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#इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा
rudrjobdesk · 2 years
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मानसून में बच्चों की इम्यूनिटी को स्‍ट्रॉन्‍ग रखने के लिए उनकी डाइट में शामिल करें ये 8 चीज़ें
मानसून में बच्चों की इम्यूनिटी को स्‍ट्रॉन्‍ग रखने के लिए उनकी डाइट में शामिल करें ये 8 चीज़ें
Best Immune Booster Foods For Kids: इन दिनों मौसम बदलने का सबसे ज़्यादा असर बच्चों पर पड़ता है. उनकी इम्यूनिटी वीक होती है, इसलिए मौसम में थोड़ा भी बदलाव हो, तो बच्चे परेशान हो जाते हैं. मानसून आते ही सर्दी, खांसी और बुखार की प्रॉब्लम बढ़ जाती है. सीजनल फ्लू से बच्चे को बचाने के लिए हर पैरेंट्स जतन करते हैं. अगर आपके बच्‍चे को बार बार खांसी, सर्दी, बुखार होने की समस्या बनी रहती है, तो आपको ये जानना…
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bijayssnews · 3 years
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Immunity Booster: खाली पेट इन 3 चीजों का करें सेवन, बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता
Immunity Booster: खाली पेट इन 3 चीजों का करें सेवन, बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता
<p style="text-align: justify;">आजकल की लाइफस्टाइल और कोरोना महामारी की वजह से लोगों को इम्यूनिटी का महत्व पता चल गया है. कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए लोग अपनी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम कर रहे हैं. अगर आपकी इम्यूनिटी मजबूत है तो आपको किसी भी तरह का संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है. ऐसे में आप अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खाली पेट कई चीजों का सेवन कर सकते हैं. आप…
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कोरोना वायरस से लड़ने में अश्वगंधा के फायदे !
दुनिया के सभी वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस वक्त कोरोना वायरस को हराने के लिए वैक्सीन बनाने की दौड़ में शामिल हैं। कोरोना वायरस ने अभी तक दुनियाभर के 54 लाख से ज़्यादा लोगों को संक्रमित किया है। इस वायरस को ख़त्म करने के लिए दवाइयों पर एक्सपेरीमेंट से लेकर ई तरह की थैरेपी का उपयोग किया जा रहा है।  
अश्वगंधा ही क्यों?
पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली, आयुर्वेद को अब कोरोना वायरस से लड़ने की दवाओं में शामिल किया गया है। आईआईटी दिल्ली और जापान की AIST ने मिलकर एक शौध में पाया कि सबसे शक्तिशाली और व्यापक रूप से आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में से एक, अश्वगंधा COVID-19 से लड़ने की मज़बूत क्षमता रखती है।
अश्वगंधा में हैं एंटी-वायरल गुण
शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा कोरोना वायरस से लड़ने में महत्वपूर्ण दवा साबित हो सकती है और इसका इस्तेमाल वैक्सीन के विकास में भी किया जा सकता है। अश्वगंधा में, विशेष रूप से, कुछ प्राकृतिक जैव रासायनिक यौगिक शामिल होते हैं, जो अन्य एंटी-कोरोना वायरस दवाओं की तरह ही काम कर सकते हैं।
अश्वगंधा कैसे कर सकती है मदद?
यह देखा गया कि अश्वगंधा में मौजूद यौगिकों में से एक, विथानोन (वाई-एन) और एक अन्य प्राकृतिक चिकित्सा, न्यूजीलैंड प्रोपोलिस Mpro की संरचना को अवरुद्ध करने और कमज़ोर करने में काफी प्रभावी और उपयोगी है। इसलिए, अगर उचित मात्रा और खुराक में COVID की वैक्सीन के उत्पादन में इसका उपयोग किया जाता है, तो अश्वगंधा इससे निपटने में सहायक साबित हो सकती है और यहां तक ​​कि कोरोना वायरस के प्रसार को भी रोक सकता है।
क्या अश्वगंधा कोरोना वायरस के लिए एंटी-वायरल दवा है?
इसको लेकर अभी भी शोध जारी हैं, हालांकि, हमें ये मालूम है कि अश्वगंधा उपचार के लिए आयुर्वेद में काफी शक्तिशाली और बेहतर मानी जाती है, जिसका उपयोग कई उपयोग और लाभ हैं। ये ज़ुकाम और खांसी को ठीक करने में काफी कारगर साबित होती है।  
इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद
रोज़ाना अश्वगंधा खाने से आपकी इम्यूनिटी को बढ़ावा मिलता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज़ुकाम होने पर अश्वगंधा का सेवन बढ़ाने से शरीर को उबरने में मदद मिलती है। साथ ही ये औषधि एक वायरल इंफेक्शन के साथ होने वाले तनाव और थकान से उबरने में भी मदद करती है। अश्वगंधा दिल और शरीर के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
तनाव कम करती है
रोज़ाना अश्वगंधा के सेवन से तनाव नियंत्रण में या फिर कम हो सकता है। साथ ही शरीर में कोर्टीसोल का उत्पादन कम करता है और इंफ्लामेंशन भी रोकता है।
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24daynews · 3 years
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कोविद: इम्युनिटी बूस्टिंग दवाओं के लिए बाजार गर्म है, इस दवा की मांग सबसे अधिक है - कोविद: कोरोना से बचाव के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाओं का बाजार गर्म, इन दवाओं की मांग अधिक
कोविद: इम्युनिटी बूस्टिंग दवाओं के लिए बाजार गर्म है, इस दवा की मांग सबसे अधिक है – कोविद: कोरोना से बचाव के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाओं का बाजार गर्म, इन दवाओं की मांग अधिक
ख़बर सुनना ख़बर सुनना कोरोना काल में हरवेयर व्यक्ति खुद ही डॉ बन गया है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने के लिए लोग तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। कोई अलायंस कवर अपना रहा है तो कोई विटामिन की गोलियां और जूस पीकर इम्यूनिटी बढ़ा रहा है। मेडिकल स्टोर संचालक भी मानते हैं कि इन दिनों आयुर्वेदिक औषधियों, काढ़ा और विटामिन सी और डी की गोलियों की बिक्री में कई गुना वृद्धि हुई है। इम्यूनिटी…
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gokul2181 · 4 years
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Eating raw amla daily will reduce weight, high amount of vitamin C present in it will help increase your immunity. | रोज कच्चा आंवला खाने से कम होगा वजन, इसमें मौजूद विटामिन सी की अधिक मात्रा आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करेगी
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Eating raw amla daily will reduce weight, high amount of vitamin C present in it will help increase your immunity. | रोज कच्चा आंवला खाने से कम होगा वजन, इसमें मौजूद विटामिन सी की अधिक मात्रा आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करेगी
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Lifestyle
Eating Raw Amla Daily Will Reduce Weight, High Amount Of Vitamin C Present In It Will Help Increase Your Immunity.
हिमांशी शर्मा, आहार विशेषज्ञ, इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर9 घंटे पहले
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आंवले का पाउडर हृदय की मांसपेशियों को मज़बूत करता है
आंवला यूरिन की मात्रा को नियंत्रित करता है और यूरिन इंफेक्शन से भी बचाव करता है
आमतौर पर आंवले का सेवन बालों को काला, घना बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन ये सिर्फ़ बालों की ही नहीं बल्कि शरीर की कई अन्य दिक़्क़तों को भी दूर भगाने में मददगार है। आंवला बहुत ही पौष्टिक होता है। यह अपने एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण सौंदर्य प्रसाधनों में अधिक उपयोग में लाया जाता है। इसे आयुर्वेदिक दवा के रूप में त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं कि आंवला और किस प्रकार से हमारे लिए फ़ायदेमंद है। पाचन क्रिया में लाभ कई फलों की तरह आंवले में भी फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो पाचन क्रिया सुचारु रखने में मददगार है। इसलिए आंवले का सेवन पेट संबंधी विकारों को दूर करता है।
मधुमेह पर नियंत्रण आंवले में क्रोमियम होता है, जो डायबिटीज़ के इलाज में महती भूमिका निभाता है।
वज़न घटाने में मददगार वज़न कम करने के लिए कच्चा आंवला खाएं। इसके अलावा आंवले के पाउडर को शहद और गुनगुने पानी के साथ पिएं। कुछ ही दिनों में अंतर दिखने लगेगा।
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माहवारी नियमित रखे माना जाता है कि आंवले में पाए जाने वाले मिनरल्स और विटामिन मासिक धर्म में ऐंठन की समस्या से राहत दिलाने में और माहवारी को नियमित करने में भी मददगार हैं।
इम्युनिटी बढ़ाता है चूंकि आंवले में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है, इसलिए यह प्राकृतिक प्रतिरक्षा तंत्र को मज़बूत बनाने वाला माना जाता है।
हृदय संबंधी समस्याओं से राहत आंवले का पाउडर हृदय की मांसपेशियों को मज़बूत करता है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह से होता है।
यूरिन इंफेक्शन से बचाव आंवला यूरिन की मात्रा को नियंत्रित करता है और यूरिन इंफेक्शन से भी बचाव करता है।
भूख बढ़ाता है भोजन से पहले मक्खन, शहद के साथ आंवले के पाउडर का सेवन करने से भूख बढ़ती है। आंवला बुख़ार, अपच की समस्या, एनीमिया में भी फ़ायदेमंद साबित होता है।
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ख़ून साफ़ करे आंवला प्राकृतिक रूप से ख़ून को साफ़ करता है। अगर आपको मुंहासे होते हैं तो आंवला आधारित फेस पैक लगाएं। आंवला कोलेजन को बढ़ाने में भी मदद करता है, जो त्वचा को जवां बनाए रखता है।
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vilaspatelvlogs · 4 years
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कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही नई दवा, लेकिन डॉक्टरों को है इस बात का डर
कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही नई दवा, लेकिन डॉक्टरों को है इस बात का डर
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नई दिल्ली: आयुर्वेदिक Ayurvedic दवा हो या एलोपैथी, किसी दवा को कोरोना का शर्तिया इलाज अभी भी नहीं कहा जा सकता. बाबा रामदेव की दवा पतंजलि का दावा है. आयुर्वेद में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले तत्व होते हैं ये सबको पता है. कई मरीज तो बिना दवा के घर पर भी ठीक हो रहे हैं. भारत में चुनौती हैं गंभीर मरीज, जिनको बचाने की जद्दोजहद अभी भी चल रही है और तलाश उस दवा की है, उन पर जो काम कर जाए.
