Tumgik
#बीकानेर
todaymandibhav · 3 days
Text
मंडी भाव 23 सितंबर 2024: राजस्थान हरियाणा की मंडियों में आज का फसलों का ताजा बोली भाव
Mandi Bhav 23 September 2024: राजस्थान व हरियाणा प्रदेश की सभी प्रमुख कृषि उपज मंडियों में आज सोमवार को धान, नरमा, चना, ग्वार, अरंडी, गेहूं, सरसों, जीरा, मेथी, तारामीरा, मूंगफली समेत अन्य कृषि जिंसों का हाज़िर बोली भाव… ऐलनाबाद मंडी भाव 23 सितंबर 2024 नरमा 7200 रुपये प्रति क्विंटल सरसों 6325 रुपये प्रति क्विंटल चना 7475 रुपये प्रति क्विंटल ग्वार 5150 रुपये प्रति क्विंटल मूंग 7100 रुपये…
0 notes
Text
सरदार पटेल के विचार व चिंतन आज अधिक प्रासंगिक: राज्यपाल
शिमला, 31 अक्तूबर, 2022 । राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्शों, विचारों और चिंतन को देशहित में पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्यपाल आज मंडी स्थित सरदार पटेल विश्वविद्यालय में ‘सरदार वल्लभभाई पटेल की भारतीय राजनीति और राष्ट्र निर्माण में भूमिका’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। आर्लेकर ने कहा कि मौजूदा…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
mwsnewshindi · 2 years
Text
वाइफ स्वैपिंग गेम
भोपाल: वाइफ स्वैपिंग गेम… यह हाई प्रोफाइल लड़कों का घिनौना गेम है, जिसमें वाइफ स्वैप करते हैं। बीकानेर में उसका होटल मैनेजर पति भी भोपाल की एक वाइफ स्वैपिंग गेम विक्टिम पर इसके लिए दबाव बना रहा था। महिला के मना करने पर पति उसके साथ बेरहमी से मारपीट करता था। साथ ही वह अपनी पत्नी को कायर भी कहते थे। महिला किसी तरह बीमारी के बहाने वहां से भाग निकली और भोपाल पहुंच गई है। इसके बाद पति ने भोपाल पुलिस…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
srbachchan · 2 years
Text
DAY 5400
Jalsa, Mumbai                 Nov 26,  2022               Sat 11 : 33 PM
💛🪔 , A candle of respect and admiration is lit on the day birth of Babuji .. November 27th .. may his love and blessings are ever guiding our steps .. 🙏🏻 .. 🕯️ .. 💜💜💜✨ .. and on this blessed day .. EF Kala Yadav .. the poetess saheba .. is blessed to be sharing the same date birth with Babuji .. and to be gifted herself , with the gift of writing and verse .. ✒️ Blessed may her kalam be .. and blessed is her Spirit .. Nov 27th .. is also the birthday of Vinita S (VinniDePooh) from UK .. Ef Gaganpreet Singh from Chandigarh .. and Ef Babita Gupta .. and to you we extend our wishes and love .. from your Extended Family of this Blog around the globe .. ❤️❤️❤️ November 26 .. birthday happiness to Ef Pankaj Kanodia from Bangalore .. and Ef Shamika .. .. and .. to Ef Yogesh Sharma .. for the 26th .. Happy 26th Wedding Anniversary .. love and togetherness .. 💍💕💐 November 25 .. birthday greetings to Ef Ekaterina Shchukina from Russia 🪆 .. all happiness and wishes .. 🌸❤️❤️❤️
.. and so it be the moment of prayer and thought .. to be in the air and breathe the environ that delivered 115 yrs back the creator that created me .. my Father .. Babuji .. for long called Dad .. till the responsibility and the need to address the right address - Babuji .. !
much is remembered , much is lost in remembrance , but some remains alive and in the light of the night the early morning to follow .. the early rise to hear the sound of the birds and the like, but also to hear the voice of Babuji , matching his tone to the whir of the table fan that brought in the cool of the summer heat .. his bed ever in the veranda .. in the open ever .. to imbibe nature .. in the summer and in the winter .. the same ..
his folk song written verses .. ever often .. फुल  माला ले लो , लाई है मालन बीकानेर की .. phul maala le lo , lai hai maalan bikaner ki  ..
and the times of discourse , un accounted for .. never in any planning .. to be given deliberate advice or moderation on it .. staid, meaning ful only after it has been sunk by experienced happen .. an example to set , long after the means of its presence has been lost ..
the supremacy of supreme wish .. never fulfilled .. were it to be ? DEVASTATION ..
