आपके बच्चे में मायोपिया के शुरुआती लक्षणों को आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए
आपके बच्चे में मायोपिया के शुरुआती लक्षणों को आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए
मायोपिया आंखों की एक आम समस्या है जिसमें व्यक्ति को दूर की वस्तु ठीक से देखने में परेशानी होती है। हाल ही में एम्स के एक अध्ययन से पता चला है कि स्कूल जाने वाले 13% से अधिक बच्चों में मायोपिया विकसित हुआ है और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग के कारण पिछले दशक में यह संख्या दोगुनी हो गई है। मायोपिया से बच्चे के जीवन में बाद में मोतियाबिंद, रेटिना के अलग होने और ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ सकता…
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अंबिकापुर में आँखों का ऑपरेशन कैसे होता है - पूरी जानकारी
अंबिकापुर में आँखों का ऑपरेशन करवाने से पहले जानें इस प्रक्रिया के बारे में सभी जानकारी। यहाँ पढ़ें पूरी जानकारी।
अंबिकापुर में आँखों का ऑपरेशन करवाने से पहले आपको इस प्रक्रिया के बारे में सभी जानकारी होनी चाहिए। यहाँ आप पूरी जानकारी पा सकते हैं, जैसे कि ऑपरेशन की विधि, उपचार के बाद की देखभाल और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
आँखों के ऑपरेशन का मतलब क्या होता है?
आँखों के ऑपरेशन का मतलब होता है कि आपकी आँखों में कोई समस्या हो जिसे ऑपरेशन के द्वारा ठीक किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में एक चिकित्सक आपकी आँखों की समस्या को देखता है और उसे ठीक करने के लिए एक ऑपरेशन करता है। यह आमतौर पर एक साधारण प्रक्रिया होती है जो आपकी आँखों के लिए बहुत उपयोगी होती है।
अंबिकापुर में भी आँखों के ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध है। यहाँ आपको एक अनुभवी चिकित्सक द्वारा आपकी आँखों की समस्या को देखा जाता है और उसके अनुसार एक ऑपरेशन किया जाता है। आँखों के ऑपरेशन के लिए कुछ विशेष उपकरण भी इस्तेमाल किए जाते हैं जैसे कि लेजर या एक्सरे आदि। इस प्रक्रिया के दौरान आपको अनेस्थेजिया दी जाती है ताकि आपको कोई दर्द न हो। इस प्रक्रिया के बाद आपको थोड़ी सी आराम करने की आवश्यकता होती है और आपको अपने चिकित्सक के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए।
आँखों के ऑपरेशन के लिए तैयारी कैसे करें?
अगर आप अंबिकापुर में आँखों का ऑपरेशन करवाने जा रहे हैं, तो आपको इसके लिए तैयारी करनी होगी। आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनसे ऑपरेशन से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। आपको अपनी आँखों की समस्या के बारे में भी अच्छी तरह से जानना चाहिए ताकि आप अपने डॉक्टर को सही जानकारी दे सकें। आपको ऑपरेशन से पहले भोजन की तैयारी करनी चाहिए और अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाओं का सेवन करना चाहिए।
आँखों का ऑपरेशन करवाने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए कि आपको कौन सी तैयारी करनी चाहिए। आपको अपन��� आँखों की समस्या के बारे में अच्छी तरह से जानना चाहिए ताकि आप अपने डॉक्टर को सही जानकारी दे सकें। आपको ऑपरेशन से पहले भोजन की तैयारी करनी चाहिए और अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाओं का सेवन करना चाहिए। आपको ऑपरेशन के दौरान शांत रहना चाहिए और अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार आगे की देखभाल करनी चाहिए। आपको ऑपरेशन के बाद भी अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाओं का सेवन करना चाहिए और अपनी आँखों की संरक्षण के लिए उनकी सलाह का पालन करना चाहिए।
ऑपरेशन के दौरान क्या होता है?
