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#इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या-क्या खाना चाहिए
doctube123 · 2 months
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इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?
स्वस्थ रहने के लिए इम्यूनिटी यानी रोग-प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना आवश्यक है और इसका सबसे अच्छा तरीका है- संतुलित आहार। इसके लिए खाने में फल और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं। नींबू, केला, अखरोट, नट्स, बादाम, राजमा, गुढ़, दूध, दही, पनीर, अंडा व अन्य पोषण युक्त चीजों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें ताकि शरीर की इम्यूनिटी सही रहे। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए, इस बारे में और विस्तार से जानना चाहते हैं, तो दिये गये लिंक पर जरूर क्लिक करें। 
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rudrjobdesk · 2 years
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मानसून में बच्चों की इम्यूनिटी को स्‍ट्रॉन्‍ग रखने के लिए उनकी डाइट में शामिल करें ये 8 चीज़ें
मानसून में बच्चों की इम्यूनिटी को स्‍ट्रॉन्‍ग रखने के लिए उनकी डाइट में शामिल करें ये 8 चीज़ें
Best Immune Booster Foods For Kids: इन दिनों मौसम बदलने का सबसे ज़्यादा असर बच्चों पर पड़ता है. उनकी इम्यूनिटी वीक होती है, इसलिए मौसम में थोड़ा भी बदलाव हो, तो बच्चे परेशान हो जाते हैं. मानसून आते ही सर्दी, खांसी और बुखार की प्रॉब्लम बढ़ जाती है. सीजनल फ्लू से बच्चे को बचाने के लिए हर पैरेंट्स जतन करते हैं. अगर आपके बच्‍चे को बार बार खांसी, सर्दी, बुखार होने की समस्या बनी रहती है, तो आपको ये जानना…
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dainikgyaan-blog · 4 years
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Height Kaise Badhaye? हाईट कैसे बढ़ाये? 6 Fantastic Updated Tips
आज हम बात करने वाले है कि हाईट कैसे बढ़ाये How to increase height in hindi
अगर आप एक अच्छी पर्सोनालिटी (personality) बनाना चाहते है तो अच्छी हाईट होना इसके लिए बहुत ही जरूरी है। इसीलिये एक अच्छी हेल्थ के लिए अच्छी height का भी होना बेहद जरूरी है। अगर आपकी हाईट height कम है तो कहीं ना कहीं आपका आत्म विश्वास भी कम हो ही जाता है। आज आपको कुछ ऐसे tips बताऊंगा जो आपकी 18 साल के बाद भी हाईट बढ़ाने मे काफी मदद करेंगे। आपने देखा होगा कि जब भी class मे बैठे होते हैं या बाहर दोस्तों के साथ घूम रहे होते हैं तो आपको कोई घास नही डालता है अर्थात् आपको कोई इज्जत नहीं देता है। कई लोग तो छोटी हाईट होने के कारण अपनी बात बोलने से कतराते है और खेल games खेलने से डरते है��� बचपन मे तो बच्चे माँ - बाप के कहने पर चलते है मगर जब वो 18 साल के बाद जब समझदार हो जाते है तो उनके में ये सवाल जरूर आता है कि क्या 18 साल के बाद हाईट height बड़ सकती है या अब तो मैं 21 साल का हो गया तो 21 साल मे हाईट कैसे बढ़ाये (height kaise badhaye)? 21 साल के बाद हाईट बढना थोड़ा मुश्किल हो जाता है मगर जब आप ठान लो तो हाईट height 24 साल की उम्र मे भी बड़ जाती है। तो अभी हम जान लेते है कि आप अपनी हाईट कैसे बढ़ा सकते हैं। Height Kaise Badhaye  1. रोजाना खेल खेलें अगर आप बच्चे हैं या 18 साल से बड़े है और हाईट बढ़ाना चाहते हैं तो आज से रोजाना खेल जरूर खेलें। आप खेल को खेलेंगे तो आपके तो फायदे होंगे आपका खेल भी अच्छा होगा और आपकी हाईट पर भी इसका असर पड़ेगा क्योंकि खेलने से आपका शरीर स्वस्थ रहता है और धीमे धीमे बॉडी ग्रोथ (body growth) बड़ने लगती है। हाईट बढ़ाने के लिए कौन से खेल खेलें: रस्सी कूदें फुटबॉल खेलें स्विमिंग करें साइकलिंग करें 2. रोजाना एक्सरसाइज exercise करें हाईट बढ़ाने में excercise का बहुत बड़ा योगदान होता है। लटकने से, दौड़ने से, स्ट्रेंचिंग करने से आपकी लम्बाई काफी तेजी से बड़ने की संभावना होती है। रोजाना स्ट्रेंचिंग streching करें रोजाना दौड़ने जाए रोजाना कुछ देर के लिए लटके जरूर 3. हमेशा सीधे बैठे अगर आप भी गर्दन झुका के बैठते है तो आज से सीधे बैठना स्टार्ट कर दें, आप ने देखा होगा कि ज्यादातर लोग गलत बैठते है। झुक के बैठना बिल्कुल गलत है। स्कूल के बच्चो के साथ यही सबसे बड़ी समस्या है वो हमेसा डेस्क desk पर झुक कर बैठते हैं। यही लंबाई ना बड़ने का सबसे बड़ा कारण है। आप हमेशा कोशिश करो कि सीधी पीठ करके ही बैठो और चलते समय भी पीठ को सीधा ही रखो। इससे आपको हाईट height को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। सीधे लेटने की कोशिश करें सीधे बैठने की कोशिश करें सीधे चलने की कोशिश करें 4. पूरी नींद लें आज के समय में लोगों के पास सब कामों के लिए समय है मगर सोने के लिए समय नहीं है। क्या आपको पता है कि जब हम सोते हैं या आराम करते हैं तो हमारे शरीर (body) की ग्रोथ हो रही होती है। जो हमारे शरीर के dead cells होते हैं वो दोवारा से बन रहे (regenerate) होते हैं। ये हमारी हाईट (height) को बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं। रोजाना 8 से 9 घंटे सोयें सोने से पहले हाथ - मुँह जरूर धो लें झुक कर ना सोयें Also Read: घर से काम करने पर कमर और पीठ दर्द से परेशान है तो अपनाये ये गजब के नुश्खे 5. पौष्टिक भोजन करें बच्चे हो या बड़े, लोगों को बाहर का खाना बहुत पसंद आता है। बाहर का खाना जैसे बर्गर, पिज़्ज़ा, पानीपुरी, आदि ना खाएं। स्वादिष्ट एवं पौष्टिक खाना ही मुख्य भूमिका निभाता है लंबाई को बढ़ाने में। आपकी बॉडी (body) को प्रोटीन, कैल्शियम और मिनरल पर्याप्त मात्रा मे मिलते रहना चाहिए, जिससे आपकी हाईट बड़ने लगेगी। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लें हरी सब्जियाँ और फल लें बाहर का खाना ना खाएं 6. पाचन क्रिया सही रखें अगर आपके पेट की पाचन क्रिया सही है तो ये भी हाईट को बढ़ाने मे काफी मदद करता है। आपकी इम्यूनिटी पॉवर (immunity power) अगर अच्छी होगी तो आपका शरीर कई बीमारियों से बचता है। अगर आप फिट और तंदुरुस्त रहेंगे तो आपकी लंबाई धीरे - धीरे बड़ना शुरू हो जाएगी। पौष्टिक खाना खाएं जंक फूड ना खाएं समय से भोजन करें Read the full article
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studycarewithgsbrar · 2 years
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इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी हैं ये खाद्य पदार्थ, इन चीजों को जरूर करें अपनी डाइट में शामिल - Punjab News Latest Punjabi News Update Today
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी हैं ये खाद्य पदार्थ, इन चीजों को जरूर करें अपनी डाइट में शामिल – Punjab News Latest Punjabi News Update Today
डिजिटल डेस्क, भोपाल बरसात के मौसम में हर कोई बीमार हो जाता है इसलिए इस मौसम में आप सभी को अपना ख्याल रखना चाहिए। आजकल हर कोई अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। इसके लिए लोग ऐसी चीजें खाना पसंद करते हैं, जो सेहतमंद और विटामिन से भरपूर हों, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए विटामिन के साथ-साथ मिनरल भी जरूरी होते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसे कई खनिज हैं जो प्रतिरक्षा…
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मुहांसों को ठीक करने के घरेलू उपाय
हमेशा इंसान की खूबसूरती का पैमाना उसका चेहरा होता है। ऐसा कहा जाता है कि चेहरा इंसान के दिल की सच्चाई को बयान करता है। यदि आप किसी बात से परेशान या काम की थकान हो, तो उसका असर चेहरे पर साफ तरीके से देखा जा सकता है।
ऐसे में बहुत जरूरी है कि खुश रहा जाए ताकि इसका असर चेहरे पर दिखाई दे। ऐसे में चेहरे को हमेशा स्वस्थ रखा जाना चाहिए। कई बार चेहरे को भी कई प्रकार की समस्याएं होती हैं उनमें से एक हैं मुंहासों की समस्या।
क्या होते हैं मुंहासे | kya hota hai muhase
मुहाँसे एक प्रकार का  त्वचा संबंधी विकार है, जो तेल ग्रंथियों के बहुत ज्यादा सक्रिय होने पर उत्पन्न होते हैं। कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि मुहांसों का कारण मृत कोशिका बन जाते हैं। यह दर्द वाले होते हैं और अपना आकार भी बदलते रहते हैं। यह कई प्रकार के होते हैं और कई बार इन मुहांसों के कारण चेहरे पर कुछ ज्यादा देखे जाते हैं। मुहांसों होने के शुरुआत में त्वचा लाल हो जाती है और वही से मुहांसों की पहचान की जा सकती है। कई बार मुहांसों के कारण खुजली भी हो सकती है।
मुंहासे होने के कारण- muhase hone ke karan
मुंहासे होने के कई कारण होते हैं
1) तेलीय ग्रंथि का विकास — जब शरीर में तेल की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है, तो तेल ग्रंथि बहुत जल्दी विकसित हो जाती है और मुहांसे उत्पन्न हो जाते हैं।
2) दवाईयों का साइड इफेक्ट — कई बार ऐसा भी होता है कि दूसरे किसी इलाज के दवाइयों से भी साइड इफेक्ट देखा गया है और यह गलत इफेक्ट चेहरे पर ही नजर आता है।
3) पाचन सही नहीं होना — कई बार पेट की गड़बड़ी से भी मुहांसों का जन्म होता है, तो थोड़ा बचकर और संभल कर ही खान-पान करें।
4) तनाव लेना — जब तक इंसान अंदर से मजबूत नहीं होगा, तब तक वह बाहर से भी मजबूत नहीं हो पाएगा इसीलिए बहुत ज्यादा तनाव लेने से बचें। तनाव लेने से भी मुंहासों की समस्या होने लगती है।
मुहांसों को दूर करने के घरेलू उपाय | muhase ko dur karne ke gharelu upay
मुहांसों की शुरुआत किशोरावस्था में होती है, जब हार्मोन का भी बदलाव होता रहता है। अगर आप भी अपने मुहांसों से लगातार परेशान हैं, तो ऐसे में आप घरेलू उपाय करके भी लाभ ले सकते हैं।
1) मुल्तानी मिट्टी और चंदन पाउडर — अगर आप लगातार मुहांसों से परेशान हो रहे हैं, तो ऐसे में मुल्तानी मिट्टी का उपयोग किया जा सकता है। मुल्तानी मिट्टी चेहरे को ठंडक देते हैं जो मुहांसों को कम करने ��ा काम ही करते हैं। इसके लिए आप  मुल्तानी मिट्टी, चंदन पाउडर को बराबर मात्रा में लेकर उसमें गुलाब जल डालकर मिक्स करें। उसे अपने मुंहासे पर 15 मिनट तक लगा रहने दें उसके बाद ठंडे पानी से धो लें। इस उपाय से आपको फायदा होगा।
2) टूथपेस्ट — आपने आज तक  टूथपेस्ट का उपयोग दांतों को स्वस्थ बनाने में किया होगा लेकिन आप अगर सफेद टूथपेस्ट को मुहांसों पर लगाएं तो इससे और भी ज्यादा फायदा होगा और जल्द ही ठीक हो जाएंगे।
3) संतरे का छिलका — संतरे में विटामिन सी होता है और यह चेहरे के लिए भी फायदेमंद है। अगर आप संतरे के छिलके को तेज धूप में कुछ दिनों तक सुखाकर कर रख ले और फिर उसे कूटकर पीस ले। अब उसे पानी के साथ मिलाकर एक लेप तैयार कर  मुहांसों पर लगाएं तो यह बहुत ही फायदा करेगा।
4) एलोवेरा — इसमें कई प्रकार के औषधि गुण होते हैं जो निश्चित रूप से कई प्रकार की समस्याओं को खत्म कर देते हैं। ऐसे में एलोवेरा को बीच में काट कर उसके गूदे को निकाल कर अपने मुंहासे में लगाएं तो ठंडक मिलेगी और जल्द ही मुहासे ठीक हो जाएंगे। बाजार में मिलने वाले एलोवेरा जेल का उपयोग भी किया जा सकता है।
5) नीम — भारतीय संस्कृति में नीम का विशेष महत्व है। इसे कई प्रकार की बीमारियों को आसानी से ही ठीक कर सकते हैं। अगर आप नीम  में थोड़ा सा पानी डालकर पीस लें और उसे अपने मुहांसों पर लगाएं तो निश्चित ही इससे फायदा होगा।
6) मेथी — मेथी में एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं, जो प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने का ही काम करते हैं। ऐसे में आप मेथी के बीजों का इस्तेमाल कर सकती हैं इसके लिए आप मेथी के बीजों को पानी के साथ पीस लें और उसे मुहासे पर लगाएं। 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें इससे ही निश्चित रूप से फायदा होगा।
7) हल्दी — हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण है, जो चेहरे की रंगत निखारने में विशेष योगदान देते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो मजबूती देते हैं। अगर आप हल्दी में थोड़ा सा दूध और एक चम्मच पानी मिलाकर उसे अपने मुंहासे में लगाए तो इससे निश्चित रूप से फायदा होगा।
8) शहद — शहद ऐसा घटक है, जो जीवाणुओं की वृद्धि को कम करने का काम करते हैं। ऐसे में अगर आप थोड़े से शहद को अपने मुहांसों पर लगाएं तो इससे भी फायदा होगा। शहद मुहांसों को बढ़ने नहीं देगा।
9) नींबू का रस — इसमें विटामिन सी होता है, जो त्वचा को सही रखता है और किसी प्रकार के दाग, धब्बों से बचाता है। ऐसे में आप नींबू के रस को नियमित रूप से मुहांसों पर लगाएं तो इससे बड़ा फायदा होगा अतः इसका एक बार जरूर उपयोग करें।
10) सेब का सिरका — सेब का सिरका भी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। अगर आप इसे अपने मुहांसो पर लगाए तो निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा इसे जरूर आजमाएं।
यह आदतें बनती है कारण मुहांसों का
मुहांसों की असली वजह के लिए हम कई जगह खोज करते रहते हैं लेकिन कभी-कभी मुंहासे हमारी गलत आदत के कारण भी हो सकते हैं। आप  आदतों को बदलकर मुहांसों की समस्या से छुटकारा ले सकते हैं।
1) मेकअप का सामान —  जिस मेकअप के सामान को हम खुद के लिए अच्छा मानते हैं, वह भी कहीं ना कहीं हमारे लिए सही नहीं होते हैं। हर मेकअप के सामान में एक एक्सपायरी डेट होती है उसके अनुसार इस्तेमाल किया जाना सही होता है। मेकअप में इस्तेमाल होने वाले सामान को बिल्कुल साफ करके रखना चाहिए। इससे नए बैक्टीरिया  उत्पन्न नहीं होंगे और मुंहासों  बढ़ नहीं पाएंगे।
