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#अश्वगंधा के स्वास्थ्य लाभ
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अश्वगंधा, शतावरी और सफेद मूसली को एक साथ लेने के फायदे
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आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की दुनिया में अश्वगंधा, शतावरी और सफेद मूसली का विशेष स्थान है। ये तीनों जड़ी-बूटियां मिलकर शरीर को संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं। इनका एक साथ सेवन करने से न केवल शरीर की शक्ति और सहनशक्ति बढ़ती है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य, यौन स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सशक्त बनाता है। आइए जानते हैं इन जड़ी-बूटियों के फायदे और उन्हें एक साथ लेने से होने वाले लाभ:
1. शारीरिक शक्ति और ऊर्जा में वृद्धि
अश्वगंधा और सफेद मूसली दोनों ही शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक हैं। ये मांसपेशियों की ताकत को सुधारते हैं और थकान को कम करते हैं। खासकर वे लोग जो शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय हैं, उन्हें इन जड़ी-बूटियों से भरपूर लाभ मिलता है। शतावरी इसमें सहायक होती है, जिससे शरीर की ऊर्जा को स्थिर बनाए रखा जा सकता है।
2. यौन स्वास्थ्य में सुधार
अश्वगंधा और सफेद मूसली को आयुर्वेद में यौन स्वास्थ्य सुधारने वाली प्रमुख जड़ी-बूटियों के रूप में जाना जाता है। अश्वगंधा पुरुषों की यौन शक्ति और वीर्य की गुणवत्ता को सुधारती है, जबकि सफेद मूसली और शतावरी महिलाओं की यौन समस्याओं का समाधान करती हैं। यह संयोजन यौन जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत ही प्रभावी है।
3. मानसिक तनाव और चिंता में कमी
अश्वगंधा एक शक्तिशाली एडाप्टोजेन है जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है। शतावरी का प्रभाव भी मानसिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है। जब इनका सेवन एक साथ किया जाता है, तो यह मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है और मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है।
4. प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाना
सफेद मूसली और शतावरी में प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने वाले गुण होते हैं। ये शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। इसके साथ ही अश्वगंधा शरीर के अंदरूनी अंगों को सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे आप स्वस्थ और निरोगी रहते हैं।
5. पाचन तंत्र में सुधार
शतावरी पाचन तंत्र के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। यह अपच, एसिडिटी और पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। अश्वगंधा और सफेद मूसली के साथ मिलकर, यह पाचन तंत्र को सशक्त बनाती है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।
6. हार्मोनल संतुलन में मददगार
शतावरी महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक है। यह मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करने में भी मदद करती है। अश्वगंधा और सफेद मूसली के साथ इसे लेने से हार्मोनल असंतुलन से संबंधित समस्याओं का समाधान हो सकता है।
7. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ
अश्वगंधा, शतावरी और सफेद मूसली का एक साथ सेवन आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करता है। यह शारीरिक, मानसिक और यौन स्वास्थ्य को सशक्त बनाने के लिए आदर्श संयोजन है। इसके साथ ही, यह शरीर को प्राकृतिक रूप से पोषित करता है और लंबे समय तक उपयोग करने से किसी भी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव से मुक्त होता है।
निष्कर्ष:
अश्वगंधा, शतावरी और सफेद मूसली का संयोजन आपके जीवन में संपूर्ण स्वास्थ्य और शक्ति का संचार कर सकता है। चाहे आप शारीरिक थकान महसूस करते हों, मानसिक तनाव में हों, या फिर अपने यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हों, ये तीनों जड़ी-बूटियां एक साथ लेने से आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। हालाँकि, इनका सेवन किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही करें ताकि आपको इनके संपूर्ण लाभ मिल सकें|
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5 फायदे: मल्टीविटामिन क्यों है ज़रूरी ?
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अपने शरीर को हेल्दी रहने के लिए हमें उचित मात्रा में पोषक तत्व लेना भी बहुत जरूरी होता है। शरीर को अच्छे से काम करने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्व की ज़रूरत पड़ती है जिनमे विटामिन्स और मिनरल्स भी होते हैं। पोषक तत्वों को शरीर में पहुंचाने का सबसे अच्छा तरीका है हेल्दी फूड्स खाना। लेकिन आजकल की बिज़ी लाइफ, भागदौड़ और दूषित या जंक फ़ूड खाने से इन पोषक तत्वों की पूर्ती नहीं हो पाती हैं।  ऐसे में कई लोग मल्टीविटामिन लेना शुरू करते हैं। इस लेख में हम जानते हैं की मल्टीविटामिन लेने के फायदे क्या हो सकते हैं। 
मल्टीविटामिन लेने के फायदे
थकान और सुस्ती से राहत
कई लोगो को शरीर में लगातार थकान, सुस्ती या कमज़ोरी महसूस होने लगती है। इस वजह से हाथों पैरों में दर्द की शिकायत भी होती है।  ऐसा शरीर में विटामिन्स की कमी के कारण हो सकता है। इस कारण रोज़ाना के काम करने में समस्याएं आती है। मल्टीविटामिन लेने से शरीर को एनर्जी मिलती है, शरीर चुस्त रहता है और इन समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
मेमोरी बढ़ने में सहायक
मल्टीविटामिन में विटामिन B भी होता है। विटामिन B मेमोरी बढ़ाने में काफी सहायक होता है। इससे दिमाग भी तेज़ रहता है और अच्छे से काम करता है।
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स्ट्रेस (तनाव) कम करने और कंसन्ट्रेशन बढ़ाने में सहायक
कई मल्टीविटामिन में अश्वगंधा और जिनसेंग जैसे पोषक हर्ब (जड़ी बूटी) होते हैं। ये स्ट्रेस लेवल को कम करने में सहायक होते हैं और टेंशन से दूर रखते हैं। स्ट्रेस कम होने से दिमाग ज्यादा देर तक फोकस रह पाता है और उसकी अलर्ट और कंसन्ट्रेट (एकाग्र) रहने की ताकत बढ़ती है।
इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक
कई लोग जल्दी जल्दी इन्फेक्शन्स के शिकार होने लगते हैं या जल्दी जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं। मल्टीविटामिन में कई प्रकार के विटामिन्स जैसे विटामिन A, D और E आदि का मिश्रण होता है। ये सभी विटामिन्स मिलकर शरीर में मौजूद इम्यून सेल्स और इम्यून प्रोसेस को डेवेलप और रेगुलेट करने में सहायक होते है। साथ ही ये शरीर को इन्फेक्शन से बचाने में मदद करते हैं।
ये भी पढ़ें : 5 Benefits of Taking Multivitamin Daily
पाचन में सुधार और गट हेल्थ ठीक रखने में सहायक
