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#भय
todaypostlive · 2 years
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भाजपा के भय और नफरत के माहौल से लड़ने के लिए निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा: आभा
भाजपा के भय और नफरत के माहौल से लड़ने के लिए निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा: आभा
रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता आभा सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भय और नफरत का माहौल फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके इसी भय और नफरत के माहाैल से लड़ने के लिए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष  राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा निकाली गयी है। सिन्हा ने कहा कि  जिस व्यक्ति के मन में डर होता है, वह हिंसा और नफरत का सहारा लेता है। भाजपा के मन में डर है और वह हिंसा…
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jaiminiofficial · 2 months
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Shree Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics » श्री राम चंद्र कृपालु भजमन लिरिक्स
Shree Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics » श्री राम चंद्र कृपालु भजमन लिरिक्स Shree Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics Shree Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics » श्री राम चंद्र कृपालु भजमन लिरिक्स श्री राम चंद्र कृपालु भजमन लिरिक्स श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमनहरण भवभय दारुणं ।नव कंज लोचन कंज मुखकर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छविनव नील नीरद सुन्दरं ।पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचिनोमि…
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subhashdagar123 · 2 months
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rockidasi · 10 months
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gautamkumarrajbhar · 1 year
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sanjaygarg · 1 year
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satyaparkashsworld · 2 years
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satlokashram · 7 months
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कबीर, देखे जब यम दूतन को, इत उत जीव लुकाय। महा भयंकर भेष लखी, भयभीत हो जाय।। भावार्थ:- यम के दूतों का भयंकर रूप होता है। मृत्यु के समय यमदूत उसी धर्म व भक्तिहीन व्यक्ति को ही दिखाई देते हैं। उनको देखकर भय के मारे वह प्राणी शरीर में ही इधर-उधर छुपने की कोशिश करता है।
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kadachit · 14 days
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कुछ प्रतीत हुआ मुझे उस समय तमाशबीन रहा हर करीबी अग्नि रेंग रही थी धीरे धीरे मैं कसक से कराह रहा था एक लहर आई पवन की निकट तेज़ कर गई उस अगन को टीस चहक उठी देख यह अधर मूक हो गए वो अग्नि घर कर रही थी मेरा घर जल रहा था मां तंग थी अपनी बीमारियों में पिता अपने तनाव में व्यस्त थे मुझे खलने लगा कुछ किंतु कुछ नही कह सका मैं अग्नि काफी उत्तेजना–युक्त थी मैं काफी सहमा सा,कायर फिर एक पहर मैं अग्नि बन गया जो भय था वो भय सा बन गया जलाने लगा हर किसी को मैं जलाते–जलाते खुद भी जल गया।
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adhoori-kahani · 9 months
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बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं,
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं,
लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर,
अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं,
पीठ मे छुरी सा चांद, राहू गया रेखा फांद,
मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं....
- Shri Atal Bihari Vajpayee
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zindagi-se-darte-ho · 10 months
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The Natyashastra, an essential text on performing arts in ancient India, lists 8 sthayibhavas or stable emotions.
I found reading about them very interesting and wish to take you through them with a few moodboards, of these moods essential for every Indian art form.
1. Rati (रति): Love, Romance, Attractiveness.
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2. Hasya (हास्य): Mirth, Laughter, Jocosity
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3. Soka (शोक): Sorrow, Misery, Despair
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4. Krodha (क्रोध): Anger, Fury, Vex
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5. Utsaha (उत्साह): Excitement, Eagerness, Anticipation
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6. Vismaya (विस्मय): Astonishment, Perplexity, Surprise
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7. Bhaya (भय): Fear, Terror, Fright
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8. Jugupsa (जुगुप्सा): Disgust, Abhorrence, Detestation
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subhashdagar123 · 4 months
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siya-sayani · 2 months
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मनुष्य जो सबसे बड़ा पाप कर सकता है , वो है दिए हुए चोट को भूलने की कोशिश। दुख ही जीवन है, हर कर्म दर्द के भय में ही सफल रूप से किया जाता है।
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mala-dasi · 1 month
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#Satlok_Vs_Mrityulok
सतलोक में जाने के बाद मानव को सर्दी, गर्मी, भूख, प्यास, निद्रा, भय रूपी महाकष्ट को नहीं सहना पड़ता। क्योंकि वह परमात्मा का अमरलोक है। वहां सदा आनंद दायक अवस्था बनी रहती है।
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brijpal · 6 months
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#सत_भक्ति_संदेश
देखे जब यम दूतन को, इत उत जीव लुकाय । महा भयंकर भेष लखी, भयभीत हो जाय ।।
भावार्थ:- यम के दूतों का भयंकर रूप होता है। मृत्यु के समय यमदूत उसी धर्म व भक्तिहीन व्यक्ति को ही दिखाई देते हैं। उनको देखकर भय के मारे वह प्राणी शरीर में ही इधर-उधर छुपने की कोशिश करता है।
📲अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj " Youtube Channel पर विजिट करें।
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satyaparkashsworld · 2 years
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