विश्व कप से पहले भारत की अंडर-17 टीम स्वीडन से 1-3 से हारी
विश्व कप से पहले भारत की अंडर-17 टीम स्वीडन से 1-3 से हारी
भारत की अंडर-17 महिला टीम फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप से पहले अपने तैयारी दौरे के दौरान सोमवार को स्पेन में स्वीडन से 1-3 से हार गई।
हालाँकि, भारत शुरुआत में आशाजनक दिख रहा था क्योंकि उन्होंने एक गहन मिडफ़ील्ड लड़ाई में समान शर्तों पर प्रतिस्पर्धा की, जिसमें विंगर अनीता कुमारी को प्रतिद्वंद्वी गोल पर शुरुआती शॉट मिला, जिसे बचा लिया गया।
स्वीडन ने पहले हाफ में स्कोरबोर्ड को टिक कर दिया, 44 वें…
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समलैंगिकता और यौन आकर्षण -
आज के दौर में या कहे इन दिनों जो सबसे चर्चित शब्द 'समलैंगिकता या गे' रहा है कई देशों पिछले कई सालो में इस पर कई कानून भी बनाये गये| लेकिन सामन्य जनमानस में इसको लेकर कई भ्रांतिया है जिसके बारे में हम आज चर्चा करेंगे | और जितना भी हम इस बारे में जानते है उन भ्रांतियों को तोडने की कोशिश करेंगे |'समलैंगिकता' जो शब्द इससे ही आप इसके अर्थ को समझने की कोशिश तो जरूर कर सकते है |सामान लिंग के समूह या लोग समलैंगिकता का अर्थ किसी व्यक्ति का समान लिंग के लोगों के प्रति यौन और रोमांसपूर्वक रूप से आकर्षित होना है।
लेस्बियन और बाईसेक्सुअल और एलजीबीटी क्या है -
पुरुष अगर पुरुष के प्रति के आकर्षित होगा तो उसे 'पुरुष समलिंगी' कहते है |और अगर महिला -महिला की ओर आकर्षित होगी |उसे 'लेस्बियन ' कहते है | गे शब्द दोनों के लिए प्रयोग होता है |जो लोग महिला और पुरषों दोनों के प्रति आकर्षित होते है उन्हें 'उभयलिंगी ' कहते है |इंग्लिश में इन्हे 'बाईसेक्सुअल' भी कहा जाता है | ये सभी एलजीबीटी समुदाय के अंतर्गत आते है |इसके विपरीत, एक व्यक्ति बिना समलैंगिक यौन सम्बन्ध बनाए भी 'गे' हो सकता है। ऐसे व्यक्तियों के पास समलैंगिक के रूप में सामाजिक रूप से पहचान करना, शादी न करना, या पहले समलैंगिक अनुभव का अनुमान लगाने जैसे संभावित विकल्प हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो उसी लिंग की तरफ़ आकर्षित होते हैं जिसके वे ख़ुद हैं, लेकिन न तो वे यौन गतिविधि में संलग्न होते हैं और न ही समलैंगिक के रूप में स्वयं की पहचान करते हैं। ऐसे लोगों के लिए अलैंगिक (asexual) शब्द लागू हो सकता है|
समलैंगिकता और धर्म-
समलैंगिकता को कई लोग हेय दृष्टि से देखते है लेकिन ये प्रमाण मिले है की की मानव सभ्यता से ही ये अस्तित्व में रहा है |और तो और वातायन द्वारा लिखा गया -'कामसूत्र ' में इसपे पूरा का पूरा चैप्टर है |कामसूत्र महर्षि वात्स्यायन द्वारा रचित भारत का एक प्राचीन कामशास्त्र ग्रंथ है।यह विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धान्तों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है।ये संस्कृत में लिखी गयी है और बाद में इसे 1883 अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया |जैसा देखते है भारत के कई पुराणों में इनका उल्लेख मिलता है |
भगवान शिव का अर्धनारीश्वर रूप, विष���णु का मोहिनी रूप, अर्जुन का बृहन्नला रूप, शिखंडी का लिंग परिवर्तन सभी से पूरा हिंदू धर्म वाकिफ है और इन्हें पूजनीय भी मानता है। हिंदू धर्म में इन सभी को भगवान की उपाधि दी गई है। भगवान के इन रूपों को भी सही मानते हुए पुराणों में जगह दी गई है।खजुराहो के मंदिर की दीवारों पर बनी कलाकृति भी इस बात की गवाह है कि उस समय भी समलैंगिक संबंध गलत नहीं माने जाते थे। केवल यहूदी, ईसाई धर्म और इस्लाम में इसे वर्जित करार दिया गया है। हालांकि पोप का कहना है कि समलैंगिक लोग भी उसी ईश्वर की संतान हैं जिसकी संतान हम हैं। हमें उन लोगों के प्रति भेदभाव नहीं करना चाहिए।
लेकिन इन सभी पुष्टियों और तर्कों के बाद भी सवाल अभी भी यही है कि क्यों और किस धर्म के नाम पर समलैंगिक संबंधों को गलत या पाप बताया जा रहा है किसी की अपने साथी चुनने की आजादी पर क्यों धर्म का ठप्पा लगाकर उसे रोकने की कोशिश की जा रही होती है |
क्या यौन वरीयता मनुष्य का अपना व्यक्तिगत मामला?