मल्टीविटामिन में प्रोबायोटिक्स और जिंक जैसे मिनरल्स भी होते हैं। ये पाचन में सुधार करने और (हेल्दी गट) स्वस्थ आंत को बढ़ावा देते हैं। इससे आपकी ओवरआल हेल्थ को लाभ मिलता है।
सारांश
तेज़ी से भागती ज़िंदगी और बिजी शेड्यूल के कारण ज्यादातर लोगो के शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। साथ ही ख़राब जीवनशैली और खान पान से इम्युनिटी कमज़ोर होती है और शरीर जल्दी बीमार पड़ने लगता है। इसीलिए मल्टीविटामिन के रोज़ाना सेवन से शरीर को ज़रूरी पोषक तत्त्व दिए जा सकते हैं और शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
मल्टीविटामिन का सेवन करने से पहले किसी स्वास्थ्य परामर्शदाता या डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
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अश्वगंधा कैप्सूल -
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अश्वगंधा कैप्सूल - प्रमुख लाभ -विश्राम और ध्यान को बढ़ावा देता है -स्वस्थ नींद पैटर्न का समर्थन करता है -मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करता है -इम्युनिटी बूस्टर -बांझपन में सहायक -सक्रिय जीवनशैली के लिए ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है -आंत के स्वास्थ्य में सुधार और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है -मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में सुधार करता है -धीरज और प्रदर्शन में सुधार करता है
ऑनलाइन ऑर्डर के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ- https://www.shrichyawanayurved.com/products/ashwagandha-capsule 📞📞 95162 64444
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vedikrootsblog · 1 month
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अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे
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अश्वगंधा और शिलाजीत, दोनों ही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ हैं जिनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। ये दोनों प्राकृतिक तत्व मिलकर शरीर और मन को मजबूत बनाते हैं। इस ब्लॉग में, हम अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे के बारे में चर्चा करेंगे और अश्वगंधा शिलाजीत कैप्सूल के फायदे भी बताएंगे।
अश्वगंधा के फायदे
तनाव और चिंता को कम करता है: अश्वगंधा एक शक्तिशाली उपाय है जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। यह दिमाग को शांत करता है और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है।
शारीरिक ताकत बढ़ाता है: यह मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करता है, जिससे शारीरिक ताकत और सहनशक्ति में सुधार होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाता है: अश्वगंधा आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे आप बीमारियों से बच सकते हैं।
ऊर्जा स्तर बढ़ाता है: यह थकावट को कम करता है और आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे आप पूरे दिन सक्रिय और ऊर्जावान रहते हैं।
हार्मोन संतुलित करता है: अश्वगंधा हार्मोनल असंतुलन को ठीक करता है और आपके शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली को सुधारता है।
Also read :-  शिलाजीत और अश्वगंधा के फायदे
शिलाजीत के फायदे
ऊर्जा और ताकत में वृद्धि: शिलाजीत शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा और ताकत प्रदान करता है, जिससे थकावट और कमजोरी दूर होती है।
मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है: यह दिमाग की स्पष्टता और ध्यान को बढ़ाता है, और मानसिक थकावट और तनाव को कम करता है।
उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है: शिलाजीत उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
पाचन में सुधार: शिलाजीत पाचन तंत्र को ठीक करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है: यह आपके इम्यून सिस्टम को सशक्त करता है, जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
अश्वगंधा और शिलाजीत कैप्सूल के फायदे
अश्वगंधा शिलाजीत कैप्सूल के फायदे भी महत्वपूर्ण हैं। इन कैप्सूल्स में अश्वगंधा और शिलाजीत दोनों के गुण होते हैं, जो मिलकर आपको कई लाभ पहुंचाते हैं:
संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार: ये कैप्सूल्स आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं, जिससे आप बेहतर महसूस करते हैं।
तनाव और ऊर्जा में संतुलन: ये कैप्सूल्स तनाव को कम करते हैं और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे आप दिनभर ताजगी और सक्रियता महसूस करते हैं।
हार्मोनल बैलेंस: अश्वगंधा और शिलाजीत मिलकर हार्मोनल असंतुलन को सुधारते हैं और आपकी सेहत को बेहतर बनाते हैं।
प्रतिरक्षा और पाचन स्वास्थ्य: ये कैप्सूल्स आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और पाचन तंत्र को सुधारते हैं, जिससे आप स्वस्थ और संतुलित महसूस करते हैं।
निष्कर्ष
अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे आपके शरीर और मन के लिए बहुत अच्छे हैं। जब आप अश्वगंधा शिलाजीत कैप्सूल के फायदे का उपयोग करते हैं, तो आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इन कैप्सूल्स को अपने दिनचर्या में शामिल करने से आप तनाव कम कर सकते हैं, ऊर्जा बढ़ा सकते हैं, और अपने हार्मोनल संतुलन को सुधार सकते हैं। इन्हें सही तरीके से उपयोग करके आप अपने स्वास्थ्य में बड़ा सुधार देख सकते हैं।
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आयुर्वेद और मन, शरीर स्वास्थ्य: संबंध की खोज
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आयुर्वेद, जो कि प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, एक समग्र प्रणाली है जो न केवल शरीर को ठीक करने पर केंद्रित है, बल्कि मन और आत्मा को भी सुदृढ़ करने का काम करती है। यह विज्ञान हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को समझने में मदद करता है। हम आयुर्वेद के माध्यम से मन और शरीर के स्वास्थ्य के बीच के इस अनोखे संबंध की खोज करेंगे।
आयुर्वेद का परिचय
आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ है "जीवन का विज्ञान" (आयु = जीवन, वेद = ज्ञान)। यह लगभग 5000 साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है जो हमारे शरीर और मन के बीच के संतुलन को बनाए रखने पर जोर देती है। आयुर्वेद मानता है कि स्वास्थ्य का मतलब केवल बीमारी का न होना नहीं है, बल्कि मन, शरीर और आत्मा के बीच के संतुलन को बनाए रखना है।
पांच तत्व और तीन दोष
आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार, सृष्टि और मानव शरीर पांच तत्वों—पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, और आकाश—से बने होते हैं। ये तत्व मिलकर शरीर में तीन दोषों—वात, पित्त, और कफ—का निर्माण करते हैं, जो हमारी शारीरिक और मानसिक स्थिति को नियंत्रित करते हैं।
