हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart Attack in Hindi), कारण, और उपचार
बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण कम उम्र के लोगों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है। दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत इलाज कराना बहुत महत्वपूर्ण है, और इससे किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक (Heart Attack Symptoms in Hindi) को मेडिकल भाषा में अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे: मायोकार्डियल इन्फेक्शन (Myocardial infarction), कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) या एनजाइना (Angina)।
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यह एक इमर्जेंसी कंडीशन है जो किसी भी इंसान की जान ले सकती है। अचानक से हार्ट अटैक की स्थिति तभी बनती है जब ह्रदय की माँसपेशियों (Heart muscles) में खून का बहाव कम हो जाता है, और हार्ट को पर्याप्त मात्रा में खून न मिलने के कारण हार्ट को नुकसान पहुँचता है, और कभी ऐसी स्थिति बन जाती है जिसमें हार्ट को खून की सप्लाई न मिले, तो हार्ट अटैक हो सकता है, जिसके कारण इंसान की जान जा सकती है।
आज कल जिस प्रकार से किसी भी उम्र के इंसान को हार्ट अटैक हो रहा है, यह एक खौफनाक स्थिति है।
दिल को दौरा तभी पड़ता है जब धमनियों में रुकावट आती है (Atherosclerosis), और रुकावट तभी आती है जब प्लाक (Plaque) नसों में जम जाता है, और जब ये प्लाक टूटता है, तो खून का थक्का (Blood Clot) बन जाता है, जिसके कारण रक्त की पूर्ति नहीं हो पाती, जिससे हार्ट मसल्स को प्रभाव पड़ता है, और आगे जाकर हार्ट अटैक की स्थिति बन जाती है।
हमारी जानकार कार्डियोलॉजी की टीम आपकी ज़रूरतों और उद्देश्यों के अनुसार आपकी उपयुक्त सहायता करने को सदैव तत्पर है। कार्डियोलॉजी परामर्श बुक करने के लिए अभी फेलिक्स अस्पताल से संपर्क करें। कॉल करें- +91 9667064100.(first aid when heart attack in Hindi)
हार्ट अटैक क्या है ?(First Aid During Heart Attack)
हार्ट अटैक क्या है: मेडिकल भाषा में हार्ट अटैक को “मायोकार्डियल इनफार्क्शन” (Myocardial infarction) के रूप में जाना जाता है। “मायो” शब्द का अर्थ है मांसपेशी जबकि “कार्डियल” हृदय को दर्शाता है। वहीं, दूसरी ओर, “इनफार्क्शन” अपर्याप्त रक्त आपूर्ति के कारण टिश्यू के नष्ट होने को संदर्भित करता है। टिश्यू के नष्ट होने से हृदय की मांसपेशियों को लंबे समय तक नुकसान पहुंच सकता है। हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आमतौर पर हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी पूरी तरह से अवरुद्ध होने के कारण अचानक खून की सप्लाई बंद कर देती है। इससे हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाएं मर जाती हैं। धमनी में ब्लॉकेज, जो कि अक्सर प्लाक के जमने के कारण होती है, जिसके परिणामस्वरूप कोरोनरी हार्ट डीजिज (सीएचडी) होती है। इस स्थिति को बिना उपचार के छोड़ दिया जाए तो यह किसी भी व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकता है। मायोकार्डियल इंफार्क्शन या दिल के दौरे के कारण दिल के टिश्यू को होने वाले नुकसान की गंभीरता अटैक की अवधि (अटैक कितनी देर के लिए आया है) पर निर्भर करती है। अगर आप पहले ही इस स्थिति का निदान कर लेते हैं और उपाचार प्राप्त कर लेते हैं तो आपको कम ही नुकसान होता है।
माइल्ड हार्ट अटैक और मेजर हार्ट अटैक का क्या मतलब होता है?
