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#समय से पहले बच्चे
mwsnewshindi · 2 years
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विशेष: विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस - प्रीमैच्योर शिशुओं की देखभाल कैसे करें; जटिलताओं, पालन करने के लिए कदम
विशेष: विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस – प्रीमैच्योर शिशुओं की देखभाल कैसे करें; जटिलताओं, पालन करने के लिए कदम
17 नवंबर को, विश्व समयपूर्व जन्म के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में समय से पहले बच्चों और उनके परिवारों की चिंताओं को बढ़ाने के लिए विश्व प्रीमेच्योरिटी दिवस मनाया जाता है। ज़ी न्यूज़ डिजिटल ने डॉ. व्रुषाली बिचकर, कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और नियोनेटोलॉजिस्ट, मदरहुड हॉस्पिटल, लुल्लानगर, पुणे से समय से पहले प्रसव, समय से पहले बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं, यदि कोई हो, और उनकी…
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junusworld · 1 year
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🍁कबीर परमेश्वर चारों युगों में आते हैं।🍁
कबीर परमेश्वर 600 वर्ष पहले सिर्फ कलयुग में ही लीला करने नहीं आए बल्कि वे चारों युगों में आते हैं।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) वेदों के ज्ञान से भी पूर्व सतलोक में विद्यमान थे तथा अपना वास्तविक ज्ञान (तत्वज्ञान) देने के लिए चारों युगों में भी स्वयं प्रकट हुए हैं।
सतयुग में सतसुकृत नाम से, त्रेतायुग में मुनिन्द्र नाम से, द्वापर युग में करूणामय नाम से तथा कलयुग में वास्तविक कविर्देव (कबीर प्रभु) नाम से प्रकट हुए हैं।
यजुर्वेद के अध्याय नं. 29 के श्लोक नं. 25:-
जिस समय पूर्ण परमात्मा प्रकट होता है उस समय सर्व ऋषि व सन्त जन शास्त्र विधि त्याग कर मनमाना आचरण अर्थात् पूजा कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं ही कबीर प्रभु ही आता है।
कबीर परमेश्वर चारों युगों में अपने सत्य ज्ञान का प्रचार करने आते हैं।
सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारों युग प्रवान।
झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान।।
कबीर परमात्मा अन्य रूप धारण करके कभी भी प्रकट होकर अपनी लीला करके अन्तर्ध्यान हो जाते हैं। उस समय लीला करने आए परमेश्वर को प्रभु चाहने वाले श्रद्धालु नहीं पहचान पाते, क्योंकि सर्व महर्षियों व संत कहलाने वालों ने प्रभु को निराकार बताया है। वास्तव में परमात्मा आकार में है। मनुष्य सदृश शरीर युक्त है।
परमेश्वर का शरीर नाड़ियों के योग से बना पांच तत्व का नहीं है। एक नूर तत्व से बना है। पूर्ण परमात्मा जब चाहे यहाँ प्रकट हो जाते हैं वे कभी मां से जन्म नहीं लेते क्योंकि वे सर्व के उत्पत्ति कर्ता हैं।
द्वापर युग में भक्ति को जिंदा रखने के लिए कबीर परमेश्वर ने ही द्रौपदी का चीर बढ़ाया जिसे जन समाज मानता है कि वह भगवान कृष्ण ने बढ़ाया। कृष्ण भगवान तो उस वक्त अपनी पत्नी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे।
गरीब, पीतांबर कूं पारि करि, द्रौपदी दिन्ही लीर।
अंधेकू कोपीन कसि, धनी कबीर बधाये चीर।।
कोई कहता था कि त्रेता युग में हनुमान जी ने पत्थर पर राम का नाम लिख दिया था इसलिए पत्थर तैर गये। कोई कहता था कि नल-नील ने पुल बनाया था। कोई कहता था कि श्रीराम ने पुल बनाया था। परन्तु सत्य यह है कि समुद्र पर पुल त्रेतायुग में ऋषि मुनिदर जी रूप में आए कबीर साहेब जी के आशीर्वाद से बना। प्रमाणित वाणी:-
रहे नल नील जतन कर हार। तब सतगुरू से करी पुकार।।
जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले। धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17
शिशुम् जज्ञानम् हर्य तम् मृजन्ति शुम्भन्ति वह्निमरूतः गणेन।
कविर्गीर्भि काव्येना कविर् सन्त् सोमः पवित्रम् अत्येति रेभन्।।
विलक्षण मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होकर पूर्ण परमात्मा कविर्देव अपने वास्तविक ज्ञान को अपनी कविर्गिभिः अर्थात् कबीर बाणी द्वारा पुण्यात्मा अनुयायियों को कवि रूप में कविताओं, लोकोक्तियों के द्वारा वर्णन करता है। वह स्वयं सतपुरुष कबीर ही होता है।
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doctoronemg · 10 months
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Vizylac Tablet Uses, Dose in Hindi: उपयोग, साइड इफेक्ट्स, कीमत विज़ाइलैक टैबलेट का उपयोग पेट से संभंधित परेशानिया जैसे कब्ज, अपच और पेट के अल्सर के इलाज व रोकथाम के लिए किया जाता है। विज़ाइलैक टेबलेट एक प्रोबायोटिक दवा है। यह उन रोगियों को भी दी जाती है जिनमें विटामिन बी3 की कमी होती है। यह आमतौर पर दस्त के उपचार के लिए प्रयोग की जाती है । विज़ाइलैक टेबलेट के कुछ दुष्प्रभाव भी है जैसे पेट का फूलना ,गैस की समस्या होना यदि इसके दुष्प्रभाव लम्बे समय तक बने रहे तो डॉक्टर से अवश्य परामर्श करे। इस टेबलेट का सेवन भोजन से पहले या भोजन के बाद कर सकते है। इस दवा को बच्चे व पालतू जानवरो की पहुंच से दूर रखे। Read more @ https://www.doctor1mg.com/hindi-articles/medicines-vizylac-tablet-in-hindi-use-price-side-effects-composition/
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bhagwati-123 · 1 year
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*कबीर परमेश्वर के चमत्कार*
कबीर परमेश्वर जब 600 वर्ष पहले आए हुए थे तब हजारों चमत्कार किए थे ताकि मेरे बच्चे मुझे पहचान सके
भैंसे से वेद मंत्र बुलवाना
एक समय तोताद्रि नामक स्थान पर सत्संग था सत्संग के पश्चात भण्डारा शुरू हुआ भंडारे में भोजन करने वाले व्यक्ति को वेद के चार मन्त्र बोलने पर प्रवेश मिल रहा था कबीर साहेब की बारी आई तब थोड़ी सी दूरी पर घास चरते हुए भैंसे को हुर्रर हुर्रर करते हुए बुलाया तब कबीर जी ने भैंसे की कमर पर थपकी लगाई और कहा कि भैंसे इन पंडितों को वेद के चार मन्त्र सुना दे भैंसे ने छः मन्त्र सुना दिए ।
ऐसे कबीर परमात्मा 600 वर्ष पहले एक भैंसे द्वारा वेद मंत्रों को बुलवाकर अपने समर्थतता का प्रमाण दिए थे ।
कबीर परमेश्वर जब से 600 वर्ष पहले आए हुए थे तब सैउ की कटी हुई गर्दन को जोड़ा था,,
परमात्मा कबीर ने अपने भक्त की कटी हुई गर्दन वापिस जोड़ दी थी
आओ सेउ जीम लो, यह प्रसाद प्रेम ।
सिर कटते हैं चोरों के , साधों के नित्य क्षेम ।।
और सेउ की गर्दन धड़ के ऊपर जुड़ गई।
ऐसी-2 बहुत लीलाएँ साहेब कबीर (कविरग्नि) ने की हैं जिनसे यह स्वसिद्ध है कि ये ही पूर्ण परमात्मा हैं सामवेद संख्या नं. 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 162 मंत्र 2 में कहा है कि कविर्देव अपने विधिवत् साधक साथी की आयु बढ़ा देता है।
ऐसे हजारों चमत्कार कबीर परमेश्वर 600 वर्ष पहले आकर करके गए थे।
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sujit-kumar · 1 year
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कबीर बड़ा या कृष्ण Part 104
‘‘शिशु कबीर देव द्वारा कुँवारी गाय का दूध पीना’’
बालक कबीर को दूध पिलाने की कोशिश नीमा ने की तो परमेश्वर ने मुख बन्द कर लिया। सर्व प्रयत्न करने पर भी नीमा तथा नीरू बालक को दूध पिलाने में असफल रहे। 25 दिन जब बालक को निराहार बीत गए तो माता-पिता अति चिन्तित हो गए। 24 दिन से नीमा तो रो-2 कर विलाप कर रही थी। सोच रही थी यह बच्चा कुछ भी नहीं खा रहा है। यह मरेगा, मेरे बेटे को किसी की नजर लगी है। 24 दिन से लगातार नजर उतारने की विधि भिन्न भिन्न-2 स्त्री-पुरूषों द्वारा बताई प्रयोग करके थक गई। कोई लाभ नहीं हुआ। आज पच्चीसवाँ दिन उदय हुआ। माता नीमा रात्रि भर जागती रही तथा रोती रही कि पता नहीं यह बच्चा कब मर जाएगा। मैं भी साथ ही फाँसी पर लटक जाऊँगी। मैं इस बच्चे के बिना जीवित नहीं रह सकती बालक कबीर का शरीर पूर्ण रूप से स्वस्थ था तथा ऐसे लग रहा था जैसे बच्चा प्रतिदिन एक किलो ग्राम (एक सेर) दूध पीता हो। परन्तु नीमा को डर था कि बिना कुछ खाए पीए यह बालक जीवित रह ही नहीं सकता। यह कभी भी मृत्यु को प्राप्त हो सकता है। यह सोच कर फूट-2 कर रो रही थी। भगवान शंकर के साथ-साथ निराकार प्रभु की भी उपासना तथा उससे की गई प्रार्थना जब व्यर्थ रही तो अति व्याकुल होकर रोने लगी।
भगवान शिव, एक ब्राह्मण (ऋषि) का रूप बना कर नीरू की झोंपड़ी के सामने खड़े हुए तथा नीमा से रोने का कारण जानना चाहा। नीमा रोती रही हिचकियाँ लेती रही। सन्त रूप में खड़े भगवान शिव जी के अति आग्रह करने पर नीमा रोती-2 कहने लगी हे ब्राह्मण ! मेरे दुःख से परिचित होकर आप भी दुःखी हो जाओगे। फकीर वेशधारी शिव भगवान बोले हे माई! कहते है अपने मन का दुःख दूसरे के समक्ष कहने से मन हल्का हो जाता है। हो सकता है आप के कष्ट को निवारण करने की विधि भी प्राप्त हो जाए। आँखों में आँसू जिव्हा लड़खड़ाते हुए गहरे साँस लेते हुए नीमा ने बताया हे महात्मा जी! हम निःसन्तान थे। पच्चीस दिन पूर्व हम दोनों प्रतिदिन की तरह काशी में लहरतारा तालाब पर स्नान करने जा रहे थे। उस दिन ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी की सुबह थी। रास्ते में मैंने अपने इष्ट भगवान शंकर से पुत्र प्राप्ति की हृदय से प्रार्थना की थी मेरी पुकार सुनकर दीनदयाल भगवान शंकर जी ने उसी दिन एक बालक लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर हमें दिया। बच्चे को प्राप्त करके हमारे हर्ष का कोई ठिकाना नहीं रहा। यह हर्ष अधिक समय तक नहीं रहा। इस बच्चे ने दूध नहीं पीया। सर्व प्रयत्न करके हम थक चुके हैं। आज इस बच्चे को पच्चीसवां दिन है कुछ भी आहार नहीं किया है। यह बालक मरेगा। इसके साथ ही मैं आत्महत्या करूँगी। मैं इसकी मृत्यु की प्रतिक्षा कर रही हूँ। सर्व रात्रि बैठ कर तथा रो-2 व्यतीत की है। मैं भगवान शंकर से प्रार्थना कर रही हूँ कि हे भगवन्! इससे अच्छा तो यह बालक न देते। अब इस बच्चे में इतनी ममता हो गई है कि मैं इसके बिना जीवित नहीं रह सकूंगी। नीमा के मुख से सर्वकथा सुनकर साधु रूपधारी भगवान शंकर ने कहा। आप का बालक मुझे दिखाईए। नीमा ने बालक को पालने से उठाकर ऋषि के समक्ष प्रस्तुत किया। दोनों प्रभुओं की आपस में दृष्टि मिली। भगवान शंकर जी ने शिशु कबीर जी को अपने हाथों में ग्रहण किया तथा मस्तिष्क की रेखाऐं व हस्त रेखाऐं देख कर बोले नीमा! आप के बेटे की लम्बी आयु है यह मरने वाला नहीं है। देख कितना स्वस्थ है। कमल जैसा चेहरा खिला है। नीमा ने कहा हे विप्रवर! बनावटी सांत्वना से मुझे सन्तोष होने वाला नहीं है। बच्चा दूध पीएगा तो मुझे सुख की साँस आएगी। पच्चीस दिन के बालक का रूप धारण किए परमेश्वर कबीर जी ने भगवान शिव जी से कहा हे भगवन्! आप इन्हें कहो एक कुँवारी गाय लाऐं। आप उस कंवारी गाय पर अपना आशीर्वाद भरा हस्त रखना, वह दूध देना प्रारम्भ कर देगी। मैं उस कुँवारी गाय का दूध पीऊँगा। वह गाय आजीवन बिना ब्याए (अर्थात् कुँवारी रह कर ही) दूध दिया करेगी उस दूध से मेरी परवरिश होगी। परमेश्वर कबीर जी तथा भगवान शंकर (शिव) जी की सात बार चर्चा हुई।
