Tumgik
#ऑक्सीजन गैस
sharpbharat · 21 days
Text
Jamshedpur company agreement : लिंडे गैस के कर्मचारियों का वेतन बढ़ा, हुआ वेतन समझौता
जमशेदपुर : जमशेदपुर के डीएलसी राजेश प्रसाद की उपस्थिति में लिंडे इंडिया और इंडियन ऑक्सीजन वर्कर्स यूनियन के बीच 3.5 साल की अवधि के लिए त्रिपक्षीय समझौते (वेतन समझौते) पर हस्ताक्षर हुआ. समझौते के तहत कर्मचारियों को उनके मासिक सकल वेतन में 5,800 रूपये की वृद्धि के साथ-साथ मूल वेतन में दो वृद्धि देखने को मिलेगी. अवकाश यात्रा भत्ता 21,000 से बढ़ाकर 27,000 रूपये कर दिया गया है. सेवा के दौरान मृत्यु की…
0 notes
dainiksamachar · 7 months
Text
लोकसभा चुनाव के हाई फीवर मैच से पहले गौतम के रिटायर्ड हर्ट होने की 5 गंभीर वजह
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही दिल्ली में बीजेपी का मजबूत प्लेयर रिटायर्ड हर्ट हो गया है। पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद ने अपनी राजनीतिक पारी से लगभग ब्रेक ले लिया है। गौतम गंभीर ने शनिवार को ट्वीट कर पार्टी से खुद को राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करने की गुहार लगाई है। जेपी नड्डा को संबोधित करते हुए गंभीर ने ट्वीट में अपनी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं का हवाला दिया है। माना जा रहा है कि यह गौतम गंभीर की राजनीति पारी का अंत है। ऐसे में सवाल उठता है कि इस देश में होने वाले हाईफीवर चुनाव से पहले आखिर गौतम गंभीर क्यों रिटायर्ड हर्ट हो गए। जानते हैं इसके पीछे की कुछ वजहों पर। 1. टिकट कटने का अंदेशा दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी के बीच चुनावी गठबंधन हो चुका है। ऐसे में बीजेपी के पास इन दोनों दलों से मुकाबला करने के लिए नए सिरे रणनीति बनाने की जरूरत है। माना जा रहा है कि पार्टी इस बार पुराने चेहरों पर दांव लगाने के मूड में नहीं है। बीजेपीकी दिल्ली इकाई की चुनाव समिति ने दिल्ली की 7 लोकसभा सीट के लिए पार्टी नेतृत्व को 25-30 संभावित उम्मीदवारों की सूची सौंपी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कि नई दिल्ली लोकसभा सीट के लिए वर्तमान सांसद मीनाक्षी लेखी के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज के नाम संभावित प्रत्याशियों में शामिल हैं। इसके अलावा पार्टी अपने पुराने सांसदों को दोहराने के मूड में भी नहीं माना है। माना जा रहा है कि दिल्ली से तीन से चार सांसदों का पत्ता कट सकता है। गौतम गंभीर का नाम भी पत्ता कटने वाले सांसदों की लिस्ट में शामिल बताया जा रहा है। ऐसे में गंभीर को पहले ही इस बात का अंदेशा हो गया है या पार्टी सूत्रों से उन्हें इस बात के संकेत मिल गए हों। 2. क्रिकेट कमिटमेंट हो सकती है वजह सांसद बनने के बाद भी गौतम गंभीर ने क्रिकेट के साथ अपना रिश्ता बनाए रखा। बात चाहे आईपीएल की हो या फिर क्रिकेट कमेंटरी की या फिर क्रिकेट कोचिंग की। गंभीर अपने संसदीय क्षेत्र से अधिक खेल के मैदान या कमेंटरी बॉक्स में अधिक दिखाई देते रहे हैं। इस साल आईपीएल की तारीखों का ऐलान हो गया है। उसी समय दुनिया की सबसे महंगी क्रिकेट लीग आईपीएल का 22 मार्च से आयोजन भी हो रहा है। गंभीर इस बार आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर के मेंटॉर बनाए गए हैं। ऐसे में उन्हें पूरी तरह से अपनी इस भूमिका पर फोकस करना पड़ेगा। इससे पहले वह साल 2022 और 2023 में लखनऊ सुपर जाएंट्स टीम के मेंटॉर रह चुके हैं। ऐसे में यदि उन्हें लोकसभा का टिकट यदि मिल जाए तो वह चुनाव प्रचार करेंगे या फिर क्रिकेट के मैदान पर खिलड़ियों का मार्गदर्शन करेंगे। शायद राजनीति से रिटायर्ड हर्ट होने की यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है। 3. तू-तू, मैं-मैं की राजनीति से किनारा गौतम गंभीर ने साल 2019 में पूर्वी दिल्ली से बड़े अंतर से चुनाव जीता था। गंभीर ने कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली के साथ ही आम आदमी पार्टी की नेता और मौजूदा मंत्री आतिशी को हराया था। गंभीर को अपने प्रतिद्वंदी से लगभग दो गुना वोट मिले थे। गंभीर ने कांग्रेस के लवली को लगभग 1.50 लाख मतों के अंतर से हराया था। वहीं, आप नेता आतिशी को महज 18 फीसदी मत मिले थे। चुनाव जीत के साथ ही गंभीर ने राजनेताओं की भाषा बोलना शुरू कर दिया था। गंभीर ने जीत के बाद ही अपने पहले ट्वीट में लिख था, न तो यह 'लवली' कवर ड्राइव है और न ही यह 'आतिशी' बल्लेबाजी है। यह सिर्फ भाजपा की 'गंभीर' विचारधारा है जिसका लोगों ने समर्थन किया है। इस जनादेश को पाने के लिए बीजेपी और दिल्ली बीजेपी टीम के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। राजनीति में आने के बाद फिर चाहे दिल्ली में कूड़े के पहाड़ का मामला हो या कोरोना काल में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर, दवाओं के मामले पर दिल्ली सरकार को घेरना। मुख्यमंत्री केजरीवाल से गंभीर की अदावत जग जाहिर है। हालांकि, गंभीर का मिजाज है कि वह तू-तू-मैं-मैं की राजनीति में नहीं पड़ना चाहते। ऐसे में वह इससे किनारा करना चाहते हों। राजनीति से हटने की यह भी एक वजह हो सकती है। 