2) खान-पान का ध्यान — आजकल कई प्रकार के जंग फूड का चलन जोरों पर है। अगर आपको बहुत ज्यादा मात्रा में तेलीय, मसालेदार, तला हुआ खाना खाते हैं तो ऐसे में आपके लिए नुकसान हैं। अगर आप खाने के शौकीन हैं, तो बहुत भी कम मात्रा में ऐसे  खाने का सेवन करें जिससे कम से कम नुकसान हो सके।
3) साफ सफाई रखें — हमेशा अपने आसपास पूरी सफाई रखें क्योंकि सामानों पर जमी गंदगी, धूल आप को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में आप उस कमरे की ज्यादा सफाई रखें जहां आप ज्यादा समय बिताते हैं इसके अलावा उपयोग किए जाने वाले सामानों की भी साफ सफाई रखें।
4) बार-बार चेहरा धोना —  कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोग बार बार अपना चेहरा धोते हैं। इस बात पर ध्यान नहीं देते कि चेहरा धोने से चेहरा रुखा हो जाता है। यह भी एक वजह होती है जब मुहाँसे शुरू होने लगते हैं।
5). चाय कॉफी से दूरी —  बहुत से लोगों को चाय कॉफी पीना बहुत ही अच्छा ल��ता है और वे दिन में कई कई बार इसका सेवन कर लेते हैं। इन पेय पदार्थों में कैफीन हैं, जो शरीर एवं चेहरे को भी नुकसान पहुंचाती हैं। दिन में एक बार चाय, कॉफी लेना सही रहता है।
मुहांसों से बचने के लिए ले इन आहारो को | muhase se bachne ke liye le ine ahar
कई बार मुहांसों का सीधा संबंध हमारे खान-पान से ही होता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कैसा आहार मुहांसे में लेना होगा।
1) अंडा — अंडे में से कई गुण हैं, जो हमें आंतरिक रूप से मजबूती देते हैं। अंडे की तासीर गर्म होते हुए भी यह मुहांसों को दूर करने में कारगर होता है। इस में उपस्थित कई प्रकार के प्रोटीन और विटामिन मुहांसों से सुरक्षा देते हैं।
2) मेवे — अगर आप मेवो का उपयोग करें खासतौर से काजू का तो यह आपके लिए फायदेमंद है। काजू शरीर की  इम्यूनिटी को बढ़ाता है और किसी भी प्रकार की सूजन को दूर करता है इसीलिए मेवे का सेवन जरूर करें। इसके अलावा काजू में जिंक होता है, जो मुहांसों को दूर करता है।
3) फल — मुहाँसे तेलीय ग्रंथि के सक्रिय हो जाने पर होते हैं। ऐसे में आप पानी वाले फल तरबूज, ककड़ी, खीरे का उपयोग करें तो यह तेलीय  ग्रंथि को विकसित होने से रोकते हैं। इन फलों का सेवन करें।
4). मछली —  जो लोग नॉनवेज खाते हैं, वे मछली का सेवन कर सकते हैं। मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में है, जो मुहांसों को दूर करने का काम करती है।
5) चुकंदर — चुकंदर में अत्यधिक मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन होता है, जो चेहरे से मुहांसों को दूर करने का काम करते हैं। इन्हे आप  सलाद के रूप में भी खा सकते हैं।
6) कद्दू के बीज — आपको ऐसे आहार लेना चाहिए जिन्हें पर्याप्त मात्रा में जिंक हो। ऐसे में कद्दू के बीज बेहतर विकल्प हो सकते हैं। इसमें आप किसी अन्य दाग-धब्बे से दूर  रह सकते हैं।आप  चाहे तो बीजों का पाउडर बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
7) विटामिन युक्त चीजें — ऐसी चीज है जिनमें विटामिन अत्यधिक मात्रा में हो उनका सेवन अपने आहार में करें। मुख्य रूप से गाजर, बींस, पालक, अंडा, फलों का सेवन जरूर करें। इसमें भी मुहांसों की समस्या से निजात मिलेगी।
इन आहारो का सेवन बिल्कुल ना करें
1)  मसालेदार खाना — जब भी आपको मुंहासे हो, तो मसालेदार खाने को ना ही करें। यह शरीर में गर्मी को बढ़ाते हैं और तेलीय ग्रंथि को सक्रिय करते हैं। ऐसे में इन आहारो दूरी बना ले और कुछ दिनों के लिए अपने मसालेदार आहार के शौक को त्याग दें।
2) चाँकलेट —  चॉकलेट खाना हम सभी को पसंद है लेकिन अगर आपको मुहासे हैं, तो इन्हें बिल्कुल ना खाएं। चॉकलेट में डेयरी प्रोडक्ट, रिफाइंड शुगर,  कैफीन है, जो हमारे चेहरे के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।
3) व्हाइट  ब्रेड— अगर आप व्हाइट ब्रेड का सेवन कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। ब्रेड में पाए जाने वाला ग्लूटेन मुहांसों को फैलाने का काम करते हैं अतः इन से दूरी  बना ले।
4) चिप्स — बच्चों और युवाओं को चिप्स खाने का शौक होता है। इससे बहुत ज्यादा मात्रा में हानिकारक कार्बोहाइड्रेट, तेल मसाले होते हैं, जो चेहरे को नुकसान पहुंचाते हैं। कोशिश करें और इन चिप्स से दूरी बना ले।
घर पर बॉडी बनाने के तरीके
युवाओं की है मुख्य समस्या
मुंहासों की समस्या मुख्य रूप से युवाओं में ही देखी गई है। इसी उम्र में हार्मोन में विशेष बदलाव होते हैं, जो मुहांसों का कारण होते हैं। इसके बाद उनकी जीवनशैली, खानपान भी असर डालते हैं। ऐसे में युवाओं को सचेत रहने की आवश्यकता है। यदि ध्यान नहीं दिया गया तो यह समस्या बढ़ भी जाती है। ऐसे में विशेष ध्यान दें। युवाओं को ऐसे में खुद पर ध्यान देने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार से हमने देखा कि मुंहासे एक ऐसी समस्या है जो बढ़ती जाती है। ऐसे में खुद पर पूरा ध्यान दें, ज्यादा तनाव ना लें और खुश रहें। ऐसा आहार ले ,जो आवश्यक हो और आप को स्वस्थ रखने में सहायक हो। मुंहासे होने के कई कारण हैं उन कारणों को पता कर आगे बढ़े, खुद में आत्मविश्वास बनाए रखें और भविष्य की योजनाओं को सफल करें।
Source Url : https://www.ghareluayurvedicupay.com/muhase-ko-thik-karne-ke-gharelu-upay/
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kisansatta · 4 years
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Work From Home : काम करते-करते कम होने लगा है स्टैमिना, तो ये डाइट बढ़ाएगी स्टैमिना
किसी भी काम को लंबे समय से करत् हुए भी न थकने की शारीरिक क्षमता को ही स्टेमिना के तौर पर जाना जाता है।थोड़ी दूर तक चलने में या सीढ़ियां चढ़ते वक्त थकान लगने लगे तो इन बातों को इग्नोर करना सही नहीं है क्योंकि ये समस्याएं अक्सर शरीर में स्टैमिना कम होने के कारण होती हैं। स्टैमिना और स्ट्रेंथ को काफी हद तक एक ही माना जा सकता है। अच्छी सेहत को स्टैमिना से ही जोड़कर देखा जाता है। और अब कोरोना वायरस लॉकडाउन के वजह से लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं।
ऐसे में ट्रैवलिंग टाइम और इसमें होने वाली थकान से तो मुक्ति मिल रही है लेकिन घर में ऑफिस की तुलना में थकान ज्यादा हो जाती है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं, जैसे सिटिंग पोजिशन, डाइट में लापरवाही, लम्बे समय तक काम करते रहना, ब्रेक न लेना। ऐसे में स्टैमिना कम होता जाता है| ऐसे में कई लोगों का ये भी सवाल है कि ऐसी कौन सी चीज का सेवन करें जिससे स्टेमिना बढ़ जाए| स्टैमिना बढ़ाने के लिए शरीर में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, प्रोटीन, आयरन आदि तत्वों से भरपूर डाइट लेना जरूरी है। आइए जानें किस तरह की डाइट आपका स्टैमिना बढ़ने में मददगार है –
पहले तो जानते है स्टेमिना क्या है| स्टैमिना (stamina in hindi) अर्थात आंतरिक बल। साधारण शब्दों में कहा जाये तो स्टैमिना का मतलब होता है व्यक्ति द्वारा किसी भी कार्य को मानसिक या शारीरिक रूप से लंबे समय तक जारी रखना। वैसे आमतौर पर स्टैमिना शब्द को शारीरिक कार्य जैसे खेल, व्यायाम, पैदल चलना, दैनिक दिनचर्या में मेहनत वाले कामों के प्रयोग में लाए जानी वाली क्षमता के लिए उपयोग किया जाता है।
स्टैमिना कम होने के कारण ये भी है की दैनिक कार्यों को करने में हल्की- फुल्की थकान होना आम बात है लेकिन बार- बार थकान होने की वजह से आपका शरीर काफी कमजोर हो सकता है। शरीर में स्टैमिना कम होने के एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं उन कारणों के बारे में जिनकी वजह से कमजोरी या फिर थकान महसूस होती है|
शरीर में स्टैमिना कम होने के लक्षण –
बिना मेहनत किये पसीना आना।
भूख न लगना।
हर वक्त खुद को थका हुआ महसूस करना।
चक्कर आना।
आंखों के सामने कभी- कभी धुंधलापन छा जाना।
किसी काम को करने में मन न लगना।
हाथों और पैरों में दर्द महसूस होना।
अधिक नींद आना।
स्टैमिना बढ़ने के लिए इन चीजों को जरूर खाएं –
1. केला में फाइबर और नेचुरल शुगर से भरपूर केले के सेवन से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। ये ऊर्जा स्टेमिना को बढ़ा सकती है। केले में नियासिन, थाइमिन, रिबोफ्लेविन और फॉलिक एसिड के रूप में विटामिन ए और विटामिन बी की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है। इतना ही नहीं नाश्ते में केले का सेवन कियाा जाए तो लंच तक भूख नहीं लगती है।
2. स्टैमिना बढ़ाने और शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए बादाम बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। रात को सोने से पहले मुट्ठी भर बादाम और काले चने को एक पानी भरी कटोरी में भिगोकर रख दीजिए। अगले दिन सुबह खाली पेट काले चने और बादाम का सेवन करें, थकावट कुछ ही दिनों में दूर हो जायेगी।
3. हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से शरीर में रेड ब्लड सेल का स्तर बढ़ जाता है। इनमें फाइबर और ग्लूकोज का स्तर अधिक रहता है। इससे पूरे दिन काम करने के लिए शरीर को ऊर्जा मिलती है और आपका स्टैमिना बना रहेगा।
4 .अगर आप ओट्स का सेवन करते हैं तो सुस्ती और थकान आप से कोसों दूर रहेंगी। ओट्स धीरे- धीरे पचते हैं, जिससे कि काफी लंबे समय तक शरीर को एनर्जी मिलती रहती है। इसमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जोकि आपके शरीर के स्टैमिना को सही रखता है।
5. पीनट बटर ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करती है । इसमें प्रोटीन और ओमेगा-3 फैट्स की काफी मात्रा पाई जाती है। शाकाहारी विकल्प में पीनट बटर ऊर्जा का एक बेहतरीन खजाना है। इसके सेवन से पेट तो भरा-भरा लगता ही है साथ में वर्कआउट के लिए जरूरी प्रोटीन भी मिल जाता है। पीनट बटर को ब्राउन ब्रेड के साथ खाना फायदेमंद होता है।
6. खट्टे फल विटामिन सी के बहुत अच्छे स्रोत माने जाते हैं। इसके साथ ही इन फलों में फाइबर, कैल्शियम, फोलेट, शर्करा, नियासिन, थायामिन, विटामिन बी6 जैसे आवश्यक तत्व मौजूद होते हैं। संतरा, नींबू, आंवला जैसे खट्टे फल विटामिन सी का अच्छा स्रोत माना जाता है। इन फलों के सेवन से स्टेमिना और इम्यूनिटी दोनों बढ़ती है।
7. चुंकदर में विटामिन ए और सी की मात्रा भरपूर होती है, जोकि थकान भगाने में कारगर है। वर्कआउट करने ��ालों को चुकंदर का जूस जरूर लेना चाहिए। इससे शरीर का स्टैमिना दुरुस्त बना रहता है।
8. दूध और दही में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, जोकि शरीर की हड्डियों और दांतों को तो मजबूत करता ही है, शरीर के सही तरीके से काम करने के लिए भी बेहद जरूरी है। 9. अखरोट का सेवन हेल्थ में सुधार के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना अखरोट का सेवन करने से शरीर का खराब कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और स्टैमिना को बढ़ावा मिलता है।
10. मूंग दाल खाने से शरीर को ताकत मिलती है और साथ ही शरीर की गर्मी को ठंडक भी। मूंग दाल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह सुपाच्य होती है। अक्सर आपने देखा होगा कि डॉक्टर बीमार व्यक्ति की कमजोरी को दूर करने के लिए उसे मूंग दाल का सेवन करने की सलाह देते हैं जिससे उसके शरीर का स्टैमिना बढ़े और उसके शरीर को रीकवर होने में मदद मिले।
11. इसमें पानी और इलेक्‍ट्रोलाइट्स की मात्रा अच्‍छी होती है, जिसे खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है। तरबूज खाने से शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है। गर्मियों के लिए तरबूज को बेस्ट फूड माना जाता है।
https://kisansatta.com/work-from-home-stamina-is-starting-to-decrease-while-working-so-this-diet-will-increase-stamina31424-2/ #LeHasSufficientAmountsOfVitaminAAndVitaminBInTheFormOfNiacin, #RiboflavinAndFolicAcid, #SoThisDietWillIncreaseStamina, #Thymine, #WorkFromHomeStaminaIsStartingToDecreaseWhileWorking Le has sufficient amounts of vitamin A and vitamin B in the form of niacin, riboflavin and folic acid., so this diet will increase stamina, thymine, Work From Home: Stamina is starting to decrease while working Life, Trending #Life, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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mp3lyricsstuff · 5 years
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Banana Tea For Weight Loss, Control Blood Sugar, Normal Blood Pressure | Effective Weight Loss Drinks | What Drinks Help You Lose Belly Fat
Easy Ways to Control Blood Sugar: आपने हर तरह की चाय पी होगी लेकिन क्या आपने केले की चाय (Banana Tea) भी है. जी हां! माना केले की चाय का सेवन करने से हम कई तरह के रोगों से दूर रह रह सकते हैं. साथ ही डायबिटीज के रोगी (Diabetes Patients) और हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) से परेशान लोग के लिए केले की चाय काफी फायदेमंद मानी जाती है. आप सब ने केले तो जरूर खाए होंगे लेकिन क्‍या कभी आपने केले की चाय पी है? केले की चाय ब्लड शुगर को कंट्रोल करने (Banana Tea To Control Blood Sugar) में ही नहीं बल्कि केले की चाय केले की चाय वजन घटाने के लिए (Banana Tea For Weight Loss) असरदार हो सकती है. अगर आप पेट की चर्बी (Belly Fat) को कम करना चाहते हैं तो केले की चाय का सेवन कर सकते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं केले की चाय वजन घटाने के साथ डायबिटीज (Diabete) को कंट्रोल करने में भी फायदेमंद मानी जाती है. केले की चाय शरीर की सूजन (Body Swelling) को कम करने और हार्ट को हेल्दी बनाने में मददगार हो सकता है. 
