पौधे आज बने हैं साकी ले ले फूलों का प्याला,
भरी हुई है जिसके अंदर परिमल-मधु-सुरिभत हाला,
माँग माँगकर भ्रमरों के दल रस की मदिरा पीते हैं,
झूम झपक मद-झंपित होते, उपवन क्या है मधुशाला!।३३।
Charan Sparsh Guruji🙏🌹
Love
Ef Bharat Gupta
Kutch,Gujarat❤
@srbachchan
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रंगोली चंदेल ने कंगना रनौत की फिल्मफेयर में झपकी, नेहा कक्कड़ ने शादी के सवाल पर हंसते हुए कहा
रंगोली चंदेल ने कंगना रनौत की फिल्मफेयर में झपकी, नेहा कक्कड़ ने शादी के सवाल पर हंसते हुए कहा
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कंगना रनौत की बहन रंगोली चंदेल ने फिल्मफेयर अवार्ड्स के बाद आलिया भट्ट, अनन्या पांडे, जोया अख्तर और करण जौहर को पटकनी देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। अवार्ड की रात में, गली बॉय ने 13 अवार्ड जीतकर एक रिकॉर्ड बनाया, जिसमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और अभिनेत्री प्रमुख, सहायक अभिनेता और अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ संगीत, गीत और कई अन्य शामिल थे।
पढ़ें: आलिया, अनन्या, करण…
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कुछ हाथ से मेरे निकल गया,
वो पलक झपक के छिप गया,
फिर लाश बिछ गयी लाखों की,
सब पलक झपक के बदल गया।
जब रिश्ते राख में बदल गए,
इंसानियत का दिल दहल गया,
मैं पूछ पूछ के हार गया,
क्यूँ मेरा भारत बदल गया?
खूब बहती है,अमन कि गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो।
लाल हरे रंग में ना बाटो हमको,
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो।
#fariyaznf #happyindependenceday
#Aazadi ka din
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नेहा भिनिस के साथ मिठाइयां चक्रवर्ती ने जोड़ा ने जोड़ा, बिपाई झपक के साथ ही ऑडियन्स !
नेहा भिनिस के साथ मिठाइयां चक्रवर्ती ने जोड़ा ने जोड़ा, बिपाई झपक के साथ ही ऑडियन्स !
बॉलीवुड शिंगरिंग और बॉस नेहा भसीन की रिएलिटी शो हूनरबाज़ के लिए मारवाड़ी होनहार जा रहा है। हुनरबाज़ के मंच पर नेहा भिसने भाव से दिलकश नेहा भजाइन के असामान्य मौसम चक्रवर्ती, करेक्शन और परिणीति खराब मौसम खराब होने वाली हैं। इस बीच तैयार करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाता है।
मेकर्स ने हुनर्बाज़ के शेयर इस खेल का एक प्रोमो वीडियो है। चोंद के इस वीडियो में शौपिंग करने पर दिमाग़ खराब होने की…
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--- आप किस प्रवृत्ति के हैं -
वेदों के अनुसार हमारे अंदर 3 प्रकार के गुण पाए जाते हैं। उन्हीं में से हर किसी में एक न एक गुण की प्रधानता भी होती है।
सतोगुण आपको शांत और नियंत्रित रखता है।
रजोगुण आपको प्रर्दशित करने को उकसाता है।
तमोगुण आसुरी प्रवृत्ति है जिसमें प्राणी हमेशा दूसरों को हानि ही पहुंचाने की सोचता है। दूसरों का हक छीनकर रखना चाहता है।