वात दोष वायु और आकाश तत्वों से बनता है, जो शरीर की गति और संचार का संचालन करता है। पित्त दोष अग्नि और जल से उत्पन्न होता है, जो पाचन और तापमान संतुलन को नियंत्रित करता है। कफ दोष पृथ्वी और जल से बनता है, जो शरीर की संरचना और स्नेहन को बनाए रखता है।
इन तीन दोषों का संतुलन बनाए रखना ही आयुर्वेद में स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र है।
मन और शरीर का संबंध
आयुर्वेद के अनुसार, मन और शरीर के बीच गहरा संबंध है। मन की स्थिति सीधे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यदि मन शांत और संतुलित है, तो शरीर स्वस्थ रहता है, और अगर मन अशांत या तनावग्रस्त है, तो शरीर में विभिन्न बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।
यह समग्र दृष्टिकोण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बीच की कड़ी को समझने में मदद करता है, जिससे हम अपने जीवन में संतुलन और समृद्धि ला सकते हैं। आयुर्वेद मानसिक स्वास्थ्य को शारीरिक स्वास्थ्य के समान महत्वपूर्ण मानता है, इसलिए दोनों के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
मानसिक स्वास्थ्य और आयुर्वेद
मानसिक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद में कई उपाय बत���ए गए हैं।
ध्यान (Meditation): ध्यान करने से मन को शांति मिलती है और मानसिक संतुलन बना रहता है। यह तनाव को कम करने और आत्म-चेतना को बढ़ा��े में मदद करता है।
योग: योग शरीर और मन के बीच के संबंध को मजबूत करता है। विभिन्न योगासन और प्राणायाम मन और शरीर के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
औषधियाँ और हर्बल उपचार: आयुर्वेद में मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कई प्रकार की औषधियों और हर्बल उपचारों का उपयोग किया जाता है। जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी, और शंखपुष्पी जैसे हर्ब्स का सेवन मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होता है।
शारीरिक स्वास्थ्य और आयुर्वेद
शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद में आहार, दिनचर्या, और जीवनशैली को विशेष महत्व दिया गया है।
आहार: आयुर्वेद में आहार को दवा के रूप में माना जाता है। सही समय पर सही भोजन करना, और भोजन में संतुलित पोषक तत्वों का होना शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हर व्यक्ति की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार अलग-अलग आहार योजना होनी चाहिए।
दिनचर्या: आयुर्वेद में एक स्वस्थ दिनचर्या को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें सुबह जल्दी उठना, समय पर भोजन करना, और उचित समय पर सोने जैसी आदतें शामिल हैं। यह शरीर को प्राकृतिक रूप से संतुलित रखने में मदद करती है।
विहार (जीवनशैली): जीवनशैली में सुधार लाकर हम आयुर्वेदिक तरीके से स्वस्थ रह सकते हैं। जैसे नियमित रूप से व्यायाम करना, प्राकृतिक वातावरण में समय बिताना, और अपने विचारों को सकारात्मक रखना।
मन-शरीर के स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद में मन और शरीर के संतुलन को बनाए रखने के लिए कई प्रभावी उपचार और उपाय सुझाए गए हैं।
पंचकर्म: पंचकर्म आयुर्वेदिक उपचार की एक विधि है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर मन और शरीर के संतुलन को बहाल करने के लिए पांच विशिष्ट प्रक्रियाओं का उपयोग करती है। शिरोधारा: शिरोधारा एक आयुर्वेदिक उपचार है जिसमें तेल या अन्य तरल पदार्थ को धीरे-धीरे माथे पर डाला जाता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और शरीर में संतुलन आता है। अभ्यंग: आयुर्वेदिक उपचार में अभ्यंग, यानी तैल मालिश, महत्वपूर्ण है। यह शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है, विषैले तत्वों को निकालता है, और मन-शरीर के संतुलन को पुनर्स्थापित करता है। संतुलित मन-शरीर संबंध के लाभ
संतुलित मन-शरीर संबंध हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल बीमारियों से बचाव होता है, बल्कि मानसिक शांति और शारीरिक स्फूर्ति भी मिलती है। यह जीवन में सकारात्मकता, बेहतर निर्णय लेने की क्षमता, और स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार, जब मन और शरीर संतुलित होते हैं, तो हम अपने जीवन में संतोष और आनंद की अनुभूति कर सकते हैं।
  निष्कर्ष
आयुर्वेद हमें सिखाता है कि मन और शरीर के बीच एक गहरा और अविभाज्य संबंध है। दोनों के बीच संतुलन बनाए रखने से ही हम पूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्ति कर सकते हैं। यदि हम आयुर्वेद के सिद्धांतों का पालन करें और अपनी जीवनशैली को उसके अनुरूप ढालें, तो हम न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी स्वस्थ रह सकते हैं।
आपके लिए  यह समझना महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य केवल शारीरिक ताकत से नहीं आता, बल्कि मन और आत्मा की शांति से भी आता है। इसीलिए, आयुर्वेद के इस ज्ञान को अपनाकर हम एक स्वस्थ, खुशहाल, और संतुलित जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। Visit Us: https://prakritivedawellness.com/pain-management-treatment-centre-in-prayagraj/
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gyanjan · 2 years
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Health Benefits Of Ashwagandha in Hindi
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Benefits of ashwagandha in hindi : अश्वगंधा एक जड़ी बूटी है जिसे आयुर्वेदिक में दवा के रूप में काम लिया जाता है। जिसका इस्तेमाल कई सदियों से होता आ रहा है। संक्रमण जैसी समस्यायों से लेकर कमजोरी तक सभी को यह दूर करने की क्षमता रखता है। अश्वगंधा ही नहीं अपितु उसके पौधे में भी कई गुण पाए जाते है। जो बहुत सी समस्यायों के इलाज में प्रयोग किया जाता है।
अश्वगंधा का मतलब होता है घोड़े की गंध। और इस औषधि का नाम ये इसीलिए पड़ा क्योंकि इसकी जड़ों में से घोड़े के पसीने जैसी गंध आती है। पहले के समय में केवल भारत में ही इसका प्रयोग किया जाता था पर आजकल पुरे विश्व में इसका इस्तेमाल होने लगा है । इसके फायदों को देखते हुए इसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाने लगा है। विशेष रूप से वजन बढाने और हाइट बढाने के लिए। इसके साथ यह  शारीरिक कमजोरी और स्टेमिना को भी बढाने का काम करता है।  इसका सेवन करने से शरीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक लाभ भी होते है। लेकिन गलत तरीके और अधिक मात्रा में सेवन करने से यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड ने अश्वगंधा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक मांग वाले पोधों में से एक बताया है। World Health Orgnisation (WHO) ने भी इसे अत्यधिक औषधीय गुण वाला पौधा माना है.
