगे चूतड़ मेरे सामने थे.
मेरे सामने ही वो ब्रा और पैंटी पहनने लगी. उसका मुंह दूसरी तरफ था इसलिए उसकी नंगी चूत और चूचियां मैं नहीं देख पाया. मगर जल्दी ही उसको किसी के होने का आभास हो गया और वो पीछे मुड़ गई.
जैसे ही उसने मुझे देखा वो जोर से चिल्लाई और मैं भी घबरा कर बाहर हॉल में आ गया. कुछ देर के बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुझ पर गुस्सा होते हुए कहने लगी कि भैया आपको नॉक करके आना चाहिए था.
मैंने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा- अगर मैं नॉक करके आता तो क्या तुम मुझे वैसे ही अंदर आने देती?उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया. मैं समझ गया कि उसकी इस खामोशी में उसकी हां छुपी हुई है.
अब मैंने थोड़ी हिम्मत की और उसके करीब आकर उसको अपनी बांहों में भर लिया. वो मेरी तरफ हैरानी से देख रही थी. मैंने उसकी आंखों में देखा और देखते ही देखते हम दोनों के होंठ आपस में मिल गये. मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
पहले तो मेरी बहन दिखावटी विरोध करती रही. फिर कुछ पल के बाद ही उसने विरोध करना बंद कर दिया. शायद उसको भी इस बात का अंदाजा था कि आज नहीं तो कल ये सब होने ही वाला है. इसलिए अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी.
दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को पीते रहे. उसके बाद मैंने उसके कपड़ों उतारना शुरू कर दिया. उसका टॉप उतारा और उसको ब्रा में कर दिया. फिर मैंने उसकी जीन्स को खोला और उसकी जांघों को भी नंगी कर दिया.
अब मैंने उसकी ब्रा को खोलते हुए उसकी चूचियों को नंगी कर दिया. उसकी मोटी चूचियां मेरे सामने नंगी हो चुकी थीं. उसकी चूचियों को मैंने अपने हाथों में भर लिया.
उसके नर्म-नर्म गोले अपने हाथ में भर कर मैंने उनको दबा दिया. अब एक हाथ से उसकी एक चूची को दबाते हुए मैं दूसरे हाथ को नीचे ले गया. उसकी पैंटी के अंदर एक उंगली डाल कर मैंने उसकी चूत को कुरेद दिया.
बहन की चूत पानी छोड़ कर गीली हो रही थी. मैंने उसकी चूत को कुरेदना जारी रखा. उसका हाथ अब मेरे लंड पर आ गया था. मेरा लंड भी पूरा तना हुआ था. वो अब मेरे लंड को पैन्ट के ऊपर से ही पकड़ कर सहला रही थी.
मैं भी उत्तेजित हो चुका था और मैंने अपनी पैंट को खोल दिया. पैंट नीचे गिर गयी. सुषमा ने मेरी पैन्ट को मेरी टांगों में से निकलवा दिया. वो अब खुद ही आगे बढ़ रही थी. उसने मेरे अंडरवियर को भी निकाल दिया.
मेरे लंड को पकड़ कर वो उसकी मुठ मारने लगी. मैं तो पागल ही हो उठा. मैं उसकी चूचियों को जोर से भींचने लगा. फिर मैंने झुक कर उसकी चूचियों को मुंह में भर लिया और उसके निप्पलों को काटने लगा.
इतने में ही मेरी बहन ने अपनी पैन्टी को खुद ही नीचे कर लिया. उसकी चूत अब नंगी हो गई थी. मैं उसकी चूचियों को चूस रहा था. उसके निप्पलों को काट रहा था. बीच-बीच में चूचियों के निप्पलों को दो उंगलियों के बीच में लेकर दबा रहा था.
सुषमा अब काफी उत्तेजित हो गई थी. अचानक ही वो मेरे घुटनों के बीच में बैठ गई और अपने घुटनों के बल होकर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया. मेरी बहन मस्ती से मेरे 8 इंची लंड को चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे उसको मेरा लंड बहुत पसंद है.
वो जोर से मेरे लंड को चूसती रही और मेरे मुंह से अब उत्तेजना के मारे जोर की आवाजें सिसकारियों के रूप में बाहर आने लगीं. आह्ह … सुषमा, मेरी बहन, मेरे लंड को इतना क्यों तड़पा रही हो!मैंने उसके सिर को पकड़ कर अपने लंड पर अंदर दबाना और घुसाना शुरू कर दिया.
दो-तीन मिनट तक लंड को चुसवाने के बाद मैं स्खलन के करीब पहुंच गया. मैंने बहन के मुंह में लंड को पूरा घुसेड़ दिया और मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी बहन के मुंह में जाकर गिरने लगी.
मेरी बहन मेरा सारा माल पी गयी. मैंने उसको बेड पर लिटा लिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा. वो तड़पने लगी. उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. मगर उसकी चूत की चुदाई शायद पहले भी हो चुकी थी. चूत भले ही टाइट थी लेकिन कुंवारी चूत की बात ही अलग होती है. मुझे इस बात का अन्दाजा हो गया था.
मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत का सारा रस मैंने चाट लिया.जब उससे बर्दाश्त न हुआ तो वो कहने लगी- भैया, अब चोद दो मुझे… आह्ह … अब और नहीं रुका जा रहा मुझसे.मैंने उसकी चूत में अन्दर तक जीभ घुसेड़ दी और वो मेरे मुंह को अपनी चूत पर जोर से दबाने लगी.