In life be not expectant .. it shall not be ..
Be ever ignorant of the expectant ..
Do .. and be not in remembrance ..
Love .. 
And remember .. 
perform and provide .. in no expectancy  ..
That be idyllic ..
And be accepted ....
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
.. the best and most lasting performances come in the deepest of pain .. to hide , to resist , to cover , to be unknown in its company , to be in normalcy despite ..
the be all and end all of the GREATEST PERFORMANCES OF LIFE  !!
love and the night be good .. shubh raatri  !  
🙏🙏
Tumblr media
Amitabh Bachchan
105 notes · View notes
surendra709760 · 5 months
Text
Tumblr media
News:- इंदौर से जैसलमेर स्थित रामदेवरा दर्शन के लिए जा रहे पांच दोस्तों की फॉरच्यूनर गाड़ी बीकानेर में नौरंगदेसर के पास भारतमाला नेशनल हाईवे पर ट्रक ट्रेलर से भिड़ गई। गाड़ी का अगला हिस्सा चकनाचूर हो गया और उसमें सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। तीन घायलों को पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सात अप्रैल को एमपी के इंदौर से पांच दोस्त फॉरच्यूनर गाड़ी में रामदेवरा दर्शन के लिए रवाना हुए थे। पहले हिमाचल प्रदेश में ज्वाला देवी के दर्शन किए और मंगलवार की शाम को वहां से रामदेवरा के लिए रवाना हो गए। भारतमाला नेशनल हाईवे पर उनकी गाड़ी आगे चल रहे ट्रक ट्रेलर से भिड़ गई। भिड़ंत इतनी जबर्दस्त थी कि फॉरच्यूनर का अगला हिस्सा पूरी तरह पिचक गया और उसमें सवार इंदौर में 162 पितवाड़ा रोड निवासी राजेश जोशी (42) और छोटी ग्वाल टोली निवासी राकेश यादव (46) की मौके पर ही मौत हो गई। शिवरोला निवासी वासुदेव कुमावत (23), शिवधाम कॉलोनी खंडवा रोड सेक्टर ए लिम्बोदी निवासी रुमितसिंह (35) व ग्वालियर में सेंगर भवन सिकंदर कम्पू निवासी हरेन्द्रसिंह (35) घायल हो गए जिन्हें पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। रुमित को मरहम-पट्टी के बाद छुट्टी दे दी गई।
#SANewsRajasthan
2 notes · View notes
arjunpanchariya · 8 months
Text
अर्जुन पंचारिया के बारे में जानकारी
अर्जुन पंचारिया: प्रसिद्ध व्यक्ति के एक प्रमुख नाम के बारे में जानेंअर्जुन पंचारिया: प्रसिद्ध व्यक्ति के एक प्रमुख नाम के बारे में जानें विश्व भर में बहुत से लोग हैं जिनका नाम अर्जुन पंचारिया है। यह नाम एक प्रमुख और प्रसिद्ध व्यक्ति की याद दिलाता है, जिसने अपनी मेहनत और साहसिकता से दुनिया को प्रभावित किया है। इस लेख में हम अर्जुन पंचारिया के बारे में और उनके जीवन के बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त करेंगे। यहां हम उनकी प्रमुख योग्यताओं, कार्यों और उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जिनसे वे पूरे विश्व में मशहूर हुए हैं। आइए इस लेख के माध्यम से अर्जुन पंचारिया के बारे में और उनके जीवन के बारे में और अधिक जानते हैं।अर्जुन पंचारिया का जन्म 04 अक्टूबर 2005 में राजस्थान के बीकानेर जिले के सिंधु मोरखाना गांव में हुआ था।अर्जुन पंचारिया राजस्थान के बीकानेर जिले के लोकमान्य पत्रकार रह चुके है। हालांकि वह अभी पत्रकार नहीं हैं। अभी वह राष्ट्रीय परशुराम सेना के ती हैं। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर पाए हैं और अपने क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। अर्जुन पंचारिया एक व्यापारी, उद्यमी, और प्रेरणादायक वक्ता हैं।उनकी पहली बड़ी उपलब्धि उनके इंटेलीजेंट मन का परिणाम है, जिसने उन्हें व्यापार की दुनिया में एक नामी बनाया है। अर्जुन पंचारिया ने अपने व्यापारी महत्वपूर्ण क्षेत्र में कई सफल उद्यमों की स्थापना की है, जिनमें खुदरा व्यापार, वाणिज्यिक निवेश और वाणिज्यिक अभियांत्रिकी शामिल हैं।