कुछ लोग बल्ब की तरह होते हैं जो एकदम इशारा समझ जाते हैं और जल पड़ते हैं। मगर कुछ ऐसे होते हैं टयूबलाईट की तरह से झपक-झपक कर ही जलते हैं। परन्तु कुछ ऐसे भी देखे जाते हैं जिनका स्टार्टर ही ख़राब होता है क्योंकि वे लोभ, मोह, अहंकार या इर्ष्या के पाश में बंधे होने के कारण रोशनी ही नहीं ले पाते, दे पाते। कई टयूब जब एक ओर से काली हो जाती हैं वे भी शायद ऐसे ही कुछ कारण से हो ।
अगर हम देखें तो लोग जन्म से ही विकलांग नहीं होते। ज्यादातर लोग अपनी गलतियों से ही हाथ, पांव या शरीर की अन्य व्याधियों से रोगग्रस्त पाए जाते हैं। अगर उन व्यक्तियों का सर्वक्षण करने पर जान पाएंगे कि वे सच में किसी न किसी मानसिकता के वशीभूत होकर ही उस रोग की गिरफत में आ जाते हैं।
मानसिक रोगियों की मानसिकता होती है कि चाहे रिश्ते खराब हों मगर लोग अक्सर टूटना पसंद करते हैं, झुकना नहीं।
हमें स्कूल में त्रिकोण, चौकोण, लघुकोण, समकोण, षटकोण इत्यादि सब पढ़ाया जाता है पर जो जीवन में हमेशा उपयोगी है वह कभी पढ़ाया नहीं जाता वो है दृष्टिकोण।
अगर मनुष्य की दृष्टि ही ठीक हो जाए तो उसकी सृष्टि खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है। हमारे अंदर जो कोई अवगुण भी हैं वे तमोगुण से रजोगुण और फिर सतोगुण तक पहुंच सकता है। हमारी सोचने की शक्ति, दृष्टि,के जरिए हम हर प्रवृत्ति को बदलने में सक्षम हो सकते हैं।
प्रयास जारी रखें।
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MS Dhoni Retirement: रिटायरमेंट के बाद जब फूट-फूटकर रोने लगे धोनी-रैना, खिलाड़ी ने किया खुलासा [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
MS Dhoni Retirement: रिटायरमेंट के बाद जब फूट-फूटकर रोने लगे धोनी-रैना, खिलाड़ी ने किया खुलासा [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
नई दिल्ली।
MS Dhoni Retirement: भारतीय टीम ( Indian Team ) के पूर्व कप्तान और पलक झपक विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ( Mahendra Singh Dhoni ) , वहीं ताबड़तोड़ बल्लेबाज सुरेश रैना ( Suresh Raina ) ने 15 अगस्त की शाम को इंटरनेशनल क्रिकेट ( International Cricket ) से रिटायरमेंट ले लिया। दोनों के अचानक संन्यास से हर कोई हैरान है। एक साथ दो बड़े खिलाड़ियों के रिटायरमेंट ( Dhoni Raina Retirement…
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मोहसिन नक़वी » Script वो दिल का बुरा, न बेवफा था बस, मुझ से यूंही बिछड़ गया था लफ़्ज़ों की हदों से मावरा था अब किस से कहूँ वोह शख्स कहाँ था ? वोह मेरी ग़ज़ल का आइना था हर शख्स यह बात जानता था हर सिमत उसी का तज़करा था हर दिल में वोह जैसे बस रहा था मैं उस की अना का आसरा था वोह मुझ से कभी न रूठता था मैं धुप के बन में जल रहा था वोह साया-अब्र बन गया था मैं बाँझ रुतों का आशना था वोह मोसम-ए-गुल का ज़ाइका था एक बार बिछड़ के जब मिला था वोह मुझ से लिपट के रो पड़ा था क्या कुछ न उस से कहा गया था? उस ने तो लबों को सी लिया था वोह चाँद का हमसफ़र था शायद रातों को तमाम जगता था होंटों में गुलों की नरम खुशबू बातों में तो शहद घुलता था कहने को जुदा था मुझ से लेकिन वोह मेरी रगों में गूंजता था उस ने जो कहा, किया वोह दिल ने इंकार का किस में हौसला था यूँ दिल में थी याद उसकी जैसे मस्जिद में चराग जल रहा था मत पूछ हिजाब के करीने वोह मुझ से भी कम