Tumgik
#ज्यादा भूख लगना
sehatgyantips · 8 months
Text
यदि आपको बेवजह बार-बार भूख लगती हैं? तो आपको….
0 notes
helputrust · 1 year
Photo
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
https://fb.me/e/1UVZFUxeV
होम्योपैथिक इलाज समय पर कराने से अत्यधिक कारगर होता है - हर्ष वर्धन अग्रवाल
होम्योपैथिक शिविर में 109 रोगियों को निःशुल्क परामर्श और दवाएं प्रदान की गयीं
लखनऊ, 18.12.2022 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में योग्य मान्यता प्राप्त चिकित्सक द्वारा "निःशुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर" का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर सेक्टर - 25 स्थित कार्यालय में हुआ l शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल तथा शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा ने दीप प्रज्वलन कर किया |
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने बताया कि होम्योपैथिक शिविर आयोजित करने की प्रेरणा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्र - सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास से मिली है श्री अग्रवाल ने कहा कि, होम्योपैथिक इलाज समय पर कराने से अत्यधिक कारगर होता है l यह प्रतिरक्ष�� प्रणाली और शरीर के प्राकृतिक रक्षा तंत्र को मजबूत करने का काम करती है, जिससे शरीर को संक्रमण से स्वयं लडऩे में मदद मिलती है । एलोपैथी की तुलना में होम्योपैथी बहुत अधिक प्रभावी है, क्योंकि यह केवल लक्षणों का उपचार करने के बजाय बीमारी को जड़ से खत्म करती है । लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए और किसी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या होने पर तत्काल अपने डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार करवाना चाहिए l जिससे बीमारी बढे न और जटिलता से बचा जा सके l जनहित में नियमित स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा l
डॉ० संजय कुमार राणा ने कहा कि, होम्योपैथी उच्च सामर्थ्यवान (Potentised) तत्वों की बेहद छोटी खुराकों की मदद से शरीर द्वारा स्वयं को ठीक करने की शक्ति बढ़ाने का काम करती है l होम्योपैथी की सही औषधि शरीर की स्वाभाविक उपचार प्रवृत्ति को बेहद धीमे-धीमे प्रोत्साहित करती है l होम्योपैथी के ज़रिए कोई व्यक्ति धीरे-धीरे और स्थायी रूप से दीर्घकालिक या जीवन भर चलने वाली शारीरिक, मनोवैज्ञानिक परेशानियों के साथ-साथ उन बाधाओं को भी दूर कर सकता है जो किसी अन्य उपचारात्मक पद्धति से दूर नहीं हो पाई हैं l इस तरह, होम्योपैथी चिकित्सीय प्रयास में सिर्फ एक सहायक या स्थानापन्न से कहीं ज्यादा है l
होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे कि, सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, ह्रदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) आदि से पीड़ित 109 रोगियों का वजन, रक्तचाप (Blood Pressure) तथा मधुमेह (Sugar-Random) की जांच की गयी l डॉ० संजय कुमार राणा ने परामर्श प्रदान किया l सभी को डॉ० संजय कुमार राणा ने निःशुल्क होम्योपैथी दवा प्रदान की l महिलाएं, पुरुष, बुजुर्गों तथा बच्चों सभी उम्र के लोगों ने होम्योपैथी परामर्श लिया l
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों तथा डॉ० संजय कुमार राणा की टीम के सदस्य राहुल राणा तथा दिनकर दुबे की उपस्थिति रही l
#homeopathy #homeopathyworks #homeopathicmedicine #homeopathyheals #homeopathic #health #homoeopathy #homeopath #medicine #homeopathytreatment #homeopathicremedies #wellness #homeopathicdoctor #homeopathyhealth #healthylifestyle #homeopathyworksforme #homeopathyresearch #homeopathycures #ilovehomeopathy #postcovidcare #HelpUHomeopathyCamp #HelpUCoronaWarrior #HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
10 notes · View notes
Tumblr media
बढ़ते शुगर लेवल के इन लक्षणों को कहीं आप भी तो नहीं कर रहे नजरअंदाज!
