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गलत सूचना का प्रसार करने के बारे में एक कहावत है। यह इस प्रकार चलता है, ‘सप्रेसियो वेरी, सुझावियो फाल्सीइसका अर्थ है ‘सत्य को दबाओ, झूठ का सुझाव दो’इस कहावत का उत्कृष्ट उदाहरण भारतीय इतिहास में पाया जा सकता है। आज पढ़ाया जा रहा भारतीय इतिहास वही है जो आक्रमणकारी चाहते थे कि पराधीन लोग जानें। भारत में स्कूल से ही यही पढ़ाई की जा रही है। इतिहास में यह मानना होगा कि सिकंदर के आने से पहले भारत के पास…
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Tasnim, Rajawat claim singles crowns in Chhattisgarh International Challenge
Tasnim, Rajawat claim singles crowns in Chhattisgarh International Challenge
पूर्व जूनियर वर्ल्ड नंबर 1 तस्नीम मीर और प्रतिभाशाली प्रियांशु राजावत ने रायपुर में भारत छत्तीसगढ़ इंटरनेशनल चैलेंज बैडमिंटन टूर्नामेंट में क्रमशः महिला और पुरुष एकल खिताब जीतने के लिए विपरीत जीत दर्ज की।
पहले दौर में कई वरीय खिलाड़ियों को परेशान करने वाली तस्नीम ने फाइनल में छठी वरीयता प्राप्त सामिया फारूकी को 14-21, 21-17, 21-11 से हराया जबकि राजावत ने अनुभवी शुभंकर डे को 21-13, 21-11 से हराया।…
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क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़
जान का रोग है बला है इश्क़
-मीर तक़ी मीर
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गुफ़्तुगू अच्छी लगी ज़ौक़-ए-नज़र अच्छा लगा
मुद्दतों के बाद कोई हम-सफ़र अच्छा लगा
दिल का दुख जाना तो दिल का मसअला है पर हमें
उस का हँस देना हमारे हाल पर अच्छा लगा
हर तरह की बे-सर-ओ-सामानियों के बावजूद
आज वो आया तो मुझ को अपना घर अच्छा लगा
बाग़बाँ गुलचीं को चाहे जो कहे हम को तो फूल
शाख़ से बढ़ कर कफ़-ए-दिलदार पर अच्छा लगा
कोई मक़्तल में न पहुँचा कौन ज़ालिम था जिसे
तेग़-ए-क़ातिल से ज़ियादा अपना सर अच्छा लगा
हम भी क़ाइल हैं वफ़ा में उस्तुवारी के मगर
कोई पूछे कौन किस को उम्र भर अच्छा लगा
अपनी अपनी चाहतें हैं लोग अब जो भी कहें
इक परी-पैकर को इक आशुफ़्ता-सर अच्छा लगा
'मीर' के मानिंद अक्सर ज़ीस्त करता था 'फ़राज़'
था तो वो दीवाना सा शा'इर मगर अच्छा लगा
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Tum taqee meer k deevaan kee mashoor gazal
hum vo ashaar jo rickshaw pe likhen hote hai!!
तुम तक़ी मीर के दीवान की मशहूर गज़ल
हम वो अशआर जो रिक्शो पे लिखें होते है!!
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बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो
Amidst the world's woes or in joy's sweet embrace,
ऐसा कुछ कर के चलो याँ कि बहुत याद रहो
Do something remarkable, leave a memorable trace.
