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#जल्दी नींद आने के उपाय
khulkarjiyo · 4 months
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नींद ना आना दुनिया की सबसे बड़ी समस्या इस Technique से लें प्राकृतिक तरीके से अच्छी नींद का आनंद
यह तो आप भी मानेंगे रात को बिस्तर पर लेटने के बाद घंटे करवटें बदलना, आज के समय की दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। जिसको देखो वह शिकायत करता है कि उसे नींद नहीं आती, नींद आने में दिक्कत रहती है ,रात को बेचैनी रहती है और वह इसके लिए सही उपाय जानना चाहते हैं। तो आज हम आपको बता रहे हैं कुछ master techniques जिनको फॉलो करके आप बिस्तर में जाते ही आराम की नींद ले पाएंगे और करवटें बदलने की समस्या…
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dainiksamachar · 1 year
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खांसी है कि जाती ही नहीं... फ्लू अटैक से पूरा देश परेशान, जानें लक्षण, कारण और निदान
नई दिल्ली: देश इन्फ्लुएंजा की चपेट में आ गया है। हालत यह है कि करीब-करीब हर चौथे-पांचवें व्यक्ति को खांसी की शिकायत है। चिंता की बात यह है कि इस समस्या से जल्दी निजात नहीं मिल पा रही है। जिसे भी खांसी पकड़ती है, वह कई दिनों तक जूझता रहता है। कई लोगों के तो सप्ताह दर सप्ताह बीत रहे हैं हैं, खांसी छूट ही नहीं रही है। खांसी भी ऐसी-वैसी नहीं, ऐसा लगता है खांसते-खांसते फेफड़ा ना फट जाए। कलेजे और पेट में दर्द उठ जाता है। रातभर रह-रहकर खांसी उठती रहती है और नींद गायब। इतना जोर-जोर से खांसते हैं कि घर वालों की नींद में भी खलल पड़ जाती है। लेकिन ऐसा हो क्यों रहा है? डॉक्टर्स इसके जवाब में बताते हैं कि कोविड के कारण लोगों की बीमारियों से लड़ने की क्षमता यानी इम्यूनिटी लेवल घट गई है। इस कारण इन्फ्लुएंजा ए वायरस (H3N2) हावी हो जा रहा है। इसे () भी कहते हैं। देश में स्प्रिंग इन्फ्लुएंजा का कहर दिल्ली एम्स के पूर्व डॉक्टर जीसी खिलनानी ने कहा कि बीते दो महीनों में इन्फ्लुएंजा इन्फेक्शन के केस तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा, 'हर दूसरा आदमी बुखार, कफ, गला बैठने और सांस उखड़ने की समस्या से परेशान है।' उन्होंने आगे बताया, 'जिन्हें खांसी की शिकायत हो रही है, उनमें कई लोगों को छींकें आ रही हैं, कुछ को नहीं। वो जांच करवाते हैं तो एच3एन2 वायरस अटैक का पता चलता है।' पश्चिमी देश भी सितंबर से जनवरी तक इसी दौर से गुजरे थे। वहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कई देशों में तो कोविड से पहले जैसी हालत हो गई जब इन्फ्लुएंजा का भयकंर प्रकोप हुआ करता था। सितंबर से जनवरी के बीच पश्चिम के कई देश इन्फ्लुएंजा A(H1N1)pdm09, A(H3N2) और इन्फ्लुएंजा B वायरस की चपेट में आ गए। ज्यादातर देशों में इन्फ्लुएंजा ए वायरस का ही ज्यादा प्रकोप देखा गया। ये हैं फ्लू के लक्षणयूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, के कारण श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। इससे मामूली या फिर गंभीर बीमारी हो सकती है और कई बार तो मृत्यु तक हो सकती है। भारत में यूं तो हर वर्ष फ्लू की वैक्सीन लगवाने की जरूरत होती है, लेकिन लोग इस तरफ क��ी ध्यान नहीं देते हैं। भारत में इन्फ्लुएंजा का प्रकोप मॉनसून सीजन में जून से सितंबर के बीच होता है। फिर यह नवंबर और फरवरी के बीच दोबारा फैलता है।डॉक्टर बताते हैं कि उनके पास आने वाले मरीज जो समस्याएं बता रहे हैं उनके मुताबिक इन्फ्लुएंजा से पीड़ित व्यक्ति में ये लक्षण देखे जा रहे हैं...○ बुखार○ कंपकंपी○ गले में खरास○ खांसी○ जुकाम और छींक○ थकान○ मांसपेशियों और शरीर में जकड़न इम्यूनिटी घटने का असर जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल असोसिएशन (JAMA) ने फरवरी के शुरुआती दिनों में एक स्टडी पब्लिश हुई। इसमें कहा गया है कि इन्फ्लुएंजा के इतना ज्यादा प्रकोप का कारण लोगों में इम्यूनिटी का घटना और फ्लू वैक्सिनेशन प्रोग्राम में आई सुस्ती है। इसमें कहा गया है, 'कोविड-19 महामारी के कारण इन्फ्लुएंजा वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में घट गया था।' इसमें कहा गया है कि 2021-2022 में इन्फ्लूएंजा के मौसम के दौरान इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि हो सकती है। ऐसा इन्फ्लुएंजा संक्रमण की कम दरों से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने और संक्रमण फैलाते वायरस में एंटीजेनिक बदलावों के कारण हुआ है। कैसे हो बचाव?डॉ. खिलनानी कहते हैं कि फ्लू की चपेट में आनसे बचने का सर्वोत्तम उपाय है भीड़भाड़ से दूर रहना। उन्होंने कहा कि जब लोग बीमार पड़ने लगें तो समझ जाान चाहिए कि फ्लू अटैक होने लगा है। ऐसे में अच्छे से हाथ धोने, स्वच्छ हवा में सांस लेने, फ्लू वैक्सीन लेने, बाहर निकलने पर पॉल्युशन मास्क पहनने जैसी अच्छी आदतों का पालन करें। साथ ही, सर्द-गर्म से बचने के लिए धूप से लौटकर तुरंत स्नान करने, एसी या तेज फंखे की हवा लेने, गटागट ठंडा पानी पीने से बचें। एक्सपर्ट डॉक्टर निखिल मोदी कहते हैं कि लोग मास्क पहनकर फ्लू के अटैक से खुद को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा, 'अगर फ्लू की चपेट में आ जाएं तो घर में ही भाप लेना और गारगल करना शुरू कर दें। फिर जितना जल्द हो सके डॉक्टर से संपर्क करें ताकि बीमारी गंभीर रूप धारण नहीं कर सके। इसके साथ ही लोगों को अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।' http://dlvr.it/SkDtRB
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mrupadhyaysworld · 3 years
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अगर रात में नींद न आये तो क्या करे ?
अगर रात में नींद न आये तो क्या करे ?
क्या आप भी नींद की गोली प्रयोग करते हैं? नींद कम या नहीं आने की आज आम शिकायत की जाती है और हमारे देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो प्रतिदिन नींद लाने वाली गोलियों का अन्धाधूंद सेवन कर रहे हैं । क्या आप उन लोगों में से तो नहीं है ? सदैव यह बात स्मरण रखें कि स्वाभाविक एवं उचित नींद वही होती है जो अपने आप आये और ठीक समय पर आये । सोने के समय आप विस्तर में घुस तो अवश्य जाते हैं, परन्तु घण्टों बेचैनी…
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सूखी खांसी का घरेलू उपाय
आज के इस दौर में हम मनुष्य खुद को बिल्कुल स्वस्थ रखना चाहते हैं लेकिन इस बदलती हुई आधुनिक जीवन शैली में हमारे खान पान, रहन सहन के तरीकों की वजह से कई प्रकार की बीमारियों से सामना हो ही जाता है। ना चाहते हुए भी हम उन बीमारियों से दूर नहीं रहते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि हम छोटी सी समस्या को बढ़ा देते हैं और बाद में बहुत सी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। इनमें से एक मुख्य समस्या सूखी खांसी की है, जो बहुत ही गंभीर समस्या हो सकती है।
क्या है सूखी खांसी | Kya Hai Sukhi Khansi
आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि खांसी होने पर खुद के ऊपर ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि खांसी ही तो है ठीक हो जाएगी पर ऐसा होता नहीं और यह खांसी सूखी खांसी के रूप में नजर आती है।
दरअसल सूखी खांसी, खांसी का  एक प्रकार है जिसमें कफ बहुत कम मात्रा में होता है। इसमें परेशानी बहुत बढ़ जाती है जिसे ठीक होने में काफी समय भी लग जाता है।
सूखी खांसी के प्रमुख लक्षण | Sukhi Khansi Ke Pramukh Lakshan
कुछ प्रमुख लक्षणों के माध्यम से आप सूखी खांसी की पहचान एवं उसका इलाज कर सकते हैं।
1) कफ का ना होना।2) रात के समय में खांसी का बढ़ जाना।3) बार बार ऐसा लगना की गले में कुछ अटका हुआ हो।4) जी मिचलाना।5) ठंड लगना।6) बार बार बुखार का एहसास होना।7) सिर दर्द होना।8) उल्टी का एहसास होना।
सूखी खांसी के घरेलू उपाय | Sukhi Khansi Ke Gharelu Upay
सूखी खांसी एक ऐसी समस्या है, जो कभी भी किसी को भी हो सकती है। कई बार जब इसका इलाज करवा कर थक चुके हो ऐसे में घरेलू इलाज के माध्यम से भी आप इसे ठीक कर सकते हैं।
1) अदरक
अगर आप बहुत ज्यादा खांसी से परेशान हो चुके हैं, तो अदरक को बारीक कूटे। उसे एक गिलास पानी में तब तक उबालें, जब तक पानी आधा ना हो जाए। अब उस पानी को पिए ध्यान रखें पानी को गर्म ही पीना है, तभी वह फायदेमंद होगा।
2) हल्दी
हल्दी को प्राचीन काल से ही औषधीय गुणों का खजाना माना जाता है। अगर हल्दी को पानी में उबाला जाए और साथ में दालचीनी पाउडर, काली मिर्च पाउडर मिला लिया जाए तो इससे सूखी खांसी में राहत महसूस होगी।
3) प्याज
प्याज बहुत ही फायदेमंद है। अगर प्याज के रस में एक चम्मच शहद डालकर दिन में इसका सेवन करें तो सूखी खांसी की समस्या खत्म नजर आती है।
4) तुलसी
किसी भी प्रकार की खांसी को दूर करने में तुलसी का अहम योगदान होता है। अगर तुलसी के पत्तों में शहद, काली मिर्च, गुड़ डालकर पकाया जाए और थोड़ा थोड़ा इसका सेवन किया जाए तो बहुत ही फायदा मिलता है और सूखी खांसी जल्दी ठीक होने लगती है।
5) सोंठ
खांसी होने पर सोंठ का उपयोग भी किया जा सकता है। इसे रात में दूध के साथ उबालकर सोने से पहले पी ले। इससे यह आपकी आंतरिक उर्जा को विकसित कर सूखी खांसी को ठीक करने में मददगार रहेगा।
6) गरम पानी के गरारे
अगर आप दिन में कम से कम तीन चार बार गर्म पानी के गरारे करें तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। गर्म पानी में थोड़ा सा नमक मिलाने से भी आपकी खांसी में राहत मिलेगी। इसे जरूर एक बार अपना कर देखें निश्चित रूप से आप को राहत मिलेगी।
7) मुलेठी
अगर आप मुलेठी को चाय में डालकर पीते हैं, तो इससे आपको सूखी खांसी में राहत मिलेगी और अगर आप चाहे तो मुलेठी को कूट-कूट कर भी डाला जा सकता है।
8) आंवला
अगर आप अपने भोजन में आंवले की कुछ मात्रा का उपयोग करें तो इससे भी सूखी खांसी से बचा जा सकता है। आंवला एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और साथ ही साथ इनमें विटामिन सी होता है, जो सूखी खांसी में आपको राहत दिलाता है।
9) गर्म दूध और हल्दी
प्राचीन काल से यह माना जाता है कि यदि आप गर्म दूध में हल्दी डालकर पिए तो इससे भी किसी प्रकार की भी खासी को ठीक किया जा सकता है।
10) शहद
अगर आप सूखी खांसी से बहुत ज्यादा परेशान हैं, तो दिन में तीन चार बार शहद का सेवन करें इससे आपको राहत मिलेगी और जल्द ही खांसी ठीक हो पाएगी।
11) सेब का सिरका
जिस प्रकार से सेब  स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है उसी प्रकार से सेब का सिरका भी फायदेमंद है। अगर आप सेब के सिरके को पानी के साथ पिए तो निश्चित रूप से खांसी ठीक होने में मददगार रहेगा। अगर सिरके को गर्म पानी के साथ पिए तो और भी फायदेमंद होता है।
12) भाप
अगर आप चाहे तो दिन में तीन चार बार गर्म पानी का भाप लेकर भी खासी को ठीक कर सकते हैं।
13) लहसुन
लहसुन को गुणों की खान कहा जाता है। इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ खांसी को ठीक करने में भी सहायक है। इसके लिए लहसुन की दो तीन कलियों को गर्म पानी में उबाल ले और उसे पिए निश्चित रूप से आप की सूखी खांसी मे राहत मिलेगी।
14)  पीपल की गांठ
अगर आप पीपल की गांठ को पीसकर शहद के साथ मिलाकर खाएं तो इससे आपकी सूखी खांसी में बहुत ही ज्यादा आराम मिलेगा और जल्द ही खांसी ठीक हो जाएगी।
रात को सूखी खांसी होने पर क्या करें | Raat Ko Sukhi Khansi Hone Par Kya Kare
कई बार ऐसा होता है कि दिन में सूखी खांसी ज्यादा नहीं आती पर रात में बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ता है। लगातार खांसी आने से सही तरीके से नींद भी नहीं आ पाती और पूरी रात बेचैनी बनी रहती है। ऐसे में कुछ उपाय करके रात में आप चैन की नींद ले सकते है।
1) अपने सिर को थोड़ा ऊंचा करके सोए। इसके लिए थोड़ा ऊंचा तकिया लेकर ही सोए।
