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#आरबीआई दर
newsdaliy · 2 years
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आरबीआई ने दरों में मामूली 0.35% से 6.25% की बढ़ोतरी की, धीमी मुद्रास्फीति का हवाला दिया
आरबीआई ने दरों में मामूली 0.35% से 6.25% की बढ़ोतरी की, धीमी मुद्रास्फीति का हवाला दिया
RBI मौद्रिक नीति: RBI ने रेपो दर बढ़ाकर 6.25% की भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी प्रमुख उधार दर को 35 आधार अंकों से अधिक मामूली 6.25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया, लगातार तीन 50-बीपीएस (आधार अंक) बढ़ने के बाद धीमी मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए कीमतों के दबाव को प्रबंधित करने के लिए जो लगातार इसके ऊपरी छोर से ऊपर बना हुआ है। लक्ष्य बैंड। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी), जो आरबीआई के तीन सदस्यों और तीन बाहरी…
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mwsnewshindi · 2 years
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आरबीआई एमपीसी | जिंस कीमतों में तनाव से निपटने के लिए कारोबारियों को तैयार रहना होगा: फिक्की
आरबीआई एमपीसी | जिंस कीमतों में तनाव से निपटने के लिए कारोबारियों को तैयार रहना होगा: फिक्की
मुंबई: मौद्रिक नीति (एमपीसी) की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए, फिक्की के अध्यक्ष, संजीव मेहता ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में 50-बीपीएस अंक की बढ़ोतरी का व्यापक रूप से अनुमान लगाया गया था। राज्यपाल ने आने वाले डेटा के आधार पर एक संतुलित मार्गदर्शन दिया है जो स्पष्ट रूप से नकारात्मक जोखिम और संभावित अपसाइड को दर्शाता है। निश्चित रूप से मुद्रास्फीति को व्यवस्थित होने में कुछ समय लगेगा,…
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trendingwatch · 2 years
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भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2013 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान 6.7% पर बरकरार रखा
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2013 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान 6.7% पर बरकरार रखा
आखरी अपडेट: 30 सितंबर, 2022, 11:15 IST भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई। खुदरा मुद्रास्फीति लगातार आठ महीनों से आरबीआई की 6 प्रतिशत की ऊपरी सहनशीलता सीमा से ऊपर बनी हुई है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति लगातार आठ महीनों के लिए…
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rightnewshindi · 2 months
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गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू, जानें क्या है बड़ी चिंताएं और उम्मीदें
रिजर्व बैंक की ब्याज दर तय करने वाली समिति ने मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के स्थिर रहने की चिंताओं और नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीदों के बीच तीन दिवसीय द्विमासिक बैठक शुरू की। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले की घोषणा गुरुवार (08 अगस्त 2024) को की जाएगी। विशेषज्ञों ने कहा कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती से भी परहेज कर…
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gaange · 8 months
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सभी बैकों खातों वाले के लिए 5 नयें नियम?