4. राजनीति का रंग नहीं चढ़ पाया गौतम गंभीर ने साल 2018 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। 2019 में गंभीर भले ही लोकसभा चुनाव जीत गए हों लेकिन उनपर राजनीतिक का रंग पूरी तरह से कभी नहीं चढ़ा। राजनेता बनने के बाद भी उनका अधिकतर समय खेल और खेल से जुड़ी गतिविधियों में ही बीतता था। गंभीर ने सांसद रहते हुए भी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में होने वाली रिटायर्ड खिलाड़ियों की टी-20 लीग में बल्ला घुमाते दिखाई दिए। गंभीर का मिजाज राजनीति से बिल्कुल मेल नहीं खाता है। राजनीति में जिस तरह के कूटनीतिक और सोच समझ कर बयान देने पड़ते हैं गंभीर उसके बिल्कुल उलट दिखाई देते हैं।… http://dlvr.it/T3Vnl1
0 notes
sanjaylodh · 8 months
Text
Hydrogen
hydrogen
Hydrogen is a substance which is found everywhere in our entire solar system.
Hydrogen is present in the largest quantity in the entire universe
Most of the hydrogen is held hostage by the stars.
there hydrogen has its own freedom
For example, 70 percent of our sun is only hydrogen.
Hydrogen always continues its fusion in the sun.
What is this characteristic of hydrogen?
Hydrogen is an atomic-numbered chemical element 1. Hydrogen is a colourless, odourless, non-metallic, tasteless, extremely flammable diatomic gas with molecular formula H2 at standard temperature and pressure.21 Jul 2020
What is hydrogen and its uses?
Hydrogen has many actual and potential uses
Hydrogen is currently used in industrial processes, as rocket fuel, and in fuel cells for electricity generation and powering vehicles. Operators of several natural gas-fired power plants are exploring the use of hydrogen to supplement or replace natural gas.23 Jun 2023
How is hydrogen used for life?
Without hydrogen we wouldn't have the Sun to give us heat and light. There would be no useful organic compounds to form the building blocks of life. And that most essential substance for life's existence, water, would not exist.
How is hydrogen useful to humans?
The most important function of hydrogen in the human body is to keep you hydrated. Water is made up of hydrogen and oxygen and is absorbed by the cells of the body. Therefore, it is a crucial element which is used not in our body but also as a fuel, in military weapons etc.26 Oct 2017
How to make hydrogen?
The two most common methods for producing hydrogen are steam-methane reforming and electrolysis (splitting water with electricity). Researchers are exploring other hydrogen production methods, or pathways.23 Jun 2023
Is hydrogen used in everyday life?
Hydrogen can be used to power vehicles, generate electricity, power industry and heat our homes and businesses. It could make a huge difference on our carbon emissions and will be critical to achieving net zero.23 Feb 2023
What is the formula for hydrogen?
H 2
Hydrogen is a chemical element; it has symbol H and atomic number 1. It is the lightest element and, at standard conditions, is a gas of diatomic molecules with the formula H 2. It is colorless, odorless, tasteless, non-toxic, and highly combustible.
Translate Hindi
हाइड्रोजन
हाइड्रोजन एक ऐसी उपादान है जिसे हमारी इस संपूर्ण सौरमंडल की हर ओर विद्यमान मिलते है
हाइड्रोजन पूरे ब्रह्माण्ड में सबसे अधिक मात्रा में मौजूद है
ज्यादेतर हाइड्रोजन नक्षत्रों का बंधक होता है
वहाँ हाइड्रोजन का अपना स्वाधीनता होता है
जैसे हमारा सूरज का 70 प्रतिशत सिर्फ हाइड्रोजन ही होता है
सूरज में हाइड्रोजन में हमेशा अपना फ्यूजन जारी रहता है
यह हाइड्रोजन का चारित्रिक वैशिष्ट क्या है
हाइड्रोजन एक परमाणु क्रमांकित रासायनिक तत्व है 1. हाइड्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, गैर-धात्विक, स्वादहीन, मानक तापमान और दबाव पर आणविक सूत्र H2 के साथ अत्यंत ज्वलनशील डायटोमिक गैस है। 21 जुलाई 2020
हाइड्रोजन क्या है और इसके उपयोग?
