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#नए साल पर निवेश की प्रक्रिया
pikpartblogs · 7 months
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"12 महीने चलने वाला व्यापार: भारत में सर्वश्रेष्ठ स्पेयर पार्ट्स ऑनलाइन"
मुख्य आकर्षण: आपकी गाड़ी को अपनी ज़िम्मेदारी में रखने का समय है! हम आपको बताएंगे कैसे "12 महीने चलने वाला व्यापार" एक नया उत्पाद और सेवा का संग्रहण है जो आपके गाड़ी को सुरक्षित और चालू रखेगा। हम भारत के एक मात्र ऐसी फ्रेंचाइजी हैं, वो अपनी क्वालिटी पर सबसे ज्यादा काम करती हैं या अपने साथ जुड़ने वाले लोगो को भी अच्छे से अच्छा रिजल्ट लाकर देती हैं। हम आपको अपनी best bike and car service centre खोलने का मौका देते हैं जो बहुत ही सस्ता है एक बिजनेस शुरू करने के लिए।
क्या है "12 महीने चलने वाला व्यापार"? पिकपार्ट के साथ जुड़कर, हम एक साझेदारी में हैं जो आपको भारत में सर्वश्रेष्ठ स्पेयर पार्ट्स ऑनलाइन पहुंचाता है। यहाँ एक नए व्यापार के बारे में है जो गाड़ी के लिए उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा युक्त स्पेयर पार्ट्स प्रदान करता है। पिकपार्ट एक ऐसा बिजनेस मॉडल देता है जो पूरे साल भर चलती है या खूब पैसा कमाती है। क्या आप भी चाहते हैं अपना खुद का मल्टी-ब्रांड टू-व्हीलर सर्विस सेंटर खोलना पिकपार्ट के साथ।
पिकपार्ट स्मार्ट गैराज फ्रैंचाइज़ का हिस्सा बनने के लिए आवश्यक आवश्यकताएँ:
(ए) क्षेत्र: आपके पास लगभग 500 से 3500 वर्ग फुट का क्षेत्र होना चाहिए।
(बी) निवेश: प्रारंभिक निवेश लगभग 6 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक हो सकता है।
(सी) टीम: सेवा के लिए न्यूनतम 5 सदस्यीय टीम, जिसमें पिक और ड्रॉप सेवाएं शामिल हों।
(डी) उद्यमी: एक व्यक्ति जो उद्यमी और आदर्श रूप से लेकिन जरूरी नहीं कि मजबूत वित्तीय बैकअप के साथ विकसित हो।
(ई) अनुभव: पेशेवर और प्रबंधन अनुभव, आदर्श रूप से ऑटोमोटिव लेकिन जरूरी नहीं।
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ब्रांड समर्थन:
(ए) उत्पाद सोर्सिंग
(बी) सिस्टम जागरूकता और कार्यान्वयन
(सी) मानक संचालन प्रक्रिया
(डी) स्मार्ट बिजनेस मैनेजमेंट
(ई) ग्राहक अधिग्रहण सहायता
(एफ) इन्वेंटरी प्रबंधन प्रणाली
(छ) प्रशिक्षण और प्रशिक्षण सामग्री
(ज) डिजिटल मार्केटिंग सपोर्ट
(i) ग्राहक प्रतिक्रिया
पिकपार्ट स्मार्ट गैराज ग्रुप के साथ हाथ मिलाने के लाभ:
(ए) ऑनलाइन ग्राहक आधार: फ्रेंचाइजी को पिकपार्ट स्मार्ट गैराज सर्विस ऐप द्वारा समर्थित ऑनलाइन ग्राहक आधार से सम्मानित किया जाएगा।
(बी) ऑनलाइन बिजनेस प्रबंधन: फ्रेंचाइजी हमारे स्मार्ट वेब-समर्थित ऐप का उपयोग करके अपने बिजनेस का प्रबंधन कर सकती है, जो कई विशिष्ट व्यवसाय प्रबंधन सुविधाओं से लैस है।
(सी) स्मार्ट मैकेनिक सहायता: पिकपार्ट स्मार्ट गैराज फ्रेंचाइजी को स्मार्ट रूप से प्रशिक्षित मैकेनिक सहायता मिलेगी।
(डी) उत्पाद समर्थन: फ्रेंचाइजी को इंजन ऑयल, ग्रीस, केबल, चेनसेट, रबर उत्पाद और अन्य विद्युत भागों के लिए पिकपार्ट स्मार्ट गैराज के इन-हाउस सहायक उपकरणों से समर्थित किया जाएगा।
(ई) ग्राहक सहायता: फ्रेंचाइजी को ग्राहकों की शिकायतों को संभालने और हल करने के लिए वैश्विक ग्राहक सहायता होगी।
(एफ) वारंटी समर्थन: फ्रेंचाइजी को ऑटोमोबाइल मशीनों और उसके हिस्सों के लिए वैश्विक भारत वारंटी समर्थन से समर्थित किया जाएगा।
(जी) इन-हाउस बीमा सहायता: फ्रेंचाइजी को इन-हाउस कैशलेस बीमा सहायता मिलेगी, क्योंकि हमने कई बीमा संस्थाओं के साथ गठजोड़ किया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. कैसे इस व्यापार में साझेदारी करें? हम बताएंगे कैसे हम सहयोग के माध्यम से एक नए स्तर पर आगे बढ़ सकते हैं, आपके व्यापार को मजबूत और स्थिर बनाते हुए।
2. क्या इसमें निवेश करना लाभकारी है? हम विवेचना करेंगे कि कैसे निवेश करना सुरक्षित और आवश्यक है, और यह आपको उच्च लाभ दिला सकता है।
3. क्या स्पेयर पार्ट्स की गुणवत्ता पर भरोसा किया जा सकता है? हम बताएंगे कि कैसे हम गुणवत्ता और सुरक्षा में पूरी तरह विश्वास करते हैं और यह आपके ग्राहकों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।
मेटा विवरण: "भारत में सर्वश्रेष्ठ स्पेयर पार्ट्स ऑनलाइन! साथ में पिकपार्ट जोड़कर बनाएं अपनी गाड़ी को अगले 12 महीनों तक चालू और सुरक्षित। स्मार्ट गेराज सर्विस सेंटर के साथ सर्विसेज़ का आनंद लें!"
इस नए और बढ़ते हुए व्यापार के साथ जुड़कर आप न केवल अपनी गाड़ी को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि एक सुरक्षित और लाभकारी उद्यम भी बना सकते हैं!