अब एक नई दवा…
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chaitanyabharatnews · 4 years
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कोरोना को भगाने के लिए मजबूत इम्यूनिटी जरुरी, रोजाना पिएं ये आयुर्वेदिक काढ़ा,आयुष मंत्रालय ने बताया बनाने का तरीका
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चैतन्य भारत न्यूज जानलेवा कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्सीन और दवा की खोज में लगे हुए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आप अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाकर ही कोरोना वायरस से लड़ सकते हैं। जब बात इम्युनिटी बढ़ाने की होती है तो सबसे पहले दिमाग में आयुर्वेदिक काढ़े का ख्याल आता है। आयुर्वेदिक काढ़े की मदद से आप नेचुरल तरीके से अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं। आयुष मंत्रालय ने काढ़े को बताया खास नुस्खा आयुष मंत्रालय शुरू से ही इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोगों को काढ़ा पीने की सलाह दे रहा है। जिसके लिए आयुष मंत्रालय ने राज्यों को काढ़ा बनाने का तरीका बताते हुए कई प्रकार के इम्युनिटी बूस्टर टिप्स भी दिए थे। साथ ही इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए आयुष मंत्रालय ने एक खास आयुर्वेदिक काढ़े का नुस्खा बताया है। जिसे रोजाना पीने से व्यक्ति की इम्यूनिटी में सुधार होगा और उसका शरीर कोविड-19 के संक्रमण से लड़ने में सक्षम बना रहेगा। आइए जानते हैं इस काढ़े को बनाने का सही और आसान तरीका। काढ़ा बनाने का तरीका- सबसे पहले काढ़ा बनाने के लिए आप चार भाग तुलसी के पत्ते, दो भाग दालचीनी, दो भाग सोंठ और एक भाग कृष्ण मरीच लें। इनका मोटा पाउडर बना लें और 3 ग्राम का टी-बैग या 500 मिलिग्राम पाउडर की गोलियां बना लें। इसे 150 मिलीलीटर उबले पानी में घोल कर चाय की तरह दिन में एक या दो बार पिएं। ये भी पढ़े... कोरोना से बचने के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बेहद जरुरी, कमजोर इम्युनिटी का संकेत हैं ये 5 लक्षण यहां लोग खाते हैं चटपटी लाल चींटी की चटनी, रोगों से बचाने के साथ ही बढ़ाती हैं इम्यूनिटी प्रसन्न रहने से होते हैं शरीर को ढेरों फायदे, अच्छी सेहत के साथ ही उम्र भी बढ़ती है Read the full article
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kisansatta · 4 years
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आयुष मंत्रालय ने दी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा पीने की सलाह, विशेषज्ञ ने बताई बनाने की विधि
कोरोनावायरस से बचाव के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने का बार-बार जिक्र किया जा रहा है। देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा पीने की सलाह दी साथ ही आयुष मंत्रालय द्वारा दी गई गाइंड लाइन्स को फॉलो करने के लिए भी कहा।कोरोना महामारी के बीच आयुष मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदशों को काढ़ा बनाने की विधि सौंपी है।आयुष मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी करके लोगों को आयुष काढ़ा पीने की सलाह दी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि इलाज से बेहतर रोकथाम है। अभी तक चूंकि COVID-19 के लिए कोई दवा नहीं है तो अच्छा होगा कि ऐसे एहतियाती कदम उठाए जाएं, जो इस वक्त हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं।
आयुष मंत्रालय ने कहा कि यह विधि जनसमुदाय के स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है। मंत्रालय द्वारा 24 अप्रैल को सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों एवं आयुष दवा विनिर्माताओं को भेजे पत्र में कहा गया कि काढ़ा तुलसी, दालचीनी, सुंथी (अदरक चूर्ण) और कृष्णा मरीच (कालीमिर्च) से बनेगा। उसे आयुष क्वाथ, आयुष कुदीनर या आयुष जोशंदा के जेनेरिक नाम से बेचा जाएगा। इसके अलावा, सुबह और शाम दो बार नाक के दोनों नथुनों में तिल या नारियल का तेल या घी लगाने जैसे कुछ आसान आयुर्वेदिक उपाय भी सुझाए हैं।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने के उपाय के महत्व पर विचार करते हुए आयुष मंत्रालय जन समुदाय के स्वास्थ्य के हित में इस रेडीमेड आयुष औषधि के उपयोग को बढ़ावा देना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को संविधान दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस पर मुहर लगाई थी।मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि विभिन्न जड़ी-बूटी वाली औषधियां बनाने के काम में लगी एक कंपनी ने आयुष क्वाथ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी एआईएमआईएल के प्रबंध निदेशक के के शर्मा ने बताया कि यह दवा पाउडर या गोलियां के रूप में शीघ्र ही बाजार में मिलेगी।
काढ़ा बनाने के लिए सामग्री:-
साफ पानी
लौंग
 काली मिर्च
छोटी इलायची
 काली तुलसी की पत्ती
 अदरक
गुड़
चायपत्ती
दालचीनी
 मुनक्का 
 नींबू
काढ़ा बनाने की विधि:-  
काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले पानी को गर्म करने रखें| जब पानी उबलने लगे तब उसमें काली मिर्च, पीसी हुई लौंग, इलायची, अदरक, दालचनी, मुनक्का और स्वादानुसार गुड़ ड़ाल दें|कुछ देर बाद इसमें तुलसी की पत्तियां इसमें डाल दें|अब इसमें चायपत्ती डालें| इसे इतना उबालें जब तक पानी सूखकर आधा न रह जाए|जब पानी आधा रह जाए तो गैस बंद कर दीजिए| पानी को छान लें| आपका काढ़ा बनकर तैयार है| कुछ दिनों तक रोजाना इसका सेवन करें| आपकी सर्दी-खांसी दूर हो जाएगी|
इनमें से एक है यह काढ़ा, जि‍सका ज‍िक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोध‍ित करते हुए किया|हर्बल टी या काढ़ा आप दिन में 1 से 2 बार कर सकते हैं। अगर आपको इस काढ़े को पीने में परेशानी आए तो टेस्ट के लिए आप इसमें गुड़ या नींबू का रस मिला सकते हैं।
  https://kisansatta.com/ministry-of-ayush-advised-to-drink-decoction-to-increase-immunity-expert-told-method-of-preparation33521-2/ #AddBlackPepper, #ExpertToldMethodOfPreparation, #MinistryOfAYUSHAdvisedToDrinkDecoctionToIncreaseImmunity, #PowderedCloves Add black pepper, expert told method of preparation, Ministry of AYUSH advised to drink decoction to increase immunity, powdered cloves Life, Trending #Life, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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lokkesari · 4 years
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उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत विधानसभा के समस्त कर्मियों को आयुष किट की वितरित
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उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत विधानसभा के समस्त कर्मियों को आयुष किट की वितरित
देहरादून 4 सितम्बर। विधानसभा परिसर देहरादून में आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष  प्रेमचंद अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए विधानसभा के समस्त कर्मियों को आयुष किट वितरित कीइस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना से घबराने की बजाय सावधान रहे और संयम से अपनी दिनचर्या को पूरा करे तो सभी इस बीमारी से बच सकते है।
इस अवसर पर विधानसभा के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों को आयुष किट वितरित की गई साथ ही आयुष डॉक्टरों के माध्यम से किट में रखे गये काढ़ा का सेवन करने एवं दवाइयों को प्रयोग में लाने संबंधी बातों से भी अवगत किया गया।आयुष किट में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें शामिल की गई हैं. इसमें विशेष प्रकार का काढ़ा और आयुर्वेदिक गोलियां शामिल हैं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों की अनुपालना करने के साथ-साथ हम सबको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाना होगा। इसके लिए प्रतिदिन योगासन, प्राणायम को जीवनशैली में शामिल करना होगा।साथ ही उन्होंने हल्दी युक्त गुनगुना दूध और गर्म पानी पीने की भी सलाह दी।
अग्रवाल ने कहा कि कि आयुष विभाग की ओर से लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष किट का वितरण करवाया जा रहा है। यह दवा लेने से लोगों की सेहत बेहतर रहेगी। वे कोरोना के साथ-साथ दूसरी बीमारियों से भी बच सकेंगे। यह दवा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देती है, इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, विधायक उमेश शर्मा काऊ, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल, आयुर्वेदिक डॉ हरिमोहन त्रिपाठी, होम्योपैथिक डॉ विनोद शर्मा, उपसचिव चंद्र मोहन गोस्वामी, वरिष्ठ निजी सचिव अजय अग्रवाल, अनु सचिव नरेंद्र रावत, अनु��चिव नीरज थापा, अनुसचिव मनोज कुमार, रत्ना पंत सुरक्षा अधिकारी प्रदीप गुणवंत,हेम गुरानी, वंदना हरिव्यासी, चंद्रेश गौड़, प्रवीण जोशी, राजीव बहुगुणा सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी गण मौजूद थे।
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cg24xnews · 4 years
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Immunity booster: घरेलू आयुर्वेदिक उपाय, कोरोना रहेगा कोसों दूर
रायपुर। कोरोना महामारी के इस दौर में यदि वायरस से बचना है, तो अपना इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है. जरूरी नहीं की हर छींक कोरोना हो, लेकिन हल्की खांसी और गले में खराश को लेकर बहुत परेशान हैं, तो घरेलू इम्यूनिटी बूस्टर लीजिए. इन सबके के लिए आपको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसकी दवा आपकी रसोई में ही मौजूद है. बस, जरूरत है उसे जानने और दूसरों को समझाने की. तो चलिए…
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newsaryavart · 4 years
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कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही नई दवा, लेकिन डॉक्टरों को है इस बात का डर
कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही नई दवा, लेकिन डॉक्टरों को है इस बात का डर
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नई दिल्ली: आयुर्वेदिक Ayurvedic दवा हो या एलोपैथी, किसी दवा को कोरोना का शर्तिया इलाज अभी भी नहीं कहा जा सकता. बाबा रामदेव की दवा पतंजलि का दावा है. आयुर्वेद में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले तत्व होते हैं ये सबको पता है. कई मरीज तो बिना दवा के घर पर भी ठीक हो रहे हैं. भारत में चुनौती हैं गंभीर मरीज, जिनको बचाने की जद्दोजहद अभी भी चल रही है और तलाश उस दवा की है, उन पर जो काम कर जाए.