2) कई बार ऐसा भी होता है कि लगातार धूम्रपान करते रहने से भी खांसी की समस्या बनी रहती है। ऐसे में आपके लिए धूम्रपान छोड़ना ही बेहतर विकल्प होगा।
3) सोते समय सलाईन नेजल स्प्रे का उपयोग करें इससे रात में खांसी से बचा जा सकता है।
4) सोने के समय हर्बल चाय का उपयोग करें तो यह बहुत ही फायदेमंद होगा। अगर इसमें थोड़ी शहद मिला ली जाए तो सोने पर सुहागा होगा।
5) अगर आप ज्यादा खांसी से परेशान हैं,तो रात में करवटलेकर सोना भी फायदेमंद होगा।बदलते मौसम में हो सकती है
सूखी खासी— हम लगातार मौसम में बदलाव देखते हैं। बारिश के दिनों में भी तेज धूप और गर्मी से लोग परेशान और बेहाल रहते हैं। ऐसे में अन्य शारीरिक समस्याओं के अलावा सूखी खांसी की समस्या देखी जा सकती है जो कि बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा देखी जाती है। ऐसे में बहुत आवश्यक होता है कि अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जाए। उचित आहार, रहन-सहन से ही आप बदलते मौसम में सूखी खांसी से दूर रह सकते हैं।
पढ़े खांसी के लिए दवा, खासी लिए बेस्ट सिरप, खांसी के लिए बेस्ट टैबलेट
छोटे बच्चों में सूखी खांसी के उपचार | Cote Bacho Main Sukhi Khansi Ke Upchar
बच्चों में  खांसी कई प्रकार की हो सकती है। कई बार तो बच्चों में सूखी खांसी की वजह समझ ही नहीं आती और बच्चे इतने छोटे होते हैं कि वह खुद समस्या बता  नहीं पाते हैं।
अगर बच्चों में लगातार खांसी की समस्या हो रही हो, तो कुछ उपायों के माध्यम से उप��ार किया जा सकता है। घरेलू उपचारों के माध्यम से बच्चों को आसानी से ठीक किया जा सकता है।
1) अगर छोटे बच्चों कोपर्यावरण के दुष्प्रभाव सेदूर रखा जाए तो खांसी जैसे समस्या नहीं आ पाती है। कुछरूम फ्रेशनर और डिओडरेंटहवा में दुष्प्रभाव डालतेहैं जिन से बच्चों को दूररखना ही बेहतर होगा।
2) बच्चों को सूखी खांसी से दूर रखने के लिए घर में बनाए गए तरल पदार्थ आवश्यक रूप से जैसे सूप, जूस आदि देना चाहिए।
3) छोटे बच्चों को सूखी खांसी से दूर रखने का सबसे अच्छा उपाय मां का दूध है। इससे बच्चों को स्वस्थ रखा जा सकता है। मां के दूध से बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
4) बच्चों की सूखी खांसी को दूर करने के लिए नारियल तेल में तुलसी के पत्तों को पीसकर लाइए। इस तेल को बच्चे के पेट, छाती, गले में लगाएं इससे बच्चे को सूखी खांसी में राहत मिलेगी।
5) बच्चे की सूखी खांसी को गाजर के रस के माध्यम से भी ठीक किया जा सकता है बस आपको गाजर के रस को थोड़ा गुनगुना करना होगा।
6) गरम सरसों के तेल से बच्चों के सिर, पेट, छाती, पैर  में मालिश करने से भी सूखी खांसी में राहत मिल सकती है।
7) इसके अलावा आप नारियल तेल में थोड़ा कपूर डालकर भी बच्चे को सूखी खांसी से राहत दे सकते हैं। इस नारियल तेल और कपूर को आप दो-तीन दिन तक उपयोग भी कर सकते हैं।
8) बच्चों को भिंडी के सूप के माध्यम से भी सूखी खांसी से राहत दिया जा सकता है। इसके लिए भिंडी को टुकड़ों में काटकर 10 मिनट तक उबालने के लिए रख दें। उबले पर इसे छानकर पीने से बच्चों को राहत मिल सकती है।
नजरअंदाज ना करें अपनी खांसी| Najarandaj Na Karo Apni Kahani
ऐसा देखा जाता है कि हम अपनी दिनचर्या में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि खुद पर ध्यान ही नहीं देते हैं। जब बात सूखी खांसी की हो, तो कभी भी इसे नजरअंदाज करने की गलती ना करें। किसी भी समस्या से बचने का एकमात्र उपाय खुद की देखभाल है। सही समय पर होने वाली खांसी को पहचान कर उसका इलाज किया जाना जरूरी है
खासतौर से बच्चों और बुजुर्गों के लिए। हमेशा किसी भी प्रकार की खांसी के प्रति सतर्क रहें और घरेलू इलाज अपनाएं।
सूखी खांसी हो सकती है प्राणघातक | Sukhe Khansi Ho Sakti Hai Pranghatak
लगातार होने वाले सूखी खांसी से मनुष्य के अंदर कमजोरी आने लगती है। धीरे-धीरे इस खांसी का असर पसली, फेफड़े और पेट पर ही पड़ता है। अगर खांसी ज्यादा ही बढ़ जाए तो ऐसे में खतरनाक भी हो सकता है। इस खांसी से मांसपेशियों और हड्डियों में भी गहरा प्रभाव पड़ने लगता है, जो शरीर को खोखला भी कर देता है। ऐसे प्राणघातक खांसी से बचाव बेहद आवश्यक हो जाता है। ऐसे में ध्यान रखें खुद का और अपने परिवार का भी।
सतर्क रहें सावधान रहें | Satark Rahe Savdhan Rahe
जहां हमारे चारों और कई प्रकार की बीमारियां फैली हुई हैं ऐसे में सतर्क रहने की आवश्यकता है। अपने आसपास भी साफ सफाई रखें और सावधान रहिए। एक बार अगर सूखी खांसी शुरू हो जाए, तो उसे खत्म करना आसान नहीं होता है। ऐसे में समस्या के आने से पहले ही उसे जड़ से खत्म करना सही साबित होता है।
जिस घर में छोटे बच्चे व बुजुर्ग उन्हें खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। खुद सतर्क रहकर इस समस्या से दूर रहना ही बेहतर विकल्प है। अगर घरेलू उपाय अपनाया जाए तो निश्चित रूप से राहत महसूस होगी। हमेशा स्वस्थ रहें प्रसन्न रहें और सफल रहे।
Reference: https://www.ghareluayurvedicupay.com/sukhi-khansi-ka-gharelu-upay-in-hindi/
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jyotishforyou · 2 years
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कफ दोष से होने वाली समस्याएं व उनके समाधान !
हम सब यह जानते हैं कि हमारे शरीर में तीन प्रकार के दोष होते हैं - वात दोष, पित्त दोष और कफ दोष । इसके पहले दो लेखों के माध्यम से हम वात दोष और पित्त दोष से हमारे शरीर में होने वाली समस्याओं पर बात चुके हैं, साथ ही वात व पित्त दोष से होने वाली समस्याओं के समाधान भी जान चुके हैं। 
उसी क्रम को जारी रखते हुए आज ��म शरीर के तीसरे दोष यानि कफ दोष पर बात करने जा रहे हैं । आज के लेख में हम जानेंगे कि कफ दोष क्या होता है ? कफ दोष को कैसे पहचाना जाता है ? कफ दोष से हमारे शरीर में क्या क्या समस्याएं उत्पन्न होती हैं ? और उन समस्याओं का समाधान क्या है ?
जानना चाहते हैं कि कफ दोष को कैसे संतुलित किया जाए? जानिए आयुर्वेद और सभी दोषों के बारे में। हमारे आयुर्वेद विशेषज्ञ से ऑनलाइन आयुर्वेदिक ज्योतिष डॉ.मिलन सोलंकी परामर्श प्राप्त करें।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के साथ ज्योतिष की मूल बातें जानें। आप अपनी चंद्र राशि, सूर्य राशि और उदीयमान राशि के बारे में जान सकते हैं। एस्ट्रोलोक ज्योतिष का एक शिक्षण संस्थान है, जहां आप ज्योतिष, वास्तु पाठ्यक्रम ऑनलाइन, आयुर्वेद और ज्योतिष, शुरुआती लोगों के लिए हस्तरेखा विज्ञान, अंकशास्त्र पाठ्यक्रम ऑनलाइन सीख सकते हैं। अभी संपर्क करें।
कफ दोष क्या होता है ?
 कफ दोष पाँच तत्वों में से दो तत्वों भूमि तत्व व जल तत्व से मिलकर बनता है। कफ हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को नियंत्रित करता है । शरीर में कफ के असंतुलित हो जाने से हमारी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और हम बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते हैं । 
कफ दोष से होने वाली समस्याएं - 
कफ दोष से होने वाली कुछ प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित हैं - 
1. शरीर में कफ बढ़ जाने पर भारीपन महसूस होने लगता है । इसका कारण कफ दोष में भूमि तत्व का होना है । भारीपन कफ दोष का सबसे प्रमुख लक्षण है । 
2. कफ दोष के बढ़ने पर हमारे शरीर में बहुत आलस्य बढ़ जाता है । कोई भी काम करने में हमारा मन नहीं लगता है । इसके अलावा कफ दोष के कारण नींद भी बहुत आती है । बहुत अधिक नींद या बहुत सुस्ती महसूस हो तो इसे कफ दोष का लक्षण समझना चाहिए । 
3. कफ दोष में जल तत्व होने के कारण पसीना बहुत अधिक मात्रा में देखने को मिलता है और शरीर में चिपचिपापन बना रहता है । 
4. यदि आँखों से बहुत ज्यादा मात्रा में कीचड़ निकल रहा है तो इसे भी कफ दोष का लक्षण समझना चाहिए । कीचड़ के अलावा आँखों में भारीपन व थकान का अनुभव होना भी शरीर में कफ दोष का संकेत है । 
5. कफ दोष से कई बार साँस संबंधी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं । खांसी होना या सांस लेने में तकलीफ होना , ये कफ दोष के ही संकेत हैं । 
कफ दोष से होने वाली समस्याओं के समाधान - 
अपने खान पान व जीवन शैली में थोड़े बहुत बदलाव करके आप कफ दोष की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं । कफ को संतुलित करने के लिए प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं - 
1. कफ दोष से बचने के लिए दूध से बने जैसे पनीर , छाछ आदि का भरपूर सेवन करें । 
2. नहाते समय हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करने से कफ दोष में लाभ प्राप्त होता है । 
3. कफ दोष से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन सुबह व्यायाम अवश्य करें । व्यायाम करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे कफ दोष के फलस्वरूप शरीर में आने वाला आलस्य दूर भागता है । 
4. सरसों के तेल का अधिकाधिक प्रयोग करें । इसको खाने में और नहाने के पहले शरीर की मालिश करने में उपयोग करने से कफ दोष से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है । 
5. अधिक से अधिक हरी सब्जियों और सभी प्रकार की दालों का सेवन करें । इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होगी । 
निष्कर्ष - 
इस प्रकार से हमने कफ दोष के कारण शरीर में उत्पन्न होने वाली समस्याएं व उनके समाधानों का विस्तार से विश्लेषण किया । अगर आपको अपने शरीर में कफ दोष के लक्षण दिख रहे हैं तो इन उपायों का पालन करके आप अपने कफ दोष को संतुलित कर सकते हैं ।  
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raghav-shivang · 4 years
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ऑफिस में काम के दौरान नींद आना आम बात है। अमेरिकन वेबसाइट मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक, ऑफिस जाने वाले हर 5 में से 2 लोग अनचाही नींद से परेशान हैं। ऑफिस में नींद आने के कई कारण होते हैं। पूरी नींद नहीं लेना और अनियमित सोना-जगना इसकी बड़ी वजह हैं। लंच में ज्यादा खाना खाने से भी नींद आती है।
इन 8 तरीकों से आप ऑफिस में अनचाही नींद से छुटकारा पा सकते हैं-
1. कॉफी पिएं
कॉफी में पाई जाने वाली कैफीन बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी देती है। ऑफिस में अगर आपको नींद आती है तो नियमित अंतराल पर कॉफी पी सकते हैं। इससे नींद नहीं आएगी। कुछ लोग ब्लैक और ग्रीन टी लेते हैं, लेकिन इनमें कैफीन कम होती है। चाय से गैस बनने जैसी समस्या भी हो सकती है। हो सके तो चाय अवॉइड करें और कॉफी लें।
2. 7 से 9 घंटे की नींद लें
ऑफिस में नींद आने की दूसरी बड़ी वजह हमारा असमय सोना या कम सोना होता है। एक वर्किंग एडल्ट को 7 से 9 घंटे सोना बहुत जरूरी है। सोने का समय फिक्स करें। आप 7 से 9 घंटे भले ही क्यों न सो रहे हों, लेकिन सोने और जगने का टाइम फिक्स नहीं है तो सब बेकार है।
3. ऑफिस आने से पहले घूमने जाएं
हमारा शरीर सर्केडियन रिदम के हिसाब से चलता है, इसी को बॉडी क्लॉक कहा जाता है। इसी क्लॉक के हिसाब से हम सोते-जागते हैं। रोज ऑफिस आने से पहले घूमने जाने से हमारी सर्केडियन रिदम शरीर को एक्टिव मोड पर रखता है और हमें नींद नहीं आती। अगर हम सुबह उठकर सीधे ऑफिस आ जाते हैं तो शरीर का सर्केडियन रिदम 10% होता है, जैसा सोने के दौरान होता है।
4. नींद आने पर साथियों से बातें करें
ऑफिस में काम के दौरान नींद आने पर दोस्तों से बात करें। कोशिश कुछ हल्की-फुल्की बातों और हंसी-मजाक का हो। ऐसा करने से आप रीफ्रेश महसूस करेंगे और नींद नहीं आएगी।
5. गाना सुनें
ऑफिस टाइम में नींद आने पर म्यूजिक एक कारगर उपाय है। इसलिए जब भी आपको नींद आए तो हेडफोन के जरिए म्यूजिक सुनें। ध्यान रखें कि म्यूजिक ऐसा हो, जो आपको रिफ्रेशमेंट दे, जिसे सुनकर आप गुनगुनाएं। किसी सैड म्यूजिक को सुनने से का आपका मूड ऑफ हो सकता है।
यह भी पढ़ें - बॉडी क्लॉक बिगड़ने से हम सुबह जल्दी नहीं उठ पाते, इन 5 तरीकों से रूटीन सुधार सकते हैं ..