अंबिकापुर में आँखों का ऑपरेशन के दौरान आपको एक निश्चित समय के लिए अस्थायी अंधापन महसूस हो सकता है। आपको ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक द्वारा बताए गए सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए। आपको ऑपरेशन के बाद भी कुछ समय तक अपनी आँखों की देखभाल करनी होगी और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना होगा।
आँखों का ऑपरेशन एक चिकित्सा प्रक्रिया होती है जिसमें आपकी आँखों की समस्या को दूर करने के लिए एक छोटी सी कटाव की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान आपको एक निश्चित समय के लिए अस्थायी अंधापन महसूस हो सकता है। इसलिए, आपको ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक द्वारा बताए गए सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए। आपको ऑपरेशन के बाद भी कुछ समय तक अपनी आँखों की देखभाल करनी होगी और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना होगा। इस प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप अपने चिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं।
ऑपरेशन के बाद की देखभाल कैसे करें?
अंबिकापुर में आँखों का ऑपरेशन के बाद, आपको अपनी आँखों की देखभाल करनी होगी। आपको अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए। आपको अपनी आँखों को साफ रखना चाहिए और अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं का सेवन करना चाहिए। आपको अपनी आँखों को धूप से बचाना चाहिए और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।
ऑपरेशन के बाद, आपको अपनी आँखों की देखभाल करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आपको अपनी आँखों को साफ रखना चाहिए और अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं का सेवन करना चाहिए। आपको अपनी आँखों को धूप से बचाना चाहिए और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए। आपको अपनी आँखों को ठंडे पानी से साफ करना चाहिए और अपनी आँखों को रखरखाव के लिए नियमित अंतराल पर अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए। आपको अपनी आँखों को अधिक से अधिक आराम देना चाहिए और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।
ऑपरेशन के बाद सावधानियां और समस्याएं।
अंबिकापुर में आँखों का ऑपरेशन के बाद, आपको कुछ सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। आपको अपनी आँखों को धूप से बचाना चाहिए और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए। आपको अपनी आँखों को साफ रखना चाहिए और अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं का सेवन करना चाहिए। अगर आपको ऑपरेशन के बाद कोई समस्या होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ऑपरेशन के बाद, आपको अपनी आँखों को धूप से बचाना चाहिए। आपको अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए और अपनी आँखों को साफ रखना चाहिए। आपको अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं का सेवन करना चाहिए। ऑपरेशन के बाद कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि आँखों में जलन, सूखापन, या आँखों का लाल हो जाना। अगर आपको ऑपरेशन के बाद कोई समस्या होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आपके डॉक्टर आपको आँखों की देखभाल के बारे में अधिक जानकारी देंगे और आपको बताएंगे कि आपको कैसे अपनी आँखों की सेवा करनी चाहिए।
In conclusion, we hope you found this article helpful in understanding the exceptional eye care services provided by Sankalp Eye Hospital in Ambikapur, Chhattisgarh.