फिर मैंने मुंह हटा लिया. अब उसकी टांगों को मैंने बेड पर एक दूसरे की विपरीत दिशा में फैला दिया. बहन की चूत पर अपने लंड को रख दिया और रगड़ने लगा. मेरा लंड फिर से तनाव में आ गया. देखते ही देखते मेरा पूरा लंड तन गया.
मैंने अपने तने हुए लंड के सुपाड़े को चूत पर रखा और एक झटका दिया. पहले ही झटके में लंड को आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुसा दिया. वो दर्द से चिल्ला उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…मगर मैं अब रुकने वाला नहीं था. मैंने लगातार उसकी चूत में झटके देना शुरू कर दिया. बहन की चूत की चुदाई शुरू हो गई.
सुषमा की चूत में अब मेरा पूरा लंड जा रहा था. वो भी अब मजे से मेरे लंड को अंदर तक लेने लगी थी. मैं पूरे लंड को बाहर निकाल कर फिर से पूरा लंड अंदर तक डाल रहा था. दोनों को ही चुदाई का पूरा आनंद मिल रहा था.
अब मैंने उसको बेड पर घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. उसकी चूत में लंड घुसने की गच-गच आवाज होने लगी. मेरे लंड से भी कामरस निकल रहा था और उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी इसलिए चूत से पच-पच की आवाज हो रही थी.
फिर मैंने उसको सीधी किया और उसके मुंह में लंड दे दिया. मेरे लंड पर उसकी चूत का रस लगा हुआ था. वो फूल चुके लंड को चूसने-चाटने लगी. उसकी लार मेरे लंड पर ऊपर से नीचे तक लग गई.
अब दोबारा से मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चूत में जोर से अपने लंड के धक्के लगाने लगा. पांच मिनट तक इसी पोजीशन में मैंने उसकी चूत को चोदा और वो झड़ गई. अब मेरा वीर्य भी दोबारा से निकलने के कगार पर पहुंच गया था.
मैंने उसकी चूत में तेजी के साथ धक्के लगाना शुरू कर दिया. उसकी चूत मेरे लंड को पूरा का पूरा अंदर ले रही थी. फिर मैंने दो-तीन धक्के पूरी ताकत के साथ लगाये और मैं अपनी बहन की चूत में ही झड़ने लगा. उसकी चूत को मैंने अपने वीर्य से भर दिया.
हम दोनों थक कर शांत हो गये. उस दिन हम दोनों नंगे ही पड़े रहे. शाम को उठे और फिर खाना खाया. उसके बाद रात में एक बार फिर से मैंने अपनी बहन की चूत को जम कर चोदा. उसने भी मेरे लंड को चूत में लेकर पूरा मजा लिया और फिर हम सो गये.
उस दिन के बाद से हम भाई-बहन में अक्सर ही चुदाई होने लगी. अब उसको मेरे साथ रहते हुए काफी समय हो गया है लेकिन हम दोनों अभी भी चुदाई करते हैं. मुझे तो आज भी ये सोच कर विश्वास नहीं होता है कि मैं इतने दिनों से अपनी बहन की चूत की चुदाई कर रहा हूं.
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mindless-tirades · 19 days
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तुम्हें आवाज़ बहुत पसंद है मेरी
मैं रात भर गुनगुनाऊंगी
तुम ठहरो तो
तुम्हारी हर खूबी पे, हर खामी पे
किताबे लिख जाऊँगी
तुम ठहरो तो
मन आंखें पढ़ने की आदत नहीं तुम्हें
आँखों की बातें लफ्जों से समझाऊंगी
तुम ठहरो तो
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mera-mann-kehne-laga · 8 months
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चलो ये इश्क़ नहीं चाहने की आदत है कि क्या करें हमें दू्सरे की आदत है
तू अपनी शीशा-गरी का हुनर न कर ज़ाया मैं आईना हूँ मुझे टूटने की आदत है
मैं क्या कहूँ के मुझे सब्र क्यूँ नहीं आता मैं क्या करूँ के तुझे देखने की आदत है
तेरे नसीब में ऐ दिल सदा की महरूमी न वो सख़ी न तुझे माँगने की आदत है
विसाल में भी वो ही है फ़िराक़ का आलम कि उसको नींद मुझे रत-जगे की आदत है
ये मुश्क़िलें हों तो कैसे रास्ते तय हों वो ना-सुबूर मुझे सोचने की आदत है
ये ख़ुद-अज़ियती कब तक "फ़राज़" तू भी उसे न याद कर कि जिसे भूलने की आदत है
- अहमद फ़राज़
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9327005315 · 2 years
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अर्थव्यवस्था की तबाही पर कैसे फैलाया झूठ! बैंको की खुशहाली ने उनका ढ़ोल फ...
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mwsnewshindi · 2 years
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भोजन के पहले, दौरान या तुरंत बाद: पानी पीने का सबसे अच्छा समय क्या है?
भोजन के पहले, दौरान या तुरंत बाद: पानी पीने का सबसे अच्छा समय क्या है?
यह सर्वविदित है कि शरीर को हर दिन ठीक से काम करने के लिए 8 गिलास पानी की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ जीवन शैली मूल रूप से प्रतिदिन पर्याप्त पानी पीने पर निर्भर करती है। यह न केवल आपको हाइड्रेटेड रखता है, बल्कि यह महत्वपूर्ण आंतरिक प्रक्रियाओं का भी समर्थन करता है जिसमें शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालना, लार का उत्पादन करना और शरीर के विभिन्न हिस्सों में पोषक तत्व पहुंचाना शामिल है। यदि आप…
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