दोस्तों सभी बैंक खाता वालों के लिए आज के लेटेस्ट पांच बड़े अपडेट निकल कर आ रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक RBI की तरफ से ये बड़े फैसले लिए गए हैं तो चाहे आपका किसी भी सरकारी या किसी प्राइवेट बैंक में खाता है। जैसे की SBI, PNB , केनरा बैंक , HDFC , ICICI या फिर नयें बैकों में आपका खाता है तो यह नियम को जरूर जानना चाहिए । पहला अपडेट है बैंक लोन को लेकर एक अच्छी खबर है।एक तो लोन महंगे नहीं होंगे और आपके वर्तमान लोन की EMI यानी की लोन की हर महीने की किस्त भी नहीं बढ़ेगी। भारतीय रिज़र्व बैंक RBI की तरफ से ब्याज दरों में लगातार छठी बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया। RBIकी एमपीसी की मीटिंग हुई और उसमें ये फैसला लिया गया। RBI ने रेपो रेट को 6.5% ही बरकरार रखा है। यानी की ना तो कम किया, ना ज्यादा किया। क्योंकि जब भी रेपो रेट बढ़ती है तो बैंक भी अपने लोन की रेट बढ़ा देते हैं। सभी बैकों खातों वाले के लिए 5 नयें नियम? दूसरा बड़ा अपडेट आरबीआई की तरफ से फैसला लिया गया। इसी एमपीसी मीटिंग में इरूपी के लिए ऑफलाइन ट्रांसक्शन भी शुरू करेगा। आर बी आई डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित करने के लिए प्लान बनाया गया। सभी बैंक खाता वालों के लिए अच्छी खबर है। हाल ही में आपको पता होगा भारतीय रिज़र्व बैंक ने जो डिजिटल करेन्सी चलाने का प्लान बनाया था ₹2 से लेकर ₹2000 तक की डिजिटल करेन्सी चालू होगी । जो इरूपी यानी डिजिटल करेन्सी देश में अभी ट्रायल के रुप चल भी रही है । तो उसमें अब एक फीचर ये मिलेगा की ऑनलाइन जरूरी नहीं होगा। मतलब आपके फ़ोन में इंटरनेट कनेक्शन नहीं भी है तब भी आप ऑफलाइन डिजिटल करेन्सी का इस्तेमाल कर पाएंगे। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण अपडेट। लोन लेने वालों के लिए RBI ने बड़ा कदम उठाया है, अब आपको लोन पर अलग से कोई प्रोसेसिंग फीस वगैरह नहीं देने पड़ेगी। भविष्य में सभी बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए खुशखबरी हैं । ये नया सिस्टम लागू होने के बाद दोस्तों आपको बैंक लोन पर अलग से कोई प्रोसेसिंग फीस या अलग तरह के कोई चार्जेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यदि आप लोन लेते हैं तो आपको पता होगा की ब्याज दर यानी की इन्ट्रेस्ट रेट के साथ साथ लोन लेने की शुरुआत में डॉक्यूमेंटेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, फाइल चार्ज समेत कई अन्य तरह के शुल्क भी देने पड़ते हैं। इस तरह से बैंक ग्राहकों के लिए लोन पर आने वाला खर्चा ज्यादा हो जाता है। इसीलिए आरबीआई ने अब बैंको से कहा कि वह लोन पर लगने वाले अन्य शुल्कों को उनके ब्याज दर में ही जोड़ दें ताकि ग्राहकों को यह पता लग सकेगी की उन्हें अपने लोन पर वास्तविक ब्याज कितना देना है, आरबीआई की तरफ से तो बैंक लोन लेने के दौरान अब आपको एक ही तरह का चार्ज देना है वो है इन्ट्रेस्ट रेट। अगला अपडेट बैंक HDFC पर भी अच्छी खबर आ रही है। दो बैंकरों ने FD की ब्याज दरें बढ़ाई है। एक तो HDFC यहाँ से FD पर ब्याज देने, इनकी इन्ट्रेस्ट रेट को बढ़ाकर 7.75% तक का रिटर्न देने की यानी की अब अलग अलग टाइम पीरियड के अकॉर्डिंग अधिकतम आपको सात से दस साल तक 7.75% तक ब्याज दर मिलेंगे। इंडसइंड बैंक के द्वारा FD यानी पफिक्स डिपाजिट पर टाईम पीरियड के अनुसार अधिकतम 8.25% तक सालाना रिटर्न ब्याज दर पर दे रहा । जिसमे 1 साल 2 साल से लेकर 5 साल तक की FD पर आपको अधिकतम 8.25% तक भी रिटर्न मिलेगा। अगला बड़ा महत्वपूर्ण अपडेट हैं। सभी बैंक खाता वालो के लिए रिज़र्व बैंक के तरफ से चेतावनी जारी की गयी हैं। की KYC नाम पर जो फर्जीवाड़ा चल रहा हैं। उस पर रोक लगाया जायें , आजकल KYC के नाम पर लोगों के खाते में जमा पैसे को लूट लिया जा रहा है इससे आप सावधान रहे। किसी से भी डॉक्यूमेंट साझा ना करे, धोखाधड़ी होने पर तुरंत शिकायत करे। आरबीआई की तरफ से सभी बैंक खाता वालों के लिए कुछ ज़रूरी निर्देश जारी किये हैं। आप किसी अनजान व्यक्ति आपको फ़ोन ,अकाउन्ट नंबर ,लॉगिन इन्फॉर्मेशन, OTP या आधार कार्ड की डीटेल शेयर ना करें । KYC से संबंधित ऐसी कोई भी इन्फॉर्मेशन आपसे मांगी जाए तो नहीं देनी है। बैंक वाले कभी आपसे फ़ोन कॉल करके KYC अपडेट करने की नहीं करते हैं। Read the full article
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sabkuchgyan · 11 months