इसकी ताजा जड़ और ताजा पत्ते मसल कर सूंघने पर भी घोड़े के मूत्र जैसी गंध आने के कारण ही शायद इसका नाम अश्वगंधा रखा गया।
अश्वगंधा के फायदे (Benefits Of Ashwagandha In Hindi):
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अश्वगंधा की जड़ में कई प्रकार के एल्केलाइड तथा एमिनो एसिड पाए गए हैं जिनके कारण यह शरीर के लिए औषधि का काम करती है। यह एक टोनिक जैसा काम करके शरीर के बिगड़े हुए क्रियाकलाप ठीक कर देती है। इसके सेवन से थकान दूर होकर एक नई ताकत आ जाती है। अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण दवा के रूप में लिया जाता है।
अश्वगंधा कैंसर, मानसिक परेशानी, डिप्रेशन, एसिडिटी, अल्सर, हाई ब्लड प्रेशर आदि में भी इसे लाभदायक पाया गया। साथ ही इसमें जोड़ों के दर्द व सूजन कम करने के गुण भी पाए गए।शोधकर्ताओं ने अपने परीक्षणों में पाया कि असगंध हिमोग्लोबिन बढ़ाने, बाल सफ़ेद होने से रोकने तथा कोलेस्ट्रोल कम करने में सहायक होती है।
अश्वगंधा की जड़ एक अच्छा टोनिक है जो महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सभी ले सकते हैं। अश्वगंधा के उपयोग से शरीर में स्फूर्ति व ताकत बढ़ती है तथा चेहरे पर कांति आ जाती है। इसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है।  उम्र बढने पर भी रोग दूर रहते हैं।
अश्वगंधा पाउडर के उपयोग से शुक्राणु तथा मर्दाना ताकत में बढ़ोतरी होती है। अश्वगंधा का पाउडर चौथाई चम्मच गुनगुने दूध के साथ सुबह शाम कुछ सप्ताह नियमित लेने से इसका लाभ लिया जा सकता है।
अश्वगंधा का उपयोग कृशकाय रोगी, सूखारोग से ग्रस्त बच्चे, बुखार के बाद की कमजोरी, शारीरिक या मानसिक थकान आदि स्थितियों के लिए पुष्टिकारक और बलवर्धक होता है।
यह गठिया, मूत्र रोग, पेट के रोग, खांसी, साँस व खुजली जैसे रोग में लाभदायक रहती है।
महिलाओं के लिए गर्भधारण में परेशानी, स्तन के दूध में कमी, श्वेतप्रदर, कमरदर्द और कमजोरी जैसी समस्या इसके उपयोग से दूर होती हैं। ल्यूकोरिया के लिए इसे विशेष रूप से लाभदायक पाया गया है।
Contact us: [email protected]
Referenced By: - fitnessfundatips.com
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health-up-capsule · 3 years
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अनादि – अनन्त आयुर्वेद स्व ‘तन्त्र’ हैं
हेल्थ अप® कैप्सूल पूर्णतः आयुर्वेदिक,एवं वजन बढ़ाने वाले कैप्सूल हैं।यह किसी व्यक्ति की भूख को बढ़ाकर वजन बढ़ाने में मदद करता है।यह भूख,कम वजन,आदि से संबंधित मुद्दों के इलाज में विशेषज्ञ है।जो लोग कम वजन के हैं और एक अच्छा व्यक्तित्व चाहते हैं, उनके लिए हेल्थ अप® कैप्सूल बहुत फायदेमंद है। हेल्थ अप® कैप्सूल गर्भवती महिलाओं और हृदय रोगियों जैसे कुछ को छोड़कर सभी प्रकार के शरीर के लिए कार्यान्वित होते हैं,जिन्हें किसी भी प्रकार की पूरक दवा से बचना चाहिए लेकिन बाकी के लिए हेल्थ अप ® कैप्सूल अच्छे वजन के लिए, एक अच्छे विकल्प के रूप में काम कर सकता है। हेल्थ अप ® कैप्सूल अश्वगंधा, सफ़ेदमुसली, दालचीनी जैसी विभिन्न प्रकार की सुरुचिपूर्ण जड़ी-बूटियों से परिपूर्ण हैं।इस तरह की सामग्री एक छोटे से कैप्सूल के रूप में एक साथ आती है और इस प्रकार हमारे शरीर को एक समय में सभी प्राकृतिक जड़ी बूटियों का लाभ मिल जाता है।जो लोग कम वजन के हैं, और एक अच्छी काया के कारण शरीर का आकार और एक स्वस्थ दिमाग चाहते हैं, उन्हें हेल्थ अप® कैप्सूल को आज़माना चाहिए क्योंकि अच्छा व्यक्तित्व हमेशा एक स्वस्थ दिमाग का विकास करता है।यह न केवल आप के शरीर में आत्मविश्वास लाता है बल्कि आप के सर्वालिंग विकास के लिए आपके विचारों को बढ़ाता है।इसलिए, हमारे शरीर की स्थिति की देखभाल करना महत्वपूर्ण है, और इसके लिए, हमें उन रासायनिक औषधीय दवाओं का उपयोग नहीं करना चाहिए, जो हमारे शरीर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे।तो हमें आयुर्वेद के साथ इसकी कोशिश क्यों नहीं करनी चाहिए? हमें आयुर्वेद पर विश्वास रखना चाहिए क्योंकि यह ज्ञात है कि आयुर्वेद किसी भी ज्ञात दुष्प्रभाव या कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं देता है। और हेल्थ अप® कैप्सूल पूरी तरह से आयुर्वेदिक उत्पाद है। कम अवधि में प्रभावी परिणाम देने के लिए उचित आहार,और अपनी जीवन शैली की अच्छी आदतों का पालन करना चाहिए।जब किसी व्यक्ति का आहार पर्याप्त पोषक तत्व या इष्टतम स्वास्थ्य के लिए पोषक तत्वों का सही संतुलन प्रदान नहीं करता है, तो उसे उस पोषण के लिए अतिरिक्त पूरक आहार की आवश्यकता होती है।हेल्थ अप® कैप्सूल वास्तव में वजन बढ़ाने में सहायता करते हैं, और इस तरह कई ऐसे परेशान चेहरों के लिए उम्मीद की किरण बनते हैं जिन्होंने अपने जीवन में आत्मविश्वास खो दिया था।हेल्थ अप® कैप्सूल एक अच्छी काया लाएगा जिससे मन प्रसन्न और आत्मविश्वास से भरपूर होगा।अपने स्वास्थ्य के बारे में अधिक सुझाव के लिए कृपया हमें www.cloudsmpharmaz.com/healthup पर फॉलो करें |
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ahimanstuff-blog · 4 years
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arayurvedafitness · 2 years
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सेक्स के दौरान थकान महसूस होती है? जानिये बेहतरीन उपाय अपने यौन जीवन को बेहतर और सुखद बनाने का।
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क्यों होती है सेक्स के दौरान थकान ?