- मीर तक़ी मीर || Meer Taqi Meer
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देख तो दिल कि जाँ से उठता है
ये धुआँ सा कहाँ से उठता है
~मीर तक़ी मीर
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In English, we say, "My heart feels empty" but in Urdu we say-
दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है
ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया
Dil ki veeraani ka kya mazkoor hai
ye nagar sau martaba loota gaya hai
-मीर तक़ी मीर
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क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़
जान का रोग है बला है इश्क़
इश्क़ ही इश्क़ है जहाँ देखो
सारे आलम में भर रहा है इश्क़
इश्क़ है तर्ज़ ओ तौर इश्क़ के तईं
कहीं बंदा कहीं ख़ुदा है इश्क़
है हमारे भी तौर का आशिक़
जिस किसी को कहीं हुआ है इश्क़
'मीर'-जी ज़र्द होते जाते हो
क्या कहीं तुम ने भी किया है इश्क़
~ mir taqi mir
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Jammu Kashmir Election : एक बजे तक 41.17 फीसदी मतदान, पुलवामा में सबसे कम वोटिंग
Jammu Kashmir Election : जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो रहा है। आज शाम 6 बजे तक सात जिलों की 24 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा।
Hindustan Shikhar Samagam 2024 : मुख्यमंत्री धामी ने हिन्दुस्तान शिखर समागम’ कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
जेकेएनसी उम्मीदवार ने किया मतदान
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के राजपोरा विधानसभा क्षेत्र से जेकेएनसी उम्मीदवार गुलाम मोहि उद्दीन मीर…
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हैदराबाद के निज़ाम: शक्ति और संरक्षण की एक विरासत
दक्षिण-मध्य भारत में एक विशाल और धनी रियासत के शासक, हैदराबाद के निज़ामों ने उपमहाद्वीप के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी। 18वीं शताब्दी की शुरुआत से 1947 में भारत की स्वतंत्रता तक, निज़ाम की उपाधि धारण करने वाले आसफ जाही वंश ने अधिकार, सांस्कृतिक संरक्षण और राजनीतिक कौशल के मिश्रण के साथ हैदराबाद पर शासन किया।
सत्ता में वृद्धि
वंश के संस्थापक, मीर कमर-उद-दीन सिद्दीकी, मुगल सम्राटों के अधीन दक्कन…
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जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक रहे पूगल क्षेत्र के दौरे पर, विभिन्न कार्यालयों का किया निरीक्षण, रात्रि चौपाल में सुनी जन समस्याएं
बीकानेर, 12 सितम्बर। जिला कलक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि और पुलिस अधीक्षक श्रीमती तेजस्विनी गौतम बुधवार को पूगल क्षेत्र के दौरे पर रहे। उन्होंने पूगल में विभिन्न सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण किया और 2 पीबी में आयोजित रात्रि चौपाल में ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। उन्होंने 2 डीकेडी में सूफी और कबीर वाणी गायक मीर बसु बरकत खान के गीत और कबीर वाणी को सुना। उन्होंने इसकी सराहना की और कहा कि ऐसी लोक कलाओं…
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jharkhand congress- झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर पहुंचे रांची, नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिलकर लिया फीडबैक, कहा- सितंबर के अंत तक हो जाएगा सीट शेयरिंग पर फैसला
रांची : झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर रांची रविवार देर रात पहुंचने के बाद कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की और फीडबैक लिया. सोमवार को फिर एक बार नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उनसे फीडबैक लिया. बैठक में चुनावी रणनीति पर विचार विमर्श किया गया.एक बातचीत के क्रम में कहा कि सीट शेयरिंग मामले में एक दौर की बैठक हो गयी है. अभी एक- दो दौर की होना बाकी है, इसके बाद ही इस पर फैसला होगा.…