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RBI की बड़ी कार्रवाई, पीएनबी और फेडरल बैंक पर लगाया जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक पर 72 लाख रुपये और निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने यह कार्रवाई कुछ नियामक मानदंडों का पालन न करने पर की है। आरबीआई की ओर से जारी प्रेस नोटिस में पंजाब नेशनल बैंक पर 72 लाख रुपये और फेडरल बैंक पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. रिजर्व बैंक ने पीएनबी पर यह जुर्माना ‘कर्ज पर ब्याज दर’ और…
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wnewsguru · 11 months
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आरबीआई ने मुद्रास्फीति लक्ष्य के लिए मौद्रिक नीति समिति के मिनट जारी किए
इस्राइल-हमास के बीच जारी संघर्ष से महंगाई पर जोखिम बना हुआ है। उच्च ब्याज दरों से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ब्याज दर फिलहाल ऊंची बनी रहेगी। समय और वैश्विक स्तर पर अभरती स्थिति ही बताएगी कि यह कितने समय तक ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी।
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RBI के मुताबिक, खाने-पीने की चीजें महंगी होने से होम ऑटो लोन पर ईएमआई में कटौती की उम्मीद बढ़ेगी!
Haryana Update: होम लोन समेत अन्य तरह के लोन की ईएमआई कम होने में लंबा समय लग सकता है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को महंगाई पर लगाम लगाने के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे झटकों को कम करने के लिए देखभाल में सुधार के लिए समय पर प्रयास की आवश्यकता होती है। जुलाई में खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई, जो 15 महीने में सबसे…
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stackumbrella1 · 2 years
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Hindu Growth Rate पर ये क्या बोल गए रघुराम राजन, इससे देश को किन चुनौतियों का सामना करना होगा?
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने निजी क्षेत्र के निवेश में कमी, उच्च ब्जाज दरों और वैश्विक वृध्दि की सुस्त पड़ती स्पीड को देखते हुए कहा कि भारत निम्न वृध्दि वाली हिंदू वृध्दि दर (Hindu Growth Rate) के बेहद करीब पहुंच गया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृध्दि दर 1950 से लेकर 1980 के दशक तक चार फीसदी के निम्न स्तर पर रही थी, जिसे ‘हिंदू वृध्दि दर’ (Hindu Growth Rate) भी कहा जाता है।
धीमी वृध्दि के लिए ‘हिंदू वृध्दि दर’ (Hindu Growth Rate) शब्दावली का इस्तेमाल 1978 में भारतीय अर्थशास्त्री राज कृष्ण ने किया था।
पूर्व गवर्नर ने ये कहा (Hindu Growth Rate)
राजन के अनुसार, राष्ट्रीय सांख्यकीय कार्यालय ने पिछले महीने राष्ट्रीय आय के जो अनुमान जारी किए हैं, उनसे तिमाही वृध्दि में क्रमिक नरमी के संकेत मिलते हैं, जो चिंता का विषय है।
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NSO के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृध्दि दर घटकर 4.4 फीसदी रह गई, जो दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी और पहली तिमाही में 13.2 फीसदी थी। पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में वृध्दि दर 5.2 प्रतिशत रहा था।
राजन ने “पीटीआई-भाषा” को ईमेल के माध्यम से दिए गए एक साक्षात्कार में कहा, ” आशावादी निश्चित ही पिछले GDP आंकड़ों में किए गए सुधार की बात करेंगे, लेकिन मैं क्रमिक नरमी को लेकर चिंतित हूं।
इतनी वृध्दि दर को बताया सही
निजी क्षेत्र निवेश करने के लिए इच्छुक नहीं है, RBI ब्याज दरों में वृध्दि करता जा रहा है और वैश्विक वृध्दि के आने वाले वक्त में धीमे होने की आशंका है। (Hindu Growth Rate)
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अक्टूबर-दिसंबर के जीडीपी आंकड़े बताते हैं कि साल की पहली छमाही में वृध्दि कमजोर होगी। उन्होंने कहा मेरी आशंकाएं बेवजह नहीं हैं। आरबीआई ने तो चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में और भी कम 4.2 प्रतिशत ��ी वृध्दि तीन साल पहले की तुलना में 3.7 प्रतिशत है।
Also Read: इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने से पहले जान लीजिए इस Motorcycle का माइलेज, आधे लीटर पेट्रोल में भी करेगी लंबी दूरी तय
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newsdaliy · 2 years
