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#सूर्य ग्रहण 2022 दान
astrovastukosh · 1 year
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🚩🚩🚩*व्रत पर्व विवरण - गणेश चतुर्थी, शिवा चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी* 🚩🚩🚩
⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹मंगलवारी चतुर्थी - 19 सितम्बर 2023🌹
🔸 पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 01:43 तक
Also read :Budh Gochar 2022: बुध का धनु राशि में प्रवेश इन राशियों को देगा अपार धन लाभ
🌹जैसे सूर्य ग्रहण को दस लाख गुना फल होता है, वैसे ही मंगलवारी चतुर्थी को होता है । बहुत मुश्किल से ऐसा योग आता है । मत्स्य पुराण, नारद पुराण आदि शास्त्र में इसकी भारी महिमा है । 
🌹इस दिन अगर कोई जप, दान, ध्यान, संयम करता है तो वह दस लाख गुना प्रभावशाली होता है, ऐसा वेदव्यास जी ने कहा है ।
🔹 कर्जे से छुटकारा के लिए🔹
🔹मंगलवार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना । जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है । बिना नमक का भोजन करें, मंगल देव का मानसिक आह्वान करें । चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें । कितना भी कर्जदार हो... काम धंधे से बेरोजगार हो... रोजी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा ।
🌹विघ्न निवारण हेतु🌹
🌹गणेश चतुर्थी के दिन 'ॐ गं गणपतये नमः ।' का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्नों का निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है ।
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bhagyachakra · 2 years
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 08 नवम्बर 2022 सूर्योदय :- 06:37 सूर्यास्त :- 17:45 सूर्य राशि :- तुला चंद्र राशि :- मेष मास :- कार्तिक तिथि :- पूर्णिमा वार :- मंगलवार नक्षत्र :- भरणी योग :- व्यतिपात करण :- बव अयन:- दक्षिणायन पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- शरद लाभ :- 10:47 - 12:11 अमृत:- 12:12 - 13:35 शुभ :- 14:58 - 16:22 राहु काल :- 14:58 - 16:22 जय महाकाल महाराज :- *चन्द्र ग्रहण* *कार्तिक पूर्णिमा* आज मंगलवार 8 नवम्बर 2022, कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत वर्ष में खग्रास चंद्रग्रहण के रूप में दिखेगा। *ग्रहण प्रारंभ* सायँकाल 5:32 पर होगा। *ग्रहण समाप्ति* सायँकाल 6:19 पर होगा। ग्रहण के बेध समय मे वृद्ध, बाल, अस्वस्थ को छोड़कर अन्य के लिए भोजन आदि निषेध है। ग्रहण समाप्ति के पश्चात स्नानादि से निवृत होकर पूजन-पाठ, दान आदि करें। आज का मंत्र :- ""|| ॐ नमो हनुमंते भय भंजनायय सुखं कुरु फट स्वाहा।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय महाकालेश्वर महाराज। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय महाकालेश्वर महाराज🌹🙏 महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 08 नवम्बर 2022 ( मंगलवार ) जय महाकालेश्वर महाराज। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/Ckr2mwQLe6d/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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astroruchi · 2 years
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सूर्यग्रहण में रखे ये सावधानी, ऐसे करे राशि नुसार दान और उपाय और उठाये लाभ 25 Oct 2022 Solar Eclipse by Astroruchi Dr.Abhiruchi Jain
दिवाली के अगले दिन शाम को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर का खंड सूर्य ग्रहण लगेगा। जिसका असर भारत में भी देखने को मिलेगा। सूर्य ग्रहण शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक रहेगा। इससे 12 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। इस सूर्य ग्रहण का स्पर्श भारत में दिन के 11.28 बजे हो जाएगा और करीब 07:05 घंटा बाद शाम 5.24 बजे मोक्ष होगा। वही ग्रहण का सूतक 12 घंटा पूर्व यानि 24 अक्टुबर की रात 11:28 बजे से ही लग जाएगा। इसलिए दिवाली की अगली सुबह ग्रहण के सूतक काल में होगी।
पंचांग के मुताबिक़ इस बार दिवाली 24 अक्टूबर को है और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा. 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी. इस प्रकार यह दुर्लभ संयोग कई सालों बाद बनने जा रहा है. ज्योतिष के अनुसार, इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण ��न राशियों की मुश्किलें बढ़ा सकता है.