6. एक्सरसाइज करें
ऑफिस में काम के वक्त नींद आती है तो एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। इसके लिए सीट पर बैठे-बैठे या खड़े होकर स्ट्रेचिंग कर सकते हैं, इससे शरीर के अंदर ब्लड और ऑक्सीजन का फ्लो तेज हो जाता है। इसके बाद नींद गायब हो जाती है।
7. एक्टिव रहें
ऑफिस में एक्सरसाइज संभव नहीं है तो आप एक्टिव रहने के लिए ब्रेक भी ले सकते हैं। नींद आने पर लगातार बैठे रहना ठीक नहीं है। इससे नींद धीरे-धीरे गहरी होने लगती है। जब भी ऐसा महसूस हो, ब्रेक लें। एक्टिव रहने के लिए दूसरा तरीका है कि शरीर को डिहाइड्रेट न होने दें, लगातार पानी पीते रहें। इससे भी आप फ्रेश और एक्टिव महसूस करेंगे।
8. स्नैक्स खाएं
ऑफिस में कुछ हैवी फूड खाने से बचें। इसके बजाय हल्के और एनर्जेटिक स्नैक्स खाएं। इससे काम करने के दौरान शरीर में एनर्जी का बैलेंस बना रहेगा।
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Bad sleep routine is the reason for sleeping in office; 8 ways to get rid of sleep at work
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kisansatta · 4 years
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अनिद्रा से हो सकती है इंसोमनिया की शिकायत
रात में नींद न आना एक बार यदि नींद खुल जाये फिर सो न पाना अनिद्रा की समस्या होने को ही इंसोमनिया कहा जाता है. इंसोमनिया यानि कि नींद न आने के कारण सोने में परेशानी होना या नींद ही न आना. जिससे पर्याप्त नींद न लेने के कारण ज्यादा थकावट महसूस होती है. अगर किसी भी इंसान पर अनिद्रा ज्यादा दिनों तक हावी हो जाए, तो पीड़ित कई तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं का शिकार हो सकता है, तो आइए आज हम आपको बताते हैं अनिद्रा के लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में.
इंसोमनिया के कारण– -सीने में जलन महसूस होना -किसी प्रकार का स्ट्रोक -किसी दवाई का दुष्प्रभाव -तनाव या चिंता -नींद से जुड़े विकार -सिरदर्द -अस्थमा और ह्रदयाघात
इंसोमनिया के प्रकार-
1. क्रॉनिक अनिद्रा- क्रॉनिक इंसोमनिया अनिद्रा का एक गंभीर प्रकार है जिसमें महीने भर से अधिक आपको नींद नहीं आने की समस्या हो सकती है. अनिद्रा का यह प्रकार किसी और शारीरिक बीमारी के दुष्प्रभाव के रूप में भी सामने आ सकता है.
2. एक्यूट अनिद्रा- एक्यूट अनिद्रा वो स्थिति है जिसमें आपको कुछ दिनों या कुछ हफ्तों तक नींद न आने की समस्या हो सकती हैं. यह बहुत आम प्रकार है, जो काम या किसी प्रकर के तनाव के कारण भी हो सकता है. इसके लक्षण- -रात में लेट तक जागना -नींद न पूरी होने के कारण थकावट महसूस होना -सोने से पहले लेट तक जागना -सोने के लिए अलग-अलग तरह के तरीके अपनाना -लेट सोने के बाद जल्दी उठ जाना
इंसोमनिया को दूर करने के घरेलू उपाय –
शहद के इस्तेमाल से शहद के उपयोग से आप अनिद्रा की समस्या से तुरंत छुटकारा पा सकते हैं. शहद में ग्लूकोज की मात्रा बहुत ही कम होती है, जो ओरेक्सिन को बंद करने के लिए मस्तिष्क के साथ संचार करता है. शहद नींद से जुड़ी समसयाओं को दूर करने में सहायक होता है. इसके लिए आप हर रोज सोने से पहले शहद का सेवन कर सकते हैं.
अरंडी का तेल के इस्तेमाल से अरंडी का तेल भी अनिद्रा से बचने के लिए असरदार होता है. ये आपकी नींद को बढ़ावा देने का काम करता है. इसके लिए आप हर रोज सोने से पहले अपनी आंखों के ऊपर इस तेल को लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें.
फिश ऑयल के इस्तेमाल से फिश ऑयल में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है और ये नींद पूरी करने के लिए उपयोगी माना जाता है. इसलिए जिन लोगों को नींद की समस्या है वो फिश ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
लहसुन के इस्तेमाल से लहसुन का इस्तेमाल कर आप अनिद्रा की समस्या को दूर भगा सकते हैं. लहसुन चिंता से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, जिससे आसानी से नींद आ जाती है. इसके लिए आप लहसुन को दूध में डालकर उबालें और रात में सोने से पहले हर रोज इसका सेवन करें. इससे आप जल्दी ही अनिद्रा से छुटकारा पा सकते हैं.
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its-axplore · 4 years
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कोरोना-वायरस के इस दौर में बहुत कुछ बदल गया है। इंटरनेट की उपयोगिता बहुत बढ़ गई है। ऑनलाइन क्लासेज से पढ़ना-पढ़ाना शुरू हो गया है। सेमिनार की जगह वेबिनार ने ले ली है। लोगों के रुटीन भी बदल गए हैं। स्कूल-कॉलेज बंद रहने की वजह से विद्यार्थियों ने देर रात तक आराम से पढ़ने की आदत बना ली है। रात में पूरी शांति होती है और कोई डिस्टर्बेंस नहीं होता है।
इसलिए आजकल विद्यार्थी रात में खूब पढ़ रहें हैं। कुछ ऐसे भी हैं कि उनकी पढ़ाई सुबह होने तक चलते रहती है लेकिन, जो विद्यार्थी 27 सितंबर को आईआईटी में एडमिशन के ख्याल से जेईई-एडवांस की परीक्षा दे रहें हैं, उनके लिए ये आदत खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए अभी समय रहते अपनी आदत बदल लें।
दरअसल ऐसा पहले भी देखा गया है कि देर रात तक पढ़ने वाले विद्यार्थीं को परीक्षा-भवन में नींद आने लगती है। ठीक से नहीं सोने की वजह से सिर में भारीपन बना रहता है। मात्र इस छोटी सी वजह से परीक्षा खराब हो सकती है। इसलिए अच्छा होगा कि अभी से समय रहते अपनी आदत बदल लें। कई बार ऐसी समस्या सुपर 30 के बच्चों के साथ होती है। अब परीक्षा में सिर्फ एक सप्ताह ही बचा है।
जब बच्चे सुबह जल्दी उठने के लिहाज से जल्दी सोने का प्रयास करते हैं तब नींद ही नहीं आती है। इसका एक सरल उपाय है। आप रात में जितना देर तक संभव है, पढ़ें। अगले दिन 5 बजे सुबह ही उठ जाएं। हालांकि नींद अधूरी ही रहेगी। अब दिन में ही खूब नींद आएगी। बावजूद इसके आप सोएं नहीं। पढ़ाई करें।
अगर नींद की वजह से पढ़ने में दिल नहीं लग रहा हो तब कुछ वीडियो देखें, गाने सुनें और कहीं टहलने चले जाएं लेकिन, किसी भी हालत में सोए नहीं। आप देखेंगे कि उस दिन रात में बहुत जल्दी नींद आने लगेगी। 9 बजे तक सो जाएं। फिर सुबह 4 बजे के बाद आपकी नींद कभी भी खुल जाएगी। लगभग 7 घंटें की नींद के बाद काफी फ्रेश महसूस करेंगें।
अगले दिन भी दिन में आपको थोड़ी नींद आएगी। फिर से आप दिन में न सोएं। यहीं प्रक्रिया अगर आप चार-पांच दिनों तक दोहराते रहेंगें तब सुबह जल्दी उठने की आदत पड़ जाएगी। जेईई-एडवांस की परीक्षा 9 बजे से शुरू हो जाएगी और आपको कम से कम 2 घंटे पहले तो सेंटर पर पहुंचना ही होगा। इसके लिए आप यह लक्ष्य निर्धारित करें कि आपको 6 बजे तक सेंटर पर पहुंच जाना है। मैंने अनुभव किया है कि जीवन में छोटी-छोटी बातों का बड़ा महत्व है। बचे हुए एक सप्ताह में खाने-पीने का भी खूब ख्याल रखें। सादा भोजन करें। तले हुए पकवान से परहेज करें। संभव हो तो रात का भोजन शाम 7 बजे तक कर लें। एक और बहुत छोटी सी घटना मुझे अभी याद आ रही है। एक बार सुपर 30 का एक विद्यार्थी एडवांस परीक्षा के एक दिन पहले अपना नाखून काट रहा था।
इसी दरमियान उसकी एक उंगली थोड़ी सी कट गई। अगले दिन उसे परीक्षा के समय घायल उंगली के चलते बहुत परेशानी हुई। इसलिए आप कम से कम चार-पांच दिनों पहले ही नाखून काट लें। अगर बाल कटवाने की जरूरत है तो वह काम भी चार-पांच दिन पहले ही कर लें। आखिर में सबसे महत्वपूर्ण बात। सतर्क रहें। जितना हो सके कोविड-19 से बचने का प्रयास करें।
अगले एक सप्ताह तो किसी बाहरी से मिले ही नहीं। गाइड लाइन का पालन करें। यह हमेशा याद रखें कि बहुत छोटी लगने वाली बातों की आपके आने वाली परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका है।
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For the next four-five days, pay special attention to eating and sleeping.
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vilaspatelvlogs · 4 years
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पुरानी से पुरानी सूखी खांसी को छूमंतर करेंगे ये घरेलू उपाय, देंगे आपको जल्द आराम
पुरानी से पुरानी सूखी खांसी को छूमंतर करेंगे ये घरेलू उपाय, देंगे आपको जल्द आराम
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नई दिल्ली:बदलते मौसम का बॉडी पर अटैक सबसे पहले खांसी के रूप में सामने आता है. बार-बार खांसी करने से अच्छी खासी परेशानी आती है. इससे गले और पसलियों में दर्द भी होने लगता है. सूखी खांसी (Dry Cough) हो जाने पर जल्दी आराम आना भी मुश्किल हो जाता है और कफ सीरप  (Kuf Syrup ) पीने से नींद भी ज्यादा आने लगती है. सूखी खांसी होने पर कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यह बड़ी लापरवाही साबित हो…
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kaminimohan · 4 years
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योग, रोग और आसन 
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-कामिनी मोहन पाण्डेय। 
-Yoga For Health - Yoga From Home
इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 की थीम कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बहुत महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि संयुक्तराष्ट्रसंघ के द्वारा International Yoga Day 2020 की थीम - "Yoga For Health - Yoga From Home"
भारत में हजारों वर्षों से चली आ रही योग की सनातन परंपरा को पहली बार 11 दिसम्बर 2014 को  संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 21 जून को  विश्व योग दिवस के रूप में मनाने की मान्यता दी। 21 जून 2015 को प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर 192 देशों और 47 मुस्लिम देशों में योग दिवस का आयोजन किया गया। पातंजलि -योगसूत्र के रचनाकार है जो हिन्दुओं के छः दर्शनों (न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा, वेदान्त) में से एक है। पुष्यमित्र कण्व वंश के संस्थापक ब्राह्मण राजा के अश्वमेध यज्ञों की घटना को लिया जा सकता है। यह घटना ई.पू. द्वितीय शताब्दी की है। इसके अनुसार महाभाष्य की रचना का काल ई.पू. द्वितीय शताब्दी का मध्यकाल अथवा 150 ई.पूर्व माना जा सकता है।
 विश्व योग दिवस 21 जून ही क्यों?