- बार-बार पेशाब आना - बार-बार यूरिन में इंफेक्शन - ज्यादा प्यास लगना - लगातार भूख लगना - वजन का घटना - झनझनाहट या सुन्न होना
बेहतर इलाज के लिए स्वस्थ्या क्लिनिक विजिट करें।
📞 संपर्क करें: 8504994718, 7300041110
डॉ. राहुल माथुर(Diabetes treatment in jaipur) जनरल फिजिशियन एवं डायबिटोलॉजिस्ट
सी.के. बिरला हॉस्पिटल, जयपुर
general physician in jaipur
Allergy treatment in jaipur
0 notes
gacrewa · 3 months
Text
Tumblr media
मधुमेह - Government Autonomous Ayurveda College and Hospital , Nipaniya Rewa
मधुमेह, जिसे आमतौर पर डायबिटीज़ के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर रोग है जिसमें रक्त शर्करा स्तर अनुबंधित होता है। यह रोग बढ़ती उम्र, अपरिपक्व आहार और अन्य कई कारकों के कारण हो सकता है।
• बार-बार पेशाब आना • बहुत ज्यादा प्यास लगना • बहुत ज्यादा भूख लगना • अत्यधिक थकान • धुंधली दृष्टि • कटे/चोट जो धीरे-धीरे ठीक होते हैं • वज़न कम होना भले ही आप अधिक खा रहे हों • हाथों/पैरों में झुनझुनी, दर्द या सुन्नता
यदि आपको इन लक्षणों में से किसी भी एक का सामना हो रहा है, तो अधिक जानकरी और बेहतर उपचार के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में संपर्क करे।
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, रीवा (म.प्र.)
फोन : +91 9575522246, 07662299159
वेबसाइट :- https://gacrewa.org.in/
पता :- निपनिया, रीवा मध्य प्रदेश 486001
0 notes
drsonikapandey · 9 months
Text
Tumblr media Tumblr media
TB एक गंभीर बीमारी हो सकती है, और लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यहाँ कुछ आम लक्षण हैं:
• खांसी के साथ बलगम और खून आना • साँस लेने पर सीने में दर्द होना • बेचौनी और सुस्ती महसूस होना • भूख कम लगना और वजन घटना • रात में हल्का बुखार रहना • थकान और शरीर में दर्द रहना • 2 हफ्तों सी ज्यादा खांसी • गले या शरीर में गठन
यदि आपको ये लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको चिकित्सक से मांगी गई सलाह के अनुसार जांच करवानी चाहिए। सही समय पर विशेषज्ञ को दिखाएं! TB के लक्षणों को नजरअंदाज ना करें, सही समय पर इलाज करवाएं, और अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाएं।सही समय पर विशेषज्ञ को दिखाएं 12 साल से अधिक का अनुभव-
डॉ. सोनिका पांडेय
Senior Consultant Medicine
MBBS (Gold Medalist), MD Medicine
अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करे :+91-9508253716Visit
करे नेफ्रो केयर क्लिनिकएडवांस पैथोलॉजी, मां दुर्गा मेडिकल, इटकी रोड, पिस्का मोड़, रांची, झारखंड
समय: सुबह 11 बाजे से दुपहर 2 बाजे तकप्रत्येक दिन शाम को 6:00 PM बाजे से 8:00 PM बाजे तकरविवार: सुबह 11 बाजे से दुपहर 2 बाजे तक
अधिक जानकारी के लिए फॉलो करे
https://www.facebook.com/drsonikapandey
https://www.instagram.com/seniorconsultantmedicine/
#drsonikapandey #asthmaawareness #asthma #Asthma
0 notes
drarvindkuma · 1 year
Photo
Tumblr media