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jamshedpur rural-चाकुलिया के समावेशी शिक्षा परिसर में विद्यार्थियों की हुई नेत्र जांच
चाकुलिया: चाकुलिया के राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण विभाग द्वारा आज समावेशी शिक्षा केन्द्र परिसर में प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों से पहुंचे 113 छात्र छात्राओं का नेत्र जांच किया गया. डा कांतो चन्द्र हेम्ब्रम ने बताया कि नेत्र जांच में पाएं गये नेत्र दोष विद्यार्थियों को जल्द ही चश्मा उपलव्ध कराया जाएगा.(नीचे भी पढ़े)
जांच शिविर को सफल बनाने में रीया महतो,संदीप पोद्दार, अभिषेक रंजन, ललित मोहन…
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👁 ग्लूकोमा को समझना: प्रकार और जोखिम
ग्लूकोमा आंखों की स्थितियों का एक समूह है जो ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उपचार न होने पर दृष्टि हानि और अंधापन हो सकता है। आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ, Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) के रूप में, मैं इसके विभिन्न प्रकारों पर प्रकाश डालने के लिए यहां हूं:
1️⃣ प्राथमिक ओपन-एंगल ग्लूकोमा: सबसे आम प्रकार जहां आंख का जल निकासी कोण समय के साथ कम कुशल हो जाता है।
2️⃣ कोण-बंद मोतियाबिंद: यह तब होता है जब परितारिका आगे की ओर उभर जाती है और आंख के जल निकासी कोण को अवरुद्ध कर देती है, जिससे आंख का दबाव अचानक बढ़ जाता है।
3️⃣ सामान्य-तनाव ग्लूकोमा: आंखों पर सामान्य दबाव के बावजूद, ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान होता है।
4️⃣ जन्मजात ग्लूकोमा: जन्म के समय मौजूद, आंख की जल निकासी प्रणाली के असामान्य विकास के कारण होता है।
5️⃣ माध्यमिक ग्लूकोमा: आंख की किसी अन्य स्थिति या चोट, जैसे आघात या यूवाइटिस के परिणामस्वरूप विकसित होता है।
ग्लूकोमा के प्रबंधन में शीघ्र पता लगाना और उपचार महत्वपूर्ण है। आंखों की नियमित जांच से लक्षणों का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे दृष्टि हानि का जोखिम कम हो सकता है। यदि आपको कोई चिंता है या मार्गदर्शन की आवश्यकता है, तो बेझिझक मुझसे भल्ला आई हॉस्पिटल, बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, एचपी पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड में संपर्क करें, या 7061015823, 8969749533 पर कॉल करें।
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स्थमा के लक्षण: जानें इसे पहचानने के तरीके
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें श्वास की नलिकाओं में सूजन हो जाती है जिससे व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। इस लेख में हम अस्थमा के लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि आप इसे समझ सकें और समय रहते इलाज करवा सकें।
सांस लेते समय गुब्बारे की भांति दर्द या दुखना।
श्वास की नलिकाओं में आवाज की बजावट।
श्वास की नलिकाओं में सूजन के कारण सांस लेने में कठिनाई।
सांस लेने में लगातार तकलीफ होना।
सांस फूलने या अंधापन की भावना।
सांस लेने में अचानक तकलीफ होना या सांस न आने की भावना।
श्वास की नलिकाओं में खुजली या चुभन।
सांस लेते समय घातक या तेज ध्वनि आना।
अस्थमा के इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और अपने चिकित्सक से संपर्क करें। यदि आपको या आपके परिवार के किसी को अस्थमा के लक्षण दिखाई देते हैं, तो सही इलाज के लिए जल्दी से जांच कराएं।
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Financetime.in ट्विटर पर आतंकवाद के प्रति अंधापन का आरोप
ट्विटर के खिलाफ मामला 2017 में आईएसआईएस हमले के पीड़ित के परिवार द्वारा लाया गया था। (फाइल)
वाशिंगटन:
ट्विटर पर बुधवार को यूएस सुप्रीम कोर्ट में आईएसआईएस समूह की ओर आंखें मूंदने का आरोप लगाया गया क्योंकि न्यायाधीश यह निर्धारित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे कि सोशल मीडिया साइटों को आतंकवाद के कृत्यों के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है या नहीं।