माइल्ड हार्ट अटैक और मेजर हार्ट अटैक: जब हार्ट पम्पिंग 45% से ऊपर होता है तो इसे माइल्ड हार्ट अटैक के रूप में जाना जाता है और जब यह 45% से कम होता है तो इसे मेजर हार्ट अटैक कहा जाता है। हार्ट अटैक के कारण हृदय गति में वृद्धि होती है। हार्ट अटैक मेजर हो या माइल्ड हो हर हार्ट अटैक गंभीर होता है।(first aid when heart attack in Hindi)
हार्ट अटैक के लक्षण क्या है ?(Heart Attack Symptoms In Hindi)
हार्ट अटैक के लक्षण(Heart Attack Symptoms in Hindi) : मायोकार्डियल इनफार्क्शन का सबसे आम लक्षण है छाती में दर्द या किसी प्रकार की परेशानी। हालांकि, हार्ट अटैक के अन्य संकेत भी होते हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण इनमें शामिल हैं।
शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द (Pain in the upper body)
अगर आपके सीने में दर्द, बेचैनी या किसी प्रकार का दबाव है, जो आपकी बाहों (विशेष रूप से बाएं हाथ), जबड़े, गले और कंधे में होता है तो संभावना है कि आपको हार्ट अटैक आ रहा है।
बहुत ज्यादा ठंडा पसीना आना (Excess sweating)
अगर आप अचानक ठंडे पसीने से तरबतर हो जाते हैं तो इसे अनदेखा न करें, खासकर जब आप दिल के दौरे के अन्य लक्षणों से गुजर रहे हों।
अचानक चक्कर आना (Sudden dizziness):खाली पेट से लेकर डिहाइड्रेशन तक बहुत सारी चीजें ऐसी हैं, जिसके कारण चक्कर आ जाते हैं या आपको अपना सिर थोड़ा भारी-भारी सा लगने लगता है। लेकिन अगर आपको छाती में किसी प्रकार की असहजता के साथ सीने में बेचैनी हो रही है तो यह दिल के दौरे का संकेत हो सकता है। साक्ष्य बताते हैं कि दिल के दौरे के दौरान महिलाओं को इस तरह से महसूस होने की अधिक संभावना होती है।
दिल की धड़कन का बढ़ना या कम होना (Abnormal heartbeat)
दिल की तेज धड़कन, कई कारकों का परिणाम हो सकता है जिनमें अत्यधिक कैफीन का सेवन और सही से नींद न आना शामिल हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि आपका दिल सामान्य से कुछ सेकंड के लिए तेजी से धड़क रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलने की जरूरत है।
खांसी और जुकाम का ठीक न होना (Cough and cold do not getting better)
आमतौर पर, ठंड और फ्लू के लक्षण दिल के दौरे के लिए खतरे की घंटी नहीं माने जाते हैं। लेकिन अगर आप हालत के लिए उच्च जोखिम वाले समूह में हैं (परिवार का इतिहास, मोटापे से ग्रस्त हैं, या डायबिटीज से पीड़ित हैं), तो यह सुनिश्चित करने के लिए एक चेतावनी संकेत हो सकता है। ���गर आप फ्लू जैसे लक्षण अनुभव करते हैं जो ठीक नहीं हो रहा है, तो अपने बलगम की जांच करवाएं| (Heart Attack Symptoms in Hindi)
हार्ट अटैक के कारण क्या हैं ?(Symptoms Of Heart Attack In Hindi)
जब हार्ट अटैक होता है, तो यह आपके दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
यह ऑक्सीजन की जरूरत कोरोनरी धमनियों द्वारा पूरी की जाती है, लेकिन जब धमनियों में प्लाक जमा होता है और नसें संकीर्ण हो जाती हैं, तो रक्त की आपूर्ति अवरुद्ध हो जाती है।
जब प्लाक कठोर हो जाती है, तो बाहरी परत कठोर होती है और यह टूट जाती है, जिससे रक्त के थक्के बनते हैं।
अगर रक्त का थक्का धमनी में आ जाता है, तो रक्त की आपूर्ति रुक जाती है, जिससे दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिलता है।
इससे मांसपेशियां मर जाती हैं और दिल को नुकसान पहुंचता है।