शिवजी ने नीमा से कहा आप का पति कहाँ है? नीमा ने अपने पति को पुकारा वह भीगी आँखों से उपस्थित हुआ तथा ब्राह्मण को प्रणाम किया। ब्राह्मण ने कहा नीरू! आप एक कुँवारी गाय लाओ। वह दूध देवेगी। उस दूध को यह बालक पीएगा। नीरू कुँवारी गाय ले आया तथा साथ में कुम्हार के घर से एक ताजा छोटा घड़ा (चार कि.ग्रा. क्षमता का मिट्टी का पात्र) भी ले आया। परमेश्वर कबीर जी के आदेशानुसार विप्ररूपधारी शिव जी ने उस कंवारी गाय की पीठ पर हाथ मारा जैसे थपकी लगाते हैं। गऊ माता के थन लम्बे-2 हो गए तथा थनों से दूध की धार बह चली। नीरू को पहले ही वह पात्र थनों के नीचे रखने का आदेश दे रखा था। दूध का पात्र भरते ही थनों से दूध निकलना बन्द हो गया। वह दूध शिशु रूपधारी कबीर परमेश्वर जी ने पीया। नीरू नीमा ने ब्राह्मण रूपधारी भगवान शिव के चरण लिए तथा कहा आप तो साक्षात् भगवान शिव के रूप हो। आपको भगवान शिव ने ही हमारी पुकार सुनकर भेजा है। हम निर्धन व्यक्ति आपको क्या दक्षिणा दे सकते हैं? हे विप्र! 24 दिनों से हमने कोई कपड़ा भी नहीं बुना है। विप्र रूपधारी भगवान शंकर बोले! साधु भूखा भाव का, धन का भूखा नाहीं। जो है भूखा धन का, वह तो साधु नाहीं। यह कहकर विप्र रूपधारी शिवजी ने वहाँ से प्रस्थान किया।
विशेष वर्णन अध्याय ’’ज्ञान सागर‘‘ के पृष्ठ 74 तथा ’’स्वसमबेद बोध‘‘ के पृष्ठ 134 पर भी है जो इस प्रकार है:-
’’कबीर सागर के ज्ञान सागर के पृष्ठ 74 पर‘‘
सुत काशी को ले चले, लोग देखन तहाँ आय। अन्न-पानी भक्ष नहीं, जुलहा शोक जनाय।।
तब जुलहा मन कीन तिवाना, रामानन्द सो कहा उत्पाना।। मैं सुत पायो बड़ा गुणवन्ता। कारण कौण भखै नहीं सन्ता।
रामानन्द ध्यान तब धारा। जुलहा से तब बचन उच्चारा।।।
पूर्व जन्म तैं ब्राह्मण जाती। हरि सेवा किन्ही भलि भांति।।
कुछ सेवा तुम हरि की चुका। तातैं भयों जुलहा का रूपा।।
प्रति प्रभु कह तोरी मान लीन्हा। तातें उद्यान में सुत तोंह दिन्��ा।।
नीरू वचन
हे प्रभु जस किन्हो तस पायो। आरत हो तव दर्शन आयो।।
सो कहिए उपाय गुसाई। बालक क्षुदावन्त कुछ खाई।।
रामानन्द वचन
रामानन्द अस युक्ति विचारा। तव सुत कोई ज्ञानी अवतारा।।
बछिया जाही बैल नहीं लागा। सो लाई ठाढ़ करो तेही आगै।।
साखी = दूध चलै तेहि थन तें, दूध्हि धरो छिपाई।
क्षूदावन्त जब होवै, तबहि दियो पिलाई।।
चैपाई
जुलहा एक बछिया लै आवा। चल्यो दूत (दूध) कोई मर्म न पावा।।
चल्यो दूध, जुलहा हरषाना। राखो छिपाई काहु नहीं जाना।।।
पीवत दूध बाल कबीरा। खेलत संतों संग जो मत धीरा।।
ज्ञान सागर पृष्ठ 73 पर चैपाई
’’भगवान शंकर तथा कबीर बालक की चर्चा’’
{नोटः- यह प्रकरण अधूरा लिखा है। फिर भी समझने के लिए मेरे ऊपर कृपा है परमेश्वर कबीर जी की। पहले यह वाणी पढ़ें जो ज्ञान सागर के पृष्ठ 73 पर लिखी है, फिर अन्त में सारज्ञान यह दास (रामपाल दास) बताएगा।}
चैपाई
घर नहीं रहो पुरूष (नीरू) और नारी (नीमा)। मैं शिव सों अस वचन उचारी।।
आन के बार बदत हो योग। आपन नार करत हो भोग।।
नोटः- जो वाणी कोष्ठक { } में लिखी हैं, वे वाणी ज्ञान सागर में नहीं लिखी गई हैं जो पुरातन कबीर ग्रन्थ से ली हैं।
{ऐसा भ्रम जाल फलाया। परम पुरूष का नाम मिटाया।}
काशी मरे तो जन्म न होई। {स्वर्ग में बास तास का सोई}
{ मगहर मरे सो गधा जन्म पावा, काशी मरे तो मोक्ष करावा}
और पुन तुम सब जग ठग राखा। काशी मरे हो अमर तुम भाखा
जब शंकर होय तव काला, {ब्रह्मण्ड इक्कीस हो बेहाला}
{तुम मरो और जन्म उठाओ, ओरेन को कैसे अमर कराओ}
{सुनों शंकर एक बात हमारी, एक मंगाओ धेनु कंवारी}
{साथ कोरा घट मंगवाओ। बछिया के पीठ हाथ फिराओ}
{दूध चलैगा थनतै भाई, रूक जाएगा बर्तन भर जाई}
{सुनो बात देवी के पूता। हम आए जग जगावन सूता}
{पूर्ण पुरूष का ज्ञान बताऊँ। दिव्य मन्त्रा दे अमर लोक पहुँचाऊँ}
{तब तक नीरू जुलहा आया। रामानन्द ने जो समझाया}
{रामानन्द की बात लागी खारी। दूध देवेगी गाय कंवारी}
{जब शंकर पंडित रूप में बोले, कंवारी धनु लाओ तौले}
{साथ कोरा घड़ा भी लाना, तास में धेनु दूधा भराना}
{तब जुलहा बछिया अरू बर्तन लाया, शंकर गाय पीठ हाथ लगाया}
{दूध दिया बछिया कंवारी। पीया कबीर बालक लीला धारी}
{नीरू नीमा बहुते हर्षाई। पंडित शिव की स्तुति गाई}
{कह शंकर यह बालक नाही। इनकी महिमा कही न जाई}
{मस्तक रेख देख मैं बोलूं। इनकी सम तुल काहे को तोलूं}
{ऐस नछत्र देखा नाहीं, घूम लिया मैं सब ठाहीं।}
{इतना कहा तब शंकर देवा, कबीर कहे बस कर भेवा}
{मेरा मर्म न जाने कोई। चाहे ज्योति निरंजन होई}
{हम है अमर पुरूष अवतारा, भवसैं जीव ऊतारूं पारा}
{इतना सुन चले शंकर देवा, शिश चरण धर की नीरू नीमा सेवा}
हे स्वामी मम भिक्षा लीजै, सब अपराध क्षमा (हमरे) किजै
{कह शंकर हम नहीं पंडित भिखारी, हम है शंकर त्रिपुरारी।}
{साधु संत को भोजन कराना, तुमरे घर आए रहमाना}
{ज्ञान सुन शंकर लजा आई, अद्भुत ज्ञान सुन सिर चक्राई।}
{ऐसा निर्मल ज्ञान अनोखा, सचमुच हमार है नहीं मोखा}
कबीर सागर अध्याय ‘‘स्वसम वेद बोध‘‘ पृष्ठ 132 से 134 तक परमेश्वर कबीर जी की प्रकट होने वाली वाणी है, परंतु इसमें भी कुछ गड़बड़ कर रखी है। कहा कि जुलाहा नीरू अपनी पत्नी का गौना (यानि विवाह के बाद प्रथम बार अपनी पत्नी को उसके घर से लाना को गौना अर्थात् मुकलावा कहते हैं।) यह गलत है। जिस समय परमात्मा कबीर जी नीरू को मिले, उस समय उनकी आयु लगभग 50 वर्ष थी। विचार करें गौने से आते समय कोई बालक मिल जाए तो कोई अपने घर नहीं रखता। वह पहले गाँव तथा सरकार को बताता है। फिर उसको किसी निःसंतान को दिया जाता है यदि कोई लेना चाहे तो। नहीं तो राजा उसको बाल ग्रह में रखता है या अनाथालय में छोड़ते हैं। नीमा ने तो बच्चे को छोड़ना ही नहीं चाहा था। फिर भी जो सच्चाई वह है ही, हमने परमात्मा पाना है। उसको कैसे पाया जाता है, वह विधि सत्य है तो मोक्ष सम्भव है, ज्ञान इसलिए आवश्यक है कि विश्वास बने कि परमात्मा कौन है, कहाँ प्रमाण है? वह चेष्टा की जा रही है। अब केवल ’’बालक कबीर जी ने कंवारी गाय का दूध पीया था, वे वाणी लिखता हूँ’’।
स्वसम वेद बोध पृष्ठ 134 से
पंडित निज निज भौन सिधारा। बिन भोजन बीते बहु बारा (दिन)।।
बालक रूप तासु (नीरू) ग्रह रहेता। खान पान नाहीं कुछ गहते।
जोलाहा तब मन में दुःख पाई। भोजन करो कबीर गोसांई।।
जोलाहा जोलाही दुखित निहारी। तब हम तिन तें बचन उचारी।।
कोरी (कंवारी) एक बछिया ले आवो। कोरा भाण्डा एक मंगाओ।।
तत छन जोलाहा चलि जाई। गऊ की बछिया कोरी (कंवारी) ल्याई।।
कोरा भाण्डा एक गहाई (ले आई)। भांडा बछिया शिघ्र (दोनों) आई।।
दोऊ कबीर के समुख आना। बछिया दिशा दृष्टि निज ताना।।
बछिया हेठ सो भाण्डा धरेऊ। ताके थनहि दूधते भरेऊ।
दूध हमारे आगे धरही, यहि विधि खान-पान नित करही।।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम्। सोममिन्द्राय पातवे।।9।।
अभी इमम्-अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम् सोमम् इन्द्राय पातवे।
(उत) विशेष कर (इमम्) इस (शिशुम्) बालक रूप में प्रकट (सोमम्) पूर्ण परमात्मा अमर प्रभु की (इन्द्राय) सुखदायक सुविधा के लिए जो आवश्यक पदार्थ शरीर की (पातवे) वृद्धि के लिए चाहिए वह पूर्ति (अभी) पूर्ण तरह (अध्न्या धेनवः) जो गाय, सांड द्वारा कभी भी परेशान न की गई हों अर्थात् कुँवारी गायों द्वारा (श्रीणन्ति) परवरिश की जाती है।
भावार्थ - पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है सुख-सुविधा के लिए जो आवश्यक पदार्थ शरीर वृद्धि के लिए चाहिए वह पूर्ति कुँवारी गायों द्वारा की जाती है अर्थात् उस समय (अध्नि धेनु) कुँवारी गाय अपने आप दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है।
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buzz-london · 1 year
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🤣 *एक गाँव में एक बूढ़ी अम्मा के घर बिल्ली ने बच्चे दिए। बच्चे जन्म लेते ही बोलने लगे।* 🐱🐱🐱 *काँग्रेस जीतेगी.......* *काँग्रेस जीतेगी..... !!* *यह आश्चर्यजनक घटना पहले सारे गाँव, फिर सारे जिले और फिर सारे प्रदेश में फैल गई.....!!!* *10-12 दिन बाद कॉंग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल उस गाँव में यह जानने आया कि घटना सही है अथवा ग़लत... !!* *बूढ़ी अम्मा के घर जाकर प्रतिनिधिमंडल ने बिल्ली के बच्चे दिखाने को कहा। बूढ़ी अम्मा ने झोपड़ी के भीतर से बिल्ली के बच्चे लाकर आँगन में उनके सामने रख दिए।* *बिल्ली के बच्चे चिल्ला रहे थे,* *भाजपा जीतेगी.......,* *भाजपा जीतेगी...... !!* *काँग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने बूढ़ी अम्मा से कहा :* *"सारे प्रदेश में इन बच्चों की चर्चा है कि पैदा होने के बाद से ही ये 'कॉंग्रेस जीतेगी' के नारे लगा रहे हैं।"* *"लेकिन अभी तो ये 'भाजपा जीतेगी' के नारे लगा रहे हैं। आख़िर इनकी बोली क्यों बदल गयी ?"* *बूढ़ी अम्मा हाथ जोड़कर बोली :* 🙏🙏 *"बेटा, उस समय इनकी आँखें नहीं खुली थीं।* *अब इनकी आँखें खुल चुकी हैं... !!!"* *मित्रों, ऑंखें खोलो, दुनिया बदल रही है।* *#....म्याऊँ....# 🐱🐱🐱*
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siddharthsaket · 2 years
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🕋 *मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन* 🕋
*(Part - 94)*
के आगे पढिए.....)