अब एक नई दवा…
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khabaruttarakhandki · 4 years
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गिलोय के उपयोग करके कैसे आपनी इम्यूनिटी बढ़ाए
गिलोय के उपयोग करके कैसे आपनी इम्यूनिटी बढ़ाए
आज के इस आधुनिक युग में आप ही जानते हैं कि बहुत जरूरी हो चुका है कि हमारा शरीर में इम्यूनिटी से लड़ने के लिए ताकत होनी चाहिए क्योंकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी म्यूजिक को बढ़ाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है अगर आपको ऐसा लगता है तो यह नहीं है कि म्यूट को बढ़ाना हमारे हाथ में होता है हम खुद कार्य करके अपनी बेटी को बहुत अच्छे लेवल पर बढ़ा सकते हैं यह बिल्कुल भी असंभव कार्य नहीं है हां थोड़ा सा वक्त जरूर लग सकता है लेकिन आप का इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा हो सकता है क्या ऐसा हो सकता है कि हम बारिश में जाएं और थोड़ा हमें जुखाम ना हो हम सर्दी में घूमे फिरे पर हमें यूं ना लगे यह सब तभी संभव है|
जब हमारा इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा होगा और ऐसा तभी हो सकत��� है जब हम कुछ चीजें अपने आहार में शामिल करें जो कि हम इम्यून सिस्टम को बहुत अच्छा करें आज के  समय में हमारा इम्यून सिस्टम अच्छा होना बहुत जरूरी है इस समय जहां एक तरफ पूरा विश्व विश्व बीमारी कोरोनावायरस रहा है तो बहुत जरूरी हो जाता है उससे बचने के लिए कि हमारा इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा हो जिसके लिए हम कई बार कुछ जड़ी बूटियों का सहारा लेते हैं जो कि हमारी इम्यूनिटी सिस्टम को बहुत पावरफुल करता है जिसमें की सबसे आगे जिसका नाम आता है वह है गिलोय आज हम आपको बताते हैं कि गिलोय क्या है गिलोय खाने के शरीर में क्या-क्या फायदे हैं इसका उपयोग कैसे करते हैं और तथा कितनी मात्रा में इसका उपयोग कर सकते हैं जिससे कि हमारा इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा हो जाए गिलोय जो होता है वह हमारे खून को साफ करने के साथ-साथ हमारा एमिटी सिस्टम को बढ़ाता है बुखार को फांसी को सर्दी खांसी जुखाम आदि समस्याओं को भी दूर करता है के उपयोग से हमें हमारे टाइफाइड मलेरिया कालाजार डेंगू शिल्पा और भी बहुत सारे रोग उल्टी बेहोशी कब पीलिया धातु विकास यकृत से बीमारियां तिल्ली का बढ़ना एलर्जी त्वचा के रोग झाइयां झुर्रियां कुष्ठ रोग आदि का उपचार किया जाता है|
इसके अलावा यह डायबिटीज के रोगियों के लिए भी बहुत अच्छा होता है । साथ ही साथ गिलोय के जूस को रोजाना पीने से बुखार ब्लू डेंगू मलेरिया पेट के कीड़े होने की समस्या लो ब्लड प्रेशर हाई ब्लड प्रेशर टीवी मूत्र के रोग एलर्जी से  हुए रोग, डायबिटीज स्क्रीन की सारी बीमारियां भी दूर होती हैं दूध के सेवन से आपकी भूख भी बढ़ सकती है  गिलोय की वैसे तो बहुत सारी प्रजातियां होती हैं लेकिन हमारे भारत में कड़वी गिरोह का ही उपयोग दवाइयां बनाने में किया जाता है गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों से ग्रहण कर लेती है इसलिए नीम के पेड़ पर लगने वाली गिलोय को ही बहुत उत्तम माना जाता है ऐसी गिलोय को नीम गिलोय भी कहा जाता है डायबिटीज में ऐसे मरीज जिन्हें टाइप टू डायबिटीज की तकलीफ होती है उन्हें क्लोज के सेवन से बहुत आराम मिलता है दिलों में काफी मात्रा में उपयोग i10 कैमिक एजेंट पाए जाते है|
जो आपके शरीर के ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बहुत महत्वपूर्ण होता है ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ साथ साथ ही साथ डॉक्टर गिलोय जूस का सेवन करने के लिए भी सलाह देते हैं गुरुजी उसको आप खरीद करके भी सेवन कर सकते हैं यह मार्केट में आराम से मिल जाता है दूसरा  अर्थराइटिस के रोग में गिलोय और अदरक को एक साथ मिलाकर के इसका रोज सेवन किया जाए तो आपके जोड़ों या गठिया के दर्द में बहुत ज्यादा  फायदा पहुंचता है जबकि साथ ही साथ आप गिलोय के तने का पाउडर बनाकर दूध के साथ उबालकर भी करके भी अपने घटिया तथा जोड़ों के दर्द को दूर कर सकते हैं इसके साथ साथ ही तीसरा गिलोय हमारे शरीर की एबिलिटी को बहुत ज्यादा बढ़ाता है अगर कोई इंसान लगाता धीमा रहता है तथा उसकी वजह से वह बहुत ज्यादा कमजोर हो चुका है उसकी इम्यूनिटी बहुत ज्यादा बेकार हो चुकी है तो इसके लिए वह खून को साफ करके व्यक्ति रिया को मारकर एलजी कोशिकाओं को मेंटेन करके शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली फ्री रेडिकल से लड़कर इम्यूनिटी को और ज्यादा मात्रा में बढ़ाता है|
ऐसे समस्याओं को दूर करने के लिए समय और पैसे खर्च करने की जगह अगर आप दिल्ली गिलोय के जूस का सेवन शुरू कर देते हैं तो आपका यूनिटी लेवल बहुत ज्यादा अच्छा हो जाएगा इसमें शामिल है शरीर में टॉक्सिंस को निकालता है तथा साथ ही साथ ही है नपुंसकता को भी दूर करता है  इसी के साथ ही साथ अगर हम इसके फायदों को देखें तो गिलोय के सेवन से आपका स्टैंड भी दूर होता है कई बार देखा जाता है कि आजकल के भागदौड़ वाली जिंदगी में इंसान को स्टेटस बहुत ज्यादा यह लेता है इसके लिए जरूरी है कि आप गिलोय से तैयार किया हुआ टॉनिक जो हमारे शरीर के 1 घंटे और स्ट्रेस को दूर करता है ��सके लिए आपको शरीर में मौजूद टॉक्स इसको बाहर निकाल देता है और शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी शांति देता है और आपकी मेमोरी को भी बहुत अच्छा करता है इसके  77 गिलोय के सेवन से पीलिया जैसी बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है|
अगर आप पीलिया की बीमारी से परेशान हैं तो आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं गिलोय के बीज से 30 पत्ते लेकर पीस लें इसे एक गिलास ताजी छाछ में लेकर के इस के पेस्ट को उसमें मिला दे और दोनों  को अच्छे से मिला करके इस जांच को पीलिया के रोगी को पिला दे उसको बहुत जल्दी आराम आ जाएगा इसके अलावा आपके कानों से जुड़ी हुई समस्याओं को भी गिलोय दूर करता है कई बार कान में मैल या एयरवेज जमा हो जाता है जो निकलना कई बार मुश्किल हो जाता है यार बट की सहायता से आप कोशिश भी करते हैं तो कुछ तकलीफ होती है ऐसी स्थिति में ग्रह का प्रयोग करना सही विकल्प हो सकता है इसके लिए आपको गिलोय का ईयर ड्राप बनाना पड़ेगा जो कि बहुत ही आसानी से बन जाता है इसे बनाने के लिए थोड़ी सी गिलोय ले करके उसे पानी में पीस लें और गुनगुना गर्म कर लें अब इसे ईयर ड्राप की तरह इस्तेमाल करें दिन में दो बार इसकी कुछ बूंदों को कान में डाला जा सकता है जिससे कि कान में जमा हुआ पुराने से पुराना जिद्दी मेल ईयर वैक्स की तरह बाहर निकल आएगा और जल्दी ही आराम आ जाएगा और साथ ही साथ गिलोय के सेवन से बुखार में भी आराम मिलता है कई बार गिलोय बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है|
इससे जुड़ना शक गुणों के कारण यह बुखार को आसानी से उतार देता है ग्लोरी में ब्लड प्लेट को बढ़ाने में जानलेवा बीमारियों से मदद में करता है डेंगू बुखार की समस्या होने पर भी उसके लक्षणों को दूर करता है गिलोय के साथ को थोड़ी मात्रा में शहद में मिलाकर पीने से भी मलेरिया की समस्या दूर हो जाती है इसके साथ ही साथ अगर हम गिलोय के फायदे आपको पता है तो उसमें से है बवासीर की दवा है जिले में अगर आपको इसकी बहुत ज्यादा तकलीफ होती है क्योंकि पास बहुत ही दर्दनाक होती है इसे जल्दी छुटकारा ना मिले तो बहुत ज्यादा बढ़ जाती है बवासीर को ठीक करने के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी होता है इसकी दवा बनाने के लिए धनिया के पत्ते ले ले और को बराबर मात्रा में पीस लें इस मिश्रण को 20 ग्राम मात्रा में लेकर आधा लीटर पानी में उबालें और काफी उबालें काफी ज्यादा जाने के बाद इसको गुड़ के साथ दिन में 2 बार सेवन करें इसके साथ ही 5 अंकों ठीक करता है|
गिलोय के नियमित सेवन से यह भी फायदा देखा गया है कि यह आपके पाचन क्रिया को बहुत ज्यादा मजबूत बना देता है । अपने पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए आपको गिलोय लेना है साथ ही साथ अतीश लेना है तथा अदरक की जड़ लेनी है इन तीनों चीजों को समान मात्रा में लेने तीनों सामग्रियों को एक साथ उबालकर काढ़ा बना लें तथा इसको रोज 20 से 30 ग्राम की मात्रा में इस काढ़े का सेवन करने से पेट से संबंधित बीमारियों से आपको आराम मिल जाएगा साथ ही साथ हम आपको बताते हैं कि गिरोह के सेवन से कैसे अस्थमा से भी छुटकारा पाया जा सकता है अस्थमा को ठीक करने के लिए बहुत ज्यादा गिलोय आवश्यक होता है आजकल अस्थमा या दमा से पीड़ित लोगों की संख्या बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ रही है अगर आपको भी इस को दूर करना है तो इसके लिए आपको गिलोय की जड़ चबाने की सलाह देंगे इसके सीने का कड़ापन दूर होता है तथा उसके साथ ही साथ का फाना तथा सांसों से जुड़ी हुई समस्याओं को आराम मिलता है इसमें और भी अगर हम देखें तो इसके प्रयोग से आंखों की रोशनी भी बहुत अच्छी होती है|
आंखों के डिसऑर्डर होने में आजकल काफी बात आम हो चुकी है महंगे उपचारों से पैसा फिजूलखर्ची से कम खर्चे से ही अगर हम इस ट्र��टमेंट को अपनाएं तो हमारे कन्या डिसऑर्डर्स मोतियाबिंद, स्क्रीन जैसी समस्याओं को भी ठीक किया जा सकता है इन के लिए 11:30 ग्राम गिलोय का जूस लेकर उसमें 1 ग्राम शहद और 1 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीस लें इस मिश्रण को आंखों के ऊपर लगाया जा सकता है  साथ ही साथ गिलोय से हमारे लिवर से संबंधित बीमारियों को भी वह ठीक करता है इस उपाय को इस्तेमाल करके लिवर के डिसऑर्डर्स को भी ठीक किया जा सकता है इसकी दवा बनाने के लिए आपको 2 ग्राम धनिया के बीच काली मिर्च के दो-दो बीच नीम की दो पत्तियां तथा 18 ग्राम ताजी गिलोय को लेना पड़ेगा इसकी सारी सामग्रियों को मिलाकर पीसकर ढाई सौ ग्राम पानी के साथ मिलाकर मिट्टी के बर्तन में भरकर रख लें इस मिश्रण को रात भर के लिए छोड़ दें और अगली सुबह इस मिश्रण को फिर से पीछे और छान लें तथा इसका सेवन करने से आपके लीवर से संबंधित समस्याओं में आराम मिल सकता है साथ ही साथ अगर आपको सांस लेने में तकलीफ होती है|
सर्दी जुखाम टॉन्सिल्स का आदी हो जाते हैं तो ऐसे में किलो जैसे वन बहुत ही ज्यादा अच्छा होता है इसके लिए आपको  गिलोय का नियमित सेवन करना चाहिए जिससे कि आपको 7 से जुड़ी समस्याओं में आराम मिल सके इसके साथ ही साथ अगर आपको उल्टी आने की समस्या होती है तो इसके लिए आप गिलोय कंटकारी तथा अनुषा की छाल को समान मात्रा में लेकर के  आधा लीटर पानी में उबालें जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान करके इसका सेवन करें इस कार्य को पीते समय इसमें थोड़ी सी शहद में मिलाकर के उपयोग कर सकते हैं आपको जरूर आराम मिलेगा साथ ही साथ हम आपको बता दें कि  कई बार देखा गया है कि मूत्र के विकार की जो समस्या उत्पन्न हो जाती है इसमें पेशाब की नली में होने वाली समस्याओं में जैसे जलन का अनुभव होता है तथा पेशाब करने में दर्द होने लगता है ऐसे में गिलोय का सेवन बहुत ही ज्यादा असरदार होता है|
इस समस्या को दूर करने के लिए हाफ किलो तथा चित्रक की 20 30 मात्रा लेकर के उस का काढ़ा बना लें और दिन में दो बार इसका सेवन करें इसके अलावा आप 1 ग्राम गिलोय को साथ लेकर उसमें 3 ग्राम शहद मिलाकर पी सेवन कर सकते हैं इसमें उसके को एक बार सुबह तथा एक बार शाम को करें आपको जरूर आराम मिलेगा इसके साथ ही साथ  हम आपको यह भी जानकारी देंगे कि गिलोय का सेवन कितने मात्रा में करना चाहिए गिलोय हमारे शरीर की इमेज को बढ़ाने के लिए बहुत ही अच्छी जड़ी बूटी है इसका सेवन बिना डॉक्टर या आयुर्वेद के वेद की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए उनकी जानकारी के अनुसार ही करना चाहिए आयुर्वेदिक के द्वारा  1 दिन में एक स्वस्थ मनुष्य को गिलोय की 20 ग्राम की मात्रा की अधिकतम सेवन कर सकता है|