मलाशय में खुजली सहित पेट में कीड़े होने से शरीर में दिखते हैं ये लक्षण, जानें कारण... पेट में कीड़े होने के लक्षण-Stomach worms symptoms in hindi मलाशय में खुजली (Anal itching) ... लगातार होने वाली मतली और उल्टी (Nausea and vomiting) ... ज्यादा दांत पीसना (Grinding teeth) ... पेट में दर्द (Stomach Pain) ... अचानक से वजन का कम होना (Sudden Weight loss) ... मल में सफेद डॉट्स आना (White dots in the stool) ये लक्षण हैं तो आपके पेट में भी हो सकते हैं कीड़े, किचन में रखी ये चीजें हैं इनका रामबाण इलाज कई बार अचानक ही पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है। डॉक्टर से मिलने के बाद पता चलता है कि पेट में कीड़े हैं। ये कीड़े ज्यादातर बच्चों के पेट में पाए जाते हैं। पेट में कीडे पड़ना एक आम बात है। इसमें पाचन संबंधी विकार जैसे भूख न लगना, जी मिचलाना, उल्टी आना और कमजोरी होने लगती है। जब कीड़ों के लार्वे फेफड़े तक पहुंच जाते हैं, तो दमा रोग भी हो सकता है। बच्चों द्वारा मिट्टी खाने, दूषित भोजन खाने, गंदे कपड़े पहनने, शरीर की उचित सफाई न करने, बाहर का दूषित खाना खाने, मांस-मछली, गुड़, दही, सिरका आदि अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में कीड़े हो जाते हैं। आज हम आपको पेट में कीड़े होने के लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में बताएंगे। पेट में कीड़े के लक्षण जीभ सफेद और आंखे लाल हो जाती हैं। होंठ सफेद, गालों पर धब्बे और शरीर में सूजन आदि के लक्षण दिखाई देते हैं। गुदाद्वार तथा उसके आस-पास की त्वचा पर खुजली होती है। मल में खून आना और उल्टी होना। घरेलू उपचार_________ छाछ में नमक तथा काली मिर्च का चूर्ण डालकर चार दिन तक पिएं। आधा चम्मच हल्दी लेकर तवे पर सूखी भून लें। फिर इसे रात को सोते समय पानी से लें। एक चम्मच करेले का रस लेकर गर्म पानी में मिलाकर पिएं। अजवाइन के सत्व की चार-पांच बूंदे पानी में डालकर सेवन करें। दो चम्मच अनार का जूस रोजाना लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। पेट के कीड़ों से बचने के लिये.... 👉अधिक जानकारी या डॉक्टर से फ्री सलाह के लिए कॉल या WhatsApp करें, Dr. Arvind K- 9911987787 (at Military Hospital, Dehradun) https://www.instagram.com/p/CpmuAeJSrK9/?igshid=NGJjMDIxMWI=
0 notes
Text
Liver cirrhosis symptoms in hindi : Liver Cirrhosis की इन संकेतों से करें पहचान
Tumblr media
Liver cirrhosis symptoms in hindi : फैटी लीवर एक ऐसी बीमारी है जिसका अगर समय रहते इलाज नहीं किया गया तो यह बहुत खतरनाक रूप ले सकती है. तो आइए जानते हैं कि इसके क्या-क्या लक्षण होते हैं (Liver cirrhosis symptoms in hindi)
Liver cirrhosis symptoms in hindi : जैसा की हम जानते हैं फैटी लीवर एक ऐसी बीमारी है जो लोगों के खराब लाइफस्टाइल और असंतुलित खान पान के कारण होती है.फैटी लीवर दो तरह के होते हैं, पहला है एल्कोहॉलिक फैटी लीवर और दूसरा है नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लीवर. आज हम आपको बताएंगे कि फैटी लीवर होने के क्या लक्षण होते हैं और आप कैसे इसकी पहचान कर सकते हैं.
सिरोसिस के प्रमुख लक्षण (Liver cirrhosis symptoms in hindi)
- बहुत अधिक थकान महसूस होना - भूख में कमी होना और वजन का घटना - पैरों या टखनों में सूजन होना (एडिमा) - मतली आना और त्वचा में खुजली - त्वचा में और आंखों में पीलापन  होना (पीलिया) - आपके पेट में द्रव जमा का होना - आपकी त्वचा पर मकड़ी जैसी रक्त वाहिकाएं - आपके हाथों की हथेलियों में लाली होना
ये होता है फैटी लीवर
जब हमारे लीवर में बहुत ज्यादा फैट जमा हो जाता है तो इसे हम फैटी लीवर कहते हैं. लिवर पित्त रस को बनाता है जो लीवर से टॉक्सिन्स को दूर करने में हमारी सहायता करता है. इसके अतिरिक्त ये रस बॉडी के लिए प्रोटीन बानाने में भी मदद करता है. इतना ही नहीं ये आयरन और जरूरी न्यूट्रियंट्स को एनर्जी में कन्वर्ट करने का काम करता है. लीवर में फैट की अधिक मात्रा बढ़ जाने पर ये हमारे कामकाज में दिक्कत पैदा करने लगता है.