हाइड्रोजन के कई वास्तविक और संभावित उपयोग हैं
वर्तमान में हाइड्रोजन का उपयोग औद्योगिक प्रक्रियाओं में, रॉकेट ईंधन के रूप में, और बिजली उत्पादन और वाहनों को बिजली देने के लिए ईंधन कोशिकाओं में किया जाता है। कई प्राकृतिक गैस से चलने वाले बिजली संयंत्रों के संचालक प्राकृतिक गैस के पूरक या प्रतिस्थापन के लिए हाइड्रोजन के उपयोग की खोज कर रहे हैं। 23 जून 2023
जीवन के लिए हाइड्रोजन का उपयोग कैसे किया जाता है?
हाइड्रोजन के बिना हमारे पास गर्मी और प्रकाश देने के लिए सूर्य नहीं होता। जीवन के निर्माण खंडों को बनाने के लिए कोई उपयोगी कार्बनिक यौगिक नहीं होंगे। और जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे आवश्यक पदार्थ, पानी, अस्तित्व में नहीं रहेगा।
हाइड्रोजन मनुष्य के लिए किस प्रकार उपयोगी है?
मानव शरीर में हाइड्रोजन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य आपको हाइड्रेटेड रखना है। पानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना होता है और शरीर की कोशिकाओं द्वारा अवशोषित होता है। इसलिए, यह एक महत्वपूर्ण तत्व है जिसका उपयोग हमारे शरीर में नहीं बल्कि ईंधन के रूप में, सैन्य हथियारों आदि में भी किया जाता है।26 अक्टूबर 2017
हाइड्रोजन कैसे बनाएं?
हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए दो सबसे आम तरीके भाप-मीथेन सुधार और इलेक्ट्रोलिसिस (बिजली के साथ पानी को विभाजित करना) हैं। शोधकर्ता अन्य हाइड्रोजन उत्पादन विधियों या मार्गों की खोज कर रहे हैं। 23 जून 2023
क्या हाइड्रोजन का उपयोग रोजमर्रा की जिंदगी में किया जाता है?
हाइड्रोजन का उपयोग वाहनों को बिजली देने, बिजली उत्पन्न करने, बिजली उद्योग और हमारे घरों और व्यवसायों को गर्म करने के लिए किया जा सकता है। यह हमारे कार्बन उत्सर्जन पर बड़ा अंतर डाल सकता है और शुद्ध शून्य हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। 23 फरवरी 2023
हाइड्रोजन का सूत्र क्या है?
एच 2
हाइड्रोजन एक रासायनिक तत्व है; इसका प्रतीक H और परमाणु संख्या 1 है। यह सबसे हल्का तत्व है और, मानक स्थितियों में, सूत्र H 2 के साथ द्विपरमाणुक अणुओं की एक गैस है। यह रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, गैर विषैला और अत्यधिक दहनशील है।
0 notes
abhinews1 · 1 year
Text
मेरी माटी मेरा देश के तहत संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा वृक्षारोपण किया गया
Tumblr media
मेरी माटी मेरा देश के तहत संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा वृक्षारोपण किया गया
संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए अजीजपुर, अकबरपुर, दो गांव में 27 एवं 28 जुलाई को वृक्षारोपण किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव के सरपंच एवं ग्रामीणों के साथ बैठक हुई और सर्वसम्मति से गांव में वृक्षारोपण के लिए स्थान का चयन किया गया। अजीजपुर गांव में मंदिर के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया और अकबरपुर के पंचायत भवन के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में 27 -28 जुलाई को राष्ट्रीय सेवा योजना के 39 स्वंयसेवी छात्रों ने योगदान दिया। 28 जुलाई को 42 राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंयसेवी छात्रों ने वृक्षारोपण कार्य किया। इस अवसर पर संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक डॉ. के. के. पराशर, कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश नंदन, सोहन, डॉ. मृत्युंजय मिश्रा, डॉ. कमल पांडेय एवं ग्रामीण आदि उपस्थित थे। डॉ. पराशर ने ग्रामीणों को वृक्षारोपण का महत्व से ग्रामीणों को अवगत कराया एवं जागरूक किया की वृक्ष इस प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वृक्ष हमें जीवन प्रदान करते है। क्योंकि, यें हमारे जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन गैस हमें प्रदान करते है। इन पेड़ों के बिना हमारा कोई अस्तित्व ही नही है। यें पेड़ हमारी कईं आवश्यकताओं की पूर्ति करते है। लेकिन, इसके बदले में यें हमसे कुछ भी नहीं लेते है। वृक्षारोपण से वृक्षों की मात्रा बढ़ेगी। इससे हमारा वातावरण भी शुद्ध रहेगा। वृक्षारोपण के बढ़ने से हम सभी के स्वास्थ्य में सुधार आएगा। पानी की समस्या भी कम होगी और पृथ्वी के नीचे पानी की मात्रा भी बढ़ेगी। यदि वृक्ष की मात्रा अधिक होगी तो वर्षा की मात्रा भी अधिक होगी।
Tumblr media
Read the full article
0 notes
learnoutt · 1 year
Text
Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha
Bulb क्या है?
Bulb एक विद्युत चालित उपकरण है जो प्रकाश उत्पन्न करता है। इसमें एक फिलामेंट होता है, जिसे विद्युत प्रवाह द्वारा गर्म किया जाता है, और एक ग्लास लिफाफा होता है जो फिलामेंट की रक्षा करता है और इसमें एक वैक्यूम या अक्रिय गैस होती है। प्रकाश व्यवस्था के इतिहास में Bulb एक बड़ी सफलता थी और इसने हमारे जीने और काम करने के तरीके को बदल दिया है |
Tumblr media
Bulb कैसे काम करता है?