अगर कोई व्यक्ति गूलर का जूस पी रहा है तो वह भी 20ml से  थोड़ा सा देख इसका सेवन कर सकता है तो आपको जरूर आराम मिलेगा लेकिन आप जो भी सेवन करें जितनी भी मात्रा में करें तब आप अपने डॉक्टर या वैद्य के परामर्श से ही करें तभी आपको सही आराम मिलेगा गिलोय एक बहुत ही अच्छी बहुत ही असरदार जड़ी बूटी है इसका असर आप सही तरीके से सेवन करते हैं तो आपको इन सारी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है तथा आज के इस परेशानी के दौर में जहां पर करुणा वायरस बुरी तरह से आप पर हमला करने की तैयारी में है आप अपना गैलरी को यूज करके अपनी समस्याओं को दूर भगा सकते हैं तथा अपनी इम्युनिटी को बहुत ज्यादा स्ट्रांग कर सकते हैं
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तुलसी के 22 फायदे, उपयोग और नुकसान – Basil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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तुलसी के 22 फायदे, उपयोग और नुकसान – Basil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Anuj Joshi May 31, 2019
भारत के लगभग हर घर में आपको होली बेसिल यानी तुलसी का पौधा नजर आ जाएगा। जहां एक तरफ इसकी धार्मिक मान्यता है, वहीं कई बीमारियों के इलाज में भी इसका प्रयोग किया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा होता है, वहां बैक्टीरिया और जीवाणु प्रवेश नहीं कर पाते हैं। साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि क्यों और किस प्रकार तुलसी हमारे लिए फायदे हैं। साथ ही इसे किस प्रकार उपयोग करें कि यह हमारे लिए नुकसानदायक साबित न हो।
अब सीधा हम मुद्दे पर आते हुए तुलसी के फायदों के बारे में बात करते हैं। यहां हम जानेंगे कि तुलसी व तुलसी के बीज का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
विषय सूची
तुलसी के फायदे – Basil Leaves Benefits in Hindi
वैज्ञानिक भाषा में बात करें, तो तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं (1)। इन गुणों के चलते ही तुलसी आपके लिए लाभकारी साबित होती है। यह कैंसर, डायबिटीज व ह्रदय रोग जैसी कई बीमारियों का इलाज करने में सक्षम है। इतना ही नहीं सर्दी-जुकाम व श्वासनली से जुड़े रोग व शरीर में आई सूजन को भी तुलसी की मदद से ठीक किया जा सकता है। अगर यह कहा जाए कि तुलसी आयुर्वेदिक औषधि है, तो गलत नहीं होगा। इसे न सिर्फ पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि यह दवा का काम भी कर सकती है। तुलसी किस प्रकार सेहत, त्वचा व बालों के लिए कारगर है, उस बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं।
सेहत के लिए तुलसी के फायदे – Health Benefits of Basil in Hindi
1. तनाव के लिए तुलसी के फायदे
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आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बेसिल लीव मानसिक तनाव को कम कर सकती है। इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण पाया जाता है (1)। तुलसी इम्यून सिस्टम को बेहतर कर सकती है, जिससे काफी हद तक तनाव से राहत मिल सकती है। साथ ही तुलसी ��रीर में कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है। कोर्टिसोल एक प्रकार का स्ट्रेस हार्मोन होता है। अगर इसका स्तर कम होता है, तो तनाव व थकान में कमी आती है।
बेसिल लीव ऊर्जा बढ़ाने में भी म��द करती हैं और आपके काम पर फोकस को बेहतर करती है। अगर इन दो मामलों में आप बेहतर होते हैं, तो न सिर्फ तनाव कम होगा, बल्कि काम पर भी अच्छी तरह से ध्यान दे पाएंगे। एक ऑस्ट्रेलियन अध्ययन के अनुसार भी तुलसी मानसिक तनाव को दूर कर सकती है। साथ ही यह विभिन्न प्रकार के केमिकल के दुष्प्रभाव से भी शरीर के अंगों को सुरक्षित रखती है (2)। वहीं, भारत में हुए रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपको तनाव से बचा सकते हैं (3)। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे की लिस्ट में आप इसे शामिल कर सकते हैं।
2. बेहतर इम्यूनिटी के लिए तुलसी के फायदे
ऐसा माना जाता है कि रोज तुलसी के ताजे पत्ते खाने से इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो सकती है। इतना ही नहीं, यह श्वासनली से जुड़ी बीमारी अस्थमा तक में फायदेमंद साबित हो सकती है। साथ ही कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होने वाली समस्याओं ब्रोंकाइटिस व फेफड़ों में संक्रमण से भी बचाव हो सकता है। इन तमाम बीमारियों में तुलसी कफ को पतला करके उसे शरीर से बाहर निकालती है। साथ ही फेफड़ों की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है, जिससे आपको आराम मिलता है (4)।
बेसिल लीव के प्रयोग से सर्दी-जुकाम व बुखार को भी ठीक किया जा सकता है (5)। बुखार होने पर आप सिर्फ तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी से धोकर चबा लें। साथ ही पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी को पीने से भी आपको आराम मिल सकता है। तुलसी की पत्तियां कटने व जलने से बने घावों को भी ठीक कर सकती हैं। साथ ही किसी भी तरह के संक्रमण से भी बचाती हैं। आप इम्यूनिटी सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
3. वजन घटाने में तुलसी के फायदे
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तनाव में होने पर कुछ लोगों की भूख बढ़ जाती है और वो जरूरत से ज्यादा खाते हैं। इससे वजन बढ़ने लगता है। जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि तुलसी के सेवन से तनाव पैदा करने वाले कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। इस लिहाज से हम कह सकते हैं कि वजन घटाने के लिए तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है।
हाल ही में हुई एक स्टडी ने भी इस संबंध में तुलसी के प्रभाव की पुष्टि की है। स्टडी के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त मरीज को प्रतिदिन 250 ग्राम तुलसी के पत्तों का रस दिया गया। इससे मरीज के लिपिड स्तर व बीएमआई में काफी सुधार देखा गया। इस आधार पर कहा जा सकता है कि वजन घटाने में तुलसी मददगार है (6)। इस प्रकार से तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में वजन घटाना भी शामिल है।
4. मुंह के स्वास्थ्य के लिए तुलसी के फायदे
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि होली बेसिल मुंह को साफ करके के काम भी आ सकती है। यह मुंह से आने वाली बदबू, पायरिया, मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है। ऐसा तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण है (7)। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं। इन गुणों के कारण ही तुलसी को मुंह से संबंधित बीमारियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही इसके प्रयोग से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है (8)। मुंह के स्वास्थ्य के लिए तुलसी का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
5. आंखों के लिए तुलसी के फायदे
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इन दिनों हर कोई आंखों से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त है। अगर आपके साथ भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो आज से ही तुलसी का प्रयोग शुरू कर दें। तुलसी कंजक्टिवाइटिस जैसे संक्रमण के साथ-साथ अन्य रोगों से भी आंखों की रक्षा कर सकती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आंखों को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी की पत्तियां मोतियाबिंद से भी आपको बचा सकती हैं। तुलसी में विटामिन-ए होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इस लिहाज से भी आप तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं (9) (10)।
नोट : बेशक तुलसी गुणकारी है, लेकिन आंखें बेहद कोमल होती हैं, इसलिए आंखों में कुछ भी डालने से पहले अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से राय जरूर लें।
6. सिरदर्द में तुलसी के फायदे
अगर आपको सिरदर्द है, तो तुरंत राहत पाने के लिए बेसिल लीव पर भरोसा कर सकते हैं। भारत में सदियों से सिरदर्द के लिए तुलसी का प्रयोग किया जा रहा है। फिर चाहे आप इसे रस की तरह प्रयोग करें या फिर पाउडर की तरह। इसके अलावा, आप तुलसी की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। चाय में तुलसी के अलावा आप अन्य जड़ी-बूटियां व शहद भी मिला सकते हैं (11)।
7. ह्रदय के लिए तुलसी के गुण
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तुलसी के प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। डायबिटीज, थायराइड व उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मरीजों का कोलेस्ट्रॉल सामान्य होना जरूरी है, वरना इससे ह्रदय पर बुरा असर पड़ता है। तुलसी की पत्तियां खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं (12)। ऐसे में आप तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं। तुलसी में विटामिन-सी व एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ह्रदय को फ्री रेडिकल्स से बचाकर रखते हैं।
इसके अलावा, तुलसी में फ्लेवनॉएड नामक तत्व होता है, जो ह्रदय की धमनियों में खून के थक्के बनने नहीं देता। इससे हार्ट अटैक व अन्य ह्रदय रोग की आशंका कम हो जाती है। एक ऑस्ट्रेलियन अध्ययन के अनुसार भी तुलसी ह्रदय रोग से बचाने में सहायक साबित हो सकती है (1)। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में स्वस्थ ह्रदय भी शामिल है।
8. गले में खराश के लिए तुलसी के गुण
मौसम में बदलाव होने, कुछ भी ठंडा खाने, धूम्रपान करने या फिर एलर्जी के कारण गले में खराश होने लगती है। धूम्रपान को छोड़ दिया जाए, तो अन्य कारणों पर हमारा बस नहीं चल सकता। इसलिए, गले में खराश होने पर आप होली बेसिल की पत्तियों को औषधि के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ वैज्ञानिक शोध में भी पाया गया है कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं (13)। श्वास व गले से संबंधित कोई भी समस्या होने पर तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए, आप पानी में तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर उबाल लें और फिर उसे पिएं। साथ ही आप इस पानी से गरारे भी कर सकते हैं।
9. कैंसर के लिए तुलसी के लाभ
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शरीर से जुड़ी सामान्य बीमारियों के साथ-साथ तुलसी कैंसर में भी लाभदायक साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तुलसी के रस में रेडियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो शरीर में पनपने वाले ट्यूमर सेल्स को खत्म कर सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी में यूजेनॉल भी पाया जाता है, जिसमें एंटीकैंसर गुण होते हैं। साथ ही तुलसी में रोसमारिनिक एसिड, एपिगेनिन, ल्यूटोलिन, माय्र��ेनल जैसे जरूरी फाइटोकेमिकल्स होते हैं। ये भी विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं (14)।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार, तुलसी के सप्लीमेंट्स भी कैंसर एंजाइम को पनपने से रोक सकते हैं। इतना ही नहीं, तुलसी का रस पैंक्रियाज कैंसर सेल्स में ट्यूमरजेनिसिटी और मेटास्टेसिस के असर को कम कर सकता है (15)। साथ ही यह स्तन कैंसर के प्रभाव को भी धीरे-धीरे कम कर देता है (16)।
10. डायबिटीज के लिए तुलसी के फायदे