भारतीय संस्कृति के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढलता है इसीलिए ही 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
वर्तमान समय में अपनी व्यस्त जीवन शैली के कारण लोग असंतोष का शिकार है। अवसाद से ग्रसित लोगों की संख्या करोड़ों में है। अवसाद से मुक्ति पाने में योग सहायक है। योग से न केवल व्यक्ति का तनाव दूर होता है बल्कि मन और मस्तिष्क भी शांत रहता है। योग हमारे शरीर को पवित्र कर आत्‍मा से साक्षात्कार कराता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से परेशान लोगों के लिए योग बहुत ही उपयोगी है। योग का प्रभाव सभी को ज्ञात है, इसीलिए योग विदेशों में भी प्रसिद्ध है। योग स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ मोक्ष -परम आनंद-आत्मा का परमात्मा के साथ जुड़ाव करने में भी सक्षम है। जन्म मरण के चक्र से मुक्ति का नाम परम आनंद है। सुख दुख के अनुभव से परे चले जाने का नाम परम आनंद है। योग निष्ठा की दृष्टि से जो कर्म किए जाते हैं उनमें फल और आसक्ति का त्याग किया जाता है। योग निष्ठा उसका नाम है जिसमें जीव, ईश्वर और प्रकृति तीनों पदार्थों को अनादि और नित्य मानकर निष्काम भाव से कर्म किया जाता है।
 पतंजलि योग सूत्र में महर्षि पतंजलि ने विभिन्न ध्यानपारायण अभ्यासों को सुव्यवस्थित कर उनकों सूत्रों में संहिताबद्ध किया है। यह सूत्र योग के आठ अंगों को दर्शाते है। इसमें कुल 195 सूत्र है जिन्हे चार पदों में विभाजित किया गया है।
समाधि पद - इसमें 52 सूत्र है। - इसके अनुसार मन की वृतियों का निरोध ही योग हैं।
साधना पद - इसमें 55 सूत्र है। - क्रिया योग क्या है और उसके अंगों का वर्णन इस पद में शामिल है। तप, स्वाध्याय, ईश्वर प्रणिधान।
विभूति पद - इसमें भी 55 सूत्र है। - इस अध्याय में संयम का वर्णन है। जिसमे ध्यान, धारणा और समाधि यह योग के आठ अंगों में से अंतिम तीन अंग शामिल है।
केवल्य पद - इसमें 34 सूत्र है। - परममुक्ति पर आधारित यह अध्याय सबसे छोटा है।
पातंजलि ने  योगसूत्र में योग के लिए कहा है    योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः  चित्त की वृत्तियों के निरोध का नाम योग है। हम इस वाक्य के दो अर्थ लगा सकते हैं।चित्तवृत्तियों के निरोध की अवस्था का नाम
और इस अवस्था को लाने के उपाय का नाम योग हैं।
 मनुष्य सदा ही संयोग चाहता है लेकिन उसे हमेशा वियोग ही मिलता है। इसीलिए संसार को दुख रूप कहा गया है भगवत गीता के आठवें अध्याय के 15वें श्लोक में दुःखालयमशाश्वतम् -दुख के स्थान रूप आया है।
पूरा श्लोक इस प्रकार है-
मामुपेत्य पुनर्जन्म दु:खालयमशाश्वतम् ।
नाप्नुवन्ति महात्मान: संसिद्धिं परमां गता: 8।।15।।
-परम सिद्धि को प्राप्त महात्माजन मुझको प्राप्त होकर दुखों के घर एवं क्षणभंगुर पुनर्जन्म को नहीं प्राप्त होते।
गीता में ‘योग’ का अर्थ मुख्य रूप से समता है। इसके अतिरिक्त गीता में योग की तीन परिभाषाएं भी मिलती हैं जो कि दूसरे अध्याय के क्रमश: 48वें एवं 50वें श्लोक में तथा छठे अध्याय के 23वें श्लोक में देखी जा सकती हैं। ये परिभाषाएं क्रमश: इस प्रकार हैं 
“समत्वं योग उच्यते”(गीता 2/48)
“योग: कर्मसु कौशलम्” (गीता 2/50)
तं विद्याद्दु:खस��योगवियोगं योगसंज्ञितम्। (गीता 6/23)
गीता के तीनों श्लोकांश के पूरे श्लोक के अर्थ को समझते हैं-
योगस्थः कुरु कर्माणि, योग में स्थित होकर कर्म करो। 
योग में स्थित होकर केवल ईश्वर के लिए कर्म करने को कहा है।
“योगस्थ: कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
सिद्ध्यसिद्ध्यो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते”।।
(गीता  2/48)
आसक्ति का त्याग करके सिद्धि -असिद्धि में सम रहकर योग में स्थित होकर कर्मों को कर यह समत्व ही योग है।
'योगः कर्मसु कौशलम्‌' कर्मों में कुशलता ही योग है।
योग: कर्मसु कौशलम्’ यह श्लोकांश योगेश्वर श्रीकृष्ण के श्रीमुख से श्रीमद्भगवद्गीता के द्वितीय अध्याय के 50वें श्लोक से उद्धृत है। 
“बुद्धियुक्तो जहातीह उभे सुकृतदुष्कृते। 
तस्माद्योगाय युज्यस्व योग: कर्मसु कौशलम्” (गीता 2।।50।।)
सम बुद्धि से युक्त मनुष्य जीवित अवस्था में ही पाप और पुण्य दोनों का त्याग कर देता है अतः योग में लग जा, क्योंकि कर्मों में योग ही कुशलता है।
‘योग: कर्मसु कौशलम्’  के दो अर्थ लिये जा सकते हैं –
1. कर्मसु कौशलं योग: अर्थात्
 कर्मों में कुशलता ही योग है।
२. कर्मसु योग: कौशलम् अर्थात् 
कर्मों में योग ही कुशलता है।
भगवान श्रीकृष्ण योग में स्थित होकर कर्म करने की आज्ञा देते हैं- ऐसे में योगः कर्मसु कौशलम् का सही अर्थ कर्मों में योग ही कुशलता है। कर्मों का महत्व नहीं है बल्कि योग समता का ही महत्व है।
तं विद्याद् दुःखसंयोगवियोगं योगसंज्ञितम्।
स निश्चयेन योक्तव्यो योगोऽनिर्विण्णचेतसा
(गीता।।6.23।।)
-  जिसमें दुखों के संयोग का ही वियोग है, उसी को योग नाम से जानना चाहिए। वह योग न उकताये हुए अर्थात् धैर्य और उत्साह युक्त चित्त से निश्चयपूर्वक करना ही कर्तव्य है।
(1)  पातंजलि योग दर्शन के अनुसार - योगश्चित्तवृतिनिरोधः (1/2)  चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है।
(2)  सांख्य दर्शन के अनुसार - पुरुषप्रकृत्योर्वियोगेपि योगइत्यमिधीयते।  पुरुष एवं प्रकृति के पार्थक्य को स्थापित कर पुरुष का स्व स्वरूप में अवस्थित होना ही योग है।
(3) विष्णु पुराण के अनुसार - योगः संयोग इत्युक्तः जीवात्म परमात्मने अर्थात् जीवात्मा तथा परमात्मा का पूर्णतया मिलन ही योग है।
(4)  भगवद्गीता के अनुसार - सिद्धासिद्धयो समोभूत्वा समत्वं योग उच्चते (2/48) दुख-सुख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रहना योग है।
(5) भगवद्गीता के अनुसार - तस्माद्दयोगाययुज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम्   (गीता 2/50) कर्त्तव्य कर्म बन्धक न हो, इसलिए निष्काम भावना से अनुप्रेरित होकर कर्त्तव्य करने का कौशल योग है।
(6)  बौद्ध धर्म के अनुसार - कुशल चितैकग्गता योगः   कुशल चित्त की एकाग्रता योग है।
पतंजलि के 'अष्टांग योग' के आठ अंग हैं:
योगाङ्गानुष्ठानादशुद्धिक्षये ज्ञानदीप्तिराविवेकख्यातेः (योग सूत्र 2॥२८॥)
योगाङ्गानुष्ठाना - योग के आठ अंगों का अनुष्ठान और उनके आचरण से अशुद्धियों का नाश होता है। ज्ञानदीप्तिराविवेक, ज्ञान और विवेक का प्रकाश ख्यातिपर्यंत हो जाता है।
योग के ये आठ अंग क्या क्या हैं?
यमनियमासनप्राणायामप्रत्याहारधारणाध्यानसमाधयोऽष्टावङ्गानि (योग सूत्र  2॥२९॥)
यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि - ये योग के अष्टांग आठ अंग हैं। 
 यम (पांच परिहार): अहिंसा, झूठ नहीं बोलना, गैर लोभ, गैर विषयासक्ति और गैर स्वामिगत।
 नियम (पांच धार्मिक क्रिया): पवित्रता, संतुष्टि, तपस्या, अध्ययन और भगवान  को आत्मसमर्पण।
आसन :मूलार्थक अर्थ बैठने का आसन और पतंजलि सूत्र में ध्यान।
 प्राणायाम (सांस को स्थगित रखना): प्राण, सांस, अयाम, को नियंत्रित करना या बंद करना। साथ ही जीवन शक्ति को नियंत्रण करने की व्याख्या की गयी है।
प्रत्याहार (अमूर्त): बाहरी वस्तुओं से भावना अंगों के प्रत्याहार।
 धारणा (एकाग्रता): एक ही लक्ष्य पर ध्यान लगाना।
 ध्यान :ध्यान की वस्तु की प्रकृति गहन चिंतन।
समाधि  (विमुक्ति):ध्यान के वस्तु को चैतन्य के साथ विलय करना। इसके दो प्रकार है - सविकल्प और अविकल्प। अविकल्प समाधि में संसार में वापस आने का कोई मार्ग या व्यवस्था नहीं होती। समाधि को योग पद्धति की चरम अवस्था माना जाता है।       
 प्राण अर्थात् साँस, आयाम यानी दो साँसों मे दूरी बढ़ाना, श्‍वास और नि:श्‍वास की गति को नियंत्रण कर रोकने व निकालने की क्रिया को  प्राणायाम कहते हैं।
   श्वास को धीमी गति से गहरे खींचकर रोकना व बाहर निकालना प्राणायाम के क्रम में आता है। श्वास खींचने के साथ भावना करते हैं कि प्राण शक्ति, श्रेष्ठता श्वास के द्वारा अंदर खींची जा रही है, छोड़ते समय यह भावना करते हैं  कि हमारे दुर्गुण, दुष्प्रवृत्तियाँ, बुरे विचार प्रश्वास के साथ बाहर निकल रहे हैं। हम साँस लेते है तो सिर्फ़ हवा नहीं खींचते, हम उसके साथ ब्रह्मान्ड की सारी उर्जा को अपने भीतर आत्मसात करते है। प्राणों को आयाम देने की भी कई विधियां है इनमें भस्त्रिका, कपालभाति , वाह्य, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत, प्रणव, अग्निसार , उज्जायी, सीत्कारी, शीतली, चंंदभेेदी प्राणायाम प्रमुखता से किए जाते हैं।
 रोग और आसन
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रोग मुक्त होने के लिए हमें योग की शरण में जाना चाहिए। योग का अर्थ है दो का एक में जुड़ना, जीवात्मा का परम आत्मा से जुड़ना। 
आसन के लिए चित्तवृत्ति का निरोध पहली शर्त है। 
इसके लिए खुली हवा और मनोरम प्राकृतिक स्थान का चयन करना चाहिए।
पेट की बीमारियों में- उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, वज्रासन, योगमुद्रासन, भुजंगासन, मत्स्यासन।
सिर की बीमारियों में- सर्वांगासन, शीर्षासन, चन्द्रासन।
मधुमेह- पश्चिमोत्तानासन, नौकासन, वज्रासन, भुजंगासन, हलासन, शीर्षासन।
 गला- सुप्तवज्रासन, भुजंगासन, चन्द्रासन।
गठिया– पवनमुक्तासन, पद्मासन, सुप्तवज्रासन, मत्स्यासन, उष्ट्रासन।
गर्भाशय– उत्तानपादासन, भुजंगासन, सर्वांगासन, ताड़ासन, चन्द्रानमस्कारासन।
 कमर दर्द – हलासन, चक्रासन, धनुरासन, भुजंगासन।
फेफड़���- वज्रासन, मत्स्यासन, सर्वांगासन।
यकृत- लतासन, पवनमुक्तासन, यानासन।
गुदा,बवासीर,भंगदर - उत्तानपादासन, सर्वांगासन, जानुशिरासन, यानासन।
गैस– पवनमुक्तासन, जानुशिरासन, योगमुद्रा, वज्रासन।
जुकाम– सर्वांगासन, हलासन, शीर्षासन।
मानसिक शांति – सिद्धासन, योगासन, शतुरमुर्गासन, खगासन योगमुद्रासन।
 रीढ़ की हड्डी - सर्पासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, शतुरमुर्गासन करें।
 गठिया - पवनमुक्तासन, साइकिल संचालन, ताड़ासन करें।
गुर्दे के रोग– सर्वांगासन, हलासन, वज्रासन, पवनमुक्तासन करें।
गला- सर्पासन, सर्वांगासन, हलासन, योगमुद्रा करें।
हृदय रोग- शवासन, साइकिल संचालन, सिद्धासन किया करें।
दमा के लिए- सुप्तवज्रासन, सर्पासन, सर्वांगासन, पवनतुक्तासन, उष्ट्रासन करें।
रक्तचाप के लिए– योगमुद्रासन, सिद्धासन, शवासन, शक्तिसंचालन क्रिया करें।
सिर दर्द के लिए- सर्वांगासन, सर्पासन, वज्रासन, धनुरासन, शतुरमुर्गासन करें।
पाचन शक्ति के लिए- यानासन, नाभि आसन, सर्वांगासन, वज्रासन करें।
मोटापा घटाने के लिए– पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, सर्पासन, वज्रासन, नाभि आसन करें।
आंखों के लिए- सर्वांगासन, सर्पासन, वज्रासन, धनुरासन, चक्रासन करें।
 बालों के लिए– सर्वांगासन, सर्पासन, शतुरमुर्गासन, वज्रासन करें।
प्लीहा के लिए- सर्वांगासन, हलासन, नाभि आसन, यानासन करें।
 कद बढ़ाने के लिए- ताड़ासन, शक्ति संचालन, धनुरासन, चक्रासन, नाभि आसन करें।
कानों के लिए– सर्वांगासन, सर्पासन, धनुरासन, चक्रासन करें।
नींद के लिए– सर्वांगासन, सर्पासन, सुप्तवज्रासन, योगमुद्रासन करें।
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merisahelimagazine · 4 years
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10 ब्यूटी हैबिट्स आपकी स्किन खराब कर सकती हैं (10 Beauty Habits Can Spoil Your Skin)
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ऐसी बहुत सारी ब्यूटी हैबिट्स होती हैं, जो आपकी स्किन के लिए अच्छी नहीं होतीं, लेकिन शायद उनकी तरफ़ आपका ध्यान ही नहीं जाता. आपको ऐसी ब्यूटी हैबिट्स से बचना चाहिए, जो आपकी स्किन खराब कर सकती हैं. आइए, हम आपको उन ब्यूटी हैबिट्स के बारे में बताते हैं, जिन्हें बदलकर आप अपनी स्किन को हेल्दी और खूबसूरत बना सकती हैं.
1) स्किन को मॉइश्‍चराइज़ न करना अधिकांश महिलाएं आज भी इसे ज़रूरी नहीं मानतीं. कभी बिज़ी शेड्यूल के चलते तो कभी लापरवाही में वे स्किन को मॉइश्‍चराइज़ नहीं कर पातीं, लेकिन यह आपकी त्वचा के लिए सही नहीं है. त्वचा की नमी समय के साथ खोती जाएगी और आपको ड्राई स्किन की समस्या हो जाएगी. त्वचा की नमी बरक़रार रखने के लिए मॉइश्‍चराइज़ करना बेहद ज़रूरी है.
2) बहुत अधिक गर्म पानी से नहाना हॉट शावर आपको भले ही राहत दिलाता हो या आपकी थकान मिटाता हो, लेकिन यह आपकी त्वचा की सबसे बाहरी परत को डैमेज कर सकता है, जिससे ड्राई स्किन की समस्या हो सकती है. बेहतर होगा गुनगुने पानी से नहाएं.
3) सोने से पहले चेहरा क्लीन न करना अगर आप दिनभर की गंदगी के साथ सोएंगी, तो ज़ाहिर है त्वचा संबंधी समस्याएं होंगी. आप फेशियल वाइप्स या माइल्ड क्लींज़र से चेहरा क्लीन करें, वरना मुंहासों की समस्या हो जाएगी.
4) मेकअप बिना उतारे ही सो जाना बिना मेकअप उतारे सोने का मतलब है समय से पहले एजिंग प्रोसेस का शुरू हो जाना.
यह भी पढ़ें: इन उबटन की मदद से घर बैठे पाएं चेहरे का निखार (Homemade Face Packs For Glowing Skin)
5) सनस्क्रीन न लगाना आज भी बहुत सी महिलाओं को लगता है कि उन्हें सनस्क्रीन की ज़रूरत ही नहीं, लेकिन सूरज की हानिकारक किरणें आपकी त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षणों को उभार सकती हैं. यही नहीं त्वचा संबंधी अन्य कई समस्याएं भी हो सकती हैं. प्रीमैच्योर एजिंग के साथ-साथ स्किन कैंसर तक की आशंका बढ़ जाती है. भारत में कम-से-कम 30 एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन लगाएं और हर दो-तीन घंटे में रीअप्लाई करें. स़िर्फ फेस पर ही नहीं, गर्दन, हाथ व शरीर का जो भाग सीधे धूप के संपर्क में हो, वहां अप्लाई करें.
6) जल्दी-जल्दी वैक्सिंग कराना हल्के बाल आने पर वैक्सिंग अवॉइड करें. अपनी स्किन को रीजनरेट होने के लिए कम-से-कम 3-4 हफ़्तों का समय दें, वरना स्किन रफ व लूज़ हो जाएगी.