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shayari on sharab in hindi - लफ्ज़ों में बहता नशा
शायरी और शराब का रिश्ता सदियों पुराना है। दोनों ही दिल के दर्द, जज्बातों और खामोशी को बयां करने का माध्यम रहे हैं। जब दिल बोझिल हो और जज़्बात संभाले न जाएं, तब शराब के जाम और शायरी की लय मिलकर एक अनोखी दुनिया बुनते हैं। इस ब्लॉग में हम इस अनूठे संगम को समझने और शायरी के उस पहलू पर चर्चा करेंगे, जिसमें शराब सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि एक एहसास बन जाती है।
शराब और शायरी: एक गहरा नाता
sharab par shayari सिर्फ एक साधारण पेय नहीं, बल्कि एक प्रतीक है। यह गम, खुशी, अकेलापन, और कभी-कभी प्यार का प्रतिनिधित्व करती है। शायर शराब के जरिए अपने दिल की गहराइयों में छिपी बातों को उजागर करते हैं। जब शायरी शराब से जुड़ती है, तो ये शब्दों में बहते हुए नशे का रूप ले लेती है। नशे की यह स्थिति सिर्फ शायर के मन की स्थिति नहीं होती, बल्कि श्रोता के दिल तक भी पहुंचती है।
अक्सर शायर शराब का जिक्र अपने गम और तन्हाई के साथ करते हैं। जब जिंदगी में दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाए, तो शराब एक राहत का माध्यम बन जाती है, और शायरी उस दर्द को बयां करने का। जैसे कि मीर तकी मीर ने कहा था:
"इश्क ने 'गालिब' निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के।"
शराब के जाम में डूबा दिल जब अपनी तन्हाई को लफ्जों में बयां करता है, तब शायरी जन्म लेती है। शराब के जरिए दर्द की अभिव्यक्ति कई बार इतनी गहरी होती है कि वह सिर्फ एक नशे तक सीमित नहीं रहती, बल्कि एक भावना बन जाती है।
शराब और जश्न की शायरी
शराब का संबंध हमेशा दर्द और गम से नहीं होता। कई शायर शराब को जश्न, खुशी और उमंग का प्रतीक भी मानते हैं। महफिलों में जब दोस्तों के साथ जाम उठते हैं, तब शायरी का नशा भी शबाब पर होता है।
"पीने दे साक़ी के हाथों से प्यास बुझा,
इस जाम में हर ग़म को डुबा।"
ऐसी शायरी में शराब सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि दोस्ती और महफिल का एक अभिन्न हिस्सा बन जाती है। शराब और शायरी साथ मिलकर रातों को रोशन करती हैं, जहां हर जाम के साथ एक नई शायरी का जन्म होता है।
शराब का नशा या लफ्ज़ों का जादू?
शायरी में जब शराब की बात होती है, तो अक्सर यह सवाल उठता है कि असली नशा शराब का है या उन लफ्ज़ों का जो शायर अपनी शायरी में बुनते हैं। शायरी में शराब की उपस्थिति कई बार श्रोता को अपने ही एहसासों के नशे में डुबो देती है। शायर का उद्देश्य सिर्फ शराब का वर्णन नहीं होता, बल्कि वह उस भावना को व्यक्त करता है जो शराब के साथ आती है।
ऐसे में, शराब शायरी के माध्यम से एक नया अर्थ प्राप्त करती है। यह केवल एक पेय से आगे बढ़कर उन जज्बातों और भावनाओं का प्रतीक बन जाती है, जिन्हें शब्दों में पिरोया जाता है।
क्यों जुड़ी शराब शायरी से?
शायरी एक कला है जो दिल के सबसे गहरे और निजी एहसासों को उभारती है। शराब के साथ इसका जुड़ाव इसलिए भी स्वाभाविक है क्योंकि दोनों ही मनुष्य की भावनात्मक स्थिति को खुलकर सामने लाते हैं। जहां शराब इंसान को खुला और सच्चा बना देती है, वहीं शायरी उन सच्चाइयों को लफ्ज़ों में बयां करती है।
"नशे में जो कही वो बात सच्ची थी,
अब होश में आकर झूठ ना कह दूं।"
शायरी में शराब का जिक्र इसलिए भी प्रासंगिक है क्योंकि वह उन हालातों को उजागर करती है, जिनमें शायर अपने दिल की बातें खुलकर कहने में सक्षम होता है।
शराब पर शायरी: लफ्ज़ों में बहता नशा
जब शराब पर शायरी की बात होती है, तो यह महज नशे का वर्णन नहीं होता, बल्कि यह उन जज्बातों और एहसासों का मिलन होता है जो शायर के दिल से निकलकर लफ्ज़ों में ढल जाते हैं। शराब के साथ बहते हुए ये शब्द हमें हमारी गहराइयों में ले जाते हैं, और वहां से वह नशा उत्पन्न होता है जो सिर्फ शराब का नहीं, बल्कि शायरी का होता है।