डायबिटीज के रोगियों के लिए भी तुलसी फायदेमंद है। तुलसी के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का प्रवाह सामान्य हो जाता है। साथ ही वैज्ञानिकों का मानना है कि तुलसी में एंटी-डायबिटीक गुण होते हैं। इसलिए, तुलसी भोजन से पहले और भोजन के बाद ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकती है (1)।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार तुलसी में फ्लेवोनोइड्स, ट्राइटरपेन व सैपोनिन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो हाइपोग्लाइसेमिक के तौर पर काम करते हैं। इससे शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है (17)। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में डायबिटीज का उपचार भी शामिल है।
तुलसी की पत्तियों व तुलसी के बीज का उपयोग जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
11. खांसी व सर्दी के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
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वैसे तो बाजार में खांसी के लिए ऐसे सिरप मिलते हैं, जिनमें तुलसी होती है, लेकिन इनके मुकाबले तुलसी के घरेलू उपचार ज्यादा फायदेमंद हैं। जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो श्वासनली से जुड़ी समस्याओं में कारगर साबित हो सकते हैं। इसलिए, खांसी के लिए आप तुलसी पर भरोसा कर सकते हैं। इसके लिए आप तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी को पिएं। इससे आपको आराम मिल सकता है। वहीं, अगर आपको सर्दी लग रही है, तो आप तुलसी की पत्तियां चबा सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी के पत्तों की चाय भी पी सकते हैं। इससे आपको सर्दी लगने में राहत मिल सकती है (18)। आप खांसी या फिर सर्दी होने पर तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
12. किडनी स्टोन के लिए तुलसी के फायदे
इन तमाम खूबियों के अलावा, तुलसी में एक गुण और भी है। यह शरीर को अच्छी तरह से डिटॉक्सीफाई कर सकती है। साथ ही इसमें हल्का मूत्रवर्धक गुण भी होता है, जिस कारण से यह किडनी में पथरी होने पर अपना असर दिखा सकती है। यह एक तरफ शरीर में यूरिक एसिड को कम करती है, तो दूसरी तरफ मूत्रवर्धक गुण के चलते किडनी से पथरी को निकालने में मदद करती है। साथ ही किडनी की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है (19)।
13. पेट के लिए तुलसी के फायदे
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पेट सही नहीं, तो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इसलिए, पेट का ठीक रहना जरूरी है। इस मामले में तुलसी रामबाण इलाज है। यह पेट में दर्द, पेट का फूलना, एसिडिटी व कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिला सकती है। साथ ही अगर आप नियमित रूप से तुलसी का सेवन करते हैं, तो अल्सर जैसी समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है (20)।
अगर आपके पेट में तेज दर्द हो रहा है, तो आप 10ml तुलसी के रस में 20ml नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं। इससे आपको तुरंत आराम मिल सकता है। वहीं, अगर एसिडिटी की समस्या है, तो तुलसी के बीजों को पानी में उबालकर पीने से राहत मिल सकती है।
14. लिवर के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
एक वैज्ञानिक रिसर्च के दौरान तुलसी में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाए गए थे। हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण के चलते लिवर को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। इसलिए, खराब लिवर से पीड़ित चूहे को तुलसी का सेवन कराया गया था। इसके बाद चूहे में सकारात्मक बदलाव नजर आए थे। रिसर्च के दौरान पाया गया कि तुलसी के प्रयोग से चूहे के लिवर में आई सूजन कम हो गई है (21)। इतना ही नहीं, तुलसी के सेवन से शरीर को डिटॉक्सीफाई करने की लिवर की क्षमता में सुधार हो सकता है।
नोट : इन तमाम गुणों के बावजूद हम यही सलाह देंगे कि लिवर की समस्या होने पर तुलसी का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
15. सूजन को कम करने में तुलसी के लाभ
जैसा कि हमने इस लेख के शुरुआत में बताया था कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसलिए यह शरीर व जोड़ों में आई सूजन को कम करने में कारगर साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार तुलसी में कई गुणकारी तत्व होते हैं, जो सूजन को कम कर सकते हैं। इनमें से मुख्य तत्व अर्सोलिक एसिड है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है (22) (23)। यह कोर्टिसोल के कारण पैदा होने वाले हानिकारक एंजाइम को खत्म करने का काम करता है। तुलसी एनाल्जेसिक (दर्द निवारक दवा) के रूप में भी काम करती है।
16. रक्त वाहिकाओं के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
यह तो आप समझ ही चुके हैं कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यही कारण है कि तुलसी के इस्तेमाल से रक्त वाहिकाएं ठीक प्रकार से काम कर पाती हैं। रक्त वाहिकाओं में किसी भी तरह की रुकावट पैदा नहीं होती है और न ही उन्हें किसी भी तरह की क्षति होती है। इस संबंध में वैज्ञानिक और शोध कार्य कर रहे हैं। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में रक्त वाहिकाओं की बेहतर कार्यप्रणाली भी शामिल है।
आगे हम बताएंगे कि आपकी स्किन के लिए तुलसी किस प्रकार फायदेमंद साबित हो सकती है।
त्वचा के लिए तुलसी के फायदे – Skin Benefits of Basil in Hindi
17. कील-मुंहासों के लिए तुलसी के लाभ
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तुलसी लिवर को डिटॉक्सीफाई करने के साथ-साथ रक्त को भी साफ करने का काम करती है। इसके पत्तों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल गुण खून में जमा विषैले जीवाणुओं को शरीर से बाहर निकाल देते हैं। यही कारण है कि तुलसी कील-मुंहासों को बाहर के साथ-साथ अंदर से भी ठीक करती है। थाइलैंड में हुए एक अध्ययन में भी इस बात को माना गया है कि तुलसी की मदद से कील-मुंहासों का उपचार किया जा सकता है (24)। आप कील-मुंहासों के लिए तुलसी को खाने के साथ-साथ तुलसी की चाय भी बनाकर पी सकते हैं। कील-मुंहासों के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे प्राप्त करने के लिए इस फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं :
सामग्री :
तुलसी की कुछ पत्तियां
चंदन पाउडर (आवश्यकतानुसार)
गुलाब जल (आवश्यकतानुसार)
प्रयोग की विधि :
सबसे पहले तुलसी की पत्तियों को पीस लें।
फिर उसमें चंदन पाउडर व गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को चेहर पर लगाकर करीब 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
इस घरेलू उपचार की मदद से आप न सिर्फ कील-मुंहासों को ठीक कर सकते हो, बल्कि ब्लैकहैड्स व दाग-धब्बों से भी छुटकारा पा सकते हो।
18. त्वचा में संक्रमण के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
तुलसी के पत्तों में एंटीबायोटिक गुण भी पाए जाते हैं, जो संक्रमण के कारण होने वाले त्वचा रोग को ठीक कर सकते हैं। तुलसी की पत्तियां त्वचा रोग का कारण बनने वाले बी. एन्थ्रेसिस और ई. कोलाई जैसे बैक्टीरिया को पनपने नहीं देती हैं। इसके अलावा, तुलसी में एंटीफंगल व एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं, जो त्वचा संक्रमण से बचाते हैं (25)। अगर आपकी त्वचा पर संक्रमण होता है, तो आप इस घरेलू उपचार का इस्तेमाल करें, ताकि तुलसी के पत्ते के फायदे आपको मिल सकें :
सामग्री :
250 ग्राम तुलसी की पत्तियां
250 ग्राम तिल का तेल
प्रयोग की विधि :
तुलसी की पत्तियों को तिल के तेल में डालकर उबाल लें।
फिर इसे पीसकर पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
19. एक्जिमा और विटिलिगो के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
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एक्जिमा ऐसी बीमारी है, जिसमें त्वचा पर तेज जलन व खुजली होती है। कई बार इससे त्वचा पर गंभीर घाव भी हो जाते हैं। वहीं, विटिलिगो में त्वचा अपनी प्राकृतिक रंगत खोने लगती है। इसमें पूरे शरीर पर जगह-जगह बड़े-बड़े पैच नजर आते हैं। आम भाषा में इसे फुलवैरी या फिर सफेद दाग कहते हैं। इन दोनों अवस्थाओं में तुलसी फायदेमंद साबित हो सकती है।
अगर आप प्रतिदिन तुलसी की कुछ पत्तियों का सेवन करते हैं, तो उससे एक्जिमा व विटिलिगो से कुछ राहत मिल सकती है। एक शोध में भी कहा गया है कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो एक्जिमा को कुछ हद तक ठीक कर सकते हैं (26)।
नोट : एक्जिमा गंभीर त्वचा रोग है, इसलिए तुलसी का प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
सेहत व त्वचा के बाद अब बारी आती है बालों की, तो इस मामले में भी तुलसी के फायदे देख लेते हैं।
बालों के लिए तुलसी के फायदे – Hair Benefits of Basil in Hindi
20. झड़ते बालों के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
तुलसी की पत्तियां हेयर फॉलिकल्स को फिर से सक्रिय कर बालों को झड़ने से बचाती हैं। साथ ही बालों को जड़ों से मजबूत बनाती हैं। इसके अलावा, स्कैल्प को ठंडा करती हैं और सर्कुलेशन को बेहतर करती हैं। अगर आप झड़ते बालों से परेशान हैं, तो तुलसी पर भरोसा कर सकते हैं (27)। यहां जानिए कि झड़ते बालों से राहत पाने के लिए तुलसी का प्रयोग किस प्रकार करें :
सामग्री :
तुलसी की कुछ पत्तियां
थोड़ा-सा तेल
प्रयोग की विधि :
तुलसी की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें।
फिर इसे अपने हेयर ऑयल में मिक्स करके बालों पर लगाएं और हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
तेल को करीब 30 मिनट तक लगा रहने दें और फिर सल्फेट फ्री शैंपू से बालों को धो लें।
21. डैंड्रफ के लिए तुलसी के गुण
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डैंड्रफ की समस्या सबसे ज्यादा सर्दियों में देखने को मिलती है। अगर आप भी डैंड्रफ से जूझ रहे हैं, तो एक बार तुलसी का प्रयोग करके देखें। तुलसी के इस्तेमाल से न सिर्फ स्कैल्प में रक्त का संचार बेहतर होता है, बल्कि डैंड्रफ व सिर में होने वाली खुजली से भी राहत मिलती है (28)। साथ ही स्कैल्प पर आया रूखापन भी दूर होता है। डैंड्रफ का कारण बनने वाले पांच प्रकार के फंगल को तुलसी की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा, तुलसी लगाने से बालों में प्राकृतिक चमक आती है और बाल रूख व उलझे हुए नहीं रहते।
सामग्री :
तुलसी के तेल की कुछ बूंदें
कोई भी हेयर ऑयल
प्रयोग की विधि :
तुलसी के तेल को अपने हेयर ऑयल में मिक्स कर दें।
फिर इस तेल को बालों व स्कैल्प लगाकर हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
बेहतर परिणाम के लिए आप इसे रात को लगाकर सोएं और अगली सुबह शैंपू से धो लें।
22. असमय सफेद बालों के लिए तुलसी के गुण
इन दिनों युवाओं के बाल समय से पहले ही सफेद होने लगे हैं। इस मामले में तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है। तुलसी बालों को असमय सफेद होने से बचाती है। आप बालों को काला व घना बनाने के लिए इस विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं :
सामग्री :
थोड़ा-सा तुलसी पाउडर
थोड़ा-सा आंवला पाउडर
प्रयोग की विधि :
दोनों पाउडर को रात भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
अगली सुबह बालों को इस मिश्रण से धो लें।
तुलसी के इतने फायदे जानने के बाद अब जान लेते हैं कि इसका सेवन कैसे-कैसे कर सकते हैं।
तुलसी का उपयोग – How to Use Basil in Hindi
आप तुलसी को निम्न प्रकार से अपनी रोज की डाइट में शामिल कर सकते हैं :
आप रोज सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां चबा सकते हैं। उससे पहले इसे पानी से जरूर धो लें।
आप तुलसी के पत्तों के साथ अदरक व शहद का इस्तेमाल करके हर्बल चाय बना सकते हैं। यह चाय न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि स्वाद में भी अच्छी होती है।