ऐसा कोई ग्रहण नहीं जिसका असर राशियों पर न हो, इस ग्रहण का असर भी विभिन्न राशियों पर होगा। कुछ राशियों के लिए यह ग्रहण बहुत शुभ समय लेकर आ रहा है, तो कुछ के लिए समय अत्यंत खराब भी होगा। इसलिए ग्रहण के समय भगवान का नाम लेते रहे हैं। इस ग्रहण से मीन राशि वालों के लिए थोड़ा खराब रहेगा, वहीं सिंह राशि वालों को धनलाभ देगा। इसकेअलावा धनु राशि और मकर राशि बी इस ग्रहण से लाभ पाएंगे।
Astroruchi Dr. Abhiruchi Jain
Astrologer
wwww.astroruchi.com
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सूर्य ग्रहण 25-10-2022 और चंद्र ग्रहण 8-11-2022
एक दीपावली के अगले दिन, तो दूसरा कार्तिकी पूर्णिमा 8 नवंबर 2022 पर
कार्तिक मास की अमावस्या एवं पूर्णिमा पर ग्रहण पड़ रहे हैं। 25 अक्टूबर, 2022 को कार्तिक अमावस्या पर सूर्यग्रहण तथा 08 नवम्बर, 2022 को कार्तिक पूर्णिमा पर चन्द्रग्रहण होगा। दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर को होने वाला खण्डग्रास सूर्यग्रहण 14:29 से 18:32 बजे तक रहेगा। यह भारत में दृश्य होगा और ग्रस्तास्त होगा अर्थात् ग्रहण की समाप्ति से पूर्व ही सूर्य अस्त हो जाएगा। भारत के अलावा यह ग्रहण यूरोप, मध्य-पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया आदि देशों में दिखाई देगा।
भारत में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह तथा उत्तर पूर्व के कुछ क्षेत्रों (इम्फाल, ईटानगर, डिब्रूगढ़, कोहिमा, सिलचर आदि) को छोड़कर प्राय: पूरे भारत में यह दिखाई देगा। इसका सूतककाल प्रात: 02:29 बजे से आरम्भ होगा, परन्तु भारत में यह ग्रहण 14:15 बजे से दिखाई देगा, इसलिए अधिकतर पंचांगकारों का मत है कि सूतककाल का निर्धारण भारत में दृश्यावधि के आधार पर किया जाना चाहिए। इसलिए भारत में सूतक का आरम्भ प्रातः 04:15 बजे से होगा। चूँकि यह ग्रहण ग्रस्तास्त है। इसलिए सूर्यास्त तक ही इसका पर्वकाल माना जाएगा। स्नान, पूजा आदि सूर्यास्त के बाद किए जा सकेंगे, परन्तु भोजन आदि का ग्रहण अगले दिन सूर्योदय के पश्चात् किए जाने का विधान है।
सूर्यग्रहण तुला राशि एवं स्वाती नक्षत्र में घटित हो रहा है। फलत: इस राशि एवं नक्षत्र वालों के लिए यह ग्रहण अधिक अशुभ फलप्रद रहेगा। इसके अतिरिक्त मेष, मिथुन, कर्क,सिंह,कन्या,वृश्चिक, कुम्भ एवं मीन राशि वाले जातकों के लिए भी यह ग्रहण शुभ नहीं है।जिनका कार्तिक मास मे जन्म है उनको ज्यादा अशुभ है |
कार्तिक पूर्णिमा पर खग्रास चन्द्रग्रहण 08 नवम्बर, 2022 को 14:39 बजे से 18:19 बजे तक रहेगा। यह चन्द्रग्रहण भारत में ग्रस्तोदय होगा अर्थात् ग्रहण के दौरान ही भारत के सभी क्षेत्रों में चन्द्रोदय होगा। चन्द्रग्रहण ग्रस्तोदय होने के कारण इसका सूतक प्रातः सूर्योदय से ही आरम्भ हो जाएगा।
चन्द्रग्रहण मेष राशि एवं भरणी नक्षत्र में घटित हो रहा है। फलत: इस राशि और नक्षत्र वालों के लिए यह ग्रहण अशुभ फलप्रद है। इसके अतिरिक्त वृषभ, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर एवं मीन राशि वालों के लिए भी यह ग्रहण शुभ फलप्रद नहीं है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक मास में दो ग्रहणों का होना अशुभ फलप्रद माना जाता है। यह न केवल आमजन के लिए वरन् सत्तापक्ष में बैठे राजनेताओं के लिए भी और देश विदेश मे हो रही उथल पुथल और जनजीवन के लिए भी शुभ नहीं कहा जा सकता है। •
उपाय जिनका कार्तिक मास मे जन्म हो उनको इस दिन गेहूं, आटा अवश्य दान करना चाहिए लाभ होगा |
ग्रहणकाल तथा बाद में क्या करें, क्या न करें ?