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prabudhajanata · 2 years
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रायपुर:- छत्तीसगढ़ में निजी उद्योगों की स्थापना के संदर्भ में आंकड़े जारी करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सिंह के 15 साल के कुशासन में केवल काल्पनिक दावे किए जाते रहे। कभी रतनजोत से डीजल, कभी औषधि खेती, तो कभी हजारों में मेगावाट के पावर प्लांट लगाने का सपना दिखाया गया। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक गए लेकिन ना उद्योग लगे, ना युवाओं को रोजगार मिला। 2015 में जहां केवल 15 हज़ार करोड़ का निवेश था वहीं भूपेश सरकार में 2020 में 78 हज़ार करोड़ का निवेश छत्तीसगढ़ में आया। वर्ष 2021 में 17 हज़ार करोड़ के नए ओएमयू हुए। विगत 4 वर्ष में भूपेश बघेल सरकार ने कृषि, वनोपज प्रसंस्करण, लौह अयस्क तथा कुटीर उद्योग आधारित है परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करके व्यवहारिक नीतियां बनाई। राज्य में उद्योग हितैषी नई उद्योग नीति तैयार की गई आवंटित भूमि की दरों को 30 परसेंट तथा लीज रेंट की दरों को एक परसेंट कम किया गया, साथ ही फ्रीहोल्ड, आंशिक हस्तांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया। कोर सेक्टर के साथ ही 13 एथेनॉल प्लांट के ओएमयू, फूड सेक्टर, फार्मास्यूटिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, सोलर आदि क्षेत्रों की परियोजनाएं भी छत्तीसगढ़ में स्थापित हो रही है।
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rudrjobdesk · 2 years
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इस साल अमीर बनने के लिए अपनाए 7 अचूक नुस्खे! ज़िंदगी भर रहेंगे टेंशन फ्री
इस साल अमीर बनने के लिए अपनाए 7 अचूक नुस्खे! ज़िंदगी भर रहेंगे टेंशन फ्री
नई दिल्ली. अमीर बनने के लिए जरूरी नहीं है कि आपकी सैलरी बहुत ज्यादा हो या फिर आप हमेशा मुनाफे का बिजनेस करते हों. कम सैलरी और थोड़ी बचत के जरिए भी अमीर बना जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि आप सही जगह और सही समय पर पैसा लगाएं. हालांकि, ऐसे कुछ ही लोग होते हैं जो सही फाइनेंशियल प्लानिंग का रास्ता चूज कर पाते हैं. इसीलिए, नए साल में अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में बता रहे हैं. देश के बड़े…
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factbulletin · 4 years
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इस साल अमीर बनने के लिए अपनाए 7 अचूक नुस्खे! ज़िंदगी भर रहेंगे टेंशन फ्री
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नई दिल्ली. अमीर बनने के लिए जरूरी नहीं है कि आपकी सैलरी बहुत ज्यादा हो या फिर आप हमेशा मुनाफे का बिजनेस करते हों. कम सैलरी और थोड़ी बचत के जरिए भी अमीर बना जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि आप सही जगह और सही समय पर पैसा लगाएं. हालांकि, ऐसे कुछ ही लोग होते हैं जो सही फाइनेंशियल प्लानिंग का रास्ता चूज कर…
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"India will get one more flight, the government gives NOC to Rakesh Jhunjhunwala's Akasa Airlines."
A new airline company has entered the Indian Aviation Industry. Stock market giant Rakesh Jhunjhunwala's #AkasaAirlines has got a No Objection Certificate from the Ministry of Civil Aviation.
Recently PM Modi also met Rakesh #Jhunjhunwala
These airlines will now start the process of getting a license to operate aircraft from the Directorate General of Civil Aviation (DGCA) from 2022.
भारत को मिलेगी एक और उड़ान, राकेशन झुनझुनवाला की Akasa एयरलाइंस को सरकार ने दी NOC
इंडियन एविएशन इंडस्ट्री में एक नई एयरलाइन कंपनी की एंट्री हो गई है। शेयर बाजार दिग्गज राकेश झुनझुनवाला की अकासा एयरलाइंस (Akasa Airlines)को नागरिक उड्डयन मंत्रालय से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिल गया है।
बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने राकेश झुनझुनवाला से मुलाकात भी की थी।
यह एयरलाइंस अब डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए से 2022 से विमान के परिचालन के लिए लाइसेंस पाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। कंपीन के सीईओ के तौर पर विनय दुबे को चुना गया है जो जेट एयरवेज के साथ भी काम कर चुके हैं।
IndiGo के पूर्व अध्यक्ष और अब अकासा एयरलाइंस के बोर्ड में शामिल आदित्य घोष ने विनय दुबे और टीम को एनओसी मिलने पर बधाई दी है।
बता दें कि अकासा एयरलाइन्स के संचालन के लिए यूरोपियन प्लेन कंपनी एयरबस के साथ बातचीत चल रही है। यह बातचीत एयरक्राफ्ट खरीदी के सिलसिले को लेकर हो रही है।
कंपनी की कोशिश है कि वह हवाई सेवाएं 2022 की गर्मियों तक शुरू कर दे। इससे पहले ऐसी रिपोर्ट्स सामने आईं कि झुनझुनवाला चार साल में एक नए एयरलाइन वेंचर के लिए 70 विमान रखने की योजना बना रहे थे, जिसे उन्होंने वापस लेने का फैसला किया है। नई एयरलाइन कंपनी में झुनझुनवाला करीब 3.5 करोड़ डॉलर के निवेश पर विचार कर रहे हैं। इसके जरिए झुनझुनवाला की अकासा में 40 फीसदी हिस्सेदारी लेने की योजना है।
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abhay121996-blog · 3 years
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रियल एस्टेट कारोबारियों को 'अक्षय तृतीया' पर आवास की मांग में सुधार की उम्मीद Divya Sandesh
#Divyasandesh
रियल एस्टेट कारोबारियों को 'अक्षय तृतीया' पर आवास की मांग में सुधार की उम्मीद
नई दिल्ली। ऐसे समय में जब कोविड की दूसरी लहर और लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई हैं, डेवलपर्स को उम्मीद है कि ‘अक्षय तृतीया’ के दौरान पारंपरिक आवास की मांग कुछ हद तक बाजार को ऊपर उठाएगी और बिक्री में सुधार होगा। ‘अक्षय तृतीया’ को घर खरीदने के लिए इस दिन को शुभ माना जाता है।
राष्ट्रीय रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष, निरंजन हीरानंदानी ने कहा, पारंपरिक रूप से अक्षय तृतीया का त्यौहार, घर खरीदने के लिए एक शुभ दिन है। इस साल भी हम स्मार्ट खरीदारों से दोनों पहलुओं का लाभ उठाने की उम्मीद करते हैं।
उन्होंने कहा कि बाजार की स्थिति घर खरीदारों के साथ-साथ कम ब्याज दरों की पृष्ठभूमि में निवेशकों के अनुकूल, डेवलपर्स से आकर्षक सौदे, अपार्टमेंट के विकल्प, बैंकों और वित्तीय संस्थानों से फ्लेक्सी भुगतान योजनाओं, आकर्षक मूल्य बिंदुओं और अन्य वित्तीय लाभों के लिए अनुकूल है।
हीरानंदानी ने कहा, नई उम्र के होमबॉयर्स के लिए यह सही समय है कि वे अपने सुरक्षित घर खरीद लें । इसके अलावा, मौजूदा होमबॉयर्स महामारी के मद्देनजर नए सामान्य जीवनशैली के लिए अनुकूल घरों को स्थानांतरित करने के लिए तैयार हो जाएं।
एक्सिस ईकोर्प के सीईओ और निदेशक आदित्य कुशवाहा ने कहा, अक्षय तृतीया जैसे दिन लोगों के लिए भावुक मूल्य रखते हैं और इस महामारी में, लोगों ने इन मूल्यों को अधिक महत्व देना शुरू कर दिया है। परंपरागत रूप से, यह माना जाता है कि यदि आप संपत्ति पर निवेश करते हैं। इस दिन, इसका मूल्य निश्चित समय के लिए निश्चित होगा।
यह देखते हुए कि कोविड की दूसरी लहर के बीच बिक्री की गति कम हो गई है, उन्होंने कहा कि हालांकि बिक्री में एक महत्वपूर्ण स्पाइक की उम्मीद नहीं है, लेकिन जो लोग घर खरीदने के अपने फैसले को रोक रहे थे वे इस अवसर का उपयोग खरीदारी करने के लिए कर सकते हैं ।