जानिए क्या होता है एल्कोहॉलिक और नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लीवर
जैसा की हमने बताया फैटी लीवर दो तरह के होते हैं जिनमें से एल्कोहॉलिक फैटी लीवर अत्यधिक शराब पीने की वजह से होता है. जो लोग शराब नहीं पीते और फिर भी उनके लीवर में फैट जमा हो जाता है तो हम उसे नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लीवर कहते हैं. इन दोनों ही कंडीशन में लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis symptoms in hindi) का सामना करना पड़ता है.
लीवर सिरोसिस के प्रमुख लक्षण
लीवर सिरोसिस एक बेहद ही गंभीर बीमारी होती है. इसमें लीवर के सेल्स डैमेज हो जाते हैं और इसकी वजह से लीवर सही से अपना काम नहीं कर पाता है. जब ये समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो हम उसे एडवांस सिरोसिस कहते हैं. लीवर सिरोसिस होने पर व्यक्ति को थकान, कम भूख लगना, उल्टी, पैरों में सूजन, वजन कम होना, त्वचा में खुजली लगना आदि लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं.
इस तरह कम कर सकते हैं फैटी लीवर का खतरा 
फैटी लीवर के खतरे को कम करने के लिए आप अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को लें ,जैसे कि फ्रूट्स, सब्जियां, साबुत अनाज आदि को आप अपने डाइट में शामिल करें. आपका वजन अगर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है तो एक्सरसाइज करके अपना वजन घटाएं. इससे भी सिरोसिस (Liver cirrhosis symptoms in hindi) के खतरे को कम करने में सहायता मिलेगी. Read the full article
0 notes
tvhealth1 · 2 years
Text
Thyroid in Hindi - थायराइड क्या है और जानिए इसके कारण, लक्षण, निदान और घरेलू उपचार?
Tumblr media
थायरॉइड क्या है? (What is Thyroid in Hindi?)
Tumblr media
Thyroid in Hindi - सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि ये अपने आप में किसी बीमारी का नाम नहीं है, लेकिन ये थायराइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली से जुड़ी समस्या है, क्योंकि इसकी वजह से कई और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती है, इसलिए इसके प्रति सजगता जरूरी है। दरअसल ये ग्लैंड गले के निचले हिस्से में स्थित होता है, इसके निचले हिस्से में खास तरह के हार्मोन टी-3 और टी-4 का स्त्राव होता है। जिसकी मात्रा के असंतुलन का असर सेहत पर भी पड़ता है।  बच्‍चों में थायराइड - Thyroid in Children in Hindi थायराइड जैसी समस्या बड़ों को होने वाली समस्या है, लेकिन आजकल थायराइड (Thyroid in Hindi) बच्चों को भी हो सकता है। पुरुषों और बच्चों की तुलना में महिलाओं को थायराइड की समस्या अधिक होती है। बच्चों में ये समस्या तब होती है जब आप बच्चों के खानपान की आदतों पर अच्छे से ध्यान नहीं देते हैं। इसमें गले में मौजूद तिलती के आकार की एक ग्रंथि होती है। ये ग्रंथि हार्मोन का निर्माण करती है। ये शरीर की सभी कोशिकाों को ठीक से काम करने के लिए थायराइड हार्मोन की आवश्यकता होती है। थायराइड हार्मोन बॉडी की कई गतिविधियों को कंट्रोल करने का काम करता है, जैसे बॉडी कितनी तेजी से ऊर्जा का इस्तेमाल करती है और दिल कितनी तेजी से धड़कता है।  साथ ही ये हार्मोन शरीर के वजन, तापमान, मांसपेशियों और मूड को कंट्रोल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं थायराइड (Thyroid in Hindi) हार्मोन के अंसतुलित होने पर इसके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। 
थायरॉइड रोग के प्रकार (Thyroid Types in Hindi)
Tumblr media