7) एक्सफोलिएट बहुत ज़्यादा या न करना ये दोनों ही स्किन के लिए नुक़सानदायक हैं. ज़्यादा स्क्रबिंग से त्वचा को ग्लोइंग इफेक्ट देनेवाले नेचुरल ऑयल्स निकल जाते हैं और त्वचा रफ और ड्राई होने लगती है. यदि आपको मुंहासों व फ्लेकी स्किन की समस्या है, तो वो एक्सफोलिएट करने से बढ़ सकती है. इसी तरह बहुत-सी महिलाएं स्क्रब करती ही नहीं, जिससे डेड स्किन सेल्स व रोमछिद्रों में जमी गंदगी साफ़ नहीं हो पाती और स्किन डल होने लगती है. बेहतर होगा हफ़्ते में एक या दो बार स्क्रब ज़रूर करें.
8) लिप्स को इग्नोर करना अधिकांश महिलाएं डेली ब्यूटी व स्किन रूटीन में होंठों की स्किन पर ध्यान ही नहीं देतीं, जिससे फटे व ड्राई लिप्स की समस्या हो जाती है. यह आपके एजिंग प्रोसेस को फास्ट कर सकता है. बेहतर होगा कि लिप्स को मॉइश्‍चराइज़ व स्क्रब भी करती रहें. ऐसी लिपस्टिक यूज़ करें, जिसमें मॉइश्‍चर हो या फिर नियमित रूप से लिप बाम का प्रयोग करें.
9) पिंपल्स को हाथ लगाना अगर आपको मुंहासों की समस्या है, तो उन्हें बार-बार छूने व फोड़ने से बचें, वरना संक्रमण ज़्यादा फैल जाएगा और स्किन पर उनके मार्क्स भी पड़ जाएंगे.
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10) लाइफस्टाइल हैबिट्स, जो कर सकती हैं स्किन को डैमेज
स्मोकिंग और अल्कोहल आपकी स्किन को ड्राई करते हैं व प्रीमैच्योर एजिंग की भी समस्या पैदा कर सकते हैं.
बहुत ज़्यादा शुगर खाने से भी एजिंग प्रोसेस तेज़ होता है, क्योंकि शुगर आपकी स्किन के कोलाजन को डैमेज करके सैगी स्किन यानी त्वचा का ढीलापन बढ़ाता है.
नींद पूरी न लेना भी त्वचा के लिए नुक़सानदेह है. इससे पफी आईज़ व डार्क सर्कल की समस्या भी बढ़ती है.
एक्सरसाइज़ न करने से स्किन की इलास्टिसिटी और फ्लेक्सिबिलिटी प्रभावित होती है. इसके अलावा एक्टिव रहने से शरीर के टॉक्सिंस भी बाहर निकलते हैं और त्वचा हेल्दी रहती है.
पानी कम पीना भी आपकी त्वचा की प्राकृतिक नमी के लिए ख़तरनाक है. बेहतर होगा हाइड्रेटेड रहें.
गंदे बिस्तर पर सोने से भी आपको स्किन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा ग़लत सोने की पोज़ीशन भी आपको असमय रिंकल्स व लूज़ स्किन दे सकती है.
बहुत ज़्यादा स्ट्रेस स्किन के लिए अच्छा नहीं. कोशिश करें कि ख़ुश रहें और पॉज़िटिव बनें.
बार-बार और बहुत अधिक डायटिंग भी आपकी त्वचा को लूज़ कर सकती है और इससे स्ट्रेचमार्क की समस्या भी होती है, क्योंकि बार-बार वज़न घटने-बढ़ने से त्वचा भी फैलती व सिकुड़ती है, जिससे वो लूज़ होने लगती है. - विजयलक्ष्मी
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differentlandmaker · 4 years
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बिना किसी एक्सपर्ट के आप भी घर पर self-hypnosis की इस खास विधि का अभ्यास कर सकते है
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हम सभी ने सम्मोहन के बारे में नेट पर काफी कुछ पढ़ा हुआ है. किसी को भी सम्मोहित कर उसके बारे में कुछ भी जान लो या फिर उसे अपने कण्ट्रोल पर मनचाहे तरीके से प्रयोग कर सकते है. इस तरह की बातो के अलावा क्या आप जानते है की हम self-hypnosis and personal development भी कर सकते है. हमारी लाइफ में छिपे हुए ऐसे डर जिनका मेडिकल लाइन में दवा के जरिये कोई समाधान नहीं है आत्मसम्मोहन के जरिये इसे दूर किया जा सकता है. how to perform self-hypnosis at home की इस पोस्ट में हम इस technique के बारे में और भी ज्यादा detail से जानने वाले है.
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अगर आप तनाव, हीन-भावना से ग्रस्त है और इससे छुटकारा पाना चाहते है तो आपको इस तरीके को जरुर अपनाना चाहिए. एक आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक होना कौन नहीं चाहेगा, सब आपको पसंद करे और आप उनकी नजर में खास बने इसके लिए आज की पोस्ट में personal development की खास tips बताई गई है जो आसान है और घर पर की जा सकने वाली है जिसका कोई side effect भी नहीं है.
self-hypnosis and personal development
हमने पहले की पोस्ट में light effect of hypnotic disk के बारे में पढ़ा था. लोगो को उनकी सोच से distract कर अपनी सोच पर target करने के लिए ये एक कारगर तरीका है. सम्मोहन में जहाँ हम किसी तरह के छिपे हुए राज को बाहर निकालते है वही दूसरी ओर self-hypnosis and personal development की इस विधि में हम मानसिक बीमारियों से निजात पाने के साथ साथ खुद को आकर्षक बनाने से जुड़ी खास tips के बारे में जानेंगे. वास्तव में आत्मसम्मोहन क्या है ? आत्म-सम्मोहन वास्तव में मनोवैज्ञानिक पद्धति पर आधारित एक विज्ञान है. ये भावनाओ के जरिये हमारे मन और मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है. इसका मतलब ये नहीं की आप जो सोच रहे है वह self-hypnosis है. आमतौर पर लोग इसके बारे में निम्न तरह से सोचते है. आत्मसम्मोहन में भी हमें एक माध्यम की आवश्यकता पड़ती है जैसे की घुमने वाला पेंडुलम. चेतन से अवचेतन मन की निद्रा में चले जाना जहाँ से जागना मुश्किल काम होता है ( हर बार नहीं ) इसमें भी हम खुद पर से नियंत्रण खो देते है और self-hypnosis expert के control में चले जाते है. जब की वास्तव में ऐसा नहीं है. हर व्यक्ति हर पॉइंट को अपने perception के आधार पर व्यक्त करता है. आइये जानते है. अगर आत्म-सम्मोहन ये नहीं है तो क्या है ? आत्मसम्मोहन आपकी भावना-शक्ति के प्रवाह को शरीर और मन पर हावी करने की एक प्रक्रिया है. आपके अपने ऊपर और की जाने वाली हर गतिविधि पर आपका पूर्ण कण्ट्रोल. जब भी मन करे खुद को आसानी से ख़राब मूड से अच्छे मूड में बदल देना / ध्यान बदल लेना. आत्म-सम्मोहन वो बाते जो आप इसके बारे में सोचते है ज्यादातर लोग सम्मोहन के बारे में गलत धारणा बनाए हुए है जैसे की सम्मोहन या फिर self-hypnosis से हम कुछ भी कर सकते है. सम्मोहित किये गए व्यक्ति को मनचाहे तरीके से प्रयोग में ला सकते है. आत्म-सम्मोहन के दौरान अगर हमें नींद आ गई तो उससे बाहर निकलना बेहद मुश्किल है इसलिए बिना किसी एक्सपर्ट guide के इसे करना खतरनाक है. ये एक बहुत ही मुश्किल कार्य है क्यों की इसमें मानसिक थकावट सबसे ज्यादा होती है और इसे हर कोई नहीं कर सकता. ये सभी धारणा बेबुनियाद है. हर कोई इसे खुद पर प्रयोग कर सकता है बशर्ते उसमे धेर्य और संयम है. आइये जानते है कैसे हम self-hypnosis and personal development के जरिये खुद को बदल सकते है. पढ़े : कुछ आसान मगर खास अभ्यास जो बनाते है साधक को mesmerism में expert आत्म-सम्मोहन क्या करता है self-hypnosis वास्तव में मनो-चिकित्सक द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली एक technique है. इसके द्वारा वो mental related disease को जल्दी और आसानी से cure करते है. ये एक ऐसी विधि है जो आपके mind में क्या चल रहा है और आप कहाँ इसमें फंसते जा रहे है पर control रखता है. अगर आप बार बार किसी एक ही स्थिति में फंसते है और चाह कर भी इसे avoid नहीं कर पा रहे है तो आपको इसका सहारा लेना चाहिए. मेरा खुद का किया हुआ एक प्रयोग है जो में पहले भी शेयर कर चूका हूँ. आपकी तरह पहले में भी short tampered personality से परेशान था. ये एक ऐसी स्थिति है जिसमे आप बहुत जल्द किसी बात पर गुस्सा हो जाते है, मेरे साथ काफी time से ऐसा हो रहा था इसलिए मैंने इसका सहारा लिया. सिर्फ 2 हफ्ते और मेरा मन और मस्तिष्क अब मेरी बात मानने लग गए थे. इसके और भी काफी सारे प्रयोग है जो आपको बहुत खास बना सकते है लेकिन कुछ की बात करते है. self-hypnosis and personal development की practice आपको इन प्रॉब्लम से छुटकारा दिला सकती है. तनाव और अवसाद से निजात weight loss और gain जैसा कोई issue. sleep disorders यानि सोने की अनियमितता किसी एक चीज के आदि हो जाना. खुद के अन्दर की कमी दूर कर personal development. self-hypnosis and personal development की घर पर practice आत्म-सम्मोहन से हम personal development को बड़ी आसानी से उभार सकते है. अगर आप किसी मामले में खुद को दुसरो से कमतर समझते है तो इसके जरिये खुद को तैयार कर सकते है. ऐसी कई प्रॉब्लम होती है जो वास्तव में होती नहीं है बल्कि हमारे मन या मस्तिष्क द्वारा पैदा की गयी होती है, जैसे की तनाव, एक ही बात को सोचते रहना और किसी भी मौके को खो देना. self-hypnosis के जरिये आप आसानी से इसे दूर कर सकते है. ये बात अलग है की इसमें आपको वक़्त और धेर्य देना पड़ता है क्यों की पहली बार में हर कोई एक्सपर्ट नहीं बन सकता है. अगर आपको लगता है की आप इसे समय दे सकते है तो निचे दिए गए personal development by self hypnosis step by step guide in Hindi को follow कर सकते है. dedication के साथ किया गया कार्य आपको इसमें सफलता जरुर दिला सकता है. 1. self-hypnosis and personal development के लिए एकांत की जगह तलाशे सबसे पहली कंडीशन है एकांत जो की आपको खुद से जुड़ने में help करेगी. इसके लिए आपको शुरू में ऐसी जगह तलाश करनी पड़ेगी जहाँ पर कोई आये जाए नहीं. ऐसी जगह जहाँ पर आने वाले अगले 30 मिनट आपको कोई disturb ना कर पाए. खली कमरा हो जिसमे एक आरामदायक कुर्सी हो अगर ऐसा नहीं हो सके तो कोई उनी / सूती कपडे को बिछा कर उस पर बैठ जाइये. इसका अभ्यास आपको लेट कर करने की बजाय बैठ कर करना चाहिए. कई बार देखा जाता है की जब भी हमारा शरीर relax होता है वो अपने आप थोड़ी ही देर में सो जाता है. अभ्यास के दौरान खुद को conscious state में रख सके इसलिए आप कोशिश करे की बैठ कर ही इसका अभ्यास करे. पढ़े : क्या आप जानते है त्राटक द्वारा आज्ञा चक्र जागरण और सम्मोहन कैसे संभव है ? 2. खुद को हरसंभव शिथिल कर ले खुद को शिथिल करने के लिए आप दो तरीके अपना सकते है पहला खुद को भावना देते रहना और दूसरा किसी तरह का relaxation music or meditation music सुन कर खुद को relax करना. जो भी आपको अच्छा लगे कर सकते है लेकिन इसका effect सिर्फ relax होने तक ही होना चाहिए न की सो जाने में. खुद को relax जितना चाहे करो लेकिन रहना आपको conscious state में ही है. जब खुद को पूरी तरह से relax कर ले तो अपनी आँखों को सामने की दीवार पर लगे हुए किस बिंदु पर टिका ले. आप इसके लिए सामने की दीवार पर एक काला बिंदु बना सकते है. ज्यादातर लोग इसी पर अभ्यास करते है. खुद को इस तरह से व्यस्थित करे की आपकी नजर सीधी हो आपको हिलना न पड़े. जब ऐसा हो जाए तो अब आप भावना शक्ति का इस्तेमाल करे. spontaneous thought process एक खास विधि है जिसमे हम अपने शब्दों को बार बार दोहराते है और वो unconscious तक पहुँच जाते है. इसमें आपको सिर्फ यही करना है एक शब्द चुने और उस पर अपना पूरा फोर्स इस्तेमाल करते हुए उसमे प्रभाव बनाए और खुद पर हावी होने दे. 3. self-hypnosis and personal development - अपने सुझाव पर ध्यान दे कुछ लोगो के मन में ये सवाल आता है की इस अवस्था में सुझाव कैसे दे, जोर जोर से बोल कर या सिर्फ मन में सोचते हुए ? आप इसके लिए ये कर सकते है की जिसका प्रभाव आपको ज्यादा लगता है आप वो कर सकते है. आप उन शब्दों का चुनाव करे जो आपको अपने अन्दर चाहिए जैसे की शांत स्वभाव, आकर्षक व्यक्तित्व etc. मैंने इन दोनों सुझाव का प्रयोग खुद पर किया था और कुछ दिन बाद ही इसका positive effect मुझे मिलने लग गया था. ये तब संभव है जब आप इसे खुद पर पूरी तरह हावी हो जाने दे और इसके लिए आ���को समर्पण भाव देना होगा. कुछ लोग जल्दी ही ऐसी प्रैक्टिस छोड़ देते है क्यों की उन्हें अनुभव नहीं होते है जबकि इसमें आपको धेर्य और संयम की बहुत आवश्यकता होती है. इसलिए जब भी अभ्यास करे खुद को इसके लिए तैयार होकर ही करे और सही शब्दों का चुनाव करे. पढ़े : सम्मोहन से जुड़ी खास जानकारी जिसके बारे में आप अभी तक अनजान थे 4. इस स्थिति से बाहर निकले self-hypnosis and personal development की इस खास विधि में सुझाव देने की कुछ देर बाद ही आप एक गहरी अवस्था में चले जाते है. जब भी आपको लगे की आपका अभ्यास हो गया है और आप खुद पर इसका प्रभाव महसूस कर रहे है तो सुझाव देना बंद कर दे और आँखे खोल ले. कुछ देर इसी तरह रहे और मन में सुझाव देते रहे जैसे की सांसे नार्मल हो रही है, चेतना लौट रही है. ये सब इसलिए क्यों की अगर आपका अभ्यास सही है तो आपको ये बदलाव जरुर महसूस होंगे. आपका शरीर एक दम बेजान हो गया है. आपकी सांसे न्यूनतम हो चुकी है. धड़कन न के बराबर, अगर चल रही है तो भी गति एकदम कम है. ऐसी अवस्था में खुद को पाना जहाँ हम कुछ कर नहीं पा रहे है पर महसूस सब हो रहा है. इसलिए जब आपको इस अवस्था से बाहर आना हो एकदम से ना आये क्यों की इससे आपको नुकसान पहुँच सकता है. धीरे धीरे किसी एक pattern को follow करते हुए इस अवस्था से बाहर निकले. जिस तरह relax होने के लिए आपने शब्दों का चुनाव किया वैसे ही इसमें करे. self-hypnosis and personal development – निष्कर्ष self-hypnosis and personal development की सबसे आसान विधि को समझ कर आप खुद इसे कर सकते है. मैंने इसे जब किया था तो मुझे इसके काफी अच्छे परिणाम मिले थे लेकिन अगर आप मानसिक थकान को झेल सके तो ही करे क्यों की शुरू के दिनों में आपको काफी थकावट महसूस होगी और आप इसके अभ्यास के बाद सो भी सकते है. अगर सोने का मन हो तो सो सकते है. वैसे ये पोस्ट पहले भी अलग शब्दों में शेयर की जा चुकी है लेकिन व्यक्तित्व विकास के लिए इसे खुद पर प्रयोग किया जा सकता है. आज की पोस्ट आपको कैसी लगी हमें बताना न भूले. इसी तरह के latest update रोज पाने के लिए हमें subscribe करना न भूले. सम्मोहन की अलग अलग अवस्थाए किस तरह प्राप्त की जाती है और इनका क्या प्रयोग होता है ? ध्यान द्वारा सम्मोहन और समाधी दोनों अनुभव प्राप्त करने की परीक्षित विधि जो सहज भी है सम्मोहन हकीकत में होता है या नहीं को प्रूफ करने वाले टॉप 10 फैक्ट और यूज़ अब घर बैठे सम्मोहन के लिए हाथो में आकर्षण शक्ति पैदा करे बस कुछ आसान से उपाय से क्या आप भी जानना चाहते है की दूर से ही किसी पर वशीकरण कैसे किया जाता है – पूरी जानकारी पढ़े Read the full article