एक विद्युत प्रकाश Bulb, जिसे Incandescent प्रकाश Bulb के रूप में भी जाना जाता है, एक फिलामेंट तार को गर्म करने के लिए बिजली का उपयोग करके काम करता है जब तक कि यह इतना गर्म न हो जाए कि यह प्रकाश का उत्सर्जन करे।
जब आप लाइट स्विच ऑन करते हैं, तो Bulb के अंदर धातु के तार या फिलामेंट से विद्युत धारा प्रवाहित होती है। फिलामेंट आमतौर पर टंगस्टन से बना होता है क्योंकि इसमें बहुत अधिक गलनांक होता है, जिससे यह बिना पिघले बहुत गर्म हो जाता है।
जैसे ही फिलामेंट से करंट प्रवाहित होता है, यह गर्म हो जाता है और प्रकाश का उत्सर्जन करते हुए चमकने लगता है। फिलामेंट आर्गन या नाइट्रोजन जैसी अक्रिय गैस से घिरा होता है, जो ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को धीमा करके फिलामेंट को जलने से रोकने में मदद करता है।
फिलामेंट के चारों ओर लगे ग्लास Bulb को हवा में ऑक्सीजन से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह लगभग तुरंत जल जाएगा। Bulb अंदर की अक्रिय गैस को फंसाने का काम करता है, जिससे फिलामेंट को संचालित करने के लिए एक नियंत्रित वातावरण तैयार होता है।
कुल मिलाकर, इलेक्ट्रिक लाइट Bulb एक अपेक्षाकृत सरल उपकरण है, लेकिन इसने दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रकाश का एक सुरक्षित और कुशल स्रोत प्रदान करते हुए, हमारे घरों और व्यवसायों को रोशन करने के तरीके में क्रांति ला दी है।
Bulb में कौन सी गैस भरी जाती है?
Bulb में भरी जाने वाली गैस बल्ब के प्रकार पर निर्भर करती है।
Incandescent Bulb में, फिलामेंट आमतौर पर आर्गन और नाइट्रोजन जैसी अक्रिय गैसों के मिश्रण से घिरा होता है। यह ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को धीमा करके फिलामेंट को जलने से रोकने में मदद करता है।
दूसरी ओर Halogen Bulb आयोडीन या ब्रोमीन जैसी हैलोजन गैस से भरे होते हैं। यह गैस फिलामेंट के साथ अभिक्रिया कर एक उज्जवल, अधिक सफेद प्रकाश उत्पन्न करती है।
Compact Fluorescent Bulb (CFL) में आर्गन और क्रिप्टन जैसी अक्रिय गैसों के मिश्रण के साथ पारा वाष्प की थोड़ी मात्रा होती है। LED Bulb में कोई गैस नहीं होती है, क्योंकि वे प्रकाश उत्पन्न करने के लिए एक अर्धचालक सामग्री के माध्यम से विद्युत प्रवाह पारित करके काम करते हैं। Read more
0 notes
vocaltv · 2 years
Text
60 फीट गहरे बोरवेल में गिरे लोकेश को सुरक्षित निकाला गया
60 फीट गहरे बोरवेल में गिरे लोकेश को सुरक्षित निकाला गया #MadhyaPradesh #Vidisha
बीते मंगलवार को मध्य प्रदेश के विदिशा में 8 साल का एक बच्चा 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया. बुधवार को करीब 24 घंटे के मसक्त के बाद बच्चे को सुरक्षित निकाल दिया गया है. बच्चे के रेस्क्यू में एसडीआरएफ की तीन और एनडीआरएफ की एक टीम जुटी हुई थी. जानकारी के लिए बता दें कि बच्चे को ऑक्सीजन गैस की भी सप्लाई दी गई थी. मेडिकल टीम बच्चे को लेकर हॉस्पिटल पहुंची है. बताया जा रहा है कि लोकेश मंगलवार को खेलते…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
medtalksblog · 2 years
Link
0 notes
marketingstrategy1 · 2 years
Text
Sitapur News :पेट्रोमैक्स में गैस रिसाव से सो रहे दंपती व दो बच्चों की मौत, खत्म हो गया पूरा परिवार - Four Died Biswan In Sitapur.
Sitapur News :पेट्रोमैक्स में गैस रिसाव से सो रहे दंपती व दो बच्चों की मौत, खत्म हो गया पूरा परिवार – Four Died Biswan In Sitapur.
