Tumgik
#नींद ना आए तो क्या करें
khulkarjiyo · 4 months
Text
नींद ना आना दुनिया की सबसे बड़ी समस्या इस Technique से लें प्राकृतिक तरीके से अच्छी नींद का आनंद
यह तो आप भी मानेंगे रात को बिस्तर पर लेटने के बाद घंटे करवटें बदलना, आज के समय की दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। जिसको देखो वह शिकायत करता है कि उसे नींद नहीं आती, नींद आने में दिक्कत रहती है ,रात को बेचैनी रहती है और वह इसके लिए सही उपाय जानना चाहते हैं। तो आज हम आपको बता रहे हैं कुछ master techniques जिनको फॉलो करके आप बिस्तर में जाते ही आराम की नींद ले पाएंगे और करवटें बदलने की समस्या…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
fattofitzone · 1 year
Text
10 दिन में फैट लॉस केसे करे
10 दिन में फैट लॉस केसे करे
Tumblr media
Fat Loss In 10 days
क्या आप भी या सोच के आए हो की 10 दिन में फैट लॉस हो जायेगा ऐसा नही है हा आप calorie deficit में होंगे और अच्छी workout और proper sleep ले रहे होंगे तो थोड़ा result मिलेगा । अगर आप जाना चाहते हो की इफेक्टिव और safe तरीके से किसे fat loss केसे करे तो आगे पढ़ते रहे।
हेलो दोस्तो केसे हो आप मेरा नाम फैजल है और मैं Certified Fitness Trainer और Nutrienistहु।
ज्यादातर लोग जल्दी फैट लॉस करने के चक्कर में क्रैश डाइट फॉलो करते है और वो यह सोचते हे की हम खाना नही खायेंगे तो हमारा फैट जल्दी लॉस होगा ऐसा नही है इससे fat loss तो नही होगा उल्टा आपको मिनरल डेफिसिंसी और कमजोरी आ जायेगी । क्या आप भी Fat Loss करते टाइम पे या mistake करते हो जानने के यह क्लिक करो।
आब हम अपने पॉइंट पे आते है Fat Loss केसे करें।
1. Calorie deficit - आप कितनी भी exercise कार्लो कोई भी फैट बर्नर कोई भी pill कंज्यूम कारलो कोई फरक नही पढ़ेगा जब तक calorie deficit में नही खाओगे। 
2. High Protein Diet - fat loss में हाई protein diet का भी मेजर रोल है जब हम High Protein Diet लेते है तोह हमारी बॉडी को protein digest करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है इसका मतलब है की ज्यादा calorie को burn करना पढ़ता है जब कैलोरी ज्यादा burn होगी तोह  Fat Loss करने में आसानी होगी। और जब आप High Protein Diet Consume करोगे तो आपका पेट फील फील रहेगा आपको ज्यादा भूख भी लगेगी।
3. Water Intake - fat lose हो या muscle gain डेली 2 से 3 लीटर पानी पीना जरुरी है या मिनिमम रिक्वाइटमेंट हिस्से ज्यादा water intake है तो भी कोई प्रोब्लम नही बहुत सारी रिसर्च में देखा गया है वाटर ज्यादा पानी पीने फैट लॉस में बेनिफिट होता है और जब हम ज्यादा पानी पीते हि तो calorie ज्यादा burn होती है। और मेटाबॉलिज्म भी अच्छा होता है अगर metabolism अच्छा है तो फैट लॉस जल्दी होता है
4. Lack of Sleep - Research में देखा गया है  अगर हमारी sleep cycle अच्छी नही होती तोह हमारा brain , hormones और immune system imbalance हो जाते हे और हमारी recovery भी बहुत स्लो हो जाती है और हमारा metabolism भी स्लो हो जाता है  जिसकी वजह से  fat loss में बहुत दिक्कत आती है इसलिए 6 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है
5. Moderate Alcohol Intake -क्या आपको पता हे अल्कोहल को हमारी बॉडी जहर समझती है जब हम ड्रिंक करते है तो हमारी बॉडी सारे काम छोड़ के अल्कोहल को बाहर निकाल ले में लग जाती है जब तक हमारी बॉडी में अल्कोहल होता है हमारी बॉडी ना तो fat loss करती है न ही muscle gain और alcohol में empty calories होती है मतलब की जो carb नो fats नो protein । 1 ग्राम alcohol में 9 calories होती है
अगर आपको या information अच्छी लगी हो तो या ब्लॉग को follow kijiye जितना हो सके उतना शेयर कीजिए ताकि सब लोगो तक यह इन्फॉर्मेशन पहुंच जाए । और आपको किस topic पे blog chahiye comment में बताना milte है हम आपको अगले blog में जब तक के लिए बाय बाय।
0 notes
becharapati · 2 years
Text
और लाखों रुपए 💵 बच गये..
::
डॉक्टर साहब🧑‍⚕️
क्या तकलीफ है आपको ?
::
रमेश - डॉक्टर साहब,
रोज रात को सोते 🛌 हुए
मुझे यह डर लगता है कि …
मेरे पलंग के नीचे कोई
छुपा हुआ है.....🤔
और इस वजह से
मुझे नींद नहीं आती है
::
डॉक्टर :- इसके लिए आपको
दस महीने तक लगातार हर हफ्ते
मेरे पास आना पड़ेगा
::
रमेश - आपकी एक बार की
कितनी फीस होगी डॉक्टर साहब ?
डॉक्टर :- तीन हज़ार
::
दस महीने बाद एक दिन रास्ते में
डॉक्टर को रमेश दिखता 👀 है...
डॉक्टर :- क्या हुआ रमेश तुम तो
वापस इलाज के लिए आए ही नहीं ?
::
रमेश :- डाक्टर साहब,
मेरे एक मित्र सुनील ने मेरा
इलाज कर दिया और मेरे
लाखों रुपए 💵 बच गये..🤷‍♂️
::
डॉक्टर :- क्या बात है,
ऐसा आपके दोस्त ने क्या इलाज किया...
रमेश:- कुछ नहीं,
बस उसने कहा कि...
पलंग बेच दे और गद्दा
जमीन पर बिछा कर सोया कर...!!
👻👻
Moral of the story is.
डॉक्टर के पास जाने के पहले,
अपने मित्रों से भी चर्चा कर लिया करें..
क्योंकि...?
जहां मित्र होते हैं, वहां आपको
कुछ ना कुछ समाधान ज़रूर मिलता है
हमेशा मित्रों को सम्मान दें
और उनसे मिलते रहें 🤗
👻👻👻👻
👻👻👻👻👻
0 notes
mrupadhyaysworld · 3 years
Text
अगर रात में नींद न आये तो क्या करे ?
अगर रात में नींद न आये तो क्या करे ?
क्या आप भी नींद की गोली प्रयोग करते हैं? नींद कम या नहीं आने की आज आम शिकायत की जाती है और हमारे देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो प्रतिदिन नींद लाने वाली गोलियों का अन्धाधूंद सेवन कर रहे हैं । क्या आप उन लोगों में से तो नहीं है ? सदैव यह बात स्मरण रखें कि स्वाभाविक एवं उचित नींद वही होती है जो अपने आप आये और ठीक समय पर आये । सोने के समय आप विस्तर में घुस तो अवश्य जाते हैं, परन्तु घण्टों बेचैनी…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
kksingh11 · 4 years
Text
नागरिकता कानून की आड़ में संघी एजेंडा लागू करना बंद करो!
देश को हिन्दू राष्ट्र में बदलने कीसाजिश का पुरजोर विरोध करो नागरिकता कानून की आड़ में संघी एजेंडा लागू करना बंद करो! एक तरफ जब देश भर में विवादित नागरिकता कानून पर लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार की जन विरोधी कार्यवाही का भुगतभोगी बन रहे हैं, वैसे में सरकार ने अब एक और घोषणा की। 2020 की अप्रैल से सितंबर तक वह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (एन पी आर) को अपडेट करेगी। यह कदम वह तब करने जा रही है, जबकि पहले एन आर सी और फिर कैब के अंतर्गत लाखों लोग भारत की नागरिकता सूची से बाहर हो आज बिना नागरिकता वाले हो चुके हैं। वह भी तब जब एन आर सी अभी केवल उत्तर पूर्व के ही राज्य में शुरू हुआ है। कैब भी एन आर सी हुआ अधिनियम है, एन आर सी जहां लोगों को भारत की नागरिक होने और ना होने की शिनाख्त करता है, वहीं सी.ए.ए विदेशी नागरिकों को के दक्षिण एशिया के देशों से आये शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए लाया कानून है। सी.ए.ए कानून के बन जाने के बाद भारत की नागरिकता का मख्य आधार व्यक्ति का धर्म हो गया है ना की उसकी कोई और बात। यह बिल भाजपा – आरएसएस की लाइन के मुताबिक बनाया गया है, जिन्हें भारत को एक हिन्दू राष्ट्र के तौर पर पेश करना है।आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह से नाकम सरकार ने मेहनतकश, बेरोजगार युवाओं और अन्य देशवासियों को बहकाने के लिए अब अंध-राष्ट्रवाद और हिन्द-आधिपत्यवाद का न्य शगूफा नागरिकता बिल के माध्यम से छेडा है। हिन्द बहुसंख्यकों के हिस्से को धर्म के नाम पर वः भड़का कर पूंजीपतियों के पीछे रखना चाहती है। साथ ही मुस्लिम बहुल इलाकों में विस्थापित विदेश से आये हिन्दुओं को बसा वो अपने राज को मजबूती प्रदान करवाना चाहती है। मोदी सरकार की यह नीतियां इस बात की भी पुष्टि करती है कि भारत सरकार ने 70 साल बाद दो राष्ट्र सिद्धांत को आखिरकार मान लिया। दो राष्ट्र सिद्धांत या दो क़ौमी सिद्धांत, के मुताबिक हिन्दू और मुसलामन एक राष्ट्र नहीं है बल्कि दो अलग अलग राष्ट्र है, और वे एक साथ नहीं रह सकते। बीएस मुंजे, भाई परमानंद, विनायक दामोदर सावरकर, एमएस गोलवलकर और अन्य हिंदू राष्ट्रवादियों के अनुसार भी दो राष्ट्र सिद्धांत सही था और वे भी हिन्दू मुसलमानों को अपना अलग अलग देश की वकालत कर रहे थे, उन्होंने न केवल इस सिद्धांत की वकालत की बल्कि आक्रामक रूप से यह मांग भी उठाई कि भारत हिन्दू राष्ट्र है जहाँ मुसलमानों का कोई स्थान नहीं है। भारत विभाजन में जितना योगदान लीग का रहा उससे कम आरएसएस और हिन्दू दलों का नहीं था। आज राष्ट्रवाद और अखंड भारत का सर्टिफिकेट बांटने वाले भी देश के बंटवारे में लीग जितना ही शरीक थे, यह बात हमे नहीं भूलनी चाहिए। हिन्द महासभा के संस्थापक राजनारायण बसु ने तो 19वीं शताब्दी में ही हिन्दु राष्ट्र और दो राष्ट्र का सिद्धांत पर अपनी प्रस्थापना रखनी शुरू कर दी थी। हिन्दू राष्ट्र के बारे में उन्होंने कहा था, "सर्वश्रेष्ठ व पराक्रमी हिंदू राष्ट्र नींद से जाग गया है और आध्यात्मिक बल के साथ विकास की ओर बढ़ रहा है। मैं देखता हूं कि फिर से जागृत यह राष्ट्र अपने ज्ञान, आध्यात्मिकता और संस्कृति के आलोक से संसार को दोबारा प्रकाशमान कर रहा है। हिंदू राष्ट्र की प्रभुता एक बार फिर सारे संसार में स्थापित हो रही है।" । बासु के ही साथी नभा गोपाल मित्रा ने राष्ट्रीय हिंदू सोसायटी बनाई और एक अख़बार भी प्रकशित करना शुरू किया था, इसमें उन्होंने लिखा था, “भारत में राष्ट्रीय एकता की बुनियाद ही हिंदू धर्म है। यह हिंदू राष्ट्रवाद स्थानीय स्तर पर व भाषा में अंतर होने के बावजूद भारत के प्रत्येक हिंदू को अपने में समाहित कर लेता है।” दो राष्ट्र का सिद्धांत फिर किस ने दिया इस पर हिंदुत्व कैंप के इतिहासकार कहे जाने वाले आरसी मजुमदार ने लिखा, "नभा गोपाल ने जिन्नाह के दो कौमी नजरिये को आधी सदी से भी पहले प्रस्तुत कर दिया था।" नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा। भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए देश में 11 साल निवास करने वाले लोग योग्य होते हैं। नागरिकता संशोधन बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थियों के लिए निवास अवधि की बाध्यता को 11 साल से घटाकर 6 साल करने का प्रावधान है। सरकार का मानना है कि इन देशों में हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं और उनको सरकार द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है, ऐसे में भारत का यह दाइत्व बनता है की हिन्दुओं की रक्षा करे। सरकार इस बात से पूरी तरह बेखबर है की भारत के कई पडोसी ���ाज्यों में मुसलमान अल्पसंख्यक है और उनके साथ भी वहाँ के बहुसंख्यक जमात द्वारा जुल्म की खबर समय समय पर आती रहती है। श्री लंका में तो सिंघली और तमिल (हिन्द) के बीच दशकों से लगातार तनाव बना रहा है। तो क्या सभी तमिल जनता अब भारत आ सकती है? वही हाल बांग्लादेश और म्यांमार के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों का है, तो क्या इन सभी को भारत अपना नागरिक बनाने के लिए तैयार है? और हाँ, तो फिर इन गैर मुस्लिम शरणार्थी और सताए जा रहे मुस्लिम शरणार्थी जैसे रोहिंग्या, पाकिस्तान में शिया, अहमदिया, अफगानिस्तान के हजारा, उज़बेक इत्यादि के साथ यह सौतेला व्यव्हार क्यों? सरकार को इस पर भी जवाब देना होगा। रोहिंग्या के साथ साथ भारत में म्यांमार से चिन शरणार्थी भी बहुसंख्या में भारत में निवास कर रहे हैं, अफगानिस्तान से आये शरणार्थी को भारत ने पनाह दी थी, उस पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया होगी? सीएए के लिए आंकडा एन पी आर से आएगा? नेशनल पापुलेशन रजिस्टर की बात कारगिल युद्ध के बाद शुरू हुई। सन 2000 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा गठित, कारगिल समीक्षा समिति ने नागरिकों और गैर-नागरिकों के अनिवार्य पंजीकरण की सिफारिश की सिफारिशों को 2001 में स्वीकार किया गया था और 2003 के नागरिकता (पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम पारित किए गए थे। इससे पहले एनपीआर को 2010 और 2015 में आयोजित किया गया था, 1955 नागरिकता अधिनियम में संशोधन के बाद एनपीआर को पहली बार 2004 में यूपीए सरकार द्वारा अधिकृत किया गया था। संशोधन ने केंद्र को "भारत के प्रत्येक नागरिक को अनिवार्य रूप से पंजीकृत करने और राष्ट्रीय पहचान पत्र" जारी करने की अनुमति दी। 