थायराइड हार्मोन मेटाबोलिक रेट, भोजन ग्रहण करने और थर्मोजेनेसिस को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। हाइपरथायराइडिज्म में थायराइड हार्मोन अधिक मात्रा में बनने लगता है। इसमें टी-3 और टी-4 का लेवल बढ़ने और टीएसएच का लेवल घटने लगता है। कभी-कभी थायराइड ग्रंथि की सूजन की वजह से स्थायी तौर पर हाइपोथाइराडिजम हो सकता है।    साथ ही थायराइड (Thyroid in Hindi) का दूसरा प्रकार है हाइपरथाइराडिज्म जिसमें थायराइड हार्मोन कम बनने लगता है और टी-3 और टी-4 की सीरम लेवल घटने और टीएसएच का लेवल बढ़ने लगता है।  थायराइड से जुड़ी सामान्य समस्याएं -  - हाइपोथायरोडिज्म - इसमें थायराइड ग्रंथ के अधिक सक्रिय होने की वजह से थायराइड हार्मोन का अत्यधिक स्त्राव होने लगता है। - हाइपोथायराइ़डि ज्म - इसमें थायराइड ग्रंथि सामान्य स��� कम मात्रा में थायराइड हार्मोन का स्त्राव करती है।  - थायराइड कैंसर - एंडोक्राइन ट्यूमर का सबसे खतरनाक रूप कैंसर ही है। ऊतकों के आधार पर थायराइड कैंसर कुछ इस प्रकार में वर्गीकृत किया जा सकता है।   
थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)
Tumblr media
थायराइड ग्रंथि की अतिसक्रियता की वजह से शरीर में मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है, जिसकी वजह से कुछ इस प्रकार की परेशानियां उत्पन्न होने लगती है -  घबराहट  नींद न आना चिड़चिड़ापन रहना  हाथों में कंपन  अधिक पसीना आना  दिल की धड़कन का बढ़ना  वजन अचनाक घटना  अत्यधिक भूख लगना  मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द रहना  महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमित रहना  बालों का पतला होने या अधिक झड़ना  ओस्टियोपोरोसिस से हड्डियों में कैल्शियम तेजी से खत्म होना आदि। 
थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता 
थायराइड (Thyroid in Hindi) की अल्पसक्रियता की वजह से हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है, जिसकी वजह से कुछ इस प्रकार की परेशानियां होने लगती है -  धड़कनो का धीमा होना  हमेशा थकावट का अनुभव  सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील  वजन का बढ़ना  पसीना नहीं आना या कम आना  स्किन में सूखापन और खुजली होना  जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में ऐठन  बालों का अधिक झड़ना  कब्ज की समस्या  नाखुनों का पतला होकर टूटना  कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना  मासिक धर्म में अनियमितता आना  बार-बार भूलना  आंखों में सूजन  कब्ज रहना  सोचने-समझने में परेशानी होना 
थायरॉइड रोग होने के कारण (Thyroid Causes in Hindi)
थायराइड (Thyroid in Hindi) से जुड़े रोग होने के काफी कारण है, जिन्हें ध्यान में रखकर इस बीमारी से शुरुआती दौर में ही बचा जा सकता है और इसके कारण है - जरूरत से ज्यादा सोया प्रोटीन, कैप्सूल और पाउड का सेवन करना  अधिक स्ट्रेस लेना  दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से भी थायराइड हो सकता है धूम्रपान करना  आयोडिन की कमी या अधिकता  ये अनुवांशिक हो सकता है यदि आपके परिवार में किसी को थायराइड की बीमारी है तो आपको भी समस्या के होने के अधिक होने चांसेस है।  हाशिमोटो रोग, ग्रेव्स रोग, ग्वाइटर जैसे कुछ खास रोग भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।  प्रेग्नेंसी के समय औरत के शरीर में बड़े पैमाने पर हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से थायराइड (Thyroid in Hindi) हार्मोन प्रभावित हो सकते हैं। अन्य कारण  1. हाशिमोटो रोग (Hashimoto’s disease) ये डिजीज थायराइड ग्रंथि के किसी एक भाग को निक्रिय बना दें है।  