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तेजी से वजन घटाने के लिए कमाल है केले की चाय!
केले के साथ-साथ केले छिलके में भी कई पोषक तत्व होते हैं जैसे, फाइबर, मैग्नीशियम, मैंगनीज, विटामिन बी 6, बी 12 और पोटेशियम, कि आपके शरीर के लिए अच्छे होते हैं. केले के साथ उसके छिलके की चाय के काफी फायदे हो सकते हैं, जिस वजह से यह काफी लोकप्रिय और असरदार चाय में शामिल है. वजन घटाने के लिए केले की चाय बनाने के दो तरीके हैं, आप केले के फल के साथ उसके छिलके की चाय भी बना सकते हैं. इस सभी तत्वों को संयोजने से केला वजन बढ़ाने और वजन घटाने दोनों में फायदेमंद माना जाता है. वजन घटाने के लिए मेटाबॉलिज्म तेज होना जरूरी है केले की चाय आपके मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है. यह तेजी से आपके शरीर की चर्बी को कम करने में मदद कर सकती है. केले की चाय आपको तृप्ति का अहसास कराती है, जिससे आप ज्यादा खाने से बच सकते हैं.
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Banana Tea For Weight Loss: केले की चाय तेजी से वजन घटाने के लिए है फायदेमंद
केले की चाय के और भी कई फायदे
1. इम्यूनिटी बढ़ाने में फायदेमंद
शरीर को कई रोगों से बचाने के लिए आपकी इम्यूनिटी मजबूत होनी चाहिए. केले की चाय आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में भी फादेमंद मानी जाती है. इसका सेवन करने से आप बार-बार बीमार होने से बच सकते हैं. केले में विटामिन ए और विटामिन सी दोनों होते हैं, इसके साथ ही केले में एस्कॉर्बिक एसिड शरीर में व्‍हाइट ब्‍लड सेल्‍स के को बढ़ावा देने में भी फायदेमंद होता है. केले की चाय में एंटिऑक्सिडेंट्स होते हैं जो आपको तनाव से भी राहत दे सकते हैं. 
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2. डायबिटीज के लिए लाभदायक
जिस तरह से केले को लेकर डायबिटीज के मरीज सवाल करते हैं कि क्या डायबिटीज में केला खाना चाहिए. केला ब्लड शुगर को बढ़ाता नहीं बल्कि कंट्रोल करने में भी फायदेमंद माना जाता हैं. इससे आपका डायबिटीज भी कंट्रोल में रह सकती है. केले की चाय का सेवन कर अपने अनकंट्रोल ब्लड शुगर को कंट्रोल करें.
Banana Tea For Diabetes: डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए केले की चाय है लाभदायक
3. नींद में सुधार करती है केले की चाय
अगर आपको नींद लेने में परेशानी होती है तो केले की चाय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. केले में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बेहतर नींद को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं. रोजाना केले की चाय का सेवन करने से आप अच्‍छी नींद पाने में फायदा ले सकते हैं. 
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3. डिप्रेशन और कमजोर हड्डियों के लिए असरदार
व्यस्त शेड्यूल और कामकाज की वजह से आप थक जाते हैं और डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं. केले की चाय हार्मोनल बैंलेंस को बनाएं रखने में भी फायदेमंद हो सकती है. केले की चाय मानसक स्वास्थ्य को भी बढावा देती है. यह तनाव और डिप्रेशन को भी कम करने में फायदेमंद मानी जाती है. 
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Banana Tea Benefits: केले की चाय डिप्रेशन के खतरे को भी कम कर सकती है
केले की चाय बनाने के तरीके 
– इसके लिए आप सबसे पहले 2 कप पानी को एक बर्तन में उबाल लें. – अब आप एक पका हुआ केला छीलें और काटकर डाल लें. – उबलते पानी में केला को मिलाएं और इसे 10 मिनट तक उबालने दें. – अब आप इसमें दालचीनी या शहद डाल सकते हैं. 
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gethealthy18-blog · 5 years
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गर्भावस्था में शतावरी खाना सुरक्षित है या नहीं – Is Shatavari Good for Pregnancy in Hindi
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गर्भावस्था में शतावरी खाना सुरक्षित है या नहीं – Is Shatavari Good for Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था में शतावरी खाना सुरक्षित है या नहीं – Is Shatavari Good for Pregnancy in Hindi vinita pangeni Hyderabd040-395603080 January 20, 2020
गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए महिलाएं कई तरह के उपाय अपनाती हैं। इसी में शामिल है शतावरी का उपयोग। सदियों से इसे जड़ी-बूटी के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा रहा है। यह आयुर्वेदिक औषधि गर्भावस्था में कितनी सुरक्षित है और कितनी नहीं, इसको लेकर कई संशय हैं। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम गर्भावस्था में शतावरी सुरक्षित है या नहीं इसके बारे में बताएंगे। इसके बाद प्रेगनेंसी में शतावरी के फायदे हो सकते हैं या नहीं इस पर भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा, गर्भावस्था में शतावरी के नुकसान के बारे में भी बताएंगे। शतावरी से जुड़ी ये सभी जानकारियां जानने के लिए आखिरी तक पढ़ते रहें यह लेख। 
चलिए, सबसे पहले यह जानते हैं कि प्रेगनेंसी में शतावरी खाना सुरक्षित है या नहीं।
विषय सूची
क्या गर्भावस्था में शतावरी खाना सुरक्षित है?
प्रेगनेंसी में शतावरी का सेवन सुरक्षित है या नहीं, यह प्रत्येक महिला की गर्भावस्था पर निर्भर करता है। गर्भास्था में फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें शतावरी भी शामिल है। इसे इंग्लिश में एस्पेरेगस रेसिमोसस (Asparagus racemosus) भी कहा जाता है। यही वजह है कि प्रेगनेंसी में शतावरी का सेवन लाभदायक माना जाता है (1)। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, शतावरी का सेवन उन महिलाओं को करने की सलाह दी जाती है, जिन्हें गर्भपात होने का खतरा होता है (2)। दरअसल, इसमें एंटीएबोर्टिफिशिएंट (Anti Abortifacient) गुण होते हैं (3)। 
शतावरी के संबंध में मौजूद विभिन्न शोध के मुताबिक इसका उपयोग गर्भावस्था में किया तो जा सकता है, लेकिन साथ में सावधानी बरतना जरूरी है (4)। इसे खाने से पहले इसकी मात्रा प�� खास ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में किसी भी चीज का सेवन मां और गर्भस्थ शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था में अगर किसी भी तरह की जटिलता हो, तो शतावरी को आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछना चाहिए। नीचे हम प्रेगनेंसी में शतावरी खाने का सही समय भी बता रहे हैं। ध्यान रहे कि इसे वक्त से पहले और ज्यादा सेवन करने से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। 
चलिए, नीचे जानते गर्भावस्था में शतावरी के फायदे के बारे में। 
प्रेगनेंसी में शतावरी खाने के फायदे – Benefits of Eating Shatavari in Pregnancy In Hindi
1. बर्थ डिफेक्ट से बचाए
प्राचीन काल से शतावरी का इस्तेमाल गर्भावस्था के दौरान किया जा रहा है। खासकर, बर्थ डिफेक्ट से बचाव के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। बर्थ डिफेक्ट यानी जन्म दोष जो शिशु के शरीर के लगभग किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। एनसीबीआई ने भी इस संबंध में एक रिसर्च पेपर पब्लिश किया है। उस शोध में भी साफ तौर पर कहा गया है कि शतावरी यानी एस्पेरेगस में पाए जाने वाला फोलेट गर्भ में पल रहे भ्रूण को जन्म दोष से बचाने में मदद कर सकता है (5)।
2. इम्यूनिटी बढ़ाए
शतावरी का सेवन करने से इम्यूनिटी को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। यह मां और भ्रूण दोनों की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने में लाभदायक माना जाता है। गर्भावस्था के साथ ही प्रसव के बाद भी यह मां की इम्यूनिटी के लिए अच्छा माना जाता है। दरअसल, इसमें इम्युनोमॉड्यूलेटर एजेंट होते हैं, जिसकी वजह से शरीर की जरूरत के हिसाब से प्रतिरक्षा काम करती है और बीमारियों से बचाती है (6)। 
3. दूध के उत्पादन को बढ़ाए
गर्भावस्था के आखिरी समय और प्रसव के बाद शतावारी का सेवन करने से मां के दूध की गुणवत्ता बढ़ सकती है। साथ ही इसका उत्पादन भी बढ़ सकता है (7)। दरअसल, इसमें गैलेक्टगॉग हार्मोन (दूध बढ़ाने वाला) का प्रभाव स्टेरॉइडल सैपोनिन कंपाउंड की वजह से होता है। यह हार्मोन प्रोलैक्टिन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे दूध के उत्पादन में वृद्धि होती है। इसी के संबंध में एनसीबीआई में एक रिसर्च मौजूद है। इसमें कहा गया है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान गर्भवतियों को शतावरी के जड़ से बना पाउडर दिया गया। इसके उपयोग से उनमें प्रोलैक्टिन हार्मोन की मात्रा सामान्य की तुलना में 3 गुना अधिक पाई गई। यह हार्मोन दूध को बढ़ाने का काम करता है (8)। 
प्रेगनेंसी में शतावरी के फायदे जानने के बाद आगे हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था में शतावरी को आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है।
गर्भावस्था के आहार में शतावरी को कैसे शामिल करें?