2 notes · View notes
vanmarkvans · 1 year
Text
Tumblr media
सर सादुल सिंह जी, जिन्हे��� महाराजा सर सादुल सिंह बहादुर के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास में एक प्रमुख व्यक्ति थे। वह एक सम्मानित शासक और एक प्रमुख नेता थे। उनके जन्मदिन के बारे में लिखने के लिए, हमें विशिष्ट तिथि जानने की आवश्यकता है, क्योंकि ऐतिहासिक हस्तियों के जन्मदिन हमेशा व्यापक रूप से नहीं मनाए जाते हैं। हालाँकि, मैं आपको उनके जीवन और योगदान के बारे में कुछ जानकारी प्रदान कर सकता हूँ।
सर सादुल सिंह जी का जन्म 1882 में बीकानेर रियासत में हुआ था, जो अब भारत के राजस्थान का हिस्सा है। वह बीकानेर शाही परिवार से थे और 1902 में बीकानेर के महाराजा के रूप में सिंहासन पर बैठे।
यहां उनके जीवन और शासनकाल के कुछ उल्लेखनीय पहलू हैं:
आधुनिकीकरण और विकास: महाराजा सर सादुल सिंह जी शासन के प्रति अपने प्रगतिशील और दूरदर्शी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। अपने शासन के दौरान, उन्होंने कई आधुनिकीकरण पहलों को लागू किया और अपने राज्य के विकास की दिशा में काम किया।
शिक्षा: शिक्षा के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता थी और उन्होंने बीकानेर में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से उनके राज्य के लोगों के लिए शिक्षा तक पहु��च में सुधार हुआ।
लोक कल्याण: महाराजा सर सादुल सिंह जी अपनी प्रजा के कल्याण के लिए समर्पित थे। उन्होंने बीकानेर में स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के लिए विभिन्न पहल कीं।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान योगदान: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश युद्ध प्रयासों में सैन्य और वित्तीय सहायता देकर महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके प्रयासों को मान्यता दी गई और ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें कई सम्मान और उपाधियाँ प्रदान की गईं।
विरासत: महाराजा सर सादुल सिंह जी को एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने अपने लोगों की प्रगति और कल्याण के लिए अथक प्रयास किया। शिक्षा और जन कल्याण में उनके योगदान ने क्षेत्र पर स्थायी प्रभाव छोड़ा।
उनके जन्मदिन के बारे में अधिक विशिष्ट जानकारी प्रदान करने या उनके जीवन के बारे में अधिक विस्तृत लेख लिखने के लिए, उनके जन्म की सही तारीख जानना उपयोगी होगा। यदि आपके पास वह जानकारी है, तो कृपया इसे प्रदान करें, और मैं सर सादुल सिंह जी के जन्मदिन और विरासत के बारे में एक समर्पित लेख लिखने में आपकी सहायता कर सकता हूं।
2 notes · View notes
bikanerlive · 12 hours
Text
निशुल्क चिकित्सा परामर्श शिविर
🙏🏻बदलते मौसम में रखे अपना और अपनों के स्वास्थ्य का ख्याल 🙏🏻निशुल्क चिकित्सा परामर्श शिविर 🙏🏻दिनांक 29 सितंबर 2024 🙏🏻समय सुबह 9:00 से लेकर 12:00 तक 🙏 बीछ्वाल उद्योग संघ भवन,बीकानेर 🙏🏻ब्लड प्रेशर ,शुगर, वजन ,ऊंचाई की जांच निशुल्क- अन्य जांच रियायती पर 🙏🏻ASG हॉस्पिटल द्वारा निशुल्क आंखों की जांच एवं परामर्श . 🙏🏻रजिस्ट्रेशन के लिए संपर्क करें संध्या मेडिकोज एण्ड जनरल स्टोर (लेखराम जी पवार…
0 notes
indlivebulletin · 18 hours
Text