ग्रहण के सूतक और ग्रहणकाल में स्नान, दान, जप-पाठ, मन्त्र-स्तोत्र पाठ एवं अनुष्ठान, तीर्थस्नान, ध्यान, हवनादि शुभ कृत्यों का सम्पादन करना कल्याणकारी होता है। जब ग्रहण का प्रारम्भ हो, तो स्नान-जप, मध्यकाल में होम, देवपूजा और ग्रहण का मोक्ष समीप होने पर दान तथा पूर्ण मोक्ष होने पर स्नान करना चाहिए।
सूर्य ग्रहणकाल में भगवान् सूर्य की पूजा, आदित्यहृदय स्तोत्र, सूर्याष्टक स्तोत्र आदि सूर्य-स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए। पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी ग्रहणकाल में दूषित हो जाते हैं, उन्हें नहीं रखना चाहिए। परन्तु तेल या घी में पका (तला हुआ) अन्न, घी, तेल, दूध, दही, लस्सी, मक्खन, पनीर, आचार, चटनी, मुरब्बा आदि में तेल या कुशातृण रख देने से ये ग्रहणकाल में दूषित नहीं होते। सूखे खाद्य पदार्थों में तिल या कुशा डालने की आवश्यकता नहीं।
ध्यान रहे, ग्रस्त सूर्यबिम्ब को नंगी आँखों से कदापि न देखें। वैल्डिंग वाले काले ग्लास में से इसे देख सकते हैं। ग्रहण के समय तथा ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान करना निषिद्ध है |ग्रहणकाल में सोना, खाना-पीना, तैलमर्दन, मैथुन, मूत्र, पुरीषोत्सर्ग निषिद्ध है। नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
सूर्य ग्रहण पर हरिद्वार, कुरुक्षेत्र, प्रयागादि तीर्थों पर स्नान, दान, तर्पणादि का विशेष माहात्म्य होता है।
#ग्रहण #सूर्यग्रहण #चंद्रग्रहण #सूर्यग्रहण25अक्टूबर2022 #चंद्रग्रहण8नवंबर2022 #astrologerashwanijain #JOSHIASTROGYANGANGAGROUP
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krazyshoppy · 2 years
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Solar eclipse 2022: सूर्य ग्रहण आज, जानिए कहां और कैसे देख पाएंगे ऑनलाइन
Solar eclipse 2022: सूर्य ग्रहण आज, जानिए कहां और कैसे देख पाएंगे ऑनलाइन
2022 Solar eclipse India: दुनिया के कई हिस्सों में 30 अप्रैल को साल का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. यह घटना ब्लैक मून नामक एक अन्य खगोलीय एक्टिविटी से भी टकरा रही है और नासा के अनुसार, ब्लैक मून दिन में कुछ समय के लिए धूप ब्लॉक कर देगा. सूर्य ग्रहण दक्षिणी गोलार्ध के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा और दक्षिण अमेरिका, चिली, उरुग्वे, दक्षिण-पश्चिमी बोलीविया, पेरू, दक्षिण-पश्चिमी ब्राजील और…
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karanaram · 2 years
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🚩 100 सूर्यग्रहण के समय में जो जप-तप का पुण्य मिलता है,वो वारुणी योग में 1 बार गंगा स्नान से पुण्य मिल जाता है। 27 मार्च 2022
🚩 30 मार्च 2022 बुधवार को करोड़ो गुणा पुण्य देने वाला वारुणी योग
🚩वारुणी शुभ योग में पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व बताया गया है,साथ ही इस दौरान जप-तप व अन्य उपाय भी किए जा सकते हैं। यह योग अत्यंत दुर्लभ और लाभदायक होता है।
🚩वारूणी योग के बारे में कहा गया है कि चैत्र कृष्ण त्रयोदशी शततारका नक्षत्रयुता वारूणी संज्ञका स्नानादिना ग्रहणादि पर्वतुल्य फलदा अर्थात्- चैत्र कृष्ण त्रयोदशी के दिन शततारका अर्थात् शतभिषा नक्षत्र की युति हो तो वारूणी नाम का योग बनता है जिसमें स्नान व जप-तपादि करने से सूर्य ग्रहण के समान फल प्राप्त होता है।