ही खुल सका था उस दिन मेरा दिल भी था परेशां वोह भी मेरे दिल से कुछ खफा था मैं भी था डरा हुवा सा लेकिन रंग उस का भी कुछ उड़ा उड़ा था एक खौफ़ सा हिज्र की रुतों का दोनों पे मोहित हो चला था एक राह से मैं भी था गुरेज़ाँ एक मोड़ पे वोह भी रुक गया था एक पल में झपक गईं जो आँखें मंज़र ही नज़र में दूसरा था सोचा तो ठहर गए ज़माने देखा तो वोह दूर जा चुका था कदमों से ज़मीन सिरक गयी थी सूरज का भी रंग सांवला था चलते हुवे लोग रुक गए थे ठहरा हुवा शहर घूमता था सहमे हुवे पेड कांपते थे पत्तों में हीरस रेंगता था रखता था मैं जिसमें खवाब अपने वोह कांच का घर चटख गया था हम दोनों का दुःख था एक जैसा एहसास मगर जुदा जुदा था कल शब वोह मिला था दोस्तों को कहते हैं उदास लग रहा था मोहसिन यह ग़ज़ल ही कह रही है शायद तेरा दिल दुःख हुआ था https://www.instagram.com/p/B17opKeBAKM/?igshid=aejzopb7s835
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एमाले झापाको दश दिने म्याद बनियानी (झापा), २३ चैत । आसन्न स्थानीय तह निर्वाचनको मिति नजिकिएसँगै नेकपा (एमाले) झापाले उम्मेदवार सिफारिस र छनोटका लागि प्रक्रिया, विधि र समय सीमा निर्धारण गरेको छ । पार्टीको मङ्गलबार बसेको जिल्ला सचिवालयको बैठकले उक्त निर्णय गरेको हो । बैठकले सबै गाउँपालिका र नगरपालिका तथा वडाका उम्मेदवारको सिफारिस गर्न १० दिनको समयसीमा निर्धारण गरेको छ । गाउँपालिका र नगरपालिका बिजोडी वडामा चैत २७ गते र जोडी वडामा चैत २८ गते बैठक बसेर वडा अध्यक्ष, महिला सदस्य, दलित महिला सदस्य र दुई खुल्ला सदस्यको लागि उम्मेदवारको नामावली सिफारिस गर्न निर्देशन गरेको हो । त्यस्तै, गाउँपालिका र नगरपालिकाका अध्यक्ष–उपाध्यक्ष र मेयर–उपमेयरका उम्मेदवारको नामावली सिफारिस गर्न गाउँ–नगर सङ्गठन कमिटीलाई वैशाख ३ गते बैठक बस्न निर्देशन दिएको छ । पार्टी केन्द्रले निर्धारण गरेको मापदण्डसँगै स्थानीय पार्टी कामसमेतलाई आधार मानी उम्मेदवारको नाम सिफारिस गर्न अन्तरपार्टी निर्देशन जारी गरेको जिल्ला प्रचार विभाग प्रमुख माधव विद्रोहीले जानकारी दिनुभयो । जिल्ला पार्टीले मातहतका कमिटीलाई धेरैजनाको नाम सिफारिस नगर्न पनि सुझाएको छ । जिल्ला पार्टी कार्यालयका सचिव शिव ढुङ्गेलका अनुसार मातहत कमिटीले सकेसम्म एक÷एक जनाको नाममात्र निर्णय गरी अनुमोदनका लागि जिल्लामा पठाउन निर्देशन गरिएको छ । पार्टी स्थायी कमिटीको निर्णयअनुसार वडा कमिटीबाट सिफारिस गरिएका नामावलीमध्ये वडा अध्यक्ष, महिला सदस्य, दलित महिला सदस्य तथा खुल्ला दुई सदस्यको उम्मेदवार जिल्ला कमिटीले निर्णय गर्नेछ । यस्तै, नगरपालिकाको मेयर र उपमेयर तथा गाउँपालिकाको अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष जिल्ला कमिटीको सिफारिसमा प्रदेश कमिटीले निर्णय गर्ने प्रावधान बनाइएको छ । The post एमाले झापाको दश दिने म्याद appeared first on Etajakhabar.
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कुछ हाथ से मेरे निकल गया,
वो पलक झपक के छिप गया,
फिर लाश बिछ गयी लाखों की,
सब पलक झपक के बदल गया।
जब रिश्ते राख में बदल गए,
इंसानियत का दिल दहल गया,
मैं पूछ पूछ के हार गया,
क्यूँ मेरा भारत बदल गया?