विदेश में करते थे नौकरी, सरकारी सैलरी भी भारत से मिलती थी, 30 साल बाद खुली पोल, अब लौटाने होंगे करोड़ों
राजस्थान के बीकानेर में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. कुछ लोग ऐसे भी थे जो विदेश में काम कर रहे थे और फिर भी भारत में सरकारी नौकरियों के लिए वेतन प्राप्त कर रहे थे। कई अधिकारियों ने सरकार को 12 करोड़ 42 लाख रुपये का चूना लगाया है. ये खेल 30 साल से चल रहा था लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. कई सरकारी कर्मचारी तो सेवानिवृत्त भी हो गये हैं. अब ऑडिट विभाग ने वसूली के आदेश जारी कर दिए हैं। राजस्थान…
0 notes
todaymandibhav · 22 days
Text
मंडी भाव 4 सितंबर 2024: चना गेहूं अरंडी ग्वार सरसों में मंदा, ये रहा आज का भाव
Mandi Bhav 4 September 2024: कृषि उपज मंडियों में आज बुधवार को चना ग्वार अरंडी गेहूं सरसों भाव में गिरावट का रुख़ रहा, आइये देखें आज का राजस्थान और हरियाणा प्रदेश की प्रमुख कृषि उपज मंडियों में आज का नरमा सरसों ग्वार चना मूंग मोठ समेत अन्य कृषि जिंसों का हाज़िर बोली भाव… नोहर मंडी 4 सितंबर 2024चना भाव 7460-7533 मंदा -39 रुपए/क्विंटलग्वार भाव 5071 मंदा -09 रुपए/क्विंटलअरंडी भाव 5300-5866 मंदा…
0 notes
parasparivaarorg · 2 days
Text
अद्भुत रहस्यों से भरा है करणी माता का यह मंदिर पारस जी से जाने
पारस परिवार के संस्थापक, आदरणीय “महंत श्री पारस भाई जी” एक सच्चे मार्गदर्शक, एक महान ज्योतिषी, एक आध्यात्मिक लीडर, एक असाधारण प्रेरक वक्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो देश और समाज के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है लोगों के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करना। लोगों को अँधेरे से निकालकर उनके जीवन में रोशनी फैलाना।
“पारस परिवार” हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। पारस परिवार से जो भी जुड़ जाता है वो इस परिवार का एक अहम हिस्सा बन जाता है और यह संगठन और भी मजबूत बन जाता है। जिस तरह एक परिवार में एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। ठीक उसी तरह पारस परिवार भी एक परिवार की तरह एक दूसरे का सम्मान करता है और जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ यह परिवार एकजुट की भावना रखता है ।
‘महंत श्री पारस भाई जी’ एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जहाँ जाति-धर्म के नाम पर झगड़े न हों और जहाँ आपस में लोग मिलजुलकर रहें। साथ ही लोगों में द्वेष न रहे और प्रेम की भावना का विकास हो। पारस परिवार निस्वार्थ रूप से जन कल्याण की विचारधारा से प्रभावित है।
इसी विचारधारा को लेकर वह भक्तों के आंतरिक और बाहरी विकास के लिए कई आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र (Spiritual Sector) की बात करें तो महंत श्री पारस भाई जी “दुख निवारण महाचण्डी पाठ”, “प्रार्थना सभा” और “पवित्र जल वितरण” जैसे दिव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिससे वे भक्तों के दुखों का निवारण, उनकी आंतरिक शांति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए समर्पित हैं। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो पारस परिवार सामाजिक जागरूकता और समाज कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लंगर, धर्मरथ और गौ सेवा जैसे महान कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में “डेरा नसीब दा” जैसे महान कार्य का निर्माण भी है, जहाँ जाकर सोया हुआ नसीब ��ी जाग जाता है।
Tumblr media