कब खाएं : शतावरी की जड़ को प्रेगनेंसी के आखिरी तिमाही में सेवन करने की सलाह दी जाती है। प्रेगनेंसी के साथ ही प्रसव के बाद अगले तीन महीने तक इसका सेवन किया जा सकता है। ध्यान रहे कि गर्भावस्था में शतावरी का सेवन सावधानी के साथ करने पर जोर दिया गया है। साथ ही इसका सेवन पहली तिमाही में बिल्कुल भी नहीं करन��� चाहिए (6) (9)। इसकी अनदेखी से प्रेगनेंसी में शतावरी के फायदे की जगह नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। 
कितना खाएं : शतावरी का सेवन एक कप करने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि एक कप शतावरी का सेवन करने से गर्भवतियों को जरूरी पोषक तत्व मिल सकते हैं (11)। यहां एक कप मात्रा सब्जी के रूप में बताई गई है। वहीं, चूर्ण व पाउडर के रूप में इसका सेवन करते समय कितनी मात्रा ली जानी चाहिए यह स्पष्ट नहीं है। इतना जरूर साफ है कि अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से गर्भपात जैसे गंभीर परिणाम का सामना करना पड़ सकता है (9)। वैसे करीब 10 g तक शतावरी के पाउडर का सेवन अन्य हर्बल दवाओं के साथ किया जा सकता है (13), लेकिन इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 
कैसे खाएं : शतावरी का उपयोग करना बहुत आसान है। इसे सब्जी से लेकर सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए, शतावरी के उपयोग के बारे में जानते हैं-
शतावरी का सेवन ताजे जूस के रूप में कर सकते हैं।
शतावरी को उबाल कर उपयोग में लाया जा सकता है।
हरी सलाद के रूप में भी शतावरी का सेवन किया जा सकता है।
शतावरी की जड़ से बने चूर्ण व शतावरी पाउडर को सूप में मिलाकर उपयोग में लाया जा सकता है।
शतावरी की जड़ से बने पाउडर को दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं।
अब हम प्रेगनेंसी में शतावरी के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
गर्भावस्था में शतावरी के नुकसान – Side Effects of Shatavari in Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था में शतावरी के फायदे के बारे में तो हम बता ही चुके हैं, लेकिन ध्यान रखें कि इसका अधिक मात्रा में सेवन कई समस्याओं का कारण भी बन सकता है। जी हां, गर्भावस्था में शतावरी के नुकसान भी हो सकते हैं। यही वजह है कि गर्भावस्था में इसका सेवन सावधानी के साथ करने की सलाह दी जाती है (14) (2)। 
इसका सेवन करने से होने वाले गर्भस्थ शिशु को क्षति पहुंचा सकती है।
शिशु के विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
बच्चे के वजन और लंबाई पर असर पड़ सकता है।
पैरों में सूजन आ सकती है।
यह तो अब आप जान ही गए हैं कि गर्भावस्था में शतावरी के फायदे के साथ ही कई नुकसान भी हैं। ऐसे में पहले इस लेख में बताए गए प्रेगनेंसी में शतावरी के नुकसान और फायदे दोनों को अच्छे से समझकर ही सूझबूझ के साथ इसे अपने आहार में शामिल करें। जैसा कि आप जान ही गए हैं कि गर्भावस्था में शतावरी के नुकसान से बचने के लिए कम से कम मात्रा में इसका सेवन किया जाना चाहिए। ऐसे में गर्भावस्था में शतावरी का सेवन करके इसका लाभ लेने के लिए एक बार डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं। यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं। साथ ही प्रेगनेंसी में शतावरी के सेवन से संबंधित कोई सवाल आपके जहन में हों, तो उसे आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं।
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vinita pangeni
विनिता पंगेनी ने एनएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में बीए ऑनर्स और एमए किया है। टेलीविजन और डिजिटल मीडिया में काम करते हुए इन्हें करीब चार साल हो गए हैं। इन्हें उत्तराखंड के कई पॉलिटिकल लीडर और लोकल कलाकारों के इंटरव्यू लेना और लेखन का अनुभव है। विशेष कर इन्हें आम लोगों से जुड़ी रिपोर्ट्स करना और उस पर लेख लिखना पसंद है। इसके अलावा, इन्हें बाइक चलाना, नई जगह घूमना और नए लोगों से मिलकर उनके जीवन के अनुभव जानना अच्छा लगता है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/pregnancy-me-shatavari-khana-chahiye-ya-nahi-in-hindi/
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पीरियड के दर्द को कम करने का उपाय
हमारे जीवन में कई प्रकार की समस्याएं देखी जा सकती हैं शारीरिक हो या मानसिक। जीवन का एक दौर ऐसा होता है, जब इन समस्याओं से दो-चार कभी ना कभी होना ही पड़ता है। महिलाओं की बात करें,तो  उनको भगवान ने एक असीम शक्ति दी है जिसके बलबूते सारे दर्द, गम  मे भी मुस्कुरा देती है लेकिन कुछ दर्द ऐसे भी हैं, जो अंदर से तोड़ने का काम करते हैं। उनमें से एक दर्द है पीरियड का दर्द।
क्या है पीरियड | kya hai period
इसे सामान्यतः मासिक धर्म या महावारी के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रत्येक महीने होने वाली शारीरिक प्रक्रिया है, जो 10 से 15 साल की लड़कियों में शुरू होती है। पीरियड के दौरान हर महीने अंडाशय से अंडा निकलता है। ऐसे समय में महिला के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन देखे गए हैं यह प्रक्रिया ओव्यूलेशन कहलाती है।
इस समय में अंडा का निषेचन ना हो पाए तो गर्भाशय की परत बाहर की ओर आ जाती है जिसे ही पीरियड कहा जाता है। शुरुआत में इसकी अवधि लंबी हो सकती है लेकिन धीरे-धीरे अपने सामान्य समय चार-पांच दिनों का ही रह जाता है। प्रत्येक महिला की शारीरिक संरचना अलग-अलग होती है, जो प्रायः 21 से 35 दिनों बाद पीरियड होने लगते हैं।
पीरियड के लक्षण | period ke lakshan in hindi
पीरियड के आने पर महिलाओं में कई प्रकार के लक्षण देखे गए हैं
1) पेट के निचले भाग में दर्द होना।
2) कमर दर्द होना।
3) मूड बदलना।
4) खाने का मन ना होना।
5)  उल्टी होना।
6) बेचैनी होना।
7)  किसी भी काम में मन ना लगना।
पीरियड के दर्द को कैसे किया जा सकता है दूर
कई बार महिलाएं पीरियड के दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पाती उन्हें लगातार दर्द की शिकायत रहती है। यह दर्द कम या ज्यादा होते रहता है। ऐसे समय में कुछ उपायों के माध्यम से भी दर्द से दूर रहा जा सकता है।
1)  अदरक — अदरक कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में मददगार है। ऐसे में अदरक का उपयोग पीरियड के दर्द को कम करने में कर सकते हैं। इसके लिए अदरक को बारीक कूटकर पानी में उबाल लें। जब पानी उबालकर आधा हो जाए तो इसका उपयोग पीने में करें। ऐसा करने पर इस दर्द को दूर किया जा सकता है।
2) अजवाइन — इस दर्द को दूर करने के लिए अजवाइन के पानी को उबालकर पीने से भी दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
3) पपीता — ऐसा माना जाता है कि इस दर्द को दूर करने में पपीता भी महत्वपूर्ण होता है। पपीते में पाया जाने वाला एंजाइम पेपेन पेट दर्द से राहत दिलाता है।
4) गरम पानी की थैली — यह ऐसा दर्द है, जो बार-बार होता रहता है कभी कम कभी ज्यादा। ऐसे में कुछ भी करने का मन नहीं होता तो ऐसे में आप गर्म पानी की थैली बाजार से अवश्य लाए। उस थैली से सिकाई करने पर आपको फायदा होने लगेगा।
5) दूध — ऐसे दर्द से बचने के लिए आपको दूध जरूर पीना चाहिए। दूध में कैल्शियम है, जो  इम्यूनिटी को मजबूत कर दर्द से राहत दिलाता है।
6) एलोवेरा — एलोवेरा के औषधीय गुणों की जानकारी हमें हैं। ऐसे में अगर आप एलोवेरा का जूस बनाकर पिए तो निश्चित रूप से इससे फायदा होगा।
7) जैस्मीन — ऐसा भी माना गया है कि जैस्मीन युक्त चाय पी लेने से भी इस दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
8) गर्म पानी से नहाना —  ऐसे समय में अगर आप गर्म पानी से नहाती हैं, तो आपको अच्छा महसूस होगा और आप इस दर्द को भूल जाएगी।
पीरियड के दर्द को दूर करने के कुछ गुणकारी टिप्स | period ko dur karne ke liye helpful tips
इसके अलावा आप अगर बहुत ही ज्यादा दर्द से बेहाल रहती हैं, तो आप इन टिप्स से भी फायदा ले सकती हैं। अगर हो सके तो आप इन्हें कुछ दिनों पहले से ही शुरू करें।
1) इस दर्द से निपटने के लिए वॉकिंग पर जाएं इससे आपका शरीर  एक्टिव होगा। आपने देखा होगा कि आप जितना एक्टिव रहते हैं दर्द उतना ही कम होता है।
2) ऐसे समय में आप ज्यादा भारी खाना ना खाएं हल्का खाना ही बेहतर होगा।
3) अगर आप थोड़ा व्यायाम कर ले इससे भी फायदा होगा। ज्यादा नहीं तो आधा घंटा व्यायाम करना ही सही रहता है।
4) बिस्तर पर लेटने के बजाय खुद को एक्टिव बनाए रखें। कुकिंग करना, पुस्तकें पढ़ना, पेड़ पौधों में पानी देना, घर के छोटे-छोटे काम कर सकती हैं।
5) उस दिन अपने काम जैसे स्कूल, कॉलेज, ऑफिस से छुट्टी नहीं ले। आप अपने काम में जाएंगी तो आपका दर्द कम होगा और शरीर भी गतिशील बना रहेगा।
6) दर्द को कम करने के लिए अपना पसंदीदा म्यूजिक सुन सकती हैं यह आपको नई ताजगी और ऊर्जा देगा।
दही का सेवन भी हो सकता है फायदेमंद
पेट का दर्द असहनीय भी हो जाता है। ऐसे में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। ऐसे दर्द में आप दही का सेवन जरूर करें। दही में कई प्रकार के पोषक तत्व कैल्शियम, प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है।  दही में लैक्टोबैसिलस लेसिली नामक बैक्टीरिया पाया जाता है, जो किसी भी पेट संबंधी विकार को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में आप भी पीरियड के दर्द को दूर करने के लिए ठंडी दही का उपयोग करें। इससे जरूर आपको फायदा होगा।
इन आहारो से दूर रहे पीरियड के समय
अगर आप पीरियड के दर्द से बेहाल रहती हैं,तो  इन आहारो से दूर रहने में आपको फायदा होगा और दर्द से भी छुटकारा मिल सकता है।
1). चीनी –– ऐसा माना जाता है कि महिलाओं और लड़कियों को मीठा खाना पसंद होता है। लेकिन जब आपको पीरियड का दर्द ज्यादा हो रहा हो, तो चीनी युक्त  आहारों का सेवन बिलकुल बंद कर दें। ऐसे हार्मोन के साथ साथ  चीनी का लेवल बढ़ता घटता  रहता है और ज्यादा चीनी लेने से मीठे का स्तर बढ़कर परेशानी कर सकता है ऐसे में कुछ दिन चीनी से दूर ही रहे।
2) वसायुक्त आहार — ऐसे समय में ऐसे  आहारो से दूर रहे जिनमें वसा अधिक मात्रा में स्थित हो। वसायुक्त पदार्थ में प्रोस्टाग्लैंडइन पाए जाते हैं, जो मुमकिन है कि इसमें गर्भाशय की दीवारें संकुचित होकर दर्द उत्पन्न करें। ऐसे में आप पौष्टिक आहार लें तो ही बेहतर होगा।
3) नमक —  महिलाएं इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाती हैं कि ऐसे में नमक का सेवन बहुत ही हानिकारक होता है। नमक में सोडियम ज्यादा मात्रा में होता है जो कहीं ना कहीं नुकसान करता है ऐसे में कोशिश करें कि नमक ,पापड़, चिप्स से दूर ही रहा जाए।
4) काँफी –– अगर आप कॉफी पीने के शौकीन हैं, तो ऐसे में कुछ दिनों के लिए कॉफी पीना छोड़ दे तो फायदेमंद होगा।  कॉफी में कैफीन होती है, जो गर्भाशय की  दीवारों को संकुचित करके दर्द को बढ़ा देती है। ऐसे में यह पेय पदार्थ नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में पेट में ऐठन की भी समस्या बनी रहती है।
5) प्रोसैस्ड फूड — अगर आप ऐसे समय में प्रोसैस्ड फूड का त्याग कर दें तो आपके लिए सही रहेगा।  यह फूड तेल व वसा युक्त होता है, जो परेशानी को बढ़ाने का भी काम करता है।
प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे चेक करें
पीरि���ड में इन आहारो को लेने से होगा फायदा–
1)  हरी पत्तेदार सब्जियां — ऐसे समय में कई महिलाएं बहुत हेवी फ्लो का शिकार हो जाती हैं। ऐसे में पूरी संभावना होती है कि शरीर में आयरन और विटामिन की कमी हो जाएं।  बहुत अच्छा होगा कि आप हरी पत्तेदार सब्जियां ले जिससे किसी भी प्रकार की कमी शरीर को ना होने पाए।
2) नॉन वेज खाना — अगर आप नॉनवेज खाना पसंद करती हैं, तो यह आपके लिए अच्छा हो सकता है। ऐसे में अगर आप चिकन और मछली का सेवन करें तो फायदेमंद होगा। इसमें भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड हैं, जो पीरियड में फायदेमंद है।
3) मेवे — अगर आप ऐसे समय में मेवे जैसे — काजू, बादाम ,अखरोट का सेवन करें तो उसमें उपस्थित मैग्नीशियम, आयरन दर्द को सहने की ताकत देता है।
4) गर्म पानी का सेवन — ऐसे समय में गर्म पानी का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होगा। गरम पानी संकुचित दीवारों को सही करने का काम करती हैं।
5) केला —  केला खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। इससे उर्जा भी प्राप्त की जा सकती है, जो मूड को सही रखने का काम करता है। जब भी आपको पीरियड का दर्द सताए तो केले का सेवन अवश्य रूप से करें।