2003 और 2009 के बीच चुनिंदा सीमा क्षेत्रों में एक पायलट परियोजना लागू की गई थी। अगले दो वर्षों (2009-2011) में एनपीआर तटीय क्षेत्रों में भी चलाया गया - इसका उपयोग मुंबई हमलों के बाद सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया गया था - और लगभग 66 लाख निवासियों को निवासी पहचान पत्र जारी किए गए थे। इस बार एन पी आर की आंकड़े लेने में सरकार ने कुछ नए कॉलम जोड़ दिए। सरकार द्वारा 24 दिसंबर को घोषित राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में लोगों को पहली बार "माता-पिता की जन्म तिथि और जन्म स्थान" भी बताना पड़ेगा। यह जानकारी, 2010 में एनपीआर के लिए एकत्र नहीं गयी थी। मतलब साफ है, सरकार इस बार ये आंकड़े इसलिए मांग रही है ताकि वो किसी भी व्यक्ति के बारे में तय कर सके कि उसकी नागरिकता प्रामाणिक है या नहीं। फिर उसके ऊपर एनआरसी और सीएए की विभिन्न प्रावधान के तहत कार्यवाही करने में कितना वक्त लगेगा? इस रजिस्टर में दर्ज जानकारी के लिए, सरकार कह रही है कि आपको कोई दस्तावेज़ या प्रमाण नहीं देने की ज़रूरत है। तो फिर सवाल उठता है कि इन जानकारी की ज़रूरत किस लिए है, सरकार इस जानकारी से क्या करने वाली है? अगर वह इसका इस्तेमाल गरीबों की कल्याणकारी योजनाओं के लिए करेगी, तो इसके लिए पहले से ही आधार कार्ड बनवाया गया। सरकार अलग अलग सर्वे करवा योजनाओं की ज़रूरत पर आंकड़े इकट्ठा करती है। किसी की आर्थिक स्थि��ि जानने के लिए उसके माता पिता का नाम और जन्म स्थान की जानकारी किस लिए चाहिए? इन सवालों पर सरकार मौन है। अगर हम भाजपा के मंत्रियों और प्रधानमंत्री की बातों पर ध्यान दें तो उनके द्वारा झूठा प्रचार किसी खतरनाक साजिश की तरफ इशारा करता है। भाजपा और सरकार ने लगातार गलत सचना और कत्साप्रचार का सहारा ले रही है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गह मंत्री अमित शाह के विरोधाभासी का विरोध किया है। भाजपा ने दोनों के साथ अलग किया है आधिकारिक सरकार के रिलीज के पास कोई वास्तविक मूल्य नहीं है। यह सही लग रहा है कि इन झठ और गलत बयानी के पीछे एक सोची समझी प्लान है, जिसका मकसद जनता के बीच भ्रम फैला कर असली योजना को कार्यान्वित करने का है। एक क्रम में सरकार कानूनों में बदलाव कर रही है। पहले मज़दूर कानूनों को ख़त्म कर पूँजीपतियों के पक्ष कर दिया गया, फिर आया एन आर सी और सी ए ए और अब एन पी आर, साथ ही सरकार कम्प्यूटर के डेटा सुरक्षा कानून भी लेन वाली है, मीडिया में रिपोर्ट के अनुसार इस कानून में सरकार किसी से भी किसी व्यक्ति के बारे में सूचना मांग सकती है। मतलब अब किसी की निजता नहीं रहेगी। मान लीजिये कि आप हस्पताल में भर्ती होते हैं, अस्पताल आपकी बीमारी और शरीर की सभी जानकारी कम्प्यूटर में दर्ज करती है। ये जानकारी आपकी निजी जानकारी होती है, लेकिन अब सरकार इन जानकारी को मांग सकती है। वो भी बिना आपकी इजाज़त के। इन जानकारियों को वो किसी भी तरह से इस्तेमाल करेगी। चाहे किसी दवा कंपनियों को बेच सकती है, या किसी को सामाजिक रूप से बेइज्जत करने के लिए। आज भी हमारे देश मे कई बीमारियों को सामाजिक रूप से शंका की नज़र से देखा जाता है जैसे एड्स, और अन्य गुप्त रोग वाली बीमारियां। सवाल यह है कि सरकार इन सूचना को इकट्ठा क्यो कर रही है और किसलिये, इस पर वह झूठ क्यों कहा रही है? असल मे सरकार पूरे देश को एक बड़े बाड़े में तब्दील करने पर आमादा है। उसने इसके लिए काम शुरू भी कर दिया है। कई जगहों पर डिटेंशन कैम्प बनाए जा रहे है। जहां लोगों को भेजने की तैयारी शुरू हो चुकी है। याद कीजिये हिटलर का यहूदियों और नाज़ी विरोधियों के लिए बनाया कंसन्ट्रेशन कैम्प। इन कैम्पों के कैदियों को केवल मौत के घाट नहीं उतारा गया बल्कि पहले उनसे गुलामों की तरह कमरतोड़ मेहनत करवा जाता था। उस समय तक पूँजीपतियों की कंपनियों में जानवरों की तरह काम करवाया जाता था जब तक उनकी मौत नहीं हो जाती थी। पूँजीपतियों को मुफ्त के मज़दूर मिले रहते थे, जिनके किसी तरह की कानूनी अधिकार नहीं था, मालिक की मर्जी तक वे काम करते थे और जिस दिन वो काम करने लायक नहीं रह जाते उसी दिन उनकी जिंदगी खत्म कर दी जाती थी। क्या मोदी सरकार, भारत में यही कैम्प बनाने की कवायद शुरू तो नहीं कर रही? अगर ऐसा है तो यह भारत के लिए दुर्दिन की शुरुआत है, मोदी की इन नीतियों की वजह से देश का सामाजिक ताना बाना टूटने वाला है, और फिर क्या हमारे देश की हालत अफ़ग़ानिस्तान, और अन्य देशों की तरह नहीं हो जाएगी जहां लोग एक दूसरे को खत्म करने में लग गए थे। देश गृह युद्ध की तरफ बढ़ जाएगा। इसलिए हम इस हिन्द बहलतावादी सोच और मस्लिम को दसरे दर्जे का नागरिक बनाने का कड़ा विरोध करते हैं. देश को अंधराष्ट्रवाद की जहरीली खाई में धकेलने की इस कार्यवाही के खिलाफ एकजुट होने की अपील भी करते हैं। हम तमाम साथियों से आह्वान करते हैं की इस खरतनाक साजिश के विरुद्ध एक हो कर मोदी सरकार के इस मंसूबे का विरोध करें। दोस्तों, अब समय आ गया है कि हम आम जनता आने वाले काले दिन के खिलाफ एक होकर संघर्ष करें। साथियों फासीवादी सरकार जनता को धर्म के नाम पर बाँट इस देश पर पूरी तरह से फासीवादी शासन लागू करना चाहती है। आज इसने मुसलमानों को अलग करने का काम शुरू किया है, आगे यह दलितों, आदिवासीयों और सभी दबे कुचलों के साथ ऐसा ही व्यवहार करेगी। ब्राह्मणवादी-फासीवादी शासन की तरफ इसने एक क़दम उठा लिया है, अगर इसका विरोध नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में हमारी देश की जनता उस काले काननों और बर्बर शासन व्यवस्था में जीने को मजबूर हो जाएगी। आज समय है की हम एक साथ पूरे जोर से इस शासन को टक्कर दें और उसे बतला दें कि देश की जनता अब उसकी छद्म देशभक्ति के बहकावों में आने वाली नहीं है। देश का युवा, मेहनतकश जाग रहा है, इस आन्दोलन को अब नये ऊँचाई पर ले जाने का समय आ गया है, एनआरसी, सीएए, एनपीआर की लड़ाई को लम्बी राजनितिक संघर्ष में बदलने का समय आ गया है, आज एक बार फिर हमे सर्वहारा वर्��� की राजनीति को मध्य में लाना होगा और देश में आमूल परिवर्तन की लडाई को तेज़ करना होगा। नाम * तमाम नागरिकता कानून को वापिस लो * देश को धर्म के आधार पर बांटने का पुर जोर विरोध करो * नागरिकता कानून की आड़ में भाषाई, धार्मिक और जातिय आधार पर जनता को बाँटने के खिलाफ संघर्ष तेज़ करो * मोदी साकार द्वारा देश में फ़ासीवाद लाने की कोशिश को जन-एकता से ध्वस्त करो लोकपक्ष Phone: 886030502, Email: [email protected]
1 note · View note
abhay121996-blog · 3 years
Text
World Health Day : आज पूरी दुनिया वर्ल्ड हेल्थ डे मना रही है...इन 10 गंदी आदतों को आज ही छोड़ दें ? कोरोना वायरस क्या कोई भी बीमारी आपको छू भी नहीं पाएगी Divya Sandesh
#Divyasandesh
World Health Day : आज पूरी दुनिया वर्ल्ड हेल्थ डे मना रही है...इन 10 गंदी आदतों को आज ही छोड़ दें ? कोरोना वायरस क्या कोई भी बीमारी आपको छू भी नहीं पाएगी
लाइफस्टाइल डेस्क। आज बुधवार 7 अप्रैल को दुनियाभर में लोगों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। दरअसल आज वर्ल्ड हेल्थ डे है। पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है ऐसे में ये दिवस अच्छी हेल्थ के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है।
पिछले एक साल में हाइजीन और सेहत के महत्‍व को पूरी दुनिया के लोग अच्छे से समझ चुके हैं। और लोगों को ये भी पता चल चुका है कि हम अपनी ही कुछ आदतों में सुधार लाकर या दिनचर्या में बदलाव लाकर खुद और परिवार को कई बड़ी बीमरियों से बचा सकते हैं। पिछले एक साल में हमने हेल्थ के नजरिये से बहुत सोचा है। ये अच्छा भी है लेकिन अभी भी कई ऐसी आदतें हैं जिन्हें हम छोड़ नहीं पाए हैं। आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के दिन हम आपको उन्हीं 10 आदतों के बारे में बता रहे हैं जिनका आपको जल्�� से जल्द त्याग करना है। आपका ये त्याग आपके अच्छे स्वास्थ्य को सामने लाएगा।
तो आइये आज वर्ल्ड हेल्थ डे पर जानते हैं 10 उन आदतों के बारे में जिन्हें जल्द से जल्द डिलीट मार देना अच्छा है…
1. बार-बार चेहरे को छूना
एक शोध में सामने आया है कि आम तौर पर हम अपने चेहरे को हर घंटे करीब 200 बार किसी ना किसी बहानें छूते रहते हैं। यूनीसेफ के मुताबिक, हमें बार बार अपने चेहरे, नाक, आंख, कान और मुंह को छूने से बचना चाहिए
2. हथेली पर छींकना या खांसना
जब भी खांसी या छींक आती है तो आमतौर पर लोग अपनी हथेली से मुंह को ढंकने की कोशिश करते हैं। ऐसा ना करें। अगर आपको छींकना हो या खांसना हो तो हथेली की जगह कोहनी से अपने चेहरे को ढकें। आप रुमाल की जगह टिशू पेपर का प्रयोग करें और एक ही यूज़ के बाद उसे किसी डस्‍टबिन में फेंक दें।
3. साबुन से हाथ न धोएं
घर पर भी अपने हाथों को हर कुछ देर में साबुन से साफ करना जरूरी है। यूनीसेफ के मुताबिक, आपको हर 20 से 25 मिनट के अंतराल पर साबुन से हाथ साफ करने की आदत डालनी चाहिए।
4. घर की सफाई न करना
अपने घर के सभी सर्फेस एरिया खासतौर पर जहां लोग बार बार हाथ रखते हैं जैसे दरवाजे, आलमारी, टेबल, सोफा का हैंडल आदि जरूर साबुन के घोल या सैनेटाइजर से साफ करें। आप अल्‍कोहल बेस्‍ड सौल्‍यूशन से भी इन तमाम चीजों की सफाई करें।
5. देर रात तक जगना
लेट नाइट जागने से आपकी सेहत पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। रात की जगह अगर आप ये सोचते हैं कि दिन में सोकर नींद पूरी की जा सकती है तो यह आपके सोने के पैटर्न को खराब करता है। इम्‍यूनिटी पर भी फर्क पड़ता है।
6. बाजार से आए सामान को डिस्‍इंफेक्‍ट नहीं करना
बाजार से आए समान को डिस्‍इंफेक्‍ट करना बहुत जरूरी है। आप इन्‍हें अल्‍कोहल बेस्‍ड सॉल्‍यूशन या लिक्विड डिटरजेंट से वाइप भी कर सकते हैं।
7. दिनभर टीवी और कंम्‍प्‍यूटर के सामने बैठे रहना
अगर आप भी दिन भर बैठे रहते हैं तो ऐसा बिलकुल ना करें। सुबह जल्‍दी उठें और मॉर्निंग वॉक पर जाएं। विडियो गेम पर वक्‍त गुजारने की जगह दोस्‍तों यारों के साथ आउटडोर गेम खेलें। आप जितना ऐक्टिव रहेंगे आपकी सेहत उतनी हीं दुरुस्‍त रहेगी।
8. दो बार ब्रश जरूर करें
बचपन से ही डेंटिस्‍ट यह कहते आ रहे हैं कि हमें दो बार ब्रश तो जरूर करनी चाहिए। दरअसल यह बहुत ही जरूरी आदत है। यह ना केवल आपके दांतों के लिए अच्‍छा है बल्कि आपके ओरल हाइजिन को मेंटेन करने के लिए भी बहुत जरूरी है।
9. बाहर के जूते चप्‍पल घर में पहनना
बाहर से जब भी कोई आए तो उन्‍हें घर के बारह हीं जूते उतारने की सलाह दें। आप घर के लिए अलग चप्‍पल रख सकते हैं। ये आदत आपके घर को बैक्‍टेरिया और वायरस से फ्री बनाएंगा और कोरोना ही नहीं, कई बीमारियों को घर से बाहर ही रखेगा।
10. नाखून न काटना
बीमारियों से बचना है तो नाखूनों को ट्रिम रखना बहुत जरूरी है। बच्‍चों के साथ साथ बड़ों के लिए भी यह नियम लागू होते हैं। अगर आप महिला है तो लंबे नाखूनों का मोह त्‍यागें और छोटे नाखूनों को अपना स्‍टाइल सिंबल बनाएं।
0 notes
sabkuchgyan · 3 years
Text
नींद ना आए तो क्या करें
नींद ना आए तो क्या करें #Lifestyle #Relationship
इंसानी शरीर को नींद की उतनी ही जरूरत है जितनी खाने पीने की. नींद का ना आना बीमारी का संकेत हो सकता है. इसलिए गहरी नींद में सोने की कोशिश जरूर करनी चाहिए. लेकिन इसके लिए करना क्या चाहिए?हर उम्र में शरीर की नींद को ले कर जरूरत बदलती है. नवजात शिशु 18 घंटे तक सोते हैं. वहीं वयस्कों को औसतन आठ घंटे की नींद की जरूरत होती है. नींद पूरी ना होने पर थकान होने लगती है और कुछ भी करने में मन नहीं लगता. ऐसा…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
chaitanyabharatnews · 3 years
Text
धूम्रपान करने के मामले में विश्व में दूसरे नंबर पर भारत, एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट हो जाते है कम