मामले की जानकारी पर लगी भीड़ व पहुंचे पुलिसकर्मी। – फोटो : amar ujala ख़बर सुनें ख़बर सुनें सीतापुर के बिसवां में सर्दी से बचने के लिए कमरे में पेट्रोमैक्स जलाकर सोए दंपती व दो बच्चों की दम घुटने से मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि ऑक्सीजन कम होने के कारण पेट्रोमैक्स का मेंटल फट गया और आग बुझ गई। इसके बाद कमरे में गैस का रिसाव चारों की मौत का कारण बना।  जिले के झज्जर निवासी आसिफ (40) एक…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
eradioindia · 3 years
Text
ऑक्सीजन गैस की कालाबाजारी करने वाले 2 शातिर गिरफ़्तार
ऑक्सीजन गैस की कालाबाजारी करने वाले 2 शातिर गिरफ़्तार
फाईज़ अली सैफी || ई-रेडियो इंडिया गाज़ियाबाद। प्रदेश शासन ने कोविड-19 महामारी को मद्देनज़र रखते हुए ऑक्सीजन गैस सिलेंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शन समेत आदि की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को लेकर संबंधित को निर्देशित किया हुआ हैं। जिसके चलते डीआईजी/एसएसपी अमित पाठक ने एसपी नगर, ट्रांस हिंडन और ग्रामीण टीमों को गठित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हुए हैं। आपको बता दें कि इसी क्रम…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
nayesubah · 3 years
Text
मोहनिया में सेंट्रल बैंक का एटीएम तोड़ते पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार
मोहनिया में सेंट्रल बैंक का एटीएम तोड़ते पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार
Bihar: कैमूर जिले के मोहनिया थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थानीय चांदनी चौक से उत्तर अवस्थित सेंट्रल बैंक एटीएम को तोड़ने का प्रयास बदमाश द्वारा किया जा रहा था एटीएम कक्ष में लगे सायरन की आवाज सुन रात्रि गश्ती में भ्रमण कर रहे मोहनिया थाना अधिकारी व पुलिस जवान एटीएम के पास पहुंचे, पुलिस को देखते ही बदमाश भागने लगा, जिसे खदेड़ कर पकड़ लिया गया, उसकी निशानदेही पर बगल की गली में रखा एक गैस कटर, एक गैस…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
jansamparkmp · 3 years
Text
कोरोना के इलाज में मील का पत्थर साबित हो रहे कोविड केयर सेंटर : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को कोरोना नियंत्रण एवं उपचार में कोविड केयर सेंटर, ऑक्सीजन, इंजेक्शन, दवाओं आदि के लिये निरंतर सहायता दी गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी प्रदेश को आवश्यक संख्या में वैक्सीन दिलवा रहे हैं और हम प्रदेश में अधिक से अधिक वैक्सीन डोज लगवा रहे हैं। म.प्र. ने एक दिन में सर्वाधिक वैक्सीन लगाने का रिकार्ड बनाया है। यह मोदी वैक्सीन है, यह केवल डोज़ नहीं बल्कि जिन्दगी है। प्रदेश में हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाकर कोरोना से सुरक्षित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को कोविड केयर सेंटर और अन्य सुविधाएँ दिलाने में केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान और केन्द्रीय मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने सराहनीय भूमिका निभाई है। 'मैं दोनों मंत्रियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ'। उन्होंने न केवल मंडला में 100 बिस्तरीय कोविड केयर सेंटर दिया है, बल्कि बालाघाट में 100, सिवनी में 60, डिण्डौरी में 50, नरसिंहपुर में 40 और नैनपुर में 30 बिस्तरीय कोविड केयर सेंटर की सौगात दी है। बीना में रिफाइनरी के पास ही अस्पताल बनवाया गया, जिससे वहाँ ऑक्सीजन आसानी से सप्लाई की जा सके। ये सभी कोविड केयर सेंटर्स (यदि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आती है) कोरोना उपचार में मील का पत्थर साबित होंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मंडला में मोइल (मैग्नीज ओर इंडिया लिमिटेड) द्वारा निर्मित 100 बिस्तरीय कोविड केयर सेंटर का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह ���ुलस्ते उपस्थित थे। केन्द्रीय इस्पात, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी वर्चुअली शामिल हुए।
कोविड नियंत्रण में मध्यप्रदेश ने देश में आदर्श प्रस्तुत किया
केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि कोविड नियंत्रण में मध्यप्रदेश ने देश में आदर्श प्रस्तुत किया है। यहाँ जन-भागीदारी से कोविड नियंत्रण सराहनीय है। अब मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में टीकाकरण को जन-आंदोलन बना दिया है। मध्यप्रदेश में तेज गति से टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन, ऑक्सीजन प्रबंधन, रेमडेसिविर आदि की उपलब्धता, कोरोना उपचार, होम आयसोलेशन की आदर्श व्यवस्था, माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने की व्यवस्था की कारगर रणनीति के लिए राज्य शासन की सराहना की।
कोविड अस्पताल निर्माण के लिए सभी का अभिनंदन
केन्द्रीय मंत्री श्री फग्गनसिंह कुलस्ते ने जिले में कोविड केयर सेंटर के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान, केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान सहित मोइल की टीम का अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि मोइल के सौजन्य से प्रदेश के कई स्थानों पर कोविड केयर सेंटर बनाए जा रहे हैं।
बीना, बुधनी और भोपाल में कोविड अस्पताल निर्माण में सहयोग
स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा बीना, बुधनी और भोपाल में कोविड अस्पतालों के निर्माण में सहयोग किया गया है। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। सांसद श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि कोविड केयर सेंटर के निर्माण से जिले की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।
1 note · View note
dainiksamachar · 1 year
Text