गर्भावस्था के दौरान बवासीर का घरेलू इलाज
पहली बार पीरियड होने में ले सावधानी
जब भी कोई लड़की 12 वर्ष या उससे ऊपर होती है तो पीरियड आने शुरू हो जाते हैं।  शुरु शुरु में तो उन्हें कुछ समझ नहीं आता। ऐसे में घर की महिलाओं को भी पूरी सावधानी रखनी चाहिए। इससे संबंधित थोड़ी जानकारी पीरियड के पहले से ही दे दिया जाए तो बेहतर होगा। पहली बार पीरियड होने पर खास ध्यान रखें। ऐसा  आहार दें जिससे  परेशानी से बचा जा सके। पीरियड से संबंधित किसी भी बात को लड़कियों से ना ही छिपाएं।
समय के हिसाब से आया है बदलाव
अगर प्राचीन समय की बात की जाए तो उस समय महिलाओं के साथ पीरियड के समय बहुत ही भेदभाव किया जाता था। उन्हें जमीन में सोना पड़ता था, किचन में जाने की अनुमति नहीं थी, कोई भी खाद्य सामग्री को छूने की मनाही होती थी, उनके कपड़े बर्तन अलग ही रखा रहता था लेकिन आज के समय में बदलाव देखा गया है।  इन सारी दकियानूसी बातों को पीछे कर महिलाएं कहीं आगे निकल चुकी हैं। वे हर दर्द को झेलते हुए निरंतर आगे बढ़ रही हैं और प्रगति कर रही हैं।
निष्कर्ष
इस प्रकार से हमने देखा कि पीरियड का दर्द असहनीय है, जो मुश्किलों भरा समय है। हर महीने इस समस्या को झेलना आसान नहीं है। ऐसे में अपना ध्यान रखें और सही दिशा में  आहार ले ताकि आप स्वस्थ रह सकें। ऐसे समय में इन उपायों से खुद का ध्यान रखें और आगे बढ़े।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/period-ke-dard-ko-kam-karne-ke-gharelu-upay/
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कफ का घरेलू उपचार | Cough Ka Gharelu Upchar
हमारे आसपास कई प्रकार की समस्याएं देखी जाती है यह समस्या कभी-कभी बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है। अगर इससे आपका शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा हो तो थोड़ा संभल कर रहने की आवश्यकता है आपने महसूस किया होगा कि चाहे कोई भी महीना हो एक समस्या तो हो ही जाती है और वह है कफ की समस्या। इस समस्या से काफी हद तक बच्चे, बुजुर्ग भी प्रभावित होते हैं। आज हम कफ से संबंधित आवश्यक जानकारी दे रहे हैं, जो आपके काम आ सके|
क्या है कफ | cough kya hai in hindi
आयुर्वेद में कफ के बारे में सही जानकारी प्राप्त होती है यह स्वयं की प्रकृति पर निर्भर करता है। जिस प्रकार हर इंसान के शौक, पहचान,  पसंद,  नापसंद अलग होते हैं उसी प्रकार हर इंसान में कफ की प्रवृत्ति भी अलग-अलग होती है। कफ के बारे में यह तथ्य है कि यह दो तत्वों से मिलकर बना है पृथ्वी और जल। यह दोनों मिलकर मानव शरीर को मजबूती देते हैं इसके लिए शरीर में मुख्य स्थान पेट और छाती है। यह हमारे शरीर को संतुलित करके रखता है और कष्टों से भी बचाता है।
कफ बढ़ने के कारण | cough badhne ke karan
कभी-कभी हमें ऐसा महसूस होता है कि हमारा कफ बढ़ गया है ऐसे में खुद पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह समस्या छोटे बच्चों में भी देखी गई है। अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव की बदौलत ही हम खुद में कफ को बढ़ने से रोक सकते हैं।
1)  जब भी हम कहीं बाहर से आते हैं, तो फ्रिज से निकालकर ठंडा पानी पीने लगते हैं। ऐसा करने से बचें क्योंकि इससे भी कफ बढ़ जाता है।
2). अपने आहार का विशेष ध्यान देना होता है। ऐसे में आपको चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
3) मांसाहारी भोजन जैसे चिकन, मछली  चिकनाई युक्त हैं ऐसे में इनका सेवन ज्यादा करने से कफ की शिकायत बढ़ सकती है।
4) अगर आप तिल से बनी चीजें, दूध, गन्ना, नमक उपयोग कर रहे हो, तो यह भी कफ बढ़ने का कारण हो सकता है।
5) कभी-कभी हमारा शरीर सक्रिय, गतिशील नहीं होता और इस वजह से  से भी कफ  बढ़ने लगता है।
कफ बढ़ जाने के लक्षण | cough badh jane ke lakshan in hindi
आप लक्षणों के माध्यम से बढ़े हुए कफ की पहचान कर सकते हैं
1) बार-बार पसीना आना।
2) आलस आना।
3)  डिप्रेशन होना।
4) शरीर में लगातार चिपचिपा पन बना रहना।
5) अंगों में ढीलापन आ जाना।
कफ का घरेलू उपचार | Cough ka gharelu Upchar
अगर आप बहुत ज्यादा कफ से परेशान है, तो घरेलू उपाय करके भी राहत प्राप्त कर सकते हैं।
1) अगर आप लगातार कफ से परेशान हैं, तो सुबह खाली पेट गर्म पानी का सेवन करें तो उससे आपको फायदा हो सकता है।
2) अगर आप नींबू में एक चम्मच शहद डालकर गर्म पानी के साथ पीते हैं, तो इससे आपको बहुत ही फायदा होगा।
3) अगर आप अदरक को कूटकर उसमें शहद के साथ मिलाकर सेवन करें तो इस से भी आप को फायदा होगा। अदरक में किसी भी इंफेक्शन को बढ़ने से रोकने ताकत होती है।
4) अगर आप कफ को ठीक करने के लिए  भाप ले इससे भी आपको फ��यदा होगा। आप इसे दिन में दो या तीन बार कर सकते हैं।
5) अगर आप गर्म दूध मे एक चम्मच हल्दी डालकर सोते समय पिए, तो इससे आपको फायदा होगा। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण है, जो आपको कफ में भी फायदा पहुंचाते हैं।
6) अगर आप गरम सूप पीएं फिर चाहे सूप  चिकन, टमाटर, पालक किसी का भी हो सकता है।  गरम सूप कफ को निकालने में मदद करता है। आप चाहें तो इसे इसमें अदरक भी डाला जा सकता है।
7) इसी प्रकार से प्याज मे भी एंटीबायोटिक गुण पाया जाता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का भी काम करते हैं इसमें शक्कर मिला दिया जाए और उसे थोड़े समय छोड़ दिया जाए और उसे पी लिया जाए तो इससे कफ में राहत मिलेगी।
8) गाजर को कफ दूर करने में सहायक माना गया है। यदि आप इसका रस निकालकर उसका उपयोग करें साथ में शहद मिला लें। शहद में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट कफ को दूर करने में सहायक है।
9) अगर आप घर में उपस्थित  काली मिर्च को पीस लें और उसमें एक छोटी चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें तो इससे आपको फायदा होगा।
10) अगर आप अंगूर का जूस पिए तो इससे भी फायदा होगा। अंगूर में हेरोस्टिलवेन पदार्थ है, जो किसी भी संक्रमण से दूर रखता है।
11) इसके अलावा तुलसी का काढ़ा भी आपको फायदा पहुंचाएगा। इसमें काली मिर्च, अदरक, शहद को भी डाला जा सकता है।
सूखी खांसी का घरेलू उपाय
कफ बढ़ने से हो सकती है यह समस्या
कफ बढ़ना  बहुत बड़ी समस्या नहीं माना जाता लेकिन यदि आप इससे ज्यादा ही परेशान है, तो आप को संभलने की आवश्यकता होगी क्योंकि इससे आपको कुछ दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं।
1).  शरीर में भारीपन होना —  कई बार ऐसा होता है कि ज्यादा कफ के बढ़ जाने से शरीर में भारीपन महसूस होता है। ऐसे में ध्यान रखने की आवश्यकता है।
2)  भूख न लगना — कई बार देखा गया है कि कफ के बढ़ने से भूख नहीं लगती है हमें लगता है कि ऐसा थकान के कारण हो रहा है पर होता है कफ की वजह से।
3) आलस — ऐसा भी देखा गया है कि बार-बार आलस आना भी बढ़े हुए कफ के कारण होता है। किसी भी काम में मन नहीं लगता है और पूरे दिन सुस्ती बनी रहती है।
4)  सर्दी जुकाम — सर्दी जुकाम होना भी बढ़े हुए कफ के कारण होने वाले समस्या है। ऐसे उपायों के माध्यम से भी इस समस्या से निपटा जा सकता है।
5)  सिर दर्द — वैसे तो सिर दर्द के कई कारण होते हैं। लेकिन सिर दर्द का होना बढ़े हुए कफ के कारण उत्पन्न समस्या भी है।
6) खांसी — कफ की वजह से बार बार खांसी की समस्या बनी रहती है जिसमें बार-बार कफ बाहर आने लगता है।
कफ में फायदेमंद है यह काढा़
अगर आप लगातार कफ से परेशान हैं, तो ऐसे में आप घर में ही काढ़ा बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं इन्हें बनाना आसान है। इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए दिन में दो बार से ज्यादा उपयोग ना करें।
काढा़ बनाने के लिए दो गिलास पानी में थोड़ा सा गुड़, एक चम्मच अजवाइन, काली मिर्च,  दालचीनी पाउडर शहद डालकर पकाएं। उसे आपको तब तक पकाना होगा जब तक पानी आधा ना रह जाए। इसे आप दिन में दो बार पीएं। थोड़े दिनों में आपके कफ की समस्या दूर हो जाएगी और आप को राहत मिलेगी।
कफ से बचने के लिए दूर रहे इन आहार से भी
अगर आप कफ से दूर रहना चाहते हैं, तो आपको इन  आहारों से दूरी बनाना होगा।
1) दूध — ऐसा देखा गया है कि कई लोगों को दूध से ठंडे दिन में एलर्जी होती है उससे बहुत ज्यादा कफ बनने लगता है। ऐसे में दूध का सेवन नहीं करें तो बेहतर होगा।
2)  मांसाहार — ज्यादा कफ होने की स्थिति में मांसाहार से भी दूर रहे। ऐसा माना गया है कि उनमें कफ बढ़ाने वाले पदार्थ शामिल होते हैं।
3)  शराब और सिगरेट — ऐसे में शराब और सिगरेट से दूर ही रहे। इससे शरीर कमजोर होता है और इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है।
बच्चों में कफ की समस्या
बच्चों में काफी समस्या अक्सर देखी जाती है और जब बच्चे छोटे हो, तो ऐसे में वे अपनी बात ठीक से बता भी नहीं सकते हैं। कई बार मौसम में परिवर्तन होने पर भी समस्या देखी गई है। आप बच्चों के लिए भी थोड़े उपाय आजमा सकती हैं जिससे उनको आराम और राहत मिल सके।
करें उपयोग नेजल स्प्रे का
अगर बच्चों में कफ की समस्या बढ़ रही है, तो आप सेलाइन  नेजल स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं। इसे आप सोने से पहले दें तो फायदा होगा। इससे आसानी से  म्यूकस ढीला होकर बाहर आ जाता है।
गर्म पानी से नहलाएं
कई बार बच्चे बहुत छोटे होते हैं और उनकी समस्या बढ़ने लग जाती हैं। ऐसे में अगर सलाइन स्प्रे से आराम नहीं हो पा रहा हो, तो आप बच्चे को गर्म पानी से भी नहला सकती हैं। इससे बच्चे को फायदा होगा।
बच्चे को पेय पदार्थ दें
अगर बच्चा कफ के कारण ठीक से खाना नहीं खा पा रहा हो, तो ऐसे में पेय पदार्थ देना फायदेमंद होगा। उन्हें पानी देते रहे साथ में जूस और हो सके तो दूध भी दे। इससे बच्चे को पोषण मिलता रहेगा और कफ से राहत भी मिलेगी। इस बीच बच्चे का पूरी तरह से साफ सफाई का ध्यान रखें जिससे फिर से संक्रमण ना हो सके।
आप चाहे तो एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करके भी आप बच्चे को राहत दे सकती हैं इसके लिए विशेषज्ञ से भी सलाह दी जा सकती है।
निष्कर्ष
इस प्रकार से देखा गया कि कफ की समस्या को बहुत बड़ी समस्या नहीं समझा जाता बावजूद इसके हमें कुछ सावधानी रखते हुए काम करना चाहिए। सही आहार से समस्या से बचा जा सकता है। मौसम के अनुसार ही अपना खानपान रखें।
ऐसा भी देखा गया है कि यह समस्या बुजुर्गों और बच्चों में  ज्यादा होती है, जो कभी-कभी गंभीर समस्या भी उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में परिवार के प्रत्येक सदस्य का ख्याल रखें और खास तौर से खुद का। घरेलू उपायों से आप सुरक्षित रह सकते हैं। ऐसे में इन्हें जरूर आजमाएं।
Source: https://www.ghareluayurvedicupay.com/cough-ka-gharelu-upchar/
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गाय के दूध के 12 फायदे और नुकसान – Cow Milk Benefits and Side Effects in Hindi
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गाय के दूध के 12 फायदे और नुकसान – Cow Milk Benefits and Side Effects in Hindi
vinita pangeni Hyderabd040-395603080 September 26, 2019
आप सब अपनी मां और दादी-नानी से गाय के दूध के फायदे सुनकर ही बड़े हुए होंगे। यही वजह है कि भारत के लगभग सभी घरों में सुबह नाश्ते में और रात को सोने से पहले एक गिलास दूध जरूर पिया जाता है। खासकर, बच्चों को गाय का दूध जरूर पिलाया जाता है, क्योंकि यह मस्तिष्क और हड्डी के विकास में अहम भूमिका निभाता है। कुछ ऐसे ही जाने-पहचाने और अनजाने गाय के दूध के फायदे के बारे में हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको तथ्यों के साथ जानकारी देंगे। इस लेख के जरिए हम आपको गाय के दूध के फायदे तो बताएंगे ही, साथ ही अगर इसके कुछ नुकसान हैं, तो इस बारे में भी हम आपको प्रमाण सहित बताएंगे।
चलिए, अब सीधे आपको गाय के दूध के फायदे के बारे में बताते हैं।
विषय सूची
गाय के दूध के फायदे – Benefits of Cow Milk in Hindi
1. पाचन
गाय का दूध आपको बदहजमी से बचाने में मदद कर सकता है। दरअसल, गाय के दूध में विटामिन बी-12 पाया जाता है। यह विटामिन पाचन की प्रक्रिया में मदद करता है। दूध के प्रति कप में 1.2mg विटामिन बी-12 होता है। एक दिन में वयस्क���ं को 2.4mg विटामिन बी-12 की जरूरत है यानी एक कप दूध आपके शरीर में विटामिन बी-12 की आधी जरूरत को पूरा कर देता है (1)। वहीं, गाय के दूध का लगभग 80% प्रोटीन कैसिइन (casein) होता है, जो पूरे शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट को पहुंचाता और पाचन में सहायता करता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि दूध का सेवन करने से खाना अच्छे से हजम हो सकता है।