यौन वरीयता मनुष्य का अपना व्यक्तिगत मामला हो सकता है, लेकिन एक इसी आधार पर उसे पूर्ण रूप से स्वतंत्र नहीं छोड़ा जा सकता| इसके समर्थन से जुड़े लोगों का यह तर्क हैं कि व्यक्ति का आकर्षण किस ओर होगा यह उसकी मां के गर्भ में ही निर्धारित हो जाता हैंऔर अगर वह समलिंगी संबंधों की ओर आकृष्ट होते हैं तो यह पूर्ण रूप से स्वाभाविक व्यवहार माना जाना चाहिए लेकिन यहां इस बात की ओर ध्यान देना जरूरी है कि जब प्रकृति ने ही महिला और पुरुष दोनो को एक दूसरे के पूरक के रूप में पेश किया हैं. तो ऐसे हालातों में पुरुष द्वारा पुरुष की ओर आकर्षित होने के सिद्धांत को मान्यता देना कहा तक स्वाभाविक माना जा सकता हैं|इस तरह के भी तर्क दिए जाते रहे है |
समलैंगिकता पर संघर्ष और कानून को मान्यता -
समलैंगिकता के खिलाफ अंग्रेजों ने धारा 377 को 1860 में लागू किया था। 158 साल पुराने इस कानून के द्वारा समलैंगिकता को गैरकानूनी बताया गया है।अविभाजित भारत में वर्ष 1925 में खानू बनाम सम्राट का समलैंगिकता से जुड़ा पहला मामला था। उस मामले में यह फैसला दिया गया कि यौन संबंधों का मूल मकसद संतानोत्पत्ति है लेकिन अप्राकृतिक यौन संबंध में यह संभव नहीं है।
पहला शाही 'गे' होने की किसने की घोषणा -
2005 में गुजरात के राजपिपला के राजकुमार मानवेंद्र सिंह ने पहला शाही ‘गे’ होने की घोषणा की।बॉलीवुड भी इस विषय पर मुखर हुआ और ऐसे विषय पर फिल्मे बनी |हनीमून ट्रेवल प्रा लिमिटेड और दोस्ताना जैसी मूवी भी आयी |धीरे -धीरे तकनिकी का भी इसको साथ मिला |इंटरनेट पर गे डेटिंग वेबसाइटों की भरमार। गे कम्युनिटी और इन पर ब्लॉग्स से अटी पड़ी है साइटें एलजीबीटी अधिकार संयुक्त राष्ट्र के 94 सदस्य देश इनके समान अधिकारों का समर्थन करते हैं।फिर वो भी दिन आ गया जिसने भारत में 2017 अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में लैंगिक झुकाव को निजता के अधिकार से जोड़कर देखा।समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया है और इसके अनुसार आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा|
समलैंगिकता मुस्लिम देशों और कहा वैध है -
कई देशों पहले से ही अपने यहाँ इसे वैध किया है | जैसे लेबनान, कजाखिस्तान, माली, तुर्की, इंडोनेशिया, बहरीन, अल्बेनिया, अजरबैजान, नाइजर इन देशों में है मृत्युदंड सुडान, यमन, सऊदी अरब, ईरान, सोमालिया, नाइजीरिया, कतर, अफगानिस्तान, यूएई, मॉरीतानिया दुनिया के इन देशों ने इस साल किया वैध अर्जेंटीना (2010), ग्रीनलैंड(2015), दक्षिण अफ्रीका (2006), ऑस्ट्रेलिया (2017),आइसलैंड (2010), स्पेन (2005), बेल्जियम (2003), आयरलैंड (2015), अमेरिका (2015), ब्राजील (2013), स्वीडन (2009), कनाडा (2005),जर्मनी (2017), फ्रांस (2013), इंग्लैंड (2013)।हमारा मकसद ये रहता है की आपको सभी चीजें को जोड़कर एक जगह प्रस्तुत किया जाये |
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एक गोल्ड समेत दांव पर चार मेडल, ऐसा है पांच अगस्त को भारत का कार्यक्रम Divya Sandesh
#Divyasandesh
एक गोल्ड समेत दांव पर चार मेडल, ऐसा है पांच अगस्त को भारत का कार्यक्रम
तोक्योओलिंपिक में चार अगस्त यानी बुधवार का दिन भारतीय दल के लिए थोड़ी खुशी थोड़ा गम जैसा रहा। मगर गुरुवार को एक नहीं बल्कि कई मेडल मिलने की आस है। रवि दहिया जहां कुश्ती में गोल्ड जीतने वाले पहले पहलवान बन सकते हैं तो भारतीय मेंस हॉकी टीम भी 41 साल बाद पदक लेना चाहेगी। इनके अलावा कुछ और खिलाड़ी भी पोडियम फिनिश करना चाहेंगे।