चलिए सबसे पहले हम जानते है की सेक्स के दौरान थकान क्यों महसूस होती है। ज्यादातर ऐसे मामले में देखा जाता है की महिलाओ की तुलना में पुरुष कम स्टैमिना की वजह से परेशान है और अपने पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाते है। हालांकि महिलाओ की तुलना में पुरुषो में ज्यादा स्टैमिना और ताकत होती है पर फिर भी पुरुष की मात्रा ज्यादा है इस समस्या के लिए क्योकि ज्यादातर पुरुष दिन भर बहार काम करते है और रात को जब अपने पार्टनर से मिलते है तब वो शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से भी थके हुए होते है इसी वजह से वे अपने पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाते है।
इसके आलावा पुरुष की कम स्टैमिना का कारण फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड है।  आज कल लोगो को हैल्थी खाना नहीं पसंद है सभी को मसाले वाला और बहार का फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड पसंद है और ज्यादातर लोग इस तरह का खाना पसंद कर रहे हैं। पर उन्हें यह पता नहीं होता है की ये खाना उनके लिए हैल्थी नहीं होता है।  ऐसे खाने से पाचन तंत्र को बहोत ही नुकशान होता है और आपको कोई भी पोषण नहीं मिलता है। इसके आलावा ये आपके यौन जीवन में भी बहोत ही ज्यादा असर दिखता है।
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थकान मिटने और स्टैमिना बढ़ाने के बेहतरीन उपाय
यौन समस्या हमारे  स्वास्थ्य और यौन जीवन दोनों को प्रभावित करती है। कई लोग अपने जीवन में यौन समस्या का सामना करते है और किसी को बता भी नहीं सकते है।  कई लोग अपने जीवन में शीघ्रपतन, इरेक्शन, ढीलापन, कम कामेच्छा, हार्मोनल बदलाव,(stamina increase) डिसइंफेक्शन, वाइट डिस्चार्ज, स्टैमिना की कमी, सेक्स के टाइम पर थकान महसूस करना और बहोत ही कम टाइम में डिस्चार्ज हो जाता है, ऐसी और भी कई सारी समस्याओ से परेशान होते है, जिसकी वजह से ना तो वो खुद संतुष्ट हो पाते है और ना ही अपने पार्टनर को संतुष्ट कर पाते है।जिसका सीधा असर उनके हस्ते मुस्कुराते हुए बेहद ही खूबसूरत रिश्ते पर पड़ता है।
ऐसी समस्या का समाधान पाने के लिए किसी भी तरीके की रासायनिक दवाइया या फिर कोई भी घरेलु नुस्खा नहीं आज़माना चाहिए।  क्योकि ये बहोत ही गंभीर मुद्दा है और अगर ऐसी दवाई या किसी नुस्खे से साइड इफ़ेक्ट हुआ  तो वो आपकी हस्ती मुस्कुराती जिंदगी को चिंता और मानसिक तनाव में बदल देता है।
स्वस्थ आहार का सेवन करें:
आपको स्वस्थ और ताकतवर बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भाग आहार का होता है की हम खाने में क्या कहते है।  आपकी यौन समस्या दूर करने के लिए आप हरी सब्जिया, प्रोटीन शेक, या ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमे भरपूर मात्रा में अमिनो एसिड है। (ayurvedic medicine for increase stamina) इससे आपको पोषण भी मिलेगा और आपको यौन जीवन को भी बेहतर बनाने में मददरूप साबित हुआ है।
नियमितरूप से योग करे:
जैसे की हम सभी जानते है की योग से हमें कई तरह के लाभ होते है।  योग हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहोत ही लाभदायी है।  बिलकुल ऐसे ही योग यौन जीवन के लिए भी बहोत ही लाभदायी है। अगर आप नियमितरूप से योग करते है तो इससे आपको आपके प्रजनन अंगों, यौन सुख, यौन की इच्छा, यौन गतिविधियों को प्रभावित करने में मदद करता है और स्टैमिना भी बढ़ाने में भी मदद करता है।
और पढ़े: https://www.arayurveda.com/blogs/benefits-of-kegel-exercise-for-men-premature-ejaculation-in-hindi
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पर्याप्त नींद:
जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में मई 2015 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हर रात केवल एक घंटे की अतिरिक्त नींद एक महिला के अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाने की संभावना 14 प्रतिशत बढ़ा देती है। जबकि नींद की कमी आपके मूड को खराब कर सकती है, जो बदले में, आपकी सेक्स ड्राइव को कम कर सकती है।
आयुर्वेदिक जड़ी बूटियो का सेवन करे:
आज के समय में रासायनिक दवाइया बहोत ही ज्यादा पावर की होती है और उसमे कई तरह के हानिकारक केमिकल भी मिले हुए होते है जिससे साइड इफ़ेक्ट का दर रहता है। इसी लिए अपनी यौन समस्या के समाधान के लिए आप आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का इस्तेमाल कर सकते है। (natural stamina booser capsule) जिससे आपको किसी भी तरीके का साइड इफ़ेक्ट का भी दर नहीं रहता है और आपकी यौन समस्या जड़ से ख़तम हो जाएगी।
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Horse Fire Tablet: अपनी यौन समस्या को दूर करने के ��िए आप ये आयुर्वेदिक दवाई का इस्तेमाल कर सकते हो। ये दवाई अश्वगंधा, शिलाजीत, गोक्षुरा, शतावरी, कौचा, जैसे १३+ जड़ीबूटी ये तैयार किया गया है। “Horse Fire Tablet” एक आयुर्वेदिक दवा है, जो बेड पर टाइम बढाने में मदद करता है। इसमें मौजूद शिलाजीत आपकी स्टैमिना को बढाती है। अश्वगंधा से नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन बढ़ता है, जिससे लिबिडो यानी कामेच्छा को बेहतर बनाने में मदद मिलती है, यह पौरुष शक्ति बढ़ाने की दवा के रूप में भी लिया जाता है। शतावरी शीघ्रपतन के लिए दवा का काम करती है।  ये दवाई 100% आयुर्वेदिक है। यह उत्पाद आरोग्य विभाग द्वारा प्रमाणित है तथा साथ ही इस कंपनी को GMP और ISO द्वारा स्वीकृत प्रदान किया गया है। इसके इस्तेमाल से किसी प्रकार की दुष्प्रभाव का खतरा ��हीं है।