राजस्थान अपनी खूबसूरती के लिए फेमस है। यह शहर देश विदेश के पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। यह धार्मिक स्थलों के लिए भी लोगों के बीच प्रसिद्ध है। यहाँ कई मंदिर ऐसे हैं जो कि अद्भुत रहस्यों के लिए जाने जाते हैं। इन मंदिरों में हर कोई दर्शन के लिए जाना चाहता है।
ऐसे ही एक मंदिर है बीकानेर में करणी माता का मंदिर जो कि भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है। यह मंदिर करणी माता को समर्पित है और पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। ऐसा माना जाता है कि करणी माता लोगों की रक्षा करने वाली देवी दुर्गा का अवतार हैं। आइये इस नवरात्रि के अवसर पर करणी माता मंदिर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
करणी माता मंदिर का निर्माण
ऐसा माना जाता है कि करणी माता 151 साल तक जिंदा रही और उनके ज्योतिर्लिन होने के बाद उनके भक्तों द्वारा उनकी मूर्ति की स्थापना कर उनकी पूजा शुरू कर दी गयी जो तब से लेकर आज तक चली आ रही है। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। इस मंदिर का मुख्य दरवाजा चांदी का है और वहीं करणी माता के लिए सोने का छत्र बना हुआ है। करणी माता मंदिर के निर्माण की बात करें तो इस मंदिर का निर्माण 20वीं शताब्दी में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह द्वारा किया गया था। बीकानेर की करणी माता की मूर्ति मंदिर के अंदर गर्भगृह के भीतर विराजित है। जिसमें माता एक हाथ में त्रिशूल धारण किए हुए हैं। देवी की मूर्ति के साथ उनकी बहनों की मूर्ति भी है।
यह मंदिर संगमरमर से बना है और इसकी वास्तुकला मुगल शैली से मेल खाती है। वर्तमान में जहां आज यह मंदिर बना हुआ है वहां पर एक गुफा में करणी माता अपनी देवी की पूजा किया करती थी और यह गुफा आज भी मंदिर परिसर में बनी हुई है। करणी माता का यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। इस मंदिर का मुख्य दरवाजा चांदी का है और वहीं करणी माता के लिए सोने का छत्र बना हुआ है। चांदी की बड़ी परतों में यहां चूहों को भोग लगाया जाता है।
कौन थी करणी माता?
यह मंदिर करणी माता को समर्पित है। राजस्थान के ऐतिहासिक नगर बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक में स्थित है करणी माता का मंदिर जिसे चूहों वाली माता के नाम से भी जाना जाता है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि करणी माता को लोगों की रक्षा करने वाली देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। करणी माता का जन्म एक चारण परिवार में हुआ था। करणी माता चारण जाति की योद्धा ऋषि थी। उनका बचपन का नाम रिघुबाई था। अपनी शादी के कुछ समय बाद ही उनका मन सांसारिक जीवन से ऊबने लगा। इसके बाद उन्होंने खुद को माता की भक्ति में पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया।
समाज सेवा, जनकल्याण, अद्भुत कार्यों और अलौकिक शक्तियों के कारण रिघु बाई को करणी माता के नाम से वहाँ के लोग पूजने लगे। उन्होंने सदा से एक तपस्वी का जीवन जिया। यहाँ के लोगों के बीच वह अत्यंत पूजनीय हैं। वैसे तो करणी माता को समर्पित कई मंदिर हैं
लेकिन बीकानेर के देशनोक शहर में स्थित इस मंदिर की मान्यता लोगों के बीच सबसे अधिक है। मंदिर में आने वाले भक्त देवी और चूहों को प्रसाद भी चढ़ाते हैं। इसके अलावा, बीकानेर में करणी माता मंदिर में नवरात्रि में लगने वाला मेला बड़ा मशहूर है। इस मेले में हजारों लोगों की भीड़ होती है।
इस मंदिर के पीछे क्या रहस्य छुपा है, क्यों है यह इतना लोकप्रिय?