आइए एक नजर डालते हैं पांच अगस्त को भारत के कार्यक्रम पर…
(भारतीय समयानुसार)
एथलेटिक्स: केटी इरफान, राहुल रोहिल्ला और संदीप कुमार, पुरुष 20 किमी पैदल चाल 1:00 pm
गोल्फ: अदिति अशोक और दीक्षा डागर महिलाओं के व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले, 4:00 am
हॉकी: भारत बनाम जर्मनी, पुरुष कांस्य पदक मैच, 7:00 am
कुश्ती: विनेश फोगाट बनाम सोफिया मैगडेलेना मैटसन (स्वीडन) वीमेंस फ्रीस्टाइल 53 किग्रा 8:00 am
अंशु मलिक बनाम वालेरिया कोबलोवा (रूस ओलंपिक समिति) वीमेंस फ्रीस्टाइल 57 किग्रा के रेपचेज राउंड में, 7:30 am
रवि दहिया और जावुर युगुऐव (रूस ओलंपिक समिति) मेंस फ्रीस्टाइल 57 किग्रा फाइनल, 2:45 pm
दीपक पूनिया पुरुषों के फ्रीस्टाइल कांस्य पदक मैच में, 2:45 pm
मिला-जुल रहा चार अगस्त का दिन
रवि दहिया पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में नूरिस्लाम सनायेव (कजाखस्तान) को हराकर फाइनल में। गोल्ड मेडल के मुकाबले में गुरुवार को जावुर युवुगेव (रूस ओलंपिक समिति) से भिड़ेंगे। एक और पहलवान दीपक पूनिया पुरुषों के 86 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में डेविड मौरिस टेलर (अमेरिका) से हार गए। अब वह भी गुरुवार को कांस्य पदक की दौड़ में होंगे।
अंशु मलिक महिलाओं के 57 किग्रा भार वर्ग के पहले मुकाबले में इरिना कुराचिकिना (बेलारूस) से हारी। इरिना फाइनल में पहुंच गई है और अंशु गुरूवार को रेपेचेज में खेलेंगी। यानी ब्रॉन्ज मेडल की उम्मीद बरकरार। भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफा��नल में अर्जेंटीना से 1-2 से हारी। अब कांस्य पदक के लिए ग्रेट ब्रिटेन से भिड़ेगी।
पहला ओलिंपिक खेल रहीं लवलीना बोरगोहेन महिलाओं के 69 किग्रा में बुसेनाज सुरमेनेली (तुर्की) से हारी। भारतीय मुक्केबाज को कांस्य पदक मिला। एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा पुरुषों की भाला फेंक में 86.65 मीटर भाला फेंककर फाइनल में। शिवपाल सिंह (76.40 मीटर) फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए। गोल्फ महिलाओं की व्यक्तिगत स्पर्धा के पहले दौर में अदिति अशोक संयुक्त दूसरे और दीक्षा डागर संयुक्त 56वें स्थान पर।
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यूईएफए यूरो 2020, इटली बनाम स्पेन भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: मैच का पूरा विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
यूईएफए यूरो 2020, इटली बनाम स्पेन भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: मैच का पूरा विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
स्पेन के कोच लुइस एनरिक का मानना है कि इटली के खिलाफ मंगलवार को होने वाला यूरो 2020 का सेमीफाइनल इस बात पर निर्भर करेगा कि किसका दबदबा है। स्पेन ने स्वीडन के खिलाफ अपने शुरुआती गेम में कब्जा करने के लिए एक टूर्नामेंट रिकॉर्ड तोड़ दिया, लेकिन इसके लिए दिखाने के लिए बहुत कम था क्योंकि खेल 0-0 से समाप्त हुआ। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी टीम, बल्कि इटली की इस नई टीम की तरह, जिसने न्यूट्रल के दिलों…
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स्वीडन बनाम भारत कोई उस बुरे काम को न करने के बावजूद दोष लेता है, कोई सबसे खराब संभव प्रबंधन के बावजूद श्रेय लेता है। #IndianPolitics #Covid19India #covid_19 https://www.instagram.com/p/CP0anRynpaa/?utm_medium=tumblr