दो घंटे की सुनवाई में, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के नौ…
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आंख का रोग – Glaucoma in Hindi
Glaucoma meaning in Hindi is called as आंख का रोग. और, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए अंधापन का एक प्रमुख कारण है। हालांकि, मोतियाबिंद से अंधापन अक्सर प्रारंभिक उपचार से रोका जा सकता है। और, दो प्रमुख प्रकार के ग्लूकोमा हैं जिन्हें प्राथमिक ओपन-एंजल कांच के रूप में जाना जाता है …
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#आख #क #रग #Glaucoma #Hindi
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आंख का रोग – Glaucoma in Hindi
Glaucoma meaning in Hindi is called as आंख का रोग. और, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए अंधापन का एक प्रमुख कारण है। हालांकि, मोतियाबिंद से अंधापन अक्सर प्रारंभिक उपचार से रोका जा सकता है। और, दो प्रमुख प्रकार के ग्लूकोमा हैं जिन्हें प्राथमिक ओपन-एंजल कांच के रूप में जाना जाता है …
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आंख का रोग – Glaucoma in Hindi
Glaucoma meaning in Hindi is called as आंख का रोग. और, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए अंधापन का एक प्रमुख कारण है। हालांकि, मोतियाबिंद से अंधापन अक्सर प्रारंभिक उपचार से रोका जा सकता है। और, दो प्रमुख प्रकार के ग्लूकोमा हैं जिन्हें प्राथमिक ओपन-एंजल कांच के रूप में जाना जाता है …
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डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हैं ये 5 फल, बढ़ा सकते हैं ब्लड शुगर
डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हैं ये 5 फल, बढ़ा सकते हैं ब्लड शुगर
हर साल 14 नवंबर को दुनिया भर में विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व मधुमेह दिवस का उद्देश्य मधुमेह के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना और इसकी रोकथाम के महत्व पर जोर देना है। मधुमेह वाले व्यक्ति को गुर्दे की बीमारी, दिल का दौरा, स्ट्रोक, अंधापन और निचले अंगों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। जिसे स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और नियमित जांच से नियंत्रित किया जा सकता…
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कॉर्निअल इमरजेंसीज़ पुस्तक का विमोचन किया
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कॉर्निअल इमरजेंसीज़ पुस्तक का विमोचन किया
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कॉर्निअल इमरजेंसीज़ पुस्तक का विमोचन किया
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एम्स भोपाल में ओप्थाल्मोलॉजी (नेत्र रोग) की विभागाध्यक्ष एवं डीन एग्जामिनेशन डॉ. भावना शर्मा और पद्मश्री प्रोफेसर जे.एस. टिटियाल चीफ आरपी सेंटर एम्स नई दिल्ली द्वारा लिखित पुस्तक कॉर्निअल इमरजेंसीज़ का निवास कार्यालय में विमोचन किया। कॉर्निअल भारत में विशेष रूप से युवा वर्ग में अंधापन का…
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Jamshedpur rural eye test training : गालूडीह प्रखंड के 94 विद्यालयों के शिक्षकों को मिला नेत्र जांच का प्रशिक्षण, राष्ट्रीय अंधापन निवारण व बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत किया गया प्रशिक्षित
गालूडीह : गालूडीह स्थित बीआरसी भवन में सोमवार को राष्ट्रीय अंधापन निवारण कार्यक्रम एवं बाल सुरक्षा नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों की नेत्र जांच के लिए प्रखंड के 94 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के एक-एक शिक्षक को प्रशिक्षण दिया गया. इसमें जमशेदपुर से आये चिकित्सक डॉ हृदय सिंह और उनकी टीम के सदस्य शामिल थे. दूसरी पाली में टाटा स्टील फाउंडेशन की तरफ से नेत्र जांच से संबंधित महत्वपूर्ण…