कुशवाहा ने कहा, जैसा कि रियल एस्टेट कंपनियां आकर्षक योजनाएं पेश कर रही हैं, इससे लोगों को लेनदेन बंद करने के लिए घर खरीदने की योजना को प्रोत्साहन मिल सकता है।
यह खबर भी पढ़ें: आखिर क्यों पुत्र दुर्योधन को निर्वस्त्र देखना चाहती थीं गांधारी, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
एएमएस प्रोजेक्ट कंसल्टेंट के निदेशक विनीत डूंगरवाल का मानना था ���ि भारतीय रियल एस्टेट बहुत लंबे समय से कई चुनौतियों से जूझ रहा है और कोविड की दूसरी लहर ने इस उद्योग के लिए रिकवरी प्रक्रिया को और धीमा कर दिया है।
उनके मुताबिक, हालांकि, आसान प्रणाली तरलता और कम ब्याज रखने के लिए आरबीआई के फैसले से अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों के दौरान विशेष रूप से उद्योग पुनरुद्धार में मदद मिलेगी। इस त्योहार के दौरान बिक्री महामारी से पहले के रूप में अनुभवी नहीं हो सकती है, लेकिन होमबॉयर्स वास्तविक से आने वाले आकर्षक प्रस्तावों की उम्मीद कर सकते हैं।
इसके अलावा, महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे जैसे प्रमुख बाजारों के लिए, राज्य सरकार द्वारा स्टांप शुल्क लाभ बंद करने के बाद, रियल एस्टेट क्षेत्र अब बिक्री की गति को बनाए रखने के लिए ‘अक्षय तृतीया’ की प्रतीक्षा कर रहा है और भावी खरीदारों को आकर्षित करने के लिए ऑफर लेकर आया है ।
वाधवा ग्रुप में सेल्स, मार्केटिंग और सीआरएम के प्रमुख भास्कर जैन ने कहा, अक्षय तृतीया जैसे शुभ मुहूर्त के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर सकारात्मक भावनाओं के साथ बाजार में बह रहा है, जो हर साल संपत्तियों की मांग को बढ़ाता है। इसके अलावा, डेवलपर्स द्वारा पेश किए गए लचीले त्योहार सौदों से घर खरीदारों को आकर्षित किया जाता है और इस अवधि के दौरान बेहतर बिक्री होती है।
–आईएएनएस
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shaileshg · 4 years
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अरब -इजराइल कूटनीति को चालीस साल से अधिक समय तक कवर करने के बाद मैं कह सकता हूं कि पिछले सप्ताह इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल और बहरीन के बीच हालात सामान्य बनाने के लिए हुए समझौते अत्यंत ही असामान्य तरीके, लेकिन बहुत ही खुलासा करने वाले अंदाज में हुए।
यहां पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ‘शांति के न्यायमूर्ति’ की भूमिका का जिक्र नहीं करना चाहिए। हकीकत यह है कि इजराइल-अमीरात और इजराइल-बहरीन के बीच सामान्य रिश्तों की बहाली को ट्रम्प प्रशासन की इजराइल-फिलिस्तीन कूटनीति की लगातार विफलता की वजह से ही दिशा मिली।
मेरा नियम : मध्य एशिया में आप बड़ा परिवर्तन तभी हासिल करते हैं, जब बड़ी ताकतें गलत वजहों से कोई सही काम करते हैं। और यह सही कदम है। मिस्र और जॉर्डन ने भी इजराइल के साथ शांति स्थापित की, लेकिन व्यापार, पर्यटन और आपसी निवेश सीमित ही रहा। इजराइल व अमीरात और इजराइल व बहरीन अपने संबंधों को इसलिए सामान्य बनाना चाहते हैं, क्योंकि वे इन चीज़ों के साथ ही ईरान के खिलाफ इंटेलीजेंस इनपुट भी चाहते हैं।
सऊदी अरब पहले से ही इजराइल की एयर लाइंसों को अपने वायुक्षेत्र का इस्तेमाल करने की इजाजत देकर यह इनपुट पा रहा है। यह रोज नहीं होता। मेरे विचार में जो कुछ भी मध्य एशिया को यूरोपीय यूनियन की तरह अधिक और गृह युद्ध से जूझ रहे सीरिया की तरह नहीं बनाता है, वह अच्छा है।
मैं हर रात दुआ करता हूं कि ट्रम्प हार जाएं, लेकिन अगर वह और जैरेड कुशनेर (ट्रम्प के दामाद और एडवाइजर) इन समझौतों को आगे चलने में मदद करते हैं तो यह उनके लिए बेहतर है। मैं कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता कि यह कैसा चलेगा, लेकिन जब अरब का तकनीकी तौर पर सबसे आधुनिक देश यूएई और क्षेत्र का सबसे तकनीकी तौर पर सक्षम गैर-अरब देश इजराइल समझौता करते हैं तो मुझे लगता हैं नई ऊर्जा उत्पन्न होगी और बेहतर ही होगा।
अगर यह सफल होता है तो ईरान के स्थायी विरोध मॉडल के समाधान का एक विकल्प होगा। क्योंकि इससे सिर्फ लेबनान, सीरिया, गाजा, इराक और ईरान जैसे विफल देशों को ही मदद मिली है। अब क्या हो रहा है? पहला, अमेरिका मध्य एशिया में अपनी सैन्य उपस्थिति तेजी से घटा रहा है। इसे भरने के लिए नए गठबंधन हो रहे हैं।
दूसरा, अब सुन्नी अरब देशों को समझ आ गया है कि फिलिस्तीन के सवाल पर एक-दूसरे को बाहर करके वे ज्यादा समय तक अपनी वैधता को बनाए नहीं रख सकते। उनका भविष्य अपने युवाओं को शिक्षा, व्यापारिक संबंध और वैश्विक संबंध उपलब्ध कराने पर ही निर्भर है। आज वे राजनीतिक बहुलवाद और मतभेदों को नकार रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में उन्हें यह देना ही होगा। अभी उनके आधुनिकीकरण का मॉडल चीन है, अमेरिका नहीं।
वाशिंगटन इंस्टीट्यूट के अरब-इजराइल संबंधों के विशेषज्ञ डेविड मकोवस्की कहते हैं, ‘यूएई को लगता है इस समय अमेरिका से लाभ उठाने की उसकी क्षमता सर्वाधिक है, क्योंकि ट्रम्प अगला चुनाव जीतने के लिए किसी बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि की तलाश कर रहे हैं। अगर यूएई को अमेरिका से अत्याधुनिक एफ-35 जेट चाहिए, तो यही इन्हें पाने का सबसे उपयुक्त समय है। अमेरिका आठ सालों से इसे देने से इनकार कर रहा है।’
लेकिन इस डील का एक अनचाहा दुष्परिणाम यह भी है कि इसने यह साबित कर दिया है कि इजराइल की मौजूदा सरकार फिलिस्तीन के साथ दो देशों वाले समाधान को स्वीकार करने में अक्षम है। कुशनेर की इस योजना ने इजराइल के दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री के सामने ऐसी दुविधा उत्पन्न कर दी है कि जिस योजना को बनाने में उन्होंने मदद दी उन्हें उसे नकारना भी पड़ सकता है।
कुशनेर का प्रस्ताव है कि इजराइल पश्चिमी तट से यहूदी बहुल 30% हिस्से को काट दे, जिससे फिलिस्तीनी बाकी 70% हिस्से में अपना देश बना सकें, जिसकी राजधानी येरुशलम के किनारे पर हो। लेकिन, नेतन्याहू के गठबंधन के कट्टरपंथी पूरे पश्चिमी तट की संप्रभुता बनाए रखने पर जोर दे रहे थे।
इसलिए नेतन्याहू ने सिर्फ 30% हिस्से को काटने की बात कही और 70% फिलिस्तीनियों को देने की कोई बात नहीं की। लेकिन ट्रम्प और कुशनेर ने इसे रोक दिया। इसके बाद यूएई की एंट्री हुई और उसने कहा कि अगर नेतन्याहू इस हिस्से को काटने की अपनी योजना को स्थगित करते हैं तो वह रिश्ते सामान्य बनाने को तैयार है।
अब इजराइल-फिलिस्तीन के मुद्दे का क्या होगा? मुझे संदेह है कि अंतरराष्ट्रीय शांति प्रक्रिया खत्म हो गई है। ट्रम्प इसमें तभी दखल देंगे, जब नेतन्याहू अपनी ही योजना को स्वीकार नहीं करेंगे। इसलिए फिलिस्तीन का मुद्दा बहुत हद तक इजराइल का अंदरूनी मसला बना रहेगा। पश्चिमी तट पर रहने वाले 25 लाख फिलिस्तीनियों के समक्ष कोई विकल्प न होने पर वे समान अधिकार और इजराइली नागरिकता की मांग कर सकते हैं।
यह इजराइल के यहूदी और लोकतांत्रिक चरित्र के लिए बड़ी चुनौती होगी। इजराइल-फिलिस्तीन का चाहे जो हो, लेकिन ट्रम्प-कुशनेर की शांति योजना अब तक की सबसे परिणामदायी योजना है। इसलिए नहीं कि इससे क्या हासिल हुआ, बल्कि इसने क्या खुलासा किया। (ये लेखक के अपने विचार हैं।)
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थाॅमस एल. फ्रीडमैन, तीन बार पुलित्ज़र अवॉर्ड विजेता और ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में नियमित स्तंभकार हैं।