🚩शुभ फल पाने के लिए वारुणी योग में किसी पवित्र नदी में स्नान करें और शिव मंदिर में पूजा करें। इससे जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। यदि पवित्र नदियों में स्नान करने का संयोग ना बन पाए तो अपने घर में ही पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें।
🚩 वारुणी योग में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें या किसी योग्य पंडित से करवाएं। इससे आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
🚩वारुणी योग मंत्र जप, अनुष्ठान, यज्ञ, हवन आदि करने का बड़ा महत्व है। ऐसा करने वालों को हजारों यज्ञों का पुण्य मिलता है।
🚩 ज्योतिष शास्त्र के सर्वश्रेष्ठ और शुभ योगों में से एक वारूणी योग चैत्र कृष्ण त्रयोदशी 30 मार्च 2022 को सूर्योदय से सुबह 10:48 बजे तक रहेगा । यह योग अत्यंत दुर्लभ और पुण्यदायी योग कहलाता है। इसमें पवित्र नदियों में स्नान,दान-पुण्य, जप, तप आदि करने का फल सूर्यग्रहण -चंद्र ग्रहण के समय किए गए स्नान-दान के समान प्राप्त होता है। चैत्र माह में बनने वाला यह एक अत्यंत पुण्यप्रद महायोग होता है।
🚩वारुणी योग में गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी, गोदावरी समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा महत्व है। वारुणी योग में हरिद्वार, इलाहाबाद, वाराणसी, उज्जैन, रामेश्वरम, नासिक आदि तीर्थ स्थलों पर नदियों में स्नान करके भगवान शिव की पूजा की जाती है। इससे जीवन में समस्त प्रकार के सुख, ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं। वारुणी योग के दिन भगवान शिव की पूजा, अभिषेक से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन मंत्र जप, अनुष्ठान, यज्ञ, हवन आदि करने का बड़ा महत्व है। पुराणों का कथन है कि इस दिन किए गए एक यज्ञ का फल हजारों यज्ञों के समान मिलता है। यदि पवित्र नदियों में स्नान करने का संयोग ना बन पाए तो अपने घर में ही पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें।
🚩वारुणी योग में शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं, बेलपत्र की माला अर्पित करें। शिवलिंग पर एक जोड़ा केला चढ़ाएं और वहीं बैठकर शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। इससे आशातीत पुण्य होता है।
🚩किसी विशेष मंत्र की सिद्धि करना हो तो इस योग में जरूर जप करें तो मंत्र जल्दी सिद्ध होता है।
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moneycontrolnews · 5 years
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जीवन मंत्र डेस्क. नया साल 2020 शुरू हो गया है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर चार साल में एक लीप इयर होता है। 2020 भी ऐसा ही एक लीप वर्ष होगा, इसमें फरवरी माह में 28 नहीं, बल्कि 29 दिन का रहेगा। नए साल की शुरुआत बुधवार से होगी और अंत गुरुवार को होगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार 2020 में ज्योतिष के नजरिए से कई बड़ी घटनाएं होने वाली हैं। इस साल सूर्य ग्रहण के साथ ही शनि, राहु-केतु का राशि परिवर्तन होगा। इस बार कार्तिक मास की अमावस्या शनिवार को रहेगी, इस वजह से दीपावली शनिवार को मनाई जाएगी। जानिए 2020 से जुड़ी खास बातें... सवाल- इस साल कितने सूर्य ग्रहण होंगे और क्या ये भारत में दिखाई देंगे? जवाब- 2020 में दो सूर्य ग्रहण होंगे, जिसमें से एक ही भारत में दिखाई देगा। भारत में दिखाई देने वाला सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को होगा। भारत में ये ग्रहण खंडग्रास के रूप में दिखेगा। 