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hindijankari · 4 years
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पुरुषो का वीर्य पीने के ये फायदे, जानकर आपके उड़ जायेगें होश. || Hindi Jankari
महिलाएं वीर्यपान करती हैं उनमें अन्‍य महिलाओं की अपेक्षा तनाव और अवसाद की कमी देखी गई है। क्‍योंकि वीर्य में शक्तिशाली एंटीड्रिप्रेसेंट और संज्ञानात्‍मक क्षमता को बढ़ाने वाले प्रभाव होते हैं
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पुरुषो का वीर्य पीने के ये फायदे, जानकर आपके उड़ जायेगें होश
वीर्य के फायदे आप जानते हैं कि वीर्य प्रजनन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का एक मात्र विकल्‍प होता है। इसलिए यह मानव समाज के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। लेकिन क्या वीर्य का सेवन आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें कुछ विरोधाभास भी है लेकिन इसमें उपस्थिति हार्मोन और पोषक तत्‍वों के कारण यह मानव स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद माना जाता है। आइए जानते हैं वीर्य के फायदे क्‍या हैं। जानकारों का कहना है कि जब महिलाओं को कामोत्तेजना (orgasm) होती है तो लव हार्मोन ऑक्‍सीटॉसिन का स्राव करते है जिससे महिलाओं के मूड को ऊपर उठाने में मदद मिलती है। कुछ सेक्‍सोलॉजिस्‍ट कहते हैं कि पुरुषों के लिए तृप्ति अवसाद को कम कर सकती है क्‍योंकि जिस समय व्‍यक्ति स्‍खलित होता है उसे जबरदस्‍त खुशी मिलती है जो सभी चिंताओं और समस्‍याओं से छुटाकारा दिलाने में मदद करती है। ओरल सेक्स के दौरान वीर्य दोनों के लिए फायदेमंद होता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि जब कोई महिला वीर्यपान करती है या सेक्‍स के दौरान वीर्य उनकी योनि से होता हुआ रक्‍त प्रवाह में मिलता है तो इससे बेहतर नींद प्राप्‍त करने में मदद मिलती है क्‍योंकि इसमें रासायनिक मेलाटोनिन (chemical melatonin) होता है। शरीर में मेलाटोनिन की उपस्थिति के कारण यह व्‍यक्ति को आराम दिलाने और अच्‍छी नींद लाने में मदद करता हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि वीर्य निगलने से अच्‍छी नींद प्रा���्‍त नहीं होती है बल्कि संभोग के दौरान सिर्फ संतुष्टि ही प्राप्‍त होती है और कुछ नहीं। लेकिन जब संभोग संतुष्टि प्राप्‍त होती है तो इस दौरान शरीर में ऑक्‍सीटॉसिन हार्मोन उत्‍पन्‍न होता है जिससे शरीर में दर्द उत्‍तेजना कम होती है और शरीर को आराम मिलता है। इस कारण आपको अच्‍छी नींद प्राप्‍त होती है। महिलाएं वीर्यपान करती हैं उनमें अन्‍य महिलाओं की अपेक्षा तनाव और अवसाद की कमी देखी गई है। क्‍योंकि वीर्य में शक्तिशाली एंटीड्रिप्रेसेंट और संज्ञानात्‍मक क्षमता को बढ़ाने वाले प्रभाव होते हैं। इसके अलावा वीर्य में ऑक्‍सीटोसिन (oxytocin), प्रोजेस्‍टेरोन, एंडोर्फिन (endorphins), प्रोलैक्टिन, टीआरएच और सेरोटोनिन (serotonin) जैसे मूड बढ़ाने वाले घटक मौजूद रहते हैं। जो महिलाएं वीर्यपान करती हैं उनका मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा होता है। जो यह दर्शाता है कि वीर्य के फायदे महिलाओं के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि वीर्य का उपयोग आपके बालों को झड़ने से बचा सकता है। अगर अब तक आपको इसकी जानकारी नहीं थी तो जान लें। बालों के विकास के लिए वीर्य पर परिक्षण किये गए जिसमें पाया गया कि स्‍पर्मिडाइन बालों की लंबाई को प्रोत्‍साहित करने और बालों के विकास को बढ़ाने में मदद करता है। स्‍पर्मिडाइन स्‍टेम कोशिकाओं को भी बढ़ाता है जो आपके बालों के विकास में मदद करते हैं। आप इसे सचमुच उपयोग कर सकते हैं। विदेशों में सेलिब्रिटी क्‍लाइंट को चमकदार और सुंदर बालों के लिए सैलूनों में कई तरह के वीर्य का उपयोग किया जाता है। जानकारों के अनुसार चेहरे पर वीर्य लगाने से यह किसी एंटी-एजिंग (Anti-aging) उत्‍पाद की तरह काम करता है। परिक्षण के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि वीर्य में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण मौजूद रहते हैं जो त्‍वचा की झुर्री और त्‍वचा के लचीनेपन जैसे विकारों को दूर करने में मदद करता है। चेहरे के लिए स्‍पर्म फायदेमंद होता है इसलिए इसे आजकल प्रयोगशालाओं में संश्‍लेषित (Synthesized) किया जाता है और अंतरराष्‍ट्रीय कंपनियों द्वारा बेचा जा रहा है। वीर्य का सेवन करने से यह आपकी सेक्‍स ड्राइव को बढ़ा सकता है। क्‍योंकि वीर्य में टेस्‍टोस्‍टेरोन होता है। टेस्‍टोस्‍टेरोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्‍छा बढ़ाता है। यौन संबंध बनाने के दौरान महिला की योनि दीवारों के माध्‍यम से और यहां तक की वीर्य निगलने के माध्‍यम से टेस्‍टोस्‍टेरान (Testosterone) को अवशोषित किया जा सकता है। जो कि सेक्‍स ड्राइव को बढ़ाने में मदद करता है। इसके परिणाम अलग-अलग लोगों में भिन्न हो सकते हैं। वीर्य में एंटी-इंफैमेटोरेटरीज और इम्‍यूनोस्‍पेप्रेसेंट्स गुण होते हैं जो महिला के शरीर में प्रवेश करने पर किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाते हैं। वीर्य का सेवन करने से तंत्रिका विकास फैक्‍टर, ऑक्‍सीटोसिन, प्रोजेस्‍टेरोन, टेस्‍टोस्‍टेरोन, कोर्टिसोल और कुछ प्रोस्‍टाग्‍लैंडिन (prostaglandins) जैसे इंफ्लेमेटरी गुण प्राप्‍त होते हैं। वीर्य आपके शरीर में मौजूद टीजीएफ-बीटा प्रोटीन की सहनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। कुछ लोगों का मानना है कि चिंता का प्रमुख कारण ऑक्‍सीडेएटिव तनाव होता है जो कि ब्रेन फॉग (brain fog) और थकान आदि का कारण बनता है। लेकिन ऑक्‍सीडेटिव तनाव को कम करने के लिए वीर्य में बहुत से एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) मौजूद होते हैं जो आसानी से चिंता और तनाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
क्या वीर्यपान किया जा सकता है
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है की क्या वीर्य को निगला जा सकता है? या वीर्यपान किया जा सकता है तो इसका जवाब है जी हां। क्योकि यह प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होता है। यह आप पर निर्भर करता है की अब आप इसे पीने के लिए तैयार हैं या नहीं इसका निर्णय आपको या आपकी साथी को खुद लेना है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपका स्पर्म स्वादिष्ट हो जाए तो यह भी संभव है। क्योकि वीर्य का मीठा या खट्टा होना इस बात पर निर्भर करता है की आपने आज क्या खाया है । आपको बता दें की वीर्य पीने से लड़की प्रेग्नेंट नहीं होती लेकिन अगर वीर्य योनि में छोड़ा गया हो तो लड़की प्रेग्नेंट हो सकती है योनी में वीर्य छोड़ने से ही प्रेगनेंसी कि संभावना होती है ओरल सेक्स करते समय वीर्य पीने से गर्भधारण के चांस नहीं हो सकते हैं। स्‍पर्म पीने के नुकसान  जब वीर्य सेवन की बात आती है तो विशेष सावधा��ी रखने की आवश्‍यकता ह��ती है। क्‍योंकि वीर्य में वायरस हो सकते हैं जिसका सेवन करने पर यह वीर्य सेवन करने वाले को प्रभावित कर सकता हैं। सेक्‍सोलॉजिस्‍ट बताते हैं कि मुंह की समस्‍याओं जैसे कि मसूड़ों की सूजन और उनसे खून आने की स्थिति में मौखिक सेक्‍स करने पर एसआइटी संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस बी और सी (Hepatitis B and C), हर्पीस और क्‍लैमिडिया (Chlamydia) हो सकता है। वीर्य का सेवन करने पर किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है लेकिन कुछ लोगों का मानना है की इससे किसी प्रकार का फायदा भी नहीं होता है। वीर्य को यदि पुरुषों के द्वारा बाहर नहीं निकाला जाता है या रोका जाता है तो इसके भी किसी प्रकार के फायदे नहीं होते हैं क्‍योंकि वीर्य की अपनी निश्चित उम्र होती है और वह स्‍वयं ही निष्क्रिय हो जाता है। यौन साथी को लाभ या जीवन शक्ति (vitality) दिलाने के लिए वीर्य की मात्रा बहुत ही कम होती है जो कि पर्याप्‍त नहीं है। नैदानिक पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि वीर्य में मल्‍टीविटामिन और एंटी अवसाद गुण होते हैं जो कि आपके लिए फायदेमंद होते हैं। वीर्य या semen का पोषण क्या होता है? कुछ लूग वीर्य पीने के फायदे नुक्सान जानना चाहते हैं लेकिन आपको एक बात बता दें की वीर्य पीने के कई फायदे होते हैं क्योंकि वीर्य में बहुत कमाल के हॉर्मोन और दुसरे पोषक तत्व जैसे एमिनो एसिड,  पोटेशियम, एस्‍कॉर्बिक एसिड, calcium, magnesium, विटामिन बी12, sodium , विटामिन सी,  zinc और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं| रिसर्च भी ये मानती है की वीर्य या semen पीने या निगलने के कई लाभ आपको मिलते हैं| चलिए जानते हैं को पीने अच्छा होता है या बुरा यानि क्या semen या स्पर्म पीना सही है या गलत? क्या वीर्य पीना चाहिए या नही? semen पीना सही है या गलत रिसर्च में पाया गया है की यदि आप ओरल सेक्स करते हैं तो आप और आपका पार्टनर कोई भी वीर्य का सेवन कर सकता है जब तक की आप दोनों स्वस्थ हों| वीर्य पिने से कई लाभ मिलते हैं उनमें से कुछ निचे बताये गए हैं| वीर्य में ख़ास केमिकल पाया जाता है जिसके सेवन से व्यक्ति का मानसिक तनाव दूर होता है और यदि अनिद्रा या नींद ना आने की प्रॉब्लम है तो वो विर्यपान से दूर हो जाती है| वीर्यपान के फायदे – डिप्रेशन दूर होती है   रिसर्च में ऐसा पाया गया है की semen यानि वीर्य का सेवन करने वाली महिलाओं को डिप्रेशन की शिकायत नहीं हो पाती| वीर्य में एक शक्तिशाली एंटीड्रिप्रेसेंट यानि डिप्रेशन दूर करने वाला केमिकल पाया जाता है इसके अलावा ऐसे हॉर्मोन पाए जाते हैं तो की वीर्य पिने वाले के मूड को अच्छा बनाने में मदद करते हैं| कुल मिलाकर आप डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर को दूर कर सकते हैं| वीर्य को बाल पर लगाने के फायदे वीर्य को बाल पर लगाने से बाल झड़ना और बालों से जुड़े रोग दूर करने में मदद मिलती है| वीर्य में उपस्थित स्‍पर्मिडाइन बालों की लंबाई के झड़ने को रोकता है और बालों की लम्बाई बढाने में मदद करता है| semen को चेहरे पर लगाने के फायदे – वीर्य को फेस पर लगाने के फायदे रिसर्च के अनुसार वीर्य में कमाल के एंटी-एजिंग गुण ��ाए जाते हैं जो आपकी स्किन से जुड़े कई रोग दूर करने में मदद करते हैं जैसे त्वचा का जल्दी बुढा हो जाना, त्वचा पर झुर्रियां पड़ना आदि| स्‍पर्म पीने के फायदे – वीर्य पिने से सेक्स power बढती है वीर्य पिने का एक और लाभ या फायदा ये है की यह आपकी सेक्स power को बढाने में मदद करता है क्योंकि स्पर्म या semen यानि वीर्य में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन होता है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्स ड्राइव को बढाने में मदद करता है| वीर्य पिने का फायदा है – टेंशन से मुक्ति | स्पर्म पिने से टेंशन नहीं होती रिसर्च यह मानती है की वीर्य के एंटीऑक्सिडेंट आपके दिमाग को सेहतमंद रखने में मदद करते हैं जिससे वीर्य पिने वाले को मानसिक तनाव या डिप्रेशन और एंग्जायटी से छुटकारा मिलता है| क्या है वीर्यपान के लाभ?  जी हाँ आप वीर्य पि सकते हैं इससे आपको बहुत सारे पोषक तत्व जैसे प्रोटीन और विटामिन मिलते हैं इसलिए वीर्य पीना गलत या बुरा नहीं होता| स्‍पर्म पीने के नुकसान – Sperm Peene Ke Nuksan या  virya pine ke side effect in Hindi आपको स्पर्म का सेवन करने से पहले ये याद रखना चाहिए की जो लड़की स्पर्म पीती है उसे कोई मुह या मसूड़ों का रोग ना हो| इसके अलावा यदि आप ओरल सेक्स करते हैं तो आपको किसी प्रकार का कोई यौन रोग ना हो| यदि आप और आपकी पार्टनर स्वस्थ हैं तो आप निसंकोच वीर्य का सेवन कर सकते हैं| वीर्य पीने के नुकसान या खतरे क्या होते हैं  देखिये वीर्य पिने के नुकसान या साइड इफ़ेक्ट की बात करें तो वीर्य या शुक्राणु का सेवन करने से नुकसान नहीं होता यदि पुरुष स्वस्थ है और उसे कोई यौन रोग यानि सेक्सुअल बीमारी नहीं है| किसी भी परकार की बीमारी या गुप्तरोग होने पर वीर्य का सेवन नहीं करना चाहिए|