आप अपनी पसंदीदा डिश में तुलसी के पत्तों को काटकर डाल सकते हैं। इससे डिश का स्वाद भी बढ़ेगा और जरूरी पोषक तत्व भी मिलेंगे।
अगर आप खाना बनाते समय अंत में तुलसी के पत्तों को मिक्स कर देंगे, तो इससे खाने में अनोखा स्वाद आएगा और साथ ही खाने से मनमोहक खुशबू भी आएगी।
आप जूस या मॉकटेल में भी तुलसी के पत्तों को डाल सकते हैं। इससे आपको नया फ्लेवर मिलेगा।
आप सलाद में भी तुलसी के ताजे पत्तों को काटकर मिक्स कर सकते हैं।
तुलसी व तुलसी के बीज का उपयोग जानने के बाद आर्टिकल के अंतिम भाग में हम तुलसी के कुछ दुष्प्रभावों के बारे में ��ात कर लेते हैं।
तुलसी के नुकसान – Side Effects of Basil in Hindi
आप सोच रहे होंगे कि इतनी गुणकारी तुलसी के नुकसान क्या हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आयुर्वेद भी कहता ह��� कि हर चीज का सेवन सेहत व परिस्थितियों के अनुसार और सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, तभी उसका फायदा होता है। इस लिहाज से तुलसी की भी कुछ सीमाएं हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं :
अगर आप गर्भवती हैं या अपने शिशु को स्तनपान करा रही हैं, तो इस परिस्थिति में तुलसी का सेवन सोच-समझ कर करना चाहिए। सबसे बेहतर यही है कि इन दोनों अवस्थाओं में तुलसी का सेवन न ही किया जाए। तुलसी में एंटीफर्टिलिटी प्रभाव हो सकता है, जिस कारण यह गर्भवती महिला के लिए सही नहीं और उसे इसका परहेज करना चाहिए (29)।
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा था कि तुलसी शरीर में खून के थक्के नहीं बनने देती। इस कारण से कुछ मामलों में यह खून को जरूर से ज्यादा पतला कर सकती है, जिससे रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। अगर आपको कभी ऐसा लगे, तो तुरंत तुलसी का सेवन बंद कर दें। साथ ही अगर आप खून को जमने से रोकने वाली दवा ले रहे हैं, तो फिर तुलसी का सेवन न करें।
तुलसी में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जिस कारण से यह रक्तचाप को कम कर सकती है (30)। इसलिए, अगर कोई कम रक्तचाप से पीड़ित है या फिर कोई रक्तचाप को कम करने की दवा ले रहा है, तो उसे तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए। इसे रक्तचाप बेहद कम हो सकता है।
तुलसी व अदरक की चाय ज्यादा मात्रा में पीने से पेट व सीने में जलन हो सकती है और एसिडिटी भी बन सकती है।
जो लोग मधुमेह की दवा ले रहे हैं, उन्हें भी तुलसी नहीं खानी चाहिए। इससे रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है।
तुलसी के इतने गुणों को जानने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि क्यों तुलसी को इतना महत्व दिया गया है। इसकी मान्यता न सिर्फ धार्मिक आधार पर है, बल्कि वैज्ञानिक मापदंडों पर भी इसके चिकित्सीय लाभों को प्रमाणित किया गया है। अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो जल्द से जल्द से उसे अपने आंगन या फिर बालकॉनी में रखें, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर आपको इसके लिए इधर-उधर भागना न पड़े। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, अपने विचार हमारे साथ नीचे दिए कमेंट बॉक्स में शेयर करें।
स्वस्थ रहें, खुश रहें।
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Anuj Joshi
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/tulsi-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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khabaruttarakhandki · 4 years
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गिलोय के उपयोग करके कैसे आपनी इम्यूनिटी बढ़ाए
गिलोय के उपयोग करके कैसे आपनी इम्यूनिटी बढ़ाए
आज के इस आधुनिक युग में आप ही जानते हैं कि बहुत जरूरी हो चुका है कि हमारा शरीर में इम्यूनिटी से लड़ने के लिए ताकत होनी चाहिए क्योंकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी म्यूजिक को बढ़ाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है अगर आपको ऐसा लगता है तो यह नहीं है कि म्यूट को बढ़ाना हमारे हाथ में होता है हम खुद कार्य करके अपनी बेटी को बहुत अच्छे लेवल पर बढ़ा सकते हैं यह बिल्कुल भी असंभव कार्य नहीं है हां थोड़ा सा वक्त जरूर लग सकता है लेकिन आप का इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा हो सकता है क्या ऐसा हो सकता है कि हम बारिश में जाएं और थोड़ा हमें जुखाम ना हो हम सर्दी में घूमे फिरे पर हमें यूं ना लगे यह सब तभी संभव है|
जब हमारा इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा होगा और ऐसा तभी हो सकता है जब हम कुछ चीजें अपने आहार में शामिल करें जो कि हम इम्यून सिस्टम को बहुत अच्छा करें आज के  समय में हमारा इम्यून सिस्टम अच्छा होना बहुत जरूरी है इस समय जहां एक तरफ पूरा विश्व विश्व बीमारी कोरोनावायरस रहा है तो बहुत जरूरी हो जाता है उससे बचने के लिए कि हमारा इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा हो जिसके लिए हम कई बार कुछ जड़ी बूटियों का सहारा लेते हैं जो कि हमारी इम्यूनिटी सिस्टम को बहुत पावरफुल करता है जिसमें की सबसे आगे जिसका नाम आता है वह है गिलोय आज हम आपको बताते हैं कि गिलोय क्या है गिलोय खाने के शरीर में क्या-क्या फायदे हैं इसका उपयोग कैसे करते हैं और तथा कितनी मात्रा में इसका उपयोग कर सकते हैं जिससे कि हमारा इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा हो जाए गिलोय जो होता है वह हमारे खून को साफ करने के साथ-साथ हमारा एमिटी सिस्टम को बढ़ाता है बुखार को फांसी को सर्दी खांसी जुखाम आदि समस्याओं को भी दूर करता है के उपयोग से हमें हमारे टाइफाइड मलेरिया कालाजार डेंगू शिल्पा और भी बहुत सारे रोग उल्टी बेहोशी कब पीलिया धातु विकास यकृत से बीमारियां तिल्ली का बढ़ना एलर्जी त्वचा के रोग झाइयां झुर्रियां कुष्ठ रोग आदि का उपचार किया जाता है|
इसके अलावा यह डायबिटीज के रोगियों के लिए भी बहुत अच्छा होता है । साथ ही साथ गिलोय के जूस को रोजाना पीने से बुखार ब्लू डेंगू मलेरिया पेट के कीड़े होने की समस्या लो ब्लड प्रेशर हाई ब्लड प्रेशर टीवी मूत्र के रोग एलर्जी से  हुए रोग, डायबिटीज स्क्रीन की सारी बीमारियां भी दूर होती हैं दूध के सेवन से आपकी भूख भी बढ़ सकती है  गिलोय की वैसे तो बहुत सारी प्रजातियां होती हैं लेकिन हमारे भारत में कड़वी गिरोह का ही उपयोग दवाइयां बनाने में किया जाता है गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों से ग्रहण कर लेती है इसलिए नीम के पेड़ पर लगने वाली गिलोय को ही बहुत उत्तम माना जाता है ऐसी गिलोय को नीम गिलोय भी कहा जाता है डायबिटीज में ऐसे मरीज जिन्हें टाइप टू डायबिटीज की तकलीफ होती है उन्हें क्लोज के सेवन से बहुत आराम मिलता है दिलों में काफी मात्रा में उपयोग i10 कैमिक एजेंट पाए जाते है|
जो आपके शरीर के ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बहुत महत्वपूर्ण होता है ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ साथ साथ ही साथ डॉक्टर गिलोय जूस का सेवन करने के लिए भी सलाह देते हैं गुरुजी उसको आप खरीद करके भी सेवन कर सकते हैं यह मार्केट में आराम से मिल जाता है दूसरा  अर्थराइटिस के रोग में गिलोय और अदरक को एक साथ मिलाकर के इसका रोज सेवन किया जाए तो आपके जोड़ों या गठिया के दर्द में बहुत ज्यादा  फायदा पहुंचता है जबकि साथ ही साथ आप गिलोय के तने का पाउडर बनाकर दूध के साथ उबालकर भी करके भी अपने घटिया तथा जोड़ों के दर्द को दूर कर सकते हैं इसके साथ साथ ही तीसरा गिलोय हमारे शरीर की एबिलिटी को बहुत ज्यादा बढ़ाता है अगर कोई इंसान लगाता धीमा रहता है तथा उसकी वजह से वह बहुत ज्यादा कमजोर हो चुका है उसकी इम्यूनिटी बहुत ज्यादा बेकार हो चुकी है तो इसके लिए वह खून को साफ करके व्यक्ति रिया को मारकर एलजी कोशिकाओं को मेंटेन करके शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली फ्री रेडिकल से लड़कर इम्यूनिटी को और ज्यादा मात्रा में बढ़ाता है|
ऐसे समस्याओं को दूर करने के लिए समय और पैसे खर्च करने की जगह अगर आप दिल्ली गिलोय के जूस का सेवन शुरू कर देते हैं तो आपका यूनिटी लेवल बहुत ज्यादा अच्छा हो जाएगा इसमें शामिल है शरीर में टॉक्सिंस को निकालता है तथा साथ ही साथ ही है नपुंसकता को भी दूर करता है  इसी के साथ ही साथ अगर हम इसके फायदों को देखें तो गिलोय के सेवन से आपका स्टैंड भी दूर होता है कई बार देखा जाता है कि आजकल के भागदौड़ वाली जिंदगी में इंसान को स्टेटस बहुत ज्यादा यह लेता है इसके लिए जरूरी है कि आप गिलोय से तैयार किया हुआ टॉनिक जो हमारे शरीर के 1 घंटे और स्ट्रेस को दूर करता है इसके लिए आपको शरीर में मौजूद टॉक्स इसको बाहर निकाल देता है और शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी शांति देता है और आपकी मेमोरी को भी बहुत अच्छा करता है इसके  77 गिलोय के सेवन से पीलिया जैसी बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है|
अगर आप पीलिया की बीमारी से परेशान हैं तो आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं गिलोय के बीज से 30 पत्ते लेकर पीस लें इसे एक गिलास ताजी छाछ में लेकर के इस के पेस्ट को उसमें मिला दे और दोनों  को अच्छे से मिला करके इस जांच को पीलिया के रोगी को पिला दे उसको बहुत जल्दी आराम आ जाएगा इसके अलावा आपके कानों से जुड़ी हुई समस्याओं को भी गिलोय दूर करता है कई बार कान में मैल या एयरवेज जमा हो जाता है जो निकलना कई बार मुश्किल हो जाता है यार बट की सहायता से आप कोशिश भी करते हैं तो कुछ तकलीफ होती है ऐसी स्थिति में ग्रह का प्रयोग करना सही विकल्प हो सकता है इसके लिए आपको गिलोय का ईयर ड्राप बनाना पड़ेगा जो कि बहुत ही आसानी से बन जाता है इसे बनाने के लिए थोड़ी सी गिलोय ले करके उसे पानी में पीस लें और गुनगुना गर्म कर लें अब इसे ईयर ड्राप की तरह इस्तेमाल करें दिन में दो बार इसकी कुछ बूंदों को कान में डाला जा सकता है जिससे कि कान में जमा हुआ पुराने से पुराना जिद्दी मेल ईयर वैक्स की तरह बाहर निकल आएगा और जल्दी ही आराम आ जाएगा और साथ ही साथ गिलोय के सेवन से बुखार में भी आराम मिलता है कई बार गिलोय बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है|
इससे जुड़ना शक गुणों के कारण यह बुखार को आसानी से उतार देता है ग्लोरी में ब्लड प्लेट को बढ़ाने में जानलेवा बीमारियों से मदद में करता है डेंगू बुखार की समस्या होने पर भी उसके लक्षणों को दूर करता है गिलोय के साथ को थोड़ी मात्रा में शहद में मिलाकर पीने से भी मलेरिया की समस्या दूर हो जाती है इसके साथ ही साथ अगर हम गिलोय के फायदे आपको पता है तो उसमें से है बवासीर की दवा है जिले में अगर आपको इसकी बहुत ज्यादा तकलीफ होती है क्योंकि पास बहुत ही दर्दनाक होती है इसे जल्दी छुटकारा ना मिले तो बहुत ज्यादा बढ़ जाती है बवासीर को ठीक करने के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी होता है इसकी दवा बनाने के लिए धनिया के पत्ते ले ले और को बराबर मात्रा में पीस लें इस मिश्रण को 20 ग्राम मात्रा में लेकर आधा लीटर पानी में उबालें और काफी उबालें काफी ज्यादा जाने के बाद इसको गुड़ के साथ दिन में 2 बार सेवन करें इसके साथ ही 5 अंकों ठीक करता है|