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समलैंगिकता और यौन आकर्षण -
आज के दौर में या कहे इन दिनों जो सबसे चर्चित शब्द 'समलैंगिकता या गे' रहा है कई देशों पिछले कई सालो में इस पर कई कानून भी बनाये गये| लेकिन सामन्य जनमानस में इसको लेकर कई भ्रांतिया है जिसके बारे में हम आज चर्चा करेंगे | और जितना भी हम इस बारे में जानते है उन भ्रांतियों को तोडने की कोशिश करेंगे |'समलैंगिकता' जो शब्द इससे ही आप इसके अर्थ को समझने की कोशिश तो जरूर कर सकते है |सामान लिंग के समूह या लोग समलैंगिकता का अर्थ किसी व्यक्ति का समान लिंग के लोगों के ��्रति यौन और रोमांसपूर्वक रूप से आकर्षित होना है।
लेस्बियन और बाईसेक्सुअल और एलजीबीटी क्या है -
पुरुष अगर पुरुष के प्रति के आकर्षित होगा तो उसे 'पुरुष समलिंगी' कहते है |और अगर महिला -महिला की ओर आकर्षित होगी |उसे 'लेस्बियन ' कहते है | गे शब्द दोनों के लिए प्रयोग होता है |जो लोग महिला और पुरषों दोनों के प्रति आकर्षित होते है उन्हें 'उभयलिंगी ' कहते है |इंग्लिश में इन्हे 'बाईसेक्सुअल' भी कहा जाता है | ये सभी एलजीबीटी समुदाय के अंतर्गत आते है |इसके विपरीत, एक व्यक्ति बिना समलैंगिक यौन सम्बन्ध बनाए भी 'गे' हो सकता है। ऐसे व्यक्तियों के पास समलैंगिक के रूप में सामाजिक रूप से पहचान करना, शादी न करना, या पहले समलैंगिक अनुभव का अनुमान लगाने जैसे संभावित विकल्प हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो उसी लिंग की तरफ़ आकर्षित होते हैं जिसके वे ख़ुद हैं, लेकिन न तो वे यौन गतिविधि में संलग्न होते हैं और न ही समलैंगिक के रूप में स्वयं की पहचान करते हैं। ऐसे लोगों के लिए अलैंगिक (asexual) शब्द लागू हो सकता है|
समलैंगिकता और धर्म-
समलैंगिकता को कई लोग हेय दृष्टि से देखते है लेकिन ये प्रमाण मिले है की की मानव सभ्यता से ही ये अस्तित्व में रहा है |और तो और वातायन द्वारा लिखा गया -'कामसूत्र ' में इसपे पूरा का पूरा चैप्टर है |कामसूत्र महर्षि वात्स्यायन द्वारा रचित भारत का एक प्राचीन कामशास्त्र ग्रंथ है।यह विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धान्तों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है।ये संस्कृत में लिखी गयी है और बाद में इसे 1883 अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया |जैसा देखते है भारत के कई पुराणों में इनका उल्लेख मिलता है |
भगवान शिव का अर्धनारीश्वर रूप, विष्णु का मोहिनी रूप, अर्जुन का बृहन्नला रूप, शिखंडी का लिंग परिवर्तन सभी से पूरा हिंदू धर्म वाकिफ है और इन्हें पूजनीय भी मानता है। हिंदू धर्म में इन सभी को भगवान की उपाधि दी गई है। भगवान के इन रूपों को भी सही मानते हुए पुराणों में जगह दी गई है।खजुराहो के मंदिर की दीवारों पर बनी कलाकृति भी इस बात की गवाह है कि उस समय भी समलैंगिक संबंध गलत नहीं माने जाते थे। केवल यहूदी, ईसाई धर्म और इस्लाम में इसे वर्जित करार दिया गया है। हालांकि पोप का कहना है कि समलैंगिक लोग भी उसी ईश्वर की संतान हैं जिसकी संतान हम हैं। हमें उन लोगों के प्रति भेदभाव नहीं करना चाहिए।
लेकिन इन सभी पुष्टियों और तर्कों के बाद भी सवाल अभी भी यही है कि क्यों और किस धर्म के नाम पर समलैंगिक संबंधों को गलत या पाप बताया जा रहा है किसी की अपने साथी चुनने की आजादी पर क्यों धर्म का ठप्पा लगाकर उसे रोकने की कोशिश की जा रही होती है |
क्या यौन वरीयता मनुष्य का अपना व्यक्तिगत मामला?