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सेंसेक्स आरबीआई के नीतिगत फैसले से 45 अंक आगे गिर गया
सेंसेक्स आरबीआई के नीतिगत फैसले से 45 अंक आगे गिर गया
स्टॉक मार्केट इंडिया: सेंसेक्स, निफ्टी आरबीआई से आगे हरे रंग में खुले बुधवार को शुरुआती कारोबार में लाभ और हानि के बीच देखने-देखने के बाद भारतीय इक्विटी बेंचमार्क गिर गया, व्यापक रूप से अपेक्षित दर वृद्धि से पहले चौथे सीधे दिन के लिए घाटे का विस्तार, व्यापारियों ने घरेलू मुद्रास्फीति के खिलाफ अपनी लड़ाई में आरबीआई के दृष्टिकोण पर विवरण की प्रतीक्षा की। शुरुआती कारोबार में हरे रंग में खुलने के…
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mwsnewshindi · 2 years
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विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई को लगातार चौथी बार ब्याज दरें बढ़ाने की उम्मीद
विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई को लगातार चौथी बार ब्याज दरें बढ़ाने की उम्मीद
नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) घरेलू शेयर बाजार में इस सप्ताह होने वाली मासिक डेरिवेटिव समाप्ति के बीच उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, जबकि निवेशकों को मुख्य रूप से शुक्रवार को आरबीआई के ब्याज दर के फैसले के नतीजे का इंतजार रहेगा। हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में बढ़ोतरी के बाद मंदी की प्रवृत्ति के बीच वैश्विक बाजार की गति भी धारणा को आगे बढ़ाना जारी…
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webvartanewsagency · 2 years
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RBI ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का किया ऐलान, कार और होम लोन फिर होंगे महंगे
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर आम आदमी को झटका दिया है. आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) की है. इसके बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. देश में महंगाई (Inflation) काबू में आने के बाद भी आरबीआई ने दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. 6.50 फीसदी पर पहुंचा रेपो रेट देश में महंगाई दर का आंकड़ा कम होने के बाद भी रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार नीतिगत दरों (Repo Rate) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके बाद रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है. यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी. देश का आम बजट पेश किए जाने के बाद ये आरबीआई एमपीसी की बैठक थी और इसमें फिर से आम आदमी के झटका लगा है. छह बार में इतनी हुई बढ़ोतरी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shakti Kant Das) ने बुधवार को तीन दिवसीय एसपीसी बैठक (MOC Meet) में लिए गए फैसलों का ऐलान किया. बता दें एक्सपर्ट्स पहले से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी किए जाने की संभावना जता रहे थे. गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर 2022 में हुई MPC बैठक में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था. आरबीआई ने बीते साल से अब तक छह बार रेपो रेट में इज���फा करते हुए कुल 2.50% की बढ़ोतरी की है. 25 बीपीएस की बढ़ोतरी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार, 8 फरवरी, 2023 को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा की। रेपो दर में 25 बीपीएस की वृद्धि की गई है। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर में 35 आधार अंकों (bps) की वृद्धि की थी। आपको बता दें कि पिछले साल मई से, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक उधार दर में 225 आधार अंकों की वृद्धि की है। मौद्रिक नीति समिति ने बैठक में Liquidity Adjustment Facility (LAF) के तहत रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आज हुई बढ़ोतरी को मिला दिया जाए तो पिछले सात महीनों में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई छठी वृद्धि है। केंद्रीय बैंक ने मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। दिसंबर में दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। वैश्विक परिस्थियों से अछूता नहीं है भारत गवर्नर दास ने कहा कि पिछले वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने मौद्रिक नीति का परीक्षण करते रहने की जरूरत महसूस कराई है। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए, हाल के महीनों में आरबीआई ने मुद्रास्फीति को कितनी अच्छी तरह नियंत्रित किया है, अनुमान है कि यह जल्द ही यह टॉलरेंस बैंड के भीतर होगी। कराधान के मोर्चे पर हाल के सुधारों के माध्यम से ऐसा लगता है कि सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को बचत पर केंद्रित अर्थव्यवस्था से उपभोग पर आधारित अर्थव्यवस्था में स्थानांतरित करने के लिए नियमों को बदल दिया है। दरों में आखिरी बढ़ोतरी? रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि शायद यह रेपो दरों में आखिरी बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगले महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी रुक जाएगी, इसके बाद अगले साल से दरों में उलटफेर शुरू हो जाएगा। एमएसएफ, एसडीएफ दरों में बढ़ोतरी एसडीएफ (स्थायी जमा सुविधा) दर 6% से 6.25% तक समायोजित की गई हैं। MSF (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) की दरें 25 बीपीएस से बढ़कर 6.75% हो गई हैं।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें...
…प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया। …मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मत दिया। …चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के सात प्रतिशत रहने का अनुमान। 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी। …मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में। …खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान। ….चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत पर रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान। ….बीते साल और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम उतार-चढ़ाव। ….चालू खाते का घाटा 2022-23 की दूसरी छमाही में नीचे आएगा। ….दुकानों पर भुगतान के लिए भारत आने वाले यात्रियों को भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव। शुरुआत में यह सुविधा जी20 देशों के यात्रियों को मिलेगी। Read the full article
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emkanews7 · 2 years
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RBI ने इस बैंक पर लगाई Monetary Penalty
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RBI ने इस बैंक पर लगाई Monetary PenaltyRBI ने इस बैंक पर लगाई Monetary PenaltyRbi Rbi ने उत्कल बैंक पर 15 लाख की monetary penalty लगाई विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) जोखिम मानदंड और विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर-पार्टी सीमा का उल्लंघन किया था एसएएफ के तहत जारी किए गए विशिष्ट निर्देशों का उल्लंघन किया है, जिसमें जमा पर एसबीआई द्वारा प्रस्तावित ब्याज की तुलना में उच्च ब्याज दर की पेशकश नहीं की गई  आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक था।बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि निर्देशों का पालन न करने पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। Please Share This web storyWhite Frame CornerWhite Frame CornerArrowShareOther storiesYellow Round BannerYellow Round BannerCBDC App downloadCBDC12Green LeafGreen LeafWavy Line Read the full article
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worldinyourpalm · 2 years
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भारत ने पिछले वर्ष की तुलना में कुल वृद्धि के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है | Over the past year, India's overall growth has been strong;
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वित्त मंत्री प्रशांत पेरुमाई के इर्द-गिर्द अर्थव्यवस्था
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार को उम्मीद है कि बजट बेरोजगारी और खतरनाक असमानता को बड़ी चुनौतियों के रूप में लेगा, और वित्त मंत्री प्रशांत पेरुमाई के इर्द-गिर्द अर्थव्यवस्था को मोड़ने के उपायों की घोषणा करेंगे।
भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु कहते हैं, भारत की संस्थाओं का क्षरण एक चिंता का विषय है और नेताओं को इस समस्या से तत्काल निपटना चाहिए। कुछ अंश:
इस समय भारत की अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है?