गिलोय के नियमित सेवन से यह भी फायदा देखा गया है कि यह आपके पाचन क्रिया को बहुत ज्यादा मजबूत बना देता है । अपने पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए आपको गिलोय लेना है साथ ही साथ अतीश लेना है तथा अदरक की जड़ लेनी है इन तीनों चीजों को समान मात्रा में लेने तीनों सामग्रियों को एक साथ उबालकर काढ़ा बना लें तथा इसको रोज 20 से 30 ग्राम की मात्रा में इस काढ़े का सेवन करने से पेट से संबंधित बीमारियों से आपको आराम मिल जाएगा साथ ही साथ हम आपको बताते हैं कि गिरोह के सेवन से कैसे अस्थमा से भी छुटकारा पाया जा सकता है अस्थमा को ठीक करने के लिए बहुत ज्यादा गिलोय आवश्यक होता है आजकल अस्थमा या दमा से पीड़ित लोगों की संख्या बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ रही है अगर आपको भी इस को दूर करना है तो इसके लिए आपको गिलोय की जड़ चबाने की सलाह देंगे इसके सीने का कड़ापन दूर होता है तथा उसके साथ ही साथ का फाना तथा सांसों से जुड़ी हुई समस्याओं को आराम मिलता है इसमें और भी अगर हम देखें तो इसके प्रयोग से आंखों की रोशनी भी बहुत अच्छी होती है|
आंखों के डिसऑर्डर होने में आजकल काफी बात आम हो चुकी है महंगे उपचारों से पैसा फिजूलखर्ची से कम खर्चे से ही अगर हम इस ट्रीटमेंट को अपनाएं तो हमारे कन्या डिसऑर्डर्स मोतियाबिंद, स्क्रीन जैसी समस्याओं को भी ठीक किया जा सकता है इन के लिए 11:30 ग्राम गिलोय का जूस लेकर उसमें 1 ग्राम शहद और 1 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीस लें इस मिश्रण को आंखों के ऊपर लगाया जा सकता है  साथ ही साथ गिलोय से हमारे लिवर से संबंधित बीमारियों को भी वह ठीक करता है इस उपाय को इस्तेमाल करके लिवर के डिसऑर्डर्स को भी ठीक किया जा सकता है इसकी दवा बनाने के लिए आपको 2 ग्राम धनिया के बीच काली मिर्च के दो-दो बीच नीम की दो पत्तियां तथा 18 ग्राम ताजी गिलोय को लेना पड़ेगा इसकी सारी सामग्रियों को मिलाकर पीसकर ढाई सौ ग्राम पानी के साथ मिलाकर मिट्टी के बर्तन में भरकर रख लें इस मिश्रण को रात भर के लिए छोड़ दें और अगली सुबह इस मिश्रण को फिर से पीछे और छान लें तथा इसका सेवन करने से आपके लीवर से संबंधित समस्याओं में आराम मिल सकता है साथ ही साथ अगर आपको सांस लेने में तकलीफ होती है|
सर्दी जुखाम टॉन्सिल्स का आदी हो जाते हैं तो ऐसे में किलो जैसे वन बहुत ही ज्यादा अच्छा होता है इसके लिए आपको  गिलोय का नियमित सेवन करना चाहिए जिससे कि आपको 7 से जुड़ी समस्याओं में आराम मिल सके इसके साथ ही साथ अगर आपको उल्टी आने की समस्या होती है तो इसके लिए आप गिलोय कंटकारी तथा अनुषा की छाल को समान मात्रा में लेकर के  आधा लीटर पानी में उबालें जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान करके इसका सेवन करें इस कार्य को पीते समय इसमें थोड़ी सी शहद में मिलाकर के उपयोग कर सकते हैं आपको जरूर आराम मिलेगा साथ ही साथ हम आपको बता दें कि  कई बार देखा गया है कि मूत्र के विकार की जो समस्या उत्पन्न हो जाती है इ��में पेशाब की नली में होने वाली समस्याओं में जैसे जलन का अनुभव होता है तथा पेशाब करने में दर्द होने लगता है ऐसे में गिलोय का सेवन बहुत ही ज्यादा असरदार होता है|
इस समस्या को दूर करने के लिए हाफ किलो तथा चित्रक की 20 30 मात्रा लेकर के उस का काढ़ा बना लें और दिन में दो बार इसका सेवन करें इसके अलावा आप 1 ग्राम गिलोय को साथ लेकर उसमें 3 ग्राम शहद मिलाकर पी सेवन कर सकते हैं इसमें उसके को एक बार सुबह तथा एक बार शाम को करें आपको जरूर आराम मिलेगा इसके साथ ही साथ  हम आपको यह भी जानकारी देंगे कि गिलोय का सेवन कितने मात्रा में करना चाहिए गिलोय हमारे शरीर की इमेज को बढ़ाने के लिए बहुत ही अच्छी जड़ी बूटी है इसका सेवन बिना डॉक्टर या आयुर्वेद के वेद की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए उनकी जानकारी के अनुसार ही करना चाहिए आयुर्वेदिक के द्वारा  1 दिन में एक स्वस्थ मनुष्य को गिलोय की 20 ग्राम की मात्रा की अधिकतम सेवन कर सकता है|
अगर कोई व्यक्ति गूलर का जूस पी रहा है तो वह भी 20ml से  थोड़ा सा देख इसका सेवन कर सकता है तो आपको जरूर आराम मिलेगा लेकिन आप जो भी सेवन करें जितनी भी मात्रा में करें तब आप अपने डॉक्टर या ��ैद्य के परामर्श से ही करें तभी आपको सही आराम मिलेगा गिलोय एक बहुत ही अच्छी बहुत ही असरदार जड़ी बूटी है इसका असर आप सही तरीके से सेवन करते हैं तो आपको इन सारी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है तथा आज के इस परेशानी के दौर में जहां पर करुणा वायरस बुरी तरह से आप पर हमला करने की तैयारी में है आप अपना गैलरी को यूज करके अपनी समस्याओं को दूर भगा सकते हैं तथा अपनी इम्युनिटी को बहुत ज्यादा स्ट्रांग कर सकते हैं
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gethealthy18-blog · 5 years
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अदरक के 24 फायदे, उपयोग और नुकसान – Ginger (Adrak) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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अदरक के 24 फायदे, उपयोग और नुकसान – Ginger (Adrak) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
shivani verma April 18, 2019
अदरक खाद्य पदार्थ होने के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधि भी है। अगर भोजन में स्वाद का तड़का लगाना हो, तो अदरक का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, बात की जाए औषधि के रूप में अदरक के सेवन की, तो यह कई बीमारियां का इलाज करने में सक्षम है। यही कारण है कि आयुर्वेद में अदरक विशेष महत्व रखता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम अदरक खाने के विभिन्न फायदों के बारे में बताएंगे।
विषय सूची
अदरक के फायदे – Benefits of Ginger in Hindi
इसमें कोई दो राय नहीं है कि अदरक खाने के फायदे अनेक हैं। एक ओर जहां अदरक स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है, वहीं यह बालों और त्वचा पर भी चमत्कारी असर दिखाता है। नीचे हम सेहत, त्वचा और बालों के लिए अदरक के फायदे बताएंगे।
आइए, पहले जानते हैं कि सेहत के लिए अदरक खाने के फायदे क्या हैं।
सेहत के लिए अदरक के फायदे – Health Benefits of Ginger in Hindi
1. श्वसन संबंधी समस्या :
जिन्हें सांस संबंधी समस्या होती है, उनके लिए अदरक असरकारक साबित हो सकता है। इसमें एंटीहिस्टामाइन गुण होते हैं, जो एलर्जी को ठीक करने में मदद करते हैं। सर्दी-जुकाम जैसी समस्या के लिए अदरक का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है (1)। अगर आपको गले में खराश जैसी समस्या होती है, तो आप अदरक के रस में शहद मिलाकर खा सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपकी नाक बंद हो या गला खराब हो, तो अदरक की चाय राहत पहुंचा सकती है।
2. पाचन :
अदरक पाचन शक्ति को मजबूत करने में मदद करता है। अदरक के सेवन से पित्त की थैली से पित्त निकालने में मदद मिल सकती है (2)। इसके अलावा, यह गैस के कारण पेट में होने वाली ऐंठन व दस्त जैसी समस्या से राहत दिलाने में भी मदद करता है।
3. कैंसर :
कई शोधों में यह बात भी साबित हुई है कि अदरक कैंसर से बचाने में मदद करता है। शोध में पाया गया है कि अदरक के अंदर कैंसर रोधी गुण मौजूद हैं, जो महिलाओं को स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर से बचाते हैं (3)।
4. जी-मिचलाना :
अदरक के औषधीय गुण कैंसर के लिए भी काम आते हैं। जिन्हें कैंसर की बीमारी होती है, उन्हें कीमोथैरेपी दी जाती है। कीमोथैरेपी के बाद रोगी को जी-मिचलाने की समस्या होती है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे कीमोथैरेपी के बाद जी-मिचलाने की समस्या से राहत दिलाने में मदद मिलती है। ऐसे में कीमोथैरेपी से तुरंत पहले अगर अदरक का रस दिया जाए, तो जी-मिचलाने और उल्टी आने की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है (4)। इसके अलावा, सामान्य रूप से जी-मिचलाने पर भी अदरक राहत दे सकता है।
5. दर्द निवारक :
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो दर्द निवारक का काम करते हैं। जिन्हें अर्थराइटिस व घुटनों में दर्द जैसी समस्या होती है, उनके लिए अदरक फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होता है, जो सूजन दूर करने में मदद करता है (5)।
6. मासिक धर्म का दर्द :
अदरक के औषधीय गुण मासिक धर्म में भी फायदा पहुंचाते हैं। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि अदरक मासिक धर्म से राहत दिलाने में मदद करता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो एक प्राकृतिक दर्द निवाकर का काम करते हैं। ऐसे में, मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए अदरक का इस्तेमाल किया जा सकता है (6)।
7. माइग्रेन
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अदरक का उपयोग आप माइग्रेन में भी कर सकते हैं। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अदरक प्रोस्टाग्लैंडिन को रक्त वाहिकाओं में सूजन पैदा करने से रोकता है। इस वजह से माइग्रेन की समस्या से राहत मिलती है। अगर आपको माइग्रेन का दर्द होता है, तो अदरक वाली चाय पी सकते हैं (7)। इसके अलावा, आप माइग्रेन का दर्द होने पर अदरक का पेस्ट अपने माथे पर लगा सकते हैं।
8. कोलेस्ट्रॉल और दिल के स्वास्थ्य के लिए :
अदरक को दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना जाता है। इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और आंतरिक ब्लड क्लॉटिंग भी ठीक होती है। इसके अलावा, यह स्ट्रॉक से भी बचाता है (8)।
9. डायबिटीज :
अदरक रक्त शर्करा को भी कम करने का काम करता है, जिससे डायबिटीज से बचाव संभव होता है। वहीं, अगर किसी को डायबिटीज है, तो अदरक के सेवन से इंसुलिन और अन्य दवा का असर बढ़ सकता है। ऐसे में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर पीने से आपको फायदा हो सकता है (9)।
10. वजन कम करे :
अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो अदरक आपकी मदद कर सकता है। अदरक को फैट बर्नर माना जाता है, जो न सिर्फ आपका वजन कम करता है, बल्कि अतिरिक्त फैट को भी कम करता है।
11. इम्यूनिटी बढ़ाए :
अगर आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो आप अदरक का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण व्यक्ति को बीमारियां जल्दी घेर लेती हैं। जैसे ही इम्यूनिटी कमजोर पड़ने लगती है, सर्दी-जुकाम सबसे पहले जकड़ लेते हैं। अदरक में एंटीवायरल गुण होते हैं, तो यह ऐसी बीमारियों से बचाने में मदद करता है (10)।
12. मासिक धर्म का चक्र :
अगर कोई महिला मासिक धर्म की अनियमितता से जूझती है, तो वह अदरक का सेवन कर सकती है। अनियमित मासिक धर्म होने पर ताजा अदरक लें और छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर इसमें थोड़ा-सा पानी मिलाएं और पांच मिनट के लिए गर्म करें। अब इस मिश्रण को पी लें। अगर आपको मासिक धर्म नहीं आ रहे हैं, तो इससे आने में मदद मिलेगी। आप स्वाद के लिए इस मिश्रण में चीनी भी मिला सकते हैं।
13. उच्च रक्तचाप
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अगर आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है तो, अदरक आपको फायदा पहुंचा सकता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप अदरक की चाय पी सकते हैं।
14. अर्थराइटिस
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अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अर्थराइटिस यानी गठिया की समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। अर्थराइटिस के दर्द में अदरक का इस्तेमाल काफी समय से किया जा रहा है (11)।
आइए, अब जानते हैं, त्वचा के लिए अदरक किस तरह से फायदेमंद है।
त्वचा के लिए अदरक के फायदे – Skin Benefits of Ginger in Hindi
अगर आपको त्वचा संबंधी परेशानी है, तो आपके लिए अदरक काम की चीज हो सकती है। इसलिए, नीचे हम बताने जा रहे हैं कि किस तरह से अदरक त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है :
15. एंटी एजिंग :
अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो एजिंग की समस्या को कम करने में मदद करते हैं। ये शरीर से टॉक्सिन को दूर कर त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें?