नुकसान की गंभीरता, उपचार और अटैक के बीच के समय के अंतराल पर निर्भर करती है।
हार्ट अटैक के बाद हृदय की मांसपेशियां खुद की मरम्मत करती हैं, औसतन इसमें लगभग 2 महीने का समय लगता है।
हार्ट अटैक के जोखिम कारक क्या है ?(Symptoms Of Heart Attack In Hindi)
हार्ट अटैक के जोखिम कारक(Heart Attack Symptoms in Hindi): दिल का दौरा पड़ने के पीछे कई जोखिम कारक हो सकते हैं। यहां, हम आपको सबसे प्रमुख कारकों के बारे में बता रहे हैं:
आयु: दिल के दौरे के आपके जोखिम को बढ़ाने में आपकी उम्र का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अध्ययन से पता चलता है कि 45 साल की उम्र से अधिक पुरुषों और 55 साल की उम्र से अधिक महिलाओं में दिल के दौरे की संभावना अधिक होती है।
लिंग: महिलाओं की तुलना में पुरुषों में दिल के दौरे की संभावना 2 से 3 गुना अधिक होती है। महिला हार्मोन, एस्ट्रोजन, महिलाओं के मामले में ढाल का काम करता है।
आनुवांशिक प्रवृत्ति: अगर आपके परिवार में ह्रदय रोग (माता-पिता, भाई या बहन) का इतिहास है, तो आपकी दिल के दौरे या स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर: लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर आपके ह्रदय को नुकसान पहुंचा सकता है और दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा सकता है।
खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर: खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल का आपकी धमनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ट्राइग्लिसराइड के स्तर की बढ़त भी दिल के दौरे की संभावना को बढ़ा सकती है।
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हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करे?
हार्ट अटैक से बचने के लिए कुछ उपाय हैं जो निम्नलिखित हैं:
स्वस्थ आहार: स्वस्थ खाने का आदत बनाना हार्ट अटैक से बचाने के लिए बहुत जरूरी है। आपको अपने आहार में हरे सब्जियां, फल, अंडे, दूध और दही जैसे पौष्टिक आहार को शामिल करना चाहिए। आपको तले हुए और तला हुआ भोजन कम खाना चाहिए और बाकी खाने में तेल, चीनी और नमक की मात्रा कम करनी चाहिए।
व्यायाम: व्यायाम करना हार्ट अटैक से बचने के लिए बहुत जरूरी है। न्यूनतम 30 मिनट तक रोजाना व्यायाम करना चाहिए जैसे चलना, दौड़ना या साइकिल चलाना। आप योग और मेडिटेशन जैसे सक्रिय ध्यान भी कर सकते हैं।
वजन कम करें: अधिक वजन हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है, इसलिए वजन कम करना बहुत जरूरी है। आपको वजन कम करने के लिए अपने आहार में कम कैलोरी वाले भोजन शामिल करने चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
धूम्रपान और शराब का सेवन न करें: धूम्रपान और शराब के सेवन से हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाया जाता है। इन चीजों से दूर रहना बहुत जरूरी है।
तनाव कम करें: तनाव हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है। आपको नियमित रूप से विश्राम लेना चाहिए और ध्यान भी करना चाहिए।
यदि आपको हार्ट अटैक के लक्षण जैसे दर्द या बेहोशी का सामना करना पड़ता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए किसी अस्पताल में जाना चाहिए। साथ ही, आपको नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए और अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट दोनों में से कौन है, ज्यादा खतरनाक?