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👁️ डायबिटिक रेटिनोपैथी के सामान्य कारणों की समझ 👁️
डायबिटिक रेटिनोपैथी तब होता है जब उच्च रक्त शर्करा स्तर रेटिना में रक्त संवहनी को नुकसान पहुंचाते हैं, जो आँख के पीछे प्रकाश-संवेदनशील ऊतक होती है। समय के साथ, ये नुकसान पहुंचे हुए संवहनी तरलता या खून छोड़ सकते हैं, जिससे दृश्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं और अगर उपचार नहीं किया गया तो अंधापन तक हो सकता है।
यहाँ डायबिटिक रेटिनोपैथी के सामान्य कारण हैं:
रक्त शर्करा का नियंत्रण: अनियमित या लगातार उच्च रक्त शर्करा स्तर डायबिटिक रेटिनोपैथी के विकास और प्रगति को तेज कर सकते हैं।
उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप आँख की रक्त संवहनी में नुकसान को बढ़ा सकता है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी का जोखिम बढ़ सकता है।
डायबिटीज की अवधि: आपके पास जितने वर्ष डायबिटीज है, डायबिटिक रेटिनोपैथी के विकास का खतरा उतना ही अधिक होता है। विशेष रूप से अगर आपके पास कई सालों से डायबिटीज है, तो नियमित आँख की जांच अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
अनौपचारिक जीवनशैली: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन डायबिटिक रेटिनोपैथी और अन्य डायबिटीज संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है।
आनुवंशिकता: डायबिटिक रेटिनोपैथी के परिवार का इतिहास आपके संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है।
समय से पहले पता चलना और प्रबंधन डायबिटिक रेटिनोपैथी से दृश्य हानि को रोकने में महत्वपूर्ण है। अगर आपके दृश्य में कोई भी परिवर्तन महसूस करते हैं या डायबिटीज है, तो Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) से भल्ला आँख अस्पताल, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, नजदीकी एचपी पेट्रोल पंप, रांची, झारखंड में एक समय संवाद की नियुक्ति करें। हमसे संपर्क करें: 7061015823 या 8969749533 पर।
ध्यान दें, आपका दृश्य मूल्यवान है। हम साथ में इसे संरक्षित करने के लिए काम करें।
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'खसरा से मौत': स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुंबई भेजी टीम
‘खसरा से मौत’: स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुंबई भेजी टीम
खसरे के संदिग्ध मामलों में वृद्धि और तीन बच्चों की मौत की रिपोर्ट के बाद, गठबंधन स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को एक बहु-विषयक टीम को मुंबई भेजा। यह अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है कि मृत्यु खसरे के कारण हुई थी, जो कभी-कभी एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की एडिमा), अंधापन और निमोनिया जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकती है।
“शायद मौत खसरे से हुई थी। राज्य ने भी इन मौतों को खसरा के रूप में वर्गीकृत नहीं किया।…
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धरती पर प्रलय ला सकते हैं थर्मोन्यूक्लियर बम, चीन से निपटने के लिए भारत को चाहिए होगा यह ब्रह्मास्त्र, जानें क्या है ये?
वॉशिंगटन: रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण अब दुनिया में न्यूक्लियर बम का खतरा बढ़ता जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर ताइवान और चीन के बीच भी तनाव की स्थिति है। चीन का आक्रामक रुख हमेशा भारत के लिए भी एक बड़ा खतरा है। चीन से निपटने के लिए अब भारत को थर्मोन्यूक्लियर बम की आवश्यक्ता है। अमेरिका के एक थिंकटैंक की ओर से कहा गया है कि शांति की स्थापना के लिए भारत को थर्मोन्यूक्लियर बम का टेस्ट करना ही होगा। आइए जानते हैं कि और ये परमाणु बम से कैस��� अलग है?