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vsplusonline · 4 years
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योगी के मंत्री ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर बोला हमला, कहा- ये मजदूरों के सबसे बड़े दुश्मन हैं
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योगी के मंत्री ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर बोला हमला, कहा- ये मजदूरों के सबसे बड़े दुश्मन हैं
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Image Source : PTI Congress and Samajwadi Party shedding crocodile tears for workers, says UP Labour Minister Swami Prasad Maurya.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं क्योंकि वे उन श्रमिकों का विरोध कर रहे हैं, जिनके लिए निवेश के माध्यम से रोजगार तलाशने की प्रक्रिया चल रही है। मौर्य ने कहा, ‘कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का बयान यह दर्शाता है कि वे श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं क्योंकि जो श्रम अधिनियमों में संशोधन अध्यादेश आया है, वो इसीलिए आया है कि आज मुख्यमंत्री ने अन्य प्रदेशों में रह रहे सभी कामगारों, उन प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश में लाने का निर्णय लिया।’
‘हम यूपी में ही श्रमिकों को सेवा में नियोजित करेंगे’
उन्होंने कहा, ‘ये भी संकल्प लिया गया कि हम उत्तर प्रदेश में ही इनको (श्रमिकों को) सेवा में नियोजित भी करेंगे। जो जिस योग्य कामगार है, उसे उसके लायक काम यहीं पर दिलाने की हम व्यवस्था करेंगे। वे उन श्रमिकों का विरोध कर रहे हैं, जिनके लिए हम लॉकडाउन के चलते बंद उद्योग-कारखानों में पुन: समायोजित करने के लिए अवसर प्रदान करने जा रहे हैं इसलिए कांग्रेस और सपा के बयान से उनका श्रमिक विरोधी चेहरा सामने आया है। उनको मैं भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जो श्रमिकों के लिए घडियाली आंसू बहा रहे हैं उनको शायद नहीं पता कि हमने नए निवेश के रास्ते खोलते वक्त श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा है।’
‘पहले अध्यादेश को पढ़ें फिर बात करें सपा और कांग्रेस’ उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि वे पहले अध्यादेश को पढें, फिर किसी तरह की टिप्पणी करें लेकिन उनकी टिप्पणी से आभास हो गया है कि वे श्रमिकों के नंबर एक दुश्मन हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दल नहीं चाहते कि श्रमिकों को काम मिले इसलिए अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने श्रम कानून के अधिकांश प्रावधानों को 3 साल के लिए स्थगित करने पर सरकार के इस्तीफे की मांग की है। वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मसले को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है।
अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर बोला हमला अखिलेश ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक अध्यादेश के द्वारा मज़दूरों को शोषण से बचाने वाले श्रम-कानून के अधिकांश प्रावधानों को 3 साल के लिए स्थगित कर दिया है। यह बेहद आपत्तिजनक व अमानवीय है। श्रमिकों को संरक्षण न दे पाने वाली गरीब विरोधी भाजपा सरकार को तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए।’ वहीं, प्रियंका ने कहा, ‘यूपी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलावों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। आप मजदूरों की मदद करने के लिए तैयार नहीं हो। आप उनके परिवार को कोई सुरक्षा कवच नहीं दे रहे। अब आप उनके अधिकारों को कुचलने के लिए कानून बना रहे हो। मजदूर देश निर्माता हैं, आपके बंधक नहीं हैं।’
कोरोना से जंग : Full Coverage
!function (f, b, e, v, n, t, s) if (f.fbq) return; n = f.fbq = function () n.callMethod ? n.callMethod.apply(n, arguments) : n.queue.push(arguments); ; if (!f._fbq) f._fbq = n; n.push = n; n.loaded = !0; n.version = '2.0'; n.queue = []; t = b.createElement(e); t.async = !0; t.src = v; s = b.getElementsByTagName(e)[0]; s.parentNode.insertBefore(t, s); (window, document, 'script', '//connect.facebook.net/en_US/fbevents.js'); fbq('init', '1684841475119151'); fbq('track', "PageView"); Source link
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fulltimereviewer · 5 years
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Digital India Essay in Hindi 2020
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Digital India essay in Hindi for Students
Hello There Here We are again with yet another essay in Hindi, This time it's Digital India Essay in Hindi That most of the students are searching for, we hope you guys like this essay. Digital India? डिजिटल इंडिया 1 जुलाई 2015 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है। अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध कराना है। हालांकि, इस कदम के लिए जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर तकनीकी सुधारों की आवश्यकता है, जैसे इंटरनेट कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के विकास में वृद्धि। डिजिटल इंडिया 1 जुलाई 2015 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है। अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध कराना है। हालांकि, इस कदम के लिए जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर तकनीकी सुधारों की आवश्यकता है, जैसे इंटरनेट कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के विकास में वृद्धि।
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भारत में लगभग 560 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ मोबाइल और इंटरनेट बाजार में बड़ी संभावना है। सरकार आम लेनदेन को डिजिटल बनाने में काफी हद तक सफल है जैसे - किराना भुगतान करना, बिजली बिल का भुगतान करना, शिकायत दर्ज करना, नौकरी के लिए आवेदन करना, सामान्य बैंक लेनदेन आदि। आने वाले वर्षों में सरकार ने सभी महत्वपूर्ण सरकार बनाने की योजना बनाई है सेवाओं डिजिटल। भारत में लगभग 560 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ मोबाइल और इंटरनेट बाजार में बड़ी संभावना है। सरकार आम लेनदेन को डिजिटल बनाने में काफी हद तक सफल है जैसे - किराना भुगतान करना, बिजली बिल का भुगतान करना, शिकायत दर्ज करना, नौकरी के लिए आवेदन करना, सामान्य बैंक लेनदेन आदि। आने वाले वर्षों में सरकार ने सभी महत्वपूर्ण सरकार बनाने की योजना बनाई है सेवाओं डिजिटल। 