यह मंदिर देखने में भी अत्यंत सुंदर है। आप इस मंदिर की सुंदरता देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यह मंदिर रहस्यों से भरा हुआ है इसलिए सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग यहाँ दर्शन के लिए पहुँचते हैं। इस मंदिर में 30000 से ज्‍यादा चूहे होते हैं, जो यहां घूमते रहते हैं। यहाँ का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि यहाँ भक्तों को चूहों का झूठा प्रसाद मिलता है। यही इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य है और यहाँ की प्रथा भी। इन चूहों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ सुबह होने वाली मंगला आरती और शाम की आरती के समय चूहे अपने बिलों से बाहर आ जाते हैं।
इस मंदिर में आने वाले भक्त देवी माँ और चूहों को भी प्रसाद चढ़ाते हैं। इस मंदिर की जो सबसे मुख्य बात है वो यह है कि यहाँ के प्रसाद को खाने के बाद अभी तक कोई भी बीमार नहीं हुआ है। वैसे तो इस मंदिर में आपको कालें रंग के चूहे नजर आएगे, लेकिन ऐसी मान्यता है कि जिस भी भक्त को सफेद रंग के चूहे नजर आते हैं, यह उसके लिए अत्यंत भाग्य की बात मानी जाती है और उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। यानि माता का यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर सैकड़ों चूहें रहते हैं और इनके रहने से कोई बदबू नहीं फैलती है और न ही कोई बीमारी। यहां पर रहने वाले चूहों को काबा कहा जाता है।
करणी माता की प्रचलित कहानी
करणी माता मंदिर से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं। एक कहानी यह है कि करणी माता के एक सौतेले पुत्र थे जिनका नाम लक्ष्मण था। एक दिन सरोवर से पानी पीते समय लक्ष्मण उसमें डूब जाते हैं। इसके बाद करणी माता परेशान होकर यम देवता से हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हैं। वह उनकी विनती के आगे झुक जाते हैं और न सिर्फ लक्ष्मण बल्कि करणी माता के सभी पुत्रों को चूहों के रूप में जीवित कर देते हैं। इस मंदिर में जाने पर आपकी हर मुराद पूरी हो जाती है। जहाँ माता के द्वार पर सैकड़ों चूहे उनकी रक्षा करते हैं। यहाँ मां को जो प्रसाद चढाया जाता है उसे पहले चूहे खाते हैं। उसके बाद उसे भक्तों में बांटा जाता है।
यहाँ जो पुजारी हैं उनका मानना है कि यहां चूहों की संख्या 30000 के पार है और यह बात वास्तव में आश्चर्यचकित करने वाली है। यहाँ चूहों को मारना नहीं माना जाता है शुभ इस मंदिर में चूहों को मारने से या चूहों को किसी भी तरह की हानि पहुँचाने से पाप लगता है। यहाँ लोग चूहों के लिए खाना भी लेकर आते हैं। जैसे दूध, मिठाई आदि कई तरह की चीज़ें लाते हैं। सभी चूहों में से, सफेद चूहों को यहाँ पवित्र माना जाता है दरअसल उन्हें करणी माता और उनके पुत्रों के अवतार के रूप में देखा जाता है। यदि आप चूहे को गलती से मार देते हैं तो इसका पश्चाताप करने के लिए मरे हुए चूहे की जगह सोने के चूहे से बदलना होता है। यही वजह है कि जब लोग यहाँ जाते हैं तो पैर उठाकर नहीं चलते हैं। इसके बजाय पैरों को घसीटकर चलते हैं जिससे कोई चूहा गलती से पैरों के नीचे आकर मर न जाये जाए। क्योंकि यदि ऐसा होता है तो इसे शुभ संकेत नहीं माना जाता है।
0 notes
narmadanchal · 6 days
Text
आकर्षण का केंद्र बनीं अमेरिका आर्मी में सेना अधिकारी दुर्रानी