11.4 लाख बैरल तेल, दौड़ सकती हैं लाखों कारें... आठ साल से जंग खा रहा यह टैंकर, जानिए क्या है वजह
नई दिल्ली: गृहयुद्ध से जूझ रहे खाड़ी देश यमन में एक ऑयल टैंकर पिछले आठ साल से खड़े-खड़े जंग खा रहा है। इस टैंकर में 11.4 लाख बैरल तेल भरा है। एक बैरल में करीब 159 लीटर तेल होता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस टैंकर में कितना तेल भरा है। यह मात्रा भारत के रोजाना खपत का करीब एक चौथाई है। भारत में तेल की रोजाना खपत करीब 48.2 लाख बैरल है। इस टैंक में फट सकता है। अगर इससे तेल का रिसाव हुआ तो इससे रेड सी यानी लाल सागर में व्यापक इलाके में समुद्री जीवन को काफी नुकसान होगा। इससे लाखों लोगों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी, 20 लाख लोगों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है, दो बड़े बंदरगाहों को बंद करना पड़ेगा। साथ ही युद्ध से जूझ रहे यमन में लाखों लोगों तक खानेपीने की मदद नहीं पहुंच पाएगी। 360 मीटर लंबे SFO Safer नाम के इस टैंकर को 1970 के दशक में जापान में बनाया गया था और 1980 के दशक में इसे यमन की सरकार को बेचा गया था। यह 30 लाख बैरल तक तेल ले जा सकता है जिससे भारत की आधे दिन से अधिक खपत पूरी हो सकती है। लेकिन यमन में 2015 से शुरू हुए गृहयुद्ध के कारण यह टैंकर तट पर जस का तस खड़ा है। इसकी मेंटनेंस भी नहीं हो पाई है। इस पर जंग लग रहा है और इससे कभी भी रिसाव हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो तेल साफ करने के मिशन पर 20 अरब डॉलर का खर्च आने का अनुमान है। यूएन ने इसकी गंभीरता को देखते इस टैंकर से तेल निकालने के लिए एक खास मिशन बनाया है। कैसे काम करेगा मिशन इस मिशन में चार से छह हफ्ते का समय लग सकता है। इसके लिए दो जहाजों को काम पर लगाया गया है। इनके नाम Ndeavor और Nautica हैं। यह मिशन तीन चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में तेल टैंकर से ऑक्सीजन निकाली जाएगी। रेस्क्यू टीम इसके लिए टैंकर के ऑयल चैंबर्स में इनर्ट गैस पंप करेंगे। टैंकर से ऑक्सीजन निकाले जाने के बाद ऑयल को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह प्रोसेस दो हफ्ते में शुरू हो सकती है। तेल निकाले जाने का बाद टैंकर को साफ किया जाएगा और फिर इसे तोड़ा जा सकता है। यूएन के मुताबिक इस मिशन पर 14.8 करोड़ डॉलर का खर्च आ सकता है। लेकिन यूएन के पास अब भी 2.9 करोड़ डॉलर की शॉर्टेज है। http://dlvr.it/Sq2pN5
0 notes
sanjaylodh · 1 year
Text
What happens if you hold your breath underwater?
What happens if you hold your breath underwater?
At rest the body is completely oxygenated by normal breathing and cannot take in anything more than that. Breath holding in the water should always be monitored by a second person, as hyperventilating increases the risk of shallow water blackout as insufficient carbon dioxide levels in the blood fail to trigger a breathing response.
What happens if a person is not breathing?
Treatment of victims who are not breathing should begin with opening the airway and providing five mouth-to-mouth resuscitation. Cardiopulmonary resuscitation (CPR) is recommended for a person whose heart has stopped beating and has been underwater for less than an hour.
What is liquid breathing?
This article relies heavily on references to primary sources. Liquid breathing is a form of respiration in which a normally air-breathing organism breathes an oxygen-rich liquid (such as perfluorocarbon) instead of air, by selecting a liquid that can hold a larger amount of oxygen. And is capable of CO. 2 Gas exchange.
Why can't we breathe in water or milk?
In fact, it can be, and it already is. Before we explain why, it might help to understand why we can't breathe, like water or milk. This has less to do with the physical difference between those substances and the air, and more to do with the fact that they don't contain enough dissolved oxygen.
Actually water is another part of life
And this water appears in three levels such as liquid ice and water vapor.
Translate Hindi
यदि आप पानी में अपनी सांस रोक लें तो क्या होगा?
आराम क��� स्थिति में शरीर सामान्य सांस लेने से पूरी तरह से ऑक्सीजन युक्त हो जाता है और इससे अधिक कुछ नहीं ले सकता। पानी में सांस रोकने की निगरानी हमेशा किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा की जानी चाहिए, क्योंकि हाइपरवेंटिलेटिंग से उथले पानी के ब्लैकआउट का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि रक्त में अपर्याप्त कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर सांस लेने की प्रतिक्रिया को ट्रिगर करने में विफल रहता है।
यदि कोई व्यक्ति साँस नहीं ले रहा है तो क्या होगा?
जो पीड़ित सांस नहीं ले पा रहे हैं उनका उपचार वायुमार्ग को खोलने और मुंह से मुंह में पांच सांस देकर पुनर्जीवन प्रदान करने से शुरू होना चाहिए। कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन (सीपीआर) की सिफारिश उस व्यक्ति के लिए की जाती है जिसका दिल धड़कना बंद कर चुका है और एक घंटे से भी कम समय तक पानी के भीतर रहा है।
तरल श्वास क्या है?
यह लेख प्राथमिक स्रोतों के सन्दर्भों पर अत्यधिक निर्भर करता है। तरल श्वास श्वसन का एक रूप है जिसमें सामान्य रूप से हवा में सांस लेने वाला जीव हवा में सांस लेने के बजाय ऑक्सीजन युक्त तरल (जैसे पेरफ्लूरोकार्बन) में सांस लेता है, एक ऐसे तरल का चयन करके जो बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन धारण कर सकता है और CO में सक्षम है। 2 गैस विनिमय.