"कभी पी के तुझे याद किया,
कभी तुझे याद कर के पिया।"
शायरी में बहते हुए नशे का यह एहसास हर पाठक और श्रोता को अपने अंदाज में छूता है, और वह भी इस नशे में बह जाता है।
निष्कर्ष:
sharab shayari in hindi का यह अनूठा संगम हमें जीवन के उन पहलुओं से रूबरू कराता है, जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। चाहे वह दर्द हो या जश्न, शराब और शायरी दोनों ही हमारे दिल की गहराइयों में जाकर उस नशे को पैदा करते हैं, जो लफ्ज़ों के जरिए हमारे मन को छूता है। 'लफ्ज़ों में बहता नशा' वास्तव में शायरी और शराब का वह अनूठा रिश्ता है
Source Url - https://mastshayary.wordpress.com/2024/09/08/shayari-on-sharab-in-hindi-%e0%a4%b2%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%9c%e0%a4%bc%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%b6%e0%a4%be/
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भाजपा ने जम्मू कश्मीर चुनावों के लिए जारी की छह उम्मीदवारों की लिस्ट; जानें किसको कहां से मिला टिकट
भाजपा ने जम्मू कश्मीर चुनावों के लिए जारी की छह उम्मीदवारों की लिस्ट; जानें किसको कहां से मिला टिकट
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Jammu Kashmir News: आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में छह उम्मीदवारों के नाम का एलान किया गया है। इस लिस्ट में आरएस पठानिया उधमपुर पूर्व से और नसीर अहमद लोन बांदीपोरा से चुनाव लड़ेंगे।
करनाह सीट से मो. इदरीस करनाही को टिकट मिला है। हंदवाड़ा सीट से गुलाम मोहम्मद मीर पार्टी के प्रत्याशी होंगे। गुरेज सीट से फकीर मोहम्मद…
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पाकिस्तान का कुछ नहीं हो सकता... उप कप्तान ने छोड़ा लड्डू कैच, ऐसी घटिया फील्डिंग नहीं देखी होगी
रावलपिंडी: बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में के दूसरे दिन पाकिस्तान क्रिकेट टीम की फजीहत हो गई। बांग्लादेश की पारी की पहली ही गेंद पर पाकिस्तान के उप कप्तान ने एक आसान सा कैच छोड़ दिया। कैच इतना आसान था कि अब सोशल मीडिया पर सऊद शकील को खूब ट्रोल किया जा रहा है। पारी का पहला ओवर करने आए मीर हमजा इस आसान से कैच के छूटने पर काफी निराश थे, जबकि अंपायर रिचर्ड केटलबरो भी यह देखकर अचंभित रह गए। बता दें कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी में सिर्फ 274 रन बनाए थे। इसके बाद गेंदबाजी में मीर हमजा ने पहले ही ओवर में बांग्लादेश को लगभग झटका दे दिया था। बांग्लादेश के ओपनर बल्लेबाज शादमन इस्लाम को हमजा ने चौथे स्टंप से बाहर की ओर गेंद निकाली। शादमन ने इसे खेलने की कोशिश की लेकिन, बल्ले का किनारा लगते हुए गेंद पांचवें स्लिप में खड़े सऊद शीकल के पास गई, जिसे वह नहीं पकड़ पाए। तीन खिलाड़ियों के पास गई गेंदमीर हमजा ने जिस तरह से बांग्लादेशी बल्लेबाजों को फंसाया वह कमाल था। सऊद शकील के हाथ से गेंद छिटकने बाद उनके बगल में खड़े सैम अयूब के पास मौका था कि वह उसे पकड़े, लेकिन सैम अयूब के हाथ से भी गेंद छिटक गई। इसके बाद बाबर आजम ने भी कोशिश की लेकिन वह सफल नह��ं रहे, जिसके कारण पाकिस्तान ने एक आसान सा मौका गंवा दिया। इस घटिया फील्डिंग को देखकर कप्तान शान मसूद काफी निराशा थे। बारिश के कारण धुल गया था पहला दिन रावलपिंडी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच का पहला दिन लगातार हो रहे बारिश के कारण धुल गया था। इसके बाद दूसरे दिन के खेल में जैसे ही बांग्लादेशी गेंदबाज आएन उन्होंने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया और मेजबान टीम को सिर्फ 274 रन के स्कोर पर रोक दिया। हालांकि, बैटिंग में बांग्लादेशी टीम की शुरुआत भी खास नहीं रही थी। टीम ने सिर्फ 26 रन के स्कोर पर अपने पांच विकेट गंवा दिए थे। http://dlvr.it/TCfCPh
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