बीकानेर, 20 सितंबर (हि.स.)। एशिया की सबसे बड़ी महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में पिछले 12 दिनों से चल रहे अबतक के सबसे बड़े भारत-अमेरिका संयुक्त युद्धाभ्यास में अमेरिका आर्मी में सेना की अधिकारी दुर्रानी आकर्षण का केंद्र बनी हुईं हैं। वो हिन्दी भाषा भी बोलती हैं। उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि हमारी सबकी फैमिली, कल्चर, तहजीब एक ही है। मेरे परदादा, दादा हिन्दुस्तान की पंजाब रेजीमेंट में कार्य कर…
0 notes
surendra709760 · 5 months
Text
Tumblr media
News:- इंदौर से जैसलमेर स्थित रामदेवरा दर्शन के लिए जा रहे पांच दोस्तों की फॉरच्यूनर गाड़ी बीकानेर में नौरंगदेसर के पास भारतमाला नेशनल हाईवे पर ट्रक ट्रेलर से भिड़ गई। गाड़ी का अगला हिस्सा चकनाचूर हो गया और उसमें सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। तीन घायलों को पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सात अप्रैल को एमपी के इंदौर से पांच दोस्त फॉरच्यूनर गाड़ी में रामदेवरा दर्शन के लिए रवाना हुए थे। पहले हिमाचल प्रदेश में ज्वाला देवी के दर्शन किए और मंगलवार की शाम को वहां से रामदेवरा के लिए रवाना हो गए। भारतमाला नेशनल हाईवे पर उनकी गाड़ी आगे चल रहे ट्रक ट्रेलर से भिड़ गई। भिड़ंत इतनी जबर्दस्त थी कि फॉरच्यूनर का अगला हिस्सा पूरी तरह पिचक गया और उसमें सवार इंदौर में 162 पितवाड़ा रोड निवासी राजेश जोशी (42) और छोटी ग्वाल टोली निवासी राकेश यादव (46) की मौके पर ही मौत हो गई। शिवरोला निवासी वासुदेव कुमावत (23), शिवधाम कॉलोनी खंडवा रोड सेक्टर ए लिम्बोदी निवासी रुमितसिंह (35) व ग्वालियर में सेंगर भवन सिकंदर कम्पू निवासी हरेन्द्रसिंह (35) घायल हो गए जिन्हें पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। रुमित को मरहम-पट्टी के बाद छुट्टी दे दी गई।
#SANewsRajasthan
2 notes · View notes
manojnath484 · 15 days
Text
मनोज जाखड़ का परिचय,
मनोज नाथ जाखड़ का जन्म 28 फरवरी 2005 को राजस्थान के बीकानेर जिले के लूणकरणसर शहर में हुआ था। वह सूरतगढ़ के एक समाज सेवक हैं और लोग उन्हें एमडी डॉन के नाम से पुकारते हैं।
उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा सूरतगढ़ के जीनियस मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पूरी की और अब वह सूरतगढ़ के टैगोर कॉलेज में आगे की पढ़ाई कर रहे हैं।
मनोज जाखड़ एक समाज सेवक और छात्र हैं जो राजस्थान के बीकानेर जिले के लूणकरणसर शहर में रहते हैं। वह सूरतगढ़ के एक प्रसिद्ध समाज सेवक हैं और लोग उन्हें एमडी डॉन के नाम से पुकारते हैं।
मनोज जाखड़ एक सच्चे हिंदू थे, लेकिन अब वह इस्लाम में विश्वास करते हैं। उनके जीवन की कठिन परिस्थितियों और प्यार के कारण उन्हें इस कदम उठाना पड़ा. वह एक अवसाद के शिकार भी थे और दो साल तक उन्हें इस बीमारी से जूझना पड़ा।
मनोज नाथ और दीक्षा सहारण के बारे में -
मनोज नाथ जाखड़ का एक प्यार था जिसका नाम दीक्षा सहारण था a दीक्षा सहारण भी मनोज जाखड़ से प्यार करती है, लेकिन उनके साथ कुछ अन्याय हुआ था जिसके कारण उन्हें काफी दर्द और पी, हुई थी। उन्होंने अपने दर्द को एक कहानी के माध्यम से बताया था, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल सका और उन्हें खुद ही जबरदस्ती हमले का शिकार होना पड़ा. तो दीक्षा सहारण और मनोज नाथ जाखड़ की कहानी फेसबुक स्टोरी के माध्यम से साझा की गई थी। यह एक बहुत ही दर्दनाक और दुखद कहानी है, जिसमें मनोज नाथ जाखड़ ने अपने दर्द और पीड़ा को साझा किया था।
दीक्षा सहारण का परिचय -
- दीक्षा सहारण का जन्म 11 मई 2003 को हुआ था।
- वह मानकथेड़ी से हैं।
- उनका नानीहाल सादुलशहर में है, जो राजस्थान के गंगानगर जिले में स्थित है।