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खूब बहती है,अमन कि गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो।
लाल हरे रंग में ना बाटो हमको,
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो।
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Most famous deshbhakti hindi status
Hey everybody loves their country and wanted to so their affection to their country but the everyone can’t go to the border areas and fight to the enemies and serve their country and hence other choose another way to share their love towards their country like they help the to keep the country to keep neat and clean and always try to help others and hence indirectly the contribute to the country but some others like to share deshbhakti status like the others type of status like thoughts of life or the other status they used to share with their picture and nearly all the peoples like to use viral dp status for their dp during the independence days and the republic days and here today we are sharing the such type of status collections with you
कुछ नशा तिरंगे की आन का हैं,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का हैं,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का ��ैं.
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है.
कुछ हाथ से मेरे निकल गया,
वो पलक झपक के छिप गया,
फिर लाश बिछ गयी लाखों की,
सब पलक झपक के बदल गया।
जब रिश्ते राख में बदल गए,
इंसानियत का दिल दहल गया,
मैं पूछ पूछ के हार गया,
क्यूँ मेरा भारत बदल गया?
लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा.
जिसे सींचा लहू से है वो यूँ खो नहीं सकती,
सियासत चाह कर विष बीज हरगिज बो नहीं सकती,
वतन के नाम पर जीना वतन के नाम मर जाना,
शहादत से बड़ी कोई इबादत हो नहीं सकती.
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है.
ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई ,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता
मेरा "हिंदुस्तान" महान था,
महान है और महान रहेगा,
होगा हौसला बुलंद सब के ड़ों में बुलंद
तो एक दिन पाक भी जय हिन्द कहेगा.
मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है,
है दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान,
अपने तो दिल में है दोस्त,
बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान.
वतन हमारा ऐसे न छोड़ पाए कोई,
रिश्ता हमारा ऐसे न तोड़ पाए कोई,
दिल हमारे एक है एक है हमारी जान,
हिंदुस्तान हमारा है, हम है इसकी शान.
बस ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर भी जिसकी हिफाजत की शहीदों ने,
उस तिरंगे को सदा दिल में बसायें रखना.
उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार हैं,
आप और हम इसलिए खुशहाल हैं
क्योकि सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार हैं.
किसी को लगता हैं हिन्दू ख़तरे में हैं,
किसी को लगता मुसलमान ख़तरे में हैं,
धर्म का चश्मा उतार कर देखो यारों,
पता चलेगा हमारा हिंदुस्तान ख़तरे में हैं.
भारत का वीर जवान हूँ मैं,
ना हिन्दू, ना मुसलमान हूँ मैं,
जख्मो से भरा सीना हैं मगर,
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं,
भारत का वीर जवान हूँ मैं.
जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं
माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की आजादी बचाते हैं
देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं.
शहीदों के त्याग को हम बदनाम नही होने देंगे,
भारत की इस आजादी की कभी शाम नही होने देंगे.
आओ झुककर सलाम करे उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जिनका लहू इस देश के काम आता है.
कुछ पन्ने इतिहास के
मेरे मुल्क के सीने में शमशीर हो गएँ,
जो लड़े, जो मरे वो शहीद हो गएँ,
जो डरे, जो झुके वो वजीर हो गएँ.
खुशनसीव हैं वो जो
वतन पे मिट जाते हैं,
मर कर भी वो लोग
अमर हो जाते हैं,
करता हूँ तुम्हे सलाम
ऐ वतन पर मिटने वालो,
तुम्हारी हर सांस में बसना
तिरंगे का नसीव है।
जय हिन्द...!