21 जून की सुबह 10.13 बजे से शुरू होकर दोपहर 1.39 तक रहेगा। इसका सूतक भारत में रहेगा। इसके बाद दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को होगा। ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस वजह से भारत में इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। सवाल- इस साल शनि राशि कब बदलेगा और किन राशियों पर ढय्या-साढ़ेसाती शुरू होगी? जवाब- जनवरी 2020 में 23-24 तारीख की मध्य रात्रि में शनि धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि परिवर्तन के संबंध में पंचांग भेद भी हैं। मकर शनि ��ी ही राशि है। अब वृश्चिक राशि से साढ़ेसाती उतर जाएगी और कुंभ राशि पर शुरू हो जाएगी। धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम ढय्या रहेगा और मकर राशि पर दूसरा ढय्या रहेगा। वृषभ और कन्या राशि से शनि का ढय्या खत्म होगा। मकर राशि में शनि आने से मिथुन और तुला राशि पर ढय्या शुरू हो जाएगा। 11 मई से 29 सितंबर तक शनि वक्री रहेगा। ये ग्रह मकर राशि में मई 2022 के अंत तक रहेगा। सवाल- 2020 में शिवरात्रि कब मनाई जाएगी? जवाब- इस साल फरवरी में शुक्रवार, 21 तारीख को शिवरात्रि मनाई जाएगी। पं. शर्मा के अनुसार महाशिवरात्रि रात्रि का पर्व है और चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है। 21 फरवरी की शाम तक त्रयोदशी रहेगी और रात्री में चतुर्दशी तिथि रहेगी। अगले दिन 22 फरवरी को दिनभर चतुर्दशी रहेगी, लेकिन रात में अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। इस कारण 21 फरवरी को ही शिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। सवाल- गुरु का राशि परिवर्तन कब होगा और ये ग्रह कब से कब तक वक्री रहेगा? जवाब- इस साल गुरु ग्रह 3 बार राशि बदलेगा। ये ग्रह 29 मार्च को धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। 14 मई को ये वक्री हो जाएगा। 29 जून को वक्री गुरु धनु राशि में जाएगा। 13 सितंबर को गुरु मार्गी होगा। 20 नवंबर को फिर से मकर राशि में प्रवेश करेगा। सवाल- 2020 में होली कब है? जवाब- 2020 में 9 मार्च की रात होलिका दहन होगा और 10 मार्च को होली खेली जाएगी। इस साल रंगपंचमी शनिवार को आएगी। सवाल- हिन्दी नववर्ष कब से शुरू होगा और इस साल कौन सा संवत रहेगा? जवाब- 25 मार्च 2020 बुधवार से नया हिन्दी वर्ष शुरू होगा। इस साल संवत् 2077 रहेगा। बुधवार, 25 मार्च से ही देवी पूजा का महापर्व चैत्र नवरात्रि भी शुरू होगी। संवत् 2077 के स्वामी बुध और मंत्री चंद्रदेव रहेंगे। चंद्र, बुध के पिता हैं, लेकिन बुध चंद्र से शत्रु का भाव रखता है। गुरुवार, 2 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। सवाल- ज्योतिष के नजरिए से नए साल में बारिश कैसी रहेगी? जवाब- इस साल जून में वर्षा का आगमन हो जाएगा। इस साल देश में पुष्कर नामक मेघ वर्षा करेंगे। बुध संवत् 2077 का स्वामी है, इस वजह से अच्छी बारिश होने के योग हैं। इस साल कुल 20 अच्छी बारिश होने के योग हैं और शीतकाल में 4 बार बारीश हो सकती है। सवाल- सावन माह कब से कब तक रहेगा और इस साल कितने सावन सोमवार आएंगे? जवाब- 2020 में सोमवार, 6 जुलाई से सावन माह शुरू होगा और इस माह का अंत सोमवार, 3 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा पर होगा। इस दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस साल सावन माह में 5 सोमवार आएंगे। सवाल- 2020 लीप इयर है तो क्या इस साल हिन्दी पंचांग में भी अधिकमास आएगा? जवाब- संवत् 2077 में अधिकमास रहेगा। 