यौन वरीयता मनुष्य का अपना व्यक्तिगत मामला हो सकता है, लेकिन एक इसी आधार पर उसे पूर्ण रूप से स्वतंत्र नहीं छोड़ा जा सकता| इसके समर्थन से जुड़े लोगों का यह तर्क हैं कि व्यक्ति का आकर्षण किस ओर होगा यह उसकी मां के गर्भ में ही निर्धारित हो जाता हैंऔर अगर वह समलिंगी संबंधों की ओर आकृष्ट होते हैं तो यह पूर्ण रूप से स्वाभाविक व्यवहार माना जाना चाहिए लेकिन यहां इस बात की ओर ध्यान देना जरूरी है कि जब प्रकृति ने ही महिला और पुरुष दोनो को एक दूसरे के पूरक के रूप में पेश किया हैं. तो ऐसे हालातों में पुरुष द्वारा पुरुष की ओर आकर्षित होने के सिद्धांत को मान्यता देना कहा तक स्वाभाविक माना जा सकता हैं|इस तरह के भी तर्क दिए जाते रहे है |
समलैंगिकता पर संघर्ष और कानून को मान्यता -
समलैंगिकता के खिलाफ अंग्रेजों ने धारा 377 को 1860 में लागू किया था। 158 साल पुराने इस कानून के द्वारा समलैंगिकता को गैरकानूनी बताया गया है।अविभाजित भारत में वर्ष 1925 में खानू बनाम सम्राट का समलैंगिकता से जुड़ा पहला मामला था। उस मामले में यह फैसला दिया गया कि यौन संबंधों का मूल मकसद संतानोत्पत्ति है लेकिन अप्राकृतिक यौन संबंध में यह संभव नहीं है।
पहला शाही 'गे' होने की किसने की घोषणा -
2005 में गुजरात के राजपिपला के र���जकुमार मानवेंद्र सिंह ने पहला शाही ‘गे’ होने की घोषणा की।बॉलीवुड भी इस विषय पर मुखर हुआ और ऐसे विषय पर फिल्मे बनी |हनीमून ट्रेवल प्रा लिमिटेड और दोस्ताना जैसी मूवी भी आयी |धीरे -धीरे तकनिकी का भी इसको साथ मिला |इंटरनेट पर गे डेटिंग वेबसाइटों की भरमार। गे कम्युनिटी और इन पर ब्लॉग्स से अटी पड़ी है साइटें एलजीबीटी अधिकार संयुक्त राष्ट्र के 94 सदस्य देश इनके समान अधिकारों का समर्थन करते हैं।फिर वो भी दिन आ गया जिसने भारत में 2017 अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में लैंगिक झुकाव को निजता के अधिकार से जोड़कर देखा।समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया है और इसके अनुसार आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा|
समलैंगिकता मुस्लिम देशों और कहा वैध है -
कई देशों पहले से ही अपने यहाँ इसे वैध किया है | जैसे लेबनान, कजाखिस्तान, माली, तुर्की, इंडोनेशिया, बहरीन, अल्बेनिया, अजरबैजान, नाइजर इन देशों में है मृत्युदंड सुडान, यमन, सऊदी अरब, ईरान, सोमालिया, नाइजीरिया, कतर, अफगानिस्तान, यूएई, मॉरीतानिया दुनिया के इन देशों ने इस साल किया वैध अर्जेंटीना (2010), ग्रीनलैंड(2015), दक्षिण अफ्रीका (2006), ऑस्ट्रेलिया (2017),आइसलैंड (2010), स्पेन (2005), बेल्जियम (2003), आयरलैंड (2015), अमेरिका (2015), ब्राजील (2013), स्वीडन (2009), कनाडा (2005),जर्मनी (2017), फ्रांस (2013), इंग्लैंड (2013)।हमारा मकसद ये रहता है की आपको सभी चीजें को जोड़कर एक जगह प्रस्तुत किया जाये |
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समलैंगिकता या गे क्या है ?