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरे विश्व में धूम्रपान करने वाले लोगों की 12% आबादी भारत में है। भारत पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर है, जहां सबसे अधिक धूम्रपान किया जाता है। हर दिन लगभग 2500 लोगों की धूम्रपान से मौत होती है। एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट कम हो जाते हैं। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति स्वयं को तो नुकसान पहुंचाता ही है बल्कि पैसिव स्मोकर के रूप में आसपास के लोग इससे प्रभावित होते हैं इसलिए कहीं ना कहीं प्रत्येक व्यक्ति इससे अछूता नहीं है। धूम्रपान करने से कैंसर,हृदय रोग, डायबिटीज ,शरीर पर होने वाले घाव एवं अनेक हार्मोनल डिसऑर्डर होने की संभावनाएं रहती हैं और इसका सेवन करने वाले व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन इनसे होने वाली तकलीफों को भी महसूस करता ही है। आजकल बाजार में असामाजिक तत्वों के द्वारा युवा पीढ़ी को जाने अनजाने में इन उत्पादों की आदत लगाई जा रही है जिसके भविष्य में गंभीर परिणाम सामने आएंगे। सर्वे में देखा गया है कि 53% लोगों ने इसको छोड़ ना चाहा, किंतु वह नाकाम रहे, क्योंकि धूम्रपान से निकले केमिकल एवं निकोटिन नर्वस सिस्टम पर कार्य करता है। इसे लेने पर लोगों को कुछ समय के लिए बेहतर और तनाव रहित लगता है, किंतु यह एक मिथ्या भ्रम है। धीरे-धीरे यह आदत शरीर को कंकाल बना देती है। व्यक्ति की सामाजिक,आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक स्थिति दयनीय हो जाती है।
Tumblr media
डॉ. अखलेश भार्गव (आयुर्वेद विशेषज्ञ) ने बताया कि सबसे पहले हमें धूम्रपान के क्या कारण हैं इनको जानना होगा। अधिकांश लोगों ने बताया कि तो तनाव से बचने के लिए अथवा काम के अधिक प्रेशर होने के कारण धूम्रपान करते हैं। एक बार सेवन करने से शरीर को निकोटिन की आदत हो जाती है फिर यह शौक आदत में बदल जाता है। बार-बार शरीर को उसकी जरूरत पड़ती है और व्यक्ति धूम्रपान पर निर्भर हो जाता है। कैसे करें उपचार सर्वप्रथम रोगी की आत्मशक्ति प्रबल होना चाहिए कि वह नशा छोड़ना चाहे। धूम्रपान करने वाले लोगों का साथ छोड़ना चाहिए। परिवार वालों के साथ अधिक समय देकर अपने आप को व्यस्त रखना चाहिए। सरकार एवं निजी क्षेत्रों में नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। उनकी सहायता लेना चाहिए। एफडीए द्वारा स्वीकृत निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी कारगर है। मोबाइल में कुछ ऐप जैसे क्विट नाउ क्विट स्मोकिंग, क्विट ट्रैकर, स्टॉप स्मोकिंग ऐप पर धूम्रपान के नुकसान। इसको छोड़ने से होने वाले फायदे आदि की जानकारी उपलब्ध है। यहां पर ऐसे व्यक्ति भी मिलेंगे जो धूम्रपान छोड़ चुके हैं और स्वस्थ हैं। योगा ,प्राणायाम के द्वारा तनाव मुक्ति एवं शरीर में बल प्राप्ति। पंचकर्म चिकित्सा द्वारा भी लाभ मिलता है। आयुर्वेद दवाइयों के प्रयोग से धूम्रपान छोड़ने में मदद मिलती है। अदरक, आंवला व हल्दी का चूर्ण उपयोगी है। मानसिक तनाव को दूर करने हेतु अश्वगंधा, ब्राह्मी ,मंडूकपर्णी उपयोगी है। यदि रोगी को नींद नहीं आए तो चिकित्सक की देखरेख में सर्पगंधा चूर्ण ले सकते हैं। भूख ना लगने पर चित्रक ,त्रिकटु ,अजवाइन आदि का प्रयोग किया जा सकता है। उल्टी का मन होने पर बड़ी इलायची का चूर्ण लाभदायक है। यदि रोगी को कब्ज जाने लगे तो आंवला, हरीतकी, सनाय आदि लाभदायक है।सभी दवाइयां चिकित्सक की देखरेख में लेना चाहिए। डॉ. अखलेश भार्गव, आयुर्वेद विशेषज्ञ एसोसिएट प्रोफेसर , अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज, लोकमान्य नगर इंदौर Read the full article
0 notes
Text
घर पर गर्भावस्था (Pregnancy) का परीक्षण कैसे करें
मां का नाम सुनते ही हमारी दुनिया साकार नजर आती है। ऐसा लगता है मानो हमारी सारी उलझन  एक मां के सामने छोटी हो गई हो। मां बनना एक स्त्री को संपूर्णता की ओर ले जाता है। जब स्त्री गर्भवती होती है, तो उसे खुद का ध्यान रखने की नसीहत दी जाती है।
कभी-कभी मन में गर्भावस्था को लेकर कई बार असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है ऐसे में समझ नहीं आता कि गर्भावस्था है भी या नहीं। प्रकृति के इस अनुपम सौगात से कोई भी स्त्री मरहूम नहीं होना चाहती। ऐसे में स्त्रियां बिना किसी कष्ट के घर में ही अपनी गर्भावस्था का परीक्षण आसानी से कर सकती हैं।
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण क्या है
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण में मां बनने के सपने को पूरा होते देखा जा सकता है जिसमें एचसीजी  (Human chorionic gonadotropin) के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। इस परीक्षण के माध्यम से गर्भावस्था के समय उत्पन्न हार्मोन का पता लगाया जाता है, जो कि  बढे़ हुए स्तर में होता है। जैसे ही गर्भावस्था शुरू होती है तो शरीर में एचसीजी का उत्पादन शुरू हो जाता है। घरेलू गर्भावस्था परीक्षण में यूरिन के माध्यम से एक  परीक्षण होता है जो सुबह  होना अनिवार्य होता है। जब गर्भावस्था शुरुआती दौर में होती है, तो ऐसे में शरीर में एचसीजी का हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि घरेलू गर्भावस्था परीक्षण नकारात्मक आ जाए तो ऐसे में घबराने से अच्छा है कि कुछ दिनों बाद फिर से परीक्षण करें। कई बार एचसीजी के बदलते स्तर की वजह से भी एक बार में परीक्षण सही नहीं आ पाता है।
जाने क्या है घरेलू गर्भावस्था परीक्षण के तरीके ( Ghar Par Pregnancy Test Kaise Kare)
आज हम गर्भावस्था परीक्षण के कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जो आपको सही परिणाम बताएंगे और इसके लिए आपको कोई परेशानी भी नहीं उठानी पड़ेगी। 1) आप सभी के घर में कांच का गिलास या बर्तन अवश्य रूप से होगा। यदि आप उसमें अपनी सुबह का यूरिन डाले तो कुछ ही देर में उसमें आपको सफेद परत दिखाई देने लगेगी। यदि यथासंभव आपको सफेद परत दिखाई दे, तो आप गर्भवती हैं। 2) इसी प्रकार यदि आप साबुन में कुछ बूंदे अपने यूरिन की डाले तो उस पर बुलबुले दिखाई देते हैं। बुलबुलों के दिखाई देने पर आप गर्भवती प्रमाणित होती है अन्यथा नहीं। 3) किसी सफेद टूथपेस्ट में यूरिन की बूंदे डालने पर यदि टूथपेस्ट सफेद से रंग परिवर्तित करके नीला हो जाए तो यह गर्भावस्था का प्रमाण है। 4) डेटॉल का उपयोग हम सभी अपने घरों में करते हैं लेकिन इससे आप अपने गर्भावस्था का भी परीक्षण कर सकती हैं। इसके लिए कांच के बर्तन में बराबर रूप से यूरीन और डेटॉल लेंगे। यदि उस पर यूरिन तैरने लगे तो आप गर्भवती हैं और यदि यूरिन और डेटॉल घुल जाए तो आप गर्भवती नहीं हैं। 5) विनेगर  भी इस परीक्षण में आपकी मदद कर सकता है। यदि आप विनेगर में यूरिन में मिलाएं और विनेगर का रंग परिवर्तित होने लगे तो इसका मतलब  है कि आप गर्भवती हैं।
गर्भावस्था परीक्षण के लिए नमक भी है महत्वपूर्ण
अभी तक आप लोगों ने नमक का बहुत से महत्वपूर्ण उपयोग के बारे में सुना और देखा होगा। जो हमारी सेहत के लिए भी बहुत ही फायदेमंद है। पर आपको जानकार आश्चर्य होगा कि नमक का उपयोग गर्भावस्था परीक्षण में भी किया जा सकता है। इसके लिए सुबह के पहले यूरिन का सैंपल लेना होगा उस यूरिन में तीन चौथाई चम्मच नमक मिला लेंगे। कम से कम 5 मिनट का इंतजार करें अगर आप गर्भवती हैं तो नमक से झाग उत्पन्न होगा अन्यथा नहीं। यह प्रयोग घर पर ही बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है।
शक्कर से भी किया जा सकता है गर्भावस्था का परीक्षण
हमारे रसोई में बहुत से ऐसे पदार्थ हैं जिनका उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है जिनमें से एक है शक्कर। शक्कर का उपयोग घर में गर्भावस्था परीक्षण में भी किया जाता है। इसमें एक कटोरी में शक्कर ले और उसमें थोड़ा सा यूरिन मिला ले। कुछ मिनट तक इंतजार करें उसके बाद आप देखेंगे कि यूरिन के संपर्क में शक्कर के आने पर बढ़े हुए एचसीजी हार्मोन शक्कर को खोलने से रोक देता है। इस तरह से आपकी गर्भावस्था कंफर्म हो जाती है यदि शक्कर यूरिन में घुल जाए तो इसका मतलब यही है कि गर्भावस्था नेगेटिव है। इस तरह शक्कर के माध्यम से भी आसानी से घर में ही रहकर गर्भावस्था का परीक्षण किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी किट भी है कारगर
अगर किसी कारणवश महिला बाहर नहीं जा सकती और उसे शुरुआती समय में गर्भ अवस्था का पता लगाना हो तो प्रेगनेंसी किट का भी उपयोग किया जा सकता है। जिसमें सुबह के यूरिन को उस प्रेगनेंसी किट में रखने पर प्रदर्शित होने वाली दो लाइनों के माध्यम से गर्भ अवस्था को समझा जा सकता है। ज्यादातर महिलाएं इस तकनीक के माध्यम से ही अपने गर्भावस्था का पता आसानी से लगा लेती हैं।
प्रेगनेंसी किट खरीदते समय रखे इन सावधानियों को
किसी महिला का मां बनना अनमोल पलों में से एक होता है। ऐसे में हार्मोन बदलाव के कारण स्वभाव में परिवर्तन देखा जा सकता है। घर में यह गर्भावस्था किट का उपयोग करना आसान है फिर कुछ सावधानियां बहुत ही आवश्यक है।
1) जब भी घरेलू गर्भावस्था किट का उपयोग करें तो पहले किसी की सही दिशा निर्देश पर ही इसका उपयोग करें।
2) इस बात को सुनिश्चित कर लें कि पैकेट पूरा ��ंद हो।
3) गर्भावस्था किट की समाप्ति की तारीख को जांच परख लें ऐसा ना करने पर कभी-कभी गलत परिणाम भी देखे जा सकते हैं।
4) अगर एक बार में परिणाम सही नहीं आए तो कुछ देर के बाद फिर से करके देखें यह आपके लिए फायदेमंद होगा।
कब किया जा सकता है घरेलू गर्भावस्था परीक्षण
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण तब किया जाना सही माना जाता है जब मासिक धर्म का समय निकले 1 से 2 सप्ताह हो गए हो। ऐसे समय में महिला के शरीर में एचसीजी हार्मोन का निर्माण होता है जिसके माध्यम से ही गर्भावस्था की सत्यता पता चलती है। कुछ मुख्य परिस्थितियों के होने पर ही घरेलू गर्भावस्था परीक्षण किया जाना सही रहता है।
1) यदि मासिक धर्म आने में देर हो रही हो– प्रत्येक महिला में मासिक धर्म का चक्र अलग अलग होता है। समानता यह 28 से 30 दिनों का होता है। यदि मासिक धर्म आने की तारीख आगे बढ़ चुकी हो ऐसे में घरेलू गर्भावस्था  परीक्षण करना सही रहता है।
2) यदि आपको बेचैनी लग रही हो — गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में बहुत ही अजीब सी बेचैनी लगने लगती है। जब भोजन के प्रति अरुचि, थकान, चक्कर, बार-बार यूरिन आना जैसी दिक्कतें देखी जा सकती है। ऐसे समय में भी एक बार घरेलू गर्भावस्था परीक्षण करना उचित रहता है।
3) पेट में ऐंठन का होना — यदि मासिक धर्म ना आने की स्थिति में पेट में ऐठन हो। यह अंडे के प्रत्यारोपण से भी होता है। बार-बार ऐसा होने पर गर्भावस्था परीक्षण किया जा सकता है।
4) स्तनों में दर्द होना– महिलाओं में हार्मोन की अधिकता से गर्भ अवस्था के शुरुआती दिनों में स्तनों में पीड़ा होती है। कभी-कभी स्तन कठोर  भी हो सकते हैं ऐसी स्थिति में भी गर्भावस्था परीक्षण किया जा सकता है।
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण की सटीकता
ज्यादातर ऐसा देखा जाता है कि घरेलू गर्भावस्था की पुष्टि सही ही होती है सिर्फ 1% ही ऐसे मामले होते हैं जब गर्भावस्था का परीक्षण सही नहीं हो पाता। ऐसे हार्मोन में एचसीजी का लेवल कम होने से होता है। ऐसे में पूरी सतर्कता और सावधानी से ही गर्भावस्था का परीक्षण किया जा सकता है।
घरेलू सामग्री भी है फायदेमंद
कई बार ऐसा देखने में भी आता है कि हम बाहरी दिखावे में रह जाते हैं पर घरेलू सामग्रियों के माध्यम से भी हम अपनी समस्या का सामना आसानी से कर सकते हैं। कई बार गर्भावस्था के बार-बार खरीदने में भी हमें हिचक महसूस होने लगती है और सही तरह से हम अपनी बात नहीं कह पाते हैं। गर्भावस्था परीक्षण की बात भी आसानी से हर किसी से करना सही नहीं होता। और कभी-कभी तो बाजार जा कर बार-बार किट लेना भी मुश्किल काम ही लगता है।
ऐसे समय में घरेलू सामग्रियों के माध्यम से अपने गर्भावस्था का परीक्षण किया जा सकता है जिसे करने में झिझक भी महसूस नहीं होती और ना ही किसी को बताने की आवश्यकता होती है। हमने जो भी घरेलू टिप्स दिए हैं उन के माध्यम से आप आसानी से गर्भावस्था परीक्षण कर सकती हैं और सही परिणाम भी प्राप्त किया जा सकता है जिसे कम खर्च में आसानी से घर पर ही  किया जाता है।
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण और डॉक्टर के परीक्षण के मध्य अंतर
महिलाएं घरेलू तरीकों के माध्यम से ही खुद ही अपनी गर्भावस्था का परीक्षण कर लेती हैं, तो कई बार तो डॉक्टर के पास जाना ही बेहतर समझा जाता है। ऐसा देखा जाता है कि डॉक्टर भी किट के माध्यम से ही परीक्षण करते हैं। कभी-कभी तो गर्भावस्था के लिए यूरिन टेस्ट, हार्मोन टेस्ट और ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। किए गए ब्लड टेस्ट में भी सही तरीके से बच्चे में होने वाले सक्रिय वृद्धि को देखा जा सकता है। बाद में डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड की जांच भी होती है जो गर्भावस्था को प्रमाणित कर बच्चे की वृद्धि पर जोर देती है। ऐसा माना जाता है कि  एक बार घरेलू परीक्षण के बाद डॉक्टर के पास जाना भी आवश्यक परीक्षण अवश्य करवा लेना चाहिए जो अपने आने वाले बच्चे के लिए लाभप्रद हो।