2015 में, भारत सरकार ने "डिजिटल इंडिया" नाम से एक विशाल अभियान शुरू किया। यह देश के विभिन्न हिस्सों में सरकारी सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए किया गया था। मुख्य उद्देश्य देश के लोगों के लिए प्रौद्योगिकी की पहुंच में सुधार करना था। सरकार ने इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर काम किया और यह सुनिश्चित किया कि यह देश के दूरस्थ और ग्रामीण हिस्सों तक आसानी से पहुँचा जा सके। एक पहल में देश के ग्रामीण भागों को उच्च गति के इंटरनेट से जोड़ने की योजना शामिल थी। भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया का शुभारंभ किया गया था। अभियान ने इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं और उत्पादों के उपयोग को काफी बढ़ावा दिया। यह परियोजना एक सरकारी संस्था द्वारा संचालित है जिसे भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) कहा जाता है। Overview of Digital India in Hindi डिजिटल इंडिया, भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई, 2015 को (1 से 7 जुलाई तक डिजिटल सप्ताह के रूप में) शुरू किया गया एक प्रोजेक्ट है, जिसमें भारत को पूरी तरह से सशक्त और विश्व के ज्ञानवान देश के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। इस परियोजना को विभिन्न सरकारी विभागों जैसे आईटी, शिक्षा, कृषि, आदि द्वारा एक शानदार उज्ज्वल रिटर्न प्राप्त करने के लिए आपस में जोड़ा जाता है। यह संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा नेतृत्व और नियोजित है। यह भारत के लिए सुनहरे अवसर की तरह है जब इसे ठीक से लागू किया गया। प्रोजेक्ट लॉन्च की शुरुआत में, राज्य सरकार द्वारा देश के लगभग 250,000 गाँवों और अन्य रिहायशी इलाकों में हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना थी। इस परियोजना में "भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल)" द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका वास्तव में सराहनीय है। essay digital india in hindi डिजिटल इंडिया में डेटा का आसान डिजिटलीकरण होगा जो भविष्य में चीजों को अधिक कुशल और तेज बनाने में मदद करेगा। यह कागजी काम को कम करेगा, मैन पावर को बचाएगा और साथ ही समय की बचत करेगा। यह परियोजना सरकारी और निजी क्षेत्रों के बीच गाँठ बांधकर एक गति लेगी। उच्च गति नेटवर्क के साथ जुड़े गांवों की संख्या वास्तव में डिजिटल रूप से सुसज्जित क्षेत्रों को पूरा करने के लिए पिछड़े क्षेत्रों से एक बड़ा परिवर्तन से गुजरना होगा। भारत के सभी शहरों, कस्बों और गांवों को अधिक तकनीक प्रेमी मिलेंगे। इस परियोजना को 2019 तक प्रमुख कंपनियों (राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय) के निवेश के साथ पूरा करने की योजना बनाई गई है। अंबानी द्वारा डिजिटल इंडिया परियोजना में लगभग 2.5 लाख करोड़ का निवेश करने की घोषणा की गई है। Objectives of Digital India  बड़े पैमाने पर अभियान को तीन भागों में विभाजित किया गया है जो निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं: देश के हर हिस्से को जोड़ने वाला एक स्थिर, सुरक्षित डिजिटल बुनियादी ढांचा ऑनलाइन सरकारी सेवाओं तक आसान पहुँच (ई-गवर्नेंस) जनता की डिजिटल साक्षरता पूरे देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भारतीय लोगों के लिए एक उपयोगिता की तरह है क्योंकि यह सभी सरकारी सेवाओं को आसानी और तेजी के साथ उच्च गति इंटरनेट उपलब्ध कराएगा। यह नागरिकों को आजीवन, अद्वितीय, ऑनलाइन और प्रामाणिक डिजिटल पहचान प्रदान करेगा। यह बैंक खाते, वित्तीय प्रबंधन, सुरक्षित और सुरक्षित साइबर स्पेस, शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा, आदि जैसे किसी भी ऑनलाइन सेवाओं तक आसान पहुंच बना देगा।
Essay on Digital india in hindi
सुशासन और ऑनलाइन सेवाओं की उच्च मांग डिजिटलीकरण के माध्यम से सभी सेवाओं को वास्तविक समय में उपलब्ध कराएगी। डिजिटल रूप से परिवर्तित सेवाएं वित्तीय लेनदेन को आसान, इलेक्ट्रॉनिक और कैशलेस बनाकर ऑनलाइन व्यापार करने के लिए लोगों को बढ़ावा देगी। भारतीय लोगों का डिजिटल सशक्तिकरण वास्तव में सार्वभौमिक रूप से सुलभ डिजिटल संसाधनों के माध्यम से डिजिटल साक्षरता को संभव करेगा। यह लोगों को स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों या किसी भी संगठन में आवश्यक दस्तावेज या प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करने में सक्षम करेगा। भारत सरकार चाहती थी कि ग्रामीण जनता इंटरनेट का उपयोग करें और उन्हें विभिन्न स���वाओं तक ऑनलाइन पहुँच प्रदान करें। Aims of Digital India  इस पहल के उद्देश्यों को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम लागू किया गया है: ब्रॉडबैंड राजमार्ग सुनिश्चित करने के लिए। मोबाइल फोन तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना। हाई स्पीड इंटरनेट वाले लोगों की सुविधा के लिए। डिजिटलीकरण के माध्यम से सरकार में सुधार करके ई-गवर्नेंस लाना। सेवाओं के इलेक्ट्रॉनिक वितरण के माध्यम से ई-क्रांति लाने के लिए। सभी के लिए ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध कराने के लिए। अधिक आईटी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए। ई-शासन: डिजिटल इंडिया ने बड़ी संख्या में सरकारी सेवाओं की शुरुआत की है। उनमें से कुछ हैं: Mygov.in एक मंच जहां लोग प्रशासन की नीति और समग्र शासन पर आदानों और विचारों को साझा करते हैं। इसे पेश किया गया है ताकि नागरिक इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले सकें। UMANG (नए युग के शासन के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन) यह सभी मोबाइल प्लेटफार्मों के लिए विकसित किया गया एक एप्लिकेशन है और यहां तक ​​कि फीचर फोन पर भी काम करता है। कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, आवेदन लोगों को कर भुगतान, रेलवे टिकट बुकिंग, शिक्षा पोर्टल, एक डिजिटल लॉकर और आधार पहचान नामक बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली जैसी सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति देता है। eHospital यह एक आवेदन है जो विभिन्न अस्पताल सेवाओं जैसे ऑनलाइन लैब रिपोर्ट, भुगतान गेटवे, एक नियुक्ति बुक आदि के लिए उपयोग प्रदान करता है। esign यह एक सेवा है जो पंजीकृत नागरिकों को प्रमाणीकरण के साधन के रूप में अपने आधार कार्ड का उपयोग करके एक दस्तावेज़ पर डिजिटल हस्ताक्षर करने की अनुमति देता है। Digital india in hindi essay डिजिटल लॉकर एक डिजिटल लॉकर जो नागरिकों को अपने सभी सरकारी दस्तावेजों को डिजिटल रूप से संग्रहीत करने में मदद करता है। यह एक क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म एप्लिकेशन है जिसे प्रशासन की विभिन्न शाखाओं में काम करने के लिए विकसित किया गया है। चूंकि दस्तावेजों को सरकार द्वारा स्वयं प्रमाणित किया जाता है, इसलिए नागरिकों को भौतिक प्रतिलिपि ले जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। डिजिटल साक्षरता यह भारत सरकार द्वारा ग्रामीण लोगों को जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने के लिए इंटरनेट का उपयोग करने के लिए एक बड़ा कदम है। ग्रामीण आबादी के अधिकांश लोगों के पास 2015 तक इंटरनेट का उपयोग नहीं था। Benefits of Digital India  यह डिजिटल लॉकर प्रणाली के कार्यान्वयन को संभव बनाता है जो बदले में भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करने के साथ-साथ पंजीकृत रिपॉजिटरी के माध्यम से ई-साझाकरण को सक्षम करके कागज के काम को कम करता है। यह एक प्रभावी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो "चर्चा, करो और दुष्प्रचार" जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से लोगों को शासन में संलग्न कर सकता है। यह सरकार द्वारा निर्धारित विभिन्न ऑनलाइन लक्ष्यों की उपलब्धि सुनिश्चित करता है। लोगों के लिए यह संभव है कि वे अपने दस्तावेज़ और प्रमाण पत्र कहीं भी ऑनलाइन जमा करें जिससे शारीरिक काम कम हो। ई-साइन फ्रेमवर्क के माध्यम से नागरिक अपने दस्तावेजों