आजकल हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट से मरने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है । इसका मुख्य कारण है ,
लोगों की बिगड़ती लाइफस्टाइल और व्यस्त जीवन। जिसके कारण इन दिनों कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक के
मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक दोनों कब किसको अपना शिकार बना लें यह
किसी को भी पता नही है। दरअसल, आमतौर पर लोग जिसे हार्टअटैक (Heart Attack)समझ रहे हैं। वह वास्तव…
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World Heart Day 2022: जिम में ज्यादा मेहनत करना दिल के लिए हो सकता है घातक; इन सावधानियों का पालन करें, विशेषज्ञों का कहना है
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World Heart Day 2022: कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के 58 साल की उम्र में निधन ने उनके प्रशंसकों और बिरादरी को झकझोर कर रख दिया है। असामयिक निधन कुछ गंभीर सवालों को भी जन्म देता है। राजू को दिल का दौरा पड़ा और पिछले महीने ट्रेडमिल पर गिर गया। इसने सवाल को जन्म दिया है – कितना व्यायाम करना बहुत अधिक है? विश्व हृदय दिवस पर, हम जिम में अधिक परिश्रम करने के संभावित नुकसानों का पता लगाते हैं।
जिमिंग: दिल…
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हार्ट में ब्लॉकेज की ये हैं 5 निशानी, समझ लें धमनियों में जम चुका है प्लाक, अब लापरवाही पड़ सकती है भारी
Image Source : FREEPIK
हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षण
हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खराब लाइफस्टाइल के कारण हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ गया है। कोरोना के बाद तो हार्ट अटैक का नाम लेते ही लोगों के दिलों में दहशत पैदा हो जाती है। एक वक्त था जब बड़े-बुजुर्गों में हार्ट अटैक के मामले सुनने को मिलते थे, लेकिन आजकल कम उम्र के युवाओं को सबसे ज्यादा अटैक आने लगे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट…
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जानें हार्ट अटैक के 5 प्रमुख लक्षण
सीने में दर्द, घबराहट, बहुत ज्यादा पसीना आना, आँखों के सामने अंधेरा छाना, चक्कर आना आदि हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों के नजर आने पर व्यक्ति को जितनी जल्दी अस्पताल ले जाया जाये, उतना बेहतर है वरना जान का खतरा हो सकता है। इस बारे में विशेषज्ञ की राय जानने के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करना न भूलें।
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heart attack ke lakshan aur upay
हार्ट अटैक के लक्षण क्या है ?
ये नीचे बताए गए लक्षण हैं जिन्हें कोई भी हृदय रोगी महसूस कर सकता है:-
सीने में बेचैनी और दर्द
ठंडा पसीना (खासकर रात में )
थकान और चक्कर आना
दिल की घबराहट
छाती में दबाव महसूस होना
सांस की तकलीफ
बाहों ,गर्दन ,जबड़े और कंधे के ब्लेड के बीच में दर्द
हल्कापन
मतली
खट्टी डकार
चिंता इसे भी पढ़े
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मिथक और तथ्य: हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानें
यहाँ हम दिल की गंभीर समस्याओं के बारे में बात करेंगे। एक आम गलतफहमी है कि दिल का दौरा आने पर हमें हमेशा सीने में दर्द महसूस होगा, लेकिन यह सच नहीं है। कई बार दिल का दौरा आने पर सीने में दर्द के बजाय श्वास की तकलीफ, उल्टी या वामन जैसे सूक्ष्म लक्षण भी हो सकते हैं।
मिथक: "मुझे दिल का दौरा हो रहा है क्योंकि मुझे सीने में दर्द महसूस होगा।"
तथ्य: दिल का दौरा आने पर व्यक्ति को सांस की तकलीफ, उल्टी या वामन जैसे सूक्ष्म लक्षण भी हो सकते हैं, बिना किसी सीने में दर्द के।
इसलिए यह जरूरी है कि हम इन छोटे लक्षणों का ध्यान रखें और सीने में दर्द का इंतजार न करें। अगर आपको कोई असामान्य लक्षण महसूस होता है, खासकर अगर आपके पास उच्च रक्तचाप या मधुमेह जैसे जोखिम हैं, तो मेडिकल सलाह के लिए हमसे संपर्क करें।
और अधिक जानकारी के लिए दिल के स्वास्थ्य पर या निरीक्षण के लिए, आप हमसे संपर्क कर सकते हैं: Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology)। सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001। फोन: 6200784486 या वेबसाइट: drfarhancardiologist.com।
स्वस्थ रहें, स्वस्थ रहें!