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण के लाभ (ghar par pregnancy check karne ke labh)
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण से महिलाओं को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं 1) इस परीक्षण में ज्यादा समय नहीं लगता आप आसानी से ही घर पर गर्भावस्था परीक्षण कर सकती हैं।
2) घरेलू परीक्षण बार-बार बाजार जा कर किट लाने के झंझट से भी बचाता है।
3) इस घरेलू परीक्षण को आप घर मे उपलब्ध सामग्रियों से ही कर सकते हैं।
4) घरेलू गर्भावस्था परीक्षण आप बिना किसी की मदद से स्वयं ही कर सकते हैं।
5) इस गर्भावस्था परीक्षण से आप अपनी गर्भावस्था को गुप्त भी रख सकते हैं।
6)  इस परीक्षण में कम खर्च होता है, तो अच्छा विकल्प हो सकता है।
गर्भावस्था है महिलाओं के लिए खास
पूरे जीवन चक्र में महिला के गर्भावस्था का समय ही सबसे खास रहता है। इस समय में महिलाओं को अपने ऊपर भरपूर ध्यान देने की सलाह दी जाती है ताकि आने वाले बच्चे को सही पोषण मिल सके। ऐसे समय में महिलाओं को उचित आहार, पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है तभी बच्चे में सही वृद्धि व विकास हो पाता है ।
घरेलू परीक्षण से महिलाएं गर्भावस्था को सुरक्षित कर सही दिशा निर्देश में रहते हुए आगे बढ़ सकती हैं। यह परीक्षण आसानी से किया जा सकता है। यह समय महिलाओं को खुद पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि प्रकृति की अनुपम सौगात को प्रकृति से शुरू किया जा सके। महिलाओं को बिना किसी परेशानी के इस अवस्था का भी आनंद लेना चाहिए और बेहतर भविष्य का आकलन करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
Reference: https://www.ghareluayurvedicupay.com/ghar-par-pregnancy-test-kaise-kare/
0 notes
bholanathbiswas · 3 years
Text
रात को नींद ना आए तो क्या करें
0 notes
hindistoryblogsfan · 4 years
Link
Tumblr media
रविवार, 20 सितंबर 2020 को टैरो राशिफल के मुताबिक 12 में से 8 राशियों के लिए दिन कई मामलों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। कुछ लोगों के लिए नए लोगों से संपर्क बनने या दोस्ती होने का संकेत है। कुछ लोगों को अपने काम का पूरा परिणाम मिल सकता है। वहीं, 4 राशियों के लिए दिन संघर्ष भरा हो सकता है। मेष राशि वालों के लिए समस्याओं का सामना करने की शक्ति मिलने का संकेत, वृष राशि वालों के लिए मेहनत और लगन का फल मिलने का है दिन, मिथुन राशि वालों के लिए खुद में आए बदलाव को समझने का समय। आपके लिए कैसा रहेगा दिन जानिए टैरो कार्ड रीडर प्रणिता देशमुख से।
मेष - Courage
आज का दिन आपको समस्याओं का डटकर सामना करने की शक्ति देगा। आप बाहर से थोड़े कठोर हैं, लेकिन अंदर से कोमल भी हैं। आज इसी कोमलता का अनुभव आपके परिचित लोगों को होगा। वैसे तो आप मित्र आसानी से बनाते नहीं हैं, जब आपका कोई मित्र बनता है, वह आपके परिवार के सदस्य की तरह होता है। यही मैत्री आपका हमेशा से प्रेरणा स्त्रोत्र रही है। आज भी आपके किसी मित्र के सहयोग से आप कठिन निर्णय आत्मविश्वास के साथ ले सकेंगे। करियर - नौकरी छोड़ने का निर्णय अपनी आर्थिक परिस्थिति का अंदाज लगाकर लें। लव - आप के निर्णय में पार्टनर का सहयोग होगा। हेल्थ - शाम को सर में भारीपन महसूस हो सकता है।
वृषभ - Completion
आपको किसी बात में मिली सफलता पूर्णत्व का एहसास देगी। आपकी मेहनत और लगन का फल आपको मिल रहा है। परिस्थिति में बदलाव धीमी गति से आएगा। मानसिक रूप से आज आपको पूर्ण समाधान प्राप्त होगा। आर्थिक परिस्थिति में बदलाव आ रहा है। यदि कोई बात के लिए परिवार के सदस्य की सहायता चाहिए तो आप खुल कर बात करें लेकिन पैसों से जुड़ा एहसान ना लें। करियर - कला से जुड़े व्यक्ति आज अधिक मेहनत करें। लव - पार्टनर के साथ मतभेद हो सकता है। हेल्थ - हड्डी से जुड़े दर्द में राहत मिलेगी।
मिथुन - EXPERIENCING
आज आपका अनुभव सबसे बड़ा शिक्षक होगा। अपनी गलतियों को अपनी कमजोरी ना समझें, पुरानी घटना को याद करके आपके अंदर जो बदलाव आया है, उसे जानने की कोशिश करें। यह आपको खोया हुआ आत्मविश्वास लाने और स्वयं प्रेरणा के लिए उपयुक्त होगा। फूल वाले पेड़ या पौधों के पास बिताया समय से में ऊर्जा का संतुलन रखने में मददगार होगा। करियर - खोए हुए अवसर को याद ना करें। आपके काम पर नकारात्मक असर हो सकता है। लव - पार्टनर्स में थोड़ा तनाव रहेगा। हेल्थ - बैच फ्लावर रेमेडी से मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस होगा।
कर्क - THE BURDEN
आप काम और परिवार के बीच आज फस जाएंगे आपकी काम की क्षमता अधिक है ल��किन काम से जुड़े योजना पर अमल न करना और आपका आलस आज आप पर भारी पड़ेगा। परिवार के व्यक्ति के दबाव में आकर लिया निर्णय पछतावे का कारण होगा। व्यक्तिगत सीमाएं क्या है और आप किस तरह से उनका पालन कर सकते हैं; इस बात पर ध्यान देना जरूरी होगा। करियर - अधिक काम की वजह से दिन की शुरुआत में तनाव रहेगा। लव - पारिवारिक समस्या सूलझाते जाते वक्त पार्टनर को दुर्लक्षित ना करें। हेल्थ - गर्दन और कंधे का दर्द थोड़ा परेशानी देगा।
सिंह - GOING WITH THE FLOW
कुछ समस्याएं दिन की शुरुआत में अचानक खड़ी होगी। इन समस्याओं को अनदेखा ना करें, ना ही हल्के में लें, कोई भी परिस्थिति पर अपना पूर्ण नियंत्रण नहीं होता है, फिर भी अपने प्रयत्नों में कमी न रखें। यदि समस्या पैसों से जुड़ी है तो निर्णय लेने में हड़बड़ी न करें। परिस्थिति का अस्थाई रूप से निकाला समाधान परिस्थिति को और खराब कर सकता है। आसपास के लोगों को गहराई से परखना होगा। करियर - कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी करने वालों को परमानेंट किया जा सकता है। लव - पार्टनर की भावनाओं का आदर करें। हेल्थ - पेट से जुड़ी बीमारी ठीक होगी।
कन्या - BREAKTHROUGH
अटके हुए काम अचानक से होने लगेंगे। यदि कोई कानूनी समस्या परिवार से जुड़ी प्रॉपर्टी के बारे में है तो उस बारे में निर्णय आज ना लें। अगले 3 महीनों की योजना के बारे में निर्णय होगा। आज आप काम में अपनी रुचि बढ़ाने का प्रयास करेंगे। अटका हुआ पैसा मिलने की और लोन से मुक्ति पाने की संभावना है। भविष्य से जुड़े विचारों को दिशा प्राप्त होगी। करियर - मनचाही जगह तबादला होगा। लव - पार्टनर के बीच हुई पुरानी समस्या सुलझेगी । हेल्थ - वजन कम करने के प्रयास में प्रगति दिखेगी।
तुला - LETTING GO
आज आपका मित्र आपका मार्गदर्शक होगा। आपको अपनी भावनाओं को अलग तरीके से देखने का नजरिया इस व्यक्ति द्वारा प्राप्त होगा। परिवार के साथ हुए पुरानी झगड़े सुलझेंगे। आध्यात्मिक स्तर पर प्रगति होगी। पुस्तक द्वारा प्राप्त किया ज्ञान आपको भावनात्मक स्तर पर मददगार होगा। आपके जीवन की दिशा बदलने के लिए उत्तम दिन होगा। मित्र से उपहार प्राप्त हो सकता है। पिताजी से अच्छे संबंध बनाने का प्रयास जारी रखें। करियर - व्यापारी वर्ग नए काम को शाम 4 के बाद शुरू करें। लव - टूटे हुए रिश्ते को बचाने का और प्रयास न करें। हेल्थ - श्वसन संबंधित तकलीफ दूर होगी।
वृश्चिक - TRAVELLING
आपके ��त को विरोध करने वाला व्यक्ति आपके खिलाफ नहीं है। बस, आपके मत का विरोध कर रहा है। यह ध्यान रखिए। काम की जगह पर अपनी जिद की वजह से आप अकेले पड़ सकते हैं। वरिष्ठों से समस्या के बारे में खुलकर चर्चा करें। ऑफिस की राजनीति से जितना दूर रहेंगे, उतना आपके लिए बेहतर होगा। काम में मिली असफलता का परिवार पर भी असर हो सकता है। संयम से काम लें। करियर - नए काम की जिम्मेदारी अकेले ना लें। लव - वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव रहेगा। हेल्थ - पेट में जलन आज तकलीफ देगी।
धनु - HARMONY
बीती हुई घटनाओं से समझौता होगा जो आपको मानसिक शांति और आगे बढने की प्रेरणा देगा। काम में हो रही प्रगति आपको भविष्य के बारे में सकारात्मक बना देगी। भावनाओं में आया संतुलन आपको काम में अधिक फोकस करने में मददगार होगा। शैक्षणिक क्षेत्र में प्रगति से आर्थिक सहायता भी उपलब्ध हो सकती है। घर के मामलों में अधिक दखल ना दें। सहकर्मी और मित्र परिवार के साथ तालमेल बना रहेगा। करियर - मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोग अधिक मेहनत करें। लव - लव लाइफ में नया मोड़ आ सकता है। हेल्थ - सिर-दर्द आंखों से जुड़ी परेशानी से हो सकता है।
मकर - THE MISER
आपकी मानसिक अवस्था का अभ्यास आपको करना पड़ेगा। नकारात्मक विचार प्रणाली किस सदस्य की वजह से है। यह आप को ढूंढना होगा। आपके स्वभाव पर पड़ा, असर बचपन में मिले व्यवहार की वजह से है। खुद में सुधार लाने के लिए पर्याप्त दिन है। भावनात्मक स्तर पर किया सुधार जीवन से जुड़े सभी पहलुओं में सुधार लाएगा। नकारात्मक विचारों को अधिक महत्व ना दें। करियर - आर्थिक व्यवहार में कोई फंसा सकता है। लव - पार्टनर द्वारा इमोशनल चीटिंग होने की संभावना। हेल्थ - पीठ दर्द थोड़ी तकलीफ देगा।
कुंभ - SLOWING DOWN
जीवन की भागदौड़ से आज मन उब जाएगा। अपने बड़े लक्ष्य को छोटे-छोटे लक्ष में बांटना आपका मानसिक भार हल्का कर सकता है। भले ही काम से जुड़े क्षेत्र में अभी मनचाहे तरक्की ना हो रही हो फिर भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे। बूंद-बूंद से सागर बनता है। वैसे ही, हर दिन की हुई छोटी तरक्की भी बड़ा फायदा दे सकती है। जीवन शैली में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत होगी। करियर - अपने करियर से जुड़े प्रश्न आज सताएंगे। लव - प्रेम संबंध में प्रगति होगी। हेल्थ - नींद पूरी लेने की कोशिश करें।
मीन - INNER VOICE
यह समय आप पर चंद्र की शक्ति का प्रभाव अधिक दर्शाता है। चंद्र की कला के अनुसार आप में भी भावनात्मक स्तर पर बदलाव दिखेंगे। नकारात्मक ऊर्जा को कम करने के लिए पीली वस्तुओं का दान करें। जब भी भावनाओं का प्रभाव अधिक दिख रहा हो, किसी से भी बहस करने से परहेज करें। वरना, अभी बोली हुई बातों का परिणाम बड़ा नुकसान करा देगा। मेडिटेशन और मंत्र जाप से डर कम होगा। करियर - सहयोगी और भागीदार से सोच समझ कर बात करें। लव - रिलेशनशिप से जुड़ा निर्णय आज ना लें। हेल्थ - नींद और खानपान का विशेष ध्यान रखें।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Tumblr media
Sunday rashifal 20 September 2020 daily horoscope in hindi pranita deshmukh dainik rashifal rashifal in hindi daily horoscope
0 notes
forsagemoney · 4 years
Text
*VGF CLUB INTERNATIONAL HOLIDAY PVT LTD*
🕸 नमस्कार🙏
हमारा बार बार आपको VGF CLUB INTERNATIONAL के बारे में बताने का मतलब सिर्फ़ आपको ये एहसास दिलाना है, कि एक बड़ा ~मौक़ा~ आपके सामने से गुजर रहा है, जिसमें आपके लिए अपार संभावनाएं हैं..
लेकिन कहीं आप इसे अपने जीवन के नकारात्मक अनुभवों की वजह से अनदेखा न कर दें....
यक़ीन कीजिये, ये बड़ा मौका है आपके लिए...
🕸VGF CLUB INTERNATIONAL PVT LTD🕸
क्या आप प्लान कर कर के थक गए हैं अगर हां तो अपने अंदर नकारात्मक उर्जा को बाहर निकाल कर इस प्लान को और समझने की कोशिश करें जरूर करें
अच्छी कंपनी के साथ जुड़कर बिजनेस करना क्यू जरूरी है ?
🌸 समय की बर्बादी ना हो ।
🌸 पैसे की बर्बादी ना हो ।
🌸 मेहनत खराब ना हो ।
🌸 रिलेशनशिप खराब ना हो ।
🌸 वर्तमान और भविष्य खराब ना हो ।
🌸 समाज मे इज्जत बनी रहे ।
🌸 किसी की लाइबिलिटी ना हो ।
🌸 सुकून भरी जिंदगी जी सके ।
🌸 अच्छी नींद आए इसलिए••••••••••••••
🌸 सबकुछ मिलेगा आपको एक ही प्लेटफॉर्म पर ।JOIN WITH 7017837380🔮💎🔮💎🔮💎🔮 मात्र 2550/- रु. लगाकर 12 करोड़ 92 लाख कमाने का मौका Dosto अगर आपने ये मौका miss किया तो बहुत बड़ी गलती कर रहे है Dosto अभी time है एक अच्छी टीम बनाने का अभी संपर्क करे
7017837380
ADMIN OFFICE - LUCKNOW
HEAD OFFICE - DELHI (INDIA ) THAILAND
*MISSION 2020 KARORPATI*
धन्यवाद
अगर आप VGF CLUB INTERNATIONL के बारे में समझ गए तो नीचे दिए गए लिंक पर ऐप को डाउनलोड करें- और 2550 रुपए से अपनी बुकिंग करें
Install VGF Club App & Earn
*Prem Autar*
📲calls / whatsaap -7017837380
All India Parmoter / Leaders Fully Saport thank You!