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक आश्विन मास का अधिकमास होगा। इससे पहले 2016 में अधिकमास आया था। अधिकमास को पूजा-पाठ के बहुत ही पवित्र माना गया है। इस माह में दान-धर्म, कथा श्रवण करना श्रेष्ठ रहता है। सवाल- शारदीय नवरात्र कब शुरू होंगे? जवाब- शनिवार, 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होगी। 25 को दुर्गानवमी और 26 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। सवाल- राहु-केतु कब राशि बदलेंगे? जवाब- इस राशि राहु-केतु का भी राशि परिवर्तन होगा। ये ग्रह 18 माह में राशि बदलते हैं और हमेशा वक्री रहते हैं। मंगलवार, 22 सितंबर की रात राहु और केतु भी राशि बदलेंगे। राहु राशि बदलकर मिथुन से वृषभ में प्रवेश करेगा और केतु राशि बदलकर धनु से वृश्चिक में जाएगा। वृषभ राहु की मित्र राशि और वृश्चिक केतु की मित्र राशि है। सवाल- इस साल दीपावली कब मनाई जाएगी? जवाब- इस वर्ष दीपावली शनिवार, 14 नवंबर 2020 को मनाई जाएगी। कार्तिक मास की अमावस्या शनिवार को आने से ये शनिश्चरी अमावस्या रहेगी। शनिवार को दीपावली आना व्यापार के नजरिए से चिंताजनक हो सकती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Solar eclipse and Saturn, Rahu-Ketu will change in zodiac sign in 2020
http://poojakamahatva.blogspot.com/2020/01/2020_5.html
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bhagyachakra · 2 years
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 03 मई 2022 सूर्योदय :- 05:53 सूर्यास्त :- 18:56 सूर्य राशि :- मेष चंद्र राशि :- वृषभ मास :- वैशाख तिथि :- तृतीया वार :- मंगलवार नक्षत्र :- रोहिणी योग :- शोभन करण :- तैतिल अयन:- उत्तरायण पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- वसंत लाभ :- 10:47 - 12:24 अमृत:- 12:25 - 14:02 शुभ :- 23:02 - 24:24 राहु काल :- 15:40 - 17:18 जय श्री महाकाल :- *अक्षय तृतीया:-* आपको और आपके पूरे परिवार को *अक्षय तृतीया भगवान परशुराम प्रकटोत्सव* की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं सभी का जीवन सुखमय रहे। *भारतीय संस्कृति में सृजन व शुभारंभ की पावन तिथि अक्षय तृतीया एवं भगवान परशुराम जयंती की मंगलमय शुभकामनाएं।* *ॐ जामदग्नाय विद्महे* *रेणुका नंदनाय धीमहि* *तन्नो श्री परशुराम: प्रचोदयात् ।* *यह तिथि अपने नाम के अनुसार समस्त कार्यों के लिए अक्षय कारिण��� कथा जया संज्ञक होने के कारण विजय तिथि कही गई है।* शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार सर्वत्र सफलता हेतु तथा व्यापार आदि में उन्नति की प्राप्ति के लिए आज स्नान दान आदि का अक्षय महत्व है, आस्था के साथ इस तिथि को ग्रहण करना चाहिए। ज्योतिष की माने तो संपूर्ण वर्ष में किसी भी तिथि का क्षय हो सकता है, लेकिन अद्भुद कि वैशाख शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया का कभी क्षय नहीं होता। अर्थात यह तिथि पूर्णता के साथ आती है। भगवान श्री गणेश ने महाभारत लेखन का श्रीगणेश अक्षय तृतीया के मुहूर्त में ही किया था। इसी दिन से त्रेता युग का प्रारंभ भी माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्वर्ग लोक से भूलोक में अवतरित हुई थी अतः इस दिन गंगा स्नान करना विशेष पूण्य प्रद माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान बद्रीनारायण के पट खुलते हैं। श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में चरण विग्रह के दर्शन वर्ष में केवल एक ही इसी दिन होते हैं। आज का मंत्र :- ""|| ॐ नमो हनुमंते भय भंजनायय सुखं कुरु फट स्वाहा ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय श्री महाकाल। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय श्री महाकाल🌹🙏 श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 03 मई 2022 ( मंगलवार ) जय श्री महाकाल। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/CdFN6P4ofDX/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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moneycontrolnews · 5 years
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जीवन मंत्र डेस्क. नया साल 2020 शुरू हो गया है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर चार साल में एक लीप इयर होता है। 2020 भी ऐसा ही एक लीप वर्ष होगा, इसमें फरवरी माह में 28 नहीं, बल्कि 29 दिन का रहेगा। नए साल की शुरुआत बुधवार से होगी और अंत गुरुवार को होगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार 2020 में ज्योतिष के नजरिए से कई बड़ी घटनाएं होने वाली हैं। इस साल सूर्य ग्रहण के साथ ही शनि, राहु-केतु का राशि परिवर्तन होगा। इस बार कार्तिक मास की अमावस्या शनिवार को रहेगी, इस वजह से दीपावली शनिवार को मनाई जाएगी। जानिए 2020 से जुड़ी खास बातें... सवाल- इस साल कितने सूर्य ग्रहण होंगे और क्या ये भारत में दिखाई देंगे? जवाब- 2020 में दो सूर्य ग्रहण होंगे, जिसमें से एक ही भारत में दिखाई देगा। इस साल एक भी चंद्र ग्रहण नहीं होगा। भारत में दिखाई देने वाला सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को होगा। भारत में ये ग्रहण खंडग्रास के रूप में दिखेगा। 21 जून की सुबह 10.13 बजे से शुरू होकर दोपहर 1.39 तक रहेगा। इसका सूतक भारत में रहेगा। इसके बाद दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को होगा। ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस वजह से भारत में इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। सवाल- इस साल शनि राशि कब बदलेगा और किन राशियों पर ढय्या-साढ़ेसाती शुरू होगी? जवाब- जनवरी 2020 में 23-24 तारीख की मध्य रात्रि में शनि धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि परिवर्तन के संबंध में पंचांग भेद भी हैं। मकर शनि की ही राशि है। अब वृश्चिक राशि से साढ़ेसाती उतर जाएगी और कुंभ राशि पर शुरू हो जाएगी। धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम ढय्या रहेगा और मकर राशि पर दूसरा ढय्या रहेगा। वृषभ और कन्या राशि से शनि का ढय्या खत्म होगा। मकर राशि में शनि आने से मिथुन और तुला राशि पर ढय्या शुरू हो जाएगा। 11 मई से 29 सितंबर तक शनि वक्री रहेगा। ये ग्रह मकर राशि में मई 2022 के अंत तक रहेगा। सवाल- 2020 में शिवरात्रि कब मनाई जाएगी? जवाब- इस साल फरवरी में शुक्रवार, 21 तारीख को शिवरात्रि मनाई जाएगी। पं. शर्मा के अनुसार महाशिवरात्रि रात्रि का पर्व है और चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है। 