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त्राटक साधना
त्राटक साधना
त्राटक एक ऐसी साधना विधि है, जो आपको शून्य में ले जाने में सहायता करती है, जो आपको आपके अस्तित्व को भुला देने में सहायता करती है, जिसके द्वारा हम प्रकृति से लयबद्ध हो सकते हैं। त्राटक विधि आतंरिक ध्यान साधना के पहले एक तरह की रिहर्सल साधना है, लेकिन इसे हलके में लेने की भूल नहीं की जा सकती। अपने आप में यह साधना विधि अत्यंत प्रचंड एवं त्रिकालदर्शी साधना है। इसी को वैदिक साहित्य में शिव का तीसरा नेत्र कहा गया है। यह साधना आपके आज्ञाचक्र को प्रभावित करती है। आज्ञाचक्र हमारे दोनों नेत्रों के मध्य थोड़ा ऊपर की और स्थित होता है , जहां महादेव शिव की तीसरी आँख का वर्णन किया गया है। इसी लिए उन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहा जाता है। जब आज्ञाचक्र प्रभावित होता है तो यह जीवन के विविध आयाम दिखाता है, विभिन्न आलौकिक अनुभूतियों से परिचित करवाता है। यहाँ मै नहीं कहूंगा की आज्ञाचक्र खुलता है, क्योंकि इसके खुल जाने की स्थिति साधारण नहीं होती एवं यदि यह खुलता भी है तो भी यह प्रकृति की दुर्लभतम घटनाओं में से एक मानी जाएगी। इसका खुलना उतना आसान नहीं होता जितना आसान अनेक लोगों द्वारा बताया जाता है। उसके खुलने हेतु कुण्डलिनी महाशक्ति की अत्यंत कठिन साधना करनी होती है, तथा मूलाधार जो कि शरीर में सबसे निचला चक्र होता है, तथा जहा�� मानव की प्रचंड शक्ति सुप्तावस्था में पड़ी रहती है, उसे ध्यान द्वारा जगाना पड़ता है, तब वह महाशक्ति उर्ध्वगामी अर्थात ऊपर की और आती हुई सभी चक्रों को भेदते हुए आज्ञाचक्र पर आती है , और तब वह चक्र खुलता है। साधारणतः आज्ञाचक्र को किसी प्रकार प्रभावित करके उसके द्वारा कुछ लाभ ही लिए जा सकते हैं, क्योंकि आज्ञाचक्र खुलने पर व्यक्ति अपने शरीर को छोड़कर कहीं भी आ-जा सकता है, किसी भी व्यक्ति, वस्तु अथवा पदार्थ का ज्ञान प्राप्त कर सकता है, जो एकदम असाधारण घटना होती है, सामान्यतः त्राटक द्वारा आज्ञाचक्र प्रभावित कर लेने मात्र से भी असाधारण अनुभव प्राप्त किए जा सकते हैं। त्राटक द्वारा हमें भविष्य और भूत की धुंधली अनुभूतियाँ स्वप्नों आदि के माध्यम से होने लगती है, अच्छे- बुरे व्यक्ति का आभास हो सकता है, किसी घटना का आभास होने लगता है, परम शांति का अनुभव होने लगता है, अपनी साँसों की ध्वनि सुनाई देने लग सकती है, अशरीर अर्थात शरीर नहीं होने का भाव जागने लग सकता है, परम एकाग्रता प्राप्त हो सकती है तथा यह एकाग्रता इतनी तीव्र हो सकती है कि हम किसी असंभव से लगने वाले कार्य को भी पूरा कर दें। तब आत्मविश्वास इतना बढ़ जाता है कि हमें किसी को भी नियंत्रित कर लेने का सामर्थ्य प्राप्त हो जाता है जो कि भौतिक जीवन में बड़े काम की चीज़ है। त्राटक साधना विभिन्न प्रकार से की जा सकती है। इसमें सबसे ज्यादा प्रचलित साधना अग्नि त्राटक है। अग्नि को एकटक देखने की क्रिया त्राटक कहलाती है। एकटक देखने से अभिप्राय है कि बिना कुछ सोचे-समझे या विचारे बस पागलों की तरह अग्नि को ताकते रहो। इसके लिए एक तेल का दीपक जला कर अपने से २ से ३ फ़ीट दूर रख कर एकदम अँधेरे कमरे में अथवा एकदम सुनसान अँधेरे स्थल पर बैठ जाइये तथा केवल दीपक की जलती