को ऑनलाइन हस्ताक्षरित कर सकते हैं। यह ई-अस्पताल प्रणाली के माध्यम से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को आसान कर सकता है जैसे कि ऑनलाइन पंजीकरण, डॉक्टर की नियुक्ति, शुल्क भुगतान, ऑनलाइन नैदानिक ​​परीक्षण, रक्त जांच, आदि। यह राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से लाभार्थियों को आवेदन, सत्यापन प्रक्रिया, अनुमोदन और फिर वितरण की अनुमति देकर लाभ प्रदान करता है। यह एक बड़ा मंच है जो पूरे देश में अपने नागरिकों को सरकारी या निजी सेवाओं की एक कुशल डिलीवरी की सुविधा प्रदान करता है। भारत नेट प्रोग्रेम (एक हाई-स्पीड डिजिटल हाईवे) देश की लगभग 250,000 ग्राम पंचायतों को जोड़ेगा। digital india essay in hindi language डिजिटल इंडिया पहल में मदद करने के लिए आउटसोर्सिंग नीति की भी योजना है। मोबाइल पर ऑनलाइन सेवाओं जैसे वॉइस, डेटा, मल्टीमीडिया इत्यादि के बेहतर प्रबंधन के लिए, बीएसएनएल की नेक्स्ट जनरेशन नेटवर्क 30 साल के टेलीफोन एक्सचेंज की जगह लेगी। लचीले इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए राष्ट्रीय केंद्र लचीले इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रचार में मदद करेगा। पूरे देश में बीएसएनएल द्वारा वाई-फाई हॉटस्पॉट की बड़े पैमाने पर तैनाती की योजना बनाई गई है। कनेक्टिविटी से जुड़े सभी मुद्दों को संभालने के लिए एक ब्रॉडबैंड हाईवे है। सभी शहरों, कस्बों और गांवों में ब्रॉडबैंड राजमार्गों की खुली पहुंच माउस के क्लिक पर विश्व स्तरीय सेवाओं की उपलब्धता को संभव बनाएगी। Digital India- Sucess or Failure? डिजिटल इंडिया एक महत्वपूर्ण कार्य है। हालांकि इस परियोजना ने निश्चित रूप से भारत के आम लोगों पर प्रभाव डाला है, लेकिन किए गए अधिकांश काम या तो किसी स्तर पर या दूसरे के लिए अपर्याप्त हैं। हालांकि, भारत में वर्ष 2017 में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़कर 500 मिलियन हो गई है। अचानक, देश में नए जोड़े गए मासिक उपयोगकर्ताओं की उच्चतम दर है, जो हर दिन लगभग 10 मिलियन लोगों का योगदान देता है। निश्चित रूप से, सरकार की पहल ने तकनीकी रूप से उन्नत देश के लिए जमीनी कार्य करने में बहुत काम किया है, लेकिन जागरूकता, साक्षरता और बुनियादी ढांचे की कमी इस तरह से हो रही है। सरकार ने योजना के छत्र के नीचे और अधिक लोगों को कवर करने की उम्मीद की, लेकिन भारत के कुछ हिस्से अभी भी विभिन्न कारणों जैसे संसाधनों की कमी या समझ के कारण प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में असमर्थ हैं। परियोजना को सामान्य शब्दों में सफल माना जा सकता है लेकिन व्यापक अर्थों में यह अभी भी असफल है। बेशक, दशकों और डिजिटल इंडिया जैसे अभियान अभी भी अपने शुरुआती दौर में हैं। सरकार सक्रिय रूप से परियोजना को आगे बढ़ा रही है और 2019 के केंद्रीय बजट में घोषणा की गई है कि वे निकट भविष्य में $ 5 ट्रिलियन डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में काम करेंगे। we hope you guys liked this essay on Digital India in Hindi, if you guys liked this essay, please share this essay to the students who are in need of such information. 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chaitanyabharatnews · 5 years
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मार्च तक बेच दिया जाएगा एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम, सरकार को होगा इतने करोड़ का फायदा
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए केंद्र सरकार नए-नए कदम उठा रही है। इसी क्रम में अब मोदी सरकार देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचने की तैयारी कर रही है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); सरकार को होगा इतना फायदा शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि, सरकार चाहती है मार्च तक एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की बिक्री की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। वित्त मंत्री ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, 'अगले साल की शुरुआत में ही ये दोनों काम पूरे हो जाने की उम्मीद है। सरकार को इन दो कंपनियों को बेचने से इस वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ का फायदा होगा।' सुस्ती से निपटने के लिए सरकार कर रही प्रयास सीतारमण ने कहा, 'एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही निवेशकों में उत्साह देखा गया है। पिछले साल निवेशकों ने एयर इंडिया को खरीदने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया था इसलिए इसे नहीं बेचा जा सका था। उम्मीद थी कि कुछ क्षेत्रों में सुधार से जीएसटी कलेक्शन बढ़ेगा। इसके अलावा सुधार के कदमों से भी कर संग्रह बढ़ सकता है।’ एयर इंडिया पर है 58 हजार करोड़ का कर्ज निर्मला सीतारमण ने बताया कि, 'सरकार आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। देश में कई क्षेत्र अब सुस्ती से बाहर निकल रहे हैं। कई उद्योगों के मालिकों से अपनी बैलेंस शीट में सुधार करने को कहा गया है और वे निवेश की तैयारी भी कर रहे हैं।' गौरतलब है कि सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया इस समय घाटे में चल रही है और उस पर 58 हजार करोड़ का कर्ज है। ये भी पढ़े...  निर्मला सीतारमण के पति ने की अर्थव्यवस्था की आलोचना, अब वित्त मंत्री ने दिया करारा जवाब मनमोहन सिंह का मोदी सरकार पर हमला- अर्थव्यवस्था लगातर बिगड़ती जा रही, सरकार जरा भी गंभीर नहीं नोटबंदी के 3 साल पूरे : अब भी नकद लेनदेन करना पसंद कर रहे लोग, जानें भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ा Read the full article
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rohtakmedia-blog · 6 years
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World Bank अध्यक्ष की रेस में ये भारतीय महिला, दुनिया मानती है लोहा
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World Bank अध्‍यक्ष की रेस में ये भारतीय महिला, दुनिया मानती है लोहा : वर्ल्‍ड बैंक के अध्‍यक्ष पद की रेस में पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंदिरा नूई भी शामिल हो गई हैं.  द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक व्हाइट हाउस इस पद के लिए इंदिरा नूई के नाम पर विचार कर रहा है. दरअसल,वर्ल्‍ड बैंक  के वर्तमान अध्यक्ष जिम योंग किम ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि वह फरवरी में अपना पद छोड़ देंगे. उनके इस घोषणा के बाद से ही नए अध्‍यक्ष की तलाश शुरू हो गई है. यहां बता दें कि वर्ल्‍ड बैंक के अध्‍यक्ष पद को छोड़ने के बाद योंग किम निवेश कंपनी से जुड़ेंगे.   इन्हे भी पढ़े :- किसान कमेरो की हितैषी है इनेलो-बसपा : अभय चौटाला इवांका ट्रंप की पसंद हैं इंदिरा नूई द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ने इंदिरा नूई को प्रशासनिक सहयोगी के अलावा ‘मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत’ बताया है.  बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप नए अध्यक्ष के चयन में अहम किरदार निभा रही हैं. अध्‍यक्ष पद के चयन से जुड़े लोगों के हवाले से खबर में कहा गया है कि अभी चयन प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है. आमतौर पर ऐसे अहम पदों के लिए नामांकन पर अंतिम निर्णय होने तक शुरुआती दावेदार दौड़ से बाहर हो जाते हैं. हालांकि अब तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि अगर इस पद के लिए नूई का नामांकन होता है तो वो स्वीकार करेंगी या नहीं. कौन है इंदिरा नूई चेन्नई में जन्मीं 63 वर्षीय नूई को देश की ताकतवर महिलाओं में से एक माना जाता है. कई कंपनियों में काम करने के बाद 1994 में इंदिरा ने पेप्सिको ज्वाइन किया. वहीं 2006 में उन्‍होंने कंपनी की कमान संभाली और इसके बाद से पेप्सिको के शेयर में 78 फीसदी दी तक का इजाफा हो चुका है. उन्‍होंने 12 साल तक पेप्सिको का कमान संभालने के बाद पिछले साल अगस्त में पद से इस्तीफा दे दिया था. दुनिया की चर्चित पत्रिका फोर्ब्स की सौ सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूची में नूई को कई बार शामिल किया जा चुका है. 2017 में नूई इस सूची में 11वें नंबर पर थीं. साल 2007 में उन्हें भारत का प्रतिष्ठित पद्म भूषण सम्मान भी दिया गया था. इन्हे भी पढ़े :- केनरा बैंक ने किये 2000 कूड़ेदान वितरित पद के लिए इवांका के नाम की भी थी चर्चा वर्ल्‍ड बैंक के अध्‍यक्ष पद के लिए डोनाल्‍ड ट्रंप की बेटी इवांका के नाम की भी च���्चा हो रही थी. लेकिन बीते सोमवार को व्हाइट हाउस की ओर से इस बयान को खारिज करते हुए कहा गया कि वह अमेरिका की नामांकन प्रक्रिया के प्रबंधन में मदद करेंगी क्योंकि उन्होंने पिछले दो वर्षों में विश्व बैंक के नेतृत्व के साथ निकटता से काम किया है. अध्‍यक्ष पद के लिए अमेरिका के दखल की वजह विश्‍व बैंक के अध्‍यक्ष पद के लिए अमेरिका की भूमिका काफी अहम है. दरअसल, वर्ल्‍ड बैंक के सबसे बड़े शेयरधारक होने की वजह से अध्‍यक्ष पद की नियुक्ति करता है. वर्तमान अध्‍यक्ष जिम योंग किम को 2012 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नामित किया था.  ये पहली बार है जब डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष का चयन होगा. बता दें कि यूरोपीय देश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रमुख का चुनाव करते हैं. World Bank अध्‍यक्ष की रेस में ये भारतीय महिला, दुनिया मानती है लोहा स्त्रोत :- aajtak छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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abhay121996-blog · 4 years
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बीते साल रीट्स में म्यूचुअल फंड निवेश छह गुना होकर 3,972 करोड़ रुपये पर
नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) निवेश का उभरता विकल्प रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। म्यूचुअल फंड कंपनियों ने 2020 में रीट्स में 3,972 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो 2019 की तुलना में छह गुना है। ग्रीन पोर्टफोलियो के सह-संस्थापक दिवम शर्मा ने कहा कि डीएलएफ, ब्रुकफील्ड और गोदरेज जैसे नाम भी रीट्स शुरू करने की प्रक्रिया में है। ऐसे में आगामी वर्षों में रीट्स में म्यूचुअल फंड का आकर्षण और बढ़ेगा। शर्मा ने कहा कि 2021 के रीट्स में म्यूचुअल फंड के निवेश की दृष्टि से अच्छा रहने की उम्मीद है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद अब चीजें सामान्य होती दिख रही हैं। रीट्स और इनविट्स भारतीय परिप्रेक्ष्य में निवेश के कमोबेश नए विकल्प हैं, लेकिन ये वैश्विक बाजारों में काफी लोकप्रिय हैं। रीट्स में वाणिज्यिक रियल एस्टेट संपत्तियों का पोर्टफोलियो होता है। वहीं इनिवट्स में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियां मसलन राजमार्ग और बिजली पारेषण परिसंपत्तियां आती हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, कोष प्रबंधकों ने 2020 में रीट्स में 3,972 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह 2019 के 670 करोड़ रुपये की तुलना में करीब छह गुना अधिक है।
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toldnews-blog · 6 years
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World Bank अध्‍यक्ष की रेस में ये भारतीय महिला, दुनिया मानती है लोहा - White house indra nooyi head world bank presiden pepsico tut
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वर्ल्‍ड बैंक के अध्‍यक्ष पद की रेस में पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंदिरा नूई भी शामिल हो गई हैं.  द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक व्हाइट हाउस इस पद के लिए इंदिरा नूई के नाम पर विचार कर रहा है. दरअसल,वर्ल्‍ड बैंक  के वर्तमान अध्यक्ष जिम योंग किम ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि वह फरवरी में अपना पद छोड़ देंगे. उनके इस घोषणा के बाद से ही नए अध्‍यक्ष की तलाश शुरू हो गई है. यहां बता दें कि वर्ल्‍ड बैंक के अध्‍यक्ष पद को छोड़ने के बाद योंग किम निवेश कंपनी से जुड़ेंगे.  
इवांका ट्रंप की पसंद हैं इंदिरा नूई
द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ने इंदिरा नूई को प्रशासनिक सहयोगी के अलावा ‘मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत’ बताया है.  बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप नए अध्यक्ष के चयन में अहम किरदार निभा रही हैं. अध्‍यक्ष पद के चयन से जुड़े लोगों के हवाले से खबर में कहा गया है कि अभी चयन प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है. आमतौर पर ऐसे अहम पदों के लिए नामांकन पर अंतिम निर्णय होने तक शुरुआती दावेदार दौड़ से बाहर हो जाते हैं. हालांकि अब तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि अगर इस पद के लिए नूई का नामांकन होता है तो वो स्वीकार करेंगी या नहीं.
कौन है इंदिरा नूई
चेन्नई में जन्मीं 63 वर्षीय नूई को देश की ताकतवर महिलाओं में से एक माना जाता है. कई कंपनियों में काम करने के बाद 1994 में इंदिरा ने पेप्सिको ज्वाइन किया. वहीं 2006 में उन्‍होंने कंपनी की कमान संभाली और इसके बाद से पेप्सिको के शेयर में 78 फीसदी दी तक का इजाफा हो चुका है. उन्‍होंने 12 साल तक पेप्सिको का कमान संभालने के बाद पिछले साल अगस्त में पद से इस्तीफा दे दिया था. दुनिया की चर्चित पत्रिका फोर्ब्स की सौ सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूची में नूई को कई बार शामिल किया जा चुका है. 2017 में नूई इस सूची में 11वें नंबर पर थीं. साल 2007 में उन्हें भारत का प्रतिष्ठित पद्म भूषण सम्मान भी दिया गया था.
पद के लिए इवांका के नाम की भी थी चर्चा
वर्ल्‍ड बैंक के अध्‍यक्ष पद के लिए डोनाल्‍ड ट्रंप की बेटी इवांका के नाम की भी चर्चा हो रही थी. लेकिन बीते सोमवार को व्हाइट हाउस की ओर से इस बयान को खारिज करते हुए कहा गया कि वह अमेरिका की नामांकन प्रक्रिया के प्रबंधन में मदद करेंगी क्योंकि उन्होंने पिछले दो वर्षों में विश्व बैंक के नेतृत्व के साथ निकटता से काम किया है.
अध्‍यक्ष पद के लिए अमेरिका के दखल की वजह
विश्‍व बैंक के अध्‍यक्ष पद के लिए अमेरिका की भूमिका काफी अहम है. दरअसल, वर्ल्‍ड बैंक के सबसे बड़े शेयरधारक होने की वजह से अध्‍यक्ष पद की नियुक्ति करता है. वर्तमान अध्‍यक्ष जिम योंग किम को 2012 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नामित किया था.  ये पहली बार है जब डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष का चयन होगा. बता दें कि यूरोपीय देश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रमुख का चुनाव करते हैं.