पिछले वर्ष की तुलना में कुल वृद्धि के संदर्भ में, भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है, विशेष रूप से वर्तमान वैश्विक स्थिति के संदर्भ में, जहां कई उन्नत अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर हैं। भारत के अच्छे प्रदर्शन के दो कारण हैं। सबसे पहले, आरबीआई ने मौद्रिक नीति के मामले में एक कुशल काम किया है, मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ब्याज दरों का विवेकपूर्ण प्रबंधन किया है, और इसने विदेशी मुद्रा भंडार का रणनीतिक रूप से उपयोग किया है - विनिमय दर को उचित सीमा के भीतर रखने के लिए डॉलर जारी करना और खरीदना। दूसरा, भारत ने अपनी विदेश नीति का संचालन चतुराई से किया है और इसका अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जैसे-जैसे पश्चिम और चीन के बीच दरारें गहरी होती जा रही हैं, वैश्विक खिलाड़ी अब भारत को एक संभावित निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।
हालांकि, इस सापेक्ष अच्छे प्रदर्शन से शालीनता नहीं आनी चाहिए। 2021-22 में भारत की 8.7% की ग्रोथ अच्छी है, लेकिन माइनस-6 की ग्रोथ के साथ 2020-21 में भारत दुनिया में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वालों में शामिल था। 6%। तो, 2021-22 में अधिकांश वृद्धि कुएं से बाहर निकलने की वृद्धि थी। 2020 से 2023 तक औसत वार्षिक वृद्धि 2.77% है, जो अतीत में भारत के प्रदर्शन से बहुत कम है और कई अन्य देशों से नीचे है।
लगातार कई वर्षों के धीमे विकास के बावजूद अर्थव्यवस्था की स्थिति आज एक प्रमुख चर्चा का विषय नहीं है। 
क्या आप विस्तार से बता सकते हैं कि आर्थिक विकास क्यों मायने रखता है?
2016 से 2021 तक लगातार पांच वर्षों तक भारत की अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष की तुलना में धीमी गति से बढ़ी। मेरा मानना ​​है कि विकास मायने रखता है, लेकिन मैं उन अर्थशास्त्रियों से सहमत नहीं हूं जो विकास को हाशिए पर धकेल देते हैं। गलती यह है कि विकास को अपने आप में एक अंत मान लिया जाए। इसका महत्व पूरी आबादी में भलाई फैलाने के एक साधन के रूप में है। दुर्भाग्य से, भारत में जो विकास हो रहा है, वह असमान रूप से शीर्ष-अंत में है। अमीर अमीर हो रहे हैं। हमारे पास पर्याप्त डेटा नहीं है लेकिन सभी संकेत हैं कि निम्न मध्य वर्ग नकारात्मक वृद्धि का सामना कर रहा है, जबकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि सकारात्मक है। भारत की युवा बेरोजगारी दर 28.3% है, जो अधिकांश पूर्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तुलना में लगभग दोगुनी है। जाहिर है, बिना काम के इन युवाओं को देश की समग्र जीडीपी वृद्धि का हिस्सा नहीं मिल रहा है.......