Tumblr media
0 notes
Photo
Tumblr media
😂😂😂😂😂 डॉक्टर :- क्या तकलीफ है आपको ??. रमेश :- डॉक्टर साहब, रोज रात को सोते हुए मुझे यह डर लगता है कि मेरे पलंग के नीचे कोई छुपा हुआ है..... इस वजह से मुझे नींद नहीं आती है। डॉक्टर :- इसके लिए आपको 6 महीने तक लगातार, हर हफ्ते आना पड़ेगा । रमेश :- आपकी एक बार की कितनी फीस होगी डॉक्टर साहब ?? डॉक्टर :- तीन हजार. 6 महीने बाद रास्ते में डॉक्टर को रमेश दिखता है... डॉक्टर :- क्या हुआ रमेश, तुम तो वापस इलाज के लिए आए ही नहीं ? रमेश :- डाक्टर साहब, मेरे एक मित्र ने मेरा इलाज कर दिया और मेरे लाखों रुपए बच गये.. डॉक्टर :- क्या बात है, ऐसा आपके दोस्त ने क्या इलाज किया... रमेश :- कुछ नहीं, उसने कहा कि... *पलंग बेच दे और गद्दा जमीन पर बिछा कर सोया कर...!!* 😫😩 *Morel of story is*. डॉक्टर के पास जाने के पहले, अपने मित्रों से चर्चा कर लिया करें,, कारण ...?? *जहां मित्र होते हैं, वहां आपको कुछ ना कुछ रास्ता जरूर मिलता है ।* हमेशा मित्रों को सम्मान दें। 😊😊😊🙏🙏🙏🙏 (at Lucknow, Uttar Pradesh) https://www.instagram.com/p/CA-n_B-Btty/?igshid=dvr8i80irzxy
0 notes
vsplusonline · 4 years
Text
जामिया गोली कांडः फायर करने वाला नाबालिग, मगर ट्रिगर पर उंगली किसकी? - jamia caa demonstration firing accused arrested student injured conspiracy mastermind delhi police crime
New Post has been published on https://apzweb.com/%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a1%e0%a4%83-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%b0/
जामिया गोली कांडः फायर करने वाला नाबालिग, मगर ट्रिगर पर उंगली किसकी? - jamia caa demonstration firing accused arrested student injured conspiracy mastermind delhi police crime
Tumblr media
307 और आर्म्स एक्ट के तहत पुलिस ने मामला किया दर्ज
गुरुवार को दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में की थी फायरिंग
शुक्रिया अदा कीजिए दिल्ली पुलिस का जिसने आज जामिया गोली कांड की तस्वीर को अमर कर दिया. एक नाबालिग लड़का हाथ में तमंचा थामे. ट्रिगर पर उंगली रखे. कई मिनट तक सैकड़ों लोगों को निशाने पर लिए होता है. पर क्या मजाल जो दिल्ली पुलिस उसे रोक ले. बस दिल्ली पुलिस की इसी दरियादिली को देखते हुए वो बाकायदा निशाना लेकर उन्हीं पुलिस वालों की मौजूदगी में गोली चला देता है. अब जब गोली की आवाज पुलिस के कानों में पड़ती है, तब कहीं जाकर पुलिस की नींद टूटती है और उसे याद आता है कि अरे वो तो पुलिस हैं.
बारह पुलिस वाले पीछे.. दाएं-बाएं और सामने की तरफ भी अनगिनत पुलिस वाले और इन सब के बीच तमंचा लहराता वो इकलौता लड़का. कायदे से इस वक्त इसके निशाने पर कोई एक निशाना नहीं. बल्कि दिल्ली पुलिस की पूरी साख है. किसी भी पल कुछ भी हो सकता है. मगर कमाल है अपनी दिल्ली पुलिस एक अकेले लड़के के आगे नतमस्तक हो गई. शुक्र है ये तो तमंचा है अगर कहीं कोई ऑटोमैटिक हथियार होता. जिसमें से एक बार में अनगिनत गोलियां निकलतीं तो क्या होता?
फिल्मों में भी ऐसा सीन देखने को नहीं मिलता. जिसे आज दिल्ली पुलिस ने अपनी दिलेरी से अमर कर दिया. सचमुच कमाल है अपनी दिल्ली पुलिस. जी हां तस्वीरों में गौर से देख लीजिए इन्हें. देश की सबसे स्मार्ट पुलिस फोर्स में इनकी गिनती होती है. गज़ब की स्मार्टनेस दिखाई है इन्होंने. ये तस्वीरें ना दिल्ली भूलेगी. ना दिल्ली पुलिस और ना ही देश. जब-जब दिल्ली पुलिस की बहादुरी के चर्चे होंगे. यह तस्वीर उनका सीना चौड़ा कर जाएगी.
ये ज़रूर पढ़ेंः जामिया फायरिंग पर बोले पूर्व DGP- मैं वहां होता तो हमलावर को गोली मार देता
एक लड़का सरेआम तमंचा लहरा रहा है. आगे-पीछे, दाएं-बाएं दिल्ली पुलिस के दर्जनों जवान और अफसर खड़े हैं. मीडिया के तमाम कैमरे भी मौजूद हैं. पर इन सबसे बेपरवाह वो हाथ में तमंचा लिए लगातार सामने की तरफ निशाना लगाए है. पर चल उलटा रहा है. अभी वो गोली नहीं चला रहा. बस दिल्ली पुलिस जिंदाबाद, भारत ज़िंदाबाद, ये लो आज़ादी जैसे नारे लगा रहा बस. पर ट्रिगर पर उंगली लगातार बनी हुई है. हाव-भाव देख कर साफ लग रहा है कि वो कभी भी ट्रिगर दबा सकता है. और सामने भीड़ इतनी है कि निशाना चूकने पर भी पक्का है कि गोली लगेगी जरूर किसी को.
मगर कमाल है अपनी दिल्ली पुलिस. कोई जल्दबाजी नहीं. कोई खौफ नहीं. कोई एक्शन नहीं. ऐसे तमाशाई बनी हुई है जैसे ये पुलिस ना हो बल्कि भीड़ का एक हिस्सा भर हो. जो देख रही है कि ये क्या हो रहा है और आगे क्या होगा? हमले की तस्वीरों पर नजर डालें तो साफ देखिए इतने सारे पुलिस वाले मौजूद थे वहां. मगर मजाल क्या कि एक भी पुलिस वाला इसे रोकने की कोशिश करता नजर आए. सब बस तमाशबीन ही नजर आ रहे हैं.
उन तमाशबीनों के बीच तमाशा जारी था. कई मिनटों तक और फिर वही हुआ जिसका डर था. दर्जनों पुलिस वालों की मौजूदगी के बावजूद आखिरकार उसने सामने की तरफ ट्रिगर दबा दिया. ठांय की आवाज आई और गोली सामने की तरफ से आ रहे शादाब नाम के एक छात्र के हाथ में जा लगी. अब गोली चल चुकी थी. लिहाज़ा दिल्ली पुलिस को भी लगा कि चलो इसने अपना काम कर दिया, अब हम भी अपना फर्ज निभा लें.
Must Read- जामिया: 18 सेकेंड तक पिस्टल लहराता रहा हमलावर, हाथ बांधे खड़ी रही दिल्ली पुलिस
इसी के बाद एक पुलिस वाला हमलावर के करीब आता है. वो भी रुक सा जाता है. बड़े प्यार से अब तमंचा पुलिस वाले के हाथ आ जाता है. फिर अचानक आसपास खड़े पुलिस वालों को भी शायद कुछ याद आता है. फिर क्या था अब निहत्थे हमलावर पर सभी टूट पड़ते हैं और उसे पकड़ कर गाड़ी में डालते हैं फिर मौके से निकल जाते हैं. देश क्या दुनिया की किसी भी पुलिस की ऐसी तस्वीर नहीं देखने को मिलेंगी.
ये आलम तब है जब दिल्ली पुलिस खुद को सबसे स्मार्ट पुलिस बताती है. ये है इनकी स्मार्टनेस? ज़रा सोचें इसके हाथ में इस तमंचे की जगह कोई घातक हथियार होता तो क्या होता? क्या सचमुच अपनी दिल्ली पुलिस ऐसे हालात से निपटने में सक्षम है? कम से कम हमले की तस्वीरें देख कर तो शक होता है. और अगर सचमुच दिल्ली पुलिस स्मार्ट है तो फिर सवाल उठता है कि आखिर पुलिस की मौजूदगी होने के बावजूद उस गोली चलाने कैसे दिया?
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें
Tumblr media Tumblr media
!function(e,t,n,c,o,a,f)(o=e.fbq=function()o.callMethod?o.callMethod.apply(o,arguments):o.queue.push(arguments),e._fbq(window,document,"script"),fbq("init","465285137611514"),fbq("track","PageView"),fbq('track', 'ViewContent'); Source link
0 notes
Text
स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X
परमेश्वर के वचन: स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X
1. अविश्वासियों का जीवन और मृत्यु का चक्र
आइए हम अविश्वासियों के जीवन और मृत्यु के चक्र से आरम्भ करें। मनुष्य की मृत्यु के पश्चात्, आध्यात्मिक दुनिया का एक नाज़िर उसे ले जाता है। और उनका कौन—सा भाग ले जाया जाता है? उसकी देह नहीं, बल्कि उसकी आत्मा। जब उनकी आत्मा ले जायी जाती है, तब वे ऐसे स्थान पर पहुँचते हैं जो आध्यात्मिक दुनिया का एक अभिकरण है, एक ऐसा स्थान जो अभी-अभी मरे हुए लोगों की आत्मा को ग्रहण करता है। (ध्यान दें: किसी के भी मरने के बाद पहला स्थान जहाँ वे जाते हैं, आत्मा के लिए अजनबी होता है।) जब उन्हें इस स्थान पर ले जाया जाता है, तो एक अधिकारी पहली जाँचें करता है, उनका नाम, पता, और आयु की पुष्टि करता है। उन्होंने अपने जीवन के साथ जो भी किया, हर चीज़ एक पुस्तक में लिखी होती है। और सटीकता के लिए उसका सत्यापन किया जाता है। इस सब की जाँच हो जाने के पश्चात्, उन मनुष्यों के पूरे जीवन के व्यवहार और कार्यकलापों का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि उन्हें दण्ड दिया जाएगा या फिर से मनुष्य के रूप में जन्म लेंगे, जो कि पहला चरण है। क्या यह पहला चरण भयावह है? यह अत्यधिक भयावह नहीं है, क्योंकि इसमें केवल इतना ही हुआ है कि मनुष्य एक अन्धकारमय और अपरिचित स्थान में पहुँचा है।
दूसरे चरण में, यदि इस मनुष्य ने जीवनभर बहुत से बुरे कार्य किये हैं, यदि उसने अनेक दुष्ट कर्म किये हैं, तब उसे दण्ड देने के लिए दण्ड के स्थान पर ले जाया जाएगा। यह वह स्थान होगा जो स्पष्ट रूप से लोगों के दण्ड के लिए है। उन्हें किस प्रकार के दण्ड दिया जाता है इसका वर्णन उनके द्वारा किये गए पापों पर, और इस बात पर निर्भर करता है कि मृत्यु से पूर्व उन्होंने कितने दुष्टतापूर्ण कार्य किए—जो कि द्वितीय चरण में होने वाली पहली स्थिति है। उनकी मृत्यु से पूर्व उनके द्वारा किये गये कार्यों और उनकी दुष्टताओं की वजह से, दण्ड के पश्चात् जब वे पुनः जन्म लेते हैं—जब वे एक बार फिर से भौतिक संसार में जन्म लेते हैं—तो कुछ लोग मनुष्य बनते रहेंगे, और कुछ पशु बन जाएँगे। कहने का अर्थ है कि, आध्यात्मिक दुनिया में व्यक्तियों के लौटने के पश्चात् उनके द्वारा किए गए दुष्टता के कार्यों की वजह से उन्हें दण्डित किया जाता है; इसके अतिरिक्त, उनके द्वारा किए गए दुष्टता के कार्य की वजह से, अपने अगले जन्म में वे सम्भवत: मनुष्य नहीं, बल्कि पशु बनते हैं। जो पशु वे बन सकते हैं उनमें गाय, घोड़े, सूअर, और कुत्ते शामिल हैं। कुछ लोग आकाश के पक्षी या एक बत्तख या कलहंस बन सकते हैं...। पशुओं के रुप में उनके पुनर्जन्म लेने के बाद, जब वे मरते हैं तो वे आध्यात्मिक दुनिया में लौट जाते हैं, और, जैसा कि पहले कहा गया है, मरने से पहले उनके व्यवहार के आधार पर, आध्यात्मिक दुनिया तय करेगी कि वे मनुष्य के रुप में पुनर्जन्म लेंगे या नहीं। अधिकांश लोग बहुत अधिक दुष्टता करते हैं, उनके पाप अत्यन्त गंभीर होते हैं, और इसलिए जब उनका जन्म होता है तो वे सात से बारह बार तक पशु बनते हैं। सात से बारह बार—क्या यह भयावह है? (यह भयावह है।) तुम लोगों को क्या चीज़ डरा रही है? किसी मनुष्य का पशु बनना, यह भयावह है। और एक मनुष्य के लिए, एक पशु बनने में सर्वाधिक पीड़ादायक बात क्या है? किसी भाषा का न होना, केवल कुछ साधारण विचार होना, केवल उन्हीं चीज़ों को कर पाना जो पशु करते हैं और वही खा पाना जो पशु खाते हैं, पशु के समान साधारण मानसिकता और हाव-भाव होना, सीधे खड़े हो कर चलने में समर्थ न होना, मनुष्यों के साथ संवाद न कर पाना, और मनुष्यों के किसी भी व्यवहार और गतिविधियों का पशुओं से कोई सम्बन्ध न होना। कहने का आशय है कि, सब चीज़ों के बीच, पशु होना सभी जीवित प्राणियों में तुम्हें निम्नतम कोटि का बना देता है, और यह मनुष्य होने से कहीं अत्यधिक दुःखदायी है। यह उन लोगों के लिए आध्यात्मिक दुनिया के दण्ड का एक पहलू है जिन्होंने बहुत अधिक दुष्टता के कार्य और बड़े पाप किए हैं। जब दण्ड की प्रचण्डता की बात आती है, तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे किस प्रकार के पशु ��नते हैं। उदाहरण के लिए, क्या एक कुत्ता बनने की तुलना में एक सूअर बनना अधिक अच्छा है? क्या कुत्ते की तुलना में सूअर अधिक अच्छा जीवन जीता है या बुरा? बदतर, है न? यदि लोग गाय या घोड़ा बनते हैं, तो क्या वे एक सूअर की तुलना में अधिक बेहतर जीवन जीएँगे या बदतर? (बेहतर।) यदि कोई बिल्ली बनता है तो क्या यह अधिक आरामदायक होगा? यदि तुम्हें पशुओं के बीच चुनने दिया जाए, तो तुम बिल्ली बनना पसंद करोगे, और यह गाय या घोड़ा बनने से अधिक आरामदायक है क्योंकि तुम अपना अधिकांश समय नींद की सुस्ती में गुज़ार सकोगे। गाय या घोड़ा बनना अधिक मेहनत वाला काम है, और इसलिए यदि लोग गाय या घोड़े के रुप में पुनर्जन्म लेते हैं, तो उन्हें कठिन परिश्रम करना पड़ता है—जो एक कष्टप्रद दण्ड प्रतीत होता है। गाय या घोड़ा बनने की तुलना में कुत्ता बनना कुछ अधिक बेहतर है, क्योंकि कुत्ते का अपने स्वामी के साथ निकट संबंध होता है। इससे ज्यादा और क्या है कि, आजकल, बहुत से लोग कुत्ता पालते हैं और तीन से पाँच वर्ष पश्चात् वह उनकी कही हुई कई बातें समझने लगता है। क्योंकि कुत्ता अपने मालिक के बहुत से शब्दों को समझ सकता है, इसलिए उसे अपने मालिक की अच्छी समझ होती है, और कभी-कभी वह अपने मालिक के मिज़ाज और आवश्यकताओं के अनुरुप बन सकता है, इसलिये मालिक कुत्ते के साथ ज्यादा अच्छा व्यवहार करता है, और कुत्ता ज्यादा अच्छा खाता है और अच्छा—पीता है, और जब वह पीड़ा में होता है तो इसकी अधिक देखभाल की जाती है—तो क्या कुत्ता एक अधिक सुखी जीवन व्यतीत नहीं करता है? इसलिये एक गाय या घोड़ा होने की तुलना में कुत्ता होना बेहतर है। इसमें, किसी मनुष्यों के दण्ड की प्रचण्डता यह निर्धारित करती है कि वे कितनी बार पशु के रूप में जन्म लेते हैं और किस प्रकार के पशु के रूप में वे जन्म लेते हैं। तुम लोग समझे, है न?