21 फरवरी की शाम तक त्रयोदशी रहेगी और रात्री में चतुर्दशी तिथि रहेगी। अगले दिन 22 फरवरी को दिनभर चतुर्दशी रहेगी, लेकिन रात में अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। इस कारण 21 फरवरी को ही शिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। सवाल- गुरु का राशि परिवर्तन कब होगा और ये ग्रह कब से कब तक वक्री रहेगा? जवाब- इस साल गुरु ग्रह 3 बार राशि बदलेगा। ये ग्रह 29 मार्च को धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। 14 मई को ये वक्री हो जाएगा। 29 जून को वक्री गुरु धनु राशि में जाएगा। 13 सितंबर को गुरु मार्गी होगा। 20 नवंबर को फिर से मकर राशि में प्रवेश करेगा। सवाल- 2020 में होली कब है? जवाब- 2020 में 9 मार्च की रात होलिका दहन होगा और 10 मार्च को होली खेली जाएगी। इस साल रंगपंचमी शनिवार को आएगी। सवाल- हिन्दी नववर्ष कब से शुरू होगा और इस साल कौन सा संवत रहेगा? जवाब- 25 मार्च 2020 बुधवार से नया हिन्दी वर्ष शुरू होगा। इस साल संवत् 2077 रहेगा। बुधवार, 25 मार्च से ही देवी पूजा का महापर्व चैत्र नवरात्रि भी शुरू होगी। संवत् 2077 के स्वामी बुध और मंत्री चंद्रदेव रहेंगे। चंद्र, बुध के पिता हैं, लेकिन बुध चंद्र से शत्रु का भाव रखता है। गुरुवार, 2 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। सवाल- ज्योतिष के नजरिए से नए साल में बारिश कैसी रहेगी? जवाब- इस साल जून में वर्षा का आगमन हो जाएगा। इस साल देश में पुष्कर नामक मेघ वर्षा करेंगे। बुध संवत् 2077 का स्वामी है, इस वजह से अच्छी बारिश होने के योग हैं। इस साल कुल 20 अच्छी बारिश होने के योग हैं और शीतकाल में 4 बार बारीश हो सकती है। सवाल- सावन माह कब से कब तक रहेगा और इस साल कितने सावन सोमवार आएंगे? जवाब- 2020 में सोमवार, 6 जुलाई से सावन माह शुरू होगा और इस माह का अंत सोमवार, 3 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा पर होगा। इस दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस साल सावन माह में 5 सोमवार आएंगे। सवाल- 2020 लीप इयर है तो क्या इस साल हिन्दी पंचांग में भी अधिकमास आएगा? जवाब- संवत् 2077 में अधिकमास रहेगा। 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक आश्विन मास का अधिकमास होगा। इससे पहले 2016 में अधिकमास आया था। अधिकमास को पूजा-पाठ के बहुत ही पवित्र माना गया है। इस माह में दान-धर्म, कथा श्रवण करना श्रेष्ठ रहता है। सवाल- शारदीय नवरात्र कब शुरू होंगे? जवाब- शनिवार, 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होगी। 25 को दुर्गानवमी और 26 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। सवाल- राहु-केतु कब राशि बदलेंगे? जवाब- इस राशि राहु-केतु का भी राशि परिवर्तन होगा। ये ग्रह 18 माह में राशि बदलते हैं और हमेशा वक्री रहते हैं। मंगलवार, 22 सितंबर की रात राहु और केतु भी राशि बदलेंगे। राहु राशि बदलकर मिथुन से वृषभ में प्रवेश करेगा और केतु राशि बदलकर धनु से वृश्चिक में जाएगा। वृषभ राहु की मित्र राशि और वृश्चिक केतु की मित्र राशि है। सवाल- इस साल दीपावली कब मनाई जाएगी? जवाब- इस वर्ष दीपावली शनिवार, 14 नवंबर 2020 को मनाई जाएगी। कार्तिक मास की अमावस्या शनिवार को आने से ये शनिश्चरी अमावस्या रहेगी। शनिवार को दीपावली आना व्यापार के नजरिए से चिंताजनक हो सकती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Solar eclipse and Saturn, Rahu-Ketu will change in zodiac sign in 2020
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