समलैंगिकता और यौन आकर्षण -
आज के दौर में या कहे इन दिनों जो सबसे चर्चित शब्द 'समलैंगिकता या गे' रहा है कई देशों पिछले कई सालो में इस पर कई कानून भी बनाये गये| लेकिन सामन्य जनमानस में इसको लेकर कई भ्रांतिया है जिसके बारे में हम आज चर्चा करेंगे | और जितना भी हम इस बारे में जानते है उन भ्रांतियों को तोडने की कोशिश करेंगे |'समलैंगिकता' जो शब्द इससे ही आप इसके अर्थ को समझने की कोशिश तो जरूर कर सकते है |सामान लिंग के समूह या लोग समलैंगिकता का अर्थ किसी व्यक्ति का समान लिंग के लोगों के प्रति यौन और रोमांसपूर्वक रूप से आकर्षित होना है।
लेस्बियन और बाईसेक्सुअल और एलजीबीटी क्या है -
पुरुष अगर पुरुष के प्रति के आकर्षित होगा तो उसे 'पुरुष समलिंगी' कहते है |और अगर महिला -महिला की ओर आकर्षित होगी |उसे 'लेस्बियन ' कहते है | गे शब्द दोनों के लिए प्रयोग होता है |जो लोग महिला और पुरषों दोनों के प्रति आकर्षित होते है उन्हें 'उभयलिंगी ' कहते है |इंग्लिश में इन्हे 'बाईसेक्सुअल' भी कहा जाता है | ये सभी एलजीबीटी समुदाय के अंतर्गत आते है |इसके विपरीत, एक व्यक्ति बिना समलैंगिक यौन सम्बन्ध बनाए भी 'गे' हो सकता है। ऐसे व्यक्तियों के पास समलैंगिक के रूप में सामाजिक रूप से पहचान करना, शादी न करना, या पहले समलैंगिक अनुभव का अनुमान लगाने जैसे संभावित विकल्प हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो उसी लिंग की तरफ़ आकर्षित होते हैं जिसके वे ख़ुद हैं, लेकिन न तो वे यौन गतिविधि में संलग्न होते हैं और न ही समलैंगिक के रूप में स्वयं की पहचान करते हैं। ऐसे लोगों के लिए अलैंगिक (asexual) शब्द लागू हो सकता है|
समलैंगिकता और धर्म-
समलैंगिकता को कई लोग हेय दृष्टि से देखते है लेकिन ये प्रमाण मिले है की की मानव सभ्यता से ही ये अस्तित्व में रहा है |और तो और वातायन द्वारा लिखा गया -'कामसूत्र ' में इसपे पूरा का पूरा चैप्टर है |कामसूत्र महर्षि वात्स्यायन द्वारा रचित भारत का एक प्राचीन कामशास्त्र ग्रंथ है।यह विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धान्तों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है।ये संस्कृत में लिखी गयी है और बाद में इसे 1883 अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया |जैसा देखते है भारत के कई पुराणों में इनका उल्लेख मिलता है |
भगवान शिव का अर्धनारीश्वर रूप, विष्णु का मोहिनी रूप, अर्जुन का बृहन्नला रूप, शिखंडी का लिंग परिवर्तन सभी से पूरा हिंदू धर्म वाकिफ है और इन्हें पूजनीय भी मानता है। हिंदू धर्म में इन सभी को भगवान की उपाधि दी गई है। भगवान के इन रूपों को भी सही मानते हुए पुराणों में जगह दी गई है।खजुराहो के मंदिर की दीवारों पर बनी कलाकृति भी इस बात की गवाह है कि उस समय भी समलैंगिक संबंध गलत नहीं माने जाते थे। केवल यहूदी, ईसाई धर्म और इस्लाम में इसे वर्जित करार दिया गया है। हालांकि पोप का कहना है कि समलैंगिक लोग भी उसी ईश्वर की संतान हैं जिसकी संतान हम हैं। हमें उन लोगों के प्रति भेदभाव नहीं करना चाहिए।
लेकिन इन सभी पुष्टियों और तर्कों के बाद भी सवाल अभी भी यही है कि क्यों और किस धर्म के नाम पर समलैंगिक संबंधों को गलत या पाप बताया जा रहा है किसी की अपने साथी चुनने की आजादी पर क्यों धर्म का ठप्पा लगाकर उसे रोकने की कोशिश की जा रही होती है |
क्या यौन वरीयता मनुष्य का अपना व्यक्तिगत मामला?