आप अदरक या अदरक के पाउडर में बराबर मात्रा में शहद और नींबू का रस मिलाएं। फिर इसे अपने चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद धो लें। आप इस प्रक्रिया को सप्ताह में दो बार दोहराएं।
16. जले हुए निशान के लिए :
अदरक त्वचा पर जले हुए निशान को कम करने में मदद कर सकता है। अगर आपकी त्वचा किसी कारणवश थोड़ी-सी जल जाती है, तो आप अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें?
आप त्वचा पर जले हुए निशान पर ताजे अदरक का टुकड़ा रगड़ें। इस प्रक्रिया को छह से 12 सप्ताह तक रोजाना दिन में दो से तीन बार दोहराएं।
17. मुंहासे और दाग धब्बे :
अदरक में एंटीसेप्टिक और क्लींजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा को साफ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो चेहरे पर मुंहासे होने से रोकने में मदद करते हैं (12)।
कैसे इस्तेमाल करें?
आप अदरक को घिस लें। फिर इसमें एक चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाएं। कुछ देर के लिए इस मिश्रण को फ्रिज में रखकर ठंडा करें। ठंडा होने के बाद इसे चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद धो लें।
18. स्किन टोनर :
अदरक को अपने एंटीऑक्सीडेंट और टोनिंग गुणों के लिए जाना जाता है, जो त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करते हैं। इसे आप फेस मास्क के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें?
स्किन टोन करने के लिए आप दो अदरक को घिसें और इसमें दो चम्मच शहद व एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं। फिर इसे अपने चेहरे पर लगाएं और 30 मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
19. हाइपोपिगमेंटेड निशान :
हाइपोपिगमेंटेड निशान तब होते हैं, जब त्वचा अपना पिगमेंटेशन खो देती है। ये आमतौर पर वास्तविक त्वचा की तुलना में सफेद या बहुत हल्के रंग के होते हैं। अदरक में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो इन निशानों को कम करने में मदद करते हैं (13)।
कैसे इस्तेमाल करें?
आप रोजाना अदरक का टुकड़ा इन निशानों पर रगड़ें और कुछ देर के लिए छोड़ दें। फिर पानी से धो लें। आपको एक या दो सप्ताह में ही अंतर नजर आने लगेगा।
आइए, अब जानते हैं कि बालों के लिए अदकर किस तरह से फायदेमंद है।
बालों के लिए अदरक के फायदे – Hair Benefits of Ginger in Hindi
घने और खूबसूरत बाल हर लड़की की चाहत होती है, लेकिन कुछ कारणों से बालों का झड़ना व रूसी आदि समस्या हो जाती है। ऐसे में अगर आप अदरक का इस्तेमाल करते हैं, तो यकीनन फायदा होगा। नीचे हम बताने जा रहे हैं कि बालों के लिए किस तरह अदरक फायदेमंद है :
20. बालों की ग्रोथ :
अदरक सिर में सर्कुलेशन बढ़ाने का भी काम करता है, जिससे रक्त का संचार ठीक से होता है। इस वजह से यह बालों के रोम को उत्तेजित करता है, जिससे बाल बढ़ते हैं। इसके अलावा, अदरक में मौजूद फैटी एसिड पतले बालों के लिए फायदेमंद होता है (14)।
कैसे इस्तेमाल करें?
आप एक छोटी कटोरी में एक बड़े चम्मच पिसे हुई अदरक और एक चम्मच जोजोबा तेल को डालकर मिक्स कर लें। फिर इस मिश्रण से सिर की मालिश करें और 30 मिनट के लिए बालों में लगा रहने दें। इसके बाद सामान्य तरीके से शैंपू कर लें।
21. डैंड्रफ
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डैंड्रफ यान��� रूसी की समस्या होने पर अदरक काम आ सकता है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो रूसी दूर करने में मदद करते हैं (15)। ऐसे में रूसी से राहत पाने के लिए आप अदरक वाले तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें?
आप तीन चम्मच ओलिव ऑयल या तिल के तेल में अदरक और नींबू का रस मिलाएं। फिर इस तेल से सिर की मालिश करें और 15 से 30 मिनट बाद सिर धो लें। आप ऐसा सप्ताह में तीन बार करें।
22. बाल झड़ने का उपचार :
अदरक बाल झड़ने में असरदार साबित हो सकता हैं। इसमें ऐसे तत्व होते हैं, जो बालों को झड़ने से रोकते हैं और इन्हें मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें?
आप जैतून के तेल में थोड़ा-सा अदरक का रस मिलाएं और इससे बालों की मालिश करें। यह प्रक्रिया सप्ताह में तीन बार दोहराएं।
23. रूखे बालों के लिए फायदेमंद :
अगर आपके बाल रूखे और बेजान रहते हैं, तो अदरक आपके बालों में चमक ला सकता है। अदरक में कई विटामिन्स, जिंक और फास्फोरस होते हैं, जो बालों को चमक प्रदान करते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें?
रूखे बालों में चमक लाने के लिए आप जैतून या तिल के तेल में अदरक का रस मिलाएं और इससे बालों की मालिश करें।
24. दो मुंहे बाल
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प्रदूषण के संपर्क में आने और अत्यधिक गर्मी के कारण बालों के रोम क्षतिग्रस्त हो जाने पर बाल दो मुंहे हो जाते हैं। अदरक में मौजूद फास्फोरस, जिंक और विटामिन्स बालों को फायदा पहुंचाते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें?
इसका इस्तेमाल भी ओलिव ऑयल में मिलाकर किया जा सकता है। आप ओलिव ऑयल में अदरक का रस मिलाएं और इससे बालों की मालिश करें। बेहतर परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को आप सप्ताह में तीन बार दोहरा सकते हैं।
अदरक के पौष्टिक तत्व – Ginger Nutritional Value in Hindi
अभी तक आपने बालों, त्वचा और सेहत के लिए अदरक के फायदे जानें। आइए, अब जानते हैं कि अदरक में क्या-क्या पौष्टिक तत्व होते हैं, जो इसे इतना गुणकारी बनाते हैं :
तत्व पौष्टिक मूल्य आरडीए (%) ऊर्जा 80 Kcal 4 कार्बोहाइड्रेट 17.77 ग्राम 13.5 प्रोटीन 1.82 ग्राम 3 कुल वसा 0.75 ग्राम 3 कोलेस्ट्रॉल 0 ग्राम 0 डाइटरी फाइबर 2.0 ग्राम 5
विटामिन्स फोलेट 11 µg 3 नियासिन 0.750 एमजी 4.5 पैंटोथैनिक एसिड 0.203 एमजी 4 पायरीडॉक्सीन 0.160 एमजी 12 विटामिन-ए 0 IU 0 विटामिन-सी 5 एमजी 8 विटामिन-ई 0.26 एमजी 1.5 विटामिन-के 0.1 µg 0
इलेक्ट्रोलाइट्स सोडियम 13 एमजी 1 पोटैशियम 415 एमजी 9
मिनरल्स कैल्शियम 16 एमजी 1.6 कॉपर 0.226 एमजी 25 आयरन 0.60 एमजी 7.5 मैग्नीशियम 43 एमजी 11 मैंगनीज 0.229 एमजी 10 फास्फोरस 34 एमजी 5 जिंक 0.34 एमजी 3
अदरक का उपयोग – How to Use Ginger in Hindi
ज्यादातर लोग सब्जी में अदरक डालकर तड़का लगाते हैं। इसके अलावा और भी कई तरीके हैं, जिनके जरिए आप अदरक का सेवन कर सकते हैं।
अदरक का अचार बनाकर आप इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। यह आपको स्वादिष्ट भी लगेगा और आपको अदरक के फायदे भी पता चलेंगे।
इसके अलावा, अदरक की चाय भी काफी प्रसिद्ध है। आप अदरक वाली चाय बनाकर पी सकते हैं।
वहीं, अदरक के पाउडर का भी सेवन किया जा सकता है।
इसके अलावा, अदरक को लंबा और पतला काट कर इस पर नमक-मिर्च और अपनी पसंद का मसाला लगाकर धूप में सुखा लें। फिर इसे आप कभी भी खा सकते हैं। आपका पाचन अच्छा रहेगा।
अदरक के नुकसान – Side Effects of Ginger in Hindi
इसमें कोई दो राय नहीं है कि अदरक काफी गुणकारी होता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा सेवन करने पर अदरक के नुकसान भी हो सकते हैं। नीचे हम इन्हीं के बारे में बता रहे हैं :
डायबिटीज : अदरक को खाने से आपका इंसुलिन स्तर बढ़ सकता है। यह आपके शरीर में शर्करा की मात्रा घटा सकता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज अदरक का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मासिक धर्म चक्र : कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अतिरिक्त रक्तस्राव होने की समस्या हो सकती है।
हृदय : अदरक का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से आपके ह्रदय को हानि पहुंच सकती है। इसलिए, इसका सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
त्वचा : यूं तो अदरक आपकी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है। ऐसे में उन्हें अदरक को स्किन पर लगाने से जलन हो सकती है।
इस लेख में आपको हमने अदरक के फायदे से लेकर अदरक के नुकसान की जानकारी दी है। चूंकि, अदरक के औषधीय गुण काफी हैं, इसलिए इसका सेवन दवा के तौर पर किया जा सकता है। हम उम्मीद करते हैं, यह लेख आपके काम आएगा और अदरक खाने से आपको जरूर फायदा होगा।
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shivani verma
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/adrak-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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