हम पानी या दूध में सांस क्यों नहीं ले सकते?
वास्तव में, यह हो सकता है, और यह पहले से ही है। इससे पहले कि हम इसे समझाएं, यह समझने में मदद मिल सकती है कि हम सांस क्यों नहीं ले पाते, जैसे पानी या दूध। इसका संबंध उन पदार्थों और हवा के बीच भौतिक अंतर से कम है, और इस तथ्य से कहीं अधिक है कि उनमें पर्याप्त घुलनशील ऑक्सीजन नहीं है।
असल में पानी जीवन का ही और एक हिस्सा है
और यह पानी तीन स्तर में प्रकाशित होता है जैसे तरल बर्फ और जलवाष्प
0 notes
Text
प्रधानमंत्री ने वाराणसी के डॉक्टरों और अधिकारियों से बातचीत की.
Tumblr media Tumblr media
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वाराणसी के डॉक्टरों और अधिकारियों से बातचीत की।
बातचीत के दौरान वाराणसी के डॉक्टरों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के निरंतर और सक्रिय नेतृत्व के लिए उन्हें धन्यवाद दिय़ा, जिससे स्वास्थ्य संरचना बढ़ाने और आवश्यक दवाओं तथा वेंटिलेटर तथा ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिली। कोविड को नियंत्रित करने के लिए पिछले एक महीने में किए गए प्रयासों, टीकाकरण की स्थिति तथा भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियों की जानकारी प्रधानमंत्री को दी गई। डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि वे म्यूरोर्मिकोसिस के खतरे को लेकर सचेत हैं और उनके द्वारा कदम उठाए गए हैं तथा रोग प्रबंधन के लिए सुविधाएं तैयार की गई हैं। प्रधानमंत्री ने कोविड से लड़ने वाली मानव शक्ति के निरंतर प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया और अधिकारियों तथा डॉक्टरों को प्रशिक्षण सत्र, वेबीनार आयोजित करने की सलाह दी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे चिकित्सा सहायकों और डॉक्टरों के लिए। उन्होंने अधिकारियों से जिले में टीके की बर्बादी को कम करने की दिशा में काम करने को कहा। प्रधानमंत्री ने काशी के डॉक्टरों, नर्सों, तकनीशियनों, वार्ड ब्वाय, एंबुलेंस चालकों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मचारियों के कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि ���ी। उन्होंने बनारस में कम समय में तेजी से ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाने और बहुत कम समय में पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल को सक्रिय करने की सराहना की। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वाराणसी में एकीकृत कोविड कमान प्रणाली ने बहुत अच्छा काम किया और कहा कि वाराणसी का उदाहरण दुनिया को प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने महामारी को काफी हद तक नियंत्रित करने में मेडिकल टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके लंबी लड़ाई लड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जो योजनाएं बनीं हैं और जो अभियान चलाए गए हैं उनसे कोरोना से लड़ने में काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौचालय, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज की सुविधा, उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर, जन धन बैंक खाता या फिट इंडिया अभियान, योग और आयुष के प्रति जागरूकता जैसे कदमों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लोगों की शक्ति में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कोविड प्रबंधन में नया मंत्र ‘जहां बीमार वहां उपचार’ दिया। उन्होंने कहा कि मरीज के दरवाजे पर उपचार उपलब्ध कराने से स्वास्थ्य प्रणाली पर भार कम होगा। प्रधानमंत्री ने माइक्रो-कंटेनमेंट जोन पहल की प्रशंसा तथा दवाओं की होम डिलीवरी की सराहना की। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों से ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान को जहां तक संभव हो सके वहां तक व्यापक बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि ‘काशी कवच’ नामक टेली मेडिसिन सुविधा प्रदान करने में डॉक्टरों, लैब तथा ई-मार्केटिंग कंपनियों को एक साथ लाने का कदम बहुत नवाचारी है।
प्रधानमंत्री ने गांवों में कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में आशा तथा एएनएम कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया और स्वास्थ्य अधिकारियों से उनकी क्षमताओं और अनुभवों का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस दूसरी लहर के दौरान अग्रणी कर्मचारी लोगों की सेवा सुरक्षित ढंग से करने में सक्षम हुए हैं क्योंकि उन्हें टीका लगाया गया था। उन्होंने सभी से अपनी बारी आने पर टीका लगाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों के कारण पूर्वांचल में बच्चों में इनसेफ्लाइटिस मामलों में काफी हद तक नियंत्रण किए जाने का उदाहरण दिया। उन्होंने महामारी के खिलाफ लड़ाई में ब्लैक फंगस द्वारा पेश नई चुनौती से सचेत रहने को कहा। उन्होंने कहा कि पूर्वचेतावनियों और इससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों के प्रति ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कोविड के विरुद्ध लड़ाई में वाराणसी के जन प्रतिनिधियों द्वारा प्रदान किए गए नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से लोगों से जुड़े रहने का आग्रह किया और सलाह दी कि वे आलोचनाओं के बावजूद अपनी चिंताओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील रहें। उन्होंने कहा कि यदि किसी नागरिक को किसी भी तरह की शिकायत है तो इसकी चिंता करना जन प्रतिनिधियों का दायित्व है। उन्होंने शहर की स्वच्छता बनाए रखने का वादा निभाने के लिए वाराणसी के लोगों की प्रशंसा की।