यौन वरीयता मनुष्य का अपना व्यक्तिगत मामला हो सकता है, लेकिन एक इसी आधार पर उसे पूर्ण रूप से स्वतंत्र नहीं छोड़ा जा सकता| इसके समर्थन से जुड़े लोगों का यह तर्क हैं कि व्यक्ति का आकर्षण किस ओर होगा यह उसकी मां के गर्भ में ही निर्धारित हो जाता हैंऔर अगर वह समलिंगी संबंधों की ओर आकृष्ट होते हैं तो यह पूर्ण रूप से स्वाभाविक व्यवहार माना जाना चाहिए लेकिन यहां इस बात की ओर ध्यान देना जरूरी है कि जब प्रकृति ने ही महिला और पुरुष दोनो को एक दूसरे के पूरक के रूप में पेश किया हैं. तो ऐसे हालातों में पुरुष द्वारा पुरुष की ओर आकर्षित होने के सिद्धांत को मान्यता देना कहा तक स्वाभाविक माना जा सकता हैं|इस तरह के भी तर्क दिए जाते रहे है |
समलैंगिकता पर संघर्ष और कानून को मान्यता -
समलैंगिकता के खिलाफ अंग्रेजों ने धारा 377 को 1860 में लागू किया था। 158 साल पुराने इस कानून के द्वारा समलैंगिकता को गैरकानूनी बताया गया है।अविभाजित भारत में वर्ष 1925 में खानू बनाम सम्राट का समलैंगिकता से जुड़ा पहला मामला था। उस मामले में यह फैसला दिया गया कि यौन संबंधों का मूल मकसद संतानोत्पत्ति है लेकिन अप्राकृतिक यौन संबंध में यह संभव नहीं है।
पहला शाही 'गे' होने की किसने की घोषणा -
2005 में गुजरात के राजपिपला के राजकुमार मानवेंद्र सिंह ने पहला शाही ‘गे’ होने की घोषणा की।बॉलीवुड भी इस विषय पर मुखर हुआ और ऐसे विषय पर फिल्मे बनी |हनीमून ट्रेवल प्रा लिमिटेड और दोस्ताना जैसी मूवी भी आयी |धीरे -धीरे तकनिकी का भी इसको साथ मिला |इंटरनेट पर गे डेटिंग वेबसाइटों की भरमार। गे कम्युनिटी और इन पर ब्लॉग्स से अटी पड़ी है साइटें एलजीबीटी अधिकार संयुक्त राष्ट्र के 94 सदस्य देश इनके समान अधिकारों का समर्थन करते हैं।फिर वो भी दिन आ गया जिसने भारत में 2017 अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में लैंगिक झुकाव को निजता के अधिकार से जोड़कर देखा।समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया है और इसके अनुसार आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा|
समलैंगिकता मुस्लिम देशों और कहा वैध है -
कई देशों पहले से ही अपने यहाँ इसे वैध किया है | जैसे लेबनान, कजाखिस्तान, माली, तुर्की, इंडोनेशिया, बहरीन, अल्बेनिया, अजरबैजान, नाइजर इन देशों में है मृत्युदंड सुडान, यमन, सऊदी अरब, ईरान, सोमालिया, नाइजीरिया, कतर, अफगानिस्तान, यूएई, मॉरीतानिया दुनिया के इन देशों ने इस साल किया वैध अर्जेंटीना (2010), ग्रीनलैंड(2015), दक्षिण अफ्रीका (2006), ऑस्ट्रेलिया (2017),आइसलैंड (2010), स्पेन (2005), बेल्जियम (2003), आयरलैंड (2015), अमेरिका (2015), ब्राजील (2013), स्वीडन (2009), कनाडा (2005),जर्मनी (2017), फ्रांस (2013), इंग्लैंड (2013)।हमारा मकसद ये रहता है की आपको सभी चीजें को जोड़कर एक जगह प्रस्तुत किया जाये |
पूरा जानने के लिए -http://bit.ly/38AyBhs
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यूईएफए यूरो 2020, स्वीडन बनाम यूक्रेन भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: मैच का पूरा विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
यूईएफए यूरो 2020, स्वीडन बनाम यूक्रेन भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: मैच का पूरा विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