📖📖📖
*(Part - 95)*
हम पढ़ रहे है पुस्तक *"मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन"*
पेज नंबर 238-240
*‘‘राजा बड़ा है या भक्त राज‘‘*
📜एक बार सुल्तान अधम अपने बलख शहर के बाहर एक तालाब पर जाकर बैठ गया। उसका पुत्र राजा था। पता चला तो हाथी पर चढ़कर बैंड-बाजे के साथ तालाब पर पहुँचा। पिता जी से घर चलने को कहा। सुल्तान ने साफ शब्दों में मना कर दिया। लड़के ने कहा कि आपने यह क्या हुलिया बना रखा है? आप यहाँ ठाठ से रहो। आप भिखारी बनकर कष्ट उठा रहे हो। मेरी आज्ञा से आज सब कुछ हो जाता है। सुल्तान ने कहा कि जो परमात्मा कर सकता है, वह राजा नहीं कर सकता। लड़के ने कहा कि आप आज्ञा दो, वही कर दूँगा।आपको हमारे पास रहना
होगा। सुल्तानी ने कहा कि ठीक है, स्वीकार है। मैं हाथ से कपड़े सीने की एक सूई इस तालाब में डालता हूँ। यह सूई जल से निकालकर मेरे को लौटा दे।राजा ने सिपाहियों, गोताखोरों तथा जाल डालने वालों को बुलाया। सब
प्रयत्न किया, परंतुव्यर्थ। लड़के ने कहा, पिताजी! एक सूई के बदले हजार सूईयाँ ला देता हूँ। क्या आपका
अल्लाह यह सूई निकाल देगा? तब सुल्तान ने कहा कि हे पुत्र! यदि मेरा अल्लाह यही सूईनिकाल देगा तो क्या तुम भक्ति करोगे? क्या सन्यास ले लोगे? लड़के ने कहा कि आप पहले यह सूई अपने प्रभु से निकलवाओ, फिर सोचूँगा। इब्राहिम ने कहा कि परमात्मा की बेटी मछलियों! मुझ दास की एक सूई आपके तालाब में गिर गई है। मेरी सूई निकालकर मुझे देने की कृपा करें। कुछ ही क्षणों के उपरांत एक मछली मुख में सूई लिए इब्राहिम के पास किनारे पर आई। इब्राहिम ने सूई पकड़ ली और मछलियों का हाथ जोड़कर धन्यवाद किया। तब सुल्तानी ने कहा, बेटा! देख परमात्मा जो कर सकता है, वह मानव चाहे राजा भी क्यों न हो, नहीं कर सकता। अब क्या भक्ति करेगा? पुत्रा ने कहा कि भगवान ने आपको सूई ही तो दी है, मैं तो आपको हीरे-मोती दे सकता हूँ। भक्ति तो वृद्धावस्था में करूंगा। भक्त इब्राहिम उठकर चल पड़ा। अपनी गुफा में चला गया।
‘‘विकार जैसे काम, मोह, क्रोध, वासना नष्ट नहीं होते, शांत हो जाते हैं‘‘
विकार मरे ना जानियो, ज्यों भूभल में आग। जब करेल्लै धधकही, सतगुरू शरणा लाग।।
एक समय इब्राहिम सुल्तान मक्का शहर में गया हुआ था। उसका उद्देश्य था कि भ्रमित मुसलमान श्रद्धालु मक्का में हज के लिए या वैसे भी आते रहते हैं। उनको समझाना था। उनको समझाने के लिए वहाँ कुछ दिन रहे। कुछ शिष्य भी बने। किसी हज यात्री ने बलख शहर में जाकर बताया कि सुल्तान इब्राहिम मक्का में रहता है। छोटे लड़के ने पिता जी के दर्शन की जिद की तो उसकी माता-लड़का तथा नगर के कुछ स्त्री-पुरूष भी साथ चले और
मक्का में जाकर इब्राहिम से मिले। इब्राहिम अपने शिष्यों को शिक्षा देता थ��� कि बिना दाढ़ी-मूछ वाले लड़के तथा परस्त्री की ओर अधिक देर नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से उनके प्रति मोह बन जाता है। अपने लड़के को देखकर इब्राहिम से रहा नहीं गया, एकटक बच्चे को देखता रहा। लड़के की आयु लगभग 13 वर्ष थी। शिष्यों ने कहा कि गुरूदेव आप हमें तो शिक्षा देते हो कि बिना दाढ़ी-मूछ वाले बच्चे की ओर ज्यादा देर नहीं देखना चाहिए,
स्वयं देख रहे हो। इब्राहिम ने कहा, पता नहीं मेरा आकर्षण इसकी ओर क्यों हो रहा है? उसी समय एक वृद्ध ने कहा, राजा जी! यह आपकी (बेगम) पत���नी है और यह आपका पुत्र है। आप ��ाज्य त्यागकर आए, उस समय यह गर्भ में था। आपसे मिलने आए हैं। उसी समय लड़का पिता के चरणों को छूकर गोदी में बैठ गया। इब्राहिम की आँखों में ममता के आँसूं छलक आए। परमेश्वर की ओर से आकाशवाणी हुई कि हे सुल्तानी! तेरे को मेरे से प्रेम नहीं रहा।
अपने परिवार से प्रेम है। अपने घर चला जा। उसी समय इब्राहिम को झटका लगा तथा आँखें बंद करके प्रार्थना की कि हे परमात्मा! मेरे वश से बाहर की बात है, या तो मेरी मृत्यु कर दो या इस लड़के की। उसी समय लड़के की मृत्यु हो गई। इब्राहिम उठकर चल पड़ा। बलख से आए व्यक्ति लड़के के अंतिम संस्कार करने की तैयारी करने लगे। परमात्मा पाने के लिए भक्त को प्रत्येक कसौटी पर खरा उतरना पड़ता है। तब सफलता मिलती है। उस लड़के के जीव को परमात्मा ने तुरंत मानव जीवन दिया और अपने भक्त के घर में लड़के को उत्पन्न किया। बचपन से ही उस आत्मा को परमात्मा का मार्ग मिला। एक बार सब भक्त बाबा जिन्दा के आश्रम में सत्संग में इकट्ठे हुए। वह लड़का उस समय 4 वर्ष की आयु का था। परमेश्वर की कृपा से उसका बिस्तर तथा इब्राहिम का बिस्तर साथ-साथ लगा था।
इब्राहिम को देखकर लड़का बोला, पिताजी! आप मुझे मक्का में क्यों छोड़ आए थे? मैं अब भक्त के घर जन्मा हूँ।देख न अल्लाह ने मुझे आप से फिर मिला दिया। यह बात गुरू जी जिन्दा बाबा (परमेश्वर कबीर जी) के पास गई तो जिन्दा बाबा ने बताया कि यह इब्राहिम का लड़का है जो मक्का में मर गया था। अब परमात्मा ने इस जीव को भक्त के घर जन्म दिया है। इब्राहिम को लड़के के मरने का दुःख बहुत था, परंतु किसी को साझा नहीं करता था। उस दिन उसने कहा, कृपासागर! तू अन्तर्यामी है। आज मेरा कलेजा (दिल) हल्का हो गया। मेरे मन में रह-रहकर आ रहा था कि परमात्मा ने यह क्या किया? इसकी माँ घर पर किस मुँह से जाएगी? आज मेरी आत्मा पूर्ण रूप से शांत है।
जिन्दा बाबा ने उस लड़की पूर्व वाली माता यानि इब्राहिम की पत्नी को संदेश भिजवाया कि वह आश्रम आए। लड़के तथा उसके नए माता-पिता तथा इब्राहिम को भी बुलाया। उस लड़के को पहले वाली माता से मिलाया। लड़का देखते ही बोला, अम्मा जान! आप मेरे को मक्का छोड़कर चली गई। वहाँ पर अल्लाह आए, देखो ये बैठे (जिन्दा बाबा की ओर हाथ करके बोला) और मेरे को साथ लेकर इनके घर छोड़ गए। मैं इस माई के पेट में चला गया। फिर मेरा जन्म हुआ। अब मैं दीक्षा ले चुका हूँ। प्रथम मंत्र का जाप करता हूँ। हे माता जी! आप भी गुरू जी से दीक्षा ले लो, कल्याण हो जाएगा। इब्राहिम की पत्नी ने दीक्षा ली और कहा कि इस लड़के को मेरे साथ भेज दो। परमेश्वर कबीर जी (जिन्दा बाबा) ने कहा कि यदि उस नरक में (राज की चकाचौंध में) रखना होता तो इसकी मृत्यु क्यों होती? अब तो आप आश्रम आया करो और महीने में सत्संग में बच्चे के दर्शन कर जाया करो। इब्राहिम को उस लड़के में अपनापन नहीं लगा क्योंकि वह किसी अन्य के शरीर से जन्मा था। परंतु उसके भ्रम, मन की मूर्खता का नाश हो गया। जो वह मन-मन में कहा करता कि अल्लाह ने यह नहीं करना चाहिए था। अब उसे पता चला कि परमात्मा जो करता है, अच्छा ही करता है। भले ही उस समय अपने को अच्छा न लगे। अल्लाह के सब जीव हैं, वह सबके हित की सोचता है। हम अपने-अपने हित की सोचते हैं। रानी को भी उस लड़के में वह भाव नहीं था, परंतु आत्मा वही थी। इसलिए माता वाली ममता दिल में जाग्रत थी। इसलिए उसको देखकर शांति मिलती थी। यह कारण बनाकर परमेश्वर जी ने उस रानी का भी उद्धार किया और बालक का भी।
( शेष भाग कल )
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।
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अगर हम आज के समय की बात करें तो युवाओं में नशे की लत बहोत तेजी से बढ़ती जा रही है। कुछ सालों पहले तक जहाँ एक अमूमन युवाओं ���ें नशे की उम्र 18 से 22 साल हुआ करती थी पर अभी हम अधिकतर पाते हैं कि 12 से 14 साल के बच्चे अधिक नशे कि गिरफ्त में आते जा रहे हैं और ऐसा होने कि कई वजह हैं जैसे अशिक्षा, बेरोजगारी, मूवीज और गानों में नशे के उपयोग का प्रदर्शन और नशे का गुणगान, युवाओं की शारीरिक गतिविधियों में भागीदारी ख़तम होती जा रही है। आज कल के युवा और बच्चे टीवी, मोबाइल और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी उम्र से पहले ही हाई प्रोफाइल जीवन शैली और नशे से प्रभावित होने लगते हैं और ये एक मुख्य वजह है जिसकी वजह से आज के डिजिटल युग में बच्चे अपने माँ-बाप और परिवार की अपेक्षा अकेले रहना और मोबाइल की रंगीन दुनिया में रहना ज्यादा पसंद करते हैं नतीजतन बच्चे कम उम्र में ही नशे और अपराध के गलत रस्ते की तरफ चले जाते हैं। शिक्षा का आभाव और बेरोजगारी भी नशे को बढ़ावा देने में अहम् कारण है। अगर हम ये कहें की “नशा-घरेलु हिंसा-अपराध” ये एक दूसरे का पर्याय बन चके हैं तो ये गलत नहीं होगा। समाजिक न्याय विभाग और aiims द्वारा किये गए हालिया सर्वे के अनुसार भारत में आज 28 करोड़ लोग नशे से प्रभावित हैं जो कि हमारे देश कि जनसँख्या का लगभग 20 प्रतिशत है और ये आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। - नशे को रोकने के लिए सबसे जरुरी कदम भी वही हैं कि हम उन कारणों पर कम करें जिनकी वजह से नशा बढ़ रहा है। - शिक्षा और रोजगार की नशे को रोकने में सबसे अहम् भूमिका है जितना ज्यादा रोजगार और शिक्षा का स्तर बढ़ेगा नशे के बढ़ते मायाजाल को रोकने की कोशिश उतनी अधिक कारगर होगी । -नशे के अवैध व्यापर को रोकने के लिए प्रॉपर लॉ इंफोर्स्मेंट का होना भी जरुरी है । हमारे देश में शराब के अलावा सभी नशों को अवैध तो बताया गया है पर ये नशे बड़ी ही सहजता है उपलब्ध हो जाते हैं और इसका मुख्य कारण है NDPS Act को किसी तस्कर पे लागू करने की कठिन और लम्बी प्रक्रिया। -नशे से होने वाले दुष्प्रभाव को हमारे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए जिससे कि बच्चे और युवा इतना जागरूक बन पाएं कि वे समझें कि नशा करना कोई मजेदार चीज नहीं बल्कि इसके घातक परिणाम होते हैं। (at Shri GKS Nasha Mukti Kendra Bhopal) https://www.instagram.com/p/Ck5P-Z1vX7y/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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subkuz00 · 15 days