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prabudhajanata · 2 years
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रायपुर: (RBI report) रिजर्व बैंक के रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं भाजपा नेताओं को रिजर्व बैंक के द्वारा जारी की गई तिमाही रिपोर्ट को पढ़ना चाहिए जिसमें कर्ज नहीं चुका पाने के कारण भाजप�� शासित राज्यों को डिफॉल्ट होने का जिक्र किया गया है, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र को कर्ज चुकाने में अक्षम होने का जिक्र किया गया है। छत्तीसगढ़ कर्ज के मामले में भाजपा शासित राज्यों से बेहतर स्थिति में है। आरबीआई की रिपोर्ट बता रही है कि छत्तीसगढ़ में जितना कर्ज लिया है उस कर्ज को चुकाने में वह सक्षम है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र की सरकार राज्य का बकाया लगभग 55,000 करोड़ रुपए का भुगतान आज कर दे तो आज ही छत्तीसगढ़ प्रदेश 80 प्रतिशत कर्ज से मुक्त हो जायेगा। छत्तीसगढ़ सरकार का कर्ज लेना सिर्फ मजबूरी है क्योंकि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के जीएसटी, जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि, कोयला की रॉयल्टी के साथ अन्य मदों के पैसे को निरंतर रोक रही है। असल मायने में देखा जाए तो भूपेश सरकार ने रत्ती भर कर्ज नहीं लिया है बल्कि जो कर्ज लिया गया है उसके लिए केंद्र सरकार की भेदभाव की नीति जिम्मेदार है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व के रमन भाजपा की सरकार ने कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार करने के लिए 41 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया लेकिन 15 साल में फूटी कौड़ी भी कर्ज चुका नहीं पाये। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार, पूर्व की रमन सरकार की 41 हजार करोड़ का ब्याज भी चुका रही है। 20 लाख किसानों के 11 हजार करोड़ कर्ज माफ की, 324 करोड़ सिंचाई कर माफ की, किसानों को धान की कीमत 2500 रु प्रति क्विंटल दे रही है, 40 लाख उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ की सुविधा प्रदान कर रही है। भूमिहीन श्रमिकों को भी 7 हजार रु सालाना आर्थिक मदद कर रही है, महिला स्व सहायता समूह 19 करोड़ का कर्ज माफ की, इसके अलावा 65 लाख परिवार को नाम मात्र कीमत में चाँवल दे रही है, खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के माध्यम से 20 लाख से अधिक मरीजों का इलाज भी करवाई है, तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 से बढ़ाकर 4000 रु प्रति बोरा दे रही है, निःशुल्क अंग्रेजी के शिक्षा दे रही है, मेडिकल कॉलेज खोली एवं आवश्यक निर्माण कार्यों को भी करा रही है। साथ ही अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से राज्य की जनता को आर्थिक रूप से सक्षम बना रही है, व्यक्ति विकास की दिशा में काम कर रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बीते 8 साल में मोदी सरकार ने लगभग 125 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया है उसके अलावा पेट्रोल, डीजल में लगभग 28 लाख करोड रूपए की अतिरिक्त वसूली जनता से की है। रसोई गैस, रेलवे सहित अन्य योजनाओं के तहत मिलने वाले सब्सिडी की राशि को खत्म किया है। सरकारी संपत्तियों की नीलामी भी लगातार कर रही है, उसके बावजूद वित्तीय व्यवस्था ख़स्ता हाल में है, अर्थव्यवस्था गर्त में चली गई है। देश की जनता जानना चाहती है कि मोदी सरकार ने पेट्रोल, डीजल में जो 30 लाख करोड़ की वसूली की है वह पैसा कहां गया और 8 साल में जो 125 लाख करोड़ रुपए का कर्ज ली है उस पैसे का क्या उपयोग किया गया है?
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tejeshwar-raj · 2 years
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Repo Rate
क्या आपको मालूम है कि आरबीआई के द्वारा अभी 9 महीने में कितना repo rate बढ़ाया गया है? अच्छा हो सकता है आपको ध्यान ना हो क्योंकि लगातार इसमें बढ़त की गई है। अच्छा यह तो मालूम है कि इसको क्यों बढ़ाया गया है? यह इसलिए किया गया है क्योंकि भारत में महंगाई दर काफी ज्यादा है और इसको नियंत्रित करने के लिए यह पहल की गई है। लेकिन क्या यह कदम हर बार की तरह लिए गए तरीके के हिसाब से अभी के समय में सही है?…
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