थर्मोन्यूक्लियर बम को हाइड्रोजन बम या H-बम भी कहा जाता है। इसमें परमाणु विस्फोट को और भी विनाशकारी बनाने के लिए न्यूक्लियर फ्यूजन के दूसरे चरण का इस्तेमाल होता है। ये सामान्य परमाणु बम की तुलना में बेहद शक्तिशाली होते हैं। हाइड्रोजन बम के केंद्र में ड्यूटेरियम और ट्रिटियम (हाइड्रोजन के समस्थानिक) को कंप्रेस कर गर्म किया जाता है, जिससे हाइड्रोनजन बनता है। इससे न्यूट्रॉन मुक्त हो जाते हैं और यूरेनियम की परत इस विस्फोटक श्रृंखला के चारों ओर एक घेरा बना लेते हैं, जिससे सामान्य परमाणु बम की अपेक्षा अधिक विनाशकारी विस्फोट पैदा होता है।
कैसे काम करता है थर्मोन्यूक्लियर बमइसकी विशाल विस्फोटक शक्ति से एक अनियंत्रित आत्मनिर्भर चेन रिएक्शन पैदा होता है, जिसमें हाइड्रोजन के दो अणु एक भारी हीलियम अणु में बदलते हैं। इस प्रक्रिया में उच्च ताप पैदा होता है। वर्तमान थर्मोन्यूक्लियर बमों में, लिथियम-6 ड्यूटेराइड का इस्तेमाल फ्यूजन ईंधन के लिए होता है। फ्यूजन की शुरुआत में ये ट्रिटियम में बदल जाता है।
कैसे होता है हाइड्रोजन बम का विस्फोटहाइड्रोजन बम या एच बम का विस्फोट दो चरणों में होता है। प्राथमिक चरण में कम मात्रा में यूरेनियम के जरिए एक पारंपरिक परमाणु विस्फोट होता है। चेन रिएक्शन शुरु करने के लिए ये विस्फोट किया जाता है। इस विस्फोट के कारण थर्मोन्यूक्लियर बम के बाकी तत्वों में रिएक्शन शुरू हो जाता है। इस चेन रिएक्शन के कारण देखते ही देखते तापमान लाखों डिग्री तक पहुंच जाता है। इस विस्फोट और गर्मी के कारण बड़ी मात्रा में न्यूट्रॉन युक्त रेडिएशन निकलता है। इस विस्फोट के कारण दूसरे चरण का रिएक्शन होता है, जिससे यूरेनियम के कंटेनर में धमाका होता है। ये पूरी प्रक्रिया एक सेकंड से भी कम समय में होती है।
क्या होगा थर्मोन्यूक्लियर बम का असरएक थर्मोन्यूक्लियर बम के विस्फोट उसी तरह काम करता है, जैसे हमारे सूर्य की ऊर्जा काम करती है। ये पारंपरिक परमाणु बम से सैकड़ों गुना ताकतवर होते हैं। एक थर्मोन्यूक्लियर बम के धमाके से रोशनी, गर्मी और कई तरह के रेडिएशन निकलते हैं। इस धमाके से एक शॉकवेव भी निकलती है, जो धमाके की जगह से कई किमी दूर तक हाइपरसोनिक स्पीड से जाता है। इसकी चपेट में आने वाली हर बिल्डिंग तबाह हो जाती है। थर्मोन्यूक्लियर बम से निकलने वाली रोशनी को अगर कई दर्जन किमी दूर से देखा जाए तो भी हमेशा के लिए अंधापन आ सकता है। बम से निकलने वाली भीषण गर्मी के कारण इसके चपेट में आने वाली हर चीज जल जाएगी। ऐसा लगेगा जैसे आग का तूफान आया हो। बम विस्फोट से निकलने वाला न्यूक्लियर फॉलआउट हवा, पानी और मिट्टी को दूषित कर देगा और दुनिया भर में फैलेगी। http://dlvr.it/Sc4rDY
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लगातार फ़ोन चलाने से जा सकती है आँखों की रोशनी, हो जाएं सावधान
लगातार फ़ोन चलाने से जा सकती है आँखों की रोशनी, हो जाएं सावधान
यदि आप फ़ोन या कंप्यूटर के सामने घंटों बैठते है तो ये आपके आंखों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। मोबाइल फ़ोन या कंप्यूटर से निकलने वाली किरणें आपके आँखों को हमेशा के लिए ख़राब कर सकती हैं। यदि आप नग्न आँखों से मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर घंटो ध्यान लगाते है, तो ये खबर आपको सावधान करने के लिए काफी है।
देर तक फोन चलाना:
डॉक्टरों ने माना है की देर तक फ़ोन चलाने तथा सूर्य के किरणों के सीधे…
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