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अभिनेत्री दीपिका पादुकोण अपने पहले बच्चे के जन्म को लेकर इस समय सुर्खियों में हैं
 जब से उनकी गाड़ी को मुंबई के अस्पताल के बाहर देखा गया है, तब से उनके फैंस में उत्साह और हलचल मची हुई है। जानकारी के अनुसार, कपल के घर में खुशियों ने दस्तक दे दी है। आखिरकार, पादुकोण और भवनानी परिवार के लंबे इंतजार का अब खत्म हो गया है।
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dainiksamachar · 22 days
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मैं कभी माफ नहीं करुंगा... युवराज सिंह के पिता ने धोनी पर निकाली भड़ास, सारी हदें हुई पार!
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर और दिग्गज ऑलराउंडर रहे युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने एक बार फिर से पर अपना गुस्सा निकाला है। योगराज सिंह धोनी से इतने नाराज है कि उन्होंने यहां तक कह दिया है कि वह भारत के पूर्व कप्तान को कभी माफ नहीं कर पाएंगे। योगराज ने सिंह हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में धोनी पर यह गंभीर आरोप लगाया कि उनकी वजह से युवारज सिंह का करियर बर्बाद हुआ।धोनी को लेकर योगराज सिंह ने कहा, मैं एमएस धोनी को कभी माफ नहीं करूंगा। उन्हें आईने में अपने चेहरे को देखना चाहिए। वह एक बहुत बड़े क्रिकेटर हैं, लेकिन उन्होंने मेरे बेटे के साथ जो किया है वह सब अब सामने आ रहा है। इसे जीवन में कभी भी माफ नहीं किया जा सकता। मैंने जीवन में दो चीजें कभी नहीं की हैं। पहला, मैंने कभी किसी को माफ नहीं किया है, जिसने मेरे लिए गलत किया है और दूसरा मैंने कभी उन्हें अपने जीवन में गले नहीं लगाया है चाहे वे मेरे परिवार के सदस्य हों या मेरे बच्चे।' धोनी की कप्तानी में युवराज का करियर था टॉप पर महेंद्र सिंह धोनी को लेकर योगराज सिंह जो भी दावे करते हों, लेकिन यह भी सच है कि युवराज का करियर धोनी की कप्तानी में टॉप पर था। युवराज ने धोनी की कप्तानी में 2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिसके कारण भारतीय टीम चैंपियन बनी थी। इस दोनों ही बड़े प्रतियोगिताओं में भले धोनी टीम के कप्तान के थे, लेकिन युवराज सिंह के बिना टीम इंडिया चैंपियन नहीं बन पाती। हालांकि, योगराज सिंह की राय इससे बिल्कुल अलग बनी हुई है। उनका मानना है कि धोनी के कारण युवराज सिंह का करियर समय से पहले खत्म हो गया है क्योंकि उनके अंदर 4-5 सालों का क्रिकेट बचा हुआ था। इंटरव्यू में योगराज सिंह ने कहा, 'उस आदमी (एमएस धोनी) ने मेरे बेटे का जीवन बर्बाद कर दिया जो चार से पांच साल और खेल सकता था। मैं सभी को चुनौती देता हूं कि युवराज जैसा बेटा पैदा करें। यहां तक कि गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग ने अतीत में कहा है कि युवराज सिंह जैसा दूसरा नहीं होगा। कैंसर जैसी बीमारी होने के बावजूद युवराज देश के लिए विश्व कप जीता। इसके लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए।' कैसा रहा है युवराज सिंह का करियरबता दें कि युवराज सिंह ने भारत के लिए साल 2000 में अपना डेब्यू किया था। इस दौरान उन्होंने टीम इंडिया के लिए 402 इंटरनेशनल मैचों में 11178 रन बनाए, जिसमें 17 शतक और 71 फिफ्टी शामिल रही। युवराज सिंह ने भारत के सर्वकालिक महानतम खिलाड़ियों में से एक के रूप में अपना करियर समाप्त किया। वह भारत की उन टीमों का हिस्सा थे जिन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2002, आईसीसी टी20 विश्व कप 2007 और आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2011 जीता। उन्होंने आखिरी बार जून 2017 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ भारत का प्रतिनिधित्व किया और जून 2019 में सभी प्रारूपों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। http://dlvr.it/TCgvWC
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sharpbharat · 24 days
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Jamshedpur rural child treatment : शौर्य संस्था की पहल से सात साल के बच्चे को मिली नई जिंदगी, अमरजीत सिंह राजा की पहल पर हुई बच्चे के अपेंडिक्स की बीमारी के इलाज की व्यवस्था, डॉ अभिषेक व उनकी टीम ने किया बच्चे का सफल ऑपरेशन
जमशेदपुर : भाजपा नेता व शौर्य संस्था के संस्थापक अमरजीत सिंह राजा की पहल पर एक सात वर्षीय बच्चे को नया जीवन मिला है. बर्मामाइंस हरिजन बस्ती के रहनेवाला बालक साहित मुखी पहले से अपेंडिक्स की बीमारी से ग्रसित था, जिसका विगत अप्रैल माह में रांची के रिम्स में ऑपरेशन हुआ था. डॉक्टर ने ऑपरेशन कर पेट की दाईं ओर मल त्यागने केलिए एक छोटा छेद बना दिया था, परंतु विगत 21 अगस्त को खेलते समय अचानक उस छेद से…
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jyotis-things · 2 months
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart60 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart61
* अन्य उदाहरण:-
लेखक (रामपाल दास) द्वारा श्राद्ध भ्रम खण्डन" "
"सत्य कथा"
मेरे पूज्य गुरुदेव स्वामी रामदेवानन्द जी गाँव-बड़ा पैतावास, तहसील-चरखी दादरी, जिला-भिवानी (प्रान्त-हरियाणा) के निवासी थे जो लगभग सोलह वर्ष की आयु में पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति के लिए अचानक घर त्याग कर निकल गए। प्रतिदिन पहनने वाले वस्त्रों को अपने ही खेतों के निकट घने जंगल में किसी मृत पशु की अस्थियों के पास डाल गए। शाम को घर न पहुँचने के कारण घर वालों ने जंगल में तलाश की। रात्रि का समय था। कपडे पहचान कर दुःखी मन से पशु की अस्थियों को बच्चे की अस्थियाँ जान कर उठा लाए तथा यह सोचा कि बच्चा जंगल में चला गया, किसी हिंसक जानवर ने खा लिया। अन्तिम संस्कार कर दिया। सर्व क्रियाएँ की, तेरहवीं बरसौदी (वर्षी) आदि की तथा श्राद्ध भी निकालते रहे।
लगभग 104 वर्ष की आयु प्राप्त होने के उपरान्त स्वामी जी अचानक अपने गाँव बड़ा पैंतावास जिला भिवानी, तहसील-चरखी दादरी, हरियाणा में पहुँच गए। स्वामी जी का बचपन का नाम श्री हरिद्वारी जी था तथा पवित्र ब्राह्मण में जन्म था। मुझ दास को पता चला तो में भी दर्शनार्थ पहुँच गया। स्वामी जी की भाभी जी जो लगभग 92 वर्ष की आयु की थी। मैंने उस वृद्धा से पूछा कि हमारे गुरु जी के घर त्याग जाने के उपरान्त क्या जब कभी फसल अच्छी नहीं होती या कोई घर का सदस्य बीमार हो जाता तो अपने पुरोहित (गुरु जी) से कारण पूछते तो वह कहा करता कि हरद्वारी पित्तर बना है, वह तुम्हें दुःखी कर रहा है।
श्राद्धों के निकालने में कोई अशुद्धि रही है। अब की बार सर्व क्रिया मैं स्वयं अपने हाथों से करूँगा। पहले मुझे समय नहीं मिला था क्योंकि एक ही दिन में कई जगह श्राद्ध क्रियाएँ करने जाना पड़ा। इसलिए बच्चे को भेजा था। तब तक कुछ भेंट चढ़ाओ ताकि उसे शान्त किया जाए। तब उसे 21 या 51 रूपये जो भी कहता था, डरते भेंट करते थे। फिर श्राद्धों के समय गुरु जी स्वयं श्राद्ध करते थे। तब मैंने कहा माता जी अब तो छोड़ दो इस गीता जी विरुद्ध साधना को, नहीं तो आप भी प्रेत बनोगी।
गीता अध्याय 9 श्लोक 25 सुनाया। तब वह वृद्धा कहने लगी गीता जी मैं भी पढती हूँ। दास ने कहा आपने पढ़ा है, समझा नहीं। आगे से तो बन्द कर दो इस साधना को। वृद्धा ने उत्तर दिया न भाई, कैसे छोड़ दें श्राद्ध निकालना, यह तो सदियों पुरानी (लाग) परम्परा है। हे पाठको! यह दोष भोली आत्माओं का नहीं है। यह दोष मूर्ख गुरुओं (नीम हकीमों) का है जिन्होंने अपने पवित्र शास्त्रों को समझे बिना मनमाना आचरण (पूजा का मार्ग) बता दिया। जिस कारण न तो कोई कार्य सिद्ध होता है, न परमगति तथा न कोई सुख ही प्राप्त होता है। (प्रमाण पवित्र गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24) शंका
प्रश्न 44: यदि किसी के माता-पिता भूखे हों, वे दिखाई देकर कहें तो वह पुत्र नहीं जो उनकी इच्छा पूरी न करे। *
उत्तर शंका समाधान यदि किसी का बच्चा कुएं में गिरा हो वह तो चिल्लाएगा कि मुझे बचा लो। पिता जी आ जाओ। मैं मर रहा हूँ। वह पिता मूर्ख होगा जो भावुक होकर कूएं में छलाँग लगाकर बच्चे को बचाने की कोशिश करके स्वयं भी डूबकर मर जाएगा। बच्चे को भी नही बचा पाएगा। उसको चाहिए कि लम्बी रस्सी का प्रबन्ध करे। फिर उस कुएं में छोड़े। बच्चा उसे पकड़ ले। फिर बाहर खींचकर बच्चे को कुएं से निकाले।
इसी प्रकार पूर्वज तो शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण (पूजा) करके पित्तर बन चुके हैं। संतान को भी पित्तर बनाने के लिए पुकार रहे हैं। तत्वज्ञान को समझकर अपना कल्याण करवाएँ तथा मुझ दास (रामपाल दास) के पास परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी की प्रदान की हुई वह विधि है जो साधक का तो कल्याण करेगी ही, उसके पित्तरों की भी पित्तर योनि छूटकर मानव जन्म प्राप्त होगा तथा भक्ति युग में जन्म होकर सत्य भक्ति करके एक या दो जन्म में पूर्ण मोक्ष प्राप्त करेगें।