2. कैंसर
माना जाता है कि कैंसर के इलाज में भी गाय के दूध का सेवन फायदेमंद होता है। दरअसल, गाय के फोर्टिफाइड (अतिरिक्त विटामिन और खनिज डालकर बनाया गया) दूध में विटामिन-डी उच्च मात्रा में पाया जाता है (2), जो कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। इसलिए, कहा जाता है कि गाय का दूध कैंसर की आशंका को पनपने से रोकने में मदद कर सकता है (3)। एक रिसर्च की मानें, तो दूध और डेयरी उत्पाद का सेवन संभवतः कोलोरेक्टल कैंसर, ब्लैडर कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर और स्तन कैंसर से बचाता है। वहीं, डेयरी सेवन प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम माना जाता है (4)। हालांकि, कुछ अध्ययन कहते हैं कि दूध के सेवन और कैंसर के बीच किसी भी तरह के संबंध की कोई स्पष्ट जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है (5)।
3. आंखों के स्वास्थ्य के लिए
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गाय के दूध को आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक माना जाता है, क्योंकि गाय के दूध में विटामिन-ए होता है। विटामिन-ए आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है (6)। विटामिन-ए आंखों की रोशनी को सुधारने में मदद करता है (7)। इसके अलावा विटामिन-ए की कमी की से आपको रतौंधी, आंखों के सफेद हिस्से में धब्बे (बिटोट स्पॉट) जैसी कई आंखों से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं (8)।
4. हृदय स्वास्थ्य
गाय का दूध पीने से आप हृदय को भी स्वास्थ रख सकते हैं। दूध पीने से इस्केमिक स्ट्रोक (ब्लड क्लोट होने की वजह से आने वाला स्ट्रोक) के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही इस्केमिक हृदय रोग को कम करने में भी फायदेमंद माना जाता है (5) (9)। इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैटी एसिड के उच्च प्लाज्मा स्तर भी हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं, जो डेयरी उत्पादों में मौजूद रहते हैं (11)।
5. इम्यूनिटी
गाय के कच्चे दूध में प्रोबायोटिक्स यानी जीवित माइक्रोऑर्गेनाइज्म होते हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि कच्चा दूध पीने से बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और उनका शरीर कई तरह के संक्रमण का सामना करके बच्चों के विकास में मदद करता है। इसके अलावा, दूध उबालकर पीने से भी इम्यून सिस्टम मजबूत होता है (12)। ऐसे में कहा जा सकता है कि दूध आपको बीमारियों से बचाने में भी मदद कर सकता है, क्योंकि जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहेगी, तो आपका शरीर रोगों से लड़कर आपको उनसे बचाता रहेगा।
6. हड्डी स्वास्थ्य
गाय का दूध हड्डी को स्वस्थ रखने में भी काफी सहायक हो सकता है। दरअसल, दूध और डेयरी के अन्य उत्पाद मैग्नीशियम और कैल्शियम के महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं। इसलिए, हड्डियों के विकास के लिए दूध का सेवन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बच्चों व युवाओं के साथ ही व्यस्कों के हड्डी स्वास्थ्य के लिए भी दूध को अच्छा माना गया है (11)।
7. वजन
दुनियाभर में अधिक वजन और मोटापे की वजह से कई लोग परेशान हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए आप तरह-तरह के जतन भी करते होंगे, लेकिन क्या कभी गाय का दूध पीने के बारे में सोचा है। जी हां, गाय का दूध युवाओं के बढ़ते वजन को रोकने में मदद कर सकता है। एक विश्लेषण के अनुसार, डेयरी सेवन करने वाले 38 प्रतिशत बच्चों का वजन डेयरी का सेवन कम करने वाले बच्चाें के मुकाबले संतुलित था। दरअसल, गाय का दूध और डेयरी उत्पाद प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं और प्रोटीन वजन घटाने या फिर उसे नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह भोजन के बाद बार-बार उठने वाली खाने की इच्छा को कम करता है, जो एनर्जी की अधिक खपत को रोकता है, जिससे शरीर की वसा कम होती है (11)।
8. मस्तिष्क विकास
दूध मस्तिष्क विकास के लिए भी अहम माना जाता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड मनुष्यों के मस्तिष्क से संबंधित प्रक्रियाओं में मदद करता है। हमारे दिमाग को बेहतर तरीके से कार्य करने में ओमेगा -3 फैटी एसिड सहायक माना गया है। ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने वाले बच्चे में दिमाग विकास संबंधी विकार (जैसे – पढ़ने, वर्तनी में अंतर करने और व्यवहार) को कम करने में फायदेमंद माना गया है (1) (13)। शायद यही वजह है कि बच्चों को गाय का दूध पीने की सलाह दी जाती है।
9. मेंटल डिसऑर्डर
जैसा कि हम आपको ऊपर बता ही चुके हैं कि गाय का दूध आपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में काफी मददगार साबित हो सकता है। ऐसे में माना जाता है कि इसे पीने से मानसिक विकार को भी दूर किया जा सकता है। दरअसल, दूध में ओमेगा-फैटी एसिड पाया जाता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए, तो दिमागी विकार जैसे डिस्लेक्सिया (पढ़ने में दिक्कत), एकाग्रता की कमी, अवसाद, बाइपोलर डिसऑर्डर (मूड स्विंग), याददाश्त में कमी और सिजोफ्रेनिया (सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करने वाला विकार) का जोखिम बढ़ जाता है (1) (13)।
10. एलोपेसिया (Alopecia)
एलोपेसिया बालों के झड़ने की समस्या है। इस दौरान बाल पैच में झड़ने लगते हैं। एक सेमी से 4 सेमी तक के हिस्से से बाल झड़कर खत्म हो जाते हैं और वो हिस्सा खाली और चिकना हो जाता है। वैसे तो एलोपेसिया ओटोइम्यून की वजह से होता है। कुछ पोषक तत्वों जैसे – विटामिन-डी और जिंक के सेवन से यह समस्या कम हो सकती है (14)। ये दोनों ही पोषक तत्व दूध में पाए जाते हैं (1) (15)। ऐसे में माना जाता है कि एलोपेसिया की समस्या से गुजर रहे लोगों को गाय दूध का सेवन करना चाहिए।
11. दमकती त्वचा और एंटी एजिंग
माना जाता है कि कच्चे दूध को चेहरे पर लगाने से काफी निखार आता है। दरअसल, प्राचीन काल से लोग दूध का इस्तेमाल नहाने व चेहरा धोने के लिए करते रहे हैं। ऐसे में आप भी गाय के कच्चे दूध में रूई डूबोकर अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक ऐसा करने से चेहरे में चमक आती है। शायद यही वजह है चेहरे को साफ करने और फेस पैक बनाने के लिए गाय के कच्चे दूध का इस्तेमाल किया जाता है (16)। वैसे दूध में रेटिनॉल (Retinol) पाया जाता है (17), जिसे चेहरे के लिए वरदान माना जाता है। रेटिनॉल विटामिन-ए होता है, जो बढ़ती उम्र के सभी लक्षणों को दूर कर आपको दमकता चेहरा ��ेता है (18) (19)। विटामिन-ए की कमी से त्वचा रूखी होने लगती है (20)। ऐसे में आप गाय के दूध का उपयोग करके त्वचा की नमी को बरकरार रख सकते हैं।
12. त्वचा स्वास्थ्य
गाय के दूध में मौजूद विटामिन-ए और प्रोटीन हमारे चेहरे के लिए वरदान से कम नहीं है। गाय के दूध में पाए जाने वाले ये दोनों पोषक तत्व त्वचा के स्वास्थ्य और सुंदरता को बढ़ाएं रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, गाय के दूध में विटामिन-डी भी होता है, जो त्वचा की बढ़ती उम्र को रोकने में मदद कर सकता है (18) (21)। आप अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए रोजाना गाय के दूध का सेवन कर सकते हैं। साथ ही इसे किसी फैस पैक में मिलाकर भी चेहरे पर लगा सकते हैं।
नोट: दूध में पाए जाने वाले विटामिन और खनिजों की मात्रा भिन्न-भिन्न हो सकती है। दरअसल, गाय के दूध में मौजूद पोषक तत्व इस बात पर निर्भर करते हैं कि उसे आहार में क्या दिया जा रहा है (1)।
गाय के दूध के फायदे जानने के बाद अब इससे मिलने वाले पोषक तत्वों पर भी एक नजर डाल देते हैं।
गाय के दूध के पौष्टिक तत्व – Cow Milk Nutritional Value in Hindi
गाय के दूध के फायदे जानने के साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्वों को जान लेना भी जरूरी है। नीचे दिए गए टेबल में हम आपको बताएंगे प्रति 100 ग्राम गाय के दूध में कितनी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं (18)।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम ऊर्जा 62kcal प्रोटीन 3.33g कुल फैट 3.33g कार्बोहाइड्रेट 5.42g शुगर 5.00g मिनरल्स कैल्शियम 125mg सोडियम 52mg विटामिन विटामिन सी 0.5mg विटामिन ए 125IU विटामिन डी 42IU लिपिड्स फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 2.080g कोलेस्ट्रोल 15mg
गाय के दूध में मौजूद पोषक तत्वों के बाद गाय के दूध का उपयोग जान लेते हैं। इसके बाद लेख में आगे आपको गाय के दूध के नुकसान के बारे में भी बताएंगे।
गाय के दूध का उपयोग – How to Use Cow Milk in Hindi
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गाय के दूध के फायदे तो आप जान ही चुके हैं, अब गाय के दूध का उपयोग किस-किस तरीके से किया जा सकता है, यह आपको बता देते हैं।
दूध आप सीधे उबालकर पी सकते हैं।
दूध का इस्तेमाल आप खीर बनाने के लिए भी कर सकते हैं।
दूध से आप मिठाइयां बनाकर खा सकते हैं।
दूध का प्रयोग आप दही जमाने के लिए भी कर सकते हैं।
कच्चे दूध को आप चेहरे पर लगा सकते हैं।
आप गाय के दूध से स्मूदी भी बना सकते हैं।
नोट: कुछ लोग दूध को कच्चा पीने की सलाह देते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि दूध को उबालने से उसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। हम आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं है। कच्चे दूध में पाये जाने वाले सभी पोषक तत्व लगभग उतनी ही मात्रा में दूध उबालने के बाद भी मौजूद रहते हैं (1)। इसलिए, आप दूध को उबालकर ही इस्तेमाल में लाएं, क्योंकि कच्चे दूध को पीने के कई नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आपको लेख के अंत में बताएंगे।
कितना पीना चाहिए:
गाय के दूध का उपयोग के साथ ही इसकी मात्रा कितनी लेनी चाहिए यह भी जानना जरूरी। चलिए, अब जान लेते हैं कि बच्चों में और अन्य लोगों को गाय के दूध का सेवन कितना करना चाहिए।
बच्चे के लिए गाय के दूध की मात्रा : जब शिशु 1 साल का हो जाए, तभी उसे गाय का दूध पिलाना चाहिए। बाल रोग विशेषज्ञ कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन में 16 से 24 औंस यानी 2 से 3 कप गाय का दूध पीने की सलाह देते हैं (22)।
वयस्कों के लिए गाय के दूध की मात्रा : वयस्कों को गाय का दूध 200 ml यानी एक गिलास पीने की सलाह दी जाती है (23)
चलिए, अब बात करते हैं गाय के दूध के नुकसान के बारे में।
गाय के दूध के नुकसान – Side Effects of Cow Milk in Hindi
गाय के दूध के फायदे और उपयोग तो आप जान ही चुके हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इसे पीने से नुकसान भी हो सकता है। नीचे हम आपको गाय के दूध के नुकसान के बारे में बताएंगे (24) (25) (4)।
1 वर्ष से कम उम्र के शिशुओं को गाय का दूध पिलाने से एनीमिया होने का खतरा हो सकता है।
गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन में टाइप 1 मधुमेह के जोखिम पाए जाते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम हो सकता है।
कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जिन्हें दूध से एलर्जी होती है, ऐसे लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर आपको गाय के दूध से एलर्जी है, तो इसे पीने के बाद नीचे दिए गए लक्षण नजर आ सकते हैं (26) (27) (28)।
त्वचा पर लाल चकत्ते
उल्टी
मल में रक्त
गैस
डायरिया
पेट दर्द
जी मिचलाना
पेट फूलना
नोट: गाय के दूध के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। इसलिए, आपको गाय का दूध पीने के बाद इसके नुकसान से जुड़ा कोई भी लक्षण शरीर में देखने को मिलता है, तो सीधे डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको गाय के दूध से एलर्जी नहीं है, तो आप इसका सेवन बेहिचक कर सकते हैं। बस ध्यान रहें कि आप इसकी संतुलित मात्रा का ही सेवन करें।