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हार्ट अटैक के लक्षण क्या है, क्यू आता है ?
सीने में दर्द होना दबाव मेहसूस होना, जकड़न जैसालगना, दर्द होना, ऐंठन या दर्द जैसा महसूस हो सकता है दर्द या बेचैनी होना, बांह में, पीठ में, गर्दन में, जबड़े में, दांत में या कभी-कभी ऊपरी पेट तक भी फैल जाती है ठंडा पसीना थकान नाराज़गी या अपच हल्कापन या अचानक चक्कर आना जी मिचलाना सांस लेने में कठिनाई महिलाओं में असामान्य लक्षण हो सकते हैं जैसे गर्दन Read More
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उच्च रक्तचाप: अगर हैं ये लक्षण, तो न लें हल्के में!
यह उच्च रक्तचाप है, जो पहले स्ट्रोक का कारण बन सकता है। अगर रक्तचाप नियंत्रित नहीं है, तो दिमाग को कमजोर कर सकता है।
पहला हार्ट अटैक भी उच्च रक्तचाप का परिणाम हो सकता है, जिससे हृदय को नुकसान हो सकता है।
रेनल आर्टरी स्टेनोसिस में भी उच्च रक्तचाप हो सकता है, जो किडनी के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
चेतावनी के लक्षण:
- चिंता होना
- चक्कर आना
- पसीना होना
- सोने में दिक्कत
- सिरदर्द
- नाक से खून आना
- थकान
अगर आपको इन लक्षणों में से कुछ भी महसूस हो रहा है, तो कृपया तुरंत चिकित्सक से मिलें। स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें! अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 12 साल से अधिक का अनुभव
डॉ. सोनिका पांडेय
Senior Consultant Medicine
MBBS (Gold Medalist), MD Medicine
अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: +91-9508253716
नेफ्रो केयर क्लिनिक: इटकी रोड, पिस्का मोड़, रांची, झारखंड
समय: सोमवार से शनिवार: 1:30 बजे से 3:00 बजे तक और शाम: 6:00 बजे से 7:30 बजे तक, रविवार का समय: सुबह 11:00 बजे से 2:00 बजे तक
रिंची ट्रस्ट हॉस्पिटल: इटकी रोड, कटहल मोड़, रांची, झारखंड - 835005
समय:सोमवार से शनिवार: सुबह 10:00 बजे से 1:00 बजे तक
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बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण कम उम्र के लोगों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है। दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत इलाज कराना बहुत महत्वपूर्ण है, और इससे किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक (Heart Attack Symptoms in hindi) को मेडिकल भाषा में अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे: मायोकार्डियल इन्फेक्शन (Myocardial infarction), कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) या एनजाइना (Angina)।
एक्सपर्ट सुझाव के लिए कॉल करें +91 9667064100.
