Ranchi: आदिवासी महोत्सव में जनजातीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुन पर थिरकेगा झारखंड
–रीझ रंग रसिका रैली में 32 जनजातीय के वाद्य यंत्रों की अविस्मरणीय गूंज के सभी बनेंगे साक्षी
Ranchi: जहां चलना नृत्य और बोलना संगीत हो। उस धरा में 32 जनजातीय के वाद्ययंत्रों की अविस्मरणीय गूंज के हम सभी साक्षी बनेंगे। “रीझ रंग रसिका” रैली में जब पारंपरिक वेशभूषा में मांदर की थाप पर कदम थिरकेंगे, तब पूरा झारखंड थिरकेगा और वाद्ययंत्रों का संगम झारखंड आदिवासी महोत्सव का आगाज करेगा।
आकर्षण का केंद्र…
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कबीर, जो धन पाय न धर्म करत, नाहीं सद् व्यौहार।
सो प्रभु के चोर हैं, फिरते मारो मार।।
भावार्थ:- जो धन परमात्मा ने मानव को दिया है, उसमें से जो दान नहीं करते और न अच्छा आचरण करते हैं, वे परमात्मा के चोर हैं जो माया जोड़ने की धुन में मारे-मारे फिरते हैं। संत गरीबदास जी ने भी कहा है कि:-
जिन हर की चोरी करी और गए राम गुण भूल।
ते विधना बागुल किए, रहे ऊर्ध मुख झूल।।
यही प्रमाण गीता अध्याय 3 श्लोक 10 से 13 में कहा है कि जो धर्म-कर्म नहीं करते, जो परमात्मा द्वारा दिए धन से दान आदि धर्म कार्य नहीं करते, वे तो चोर हैं। वे तो अपना शरीर पोषण के लिए ही अन्न पकाते हैं। धर्म में नहीं लगाते, वे तो पाप ही खाते हैं।
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आज कल किसीसे बातें नहीं होती
पता नहीं, बस मन नहीं करता ।
हा, पहले होती थी किसीसे बात
पर अब नहीं ।
आख़िर क्यों करें हम बात किसीसे ?
क्यों पूछे हम किसीसे उनकी पसंदीदा रंग, पसंदीदा खाना और गानों के नाम ?
क्यों लें दिलसस्पी उनकी बातों में ?
क्यों सुनें उनके बचपन की कहानियाँ और दिन भर के क़िस्से ?
क्यों ताकें उनकी आँखें दिन भर ?
भई कौन करे फिरसे उतनी मेहनत ?
अब बस और नहीं ।
पर क्यों तब ये मेहनत नहीं लगती थी ?
क्यों बातों के साथ हंसी का साथ और सुरीली सी एक धुन थी ?
क्यों एक बात से दूसरी और फिर तीसरी सुरू हो जाती थी ?
जैसे उस एक पल में पूरा मेरा आसमान था ।
हा, शायद वो प्यार था ।
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कबीर, जो धन पाय न धर्म करत, नाहीं सद् व्यौहार।
सो प्रभु के चोर हैं, फिरते मारो मार।।
भावार्थ:- जो धन परमात्मा ने मानव को दिया है, उसमें से जो दान नहीं करते और न अच्छा आचरण करते हैं, वे परमात्मा के चोर हैं जो माया जोड़ने की धुन में मारे-मारे फिरते हैं।।
- True Spiritual Knowledge Of God
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#हिन्दू_भाई_संभलो
नकली धर्मगुरु कहते हैं।हठयोग करें जब आप भजन पर बैठो तो धुन पर ध्यान दो बैठकर धुन सुनने की कोशिश करें संत रामपाल महाराज जी सच्चे मंत्र पर ध्यान जोड़कर रखना सुरती शब्द अभ्यास है कान, आंख बंद करके यह अभ्यास नहीं होता यह हठयोगी है।
Hindu bhai dhokhe mein
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नशा होता है कैसा, बहकते हैं क़दम कैसे
नज़र कुछ भी नहीं आता, ये मस्ती कैसी होती है
एक दिन गुज़रे जो हम, मयकदे के मोड़ से
एक मयकश जा रहा था, मय से रिश्ता जोड़ के
हमने पूछा किसलिये तू, उम्र भर पीता रहा
कुछ न बोला, अपनी धुन में बस यही गाता रहा,
मोहब्बत है क्या चीज़, हमको बताओ
ये किसने शुरू की, हमें भी सुनाओ
Office ate waqt playlist was on shuffle mode and suddenly this song pops up. And this lyrics just touched my heart💗💗
Abhi tak ye ganna 5 bar sun chuka hoon but can't get over from this lyrics🌻✨️
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#GodMorningThursday
कबीर, जो धन पाय न धर्म करत, नाहीं सद् व्यौहार।
सो प्रभु के चोर हैं, फिरते मारो मार।।
भावार्थ:- जो धन परमात्मा ने मानव को दिया है, उसमें से जो दान नहीं करते और न अच्छा आचरण करते हैं, वे परमात्मा के चोर हैं जो माया जोड़ने की धुन में मारे-मारे फिरते हैं।
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ये कैसी जगह ले आए हो तुम
yeh kaisi jagah le aaye ho tum
what place is this where you've brought me
ये कैसी नयी दिल गए है धुन
yeh kaise nayi dil gaaye hai dhun
which is this new tune that the heart is singing
मैं मीरा सी दीवानी हो गयी इस दुनिया से बेगानी हो गयी
main meera si deewani ho gayi is duniya se begaani ho gayi
ive become crazy like meera ive become unaware of this world
मेरे होंठों पे जो भटके कई जन्मों की प्यास है
mere hothon pe joh bhatke kai janamon ki pyaas hai
the one that lingers on my lips is the thirst from many generations
मेरे अमृत का वो प्याला बस तेरे पास है
mere amrit ka woh pyala bas tere pass hai
that goblet of my nectar is only with you
ये कैसी जगह ले आए हो तुम
yeh kaisi jagah le aaye ho tum
what place is this where you've brought me
- yeh kaisi jagah, hamari adhuri kahani
rashmi virag | jeet ganguli | deepali sathe
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