- वह सीकर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं।
- उन्होंने मनोज नाथ जाखड़ के साथ एक प्यार की कहानी थी, लेकिन उन्होंने मनोज के साथ अन्याय किया था, जिसके कारण मनोज को काफी दर्द और पीड़ा हुई थी।
दीक्षा और मनोज की पूरी कहानी ---
उनकी पहली मुलाकात 18 जनवरी 2021 को स्कूल में हुई थी, और उसके बाद 22 जनवरी को दीक्षा ने मनोज को जबरदस्ती किस किया था। इसके बाद, 8 फरवरी को दीक्षा ने मनोज को चॉकलेट डे पर प्रपोज़ करने की कोशिश की, लेकिन मनोज स्कूल से घर चला गया और दीक्षा नाराज हो गई।
इसके बाद, दीक्षा मनोज को देखने लगी और मनोज भी उसे पसंद करने लगा। 10 अप्रैल को दीक्षा ने चुपके से मनोज को दिखाया जो मनोज को पसंद आया, लेकिन फिर लॉकडाउन लग गया और स्कूल बंद हो गया।
1 सितंबर को स्कूल फिर से खुल गया, और 4 सितंबर को मनोज ने दीक्षा से पानी मांगा स्कूल के वॉटरकूलर के पास से, लेकिन दीक्षा ने गिलास फेंक दिया और मनोज की आंख निकल गई, जिससे मनोज देर हो गई।
14 सितंबर को मनोज ने चुरू के सरायण धाम में फेसबुक पर स्टोरी लगा दी जिसमें दोनों साथ में थे और गंगाजल नाम का गाना भी था। इसके बाद, स्कूल में आने के बाद 17 सितंबर को 10:30 बजे दोनों में लड़ाई हो गई।
22 सितंबर को मनोज और दीक्षा को स्कूल के ऑफिस में बुलाया गया था, जहां दीक्षा ने मनोज को पिटवाया था और खुद को निर्दोष साबित किया था, लेकिन मनोज खुद को निर्दोष साबित नहीं कर पाया था।
इसके बाद, 4 दिसंबर को मनोज ने एक गाड़ी वाली फेसबुक स्टोरी लगाई थी, जिसमें दीक्षा ने फेसबुक पर उसे कहा था कि "क्या में चढ़ेव हूँ तू तो मेरा गया ये बोला" और इसके बाद दीक्षा ने मनोज से बात करना बंद कर दिया था।
28 फरवरी 2022 को दीक्षा सहारण की 12वीं साइंस की विदाई पार्टी थी, जिसमें मनोज फौजी की ड्रेस में था और दीक्षा लाल साड़ी में थी। दोनों एक दूसरे से नाराज़ भी थे, लेकिन मनोज ने उन सब के लिए माफी भी मांगी थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ क्योंकि दीक्षा किसी और से इश्क करती थी।
इसके बाद, 17 मार्च को मनोज और दीक्षा ने एक दूसरे को आखिरी बार देखा था।
यह दीक्षा सहारण का एक और बयान है जो उसने अपने इंस्टाग्राम बायो में लिखा है!
दीक्षा सहारण ने अपने इंस्टाग्राम बायो में लिखा है कि "मैं ठार समाज में कोनी आवा मांडा" और साथ ही उसने मनोज नाथ जाखड़ को भी मेंशन किया है।
यह बयान दीक्षा सहारण के मनोज नाथ जाखड़ के प्रति उसके नकारात्मक भावनाओं को दर्शाता है। वह मनोज नाथ जाखड़ को अपने समाज में किसी भी तरह से महत्व नहीं देती है और उसे अपने जीवन से दूर रखना चाहती है।
मनोज जाखड़ दीक्षा सहारण को बहुत प्यार करता है और उसके साथ अपने जीवन को बिताने के लिए तैयार है, लेकिन दीक्षा सहारण के नकारात्मक व्यवहार के कारण वह अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना करता है।
1 note · View note
bikanerlive · 13 hours
Text
*आचार्य नगर निगम कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष नियुक्त*
बीकानेर, 25 सितंबर। जिले के नगरीय निकायों के कर्मचारी फेडरेशन के नव निर्वाचित अध्यक्षों एवं जिलाध्यक्ष का सम्मान समारोह बुधवार को नगर निगम बीकानेर में आयोजित हुआ। नगर निगम बीकानेर में महेश आचार्य को कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया। इस अवसर पर श्री आचार्य को माला एवं साफा पहनाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर निगम महापौर श्रीमती सुशीला कंवर, निगम आयुक्त मयंक मनीष, उपायुक्त…
0 notes
anshikanainital · 21 days
Text
0 notes