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vedprajapati751 · 3 years
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*शिलाजीत के लाभ*
1. इसमें फुल्विक एसिड और 84 से अधिक खनिज होते हैं। 2. आपके शरीर की प्रतिरक्षा और याददाश्त में सुधार के लिए एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करें। 3.Anti - Inflammatory एक ऊर्जा बूस्टर 4.पुरुष बांझपन के लिए एक सुरक्षित पूरक के रूप में माना जाता है।
*अंगूर बीज निकालने के लाभ*
1. शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। 2. नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा दें 3. संज्ञानात्मक कार्य की रक्षा करता है और बढ़ाता है। 4. त्वचा की रंगत में सुधार करता है।
*गोजी बेरी के लाभ*
1. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दें। 2. आंखों की रोशनी में सुधार करने में मदद करता है। 3. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार। 4. शक्ति और दीर्घायु बढ़ाएँ।
*अश्वगंधा लाभ*
1. मस्तिष्क समारोह, स्मृति, प्रतिक्रिया समय और कार्यों को करने की क्षमता में सुधार कर सकता है। 2. इसे एडाप्टोजेन के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ है कि यह आपके शरीर को तनाव को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। 3. यह लंबे समय से तनावग्रस्त व्यक्तियों में कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। 4. टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता और प्रजनन क्षमता को काफी बढ़ाता है।
*जुनून फल लाभ*
1. रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। 2. त्वचा को हाइड्रेट और ग्लोइंग रखता है। 3. पाचन में एल्ड्स। 4. स्वस्थ नींद पैटर्न को बढ़ावा देता है।
*दालचीनी के फायदे*
1. एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस। 2. दांत दर्द का उपाय। 3. वायरस के संक्रमण के इलाज में मदद कर सकता है। 4. टाइप 2 मधुमेह को रोकने में मदद करता है।
*व्हीटग्रास बेनिफिट्स*
1. यह विटामिन ए, बी1, बी2, बी4, बी6, बी7, बी12, सी, डी, ई और के का समृद्ध स्रोत है। 2. मेटाबोलिक और पाचक एंजाइमों का समृद्ध स्रोत 3. इसमें 17 से अधिक आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। 4. 90 से अधिक खनिज जो क्षारीकरण में मदद करते हैं
*नोनी लाभ*
1. यह विटामिन सी, बायोटिन और फोलेट का एक बड़ा स्रोत प्रदान करता है। 2. यह एंटीऑक्सिडेंट के साथ पैक किया जाता है, जिसमें इरिडोइड भी शामिल है, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है 3. इसके कई संभावित लाभ हैं, जिसमें सहनशक्ति को बढ़ावा देना, दर्द से राहत देना, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करना शामिल है। 4. यह तंबाकू के धुएं से होने वाली सेलुलर क्षति को कम करता है, और धूम्रपान करने वालों में हृदय स्वास्थ्य की सहायता करता है।
*मोरिंगा ओलीफेरा के फायदे*
1. पत्तों में संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है 2. केले से 15 गुना ज्यादा पोटैशियम होता है। 3. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन और अमीनो एसिड भी होते हैं, जो आपके शरीर को ठीक करने में मदद करते हैं। 4. इससे रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल में मामूली कमी हो सकती है।
*शहतूत के लाभ*
1. पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है। 2. दोषों और उम्र के धब्बों की उपस्थिति कम करें। 3. धब्बेदार अध: पतन और मोतियाबिंद को रोकता है 4. शरीर के चयापचय को बढ़ावा देता है
*ACAI BERRY BENIFITS*
1. एक ताड़ का पेड़ है जो दक्षिण अमेरिका के उत्तरी क्षेत्र में व्यापक रूप से वितरित किया जाता है। 2. इसे उम्र को कम करने वाली सुंदरता के लिए सुपरफूड माना जाता है। 3. Acai में प्लांट स्टेरोल्स होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को आपके शरीर द्वारा अवशोषित होने से रोकते हैं। 4. Acai मस्तिष्क में सूजन और ऑक्सीकरण के हानिकारक प्रभावों का प्रतिकार कर सकता है और इसकी "हाउसकीपिंग" प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है
*मैंगोस्टीन के लाभ*
1. कैलोरी में कम होने के साथ-साथ आवश्यक विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर। 2. विरोधी भड़काऊ प्रभाव हो सकता है। 3. मैंगोस्टीन में मौजूद ज़ैंथोन कैंसर से बचा सकता है 4. वजन घटाने और मोटापे की रोकथाम में भूमिका निभाता है।
*More Information Ved Prajapati Call / WhatsApp 7014090316*
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अब सुबह की थकान और आलस से छुटकारा पाएं, जानिए इस पक्के इलाज से कैसे!