क्योंकि अपने जीवित रहने के समय उन्होनें बहुत से पाप किये थे, इसलिए कुछ लोगों को सात से बारह बार पशु के रूप में पुनर्जन्म लेने का दण्ड दिया जाएगा। पर्याप्त बार दण्डित होने के पश्चात्, जब वे आध्यात्मिक दुनिया मे लौटते हैं तो उन्हें अन्यत्र ले जाया जाता है। इस स्थान में विभिन्न आत्माएँ पहले ही दण्ड पा चुकी होती हैं, और उस प्रकार की होती हैं जो मनुष्य के रूप में जन्म लेने के लिये तैयार हो रही हैं। यह स्थान प्रत्येक आत्मा को उस प्रकार के परिवार जिसमें वे उत्पन्न होंगे, एक बार पुनर्जन्म लेने के बाद उनकी क्या भूमिका होगी, आदि, के अनुसार श्रेणीबद्ध करता है। उदाहरण के लिए, कुछ लोग जब इस संसार में आएँगे तो गायक बनेंगे, और इसलिए उन्हें गायकों के बीच रखा जाता है; कुछ लोग इस संसार में आएँगे तो व्यापारी बनेंगे और इसलिए उन्हें व्यापारी लोगों के बीच रखा जाता है; और यदि किसी को मनुष्य रूप में आने के बाद विज्ञान अनुसंधानकर्ता बनना है तो उन्हें अनुसंधानकर्ताओं के बीच रखा जाता है। उन्हें वर्गीकृत कर दिए जाने के पश्चात्, प्रत्येक को एक भिन्न-भिन्न समय और नियत तिथि के अनुसार भेजा जाता है, ठीक वैसे ही जैसे कि आजकल लोग ई-मेल भेजते हैं। इसमें जीवन और मृत्यु का एक चक्र पूरा हो जाएगा। जब कोई व्यक्ति आध्यात्मिक दुनिया में पहुँचता है उस दिन से ले कर जब तक उसका दण्ड समाप्त नहीं हो जाता है तब तक, उनका कई बार पशु के रुप में पुनर्जन्म हो सकता है, तथा फिर वह मनुष्य के रुप में पुनर्जन्म लेने के लिये तैयार हो जाता है; यह एक सम्पूर्ण प्रक्रिया है।
और क्या जिन्होंने दण्ड भोग लिया है और जो अब पशु के रुप में जन्म नहीं लेंगे, उन्हें मनुष्य बनने के लिए शीघ्र भौतिक संसार में भेजा जाएगा? या उन्हें मनुष्यों के बीच आने से पहले कितना समय लगेगा? वह आवृत्ति क्या है जिससे ये लोग मानव बनते हैं?[क] इसके कुछ लौकिक प्रतिबंध हैं। आध्यात्मिक दुनिया में होने वाली हर चीज़ कुछ उचित लौकिक प्रतिबंधों और नियमों के अधीन है—जिसे, यदि मैं संख्याओं के साथ समझाऊँ, तो तुम लोग समझ जाओगे। उनके लिये जो अल्पावधि में पुनर्जन्म लेते हैं, जब वे मरते हैं तो मनुष्य के रुप में उनका पुनर्जन्म तैयार किया जाएगा। अल्पतम समय तीन दिन है। कुछ लोगों के लिए, यह तीन माह है, कुछ के लिए यह तीन वर्ष है, कुछ के लिए यह तीस वर्ष है, कुछ के लिए यह तीन सौ वर्ष है, कुछ के लिए तो यह तीन हज़ार वर्ष भी है, इत्यादि। तो इन लौकिक नियमों के बारे में क्या कहा जा सकता है, और उनकी विशिष्टताएँ क्या हैं? यह भौतिक संसार, मनुष्यों के संसार में, किसी आत्मा से क्या चाहता है उस पर और उस भूमिका पर आधारित होता है जिसे इस आत्मा को इस संसार में निभाना है। जब लोग साधारण व्यक्ति के रुप में पुनर्जन्म लेते हैं, तो उनमें से अधिकांश अतिशीघ्र पुनर्जन्म लेते हैं, क्योंकि मनुष्य के संसार को ऐसे साधारण लोगों की महती आवश्यकता होती है और इसलिए तीन दिन के पश्चात् वे एक ऐसे परिवार में भेज दिए जाते हैं जो उनके मरने से पहले के परिवार से सर्वथा भिन्न होता है। परन्तु कुछ ऐसे होते हैं जो इस संसार में विशेष भूमिका निभाते हैं। "विशेष" का अर्थ है कि मनुष्यों के संसार में उनकी कोई बड़ी माँग नहीं होती है; ऐसी भूमिका के लिये अधिक व्यक्तियों की आवश्यकता नहीं होती है, और इसलिए उनके पुनर्जन्म लेने से पहले[ख] तीन सौ वर्ष का समय लग सकता है। कहने का तात्पर्य है कि यह आत्मा हर तीन सौ वर्ष में एक बार अथवा यहाँ तक कि तीन हजार वर्ष में भी एक बार आएगी। और ऐसा क्यों है? क्योंकि तीन सौ वर्ष या तीन हज़ार वर्ष तक संसार में ऐसी भूमिका की आवश्यकता नहीं है और इसलिए उन्हें आध्यात्मिक दुनिया में कहीं पर रखा जाता है। उदाहरण के लिए, कनफ्यूशियस को लें, पारंपरिक चीनी संस्कृति पर उसका गहरा प्रभाव था। उसके आगमन ने उस समय की संस्कृति, ज्ञान, परम्परा और उस समय के लोगों की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था। परन्तु इस तरह के मनुष्य की हर एक युग में आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए उसे पुनर्जन्म लेने से पहले, तीन सौ या तीन हजार वर्ष तक प्रतीक्षा करते हुए, आध्यात्मिक दुनिया में ही रहना पड़ा था। क्योंकि मनुष्यों के संसार को ऐसे किसी व्यक्ति की आवश्यकता नहीं थी, इसलिए उसे निष्क्रिय रुप से प्रतीक्षा करनी पड़ी, क्योंकि इस तरह की बहुत कम भूमिकाएँ थी, उसके करने के लिए बहुत कम था, इसलिए उसे, निष्क्रिय, और मनुष्य के संसार में उसकी आवश्यकता पड़ने पर भेजे जाने के लिए, अधिकांश समय आध्यात्मिक दुनिया में कहीं पर रखना पड़ा था। जिस बारम्बारता के साथ अधिकतर लोग पुनर्जन्म लेते हैं उसके लिए इस प्रकार के आध्यात्मिक दुनिया के लौकिक नियम हैं। वे चाहे कोई साधारण या विशेष हों, आध्यात्मिक दुनिया में लोगों के पुनर्जन्म लेने की प्रक्रिया के लिये उचित नियम और सही अभ्यास हैं, और ये नियम और अभ्यास परमेश्वर द्वारा भेजे जाते हैं, उनका निर्णय या नियन्त्रण आध्यात्मिक दुनिया के किसी ना‍ज़िर या प्राणी के द्वारा नहीं किया जाता है। अब तुम समझ गए, है ना?
किसी आत्मा के लिए उसका पुनर्जन्म, इस जीवन में उसकी भूमिका क्या है, किस परिवार में वह जन्म लेती है और उसका जीवन किस प्रकार का होता है, इन सबका उसके पिछले जीवन से गहरा संबंध होता है। मनुष्य के संसार में हर प्रकार के लोग आते हैं, और उनके द्वारा निभाई जाने वाली भूमिकाएँ भिन्न—भिन्न होती हैं, उसी तरह से उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं। ये कौन से कार्य हैं? कुछ लोग अपना कर्ज़ चुकाने आते हैं: यदि उन्होंने पिछली ज़िंदगी में किसी से बहुत सा पैसा उधार लिया था, तो वे इस ज़िंदगी में उस कर्ज़ को चुकाने के लिए आते हैं। कुछ लोग, इस बीच, अपना ���ण उगाहने के लिए आए हैं: विगत जीवन में उनके साथ बहुत सी चीज़ों में, और अत्यधिक पैसों का घोटाला किया गया था, और इसलिए उनके आध्यात्मिक दुनिया में आने के बाद, आध्यात्मिक दुनिया उन्हें न्याय देगी और उन्हें इस जीवन में अपना कर्ज़ा उगाहने देगी। कुछ लोग एहसान का कर्ज़ चुकाने के लिए आते हैं: उनके पिछले जीवन के दौरान—उनकी मृत्यु से पूर्व—कोई उनके प्रति दयावान था, और इस जीवन में उन्हें पुनर्जन्म लेने के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान किया गया है और इसलिए वे उस कृतज्ञता का बदला चुकाने के लिए पुनर्जन्म लेते हैं। इस बीच, दूसरे किसी का जीवन लेने के लिए इस जीवन में पैदा हुए हैं। वे किसका जीवन लेते हैं? उस व्यक्ति का जिसने पिछले जीवन में उसके प्राण लिये थे। सारांश में, प्रत्येक व्यक्ति का वर्तमान जीवन अपने विगत जीवन के साथ प्रगाढ़ रुप से संबंध रखता है, यह अविभाज्य रूप से जुड़ा है। कहने का तात्पर्य यह है कि प्रत्येक व्यक्ति का वर्तमान जीवन उसके पिछले जीवन से बहुत अधिक प्रभावित होता है। उदाहरण के लिए, झांग ने अपनी मृत्यु से पहले ली को एक बड़ी मात्रा में पैसों का धोखा दिया था। तो क्या झांग ली का ऋणी बन गया? क्योंकि वह ऋणी है, तो क्या यह स्वाभाविक है कि ली को झांग से अपना ऋण वसूल करना चाहिए? और इसलिए, उनकी मृत्यु के उपरान्त, उनके बीच निपटाए जाने के लिए एक ऋण है। और जब वे पुनर्जन्म लेते हैं और झांग मनुष्य बनता है, तो किस प्रकार से ली उससे अपना ऋण वसूल करता है? एक साधन यह है कि ली झांग के पुत्र के रुप में पुनर्जन्म लेकर उससे अपना ऋण वसूल करता है, झांग खूब धन अर्जित करता है, और यह ली द्वारा उड़ा दिया जाता है। चाहे झांग कितना ही धन क्यों न कमाये, उसका पुत्र ली, उसे व्यय करने में उसकी "सहायता" करता है। चाहे झांग कितना ही धन क्यों न अर्जित करे, वह कभी पर्याप्त नहीं होता है, और इसी बीच उसका पुत्र किसी न किसी कारण से पिता के धन को विभिन्न तरीकों और साधनों से उड़ा देता है। झांग हैरान रह जाता हैः "क्यों मेरा पुत्र हमेशा से नाकामयाब है? ऐसा क्यों है कि दूसरों के पुत्र इतने अच्छे हैं? क्यों मेरा पुत्र महत्वकांक्षी नहीं है। वह धन अर्जित करने में इतना बेकार और अयोग्य क्यों है, क्यों मुझे सदा उसकी सहायता करनी पड़ती है? चूँकि मुझे उसे सहारा देना है तो मैं सहारा दूँगा, किन्तु ऐसा क्यों है कि चाहे मैं कितना ही धन उसे क्यों न दूँ, वह सदा और अधिक चाहता है? क्यों वह कोई ईमानदारी का काम करने के बजाय बाकी सब कुछ—आवारागर्दी, खाने-पीने, वेश्यावृत्ति और जुएबाजी करने में ही लगा रहता है? आखिर ये हो क्या रहा है?" फिर झांग कुछ समय तक विचार करता है: "ऐसा हो सकता है कि विगत जीवन में मैं उसका ऋणी रहा हूँ? तो ठीक है, मैं वह कर्ज उतार दूँगा! जब तक मैं पूरा चुकता नहीं कर दूँगा, यह मामला समाप्त नहीं होगा!" वह दिन आ सकता है जब ली अपना ऋण वसूल कर लेता है, और जब वह चालीस या पचास वर्ष का हो जाता है, तो एक दिन ऐसा आयेगा जब उसे अचानक अक्ल आएगी: "अपने जीवन के पूर्वार्द्ध में मैंने एक भी भला काम नहीं किया है! मैंने अपने पिता के कमाये हुए सारे धन को उड़ा दिया—मुझे एक अच्छा इन्सान बनना चाहिए! मैं स्वयं को मज़बूत बनाऊँगा: मैं एक ऐसा व्यक्ति बनूँगा जो ईमानदार हो, और उचित रूप से जीवन जीता हो, और मैं अपने पिता को पुनः कभी दुःख नहीं पहुँचाऊँगा!" वह ऐसा क्यों सोचता है? वह अचानक अच्छे में कैसे बदल गया? क्या इसका कोई कारण है? क्या कारण है? (क्योंकि ली ने अपना ऋण वसूल कर लिया है, कर्ज़ चुकता हो चुका है।) इसमें, कार्य कारण है। कहानी बहुत पहले आरम्भ हुई थी, बहुत पहले, उन दोनों के पैदा होने से पहले, और उनके विगत जीवन की यह कहानी उनके वर्तमान जीवन तक लायी गई है, और दोनों में से कोई भी किसी को दोष नहीं दे सकता है। चाहे झांग ने अपने पुत्र को कुछ भी क्यों न सिखाया हो, उसके पुत्र ने कभी नहीं सुना, और एक दिन भी ईमानदारी से कार्य नहीं किया—परन्तु जिस दिन कर्ज चुका दिया गया, तो उसको सिखाने की कोई आवश्यकता नहीं रही; उसका पुत्र स्वाभाविक रुप से समझ गया। यह एक साधारण सा उदाहरण है। क्या ऐसे अनेक