1 note · View note
satishshukla · 5 years
Photo
Tumblr media
Alkaline पानी से कोई भी रोग हो यहाँ तक कैंसर भी Alkaline वातावरण में पनप नहीं सकता – डॉक्टर Otto Warburg. दोस्तों कई दिनों से हम सोच रहे थे के हम आपको एक ऐसी चीज बताएं जिस से के आपके शरीर ��े सभी रोग स्वतः ही समाप्त हो जाए, जैसे डायबिटीज, कैंसर, हार्ट, ब्लड प्रेशर, जोड़ों का दर्द, UTI – पेशाब के रोग, Osteoporosis, सोरायसिस, यूरिक एसिड का बढ़ना, गठिया – Gout, थाइरोइड, गैस, बदहजमी, दस्त, हैजा, थकान, किडनी के रोग, पेशाब सम्बंधित रोग, पत्थरी और अन्य कई प्रकार के जटिल रोग. इन सबको सही करने का सबसे सही और सस्ता उपयोग है शरीर को एल्कलाइन कर लेना. किसी डॉक्टर ने इसके बारे में क्या खूब कहा है के – “No Disease including cancer, can exist in an alkaline envioronment” Dr. Otto Warburg – Noble Prize Winner 1931 Ph level kya hai – पी एच लेवल क्या है? इसको समझने के लिए सबसे पहले आपको PH को समझना होगा, हमारे शरीर में अलग अलग तरह के द्रव्य पाए जाते हैं, उन सबकी PH अलग अलग होती है, हमारे शरीर की सामान्य Ph 7.35 से 7.41 तक होती है, PH पैमाने में PH 1 से 14 तक होती है, 7 PH न्यूट्रल मानी जाती है, यानी ना एसिडिक और ना ही एल्कलाइन. 7 से 1 की तरफ ये जाती है तो समझो एसिडिटी बढ़ रही है, और 7 से 14 की तरफ जाएगी तो Alkalinity क्षारीयता बढ़ रही है. अगर हम अपने शरीर के अन्दर पाए जाने वाले विभिन्न द्रव्यों की PH को Alkaline की तरफ लेकर जाते हैं. तो हम बहुत सारी बीमारियों के मूल कारण को हटा सकते हैं, और उनको हमेशा के लिए Cure कर सकते हैं. cancer and PH – कैंसर उदहारण के तौर पर सभी तरह के कैंसर सिर्फ Acidic Environment में ही पनपते हैं. क्यूंकि कैंसर की कोशिका में शुगर का ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में Fermentation होता है जिससे अंतिम उत्पाद के रूप में लैक्टिक एसिड बनता है और यही लैक्टिक एसिड Acidic Environment पैदा करता है जिस से वहां पर एसिडिटी बढती जाती है और कैंसर की ग्रोथ बढती जाती है. और ये हम सभी जानते हैं के कैंसर होने का मूल कारण यही है के कोशिकाओं में ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में और ना के बराबर पहुँचता है. और वहां पर मौजूद ग्लूकोस लैक्टिक एसिड में बदलना शुरू हो जाता है. Gout and PH – गठिया दूसरा उदहारण है के Gout जिसको गठिया भी कहते हैं, इसमें रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रक्त एसिडिक होना शुरू हो जाता है, जितना ब्लड अधिक एसिडिक होगा उतना ही यूरिक एसिड उसमे ज्यादा जमा होना शुरू हो जायेगा. अगर हम ऐसी डाइट खाएं जिससे हमारा पेशाब Alkaline हो जाए तो ये बढ़ा हुआ यूरिक एसिड Alkaline Urine में आसानी से बाहर निकल जायेगा. UTI and PH – पेशाब का संक्रमण तीसरा उदहारण है के UTI जिसको Urinary tract infection कहते हैं, इसमें मुख्य रोग कारक जो बैक्टीरिया है वो E.Coli है, ये बैक्टीरिया एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है. इसके अलावा Candida Albicanes नामक फंगस भी एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है. इसीलिए UTI तभी होते हैं जब पेशाब की PH अधिक एसिडिक हो. Kidney and PH – किडनी चौथी एक और उदाहरण देते हैं के किडनी की समस्या मुख्यतः एसिडिक वातावरण में ही होती है, अगर किडनी का PH हम एल्कलाइन कर देंगे तो किडनी से सम्बंधित कोई भी रोग नहीं होगा. मसलन क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड, पत्थरी इत्यादि समस्याएँ जो भी किडनी से सम्बंधित हैं वो नहीं होंगी. वर्तमान स्थिति आजकल हम जो भी भोजन कर रहें हैं वो 90 प्रतिशत तक एसिडिक ही है, और फिर हमारा सवाल होता है के हम सही क्यों नहीं हो रहे. या फिर कहते हैं के हमने ढेरों इलाज करवाए मगर आराम अभी तक नहीं आया. बहुत दवा खायी मगर फिर भी आराम नहीं हो रहा. तो उन सबका मुख्यः कारण यही है के उनका PH लेवल कम हो जाना अर्थात एसिडिक हो जाना. आज हम इसी विषय पर बात करेंगे के कैसे हम अपना PH level बढ़ाएं और इन बिमारियों से मुक्ति पायें.👉सम्पर्क.  Satish Shukla 7505774440
5 notes · View notes
medtalksblog · 2 years
Link
0 notes