* विचार करें: जैसा कि उपरोक्त रूची ऋषि की कथा में पित्तर डर रहे हैं कि यदि हमारे श्राद्ध नहीं किए गए तो हम पतन को प्राप्त होगें अर्थात् हमारा पतन (मृत्यु) हो जाएगा। अब उनको पित्तर योनि जो अत्यंत कष्टमय है, अच्छी लग रही है। उसे त्यागना नहीं चाह रहे।
यह तो वही कहानी वाली बात है कि "एक समय एक ऋषि को अपने भविष्य के जन्म का ज्ञान हुआ। उसने अपने पुत्रों को बताया कि मेरा अगला ��न्म अमूक व्यक्ति के घर एक सूअरी से होगा। मैं सूअर का ज���्म पाऊंगा। उस सूअरी के गले में गांठ है। यह उसकी पहचान है। उसके उदर से मेरा जन्म होगा। मेरी पहचान यह होगी कि मेरे सिर पर गांठ होगी जो दूर से दिखाई देगी। मेरे बच्चो ! उस व्यक्ति से मुझे मोल ले लेना तथा मुझे मार देना, मेरी गति कर देना।
बच्चों ने कहा बहुत अच्छा पिता जी। ऋषि ने फिर आँखों में पानी भरकर कहा कि बच्चो! कहीं लालचवश मुझे मोल न लो और मुझे तुम मारो नहीं, यह कार्य तुम अवश्य करना, नहीं तो मैं सूअर योनि में महाकष्ट उठाऊंगा। बच्चों ने पूर्ण विश्वास दिलाया।
उसके पश्चात् कुछ दिनों में उस ऋषि का देहांत हो गया। उसी व्यक्ति के घर पर उसी गले में गांठ वाली सूअरी के वहीं सिर पर गांठ वाला बच्चा भी अन्य बच्चों के साथ उत्पन्न हुआ। उस ऋषि के बच्चों ने वह सूअरी का बच्चा मोल ले लिया। तब उसे मारने लगे। उसी समय वह बच्चा बोला, बेटा! मुझे मत मारो। मेरा जीवन नष्ट करके तुम्हें क्या मिलेगा?
तब उस ऋषि के पूर्व जन्म के बेटों ने कहा, पिता जी! आपने ही तो कहा था। तब वह सूअर के बच्चे रूप में ऋषि बोला कि मैं आपके सामने हाथ जोड़ता हूँ। मुझे मत मारो, मेरे भाईयों (अन्य सूअर के बच्चों) के साथ मेरा दिल लगा है। मुझे बख्श दो। बच्चों ने वह बच्चा छोड़ दिया, मारा नहीं।
इस प्रकार यह जीव जिस भी योनि में उत्पन्न हो जाता है, उसे त्यागना नहीं चाहता। जबकि यह शरीर एक दिन सर्व का जाएगा। इसलिए भावुकता में न बहकर विवेक से कार्य करना चाहिए। यह दास (रामपाल दास) जो साधना बताएगा, उससे आम के आम और गुठलियों के दाम भी मिलेगें।
इसी विष्णु पुराण में तृतीय अंश के अध्याय 15 श्लोक 55-56 पृष्ठ 213 पर लिखा है कि " (और्व ऋषि सगर राजा को बता रहा है)" हे राजन् श्राद्ध करने वाले पुरूष से पित्तरगण, विश्वदेव गण आदि सर्व संतुष्ट हो जाते हैं। हे भूपाल ! पित्तरगण का आधार चन्द्रमा है और चन्द्रमा का आधार योग (शास्त्रअनुकूल भक्ति) है। इसलिए श्राद्ध में योगी जन (तत्व ज्ञान अनुसार शास्त्रविधि अनुसार साधक जन) को अवश्य बुलाए यदि श्राद्ध में एक हजार ब्राह्मण भोजन कर रहे हों उनके सामने एक योगी (शास्त्रअनुकूल साधक) भी हो तो वह उन एक हजार ब्राह्मणों का भी उद्धार कर देता है तथा यजमान का भी उद्धार कर देता है। (पित्तरों का उद्धार का अर्थ है कि पित्तरों की योनि छूटकर मानव शरीर मिलेगा। यजमान तथा ब्राह्मणों क��� उद्धार से तात्पर्य यह है कि उनको सत्य साधना का उपदेश करके मोक्ष का अधिकारी बनाएगा) पेश है प्रमाण के लिए श्री विष्णु पुराण के तृतीय अंश के अध्याय 15 श्लोक 55-56 की फोटोकॉपी :- अ० १५]
* तीसरा अंश १५३
हे भूपाल। पितृगणका आधार चन्द्रमा है और चन्द्रमाका आधार योग है, इसलिये श्राद्धमें योगिजनको नियुक्त करना अति उत्तम है॥ ५५ ॥ हे राजन् । यदि श्राद्धभोजी एक सहस्र ब्राह्मणोंके सम्मुख एक योगी भी हो तो वह यजमानके सहित उन सबका उद्धार कर देता है ॥ ५६ ॥
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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pradeepdasblog · 2 months
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart60 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart61
* अन्य उदाहरण:-
लेखक (रामपाल दास) द्वारा श्राद्ध भ्रम खण्डन" "
"सत्य कथा"
मेरे पूज्य गुरुदेव स्वामी रामदेवानन्द जी गाँव-बड़ा पैतावास, तहसील-चरखी दादरी, जिला-भिवानी (प्रान्त-हरियाणा) के निवासी थे जो लगभग सोलह वर्ष की आयु में पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति के लिए अचानक घर त्याग कर निकल गए। प्रतिदिन पहनने वाले वस्त्रों को अपने ही खेतों के निकट घने जंगल में किसी मृत पशु की अस्थियों के पास डाल गए। शाम को घर न पहुँचने के कारण घर वालों ने जंगल में तलाश की। रात्रि का समय था। कपडे पहचान कर दुःखी मन से पशु की अस्थियों को बच्चे की अस्थियाँ जान कर उठा लाए तथा यह सोचा कि बच्चा जंगल में चला गया, किसी हिंसक जानवर ने खा लिया। अन्तिम संस्कार कर दिया। सर्व क्रियाएँ की, तेरहवीं बरसौदी (वर्षी) आदि की तथा श्राद्ध भी निकालते रहे।
लगभग 104 वर्ष की आयु प्राप्त होने के उपरान्त स्वामी जी अचानक अपने गाँव बड़ा पैंतावास जिला भिवानी, तहसील-चरखी दादरी, हरियाणा में पहुँच गए। स्वामी जी का बचपन का नाम श्री हरिद्वारी जी था तथा पवित्र ब्राह्मण में जन्म था। मुझ दास को पता चला तो में भी दर्शनार्थ पहुँच गया। स्वामी जी की भाभी जी जो लगभग 92 वर्ष की आयु की थी। मैंने उस वृद्धा से पूछा कि हमारे गुरु जी के घर त्याग जाने के उपरान्त क्या जब कभी फसल अच्छी नहीं होती या कोई घर का सदस्य बीमार हो जाता तो अपने पुरोहित (गुरु जी) से कारण पूछते तो वह कहा करता कि हरद्वारी पित्तर बना है, वह तुम्हें दुःखी कर रहा है।
श्राद्धों के निकालने में कोई अशुद्धि रही है। अब की बार सर्व क्रिया मैं स्वयं अपने हाथों से करूँगा। पहले मुझे समय नहीं मिला था क्योंकि एक ही दिन में कई जगह श्राद्ध क्रियाएँ करने जाना पड़ा। इसलिए बच्चे को भेजा था। तब तक कुछ भेंट चढ़ाओ ताकि उसे शान्त किया जाए। तब उसे 21 या 51 रूपये जो भी कहता था, डरते भेंट करते थे। फिर श्राद्धों के समय गुरु जी स्वयं श्राद्ध करते थे। तब मैंने कहा माता जी अब तो छोड़ दो इस गीता जी विरुद्ध साधना को, नहीं तो आप भी प्रेत बनोगी।
गीता अध्याय 9 श्लोक 25 सुनाया। तब वह वृद्धा कहने लगी गीता जी मैं भी पढती हूँ। दास ने कहा आपने पढ़ा है, समझा नहीं। आगे से तो बन्द कर दो इस साधना को। वृद्धा ने उत्तर दिया न भाई, कैसे छोड़ दें श्राद्ध निकालना, यह तो सदियों पुरानी (लाग) परम्परा है। हे पाठको! यह दोष भोली आत्माओं का नहीं है। यह दोष मूर्ख गुरुओं (नीम हकीमों) का है जिन्होंने अपने पवित्र शास्त्रों को समझे बिना मनमाना आचरण (पूजा का मार्ग) बता दिया। जिस कारण न तो कोई कार्य सिद्ध होता है, न परमगति तथा न कोई सुख ही प्राप्त होता है। (प्रमाण पवित्र गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24) शंका
प्रश्न 44: यदि किसी के माता-पिता भूखे हों, वे दिखाई देकर कहें तो वह पुत्र नहीं जो उनकी इच्छा पूरी न करे। *
उत्तर शंका समाधान यदि किसी का बच्चा कुएं में गिरा हो वह तो चिल्लाएगा कि मुझे बचा लो। पिता जी आ जाओ। मैं मर रहा हूँ। वह पिता मूर्ख होगा जो भावुक होकर कूएं में छलाँग लगाकर बच्चे को बचाने की कोशिश करके स्वयं भी डूबकर मर जाएगा। बच्चे को भी नही बचा पाएगा। उसको चाहिए कि लम्बी रस्सी का प्रबन्ध करे। फिर उस कुएं में छोड़े। बच्चा उसे पकड़ ले। फिर बाहर खींचकर बच्चे को कुएं से निकाले।
इसी प्रकार पूर्वज तो शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण (पूजा) करके पित्तर बन चुके हैं। संतान को भी पित्तर बनाने के लिए पुकार रहे हैं। तत्वज्ञान को समझकर अपना कल्याण करवाएँ तथा मुझ दास (रामपाल दास) के पास परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी की प्रदान की हुई वह विधि है जो साधक का तो कल्याण करेगी ही, उसके पित्तरों की भी पित्तर योनि छूटकर मानव जन्म प्राप्त होगा तथा भक्ति युग में जन्म होकर सत्य भक्ति करके एक या दो जन्म में पूर्ण मोक्ष प्राप्त करेगें।
* विचार करें: जैसा कि उपरोक्त रूची ऋषि की कथा में पित्तर डर रहे हैं कि यदि हमारे श्राद्ध नहीं किए गए तो हम पतन को प्राप्त होगें अर्थात् हमारा पतन (मृत्यु) हो जाएगा। अब उनको पित्तर योनि जो अत्यंत कष्टमय है, अच्छी लग रही है। उसे त्यागना नहीं चाह रहे।
यह तो वही कहानी वाली बात है कि "एक समय एक ऋषि को अपने भविष्य के जन्म का ज्ञान हुआ। उसने अपने पुत्रों को बताया कि मेरा अगला जन्म अमूक व्यक्ति के घर एक सूअरी से होगा। मैं सूअर का जन्म पाऊंगा। उस सूअरी के गले में गांठ है। यह उसकी पहचान है। उसके उदर से मेरा जन्म होगा। मेरी पहचान यह होगी कि मेरे सिर पर गांठ होगी जो दूर से दिखाई देगी। मेरे बच्चो ! उस व्यक्ति से मुझे मोल ले लेना तथा मुझे मार देना, मेरी गति कर देना।
बच्चों ने कहा बहुत अच्छा पिता जी। ऋषि ने फिर आँखों में पानी भरकर कहा कि बच्चो! कहीं लालचवश मुझे मोल न लो औ��� मुझे तुम मारो नहीं, यह कार्य तुम अवश्य करना, नहीं तो मैं सूअर योनि में महाकष्ट उठाऊंगा। बच्चों ने पूर्ण विश्वास दिलाया।
उसके पश्चात् कुछ दिनों में उस ऋषि का देहांत हो गया। उसी व्यक्ति के घर पर उसी गले में गांठ वाली सूअरी के वहीं सिर पर गांठ वाला बच्चा भी अन्य बच्चों के साथ उत्पन्न हुआ। उस ऋषि के बच्चों ने वह सूअरी का बच्चा मोल ले लिया। तब उसे मारने लगे। उसी समय वह बच्चा बोला, बेटा! मुझे मत मारो। मेरा जीवन नष्ट करके तुम्हें क्या मिलेगा?