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newsmanch-blog · 6 years
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Sudhir Bhargava Appointed New CIC by Government Along With 4 IC
केंद्र सरकार ने सुधीर भार्गव को बनाया नया मुख्य सूचना आयुक्त, अन्य चार सूचना आयुक्त भी हुए नियुक्त
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सरकार ने सुधीर भार्गव को केंद्रीय सूचना आयोग में नए मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) के रूप में नियुक्त किया है। इसके साथ ही अन्य चार सूचना आयुक्तों(आईसी) की भी नियुक्ति की है।
आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित आयुक्तों के 11 स्वीकृत पद हैं, परन्तु उसे अभी मात्र तीन सूचना आयुक्तों के साथ कार्य करना पड़ रहा था। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भार्गव, जो सीआईसी में सूचना आयुक्त हैं, को पैनल का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पूर्व आईएफएस अधिकारी यशवर्धन कुमार सिन्हा, पूर्व आईआरएस अधिकारी वनजा एन सरना, पूर्व आईएएस नीरज कुमार गुप्ता और पूर्व कानून सचिव सुरेश चंद्रा को केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है।
यशवर्धन कुमार सिन्हा 1981-बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हैं जो यूनाइटेड किंगडम में भारत के उच्चायुक्त थे। पटना के सेंट माइकल हाई स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज के पूर्व छात्र सिन्हा ने विदेश मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दी हैं, जिसमें महत्वपूर्ण रूप से पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डिवीजन भी शामिल था, जिसमें वे चार साल तक अतिरिक्त सचिव के रूप में रहे।
सीआईसी की एकमात्र महिला सु��ना आयुक्त बनी वनजा एन सरना, 1980 बैच की भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क) अधिकारी थी, जो केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की प्रमुख भी थीं।
नीरज कुमार गुप्ता, 1982 बैच के आईएएस अधिकारी, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग में सचिव थे।
सुरेश चंद्रा, भारतीय कानूनी सेवा ���धिकारी थे, जो इस साल केंद्रीय कानून सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए। वे 2002 और 2004 के बीच तत्कालीन कानून मंत्री अरुण जेटली के निजी सचिव भी थे।
बता दें कि मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर और सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद, श्रीधर आचार्युलु और अमिताव भट्टाचार्य की हालिया सेवानिवृत्ति के बाद रिक्त पदों को लेकर कार्यकर्ताओ ने उच्चतम न्यायलय का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों में पारदर्शिता बनाए रखने और वेबसाइट पर खोज समितियों और आवेदकों का विवरण अपलोड करने के लिए कहा था। इस मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक, कमोडोर लोकेश बत्रा ने नियुक्ति प्रक्रिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, सरकार वेबसाइट पर विवरण पोस्ट करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करने में विफल रही है।
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hindicatch · 4 years
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सालाना रिपोर्ट में आरबीआई ने देश की इकॉनमी को दोबारा पटरी पर लाने संबंधी कई घोषणाएं की है। इसमें वर्तमान दिवालिया कानून में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं करने का फैसला लिया गया है। वहीं बैंकों के बढ़ते एनपीए पर आरबीआई ने चिंता जताई है, लेकिन हालत जल्द सही होने का भी अनुमान जताया गया है। हालांकि वर्तमान आरबीआई ने वर्तमान फायनेंशियल स्थिति को साल 2008 में आए ग्लोबल वित्तीय संकट जैसा मानने से साफ इनकार किया है।
रोजगार बढ़ने का अनुमान
आरबीआई ने मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय हालात में सुधार के लिए टैक्स में रियायतें भी दी गई हैं। इससे रोजगार बढ़ने का अनुमान है। दूसरी ओर रिपोर्ट में असेट्स को बेच कर कैश की किल्लत खत्म करने भी बात कही गई है। हालांकि वर्तमान रिकवरी को साल 2008 के ग्लोबल वित्तीय संकट (जीएफसी) से बिल्कुल अलग माना गया है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण देश की आर्थिक संरचना ज्यादा खराब होने की चेतावनी भी दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी के साथ अब तक के अनुभव के मुल्यांकन के आधार पर एक इंडिपेंडेंट रेग्यूलेटर द्वारा नए अध्याय का खाका तैयार किया जा सकता है। इंडस्ट्री के लिए फिस्कल इंसेंटिव उन कंपनियों के पक्ष में होगा, जिनको बड़ी संख्या में मजदूरों की आवश्यकता होती है और इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
बैंकों की मौजूदा स्थिति चिंताजनक
कोरोना काल में आर्थिक हालात को संभालने के लिए आरबीआई ने पेमेंट मोरोटोरियम, दरों में कटौती और बाजार में कैश की उपलब्धता बढ़ाई थी, लेकिन अब बैंकों की हालत चिंताजनक बन गई है। इस पर आरबीआई का मानना है कि बैंकों की स्थिति में जल्द सुधार होगा। दरअसल, साल 2009-11 के दौरान महंगाई बढ़ी, नकदी की किल्लत और वित्तीय अस्थिरता के कारण बैंक एनपीए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा गया था। यह गलती दोबारा न हो इसके लिए आरबीआई पहले से ही सचेत हो गया है।
लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 में 5 फीसदी और जून तिमाही में 25 फीसदी तक की गिरावट का अनुमान है। वहीं जीडीपी में राजकोषीय घाटे की हिस्सेदारी 3 फीसदी से बढ़कर 7.5 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है।
असेट्स बेचकर कैश जुटाने की योजना
आरबीआई ने कहा कि एक इंडिपेंडेंट रेग्यूलेटर का गठन किया जाएगा। इसके माध्यम से केंद्रीय एवं राज्य सरकारों के अधीन प्रमुख बंदरगाहों, स्टील, कोल, बिजली, लैंड, रेलवे में असेट्स को मोनोटाइज कर फंड जुटाया जाएगा। इससे प्राइवेट निवेश भी बढ़ेगा और उस क्षेत्र में दोबारा जान आ जाएगी। बता दें कि जिन असेट्स से रेवन्यू नहीं निकलता है उन्हे बेचकर कैश जुटाया जाता है। इस प्रक्रिया को मोनोटाइज कहते हैं। इसके अलावा स्ट्रक्चरल सुधार के लिए लैंड, लेबर और बिजली के संबंध में जीएसटी काउंसिल जैसा अपेक्स अथॉरिटी भी बनाया जा सकता है।
दिवालिया कानून में नहीं होगा बदलाव
मौजूदा दिवालिया कानून में बदलाव के लिए इंडस्ट्री और लॉबी समूह में चर्चाएं तेज हैं, लेकिन आरबीआई का कहना है कि मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर और एक मजबूत दिवालियापन प्रक्रिया की जरुरत होती है। इसीलिए मौजूदा दिवालिया कानून में कोई बदलाव नहीं होगा। इससे विभिन्न सेक्टर्स में विकास को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि वर्ष 2019-20 तक आरबीआई ने पॉलिसी रेट में 250 बेसिस पॉइंट की कटौती की है और सरप्लस नकदी को बनाए रखा। इसके अलावा सिंगल विंडो के साथ वन टाइम लोन रिस्ट्रक्चरिंग की भी अनुमति दी है। इस दौरान सरकार ने छोटी कंपनियों को कर्ज मुहैया कराया और उनके लिए दिवालियापन कानून को सस्पेंड कर दिया। एनबीएफसी और म्यूचुअल फंडों पर से वित्तीय दबाव कम करने के लिए एक नकदी विंडो भी प्रदान किया था।
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साल 2009-11 में मुद्रास्फिति में तेजी, नकदी की किल्लत और वित्तीय अस्थिरता के कारण बैंक एनपीए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा गया था
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kisansatta · 4 years
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कोरोना की मार: उबर 3 हजार से अधिक नौकरियों में करेगा कटौती
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नई दिल्ली। उबर ने कहा है कि कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के बीच कंपनी 3 हजार से अधिक नौकरियों में कटौती कर रही है। सूत्रों से पता चला ​ ​है कि उबर के सीईओ दारा खोसरोशाही द्वारा कर्मचारियों को लिखे एक पत्र के हवाले से कहा, कई नॉन-कोर प्रोजेक्ट में निवेश को घटाने सहित हमने अविश्वसनीय रूप से वर्कफोर्स (कार्यबल) को कम करने का कठिन निर्णय लिया है।
कंपनी 3 हजार से अधिक नौकरियों में कटौती कर रही है। सैन फ्रांसिस्को स्थित राइड-हीलिंग कंपनी ने 3,700 नौकरियों में कटौती करने की घोषणा के साथ ही इसी महीने की शुरुआत में अपने कर्मचारियों की 25 प्रतिशत सलरी कट की भी बात कही थी। वैश्विक स्तर पर भी उबर कुछ 45 कार्यालयों को बंद कर रहा है। इसमें सेल्फ ड्राइविंग कारों जैसी एक्सपेरिमेंटल प्रोजेक्ट्स वाले सैन फ्रांसिस्को स्थित इसके पियर 70 ऑफिस भी शामिल हैं।
कंपनी के अनुसार, अगले 12 महीनों में कंपनी अपने एशिया-प्रशांत मुख्यालय को सिंगापुर से एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। यह मुख्यालय उस बाजार में जाएगा, जहां हम अपनी सेवाएं संचालित करेंगे। कंपनी ने कहा कि उबर इन कार्यों से एक साल में 1 अरब (एक बिलियन) अमेरिकी डॉलर से अधिक की लागत को कम करेगा।
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