लौ को देखते रहिये, और विचारों को मारने के लिए केवल साँसों पर ध्यान देते रहिये, आप कुछ महीनों में पाएंगे कि दीपक की लौ में एक अलग ही किस्म का आकर्षण उत्पन्न हो जाएगा, आप उसके भीतर तक देख सकने में सक्षम हो जाएंगे, तब आप शून्य में पहुँच जाएंगे, लेकिन आपको विचार कुछ नहीं करना है, बस देखते रहना है। इस तरह दीपक को प्रतिदिन एक नियत समय पर ताकते रहें और विचारों को मन में ना आने दें। बहुत लोग कहते हैं कि दीपक की लौ को लगातार देखना है। यह एक गलत विचारधारा है, इस प्रकार आँखों को क्षति हो सकती है, आप अपनी सामर्थ्यानुसार लौ को देखते रहिये और पलक झपक भी जाए तो कोई नुकसान नहीं। हमें तो सिर्फ विचार शून्य होना है चाहे साधन कुछ भी हो। इस प्रकार धीरे धीरे आप प्रतिदिन के प्रयासों से शीघ्र ही शून्य में पहुंचने के क़रीब हो जाएंगे तथा आपको अनेक आलौकिक अनुभूतियाँ भी होनी प्रारम्भ हो जाएंगी। और इस बारे में अधिक जानने के लिए आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं। शीघ्र ही मै अन्य विधियों को भी आपके सम्मुख प्रकाश में लाऊंगा। मै आशा करता हूँ आपको यह लेख पसंद आया होगा।
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किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र-भर फिर भी। ये हुस्नो-इश्क़ तो धोखा है सब, मगर फिर भी।। हज़ार बार ज़माना इधर से गुजरा है। नई-नई सी है तेरी रहगुज़र फिर भी ।। झपक रही हैं ज़मनो-मकाँ की भी आँखें। मगर है क़ाफ़िला आमादा-ए-सफर फिर भी।। अगर्चे बेखुदी-ए-इश्क को ज़माना हुआ। 'फिराक़' करती रही काम वो नज़र फिर भी।। - फिराक़ गोरखपुरी ❤️ . . . #love #lovelovelove #DelhiEyes #100daysofpoetry #Day04 #APoemADay #poem #poetgram #firaqgorakhpuri #twolovers #lover #beloved #vscocam #gopro #mehrauliarchaeologicalpark #raajokibaoli #delhigirl #poems #literature #joy #urdupoetrylovers #urdupoetry #kavi #kavita #courage #poetry #poet #delhisummers #tuesday #Delhi #India (at Triveni Terrace Café)
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चर्च में जब अचानक जाग उठी ‘ईसा मसीह’ की मूर्ति, भागने लगे लोग यूथ इण्डिया संवाददाता। मेक्सिको के एक चर्च में ऐसा चमत्कार हुआ जिस पर विश्वास करना मुश्किल है। आपको बता दें कि इस चर्च में अचानक ही ईसा मसीह की मूर्ति जाग उठी। आइए आपको बताते हैं इसके पीछे का राज।मेक्सिको के इस चर्च में आचानक ही ‘ईसा मसीह’ की मूर्ति जो सालों से सोई थी, जाग उठी। इसे देखते ही लोगों में हड़बड़ी मच गई। सब इधर-उधर भागने लगे। वहीं कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बनाया जो तेजी से वायरल हो रहा है। इस चर्च में हजारों लोग रोज आते हैं। चर्च में लगे सीसीटीवी का फुटेज भी सामने आया है जिसमें जीसस की मूर्ति की खुली आंखे नजर आ रही हैं। दरअसल इस मूर्ति की आंखें अपने आप झपक रही थीं। लोग हैरान हो गए कि ऐसा कैसे हो सकता है। तस्वीरों में साफ दिखई दे रहा है कि मूर्ति की आंखें पहले बंद हैं लेकिन अगले ही पल ये खुली नजर आती हैं। जीसस की ये तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं। हालांकि ऐसा कैसे हुआ ये तो अभी तक किसी को पता नहीं चल पाया है।