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वजन कम करने का तरीका
आज के भागती दौड़ती जिंदगी में खुद का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। अगर आपका आज अच्छा है, तो कल को सही तरीके से बेहतर कर पाएंगे। आज के समय में शरीर को बीमारियों का घर कहा जा सकता है, तो ऐसे में सतर्क रहकर कार्य करें।
कई बीमारियों की वजह बढ़ता वजन  है। डॉक्टर के मुताबिक वजन कम कर लेने से भी कुछ हद तक समस्याओं से बचा जा सकता है। वजन कम करना आसान (wazan kam karne ka tarika) तो नहीं पर कोशिश जरूर की जा सकती है।
वजन कम करना क्यों है जरूरी
ऐसा माना जाता है कि बढ़ता हुआ वजन कई बीमारियों को बुलावा देता है। जिसमें मोटापा, शुगर ,हार्ट प्रॉब्लम मुख्य है। अगर आप के वजन पर कंट्रोल नहीं रखा गया तो कहीं ना कहीं यह सारी बीमारियां अपने विकराल रूप में आ जाती हैं। वजन कम करने से हमारी दैनिक, शारीरिक गतिविधि सही तरीके से सही दिशा में अग्रसर होती है। वजन नियंत्रित रखने से मेटाबॉलिज्म रेट सही रहता है इसलिए वजन पर पूरा ध्यान दें।
अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो हम आपको वजन कम करने के कारगर उपाय बताने जा रहे हैं आप जरूर उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर लाभ लें।
कैसे करें वजन कम घरेलू तरीके से
अगर आप बढ़ते वजन से बहुत ज्यादा परेशान हैं, तो घरेलू रूप से उपाय किए जा सकते हैं। wazan kam karne ka tarika in hindi
1) नींबू और शहद
वजन कम करने (wazan kam karne) में इन दो सामग्री का मुख्य योगदान माना गया है। अगर आप सुबह खाली पेट गर्म नींबू पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर रोज पिएं इससे आपको जल्द ही फर्क महसूस होगा।
2) सेब का सिरका
फलों में सेब फायदेमंद है लेकिन अगर आप सेब के सिरके में थोड़ा सा शहद मिला कर पिए तो वजन घटाने में मदद मिल सकती है। सेब में पेपरिन फाइबर वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3) पत्ता गोभी
पत्तागोभी को ज्यादा से ज्यादा सब्जियों और सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि पत्ता गोभी में उपस्थित टेरिटरिक एसिड कार्बोहाइड्रेट को वसा में परिवर्तित होने से रोक देता है। ऐसे में पत्ता गोभी को बहुत ज्यादा फ्राई नहीं करें तो बेहतर होगा।
4) अजवाइन पाउडर
अगर आप अजवाइन पाउडर को गर्म पानी में डालकर पिए तो इससे फायदा होगा। साथ में अगर शहद मिला लिया जाए तो और भी अच्छ��� होगा।
5) इलायची
अगर आप वजन कम करना चाहे तो रोजाना इलायची का सेवन करें। अगर रात में सोने से पहले इसे लिया जाए तो और भी फायदेमंद होगा। इलायची जमे हुए फैट को कम करती है और पाचन में सहायता करती है।
6) त्रिफला चूर्ण
इसमें त्रिफला चूर्ण आपके लिए फायदेमंद है। अगर आप  त्रिफला चूर्ण को रात में ही भीगा कर रख दे और सुबह तब तक उबालें जब तक वह आधा ना हो जाए। साथ ही इसमें एक चम्मच शहद भी मिलाएं। नियमित रूप से सेवन करने से वजन कम किया जा सकते हैं।
7) पुदीना
यह हमारी पाचन संबंधी समस्या को खत्म करती है। यदि पुदीना के रस  को पानी में घोलकर पिया जाए तो निश्चित रूप से ही आपको सफलता होगी।
8) आंवला
आंवला में विटामिन सी पाया जाता है और यह एंटी ऑक्सीडेंट भी है। यह मेटाबॉलिज्म को सही कर वजन कम करने में भी सहायक है। ऐसे में अगर आप रोजाना आंवले का सेवन करें तो आपके लिए फायदेमंद है।
9) हल्दी
हल्दी में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं। यह पोषक तत्व आयरन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, फाइबर होते हैं, जो शरीर से चर्बी को भी कम करते हैं।
10) सौफ
अगर आप सौफ हो बारीक पीस लें और उसे गुनगुने पानी के साथ पिए तो इससे बहुत ही ज्यादा फायदा होगा इसका उपयोग जरूर करें।
11) ग्रीन टी
अगर सोने से पहले ग्रीन टी पिया जाए तो इससे मेटाबॉलिज्म सही रहता है और वजन नियंत्रित रहता है लेकिन इसे बहुत ज्यादा सेवन करने से बचें।
वजन घटाने के बेहतरीन घरेलु नुस्खे
वजन कम करने के लिए खानपान का रखें ख्याल
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो अपने खान-पान को व्यवस्थित रखें। कई सारे ऐसे आहार हैं, जो वजन बढ़ाने में सहायक हैं उन्हें पूरी तरह से त्याग दें।
1)  वजन कम करने के लिए यदि आप जौ, बाजरा ,रागी ,मसूर,  आंवला, अंकुरित अनाज, उबली हुई सब्जियों का उपयोग करें तो फायदेमंद होता है।
2) इसके अलावा ककड़ी, गाजर, सेब, चुकंदर आवश्यक रूप से ले।
3) हमेशा मौसमी फलों का सेवन करें इसमें आपको ऊर्जा मिलेगी।
4) हमेशा दूध का सेवन करें दूध में कैल्शियम हैं, जो वजन को कम करने में सहायक है।
5) जब भी रात्रि का भोजन करें तो वह हल्का ही करें। हल्का भोजन जल्दी पचता है और इससे पाचन शक्ति भी मजबूत होती है।
6) रात में भोजन के बाद तुरंत नहीं सोना चाहिए। कम से कम 2 घंटे का अंतराल जरूर रखें।
7) भोजन कभी भी जल्दबाजी में ना करें अच्छे से चबा चबा कर ही भोजन करें।
अपने जीवन शैली में करें बदलाव
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो निरंतर रूप से खानपान के अलावा अपनी जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव करें।
1) सुबह उठे, आलस त्यागे और सैर पर जाएं।
2) अगर आप सुबह सुबह योग का अभ्यास करें इससे निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा।
3) वजन घटाने के लिए वसा युक्त पदार्थों से दूरी बना ले।
4) ज्यादा से ज्यादा भोजन में हरी सब्जियां, दही, दाल का उपयोग करें।
5) गुनगुने पानी का सेवन करें।
6) अगर आप सप्ताह में 1 दिन उपवास करें तो इससे भी फायदा होगा।
7) आपके लिए अंकुरित अनाज का सेवन करना फायदेमंद होगा।
8) नींद हमेशा 6 से 8 घंटे की ही लें।
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खाना खाना ना छोड़े
कई बार लोग गलतियां कर बैठते हैं वह यह कि वजन कम करने के चक्कर में खाना खाना ही छोड़ देते हैं। शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऐसे में आप खाना छोड़ कर खुद को मुसीबत में डाल रहे हैं। आप खाना जरूर खाएं। आपको यह याद रखना है कि आप को संपूर्ण पोषक तत्वों से युक्त भोजन ही करना है। भले ही आप थोड़ा कम खाएं पर खाना छोड़ देना सही नहीं है।
अगर आप खाना छोड़ते हैं, तो शरीर में कमजोरी आ जाएगी। यह भी ध्यान रखने योग्य है खाना भरपेट न खाए बल्कि पेट से थोड़ा कम ही खाएं तब बेहतर फायदा देखा जा सकेगा।
वजन कम करने के लिए बनाए बेहतरीन जूस
अगर आप वजन कम करना चाह रहे हैं लेकिन अपने खानपान में नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे में आप इस जूस से भी अपना वजन कम कर सकते हैं। इसे बनाना बेहद ही आसान है और सारी सामग्री घर में ही मिल जाती है।
जूस बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
खीरा — एक, धनिया पत्ती — आधी कटोरी, नींबू का रस — एक चम्मच, एलोवेरा रस — 1 बड़ा चम्मच ,अदरक — कीसा हुआ, पानी — एक गिलास
आप सारी सामग्री को मिक्सी में पीस लें और उसे छानकर पी लें। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें नमक ना मिला हो।
लौकी का जूस
इसी प्रकार लौकी के रस से भी आप अपना वजन कम कर सकते हैं। आयुर्वेदिक में भी लौकी के जूस को फायदेमंद बताया गया है।
सबसे पहले आप लोकी को छीलकर किस लें। एक गिलास पानी के साथ उसे मिक्सी में पीस लें।  अब उसे छान ले। आप चाहे तो उसमें सेंधा नमक डाला जा सकता है। इस जूस को रोजाना पीने से बहुत ही जल्द फायदा होता है इसे आप जरूर आजमाएं।
वजन कम करने के लिए महत्वपूर्ण डाइट
जब भी वजन कम करने की सोचते हैं, तो एक डाइट चार्ट का होना जरूरी है जो आपकी मदद कर सके।
1) सुबह का ड्रिंक — अगर आप सुबह-सुबह गुनगुना पानी पिए तो निश्चित रूप से फायदेमंद होगा।
2) नाश्ता — नाश्ता वजन कम करने के लिए कम कैलोरी का करें। जिसमें ओट्स, दलिया, ब्राउन ब्रेड, आमलेट लिया जा सकता है।
3) स्नैक्स — ऐसा भी होता है कि आपको स्नेक्स लेने का मन करें। ऐसे में आप दो बिस्किट और ग्रीन टी ले सकते हैं। वजन कम करने के लिए से तरबूज, केला, संतरा भी लिया जा सकता है।
4) लंच — दोपहर के खाने में भी कैलोरी का विशेष ध्यान रखना होगा। ऐसे में आप ब्राउन राइस, फिश, दाल ,ब्रोकली, उबली सब्जी, रोटी ले सकते हैं। साथ ही साथ रायता ,सलाद, हरी सब्जी और दाल लेना भी अनिवार्य है। ऐसे में आप व्हाइट ब्रेड ना ले और कम से कम तेल का उपयोग करें।
5) शाम का नाश्ता — कभी-कभी शाम को भी जोरों की भूख लग जाती है तो आप थोड़े ड्राई फ्रूट्स, उबले अंडे, ग्रिल्ड सेंडविच, फल ले सकते हैं।
6) डिनर — एक बात याद रखें कि डिनर  हल्का ही ले। इसके लिए आप चावल, चपाती, चिकन, राजमा ले सकते हैं।
7) सोने से पहले — अगर आप सोने से पहले ऐसा ड्रिंक ले जो वजन कम करने में सहायक हो तो अच्छा होगा।
उम्र के हिसाब से क्या हो सही डाइट चार्ट
वजन कम करने के लिए डाइट चार्ट का पालन करना जरूरी है लेकिन यदि उम्र के हिसाब से नया डाइट चार्ट बनाया जाए तो और भी फायदेमंद होगा।
1) 20 – 30  वर्ष — यह उम्र नाजुक उम्र है जिसमें सभी प्रकार का आहार लेना अनिवार्य है। इसमें कैल्शियम, आयरन, फालेट ���ोना बहुत जरूरी है। अगर आप दूध, दही, पालक, दाल, मूंगफली, बींस को अपने आहार में शामिल करें, तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
2) 30 – 40 वर्ष —  इस उम्र में थोड़ी शारीरिक परेशानी आ जाती है और अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो मैग्नीशियम की मात्रा का जरूर समावेश करें। आप बादाम, पालक, काजू, दही और सभी सब्जियों का उपयोग जरूर करें।
3) 40 — 50 वर्ष — बढ़ती उम्र में वजन करने में बहुत मुश्किल हो सकती हैं। ऐसे में आप विटामिन सी, विटामिन ई युक्त आहार के साथ सब फल, ब्रोकली,  टमाटर ,पीनट बटर, सनफ्लावर तेल, हरी सब्जी ,बादाम, गाजर ले तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
4) 50 से ज्यादा वर्ष — इस उम्र में हड्डियां कमजोर हो जाती है इसलिए कैल्शियम और विटामिन डी आहार में जरूर शामिल करें। हड्डियों को मजबूत करने के लिए मछली, चिकन, लो फैट मिल्क, दही, चीज़ का भरपूर उपयोग करें। इस उम्र में वजन कम करने के बारे में गंभीरता से सोचते हुए निर्णय ले।
निष्कर्ष
वजन कम करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर धैर्य और लगन के साथ इसे किया जाए तो निश्चित रूप से आपको सफलता मिलेगी। वजन कम करने में कुछ समय लग सकता है ऐसे में आप कोशिश करते रहिए।
हमारे बताएं सुझावों को अमल में लाकर आपको फायदा होगा। जीवन में आने वाली हर परेशानियों का सामना दृढ़ता से करें और आगे बढ़े। साथ ही अपने परिवार का पूरा ख्याल रखें।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/wazan-kam-karne-ka-tarika/
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gomediitechnologies · 4 years
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नींद को कम करने के उपाय
रोजाना अपना सोने का एक नियमित समय बनाए क्योंकि आपका किसी भी समय सोना आपके स्वास्थ्य को खराब करता है। रात में समय से सोए और सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें।
रोजाना करें व्यायाम क्योंकि इसकी वजह से आपके शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी और आप शारीरिक और मानसिक रूप से भी खुद को स्वस्थ महसूस करेंगे।