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नींद आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। दिनभर के काम से आपका तन और मन दोनों थके हुए हैं और इस थकान के बाद, आपके शरीर को आराम की जरूरत होती है ताकि वह अगले दिन के लिए तैयार हो सके। इसलिए जब आप आराम करने और सोने की कोशिश करते हैं, तो आपका दिमाग फिर से काम करना शुरू कर देता है और आपको सोने से रोकता है।
आपके दिमाग में तरह-तरह के विचार आने लगते हैं और आप करवटें बदलते रहते हैं । कई बार आप विचारों को थामने के लिए टीवी, मोबाइल या टैब पर अपने पसंदीदा प्रोग्राम देखने लगते हैं। हालांकि कई बार रात में 7-8 घंटे सोने के बाद भी आपको थकान महसूस हो सकती है। यह सामान्य है, लेकिन अगर ऐसा हर दिन होता है, तो आपको अपना अतिरिक्त ध्यान रखने की जरूरत है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप जल्द ही बीमार पड़ सकते हैं। यहां हम आपको कुछ आसान उपाय बताएँगे, जो आपको सुबह की थकान और आलस से मुक्ति दिलाने में मदद कर सकते हैं।
समय पर सोने और उठने का महत्व
एक अनुसंधान के अनुसार, समय पर सोने और उठने से सेहत को बेहतरीन लाभ मिलते हैं। आपको समय पर सोना चाहिए और एक नियमित रूटीन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। नियमित नींद लेने से आपके शरीर में एक संतुलित व्यवस्था होती है और आपको अधिक ऊर्जा का भंडार मिलता है। इससे आपके मन में शांति मिलती है और आप अधिक फोकस रख पाते हैं। इसलिए, समय पर सोने और उठने से आपकी सेहत बेहतर होती है।
​नियमित योग और प्राणायाम है जरूरी
एक अच्छा व्यायाम रूटीन आपकी सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। योग और प्राणायाम आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। योग और प्राणायाम करने से आपके शरीर के मुख्य अंगों तक सही मात्रा में रक्त पहुंचाने में मदद मिलती है, जिससे आपके शरीर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है।
खूब सारा पानी पिंए
हाइड्रेटेड रहने और पर्याप्त ऊर्जा पाने के लिए खूब पानी पिएं। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो आप थकान महसूस करेंगे और ऊर्जा की कमी महसूस करेंगे। इसलिए पानी खूब पिए ।
हर दिन करें मालिश
यदि आप रात को अच्छी तरह सोने के बाद सुबह उठकर थकान महसूस करते हैं, तो आप हर दिन तेल से मालिश करके अपने शरीर को बेहतर आराम देने में मदद कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके पूरे तंत्रिका तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलेगी और आप पूरे दिन अधिक सक्रिय महसूस करेंगे।
ध्यान करने से बनी रहेगी ताजगी
ध्यान आपके विचारों को शांत करने और पूरे दिन सतर्क और केंद्रित रहने का एक तरीका है। यह एक बेस्ट प्रेक्टिस है जो आपके नर्वस सिस्टम और दिमाग को पूरे दिन के लिए तैयार करने का काम करता है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि ध्यान करने से आपका दिमाग मजबूत और उम्र से अप्रभावित रहेगा।
एक अच्छा नियंत्रित आहार
आपको अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने की जरूरत होती है, जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज, दूध आदि। सही मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, फैट्स, विटामिन्स और मिनरल्स का सेवन करना आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। स्वस्थ आहार के लिए, आप खाने की विभिन्न पदार्थों का संतुलित समूह बनाने का प्रयास कर सकते हैं और अधिक तरल पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
जब हमारा शरीर पूर्ण रुप से पोषण तत्वों को प्राप्त नही कर पाता है, तो हम कमजोर और सुस्त महसूस करते है। कई बार हमारे शरीर को पर्याप्त विटामिन नहीं मिलते इस वजह से भी शरीर हल्के काम में भी अधिक उर्जा को खर्च करने लगता है जिसकी वजह से थकान व अन्य स्वस्थ समस्याएँ होने लगती है । दिनचर्या में उपरोक्त दिए गए आसान उपायों को अपनी जीवनशैली में सम्मिलित करने के साथ ही Fytika Vita 365 टेबलेट को लेने से आप आप अधिक ऊर्जावान और फिट रह सकते हैं। | यह सप्लीमेंट हमारे शरीर के लिए वो पोषक तत्व है जो हमारे शरीर को स्वस्थ और सही से काम करने में मदद करते है ।हमारे शरीर में त्वचा के बनने और ठीक होने, हड्डियों के बनने और ठीक होने, कोशिकाओं के बनने और ठीक होने में मदद करते है। साथ ही ये हमारे इम्यून सिस्टम को भी बेहतर बनाते है जिससे हमारा शरीर बीमारियों से लड़ पाता है।
Fytika Vita 365 टेबलेट में विटामिन्स, मिनरल्स, बायोटिन ,जिनसेंग, अश्वगंधा ,ग्रेप सीड व प्रोबायोटिक सम्मिलित है ,इसका नियमित कोर्स आपको अपनी ऊर्जा वापस पाने में मदद करता है। साथ ही आपकी इम्युनिटी और स्ट्रेंथ को बूस्ट कर करता हैं।
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ashokgehlotofficial · 3 years
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प्रकृति के सन्तुलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए वनों का बड़ा महत्व है। साथ ही हमारी संस्कृति एवं चिकित्सा पद्धतियों में औषधीय पौधों का विशेष स्थान है। प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य रक्षा तथा औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से राज्य सरकार ने घर-घर औषधि जैसी अभिनव योजना का शुभारम्भ किया है। राजस्थान संभवतः पहला प्रदेश है, जिसने औषधीय पौधों के प्रति जन चेतना जागृत करने के लिए वृहद स्तर पर ऐसी अनूठी योजना लागू की है। यह हमारी भावी पीढ़ी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
निवास से वर्चुअल रूप से आयोजित 72वें वन महोत्सव एवं ‘घर-घर औषधि योजना‘ के शुभारम्भ समारोह को संबोधित किया। निवास पर गिलोय का औषधीय पौधा लगाकर योजना की शुरूआत की। साथ ही 72वें वन महोत्सव के तहत जयपुर के ग्राम बिलौंची में लगाने के लिए पीपल का पौधा और अन्य पौधों के वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर औषधीय पौधों की पहली किट वन राज्यमंत्री ने भेंट की। ‘घर-घर औषधि योजना‘ के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए तैयार किए गए पोस्टर, ब्रोशर एवं बुकलेट का विमोचन भी किया।
प्रकृति का सन्तुलन बिगड़ने के कारण ग्लोबल वॉर्मिंग, अनावृष्टि-अतिवृष्टि, बाढ़, सूखा, भू-स्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन आपदाओं से बचाव के लिए वनों का विस्तार जरूरी है। प्रदेश में वनों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य सरकार जल्द ही नई वन नीति लाएगी।