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झापाको दशगजा क्षेत्रमा सीमास्तम्भ निरिक्षण भद्रपुर, १७ फागुन । नेपाल–भारत दशगजा क्षेत्रको झापाका प्रमुख जिल्ला अधिकारी उत्तरकुमार खत्रीको नेतृत्वको समूहले सोमबार निरीक्षण एवम् अवलोकन ग¥यो । सो समूहमा जिल्ला प्रहरी कार्यालय झापाका प्रहरी उपरीक्षक शैलेश थापा क्षेत्री, सीमा सुरक्षा कार्यालय, भद्रपुरका सशस्त्र प्रहरी उपरीक्षक आनन्द नेम्वाङ, राष्ट्रिय अनुसन्धान कार्यालय, भद्रपुरका उपनिर्देशक कृष्ण खनाल, नापी विभागका प्रमुख नापी अधिकृत सुशील डङ्गोल सहभागी हुनुन्थ्यो । निरीक्षणमा सहभागीले भद्रपुरस्थित १०१ नम्बरदेखि गौरीगन्जको १५१ नम्बरसम्मको सीमा स्तम्भ निरीक्षण अवलोकन गरी त्यहाँको वस्तुस्थितिका बारेमा जानकारी लिएका थिए । नेपाल–भारत सीमा सर्भेक्षण कार्यक्रमअन्तर्गत सुनसरी, मोरङ र झापा जिल्लामा रहेका सीमा स्तम्भको मर्मत, हराएका स्तम्भको निर्माण तथा दशगजा क्षेत्रको अतिक्रमणसम्बन्धी विवरण सङ्कलन गर्ने कार्य विगत दुई वर्षदेखि सञ्चालन हुँदै आएको छ । सोही कार्यक्रमको निरन्तरतास्वरुप बाँकी रहेका सीमा स्तम्भको मर्मत तथा निर्माण गर्ने कार्य यस वर्ष पनि सुरुवात भइसकेको छ । यसका लागि झापाको विर्तामोडमा गएको पुस ७ गते नेपाल–भारत सीमा सर्भेक्षणसम्बन्धी गठित फिल्ड सर्भे टिम (एफएसटी)को संयुक्त बैठक बसेको थियो । बैठकमा भारतका तर्फबाट सम्बन्धित जिल्लाका प्रमुख जिल्ला अधिकारी तथा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटले नेतृत्व गर्नुभएको उक्त संयुक्त बैठकमा नेपालका तर्फबाट झापा, मोरङ र सुनसरीका प्रमुख जिल्ला अधिकारी, सुरक्षा निकायका प्रमुख, जिल्ला वन कार्यालयका प्रमुख, नापी कार्यालय तथा भवन डिभिजन कार्यालयका प्रमुखको उपस्थिति थियो भने भारतका तर्फबाट किसनगन्ज, अररिया र सुपौल जिल्लाका डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, सुरक्षा निकाय तथा वन कार्यालयका प्रमुखको उपस्थिति थियो । सोही बैठकको निर्णयबमोजिम हाल सीमा सर्भेक्षणका कार्य भइरहेको कुरा नापी विभागका प्रमुख नापी अधिकृत सुशील डङ्गोलले बताउनुभयो । नेपाल–भारत सीमा सर्भेक्षण��ो सन्दर्भमा हालसम्म ६२ वटा हराएका स्तम्भको अवस्थितिको पहिचान भएर ४५ वटा नयाँ स्तम्भको निर्माण भइसकेको छ भने अन्य निर्माण हुने क्रम जारी छ । नापी विभागको टोलीले सीमा क्षेत्रका जीर्ण अवस्थाका ५५ वटा सीमा स्तम्भको मर्मत कार्य पनि सम्पन्न गरिसकेको छ भने अन्य नयाँ तथा जीर्ण स्तम्भको मर्मत गर्ने कार्य जारी रहेको नापी विभागका प्रमुख नापी अधिकृत डङ्गोलले बताउनुभयो । यसैगरी, सीमा क्षेत्र अवलोकन एवम् निरीक्षणको क्रममा झापाका प्रमुख जिल्ला अधिकारी खत्रीले सीमा क्षेत्रमा रहेका केचना प्रहरी चौकीका प्रमुख र इलाका प्रहरी कार्यालय, गौरीगन्जका प्रमुखलाई निर्देशन दिँदै सीमा क्षेत्रमा हुने गतिविधिका बारेमा विस्तृत जानकारी लिनुभएको थियो । साथै, निरीक्षण एवम् अवलोकन पछि नापी विभागका प्रमुख नापी अधिकृत डङ्गोलले नेपाल–भारतको दशजगा क्षेत्रमा भारतीय पक्षबाट भएको सीमा क्षेत्रको अतिक्रमणको नक्साङ्कन भइसकेको छ र यसबाट कति क्षेत्रफल अतिक्रमण भएको छ त्यसको विवरण केही समयपछि जानकारी दिने बताउनुभयो ।
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