पौष्टिक भोजन भी आपको इस बीमारी से बचाता है और कोशिश करें की आपका भोजन बासी नहीं होना चाहिए। क्योंकि इसकी वजह से भी आपको नींद आती है। यदि आप फास्ट फ़ूड का सेवन भी ज्यादा करते हैं तो इसकी वजह से भी आपको बहुत सी बीमारियां होने का खतरा होता है।
रोज सुबह  उठने के बाद नहाए जरूर, ऐसा करने से भी आपके शरीर से आलास दूर रहेगा और आपको जल्दी नींद नहीं आएगी।
यदि आपको दिन में खाना खाने के बाद नींद आती है, तो आप चाय और कॉफी का सेवन करें। इससे आपकी ज्यादा नींद आने की समस्या कम हो जाएगी।
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thethakorji · 7 years
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Ayurveda
♣ नारियल खाने से दूर होती हैं नकसीर, अनिद्रा और पेट जैसी कई समस्‍यायें
नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। ऐसा इसकी धार्मिक महत्ता के साथ-साथ औषधीय गुणों के कारण कहा जाता है। नारियल में पोटैशियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं
नारियल कई बीमारियों के इलाज में काम आता है। नारियल में वसा और कोलेस्ट्रॉल नही होता है, इसलिए नारियल मोटापे से भी निजात दिलाने में मदद करता है। आइए जानते हैं नारियल के चमत्कारी गुणों के बारे में।
♣ नारियल के लाभ ♣
♣ नकसीर के लिए
नकसीर की समस्या कई लोगों को हो सकती है। नाक से खून निकलने पर कच्चे नारियल का पानी का सेवन नियमित रूप से करना फायदेमंद होता है। अगर खाली पेट नारियल का सेवन किया जाए तो खून का बहाव बंद हो जाता है।
♣ दिमाग के लिए
नारियल खाने से याद्दाश्त बढती है। नारियल की गरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर हर रोज खाने से स्मृति में बढती है। बच्चों को नारियल खिलाना चाहिए, इससे बच्चों का दिमागी विकास होता है।
♣ मुंहासे के लिए
मुंहासों से निजात दिलाने में भी नारियल बहुत फायदेमंद होता है। नारियल के पानी में खीरे का रस मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे मिटते हैं और चेहरा सुंदर एवं चमकदार होता है। नारियल के तेल में नींबू का रस अथवा ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर लेप करने से भी मुंहासे समाप्त होते हैं।
♣ वजन घटाने के लिए 
मोटापा कम करने में नारियल बहुत फायदेमंद है। नारियल में कोलेस्ट्रॉल और वसा नहीं होता है। इसलिए नारियल का सेवन करके वजन को घटाया जा सकता है। मोटे लोगों को नारियल का सेवन करना चाहिए।
♣ अच्छी नींद के लिए
अगर नींद न आने की समस्या है तो नारियल का सेवन कीजिए। नियमित रूप से रात के खाने के बाद आधा गिलास नारियल का पानी पीना चाहिए। इससे नींद न आने की समस्या खतम होती है और नींद अच्छी आती है।
♣ सिरदर्द के लिए 
नारियल तेल में बादाम को मिलाकर तथा बारीक पीसकर सिर पर लेप लगाना चाहिए। इससे सिरदर्द में तुरंत आराम होता है।
♣ रूसी के लिए 
बालों में रूसी की समस्या के लिए नारियल का तेल बहुत फायदेमंद है। नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।
♣ पेट के लिए 
पेट में कीड़े होने पर सुबह नाश्ते के समय एक चम्मच पिसा हुआ नारियल का सेवन करने से पेट के कीडे बहुत जल्दी मर जाते हैं।
♣ मिनटों में खूबसूरत दिखने के आसान दादी माँ के नुस्खे
सुंदर दिखना हर किसी की चाहत होती है। इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप मंहगे उत्पाद का प्रयोग करें या ब्यूटी पार्लर का रुख करें। चेहरे की खूबसूरती को निखारने के लिए जरूरी है कि आप इसका खास खयाल रखें। जानिए कुछ आसान उपाय जिनसे आपकी खूबसूरती बरकरार रहेगी।  
♣ झुर्रियों करें दूर
एक चम्मच शहद में कुछ बूंदे नींबू के रस की मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर झुर्रियाँ नहीं पड़ती है।
♣ चमक रखे बरकरार 
एक चम्मच गुलाबजल और एक चम्मच दूध के मिश्रण में दो तीन बूंद नींबू का रस मिलाकर इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा की कोमलता व चमक बनी रहती है।
♣ स्क्रबिंग के लिए
टमाटर का टुकड़ा लेकर चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें, चेहरे की सारी गंदगी साफ हो जाएगी। त्वचा को निखारने के लिए स्क्रबिंग बहुत जरूरी है। स्क्रब त्वचा की मृत कोशिकाओं, धूल इत्यादि को हटाकर रोमछिद्रों को बंद होने से रोकता है
♣ तैलीय त्वचा से पाएं छुटकारा
एक चम्मच नींबू का रस में एक चम्मच गुलाब जल और पिसा हुआ पुदीना मिलाकर 1 घंटे रखें। फिर चेहरे पर लगाकर 20 मिनट बाद धो लें। इससे चेहरे का चिपचिपापन दूर हो जाएगा।
♣ कैसे पाएं निखार
त्वचा में निखार लाने के लिए थोड़े-से चोकर में एक चम्मच संतरे का रस, एक चम्मच शहद व गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूखने पर धो डालें।
♣ शहद से पाएं त्वचा में कसावट
चेहरे व गर्दन पर शहद लगाएं थोड़ा सा सूखने के बाद अंगुलियों से चेहरे पर मसाज करें। शहद के सूखने के बाद गुनगुने पानी से इसे साफ करें। इससे त्वचा में कसाव आएगा।
♣ डार्क सर्कल से बचें
आंखों के नीचे झुर्रियां व डार्क सर्कल से बचने के लिए बादाम के तेल में शहद  मिलाकर लगाएं और इस हल्के हाथों से मलें और धो लें।
♣ क्लीजिंग के लिए 
चेहरे से मेकअप को हटाने व धूल मिट्टी से बचाने के लिए क्लीजिंग जरूरी है। इसके लिए चावल के आटे में दही मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे चेहरे एवं गर्दन पर अच्छी तरह मलें। इसके बाद चेहरा धो लें।
♣ रुखी त्वचा से बचें
नारियल के तेल में  शहद और संतरे का रस मिला लें और इसे रुखी, फटी हुई त्वचा पर लगाएं। इस मिश्रण के सूखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें और हल्के हाथ से पोंछकर नारियल का तेल या कोई और मॉइश्चराइर लगा लें।
♣ यूं हटाएं चेहरे के दाग-धब्बे 
चेहरे पर काले दागों को हटाने के लिए टमाटर के रस में रुई भिगोकर दागों पर लगाएं इससे काले धब्बे साफ हो जाएंगे।
♣ मुंहासों से पाएं छुटकारा 
आलू उबाल कर छिलके छील लें और इसके छिलकों को चेहरे पर रगड़ें, मुंहासे ठीक हो जाएंगे।
♣ गले की खराश को दूर करने के लिए कुछ दादी के घरेलू नुस्खे
सर्दियों के मौसम में सर्दी-जुकाम व गले में खराश होना एक आम बात है। सर्दी-जुकाम होने से पहले आपके गले में दर्द व खराश जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।इस लेख में जानें गले में खराश को दूर करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे।
लंबे समय तक गले में खराश होना काफी तकलीफदेह हो जाता है साथ ही यह आपके गले को भी जाम कर देता है। गले मे होने वाली खराश अन्य बीमारियों की तरह लंबे समय तक नही रहती लेकिन कुछ ही दिनों में यह आपको पूरी तरह से प्रभावित कर बीमार कर देती हैं।
♣ क्या है गले की खराश
गले में खराश एक बहुत ही सामान्य श्वसन समस्या है। यह मूल रूप से तब होती है जब गले की नाजुक अंदरूनी परत वायरस/ बैक्टीरिया से संक्रमित होती है, जिसके परिणामस्वरूप सूजन, स्राव खांसी और शरीर के सामान्य संक्रमण के प्रभाव के लक्षण होते हैं। कभी-कभी लंबे समय तक गले में रहने वाली खराश किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और पूरी चिकित्सा लें।
आमतौर पर गले की खराश का कारण वायरल होता है और यह कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन यह जितने दिन रहता है काफी कष्ट देता है। जानिए गले की खराश को दूर करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में-
हर 2 घंटे गर्म पानी में नमक डालकार गरारा करें क्योंकि गर्म पानी और नमक गले में ठंडक देते हें, एंटीसेप्टिक होने के नाते यह संक्रमण को कम करने में मदद करता है।रात को सोते समय दूध और आधा पानी मिलाकर पिएं।रूखा भोजन, सुपारी, खटाई, मछली, उड़द इन चीजों से परहेज करें।1 कप पानी में 4-5 कालीमिर्च एवं तुलसी की 5 पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इसे धीरे-धीरे चुसकी लेकर पिएं।ज्यादा तैलीय व मैदे से बनी चीजों का सेवन करने से बचें।गले में खराश होने पर जब भी प्यास लगें तो गुनगुना पानी ही पिएं।कालीमिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो सकते हैं।शरीर में टॉक्सिन की मौजूदगी गले की खराश को और बढ़ा देती है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें, ताकि टॉक्सिन शरीर से बाहर निकल सकें।अदर��� की चाय भी गले की खराश में बहुत लाभदायक है।दो-तीन लौंग के साथ एक-दो लहसुन की कलियों को पीस कर पेस्ट बना लें इसमें थोड़ा सा शहद मिला लें। इस मिश्रण को दिन में दो या तीन बार लें।दूध में थोड़ी सी हल्दी डालकर इसे उबाल लें और बिस्तर पर जाने से पहले इसे पीएं। हल्दी में एंटीस्पेटिक होने की वजह से यह गले में आराम पहुंचाएंगा।
♣ डायबिटीज से बचने के दादी के घरेलू नुस्खे
आधुनिक समय में डायबिटीज यानी मधुमेह एक आम बीमारी बनती जा रही है। मधुमेह रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं।
अनियमित दिनचर्या और खान-पान के कारण लोग डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज के मरीज को सिरदर्द, थकान जैसी समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं। डायबिटीज में खून में शुगर की मात्रा बढ जाती है। वैसे इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। परंतु जीवनशैली में बदलाव, शिक्षा तथा खान-पान की आदतों में सुधार द्वारा रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीज को अपने डाइट प्लान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज को नियंत्रण करने के कई तरीके हैं। आइए हम मधुमेह रोगियों के लिए कुछ घरेलू उपाय बताते हैं।
♣ मधुमेह के लिए घरेलू उपचार
10 मिग्रा आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी  के पाउडर में मिला लीजिए। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए। इसको लेने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती ��ै।औसत आकार का एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला को लीजिए। इन तीनों को मिलाकर जूस निकाल लीजिए। इस जूस को हर रोज सुबह-सुबह खाली पेट लीजिए। इससे डायबिटीज में फायदा होता है।डायबिटीज के मरीजों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है। हर रोज खाने के बाद सौंफ खाना चाहिए।मधुमेह के रोगियों को जामुन खाना चाहिए। काले जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है। जामुन को काले नमक के साथ खाने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।स्टीविया का पौधा मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। स्टीविया बहुत मीठा होता है लेकिन शुगर फ्री होता है। स्टीविया खाने से पैंक्रियाज से इंसुलिन आसानी से मुक्त होता है।डायबिटीज के मरीजों को शतावर का रस और दूध का सेवन करना चाहिए। शतावर का रस और दूध को एक समान मात्रा में लेकर रात में सोने से पहले मधुमेह के रोगियों को सेवन करना चाहिए। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है।मधुमेह मरीजो को नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस और चार चम्मच केले के पत्ते के रस को मिलाकर पीना चाहिए।चार चम्‍मच आंवले का रस, गुड़मार की पत्ती मिलाकर काढ़ बनाकर पीने मधुमेह नियंत्रण में रहता है।गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों से रस निकालकर सेवन करने से मुधमेह नियंत्रण में रहता है।मधुमेह के रोगियों को खाने को अच्छे से चबाकर खाना चाहिए। अच्छे से चबाकर खाने से भी मधुमेह को नियंत्रण में किया जा सकता है।
मधुमेह रोगियों को नियमित व्यायाम और योग करना चाहिए।
इन घरेलू उपायों को अपनाकर आप रक्‍त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन, याद रखें इसके साथ ही आपको संतुलित आहार भी अपनाना चाहिए। साथ ही आपको चाहिए कि इन उपायों को आजमाने से पहले आपको डॉक्‍टर से सलाह भी ले लेनी चाहिए। डॉक्‍टर इस हिसाब से आपको दी जाने वाली दवाओं में फेरबदल कर सकता है।
♣ बालों के लिये दही
केमिकल वाले हेयर कंडीशनर के लिये पैसे बरबाद करने से अच्‍छा है कि आप बालों में दही लगाएं। आप चाहें तो सिरका भी प्रयोग कर सकती हैं। इससे आपके बाल कोमल और सिल्‍की हो जाएगें।
♣ वायु गैस
पेट में वायु-गैस बनने की अवस्था में भोजन के बाद १२५ ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। सप्ताह-दो सप्ताह आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें। 
इससे वायु-गोला, अफारा के अतिरिक्त कब्ज भी दूर होती है। 
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