गाय का दूध आपके शरीर में औषधि की तरह भी काम कर सकता है। बस जरूरी है इस बारे में सही जानकारी होने की। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस लेख के माध्यम से गाय के दूध से संबंधित हर जानकारी मिल गई होगी। इस लेख में बताए गए गाय के दूध के लाभ को आप अपने तक ही सीमित न रखें, बल्कि अपने दोस्तों व परिचितों के साथ भी साझा करें। साथ ही अगर आपके मन में गाय के दूध से संबंधित कोई जानकारी या कोई सवाल हैं, तो उसे आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। हम आपके सवालों के जवाब तथ्य सहित देने का प्रयास करेंगे।
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vinita pangeni
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1. वजन कम करने में सहायक
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पानी के फायदों के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि पानी पीने से आपका वजन भी कम हो सकता है। एक शोध के मुताबिक गर्म पानी का सेवन करने से उपापचय (मेटाबॉलिज्म) के प्रतिशत में काफी वृद्धि होती है, जो वजन कम करने की प्रक्रिया में सहायक होता है (1)। गर्म पानी में नींबू मिलाकर पीने से भी आप वजन घटा सकते हैं (2)।
2. पाचन और कब्ज में सहायक
हॉट वाटर का सेवन पाचन प्रक्रिया में भी मदद कर सकता है। गर्म पानी पेट में मौजूद भोजन को पचाने में मदद करता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। दरअसल, गर्म पानी या गुनगुना पानी पीने से शरीर को भोजन पचाने के लिए ज्यादा ऊर्जा पैदा नहीं करनी पड़ती, जिस कारण खाना जल्दी पचता है (2)। वहीं, गर्म पानी कब्ज में भी राहत पहुंचाता है। गर्म पानी के सेवन से मल त्याग में आसानी होती है, जिससे कब्ज की परेशानी से राहत मिल सकती है (3)।
3. नाक बंद
गर्म पेय पीना भी नाक बंद होने की समस्या के समाधान में सहायक माना गया है। नाक बहना व छींक आने जैसी समस्या के दौरान गर्म पानी पीने से राहत महसूस होती है (4)। अक्सर नाक बंद होने के दौरान नाक की नली में चिपचिपा पदार्थ (Mucus) जम जाता है, जिस कारण सांस लेने में परेशानी होती है। इस समस्या से छुटकारा दिलाने में भी गर्म पेय पदार्थ कारगर है। साथ ही श्वसन तंत्र में होने वाले इंफेक्शन से भी हमें बचा सकता है (5)।
गर्म पानी पीने के फायदे तो हैं ही, साथ ही इससे नहाना और इसकी भाप लेना भी हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। दरअसल, नाक बंद जैसी समस्या के दौरान गर्म पानी से नहाने और इसकी भाप लेने से बंद नाक खुल जाती है (6)।
4. ब्लड सर्कुलेशन
रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए भी आप गर्म पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। गर्म पानी शरीर में और नर्वस सिस्टम में जमे वसा को खत्म करता है। इससे आपके शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकालते हैं और रक्त संचार को बढ़ाते हैं (2)। इसके अलावा, आप गर्म पानी में डूबे हुए कपड़े को निचोड़कर थोड़ी देर अपने शरीर को गर्माहट दें और फिर थोड़ी देर बाद ठंडे पानी से। इस प्रक्रिया को दोहराने से भी आपका रक्त प्रवाह बढ़ने लगेगा (7)।
5. मासिक धर्म में
इसमें कोई दो राय नहीं कि गर्म पानी पीने के फायदे कई हैं। गर्म पानी का सेवन मासिक धर्म के दौरान करने से इस समय होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है (8)। इसके अलावा, अगर आप गर्म पानी से नहा लें या गरम पानी की सिकाई करें, तो भी दर्द से राहत मिल सकती हैं (9) ।
6. भूख कम करे
गर्म पानी पीने के फायदे में भूख कम करने को भी गिना जा सकता है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि इस संबंध में अभी ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन सामान्य पानी पर कई साइंटिफिक रिसर्च हो चुकी हैं। इन अध्ययनों में इस बात की पुष्टि की गई है कि अगर खाने से पहले पानी पिया जाए, तो भूख कम लगती है। का सेवन कर कुछ न कुछ खाते रहने की आपनी इच्छा को कम कर सकते हैं। साथ ही इस संबंध में अभी और शोध होना बाकी है कि क्या वजन कम करने के लिए पानी के इस तरीके को लंबे समय तक प्रयोग किया जा सकता है या नहीं (10)।
7. इम्यूनिटी बढ़ाए
गर्म पानी के फायदे बहुत हैं। इसे इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक माना जाता है। दरअसल, गर्म पानी से नहाने की आदत को इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक माना गया है (11)।
8. विषाक्त पदार्थों को हटाने में सहायक
पानी पीने के लाभ यकीनन कई हैं। पानी आपके शरीर की कोशिकाओं तक पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। साथ ही यह अंगों से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है (12) (2)। वहीं, सुबह गर्म पानी में नमक मिलाकर पीने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है (13)।
9. तनाव में
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गर्म पानी पीने से तनाव दूर होना का दावा किया जाता है। माना जाता है कि गर्म पानी के सेवन से काम, सफर व अन्य कारणों से होने वाले स्ट्रेस को दूर किया जा सकता है (2)। यहां हम स्पष्ट कर दें कि फिलहाल इससे संबंधित कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसके अलावा, सामान्य पानी का सेवन भी आपके तनाव के स्तर को कम करना में सहायक जरूर हो सकता है (14)। वहीं, एक शोध के मुताबिक, जिन लोगों को गर्म पानी से नहाने की आदत होती है, उनमें तनाव का स्तर काफी कम पाया गया है। दरअसल, गर्म पानी से स्नान करना आपको मनोवैज्ञानिक लाभ पहुंचाता है, जिस वजह से नींद भी अच्छी आती है और तनाव भी कम होता है (11)।
10. अचलासिया
गर्म पानी अचलासिया के लिए भी लाभदायक है। दरअसल, शरीर में मुंह से पेट तक भोजन पहुंचाने वाली नलिका होती है, जिसे ऐसोफेगस (esophagus) कहा जाता है। इसमें कोई समस्या आने पर मेडिकल भाषा में अचलासिया कहा जाता है (15)। अचलसिया की अवस्था में मरीजों को अपच, सीने में दर्द और मरोड़ महसूस होते हैं, लेकिन गर्म खाद्य पदार्थ (जिसमें गर्म पानी भी शामिल है) के सेवन से इस समस्या से ग्रसित लोगों को काफी राहत महसूस हो सकती है (16)।
11. दर्द से राहत दिलाने में सहायक
जैसे कि इस लेख में हम पहले भी बात कर चुके हैं, गर्म पानी मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में राहत पहुंचाता है। वैसे ही गर्म पानी पीने से सीने में उठने वाले दर्द को भी कम किया जा सकता है (17)। साथ ही कोलोनोस्कोपी (आंत की जांच) से पहले गर्म पानी का सेवन करने से प्रक्रिया-संबंधी दर्द कम होता है (18)। इसके अलावा, गर्म पानी की सिकाई से ब्लू बॉटल जेलीफीश के डंक की वजह होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है (19)। साथ ही गर्म पानी की सिकाई से कमर दर्द भी काफी हद तक कम हो सकता है (20)।
12. त्वचा स्वास्थ्य
त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए रोज सुबह गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है। त्वचा के रोमछिद्रों के स्वास्थ बनाए रखने के लिए गर्म पानी का सेवन करना चाहिए। गर्म पीना पाने से शरीर के विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं, जिसकी मदद से मुंहासे की समस्या कम हो जाती है। गर्म पानी आपके पाचन को भी दुरुस्त करता है, जिसका सीधा संबंध आपके चेहरे से है। अगर आपके शरीर में पाचन की प्रक्रिया ठीक चल रही है, तो आपका चेहरा दमकता हुआ रहेगा (2)।
वहीं, गर्म (गुनगुना) पानी से आप सोने से पहले और सुबह उठने के बाद चेहरा धो सकते हैं, जिससे आपके चेहरे की त्वचा में मौजूद गंदगी अच्छे से साफ होगी और आपकी त्वचा स्वस्थ बनी रहेगी। इसके अलावा, आप गरम पानी से नहाकर पूरे शरीर की त्वचा में जमी गंदगी को साफ कर इसकी सेहत का ख्याल रख सकते हैं (21)। यहां ध्यान देने की बात यह है कि पानी ज्यादा गर्म न हो वरना आपकी त्वचा की नमी खो सकती है और स्किन रूखी हो जाएगी।
13. बालों का स्वास्थ्य
बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी हॉट वाटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन गर्म पानी से आप बालों को धोए नहीं, वरना ये रूखे हो जाएंगे। दरअसल, आपको बालों को नरम व मुलायम बनाने के लिए भी रोज गर्म पानी पीना होगा। गर्म पानी बालों की जड़ों को ऊर्जा प्रदान कर इसे सक्रिय करता है, जिससे बालों के विकास में भी मदद मिलती है। यह आपके बालों को स्वस्थ बनाने के साथ ही बालों का प्राकृतिक स्वरूप वापस लौटाने में सहायक हैं (2)।
इसके अलावा, रोजाना कंघी को गर्म पानी से धोना चाहिए, इससे कंघी में मौजूद सभी बैक्टीरिया दूर हो जाते हैं (22)। आप बालों को गर्म पानी की भाप भी दे सकते हैं। इससे आपके क्यूटिकल (बाल की पारदर्शी बाहरी परत) खुल जाती है और बाल हाइड्रेट रहते हैं (23)।
गर्म पानी पीने के लाभ जानने के बाद अब बात करते हैं कि गर्म पानी और ठंडे पानी में से क्या बेहतर है।
गरम पानी या ठंडा पानी – कौन सा पीना बेहतर है?
गरम पानी के फायदों के बारे में तो हम बात कर ही चुके हैं, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि गर्म पानी पीना ही हमारे शरीर के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। दरअसल, ठंडा पानी पेट में रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता है। इसलिए, गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है। यहां ठंडे पानी से हमारा मतलब बर्फ वाली पानी या फ्रिज में रखे पानी से है। इसके अलावा, ठंडा पानी पीने के बाद हमारे शरीर को इसे बॉडी टेम्परेचर में लाने के लिए अधिक ऊर्जा पैदा करनी पड़ती है।
वहीं, शोध बताते हैं कि ठंडा पानी जब हमारे अंदर जाता है, तो वो खाद्य पदार्थों के साथ शरीर में पहुंचे वसा को जमा देता है। इस वजह से पाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। ठंडे पानी के सेवन की वजह से आपको खराश भी हो सकती है। इतने दुष्प्रभाव के बावजूद कुछ मामलों में ठंडे पानी पीने के कुछ फायदे भी हैं। प्यास बूझाने के लिए ठंडा पानी ही इस्तेमाल में लाया जाता है, लेकिन खाना खाने के दौरान ठंडा पेय पीना शरीर के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है (24)।
गर्म पानी के नुकसान जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
क्या गर्म पानी पीने का कोई दुष्प्रभाव हैं?
सबसे पहले तो यह समझने की जरूरत है कि जब हम गर्म पानी की बात कर रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप खौलता हुआ पानी पीने की कोशिश करें। गर्म पानी से हमारा तात्पर्य है, गुनगुना पानी या इतना गर्म पानी जिसे आप आराम से पी सकें।
गरम पानी से आपकी जीभ जल सकती है।
अगर आप ज्यादा गर्म पानी पीते हैं, तो आपकी अन्नप्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है (25)।
गर्म पानी पीने से आपकी श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट) को भी नुकसान पहुंचा सकता है (26)।
गर्म पानी को दिनचर्या में शामिल करने के फायदे अनेक हैं। आपकी हर परेशानी से जुड़ा समाधान गरम पानी में छुपा है। बस इसे पीते समय थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है, वरना शरीर को ज्यादा गर्म पानी के नुकसान भी झेलना पड़ सकते हैं। हम आशा करते हैं कि आप गर्म पानी की चुस्कियों के साथ हमेशा सेहतमंद रहें। आपके जहन में अगर इस लेख से संबंधित कोई सवाल है, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। अगर आपको हॉट वाटर पीने से कुछ लाभ हुआ है, तो अपने अनुभव भी हमारे साथ जरूर शेयर करें।
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आलूबुखारा के 11 फायदे, उपयोग और नुकसान – Plums Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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आलूबुखारा के 11 फायदे, उपयोग और नुकसान – Plums Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
vinita pangeni Hyderabd040-395603080 August 6, 2019
फल खाना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन फलों को लेकर हर किसी की रुचि अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोगों को सेब पसंद होता है, तो कुछ लोगों को संतरे का स्वाद भाता है। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें खट्टे-मीठे फल ज्यादा लुभाते हैं। ऐसे ही फलों में शामिल है आलूबुखारा। इस फल में केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि कई औषधीय गुण भी छुपे हुए हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको पौष्टिकता से भरपूर आलूबुखारा के उपयोग और फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
आलूबुखारा के फायदे जानने से पहले जानना जरूरी है कि आखिर आलूबुखारा क्या है?