तब उस ऋषि के पूर्व जन्म के बेटों ने कहा, पिता जी! आपने ही तो कहा था। तब वह सूअर के बच्चे रूप में ऋषि बोला कि मैं आपके सामने हाथ जोड़ता हूँ। मुझे मत मारो, मेरे भाईयों (अन्य सूअर के बच्चों) के साथ मेरा दिल लगा है। मुझे बख्श दो। बच्चों ने वह बच्चा छोड़ दिया, मारा नहीं।
इस प्रकार यह जीव जिस भी योनि में उत्पन्न हो जाता है, उसे त्यागना नहीं चाहता। जबकि यह शरीर एक दिन सर्व का जाएगा। इसलिए भावुकता में न बहकर विवेक से कार्य करना चाहिए। यह दास (रामपाल दास) जो साधना बताएगा, उससे आम के आम और गुठलियों के दाम भी मिलेगें।
इसी विष्णु पुराण में तृतीय अंश के अध्याय 15 श्लोक 55-56 पृष्ठ 213 पर लिखा है कि " (और्व ऋषि सगर राजा को बता रहा है)" हे राजन् श्राद्ध करने वाले पुरूष से पित्तरगण, विश्वदेव गण आदि सर्व संतुष्ट हो जाते हैं। हे भूपाल ! पित्तरगण का आधार चन्द्रमा है और चन्द्रमा का आधार योग (शास्त्रअनुकूल भक्ति) है। इसलिए श्राद्ध में योगी जन (तत्व ज्ञान अनुसार शास्त्रविधि अनुसार साधक जन) को अवश्य बुलाए यदि श्राद्ध में एक हजार ब्राह्मण भोजन कर रहे हों उनके सामने एक योगी (शास्त्रअनुकूल साधक) भी हो तो वह उन एक हजार ब्राह्मणों का भी उद्धार कर देता है तथा यजमान का भी उद्धार कर देता है। (पित्तरों का उद्धार का अर्थ है कि पित्तरों की योनि छूटकर मानव शरीर मिलेगा। यजमान तथा ब्राह्मणों के उद्धार से तात्पर्य यह है कि उनको सत्य साधना का उपदेश करके मोक्ष का अधिकारी बनाएगा) पेश है प्रमाण के लिए श्री विष्णु पुराण के तृतीय अंश के अध्याय 15 श्लोक 55-56 की फोटोकॉपी :- अ० १५]
* तीसरा अंश १५३
हे भूपाल। पितृगणका आधार चन्द्रमा है और चन्द्रमाका आधार योग है, इसलिये श्राद्धमें योगिजनको नियुक्त करना अति उत्तम है॥ ५५ ॥ हे राजन् । यदि श्राद्धभोजी एक सहस्र ब्राह्मणोंके सम्मुख एक योगी भी हो तो वह यजमानके सहित उन सबका उद्धार कर देता है ॥ ५६ ॥
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Today's Horoscope -
मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मेहनत से भरा रहने वाला है। आपके घर किसी अतिथि का आगमन हो सकता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य उनकी आवभगत में लगे रहेंगे। छोटे बच्चे मौज मस्ती करते नजर आएंगे। आपको किसी काम की चिंता सता सकती हैं, लेकिन फिर भी आप किसी के सामने उसे जाहिर नहीं करेंगे। कार्यक्षेत्र में आपके अधिकारी आपकी जिम्मेदारियों को बढ़ाएंगे, जिन्हें आप खुशी-खुशी पूरी करेंगे।
वृषभ दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope)
आज का दिन बिजनेस कर रहे लोगों के लिए सोच समझकर कामों को करने के लिए रहेगा, क्योंकि उनके बिजनेस को टक्कर देने के लिए कोई नई कंपनी खड़ी हो सकती है। विद्यार्थियों में कुछ नया करने का जोश व जुनून उत्पन्न होगा। आपको अपने खर्चो को लेकर पूरा ध्यान देना होगा, नहीं तो आपको धन से संबंध���त समस्याओं को झेलना पड़ सकता है। आपने यदि कहीं से कोई लोन अप्लाई किया था, तो वह भी आपको मिल सकता है।
मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। आज आप बिजनेस के कामों में कुछ उलझनों में लगे रहेंगे और कुछ नए एक्सपेरिमेंट भी अपने बिजनेस में कर सकते हैं। आप अपने किसी मित्र की सेहत को लेकर परेशान रहेंगे। माताजी को कोई आंखों से संबंधित समस्या यदि चली आ रही थी, तो उनके कष्टों में कमी होगी। आप अपने किसी काम के समय से पूरा न होने के कारण परेशान रहेंगे। किसी प्रॉपर्टी में यदि आपने पहले निवेश किया था, तो वह आपको अच्छा रिटर्न दे सकता है।
कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए सुख सुविधाओं को बढ़ाने वाला रहेगा। प्रेम जीवन जी रहे लोग साथी को परिवार के सदस्यों से मिलवा सकते हैं। आपकी संतान को पढ़ाई के लिए कोई स्कॉलरशिप मिल सकती है। आपकी कुछ पारिवारिक समस्याएं आपके काम में विघ्न डालेंगी, लेकिन फिर भी आप अपनी मेहनत जारी रखेंगे। यदि आपने किसी को बिजनेस से संबंधित कोई जरूरी जानकारी शेयर की, तो वह उसका फायदा उठाने की कोशिश करेगा।
सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए करियर के लिहाज से अच्छा रहने वाला है। आपकी कोई इच्छा यदि लंबे समय से अधूरी थी, तो उसके पूरे होने की संभावना है। यदि आपने नौकरी में बदलाव करने का सोचा है, तो उसे आप कर सकते हैं। आपके विरोधी प्रबल रहेंगे, लेकिन आप उनकी चालों को आसानी से समझ पाएंगे, इसलिए उनके इरादे नाकामयाब रहेंगे। माता-पिता के साथ आप कुछ समय व्यतीत करेंगे, जिससे आपको मानसिक शांति मलेगी।
कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। आप बिजनेस में यदि कुछ समय से मंदी को लेकर परेशान चल रहे थे, तो आपके लिए किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह कामयाब रहेगी। आप अपने घर परिवार के सदस्यों की जरूरतों पर पूरा ध्यान देंगे और अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाएंगे। परिवार के सदस्यों से आपकी किसी बात को लेकर कहासुनी होने की संभावना है। संपत्ति को लेकर कोई बटवारा आपके पारिवारिक रिश्तों को खराब कर सकती है।
तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। आप कुछ नए लोगों से संपर्क बनाने में कामयाब रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए आप कोई महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं। आपको अपने किसी परिजन की सेहत की चिंता सता सकती है। आप अपने परिजनों के साथ किसी सामाजिक कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते हैं। आपके कामों से कार्यक्षेत्र में आपकी वाहवाही होगी और आपको तरक्की मिलने की भी पूरी संभावना है।
वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। आप यदि कोई लेनदेन करेंगे, तो वह आपके लिए कोई समस्या भी लेकर आ सकता है। आपको अपने कामों में अपने जूनियर से कुछ मदद लेनी पड़ सकती है, जो आपको आसानी से मिल जाएगी। गृहस्थ जीवन में आज कुछ गलतफहमियां बढ़ सकती है, जो उनके रिश्ते में समस्याओं को बढ़ाएगी। आपको किसी पर अधिक भरोसा करने की आदत परेशान कर सकती है।
धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए आत्मविश्वास से भरपूर रहने वाला है। आपको अपने परिजनों का सुख और सहयोग मिलेगा। भाई बहनों से आपकी खूब पटेगी और आपका मन प्रसन्न रहेगा। आप अपने धन का कुछ हिस्सा दान पुण्य के कार्य में भी लगा सकते हैं। संतान के विवाह को लेकर आपको चिंता होगी, जिसके लिए आप अपने परिवार के सदस्यों से बातचीत कर सकते हैं। आप अपनी सेहत पर पूरा ध्यान देंगे।
मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए चिंताग्रस्त रहने वाला है। आपका धन यदि कहीं फंसा हुआ था, तो उसके भी आपको मिलने के पूरी संभावना है, इसलिए आप अपने प्रयासों को जारी रखें। आप किसी के कहने में आकर कार्यक्षेत्र में किसी बात का विरोध ना करें। आप अपने बिजनेस को आगे तक ले जाने में कामयाब रहेंगे। आपकी खानपान की आदत के कारण आप अपने पेट संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकती हैं। जीवनसाथी से आप अपने बिजनेस को लेकर कोई सलाह ले सकते हैं।
कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए कुछ पुराने शेयरों से अच्छा लाभ लेकर आएगा। आपके कुछ अटके हुए काम पूरे होने में आपको अपने किसी परिजन की मदद लेनी पड़ सकती है और रोजगार को लेकर परेशान चल रहे लोगों को कोई बेहतर अवसर हाथ लग सकता है। आप परिवार के सदस्यों को लेकर किसी धार्मिक आयोजन में जा सकते हैं। आप जीवनसाथी को आज कुछ कमियां बताएंगे, जो आपके रिश्ते में लड़ाई झगड़े की वजह बन सकती हैं।
मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आएगा। आप अपने कर्जो को लेकर यदि परेशान चल रहे थे, तो आपको उनसे राहत मिलेगी। कार्यक्षेत्र में आपको कठिनाइयों के बावजूद एक अच्छा मुकाम हासिल होगा। आप अपने दोस्तों के साथ कुछ समय मौजमस्ती करने मे व्यतीत करेंगे, जिससे आपके मन का बोझ थोड़ा कम होगा। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई में पूरी मेहनत करेंगे और किसी परीक्षा में जीत मिलने की भी संभावना है। आप मंदिर जाकर पूजा पाठ आदि कर सकते हैं।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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iammanhar · 2 months
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Day☛1363✍️+91/CG10☛Bsp☛20/07/24 (Sat)☛ 22:01
पति पत्नी के बीच अक्सर छोटी मोटी झगड़ा चलती रहती है, कारण बहुत ही मामूली रहती है, आख़िर में पति देव हार जाता है, जबकि पत्नी जी अपने बात पर अड़ी रहतीं हैं, खैर ये तो आम और मामूली बात है। पत्नि जी नाराज हो गईं उस समय जब उसे उनके frnd के घर घुमाने लेकर नही गया,अरे भाई इतनी उमस भरे गरमी में छोटे बच्चे को लेकर कहां जा सकते है।