यह एक इमर्जेंसी कंडीशन है जो किसी भी इंसान की जान ले सकती है। अचानक से हार्ट अटैक की स्थिति तभी बनती है जब ह्रदय की माँसपेशियों (Heart muscles) में खून का बहाव कम हो जाता है, और हार्ट को पर्याप्त मात्रा में खून न मिलने के कारण हार्ट को नुकसान पहुँचता है, और कभी ऐसी स्थिति बन जाती है जिसमें हार्ट को खून की सप्लाई न मिले, तो हार्ट अटैक हो सकता है, जिसके कारण इंसान की जान जा सकती है।
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जीवन शैली को संतुलित कर हार्ट अटैक से बचें- डॉ.साकेत
न्यूजवेव @कोटा
सर्दी के मौसम में तापमान में गिरावट के साथ ही युवा उम्र के लोगों में आकस्मिक हार्ट अटैक की घटनायें तेजी से बढ़ रही है। जिसमें युवा चिकित्सक एवं नियमित व्यायाम करने वालों की भी हार्ट अटैक से मौत हो जाने से नागरिकों में डर पैदा हो गया है। कोटा में 40 वर्षीय कोचिंग शिक्षक सौरभ सक्सेना की गुरूवार को बाइक पर भी अचानक अटैक आ जाने से मौत हो गई है। एसएमएस अस्पताल, जयपुर के 48 वर्षीय चिकित्सक डॉ.नितिन पांडे की हार्ट अटैक से मौत हो जाने से चिकित्सक वर्ग भी चिंतित है।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.साकेत गोयल ने बताया कि इन घटनाओं को कोविड या वैक्सीन से जोडना भ्रांति है। नागरिकों को अचानक हार्ट अटैक से बचाव के लिए अपनी जीवन शैली को संतुलित करना होगा। उन्होंने सलाह दी कि इसके लिये हम अपनी गलतियों में कुछ सुधार करें -
उम्र के साथ व्यायाम में करें बदलाव - उम्र बढने के साथ स्पोर्ट्स की तीव्रता और निरंतरता में कुछ बदलाव जरूरी है। आप कितने भी फिट हों, शरीर के सब अंगों की जैविक उम्र होती है। क्षमता के विपरीत व्यायाम नहीं करें। कई लोग 50 की उम्र के बाद भी मैराथन रनर या स्पोर्ट्स की प्रतिस्पर्धा के लिए तत्पर हो जाते हैं। जबकि उनकी शारीरिक प्रणाली इसके अनुकूल नहीं होती है।
लक्षणों की उपेक्षा नहीं करें - बैचेनी, दर्द या सास लेने में तकलीफ जैसे लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से मदद लें। साथियों के साथ खेल या व्यायाम जारी नहीं रखें। ये कुछ मिनट जीवन रक्षक हो सकते हैं। एक तिहाई लोगों में यह बीमारी मूक होती है और लक्षण उत्पन्न नहीं होते। अपने स्ट्रेस फैक्टर्स को अवश्य पहचान लें।
अपना लेवल याद रखें - उम्र के अनुसार ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर आदि का लेवल हमें पता होनी चाहिए। कभी-कभी डॉक्टर भी लिपोप्रोटीन (ए) या होमोसिस्टीन जैसे नए जोखिम वाले कारकों के लिए जांच की उपेक्षा करते हैं। इनसे टीएमटी या कोरोनरी कैल्शियम स्कोरिंग की जा सकती है।
फिटनेस के लिये संयम बरतें- स्पोर्ट्स से सेहत को फायदे मिलते है लेकिन कई लोग रनिंग या जिम को अनावश्यक पीड़ा बना लेते हैं। कुछ लोग स्पोर्ट्स या रनिंग जल्दी कर काम पर जाने की तैयारी में होते हैं। यह मानसिक बेचैनी घातक हो सकती है। नींद की कमी से न केवल फिटनेस बिगड़ती है अपितु शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स भी ज्यादा निकलते हैं।
आहार में करें बदलाव - सुबह की सैर के बाद कचौरी व जलेबी के लिये भीड़ उमडती है। अपने भोजन में शुगर और वसा की मात्रा को संतुलित रखना होगा। 28-30 की उम्र के बाद वजन बड रहा है तो वह अनावश्यक विस्सरल वसा है, जो गंभीर बीमारी का कारण है।
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डायबीटीज के लक्षणों पर ध्यान दें!