2. थायरॉइड ग्रंथि में सूजन (Thyroiditis) ये थायराइड (Thyroid in Hindi) ग्रंथि में सूजन आने की वजह से होती है। इसकी शुरूआत में इसमे थायराइड हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है और बाद में इसमें कमी आ जाती है। इस कारण हाइपोथायरायडिज्म होता है। कई बार ये महिलाओं में गर्भावस्था के बाद देखा जाता है।  3. ग्रेव्स रोग (Graves–disease) ग्रेव्स रोग व्यस्क व्यक्तियों में हाइपोथायरायडिज्म होने का मुख्य वजह है। इस बीमारी में शरीर की रोग प्रतिक्षा प्रणाली ऐसे एंटीबायोडिट्स का उत्पादन करने लगती है जो TSH को बढ़ाती है। ये अनुवांशिक बीमारी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।         4. गण्डमाला रोग (Goitre) ये रोग घेंघा डिजीज की वजह से भी हो सकता है।  5. विटामिन बी12 (Vitamin B12) विटामिन बी 12 की वजह से हाइपोथारायडिज्म हो सकता है। 
थायराइड को कैसे करें कंट्रोल - Tips to control Thyroid
Tumblr media
थायराइड ग्लैंड में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ने की वजह से ये समस्या होती है। थायराइड (Thyroid in Hindi) को कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज और दवा ये तो लाभ मिलते है। साथ ही ऐसी डाइट भी बेहद मायने रखती है जो थायराइड को कंट्रोल करें और वह कुछ इस प्रकार है -  1. जंक फूड दूर रहे (stay away from junk food) जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड को अपने जीवन से हटा दें। प्रोसेस्ड फूड ने हमारे दैनिक जीवन में ऐसी पैठ बना ली है कि, यह एक गंभीर परीक्षा की तरह लग सकता है, लेकिन एक बार जब आप अपने जीवन से सही चीजों की पहचानना और हटाना सीख जाते हैं, तो आप अपने स्वास्थ्य में एक स्पष्ट सुधार देखेंगे। 2. नियमित व्यायाम (Regular Exercise) हमारा जीवन हमारे पूर्वजों की तुलना में बहुत अधिक गतिहीन है और यही कारण है कि हमें बहुत अधिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं। उस शरीर को हिलाएं चाहे वह तेज चलना, नृत्य, योग या अपनी पसंद की कोई अन्य गतिविधि हो। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा कैलोरी बर्न करना है। 3. धीरे खाओ (Eat Slow) यह सुनने में भले ही अच्छा लगे, लेकिन अपने भोजन में जल्दबाजी करने से आपके शरीर को तृप्त होने का मौका नहीं मिलता। सोच-समझकर खाना खाने और जानबूझकर चबाकर खाने से थायराइड (Thyroid in Hindi) और दिमाग के बीच संबंध बन जाता है जिससे आप अपने भोजन से अधिक संतुष्ट हो जाते हैं। चूंकि थायरॉयड ग्रंथि चयापचय के लिए जिम्मेदार है, इसलिए धीमी गति से खाने से चयापचय प्रक्रियाओं को बढ़ाने में मदद मिलती है। 4. योग (Yoga) योग आसनों के चमत्कारों से दुनिया जाग रही है। योग के अभ्यास से कई लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। संपूर्ण अंतःस्रावी तंत्र योग के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देता है। विशेष रूप से फायदेमंद है शोल्डर स्टैंड थायराइड स्वास्थ्य के लिए। 5. कुक योर ग्रीन्स (Cook Your Greens) कुछ क्रूस वाली सब्जियां अपने प्राकृतिक रूप में खाने से थायरॉयड ग्रंथि (Thyroid in Hindi) के इष्टतम कामकाज में बाधा आती है। तो गोभी, गोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, ब्रोकोली और फूलगोभी के अपने हिस्से को स्मूदी और सलाद में नहीं बल्कि उनके पके हुए संस्करणों में लें। अपने कच्चे रूप में इन सब्जियों में गोइट्रोजेन होते हैं जो थायरॉइड ग्रंथि के संतुलन को बिगाड़ देते हैं। 6. वसा खाएं (Eat the Fat) थायरॉइड ग्रंथि बेहतर ढंग से काम करती है जब इसे मक्खन और घी जैसे पर्याप्त स्नेहक प्रदान किए जाते हैं। इसलिए यदि आप डेयरी-मुक्त जा रहे हैं या यदि आप कम वसा वाले आहार को पसंद करते हैं, तो आप बदलना चाह सकते हैं। 7. प्रोबायोटिक्स खाएं (Eat Probiotics) एक और चीज जो थायरॉयड ग्रंथि को संतुलन की स्थिति तक पहुंचने में मदद करती है, वह है भोजन में पर्याप्त प्रोबायोटिक्स होना। इसलिए दही, एप्पल साइडर विनेगर और टेम्पेह सभी को अपने आहार का हिस्सा बनाना चाहिए। ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य में सुधार करते हैं और थायराइड (Thyroid in Hindi) के मुद्दों से निपटने में मदद करते हैं।