उदाहरण हैं? (हाँ।) और यह लोगों को क्या बताता है? (कि उन्हें अच्छा बनना चाहिए और उन्हें दुष्टता नहीं करनी चाहिए।) उन्हें कोई दुष्टता नहीं करनी चाहिए, और उनकी दुष्टता का प्रतिफल मिलेगा! अधिकांश अविश्वासी बहुत दुष्टता करते हैं, और उनकी दुष्टताओं का उन्हें प्रतिफल मिला है, ठीक है? परन्तु क्या यह प्रतिफल मनमाना है? प्रतिफल के साथ जो कुछ भी मिलता है उसकी पृष्ठभूमि होती है और एक कारण होता है। क्या तुम्हें लगता है कि तुम्हारे किसी के साथ पैसे की धोखाधड़ी करने के बाद तुम्हें कुछ नहीं होगा? क्या तुम्हें लगता है कि उसके साथ पैसों की धोखाधड़ी करने के पश्चात्, उसका धन हड़प लेने के बाद तुम्हें कोई परिणाम नहीं भुगतना पड़ेगा? यह तो असंभव होगा, और इसका परिणाम होगा! इस बात की परवाह किए बिना कि वह कौन है, या वह यह विश्वास करता है अथवा नहीं कि कोई परमेश्वर है, हर व्यक्ति को अपने व्यवहार का उत्तरदायित्व लेना होगा और अपनी करतूतों के परिणामों को भुगतना होगा। इस साधारण से उदाहरण के संबंध में—झांग को दण्डित किया जाना और ली का ऋण चुकाया जाना—क्या यह उचित नहीं है? जब लोग इस प्रकार के कार्य करते हैं तो इसी प्रकार का परिणाम होता है। यह आध्यात्मिक दुनिया के प्रशासन से अवियोज्य है। अविश्वासी होने के बावजूद, जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करते हैं, उनका अस्तित्व ऐसी स्वर्गिक आज्ञाओं और आदेशों के अधीन होता है, इससे कोई बच कर नहीं भाग सकता है, इस सच्चाई से कोई नहीं बच सकता है।
वे लोग जिन्हें परमेश्वर में विश्वास नहीं है प्रायः मानते हैं कि प्रत्येक चीज़ जिसे देखा जा सकता है वह अस्तित्व में है, जबकि प्रत्येक चीज जिसे देखा नहीं जा सकता, या जो लोगों से बहुत दूर है, वह अस्तित्व में नहीं है। वे यह मानना पंसद करते हैं कि "जीवन और मृत्यु का चक्र" नहीं होता है, और कोई "दण्ड" नहीं होता है, और इसलिए वे बिना किसी मलाल के पाप और दुष्टता करते हैं—जिसके बाद वे दण्डित किये जाते हैं, या पशु के रुप में जन्म लेते हैं। अविश्वासियों में से अधिकतर लोग इस दुष्चक्र में फँस जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे इस बात से अनभिज्ञ होते हैं कि आध्यात्मिक दुनिया समस्त जीवित प्राणियों के अपने प्रशासन में सख्त है। चाहे तुम विश्वास करो अथवा नहीं, वह तथ्य अस्तित्व में रहता है, क्योंकि एक भी व्यक्ति या वस्तु उस दायरे से बच नहीं सकती है जो परमेश्वर की आँखों के द्वारा देखा जा रहा है, और एक भी व्यक्ति या वस्तु परमेश्वर की स्वर्गिक आज्ञाओं और आदेशों के नियमों और उनकी सीमाओं से बच नहीं सकती है। और इसलिए यह साधारण सा उदाहरण हर एक को बताता है कि इस बात की परवाह किए बिना कि तुम परमेश्वर में विश्वास करते हो अथवा नहीं, पाप करना और दुष्टता करना अस्वीकार्य है, इनके दुष्परिणाम होते हैं। जब कोई जिसने किसी को धन का धोखा दिया है इस प्रकार से दण्डित किया जाता है, तो ऐसा दण्ड उचित है। इस तरह के आम तौर पर देखे जाने वाले व्यवहार को आध्यात्मिक दुनिया द्वारा दण्डित किया जाता है, परमेश्वर के आदेशों और स्वर्गिक आज्ञाओं द्वारा दण्डित किया जाता है और इसलिए गंभीर आपराधिक और दुष्टतापूर्ण व्यवहार—बलात्कार करना, लूटपाट करना, धोखाधड़ी और कपट, चोरी और डकैती, हत्या और आगजनी, इत्यादि—और भी अधिक भिन्न-भिन्न उग्रता वाले दण्ड की श्रृंखला के अधीन किए जाते हैं। और इन भिन्न-भिन्न उग्रता वाले दण्ड की श्रृंखला में क्या शामिल हैं? उनमें से कुछ उग्रता के स्तर का निर्धारण करने के लिये समय का प्रयोग करते हैं, ��ुछ विभिन्न तरीकों का उपयोग करके ऐसा करते हैं और अन्य वहाँ के माध्यम से करते हैं जहाँ लोग पुनर्जन्म के बाद जाते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लोग गालियाँ बकने वाले होते हैं। "गालियाँ बकनेवाले" किसे संदर्भित करता है? इसका अर्थ होता है प्रायः दूसरों को गाली देना और द्वेषपूर्ण भाषा का, ऐसी भाषा का उपयोग करना जो दूसरों को कोसती है। द्वेषपूर्ण भाषा क्या प्रकट करती है? यह प्रकट करती है कि किसी का हृदय कलुषित है। द्वेषपूर्ण भाषा जो लोगों को कोसती है, प्रायः ऐसे ही लोगों के मुख से निकलती है, और ऐसी द्वेषपूर्ण भाषा के साथ कठोर परिणाम जुड़े होते हैं। इन लोगों के मरने और उचित दण्ड भोग लेने के पश्चात्, उनका गूंगे के रूप में पुनर्जन्म हो सकता है। कुछ लोग, जब वे जीवित रहते हैं, तो बडे चौकस रहते हैं, वे प्रायः दूसरों का लाभ उठाते हैं, उनकी छोटी-छोटी योजनाएँ विशेषरूप से सुनियोजित होती हैं, और वे अधिकतर वही करते हैं जिनसे दूसरों को हानि पहुँचती है। जब उनका पुनर्जन्म होता है, तो वे मूर्ख या मानसिक रुप से विकलांग हो सकते हैं। कुछ लोग दूसरों की निजी जीवन में ताक झाँक करते हैं: उनकी आँखें बहुत सा वह भी देखती हैं जिसकी जानकारी उन्‍हें नहीं होना चाहिए, और वे ऐसा बहुत कुछ जान लेते हैं जो उन्हें नहीं जानना चाहिए, और इसलिए जब उनका पुनर्जन्म होता है, तो वे अन्धे हो सकते हैं। कुछ लोग जब वे जीवित होते हैं तो बहुत फुर्तीले होते हैं, वे प्रायः झगड़ते हैं और बहुत दुष्टता करते हैं, और इसलिए जब उनका पुनर्जन्म होता है तो वे विकलांग, लंगड़े, एक बाँह विहीन, या कुबड़े, या टेढ़ी गर्दन वाले, लचक कर चलने वाले हो सकते हैं या उनका एक पैर दूसरे की अपेक्षा छोटा हो सकता है, इत्यादि। इसमें, उन्हें अपने जीवित रहने के दौरान की गई दुष्टता के स्तर के आधार पर विभिन्न दण्डों के अधीन किया जाता है। और तुम लोग क्या कहते हो, लोग भेंगे क्यों होते हैं? क्या ऐसे काफी लोग हैं? आजकल उनमें से बहुत से आस-पास हैं। कुछ लोग इसलिए भेंगे होते हैं क्योंकि अपने विगत जीवन में उन्होंने अपनी आँखों का बहुत अधिक उपयोग किया था, उन्होंने बहुत से बुरे कार्य किए थे, और इसलिए जब उनका इस जीवन में जन्म होता है तो उनकी आँखें भेंगी होती हैं और गंभीर मामलों में वे अन्धे भी होते हैं। तुम्हें क्या लगता है कि जो भेंगे होते हैं वे देखने में अच्छे लगते हैं? क्या वे एक अच्छी छाप छोड़ते हैं? देखें कि कैसे उनके चेहरे का ढाँचा सुन्दर है, उनकी त्वचा साफ और पीली है, उनके नेत्र बड़े और पलकें घनी हैं—किन्तु दुर्भाग्यवश उनकी एक आँख भेंगी है, वे किस प्रकार के दिखाई पड़ते हैं? क्या इसका मनुष्य के आचरण पर पूर्णरुप से प्रभाव नहीं पड़ता है? और इस प्रभाव के साथ, उनका जीवन किस प्रकार का हैं? जब वे अन्य लोगों से मिलते हैं, वे अपने आप में सोचते हैं: "मैं तो भेंगा हूँ! मुझे अवश्य सर झुका कर बात करनी चाहिए और लोगों को आमने-सामने नहीं देख सकता हूँ, जिससे वे मेरी आँखों को न देख सकते हैं।" उनकी भेंगी आँखों इस बात को प्रभावित करती हैं कि वे चीज़ो को कैसे देखते हैं, और लोगों को आमने-सामने देखने की क्षमता को प्रभावित करती हैं। इसमें, क्या उन्होंने अपनी आँखों के उपयोग को नहीं गँवा दिया है? और इस प्रकार, क्या विगत जीवन की उनकी ज्यादतियों का निवारण नहीं किया गया है? इसलिए, अगले जीवन में वे इस प्रकार की कोई बुराई करने का साहस नहीं करेंगे। यह प्रतिफल है! कुछ लोग अपनी मृत्यु से पूर्व दूसरों के साथ बहुत अच्छी तरह से निभाते हैं, या आर्थिक रूप से उनकी सहायता करते हैं, वे अपने प्रियजनों, दोस्तों, साथियों, या उनसे जुड़ें लोगों के लिए कई अच्छे कार्य करते हैं। वे दूसरों को दान देते हैं और उनकी सहायता करते हैं, या आर्थिक रुप से उनकी सहायता करते हैं, लोग उनके बारे में बहुत अच्छी राय रखते हैं, और जब ऐसे लोग आध्यात्मिक दुनिया में वापस आते है तब उन्हें दंडित नहीं किया जाता है। किसी अविश्वासी को किसी भी प्रकार से दण्डित नहीं किए जाने का अर्थ है कि वह बहुत अच्छा इन्सान था। परमेश्वर के अस्तित्व पर विश्वास करने के बजाय, वे केवल आकाश में वृद्ध व्यक्ति पर विश्वास करते हैं। वे केवल इतना ही विश्वास करते हैं कि उनसे ऊपर कोई आत्मा है जो हर उस चीज़ को देखती है जो वे करते हैं—वे केवल उसी में विश्वास करते हैं। और इसका परिणाम होता है कि वे बहुत अच्छे व्यवहार वाले होते हैं। ये लोग दयालु और परोपकारी होते हैं और जब अन्ततः वे आध्यात्मिक दुनिया में वापस आएँगे, तो आध्यात्मिक दुनिया उनके साथ बहुत अच्छा व्यवहार करेगी और शीघ्र ही उनका नया रूप होगा। जब वे पुनः पैदा होंगे, तो वे किस प्रकार के परिवार में आएँगे? यद्यपि वह परिवार धनी नहीं होगा, किन्तु यह शान्तिमय होगा, इसके सदस्यों के बीच समरसता होगी, उनके दिन शांति, खुशहाली में गुज़रेंगे, हर कोई आनंदमय होगा, और उनका जीवन अच्छा होगा। जब तक व्यक्ति प्रौढ़ावस्था में पहुँचेगा, तो उसका परिवार बड़ा होगा, उसकी संतानें बुद्धिमान होंगी और सफलता का आनंद लेंगी, और उसका परिवार सौभाग्य का आनन्द उठाएगा—और इस तरह का परिणाम व्यक्ति के विगत जीवन से जुड़ा होता है। कहने का आशय है कि, कोई व्यक्ति मरने के बाद कहाँ जाता है और कहाँ उसका पुनर्जन्म होता है, वह पुरुष होगा अथवा स्त्री, उसका ध्येय क्या है, जीवन में वह किन परिस्थितियों से गुज़रेगा, उसकी असफलताएँ, वह किन आशीषों का सुख भोगेगा, वह किनसे मिलेगा, उनके साथ क्या होगा—कोई भी इसकी भविष्यवाणी नहीं कर सकता है, इससे बच नहीं सकता है, या इससे छुप नहीं सकता है। कहने का अर्थ है कि, तुम्हारा जीवन निश्चित कर दिए जाने के पश्चात्, तुम्हारे साथ जो होता है उसमें, तुम इससे बचने का कैसा भी प्रयास करो, तुम किसी भी साधन द्वारा तुम बचने का प्रयास करो, आध्यात्मिक दुनिया में परमेश्वर ने तुम्हारे लिये जो मार्ग निर्धारित कर दिया है उसके उल्लंघन का तुम्हारे पास कोई उपाय नहीं है। क्योंकि जब तुम पुनर्जन्म लेते हो, तो तुम्हारे जीवन का भाग्य पहले ही निश्चित किया जा चुका होता है। चाहे वह अच्छा हो अथवा बुरा, प्रत्येक को इसका सामना करना चाहिए, और आगे बढते रहना चाहिए; यह एक ऐसा मुद्दा है जिससे इस संसार में रहने वाला कोई भी बच नहीं सकता है, और कोई भी मुद्दा इससे अधिक वास्तविक नहीं है, ठीक है, तुम यह सब समझ गए, है न?