कोविड महामारी के इस दौर में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का महत्व फिर से साबित हुआ है। इसके साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने औषधीय पौधों का लाभ लिया है। निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए भावी पीढ़ी को भी इन औषधीय पौधों के महत्व और उपयोग की जानकारी मिलना आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2021-22 के बजट में ‘घर-घर औषधीय योजना‘ प्रारम्भ करने की घोषणा की गई थी। जिसे आज मूर्त रूप दिया गया है। हमारा प्रयास है कि सभी के सहयोग से यह योजना जन आंदोलन का रूप ले।
प्रदेशवासियों से अपील है कि योजना के तहत दिए जाने वाले पौधों को वे अपने घरों या अन्य किसी उचित स्थान पर लगाएं और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। मैंने प्रदेश के सभी सांसदों एवं विधायकों को योजना में भागीदारी निभाने तथा लोगों को जागरूक करने के लिए पत्र लिखा है। राज्य सरकार ने निशुल्क वितरण के लिए तुलसी, गिलोय, कालमेघ और अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधों का चयन किया है जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सर्वाधिक कारगर हैं।
राज्य सरकार प्रदेश में वन क्षेत्र में वृद्धि के लिए लगातार प्रयासरत है। जोधपुर में पदमश्री कैलाश सांखला स्मृति वन विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। लघु वन उपज उत्पादन वृद्धि के लिए राज्य वन विकास निगम का गठन किया गया है। साथ ही ताल छापर अभयारण्य में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जा रहा है।
वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री सुखराम विश्नोई ने बताया कि योजना के तहत वन विभाग की ओर से आगामी पांच वर्षों में प्रदेश के सभी 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को तुलसी, गिलोय, कालमेघ और अश्वगंधा के आठ-आठ औषधीय पौधे तीन बार निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। यह पौधे वन विभाग अपनी पौधशालाओं में तैयार करेगा। राज्य सरकार इस योजना पर 210 करोड़ रूपए व्यय करेगी।
प्रमुख सचिव एवं वन पर्यावरण श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि कुल 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को आने वाले पांच सालों में 30 करोड़ से अधिक पौधे वितरित किए जाएंगे। इसके लिए विभाग ने जिलावार लक्ष्य निर्धारित किए हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) की अध्यक्षता में क्रियान्वयन समिति तथा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्री डी एन पाण्डे ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि निरोगी राजस्थान की दिशा में मुख्यमंत्री का यह महत्वपूर्ण कदम है। वन विभाग के सभी कार्मिक निचले स्तर तक योजना को सफल बनाने के लिए समर्पण भाव से काम करेंगे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (फोरेस्ट सेटलमेंट एवं कार्य योजना) श्री राजीव गोयल ने स्वागत उदबोधन दिया।
राज्यमंत्री परिषद के सदस्य, विभिन्न सांसद, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, टास्क फोर्स के सदस्य एवं वन विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक भी कार्यक्रम से जुड़े।
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quickyblog · 4 years
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सेक्सुअल हेल्थ को बूस्ट करने से लेकर एजिंग डाउन करने तक: अश्वगंधा के 5 स्वास्थ्य लाभ https://tinyurl.com/y26rpgcg #ashwagandha #ashwagandha_use #ayurveda #ayurvedic_herbs #benefits_of_ashwagandha #health #herbs #अशवगध #एजग #क #करन #डउन #तक #बसट #लकर #लभ #स #सकसअल #सवसथय #हलथ
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chaitanyabharatnews · 4 years
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संसद में आज आयुर्वेद, अश्‍वगंधा और गिलॉय पर हुई चर्चा, बाबा रामदेव पर साधा निशाना!
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत ही तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हर किसी को इम्युनिटी बढ़ाने की सलाह दी जा रही है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय भी इस संबंध में गाइडलाइंस जारी कर चुका है। कोरोना महामारी के दौरान आयुर्वेद, अश्वगंधा और गिलॉय समेत अन्य चीजों के इस्तेमाल की अपील की गई है। बुधवार को संसद के मॉनसून सत्र में राज्यसभा में भी इन सभी चीजों पर चर्चा हुई। जानकारी के मुताबिक, संसद में बुधवार को आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान विधेयक पर चर्चा हुई। इस दौरान सांसदों ने आयुर्वेद, अश्वगंधा, गिलॉय और एलोवेरा पर चर्चा की। इसके बाद संसद ने बुधवार को आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान विधेयक को पारित कर दिया। आयुर्वेद पर चर्चा के दौरान संसद में योग गुरु बाबा रामदेव का नाम लिए बिना ही उनपर निशाना भी साधा गया। राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा कि, पूरे देश में आयुर्वेद को एक समान महत्व दिया जाए, इसके लिए हर प्रयास किए जाने चाहिए। मनोज झा ने बिना नाम लिए बाबा रामदेव पर कहा कि एक महापुरुष ने जून में कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण की दवा तैयार कर ली है। उन महापुरुष के बयान के बाद टीवी पर चर्चाएं होने लगीं। उनकी दवाएं बिक गईं और फिर बाद में ऐसा कहा गया कि वो तो इम्युनिटी बूस्टर है। कोरोना संक्रमण की लड़ाई वैज्ञानिक तरीके से ही लड़ी जाए। इसको लेकर नियम कायदे होने चाहिए। मनोज झा ने कहा कि बसपा सांसद सांसद वीर सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि, मेरे स्वर्गीय नाना आयुर्वेद के वैद्य थे। उनके पास सुबह-सुबह ही बड़ी संख्या में मरीज आते थे। वह सभी को जड़ी-बूटियों से ही सही कर देते थे। उन्होंने आयुर्वेद के विकास का समर्थन किया था और कहा था कि यह काफी फायदेमंद होगा। वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी विजय रेड्डी ने भी आयुर्वेद का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के लाभ किसी से छिपे नहीं है और सरकार को आयुर्वेदिक सेक्टर को बढ़ावा देने की जरूरत है। जेडीयू के रामचंद्र प्रसाद सिंह ने भी आयुर्वेद संबंधी बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में तीन संस्थानों को मिलाकर नेशनल इंस्टीट्यूट बनाया गया है। देश में आयुर्वेद का बहुत शानदार इतिहास है। कोरोना महामारी के समय दुनिया में लोग गिलोय, तुलसी और ऐलोवेरा की चर्चा कर रहे हैं। Read the full article
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Health Benefits of Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा के जबरदस्त और अद्भुत फायदे जो शरीर को ताकतवर बनाने में मदद करता हैं, इसमें अनेक औषधीय गुण है जो आपके स्वास्थ्य के लिए लाभ-दायक है और यौन जीवन को बढ़ाने में मदद करता है|
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