घर में रहना और ऑफीस मे जाकर काम करना ये दोनो अलग अलग बात है, घर में आप सिर्फ घर कार्य के बारे में सोचेंगे और ऑफीस में अपने बिज़नेस। कालांतर में अपना खुद का ऑफिस होगा, छोटा सही मगर useful होगा, दूसरों की ऑफीस में शांत बैठकर काम करने से बेहतर है खुद की ऑफीस में बैठकर शोर करना। Rj homes अब पहले की तरह नही है, खासकर real estate में, जब तक new projects न हो तब तक work करने में मजा नहीं आता।
साची बेटी अब दिनों दिन बढ़ती जा रही है, वो चीजों को समझने लगी है, उनकी कैचिंग पॉवर strong है, किसी बात को जल्दी पकड़ लेती है, मेरे पास उतना समय नही रहता, उनकी मां उसे सिखाती रहती है, अभी तक जितने भी बाते वो सीखी है वो सब उनकी मम्मी के द्वारा सिखाई गई है। एक मां से best teacher और कौन हो सकता है, बच्चों के पास सबसे पहले मां ही रहतीं हैं, बाप दुनिया की सैर में रहता है.....thanks dear wife... बेटू को सिखाने के लिए 😘😊👍
Okay good night 🌉
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shayarikitab · 2 months
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Best 100+ Reality Life Quotes in Hindi with Images
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नमस्कार दोस्तों! आज हम आपके लिए हिंदी में Reality Life Quotes in Hindi का एक नया संग्रह लेकर आए हैं। हमें उम्मीद है कि आपको ये Quotes प्रेरणादायक और सार्थक लगेंगी। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है, तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। Best 100+ Reality Life Quotes in Hindi with Images भगवान तब भी आपकी प्रार्थना सुनते है, जब आपके पास उनसे बोलने के लिए शब्द भी नही होते।
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जो आने वाला है वह हमेशा गुजरे कल से बेहतर होगा, यह सोच आपको कभी निराश नही होने देगी। रात नही होगी तो सुबह का महत्व नही होगा, दिख के बादल नही आएंगे तो सुख का अनुभव ही नही होगा। वही दिन अच्छा है जो दिन भगवान की याद, और उनके भजन में बिताया जाए। वही दिन अच्छा है जो दिन भगवान की याद और उनके भजन में बिताया जाए। आपकी खराब परिस्थिति में जो साथ दे, कम से कम उसकी इज्जत करना। रिश्ता कुछ ऐसा होना चाहिए की लड़ाई जब दो में हो, तो तीसरे को पता नही चलना चाहिए। भले ही गिनती के चार हो मगर, जो दोस्त हो वो वफादार हो। जो इंसान मन की तकलीफों को नही बता पता, उसे ही गुस्सा सबसे ज्यादा आता है। किसी ��े बदला लेने का कोई फायदा नही, बस माफ करके सीधा दिल से निकाल दो। Reality of Life in Hindi Meaning दिखावे के शरीफ बनने की आदत नही है हमारी, शब्द चाहे जैसे भी हो खुलेआम बोलते है।
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लफ्ज कितनी भी समझदारी से इस्तेमाल कीजिये, फिर भी सुनने वाला अपनी काबिलियत और अपनी सोच के मुताबिक ही उसका मतलब निकेलगा। हम किसी के लिए तब तक अच्छे है, जब तक हम उनका फायदा करते रहे। जिसने कभी विपत्तियां नही देखी, उसे अपनी ताकत का कभी एहसास नही होगा। जब परिवार के सदस्य अप्रिय लगने लगे और पराये अपने लगने लगे, तो समझ लीजिए विनाश का समय आरंभ हो गया है। शिकवा तो बहुत है तुझसे ऐ ज़िन्दगी पर चुप इसलिए हूँ, क्योंकि जो दिया है तुमने वो भी कितनो को नसीब नही होता। आपके माता-पिता के सिवा ऐसा कोई नही है, जो आपको खुद से ज्यादा सफल देखना चाहता है। सिर्फ वक़्त के भरोसे मत बैठे रहना, किस्मत वालो के हाथ खाली रह सकते है मेहनत करने वालो के नही। किसी की भावनाओ के साथ कभी मत खेलो, हो सकता है ये खेल आप जीत जाओ लेकिन उस इंसान से आप ज़िन्दगी भर के लिए हार जाओगे। वक़्त के साथ बदल जाओ या फिर सीखो वक़्त बदलना, मजबूरियों को कोसो मत हर हाल में चलना सीखो। Reality of Life Quotes जो कर्म करने के बाद फल की भी इच्छा नही रखता, उसकी मदद के लिए तो खुद भगवान को रास्ता बनना पड़ता है।
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रोना बंद करो और अपनी तकलीफों से खुद लड़ना सीखो, क्योंकि साथ देने वाले भी शमशान से आगे नही जाते। क्रोध में बोला हुआ एक कठोर शब्द भी इतना जहरीला हो सकता है, क्योंकि आपकी हजार प्यारी बातों को एक बार में ही नष्ट कर सकता है। परिवार को मालिक बनकर नही बल्कि माली बनकर संभालो, जो ध्यान तो सबका सकता हो पर अधिकार किसी पर ना जताता हो। ये ज़िन्दगी है जनाब यहाँ बादाम से उतनी अक्ल नही आती, जितनी धोखा खाने से आती है। शब्दो की ताकत को कम नही समझना चाहिए, एक छोटा सा हा और एक छोटी सी ना पूरा जीवन बदलने की ताकत रखता है। माली पौधो में पानी प्रतिदिन देता है, लेकिन फल सिर्फ मौसम में ही आता है, इसलिए जीवन में धैर्य रखें हर काम अपने समय पर ही होगा। आजकल के रिश्ते बात सह गए, तो रिश्ते रह गए बात कह गए तो रिश्ते ढह गए। हद से ज्यादा खुशी और हद से ज्यादा गम कभी किसी को मत बताओ, क्योंकि ज़िन्दगी में लोग हद से ज्यादा खुशी पर नजर और हद से ज्यादा गम ओर नमक जरूर लगाते है। अपने अंदर के बच्चे को हमेशा जिंदा राखिये, हद से ज्यादा समझदारी जीवन को निराश कर देती है। Heart Touching रियलिटी लाइफ कोट्स in Hindi जब आपका वक्त खराब होता है, तो लोग आपकी काबिलियत पर भी शक करने लगते है।
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जीवन में उन सपनों का कोई महत्व नही, जिनको पूरा करने के लिए अपनो से ही छल करना पड़े। कपड़ो की मैचिंग बिठाने से सिर्फ शरीर सुंदर दिखेगा, रिश्ते व हालातो से मैचिंग बिठा लीजिए पूरा जीवन सुंदर हो जाएगा। वक्त रहते बदल जाओ या वक्त को बदलना सीखो, मजबूरिया को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो। इंसान का स्वभाव इस तरह है जो लेकर जाना है उसे छोड़ रहा है, और जो यही रह जाना है उसे जोड़ रहा है। माना कि आईने की कीमत हीरे से कम है, लेकिन हीरा पहनने के बाद ढूंढते सब आईना ही है। मेरा मक़सद किसी और से बेहतर बनना नही है, बल्कि खुद को पहले से बेहतर बनाना है। ऐसे व्यक्ति को संभाल कर रखे, जिसने आपको यह तीन भेट दिए हो, साथ, समय और समर्पण। हमेशा दूसरो की मदद के लिए तैयार रहिए, क्या पता आपकी छोटी सी मदद से किसी की जिंदगी सवर जाए। सारा खेल समय का है जिसने इसकी इज्जत कर ली समय उसी का होगा। Happy Reality Life Quotes in Hindi बुरी संगत कोयले के समान है, जो गर्म हो तो हाथ को जला देता है और ठंडा हो तो काला कर देता है।
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शरीर से प्रेम है तो, आसन करे सास से प्रेम है तो, प्राणायाम करे आत्मा से प्रेम है तो, ध्यान करे और परमात्मा से प्रेम है तो समर्पण करे। जीवन में जो लोग साथ रहकर छल की धोखा से, चुगली करे या बातो को गलत तरीके से किसी के सामने रखे, ऐसे लोगो का साथ छोड़ना ही बेहतर होता है। ऊपरवाला कर्म देखता है आपकी दौलत या हैसियत नही। सौ काम छोड़कर भोजन करना चाहिए, हजार काम छोड़कर स्नान करना चाहिए, लाख काम छोड़कर दान करना चाहिए और करोड़ काम छोड़कर भगवान का स्मरण करना चाहिए। जिस रिश्ते में हमारी अहमियत खत्म हो चुकी हो, उसे चुप चाप छोड़ देना ही बेहतर है। कोई कहता है दुनिया प्यार से चलती है, कोई कहता है दुनिया दोस्ती से चलती है, मैंने आजमाया तो पता चला की दुनिया तो मतलब से चलती है। किसी ने ईश्वर से पूछा आपके सबसे नजदीक कोन है! ईश्वर ने कहा वो इंसान जिसके पास बदला लेने की शक्ति हो और उसने फिर भी माफ कर दिया हो। ईश्वर की शरण में निस्वार्थ भाव से जाए, क्योंकि आपको क्या चाहिए उन्हे पता है। अपनी नजर हमेशा उस चीज पर रखो जिसे तुम पाना चाहते हो, उस पर नही जिसे तुम खो चुके हो। Reality Life Quotes in Hindi for Instagram आप वापस नहीं जा सकते है और शुरुआत को नही बदल सकते है, लेकिन जहां है वही से शुरू कर सकते है और अंत को बदल सकते है।
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जो रास्ता ईश्वर ने आपके लिए खोला है उसे कोई भी बंद नही कर सकता, इसलिए हमेशा हर परिस्थिति में खुद पर विश्वास रखे। बेवजह ही तो नही होती लोगो से मुलाकात, किसी से सबक मिलता है तो किसी से ज्ञान की बात। मिले हुए समय को ही अच्छा बनाओ, अगर अच्छे समय की राह देखोगे तो पूरा जीवन कम पड़ जाएगा। Also Read: Matlabi Shayari In Hindi हमेशा अपनी बात कहने का अंदाज खूबसूरत रखो, ताकि जवाब भी खूबसूरत सुन सको। रिश्ते अजमाने हो तो बस इतना ही काफी है बस कह दो तकलीफ हूं, देखो मदद के लिए कौन आता है। खामोशी अक्सर रिश्ते तोड़ देती है, बोल लिया करो या लड़ लिया करो। उम्रभर कमाया पैसा खत्म हो सकता है, लेकिन जो दुआए सेवा करने से मिलेगी वो कभी खत्म नही हो सकती। अहंकार की बस एक खराबी है, ये कभी आपको महसूस ही नही होने देता कि आप गलत है। मनुष्य की मानवता उसी समय नष्ट हो जाती है, जब उसे दुसरो के दुख में हँसी आने लगती है। Reality Life Quotes in Hindi with Meaning खुद को कभी अकेला महसूस न करे, क्योंकि भगवान हमेशा आपके साथ है।