डायबीटीज के लक्षणों को समझना और सही समय पर कदम उठाना जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
बार-बार पेशाब आना: यदि आप बार-बार पेशाब जा रहे हैं, तो यह एक डायबीटीज के संकेत हो सकता है।
प्यास लगा���ा: अत्यधिक प्यास का अहसास होना भी डायबीटीज का संकेत हो सकता है।
बार-बार भूख लगना: अगर आपको अनियत भूख लग रही है, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
थकान और देखने में दिक्कत: अनाराम और अच्छे से देखने में कमी डायबीटीज के लक्षण हो सकते हैं। परिणाम: दृष्टिहीनता: यदि डायबीटीज नियंत्रित नहीं होती, तो दृष्टिहीनता का खतरा बढ़ सकता है।
हार्ट अटैक
रक्त का सही से संचार नहीं होना
किडनी की बीमारी
पेशाब से जुड़ी परेशानी
इलाज के लिए:
इंसुलिन का इंजेक्शन
सही डाइट
नियमित व्यायाम
ब्लड शुगर की निगरानी
डायबीटीज को समझना और जागरूकता बढ़ाना हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है। अपने सवालों को साझा करें और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक छोटा सा कदम बढ़ाएं।
इलाज के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।और अधिक जानकारी के लिए आज ही संपर्क करें।
डॉ. सोनिका पांडे, जिन्होंने अपने चिकित्सा क्षेत्र में 12 साल से अधिक का अनुभव है, वे सीनियर कंसलटेंट मेडिसिन हैं और उन्होंने MBBS (स्वर्ण पदक विजेता) और MD मेडिसिन की डिग्री प्राप्त की है।
विशेषज्ञ परामर्श पाने के लिए आप कॉल कर सकते हैं: +91-9508253716
डॉ. सोनिका पांडे के नेफ्रो केयर क्लिनिक में आने का समय:
- सोमवार से शनिवार: सुबह 10:00 बजे से 1:00 बजे तक
- शाम: सोमवार से शनिवार: 1:30 बजे से 3:00 बजे तक, और
- रविवार: सुबह 11:00 बजे से 2:00 बजे तक
क्लिनिक का पता: नेफ्रो केयर क्लिनिक, एडवांस पैथोलॉजी, मां दुर्गा मेडिकल, इटकी रोड, पिस्का मोड़, रांची, झारखंड
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दिल का दौरा पड़ने के कारण, लक्षण और उपचार के विकल्प
हृदयाघात या हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति अचानक बाधित हो जाती है। यह आमतौर पर धमनियों में प्लाक के निर्माण के कारण होता है, जिसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज कहा जाता है।
हार्ट अटैक के कारण:
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD): धमनियों में चर्बी, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का जमा होना।
धूम्रपान: निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड धमनियों की दीवारों को कठोर बना सकते हैं।
उच्च…
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देश में बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के केस, बाबा रामदेव से जानें हार्ट की हेल्थ को बेहतर बनाने के आयुर्वेदिक उपाय
Image Source : SOCIAL
Heart Attack Tips From Baba Ramdev
जब किसी को हार्ट अटैक आता है तो पता कैसे चलता है कोई शख्स अपना सीना पकड़ना शुरू कर दे।बहुत ज़्यादा पसीना आए।सांस लेने में दिक्कत हो, तो ऐसा समझ लेते हैं कि उसे हार्ट अटैक आया है।फिल्मों में तो अक्सर ऐसा ही दिखाते है। ज़रूरी नहीं जैसा फिल्मों में दिखाते हैं वही लक्षण सभी मामलों में दिखें जैसे डायबिटीज़ के मरीज़ों में जिनको नर्व लॉस के चलते…
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हार्ट अटैक से भी ज्यादा गंभीर है कार्डियक अरेस्ट, दोनों के लक्षण होते हैं अलग, रहें सावधान
जहां तक दिल के दौरे की बात है तो यह हल्का दिल का दौरा हो सकता है और कार्डियक अरेस्ट की तुलना में इसमें मरीज की जान बचाना ज्यादा संभव है। लेकिन कार्डियक अरेस्ट में मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत होती है, कुछ मिनटों की देरी भी जानलेवा हो सकती है। इन दोनों बीमारियों के बीच कुछ अन्य अंतर यहां दिए गए हैं।
अक्सर जब भी किसी की अचानक मौत हो जाती है तो मौत का कारण हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट बताया जाता…
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