इसे समझ लेने के बाद, क्या तुम लोग देखते हो कि परमेश्वर के पास अविश्वासियों के जीवन और मृत्यु के चक्र के लिए बिल्कुल सटीक और कठोर जाँच और व्यवस्था है? सबसे पहले, परमेश्वर ने आध्यात्मिक राज्य में विभिन्न स्वर्गिक आज्ञाएँ, आदेश और प्रणालियाँ स्थापित की हैं, इन स्वर्गिक आज्ञाओं, आदेशों और प्रणालियों की घोषणा के पश्चात्, आध्यात्मिक दुनिया के विभिन्न आधिकारिक पदों के प्राणियों के द्वारा, परमेश्वर के द्वारा निर्धारित किए गए अनुसार, उन्हें कड़ाई से कार्यान्वित किया जाता है, और कोई भी उनका उल्लंघन करने का साहस नहीं करता है। और इसलिए, मनुष्य के संसार में मनुष्यजाति के जीवन और मृत्यु के चक्र में, चाहे कोई पशु के रूप में पुनर्जन्म ले या इंसान के रूप में, दोनों के लिए नियम हैं। क्योंकि ये नियम परमेश्वर की ओर से आते हैं, इसलिए उन्हें तोड़ने का कोई साहस नहीं करता है, न ही कोई उन्हें तोडने में समर्थ है। यह केवल परमेश्वर की ऐसी संप्रभुता की वजह से है, और ऐसी व्यवस्थाओं की वजह से है, कि यह भौतिक संसार जिसे लोग देखते हैं नियमित और व्यवस्थित है; यह केवल परमेश्वर की ऐसी संप्र��ुता के कारण ही है कि मनुष्य उस दूसरे संसार के साथ शान्ति से रहने में समर्थ है जो मनुष्यजाति के लिए पूर्णरुप से अदृश्य है, इसके साथ समरसता में सह-अस्तित्व में रहता है—जो पूर्ण रूप से परमेश्वर की संप्रभुता से अभिन्‍न है। व्यक्ति के दैहिक जीवन की मृत्यु के पश्चात्, आत्मा में अभी भी जीवन रहता है, और इसलिए यदि वह परमेश्वर के प्रशासन से रहित होती तो क्या होता? आत्मा हर स्थान पर भटकती रहती, हर स्थान में हस्तक्षेप करती, और यहाँ तक कि मनुष्यजाति के संसार में जीवित प्राणियों को भी हानि पहुँचाती। ऐसी हानि न केवल मनुष्यजाति के प्रति ही नहीं होती, बल्कि वनस्पति और पशुओं की ओर भी हो सकती थी—लेकिन सबसे पहले हानि लोगों की होती। यदि ऐसा होता—यदि ऐसी आत्मा प्रशासनरहित होती, और वाकई लोगों को हानि पहुँचाती, वाकई दुष्टता के कार्य करती—तो ऐसी आत्मा को आध्यात्मिक दुनिया में ठीक से सँभाला जाता: यदि चीज़ें गंभीर होंगी तो शीघ्र ही आत्मा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगी, वह नष्ट हो जाएगी; यदि संभव हुआ तो, उसे कहीं रख दिया जाएगा और फिर उसका पुनर्जन्म होगा। कहने का आशय है कि, आध्यात्मिक दुनिया में विभिन्न आत्माओं का प्रशासन व्यवस्थित होता है, और चरणबद्ध तथा नियमों के अनुसार किया जाता है। यह केवल ऐसे प्रशासन के कारण ही है कि मनुष्य का भौतिक संसार अराजकता में नहीं पड़ा है, कि भौतिक संसार की मनुष्यजाति एक सामान्य मानसिकता, साधारण तर्कशक्ति और एक व्यवस्थित दैहिक जीवन धारण करती है। मनुष्यजाति के केवल ऐसे सामान्य जीवन के बाद ही वे जो देह में रहते हैं, वे पनपते रहना और पीढ़ी-दर-पीढ़ी संतान उत्पन्न करना जारी रख सकते हैं।
अभी-अभी तुमने जिन वचनों को सुना है उनके बारे में तुम क्या सोचते हो? क्या वे तुम्हारे लिए नये हैं? और आज मेरे इन वचनों की संगति करने के बाद तुम लोग क्या महसूस करते हो? वे बातें नई हैं इस के अतिरिक्त क्या तुम कुछ और महसूस करते हो? (लोगों को अच्छे व्यवहार वाला होना चाहिए, और मैं देखता हूँ परमेश्वर महान और भयावह है।) (विभिन्न प्रकार के लोगों के अंत से परमेश्वर कैसे निपटता है इस बारे में अभी-अभी परमेश्वर की संगति सुनने के बाद, एक तरह से मुझे लगता है कि परमेश्वर का स्वभाव किसी अपराध की अनुमति नहीं देता, और यह कि मुझे उसका आदर करना चाहिए; और दूसरी तरह से, मैं जानता हूँ कि परमेश्वर किस प्रकार के लोगों को पसंद करता है, और किस प्रकार के लोगों को पसंद नहीं करता है, और इसलिए मैं उनमें से एक बनना चाहूँगा जिन्हें परमेश्वर पसंद करता है।) क्या तुम लोग देखते हो कि परमेश्वर इस क्षेत्र में अपने कार्यों में उच्च सिद्धान्तों वाला है? वे कौन से सिद्धांत हैं जिनके द्वारा वह कार्य करता है? (लोग जो कार्य करते हैं उन्हीं के अनुसार वह लोगों का अन्त तय करता है।) यह अविश्वासियों के विभिन्न अंतों के बारे में है जिनकी हमने अभी-अभी बात की है। जब अविश्वासियों की बात आती है, तो क्या परमेश्वर की कार्रवाइयों के पीछे अच्छों को पुरस्कृत करने और दुष्टों को दण्ड देने का सिद्धांत है? क्या कोई अपवाद हैं? (नहीं।) क्या तुम लोग देखते हो कि परमेश्वर की कार्यवाइयों का एक सिद्धांत है? अविश्वासी वास्तव में परमेश्वर में विश्वास नहीं करते हैं, वे परमेश्वर के आयोजनों का पालन नहीं करते हैं, और वे परमेश्वर की संप्रभुता से अनभिज्ञ हैं, परमेश्वर को स्वीकार तो बिल्कुल नहीं करते हैं। अधिक गंभीर बात यह है, कि वे परमेश्वर की निन्दा करते हैं और उसे कोसते हैं, और उन लोगों के प्रति शत्रुतापूर्ण होते हैं जो परमेश्वर में विश्वास करते हैं। यद्यपि इन लोगों का परमेश्वर के प्रति ऐसा रवैया होता है, फिर भी उनके प्रति परमेश्वर का प्रशासन अपने सिद्धांतो से विचलित नहीं होता है; वह अपने सिद्धांतों और अपने स्वभाव के अनुसार व्यवस्थित रूप से उन्हें प्रशासित करता है। परमेश्वर उनकी शत्रुता को किस प्रकार लेता है? अज्ञानता के रूप में! और इसलिए उसने इन लोगों का—अविश्वासियों में से अधिकतर का—एक बार पशु के रूप में पुनर्जन्म करवाया है। तो परमेश्वर की नज़रों में अविश्वासी क्या हैं? वे मवेशी हैं। परमेश्वर मवेशियों को प्रशासित करता है, और वह मनुष्यजाति को प्रशासित करता है और इस प्रकार के लोगों के लिए उसके सिद्धांत एक समान हैं। इन लोगों के परमेश्वर के प्रशासन में और इनके प्रति उसकी कार्रवाइयों में, अभी भी परमेश्वर के स्वभाव को और सभी चीज़ों पर उसके प्रभुत्व के लिए व्यवस्थाओं को देखा जा सकता है। और इसलिए, क्या तुम उन सिद्धांतों में परमेश्वर की संप्रभुता को देखते हो जिनके द्वारा वह उन अविश्वासियों को प्रशासित करता है जिसके बारे में मैंने अभी-अभी बोला है? क्या तुम परमेश्वर के धार्मिक स्वभाव को देखते हो? (हम देखते हैं।) कहने का अर्थ है कि चाहे वह किसी भी चीज़ से क्यों न निपटे, परमेश्वर अपने स्वयं के सिद्धांतों और स्वभाव के अनुसार कार्य करता है। यही परमेश्वर का सार है। वह उन आदेशों या स्वर्गिक आज्ञाओं को यूँ ही नहीं तोड़ता है जो उसने स्थापित किए हैं क्योंकि वह ऐसे लोगों को मवेशी के रूप में मानता है। परमेश्वर ज़रा भी उलट-पलट किए बिना, सिद्धांतों के अनुसार कार्य करता है, उसकी कार्रवाइयाँ किसी भी कारक से अप्रभावित रहती है, और चाहे वह कुछ भी क्यों न करे, वह सब उसके स्वयं के सिद्धांतों के अनुपालन में होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि परमेश्वर के पास स्वयं परमेश्वर का सार है, जो कि उसके सार का एक पहलू है, जो किसी सृजित किए गए प्राणी के पास नहीं होता है। परमेश्वर हर वस्तु, हर व्यक्ति, और सभी जीवित चीज़ों के बीच जो उसने सृजित की हैं, अपनी सँभाल में, उनके प्रति अपने दृष्टिकोण में, प्रबंधन में, प्रशासन में, और उन पर शासन में न्यायपरायण और उत्तरदायी है, और इसमें वह कभी भी लापरवाह नहीं रहा है। जो अच्छे हैं, वह उनके प्रति कृपापूर्ण और दयावान है; जो दुष्ट हैं, उन्हें वह निर्दयता से दंड देता है; और विभिन्न जीवित प्राणियों के लिए, वह समयबद्ध और नियमित तरीके से, विभिन्न समयों पर मनुष्यजाति के संसार की विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार उचित व्यवस्थाएँ करता है इस तरह से कि ये विभिन्न जीवित प्राणी उन भूमिकाओं के अनुसार जो वे निभाते हैं व्यवस्थित रूप से जन्म लेते रहें, और एक व्यवस्थित तरीके से भौतिक जगत और आध्यात्मिक दुनिया के बीच चलते रहें।
एक जीवित प्राणी की मृत्यु—भौतिक जीवन का अंत—यह दर्शाता है कि एक जीवित प्राणी भौतिक संसार से आध्यात्मिक दुनिया में चला गया है, जबकि एक नए भौतिक जीवन का जन्म यह दर्शाता है कि एक जीवित प्राणी आध्यात्मिक दुनिया से भौतिक संसार में आया है और उसने अपनी भूमिका ग्रहण करना और उसे निभाना आरम्भ कर दिया है। चाहे एक जीवित प्राणी का प्रस्थान हो या आगमन, दोनों आध्यात्मिक दुनिया के कार्य से अवियोज्य हैं। जब कोई व्यक्ति भौतिक संसार में आता है, तो परमेश्वर द्वारा आध्यात्मिक दुनिया में उस परिवार, जिसमें वह जाता है, उस युग में जिसमें उसे आना है, उस समय जब उसे आना है, और उस भूमिका की, जो उसे निभानी है, की उचित व्यवस्थाएँ और विशेषताएँ पहले ही तैयार की जा चुकी होती हैं। और इसलिए इस व्यक्ति का सम्पूर्ण जीवन—जो काम वह करता है, और जो मार्ग वह चुनता है—जरा सी भी त्रुटि के बिना, आध्यात्मिक दुनिया की व्यवस्थाओं के अनुसार चलता है। जिस समय भौतिक जीवन समाप्त होता है, इस बीच, और जिस तरह और जिस स्थान पर यह समाप्त होता है, आध्यात्मिक दुनिया के सामने वह स्पष्ट और प्रत्यक्ष होता है। परमेश्वर भौतिक संसार पर शासन करता है, और वह आध्यात्मिक दुनिया पर शासन करता है, और वह क���सी आत्मा के जीवन और मृत्यु के साधारण चक्र को विलंबित नहीं करेगा, न ही वह किसी आत्मा के जीवन और मृत्यु के चक्र के प्रबंधन में कोई त्रुटि कर सकता है। आध्यात्मिक दुनिया के आधिकारिक पदों के सभी न्यायालय अधिकारी अपने कार्यों को कार्यान्वित करते हैं, और परमेश्वर के निर्देशों और नियमों के अनुसार वह करते हैं जो उन्हें करना चाहिए। और इसलिए, मनुष्यजाति के संसार में, मनुष्य द्वारा देखी गई कोई भी भौतिक घटना व्यवस्थित होती है, और उसमें कोई अराजकता नहीं होती है। यह सब कुछ सभी चीज़ों पर परमेश्वर के व्यवस्थित शासन की वजह से है, और साथ ही इस वजह से है क्योंकि परमेश्वर का अधिकार प्रत्येक वस्तु पर शासन करता है, और जिन चीज़ों पर वह शासन करता है उस सब में वह भौतिक संसार जिसमें मनुष्य रहता है, और, इसके अलावा, मनुष्य के पीछे का वह अदृश्य आध्यात्मिक दुनिया शामिल है। और इसलिए, यदि मनुष्यजाति एक अच्छा जीवन चाहती है, और एक अच्छे परिवेश में रहना चाहती है, तो सम्पूर्ण दृश्य भौतिक जगत प्रदान किए जाने के अलावा, मनुष्य को वह आध्यात्मिक दुनिया भी अवश्य प्रदान की जानी चाहिए, जिसे कोई देख नहीं सकता है, जो मनुष्यों की ओर से प्रत्येक जीवित प्राणी को संचालित करती है और जो व्यवस्थित है। इस प्रकार, जब यह कहा जाता है कि परमेश्वर सभी चीज़ों के जीवन का स्रोत है, तो क्या "सभी चीज़ों" के अर्थ की अपनी जानकारी और समझ में हमने कुछ जोड़ा नहीं है? (हाँ।)
                                           स्रोत: सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
0 notes
rohtakmedia-blog · 5 years
Text
इन सवालों से लगाएं पता कि आप हेल्दी हैं या नहीं!
Tumblr media
इन सवालों से लगाएं पता कि आप हेल्दी हैं या नहीं! : आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में खुद के लिए समय निकाल पाना मुश्किल होता है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान जिस चीज को होता है वह हमारी हेल्थ है। कई लोग कहते दिखते हैं कि बिजी होने पर भी उन्हें कोई हेल्थ से संबंधित परेशानी नहीं हुई। हालांकि, ऐसा मानना उनकी सबसे बड़ी भूल भी साबित हो सकता है। हम लेकर आए हैं कुछ सवाल जिनके जवाब अगर ना में हैं तो आपको अपनी हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत है। क्या आप रोजाना एक्सरसाइज करते हैं? रोजाना 60 मिनट अपने लिए निकालें। 45 मिनट एक्सरसाइज (ब्रिस्क वॉक, साइकलिंग, स्ट्रेचिंग, वेट लिफ्टिंग आदि) करें। 15 मिनट डीप ब्रिदिंग और मेडिटेशन करें। इन्हे भी पढ़े :- सफर में हार्ट अटैक के संकेतों को न करें अनदेखा क्या आप पर्याप्त नींद लेते हैं? रोजाना 7 घंटे जरूर सोएं। सोने का सबसे अच्छा वक्त है रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच। इस बीच सोना मुमकिन नहीं है तो भी कोशिश करें कि रोजाना तय वक्त पर सोएं। इससे तन और मन कन्फ्यूज नहीं होता और नींद भी अच्छी आती है।  क्या आप सही मात्रा में पानी पीते हैं?  रोजाना कम-से-कम 10-12 गिलास पानी जरूर पिएं। खाना खाने के साथ पानी न पिएं। हां, खाने से करीब आधा घंटा पहले 1 गिलास पानी पीना फायदेमंद है। इससे हम खाना कम मात्रा में खाते हैं। खाने के आधे घंटे बाद ही पानी पिएं। इससे पहले प्यास लगे तो एकाध घूंट से ज्यादा पानी न पिएं। क्या आप गहरी सांस लेते हैं? दिन में जब भी याद आए, गहरी सांस जरूर लें। डीप ब्रीदिंग से हमारे सेल्स में ज्यादा ऑक्सिजन पहुंचती है और हमारा दिमाग भी ज्यादा काम करता है। 5 मिनट की डीप ब्रीदिंग हमें रिलैक्स कर कम-से-कम अगले 2 घंटे के लिए तरोताजा कर देती है। इन्हे भी पढ़े :- प्रियंका, आलिया और करीना जैसा फैशनेबल दिखने के लिए कैरी करें ये हैंडबैग्स इन सवालों से लगाएं पता कि आप हेल्दी हैं या नहीं! स्त्रोत :- navbharattimes छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
0 notes