विषय सूची
आलूबुखारा क्या है- What is Plums in Hindi
स्वाद में खट्टा-मीठा आलूबुखारा गुलाब परिवार (Rosaceae) का गुठली वाला फल है (1)। अंग्रेजी में इसे प्लम के नाम से जाना जाता है। आलूबुखारा टमाटर जैसा दिखता है और इसका रंग बैंगनी या लाल होता है। आमतौर पर आलूबुखारा मई से अक्टूबर तक बाजार में मिलता है। इसकी कुछ आम किस्मों में काला आलूबुखारा, ग्रींगेज (Greengage) प्लम, रेड प्लम, येलो प्लम व प्लूट्स शामिल हैं।
आलूबुखारा फल कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, जिनके गुणों की चर्चा हम नीचे करने जा रहे हैं।  आलूबुखारा के फायदे जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।  
आलूबुखारा के फायदे – Benefits of Plums in Hindi 
1. ह्रदय स्वास्थ्य
आलूबुखारा उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) को नियंत्रित कर सकता है, जिससे ह्रदय की सुरक्षा होती है। एक अध्ययन के मुताबिक, जिन लोगों ने सूखा आलूबुखारा (Prunes) और इसके जूस का सेवन किया, उनमें रक्तचाप का स्तर कम पाया गया। यह अध्ययन बताता है कि आलूबुखारा का सेवन ह्रदय संबंधी बीमारियों से बचाव में सहायक साबित हो सकता है (2)। दरअसल, ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से रक्त वाहिकाओं में दवाब पड़ता है, जिससे ह्रदय का जोखिम बढ़ सकता है (3)।
इसके अलावा, सूखा आलूबुखारा यानी प्रून्स का सेवन एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) से बचाव में सहायक हो सकता है (4)। एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आर्टरी वाल्स में फैट, कोलेस्ट्रॉल और प्लाग जमने लगते हैं। ये आपके रक्त प्रवाह को प्रभावित कर ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्कों और ह्रदय से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं (5)।
2. कब्ज
आलूबुखारा फल फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए यह कब्ज के इलाज में सहायक माना जा सकता है। साथ ही एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सूखा आलूबुखारा यानी प्रून्स में मौजूद फेनोलिक कंपाउंड मल त्याग में होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं (6)।
3. कैंसर
आलूबुखारा ही नहीं, बल्कि सूखा आलूबुखारा के फायदे भी अनेक हैं। इन दोनों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर से लड़ने में सहायक हैं (7)। आलूबुखारा का अर्क ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम करता है (8)। वहीं, एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, सूखे प्लम में मौजूद फाइबर और पॉलीफेनोल्स पेट के कैंसर के जोखिम कारकों को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं (9)। हालांकि, इसको लेकर शोध की आवश्यकता है।
4. डायबिटीज
सूखे आलूबुखारे में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड डायबिटीज के खतरे को कम कर सकते हैं। स्वाद में मीठा होने के बावजूद सूखा आलूबुखारा ब्लड शूगर को बढ़ाने का काम नहीं करता (10)। मधुमेह के लिए सूखे आलूबुखारा को आप स्नैक्स के तौर पर खा सकते हैं।
5. हड्डी स्वास्थ्य
आलूबुखारा के फायदे में हड्डी स्वास्थ्य भी शामिल है। एक अध्ययन के मुताबिक, रोजाना 100 ग्राम प्रून्स यानी सूखा आलूबुखारा खाने से हड्डी कमजोर करने वाले कारकों को दूर किया जा सकता है। साथ ही, इससे बोन मिनरल डेंसिटी में भी सुधार होता है (11)।
6. कोलेस्ट्रॉल
प्रून्स के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मदद मिल सकती है। इसके नियमित सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल एलडीएल (LDL) को कम किया जा सकता है। दरअसल, आलूबुखारा फल फाइबर से भरपूर होता है, जिस वजह से यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने का काम कर सकता है (12)।
7. वजन कम करने में सहायक
आलूबुखारा फल मोटापे को कम करने में भी सहायक होता है (13)। दरअसल, आलूबुखारे में काफी कम कैलोरी पाई जाती है (14)। इस वजह से यह फल वजन को नियंत्रित रखने में सहायक साबित हो सकता है। वहीं, फाइबर से भरपूर होने की वजह से भी आलूबुखारा फल को वजन कम करने में फायदेमंद माना जाता है (15) , (16)।
8. आंखों की सेहत
आलूबुखारा के गुण में आंखों की सेहत का ख्याल रखना भी शामिल है। इस फल में विटामिन-सी और विटामिन-ई प्रचुर मात्रा में होते हैं (17)। ये दोनों पोषक तत्व उम्र के साथ घटती आंखों की रोशनी की समस्या से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं (18)। हालांकि, मोतियाबिंद की रोकथाम में ये पोषक तत्व सहायक हैं या नहीं इस पर अन्य शोध की जरूरत है। आंखों की सेहत के लिए सूखा आलूबुखारा और आलूबुखारा फल दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
9. इम्यूनिटी
आलूबुखारा फल में मौजूद विटामिन-ए प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही इसमें मिलने वाला विटामिन-सी शरीर में मौजूद टिश्यू को रिपेयर करने और इनके विकास में सहायक होते हैं (19)। वहीं, आलूबुखारा को लेकर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, प्लम में प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुण हो सकते हैं। आहार में प्लम को शामिल करने के बाद बीमारी से लड़ने की क्षमता में बढ़ोत्तरी पाई गई (20)।
10. मस्तिष्क स्वास्थ्य
प्लम में मौजूद पॉलीफेनॉल्स कंपाउंड मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। यह मस्तिष्क के कोलेस्ट्रॉल स्तर को भी कम करके दिमागी बीमारियों के जोखिम को कम करता है (21)। आलूबुखारे को लेकर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, आलूबुखारा का जूस ब��़ती उम्र के साथ मस्तिष्क कार्यप्रणाली में आने वाली कमी को दूर करने में सहायक हो सकता है (22)। आलूबुखारा फल में ज्यादा फिनोलेक्स कंपाउंड होते हैं।
11. एंटीऑक्सीडेंट
आलूबुखारा विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैरोटीनॉयड व पॉलीफेनॉल्स से भरपूर होता है। ये सभी आलूबुखारा में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं (23)। दरअसल, एंटीऑक्सीडेंट की कमी से शरीर में मुक्त कणों (Free Radicals) का खतरा बढ़ जाता है, जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं (24)। बता दें कि फ्री रेडिकल्स कि वजह से आपकी आंखों के प्राकृतिक लेन्स खराब हो सकते हैं, जिससे अंधापन भी हो सकता है। इसके अलावा, जोड़ों में सूजन (गठिया) हो सकती है। साथ ही ये मस्तिष्क से जुड़ी समस्या और ह्रदय रोग का कारण भी बन सकते हैं (25)। इसलिए, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आलूबुखारा खाने से हम शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं (26)।
आलूबुखारा के फायदे जानने के बाद चलिए बात करते हैं, इसमें मौजूद पोषक तत्वों की।
आलूबुखारा के पौष्टिक तत्व – Plums Nutritional Value in Hindi 
आलूबुखारा फल को पौष्टिकता का खजाना भी कह सकते हैं। नीचे देखें प्रति 100 ग्राम आलूबुखारा में पोषक तत्वों की मात्रा कितनी पाई जाती है (17)। 
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम जल 87.23 ऊर्जा 46kcal प्रोटीन 0.70g कुल फैट 0.28g कार्बोहाइड्रेट 11.42g फाइबर 1.4g शुगर 9.92g  मिनरल्स कैल्शियम 6mg आयरन 0.17mg मैग्नीशियम 7mg फास्फोरस, पी 16mg पोटैशियम, के 157mg जिंक 0.10mg विटामिन विटामिन सी 9.5mg थायमिन  0.028mg राइबोफ्लेविन 0.026mg नियासिन 0.417 mg विटामिन बी-6 0.026mg फोलेट, डीएफई 5 µg विटामिन ए, RAE 17µg विटामिन ए, IU 345IU विटामिन ई, (अल्फा-टोकोफेरॉल) 0.26mg विटामिन के (फाइलोक्विनोन)  6.4µg लिपिड फैटी एसिड, सैचुरेटेड 0.017g फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड  0.134g फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.044g
आर्टिकल के अगले हिस्से में हम बता रहे हैं कि आलूबुखारे और सूखे आलूबुखारे के बीच क्या फर्क है। 
आलूबुखारा और सूखा आलूबुखारा के बीच अंतर क्या है?
आलूबुखारा रसदार गूदे से भरा होता है। जब ये फल सूख जाता है, तो इसे सूखा आलूबुखारा कहा जाता है, जो मेवे की श्रेणी में आता है। सूखे आलूबुखारा को अंग्रेजी में प्रून्स कहते हैं। आइए नीचे विस्तार से जानते हैं, दोनों के बीच के अंतर को-
आलूबुखारा गुठली वाला फल है, जो मुलायम गूदे से भरा होता है। वहीं, सूखा आलूबुखारा चिपचिपा होता है।
आलूबुखारा फल मई से अक्टूबर के बीच बाजार में मिलता है, लेकिन सूखा आलूबुखारा साल भर मिलता है।
सूखा आलूबुखारा फल से भी ज्यादा मीठा होता है।
आलूबुखारा में विटामिन- सी की मात्रा अधिक होती है, जबकि सूखे आलूबुखारे में विटामिन-सी कम होता है।
आलूबुखारा फल में पानी की मात्रा ज्यादा होती है। जहां प्रति 100 ग्राम फल में पानी की मात्रा 87.23g वहीं सूखे आलूबुखारे में यह घटकर 30.92g हो जाती है (17) , (27) ।
सूखा आलूबुखारा (प्रून्स) में फाइबर की मात्रा आलूबुखारा फल (प्लम) से ज्यादा पाई जाती है। इस वजह से कब्ज दूर करने के लिए प्रून्स का ही अधिक इस्तेमाल किया जाता है (28)।
आइए, अब जानते हैं कि आलूबुखारे को किस-किस तरह से प्रयाेग किया जा सकता है।
आलूबुखारा का उपयोग – How to Use Plums in Hindi 
आलूबुखारा के उपयोग करने के कई तरीके हैं, लेकिन इससे पहले आपको ठोस, रसदार और बिना निशान लगे हुए आलूबुखारे खरीदने चाहिए।
आप आलूबुखारे को काटकर ओटमील, सलाद, दही, स्मूदी और पुडिंग में मिलाकर खा सकते हैं।
आप आलूबुखारा और सूखा आलूबुखारा दोनों को पिज्जा की टॉपिंग के लिए भी उपयोग में ला सकते हैं।
आलूबुखारा का इस्तेमाल मफिन, ब्रेड और अन्य डेजर्ट में भी किया जा सकता है।
आलूबुखारे की आप खट्टी-मिठ्ठी चटनी भी बना सकते हैं।
आप इसका जूस बनाकर भी पी सकते हैं।
सूखा आलूबुखारा को आप आइसक्रीम व केक की टॉपिंग के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
सूखे आलूबुखारे को सीधे स्नैक के तौर पर भी खाया जा सकता है (29)।
चलिए, अब आपको झटपट बनने वाली आलूबुखारे की चटनी की रेसिपी के बारे में भी बता देते हैं। 
आलूबुखारे की चटनी
सामग्री:
250 ग्राम कटा हुआ आलूबुखारा
4 बड़े चम्मच कटे हुए बादाम
आधा छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
20 ग्राम पिसा हुई अदरक
दो चम्मच नींबू का रस
नमक स्वादानुसार
कुछ पुदीने के पत्ते गार्निशिंग के लिए
बनाने की विधि:
सबसे पहले आलूबुखारे को धो लें।
फिर आलूबुखारे को कुछ घंटे पानी में भिगोकर रख दें।
इसके बाद आलूबुखारे की गुठली निकालकर इसे टुकड़ों में काट लें।
अब आलूबुखारा, नमक और अदरक को एक पैन में डालकर गाढ़ा पेस्ट बनने तक पकाएं।
अंत में नींबू का रस डालकर इसे अच्छे से मिक्स कर लें।
लीजिए, तैयार है आलूबुखारे की चटनी। इसे ठंडा होने के बाद पुदीने के पत्तों से गार्निशिंग कर सर्व करें।
इस लजीज चटनी को आप पराठें, आलू टिक्की या पकौड़ों के साथ खा सकते हैं। इसके अलावा, इसे स्नैक्स के साथ भी परोसा जा सकता है। वहीं, यह चटनी ब्रेड पर जैम की तरह इस्तेमाल की जा सकती हैं।
आलूबुखारा जैसा पौष्टिक फल आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। आइये, जानते हैं आलूबुखारा के नुकसान।
आलूबुखारा के नुकसान – Side Effects of Plums in Hindi 
पौष्टिक आलूबुखारा के वैसे तो कोई नुकसान नहीं होते, लेकिन आपको इसका सेवन अत्यधिक मात्रा में नहीं करना चाहि। साथ ही इसके सेवन से पहले यह भी जान लेना जरूरी है कि कहीं आपको इससे एलर्जी तो नहीं है।
आलूबुखारा में लैक्सेटिव (पेट साफ करने ��ा प्राकृतिक गुण) होता है(30)। इसलिए, इसके अत्यधिक सेवन से आपको डायरिया भी हो सकता है (31)।
सूखे आलूबुखारे के ज्यादा सेवन से गैस की समस्या हो सकती है (32)।
आलूबुखारे में पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है (17)। इसके अधिक सेवन से हाइपरकलेमिया यानी शरीर में पोटैशियम की मात्रा बढ़ सकती है। इससे सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, जी मिचलाना और उल्टी हो सकती है (33)।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर आलूबुखारा के फायदे तो अब आप जान ही चुके हैं। अब आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर इसमें छुपे स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं, लेकिन इसका सेवन संतुलित मात्रा में करें, क्योंकि इसका अत्यधिक सेवन लेख में बताए गए आलूबुखारा के नुकसान का कारण बन सकता है। आलूबुखारा के गुण जानने के बाद आपको इसमें सबसे अच्छा क्या लगा, हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। इसके अलावा, आप हमसे आलूबुखारा से जुड़े सवाल भी पूछ सकते हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/alubukhara-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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