सिख धर्म की पुस्तक भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रमाण है :—
‘‘साखी मदीने की चली‘‘ हिन्दी वाली के पृष्ठ 262 पर श्री नानक जी ने चार इमामों के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा है :
आखे नानक शाह सच्च, सुण हो चार इमाम।
मक्का है महादेव का, ब्राह्मण सन सुलतान॥
सतगुरू नानक देव जी ने चार इमामों से चर्चा करते हुए कहा कि जिस मक्का शहर में जो काबा (मंदिर) है जिसको आप अपना पवित्र स्थान मानते हो। वह महादेव (शिव जी) का मंदिर है। इसमें सब देवी—देवताओं की मूर्तियां थीं। उसकी स्थापना करने वाला सुल्तान (राजा) ब्राह्मण था। बाद में सब मूर्तियाँ उठा दी गई थी। नबी इब्राहिम व हजरत इस्माईल (अलैहि.) ने इसका पुनः निर्माण करवाया था।
पवित्र हिन्दू समाज में चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद) का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है। माना जाता है कि वेदों में परमेश्वर की पूजा व साधना का सर्वोत्तम ज्ञान है। आश्चर्य की बात है कि 80% हिन्दू समाज वेदों के विपरीत भक्ति कर्म करते हैं तथा 80% हिन्दुओं ने वेदों की शक्ल भी नहीं देखी है।
(विशेष:- हिन्दू समाज श्रीमद्भगवत गीता को चारों वेदों का सार तथा संक्षिप्त रूप मानते हैं। गीता में वेद ज्ञान निष्कर्ष रूप में संक्षेप में कहा है। यह भी निर्विरोध राय है।)
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 58:- व तवक्कल् अलल् हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा(कबीरा)।58।
हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। वह कभी मरने वाला नहीं है अर्थात् वास्तव में अविनाशी है।