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यकीन रखना, ईश्वर दूसरा दरवाजा खोले बिना, पहला दरवाजा बंद नही करता। हमे अपनी गलतियों की सजा भले है तुरंत ना मिले, परन्तु समय के साथ कभी न कभी सजा अवश्य मिलती है। अपनी कमजोरी उन्हें ही बताये जो हर हाल में आपके साथ खड़े हो, क्योंकि रिश्ता हो या मोबाइल नेटवर्क ना हो तो लोग गेम खेलने लगते है। इतिहास कहता है कि कल सुख था, विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा, लेकिन धर्म कहता है, अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा। अच्छी सूरत से ज्यादा मायने रखता है, अच्छा स्वभाव सूरत तो उम्र के हिसाब से बदल जायेगी, पर अच्छा स्वभाव जीवन भर आपका साथ देगा। कभी-कभी कुदरत जान बूझकर हमे मुश्किल हालातो में डालती है, ताकि उन लोगो के चेहरे पर लगे नकाब देख सके जिनपर हम आँख मूंदकर भरोसा करते है। कुछ रिश्ते किराए के मकान जैसे होते है, कितना भी सजा लो कभी अपने नही होते। सदैव मौन रहने का कोई महत्व नही, बल्कि कहाँ मौन रहना है इसका बहुत बड़ा महत्व है। रिश्तों को बचाने के लिए अगर आप हारे हुए दिखते हो, असल मे वो इंसान की जीत ही जीत ही होती है। Sad Reality Life Quotes in Hindi शिक्षा और संस्कार ज़िंदगी जीने के मूल मंत्र है, शिक्षा कभी झुकने नही देगी और संस्कार कभी गिरने नही देंगे।
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दवा जेब मे नही शरीर मे जाये तो असर होता है, वैसे ही मोबाइल में नही ह्रदय में उतरे तो जीवन सफल होता है। किसी पर ज्यादा नाराज होने से बेहतर है कि, अपने जीवन मे उसकी अहमियत कम कर दो। हमे अपनी गलतियों की सजा भले है तुरंत ना मिले, परन्तु समय के साथ कभी न कभी सजा अवश्य मिलती है। लोग कहते है अपनो के सामने थोड़ा झुक जाना चाहिए, लेकिन मैं उन्हें कैसे समझाऊ कि अपना तो वो है जो हमे किसी के सामने झुकने ही ना दे। कोई इंसान आपसे तब तक प्यार करेगा, जब ��क उसको तुम में कोई मतलब दिखेगा, जिस दिन तुम उसके उस मतलब को पूरा करने की उम्मीद खत्म कर दोगे, वो इंसान तुमसे बात तक करना बंद कर देगा। सुबह का प्रणाम सिर्फ परंपरा नही बल्कि अपनेपन का एहसास भी है, ताकि रिश्ते भी जिंदा रहे और यादे भी बनी रहे। केवल ज़िद की एक गांठ खुल जाए, तो उलझे हुए सब रिश्ते सुलझ जाए। झाड़ू में जब तक बंधन होता है तब तक वो कचरे को “साफ करता है, बंधन खुल जाने पर झाड़ू खुद कचरा बन जाता है, इसलिए हमेशा अपनो से बँधे रहिये क्योंकि अनेकता में एकता होती है। अपने आपको किसी ना किसी काम मे व्यस्त रखो, क्योंकि व्यस्त इंसान को दुखी होने का समय नही मिलता। Reality of Life in Hindi Meaning गुस्सा करने के बदले रो लेना अच्छा है, क्योंकि गुस्सा दुसरो को तकलीफ देता है जबकि आंसू चुपुचाप आत्मा से ।
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गलत औजार से आप एक स्क्रू नही खोल सकते, तो गलत दिशा में मेहनत करने से कामयाब कैसे हो सकते है। जब मन खराब हो तब बुरे शब्द ना बोले, क्योंकि खराब मन को बदलने के मौके बहुत मिल जायेगे, लेकिन शब्दो को बदलने के मौके फिर नही मिलेंगे। जीवन मे सुख प्राप्त करने के चार रास्ते है सदा दिमाग ठंडा रखिए, सदा वक़्त की कद्र कीजिए, भविष्य के लिए बचता कीजिए और पांव सदा ��मीन पर रखे। नेत्र केवल हमे दृष्टि प्रदान करते है, परंतु हम कब किसमे क्या देखते है, ये हमारी भावनाओ पर निर्भर करता है। झाड़ू में जब तक बंधन होता है तब तक वो कचरे को साफ करता है, बंधन खुल जाने पर झाड़ू खुद कचरा बन जाता है, इसलिए हमेशा अपनो से बँधे रहिये क्योंकि अनेकता में एकता होती है। मुश्किल वक़्त में दिलासा देने वाला को अजनबी भी हो तो वो दिल मे उतर जाता है , और साथ छोड़ने वाला कोई अपना भी हो तो दिल से उतार न जाता है। अगर खुद का मूल्य पता लग जाए, तो दूसरों द्वारा की गई अनावश्यक निंदा, तुम्हे छू भी नही सकती। हमेशा सत्य और धर्म के पक्ष के साथ खड़े रहे, भले ही आपको अकेले क्यों ना रहना पड़े। बस यही सोचकर ज्यादा शिकवा नही किया मैंने, कि हर कोई अपनी जगह सही होता है। Reality of Life Quotes गम ये नही की वक़्त ने साथ नही दिया, गम ये है जिसको वक़्त उसने ही साथ न दिया।
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पेड कभी डाली काटने से नही सूखता, पेड हमेशा जड़ काटने से सूखता है, वैसे ही इंसान अपने कर्मो से नही, बल्कि अपनी छोटी सोच और गलत व्यवहार से हारता है। लोग कहते है कि तुम इतना खुश कैसे रहते हो, हमने कहा हम किसी की खुशी देखकर जलते नही और अपना दुःख किसी को बताते नही। इंसान सही हो तो उसके साथ गरीबी भी खुशी खुशी कट जाती है, इंसान गलत हो तो अमीरी भी बड़ी मुश्किल से कटती है। समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे, तो समझ लो उसके आतसम्मान को कही ना कही ठेस पहुच है। दुःख और कष्ट तो अवश्य ही भूल जाओगे, परंतु अपनेसाथ हुआ छल कभी न भूल पाओगे। घरवाली की किच किच किसी को भी पसंद नही, फिर भी कोई भी महाशय गूंगी से शादी करने को तैयार नही होता। जीवन मे धोखा खाना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि चलना माँ-बाप सिखा देते है, लेकिन संभलना खुद ही सीखना पड़ता है। जो करना है आज ही कर लो क्योंकि कल तो खुद भी कल के इन्तेजार में है। जिन रिश्तों में एक दूसरे को हमेशा दिल से इज्जत दी, हमेशा वो बुरे हालात या मजबूरी में खामोश जरूर हो जाते है लेकिन टूटते कभी नही। Happy Reality Life Quotes in Hindi किसी के साथ रहो तो वफादार बनके रहो, धोखा देना गिरे हुए लोगो की पहचान है। बिखरा हुआ समाज और बिखरा हुआ परिवार कभी भी बादशाह नही बन सकता, लेकिन वह आपस मे लड़कर दुसरो को बादशाह जरूर बना देता है कड़वा है पर सत्य संगठित रहे एकत्रित रहे। संबंध बहुत ही अनमोल चीज है, इसकी हर किसी से उम्मीद ना रखे, क्योंकि बहुत ही कम लोग दिल के मोल जानते है। शतरंज हो या ज़िन्दगी जितने के लिए धैर्य रखना पड़ता है। वृक्ष कभी इस बात पर व्यथित नही होता कि उसने कितने पुष्प खो दिए, वह सदैव नए फूलों के सृजन में व्यस्त रहता है, जीवन मे कितना कुछ खो गया, इस पीड़ा को भूल कर क्या नया कर सकते है इसी में जीवन की सर्तकता है। खो कर पता चलती है कीमत किसी की, पास अगर हो तो अहसास कहाँ होता है। जीवन में अगर कोई सबसे सही रास्ता दिखाने वाला मित्र है तो वो है अनुभव। कोई आपका साथ छोड़ जाये तो उदास मत होना क्योंकि, आपकी ज़िंदगी से बुरे लोग जायेंगे तभी अच्छे लोग आयेंगे। सिर्फ पंख जरूरी नही है आसमानों के लिए, हौसला भी चाहिये ऊंची उड़ानों के लिए। हम ज़िन्दगी भर जमीनों की कीमत पर इतराते रहे, हवा ने अपनी औकात मांगी तो खरीदी हुई ज़मीने बिक गयी। Reality Life Quotes in Hindi for Instagram आपके शरीर की सबसे सुंदर चीज है मन, ऐसे इसे विचारों से मैला न करे।
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अपनी खराब परिस्थिति के बाद भी, यदि कोई व्यक्ति आपके साथ है तो उसकी इज्जत कीजिए। अपने घर के कमजोर लाचार लोगो को नफरत और नीची निगाह से मत देखो, हो सकता है तुम्हे भगवान रोजी-रोटी उन्ही के नसीब से देता हो। किसी की बुराई करने से आपका चरित्र पता चलता है ना की उस व्यक्ति का। दुसरो के गलत एवं सही निर्णय से सीखिए दुनिया मे किसी की भी उम्र इतनी लंबी नही होती कि वह हर गलती स्वयं कर के स्वयं सीखे। उस ऊपर वाले पर भरोशा जरूर रखना, जिसने आज तक आपको झुकने न दिया आगे भी नही देगा। जो दो पल की खुशी आपको आने वाले कल में अत्यंत दुखी करने वाली हो, उसे आज ही जहर की तरह त्याग देना ही उचित है। हमारी आस्था की परीक्षा तब होती है, जब हम जो चाहे वो न मिले और फिर भी हमारे दिल से प्रभु के लिए शुक्रिया ही निकले। अपनी पीड़ा के लिए संसार को दोष मत दो, अपने मन को समझाओ तुम्हारे मन का परिवर्तन ही तुम्हारे दुखो का अंत है। परिस्थितियां हमारे लिए समस्या नही बनती, समस्या तो तब बनती है जब हमें परिस्थितियों से निपटना नही आता। Reality Life Quotes in Hindi with Meaning पंछी जब अपने पंखों पर विश्वाश करता है, तो सारा आसमान उसी का हो जाता है, अपनी मेहनत पर विश्वाश कीजिये, एक दिन हर तरफ केवल आपका ही नाम होगा।
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एक बात हमेशा याद रखना, कामना इतना कि कोई कभी आपको उसकी औकात ना दिखाये, और शांत इतने रहना की आप किसी को अपना घमंड न दिखा दो। प्रेम या सम्मान का भाव सिर्फ उन्हीं के प्रति रखिए, जो आपके मन की भावनाओ को समझते हो, कहते है कि जलो वहाँ जहाँ जरूरत हो उजालो में चिरागों के मायने नही होते। कमियां भले ही हज़ारों हो तुममे लेकिन खुद पर विश्वास रखो, कि तुम सबसे बेहतर करने का हुनर रखते हो। जब वक़्त अच्छा होता है तब नफरत करने वाले भी चाहने लगते है, लेकिन जब वक़्त बुरा होता है तो चाहने वाले भी नफरत करने लगते है। जिंदगी में कुछ फैसले बहुत सख्त होते है, और यही फैसले जिंदगी का रुख बदल देते है। हद से ज्यादा खुशी और हद से ज्यादा गम, कभी किसी को मत बताओ क्योंकि ज़िन्दगी में लोग हद से ज्यादा खुशी पर नजर और हद से ज्यादा गम पर नमक जरूर लगाते है। Read the full article
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