30 अक्टूबर 2023 को राहु केतु के गोचर फल को देखे अपनी चंद्र राशि के अनुसार जानने के लिए हिंदुस्तान हिंदी अखबार में विस्तृत रूप से पढ़ें।
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Navagraha Mantra by Famous Astrologer Astro Guru Deepak Jain
Navagraha Mantra by Famous Astrologer Astro Guru Deepak Jain
Navagraha Mantra by Famous Astrologer Astro Guru Deepak Jain
Navagraha Mantra by Famous Astrologer Astro Guru Deepak Jain
According to the research of different scriptures of India’s famous Astrologer Astro Guru Deepak Jain about Navagraha Mantra, all the nine planets of the horoscope – Sun, Moon, Mars, Mercury, Jupiter, Venus, Saturn, Rahu, Ketu affect every aspect of life. Means marriage,…
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सुद्ध सच्चिदानंदमय कंद भानुकुल केतु
चरितकरत नर अनुहरत संसृति सागर सेतु
शुद्ध (प्रकृतिजन्य त्रिगुणों से रहित, मायातीत दिव्य मंगलविग्रह) सच्चिदानंद-कन्द स्वरूप सूर्य कुल के ध्वजा रूप भगवान श्री रामचन्द्रजी मनुष्यों के सदृश ऐसे चरित्र करते हैं, जो संसार रूपी समुद्र के पार उतरने के लिए पुल के समान हैं_जय श्री राम🏹🌷🙏
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#GodNightFriday
सतनाम साधक
पर किसी भी ग्रह तथा राहु-केतु का कोई प्रभाव नहीं पड़ता तथा दशों दिशाओं की सर्व बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
📲अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" Youtube Channel पर विजिट करें।
Watch sadhna TV 7:30pm !
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बुध सूर्य केतु छ्टे घर में वृश्चिक राशि में क्या फल देते हैं?
वृश्चिक राशि में छठे घर में बुध, सूर्य और केतु का संयोजन कुछ विशेष और जटिल परिणाम दे सकता है। छठा घर ऋण, शत्रु, रोग, और सेवा से संबंधित है, और वृश्चिक राशि की गहरी, गोपनीय, और जटिल ऊर्जा इन ग्रहों के प्रभावों को प्रभावित करती है। यहाँ इस संयोजन के कुछ संभावित फल दिए गए हैं:
ध्यान केंद्रित और गहरी सोच: बुध छठे घर में वृश्चिक राशि में होने से जातक की मानसिक क्षमता गहरी और शोधात्मक हो जाती है। जातक समस्याओं को गहराई से समझने और उनका हल निकालने में सक्षम हो सकता है। सूर्य और बुध के साथ होने से विश्लेषणात्मक सोच और अधिक सटीक हो जाती है, जो विशेष रूप से कामकाज में मददगार हो सकती है।
स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ: सूर्य और केतु का छठे घर में होना स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की ओर संकेत कर सकता है, विशेषकर अगर सूर्य कमजोर हो। केतु भ्रम और अनदेखी की प्रवृत्ति पैदा कर सकता है, जिससे जातक अपने स्वास्थ्य को अनदेखा कर सकता है या गलत निदान हो सकता है। पेट या जननांगों से संबंधित समस्याएँ होने की संभावना हो सकती है, क्योंकि वृश्चिक राशि इन अंगों से जुड़ी होती है।
शत्रुओं पर विजय: छठे घर का संबंध शत्रुओं और मुकदमों से भी है। बुध और सूर्य का यहाँ होना जातक को शत्रुओं पर विजय दिला सकता है। बुध की चतुराई और सूर्य की शक्ति के साथ, जातक शत्रुओं या प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ लड़ाई में सफल हो सकता है। केतु की उपस्थिति से यह विजय अप्रत्याशित या रहस्यमय तरीकों से हो सकती है।
Note : और अधिक जानकारी के लिए आप Kundli Chakra 2024 - Astrology एप्लीकेशन की मदद ले सकते है। जो आपको एक सटीक उत्तर दे सकता है.
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कुंडली में आंशिक काल सर्प दोष होने से जीवन में क्या दुष्प्रभाव होते है ?
काल सर्प दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो कुंडली में राहु और केतु की विशेष स्थिति को संकेत करता है। इसे कुंडली में 'राहु-केतु सर्प दोष' भी कहा जाता है। काल सर्प दोष के होने से जीवन में कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे:
धन संबंधी परेशानी: काल सर्प दोष के कारण धन संबंधी परेशानी हो सकती है। धन की निर्धारितता, धन का बिगड़ना, वित्तीय संकट आदि के लिए यह दोष जिम्मेदार हो सकता है।
परिवारिक समस्याएं: काल सर्प दोष के कारण परिवारिक संबंधों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। परिवार के बीच विवाद, असंतुलन, और विवाह संबंधों में कठिनाई का सामना किया जा सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: काल सर्प दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह विभिन्न प्रकार की रोगों और तकलीफों का कारण बन सकता है।
करियर में असफलता: काल सर्प दोष के कारण करियर में असफलता और परेशानियां हो सकती हैं। कठिनाईयों, रोक-टोकों, या निराशा का अनुभव किया जा सकता है।
मानसिक तनाव: काल सर्प दोष से युक्त व्यक्ति में मानसिक तनाव और चिंता की समस्याएं हो सकती हैं। यह उन्हें चिंतित, अस्थिर, और असंतुष्ट बना सकता है।
आध्यात्मिक प्रगति में बाधाएं: काल सर्प दोष के कारण आध्यात्मिक प्रगति में भी बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। व्यक्ति की मानसिक शक्ति और आत्म-विश्वास पर असर पड़ सकता है।
काल सर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिषियों द्वारा कुछ उपायों की सिफारिश की जाती हैं, जैसे कि मंत्र जाप, दान-धर्म, पूजा-अर्चना, यंत्र-तंत्र, आदि। इन उपायों का उचित अनुसरण करने से व्यक्ति की स्थिति में सुधार हो सकता है।
कृपया ध्यान दें कि काल सर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली के अनुसार भिन्न हो सकता है, और और अधिक जानकरी के लिए आप टोना टोटक सॉफ्टवेयर की मदद ले सकते है।
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कालसर्प दोष: ज्योतिषीय परिस्थिति और निवारण
ज्योतिष विज्ञान एक ऐसी विद्या है जो व्यक्ति के जीवन को ग्रहों के चलने के साथ जोड़ती है। यहां हम एक ऐसे विशेष योग के बारे में चर्चा करेंगे जिसे "कालसर्प दोष" कहा जाता है और जिसका निवारण ज्योतिषीय उपायों के माध्यम से किया जा सकता है।
कालसर्प दोष क्या है?
कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय प्रवृत्ति है जो किसी कुंडली में राहु और केतु ग्रहों के बीच में बनने वाले योगों को संकेत करती है। इसे कालसर्प योग भी कहा जाता है, और इसके कारण जातक को विभिन्न जीवन क्षेत्रों में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।
कालसर्प दोष क प्रकार:
कालसर्प दोष के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि अनंत, कुलिक, वासुकि, शंखपाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, और कैलास। इन प्रकारों के आधार पर व्यक्ति की कुंडली में किस प्रकार का कालसर्प दोष है, इसे निर्धारित किया जाता है।
कालसर्प दोष के प्रभाव:
परिवारिक समस्याएं: कालसर्प दोष के कारण परिवारिक संबंधों में कठिनाईयाँ उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषज्ञता और समझदारी से इसका सामना करना आवश्यक होता है
आर्थिक समस्याएं: कालसर्प दोष के चलते व्यक्ति को आर्थिक समस्याएं भी आ सकती हैं। नियमित रूप से धन संबंधित परिस्थितियों का विचार करना महत्वपूर्ण है।
स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ व्यक्तियों को कालसर्प दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। नियमित चेकअप और स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखना आवश्यक है।
कालसर्प दोष का निवारण:
पूजा और हवन: कालसर्प दोष के उपाय में पूजा और हवन का महत्वपूर्ण स्थान है। निर्धारित रूप से मंगलवार को कालसर्प पूजा करना और हवन आयोजित करना चाहिए।
मंत्र जाप: कालसर्प दोष के उपाय के रूप में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी फलकारी हो सकता है। गुरु मंत्र और केतु मंत्र का नियमित रूप से जाप करना लाभकारी हो सकता है।
रत्न धारण: कुछ ज्योतिषी रत्नों के धारण को भी कालसर्प दोष से मुक्ति प्रदान करने का सुझाव देते हैं। नीलम या मूंगा रत्न का धारण करना इसमें शामिल है।
दान और तप: कुछ लोग दान और तप के माध्यम से भी कालसर्प दोष का निवारण करते हैं। गौ-दान, तिल-दान, और वस्त्र-दान इसमें शामिल हैं।
कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय परिस्थिति है जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती है, लेकिन समझदारी से और उचित उपायों के माध्यम से इसका सामना किया जा सकता है। धार्मिकता, सच्चाई, और आत्म-समर्पण के साथ, व्यक्ति इस प्रकार के ज्योतिषीय परिस्थितियों को पार कर सकता है काल सर्प दोष के निवारण के लिए आप किसी पंडित से सलाह ले सकते है और अगर आप खुद से कालसर्प दोष का निवारण करना चाहते है तो होराइजन आर्क के कुंडली चक्र से कर सकते है ये काफी अच्छा सॉफ्टवेयर है और आप अपने जीवन को संतुलित और समृद्धि भरा बना सकता है।
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🐅 शारदीय नवरात्रि : नवमी: माँ सिद्धिदात्री [Monday, 23 October 2023]
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ॥
शक्ति की सर्वोच्च देवी माँ आदि-पराशक्ति, भगवान शिव के बाएं आधे भाग से सिद्धिदात्री के रूप में प्रकट हुईं। माँ सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करती हैं। यहां तक कि भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की सहयता से अपनी सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। माँ सिद्धिदात्री केवल मनुष्यों द्वारा ही नहीं बल्कि देव, गंधर्व, असुर, यक्ष और सिद्धों द्वारा भी पूजी जाती हैं। जब माँ सिद्धिदात्री शिव के बाएं आधे भाग से प्रकट हुईं, तब भगवान शिव को र्ध-नारीश्वर का नाम दिया गया।
तिथि: आश्विन शुक्ल नवमी
आसन: कमल
अत्र-शस्त्र: चार हाथ - दाहिने हाथ में गदा तथा चक्र, बाएं हाथ में कमल का फूल व शंख शोभायमान है।
ग्रह: केतु
शुभ रंग: मोर वाला हरा
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🐅 नवरात्रि में कन्या/कंजक पूजन की विधि - Method of Kanya Pujan in Navratri
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🐅 दुर्गा चालीसा - Durga Chalisa
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#AlmightyGodKabir
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कबीर
सतनाम साधक
पर किसी भी ग्रह तथा राहु-केतु का कोई
प्रभाव नहीं पड़ता तथा दशों दिशाओं की
सर्व बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
Kindly visit
(SANT RAMPAL JI MAHARAJ )Youtube Channel for more information about way of worship.
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