स्वीडन बुधवार को चल रही यूरोपीय चैंपियनशिप के 16 मैचों के आखिरी दौर में यूक्रेन से भिड़ेगा। स्वीडिश टीम ने ग्रुप ई को तीन मैचों में दो जीत के साथ तालिका में शीर्ष पर समाप्त कर दिया था जबकि यूक्रेन अपने तीन मैचों में एकान्त जीत के बाद तीसरे स्थान पर रहा था। इस प्रकार, स्वीडन आत्मविश्वास से ऊंचा होगा और वे अपना वर्चस्व जारी रखना चाहेंगे।
यहां स्वीडन और यूक्रेन के बीच यूईएफए यूरो 2020 मैच का पूरा…
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यूईएफए यूरो 2020, क्रोएशिया बनाम स्पेन भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: पूरा मैच विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
यूईएफए यूरो 2020, क्रोएशिया बनाम स्पेन भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: पूरा मैच विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
यूरो 2020 में खराब शुरुआत के बाद स्पेन ने अंतत: कमर कस ली है, लेकिन क्रोएशिया से अंतिम 16 में अब तक की सबसे कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ेगा, जिसका नेतृत्व एक सनसनीखेज लुका मोड्रिक करेंगे जो प्रकाश के मरने के खिलाफ उग्र रहता है। स्लोवाकिया पर स्पेन की 5-0 की जीत में शैंपेन फुटबॉल निश्चित रूप से प्रवाहित हुआ क्योंकि कोच लुइस एनरिक ने स्वीडन और पोलैंड के साथ सुस्त ड्रॉ के बाद वादा किया था, लेकिन…
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यूईएफए यूरो 2020, स्वीडन बनाम स्लोवाकिया भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: मैच का पूरा विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
यूईएफए यूरो 2020, स्वीडन बनाम स्लोवाकिया भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: मैच का पूरा विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
स्वीडन स्पेन के साथ अपने स्कोर रहित ड्रॉ में रक्षात्मक रणनीति के लिए काफी आलोचनाओं के लिए आया था, लेकिन कप्तान सेबेस्टियन लार्सन परेशान नहीं हैं क्योंकि वे शुक्रवार (18 जून) को अपने अगले यूरो 2020 ग्रुप ई गेम में स्लोवाकिया का सामना करने के लिए तैयार हैं। स्वेड्स ने स्पेनियों का गला घोंट दिया और स्ट्राइकर अलेक्जेंडर इसाक को दूसरे हाफ के बीच में उतार दिया क्योंकि उन्होंने शट-आउट की व्यवस्था की थी,…
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यूईएफए यूरो 2020, स्पेन बनाम स्वीडन भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: मैच का पूरा विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
यूईएफए यूरो 2020, स्पेन बनाम स्वीडन भारत में लाइव स्ट्रीमिंग: मैच का पूरा विवरण, पूर्वावलोकन और टीवी चैनल | फुटबॉल समाचार
तीन बार के यूरोपीय चैंपियन स्पेन ने मंगलवार (IST) से सेविले में स्वीडन के खिलाफ अपने यूरो 2020 अभियान की शुरुआत की। लुइस एनरिक के पुरुष अधिकतम अंक हासिल करने की कोशिश करेंगे और उम्मीद है कि स्वीडन के लिए जीवन कठिन हो जाएगा।
विशेष रूप से, ला रोजा के पास वांछित तैयारी नहीं थी, जिसे वे कोविद 19 के साथ स्पेनिश शिविर से जूझना पसंद करते थे। मिडफील्डर सर्जियो बसक्वेट्स और डिफेंडर डिएगो लोरेंटे दोनों ने…
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