थायरॉइड रोग का घरेलू इलाज करने के उपाय (Home Remedies for Thyroid Disease in Hindi)
Tumblr media
आप थायराइड (Thyroid in Hindi) को नीचे दिए हुए घरेलू उपचार की मदद से इसमें सुधार पाया जा सकता है जो कुछ इस प्रकार है -  1. मुलेठी से थायरॉइड का इलाज (Mulethi: Home Remedies for Thyroid Treatment in Hindi) जन्हें थायराइड है और आप इसे ठीक करना चाहते हैं तो मुलेठी का सेवन आपके लिए बहुत लाभदायक होता है। इसमें ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो थायराइड ग्रंथी को संतुलित करके थकान को एनर्जी में बदल देता है।  2. अश्वगंधा चूर्ण के सेवन से थायरॉइड का इलाज (Ashwagandha Churna: Home Remedy for Thyroid in Hindi) अश्वगंधा थायराइड को कंट्रोल करने में काफी लाभदायक औषधि मानी जाती है, इसके लिए आप चाहें तो इसकी पत्तियों या जड़ों को उबाल कर पी सकते हैं। या फिर 200 से 1100 मिलीग्राम अश्वगंधा चूर्ण लें और इसकी चाय में मिलाकर इस्तेमाल करें। आप चाहें तो इसका टेस्ट बढ़ाने के लिए इसमें तुलसी के पत्ते भी मिलाकर पी सकते हैं।  3. थायरॉइड का घरेलू उपचार तुलसी से (Tulsi: Home Remedies to Treat Thyroid in Hindi) थायराइड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिएं। इसके बाद एक गिलास ताजे पानी में तुलसी की एक दो बून्द और कुछ ना खाएं। रोजाना ऐसा करने से थायराइड की बीमारी (Thyroid in Hindi) जल्दी ठीक हो जाती है।  4. थायरॉइड का घरेलू इलाज हरी धनिया से (Dhaniya: Home Remedy for Thyroid Treatment in Hindi) धनिया में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन का लेवल स्वाभाविक रूप से थायराइड को ठीक करने और थायराइड हार्मोन में उत्पादन को कंट्रोल करने का काम करता है। आप रात भर एक गिलास पानी में 2 चम्मच धनिया के बीज भिगोकर इसका उपाय बना सकते हैं।  5. त्रिफला चूर्ण से थायरॉइड से लाभ (Triphala: Home Remedies to Thyroid Treatment in Hindi) त्रिफला जैसी औषधी से थायराइड हार्मोन (Thyroid in Hindi) को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। थायराइड को कंट्रोल करने के लिए त्रिफला चूर्ण भी काफी प्रभावी होता है। त्रिफला तीन आयुर्वेदिक औषधियों को मिश्रण होता है। रोजाना गर्मी पानी के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से थायराइड हार्मोन कंट्रोल हो सकता है।  6. हल्दी और दूध से थायरॉइड की बीमारी का इलाज (Turmeric and Milk: Home Remedies for Thyroid Treatment in Hindi) थाइराइड की समस्या में हल्दी दूध का सेवन अधिक लाभदायक होता है। इसके सेवन से आपके शरीर में थाइराइड का स्तर हमेशा कंट्रोलमें रहता है। साथ ही आप चाहे तो थाइराइड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हल्दी को भुनकर भी खा सकते हैं।  7. लौकी के उपयोग से थायरॉइड में फायदा (Gourd: Home Remedy to Treat Thyroid Disease in Hindi) लौकी का जूस थायराइड के लिए फायदेमंद साबित होता है। लौकी के जूस को सुबह खाली पेट लेने थायराइड कम (Thyroid in Hindi) होने लगता है। लौकी का जूस पीने से एनर्जी बूस्ट होती है। इससे शरीर में ताकत बनी रहती है।  8. काली मिर्च के सेवन से थायरॉइड का उपचार (Black Pepper: Home Remedy for Thyroid Treatment in Hindi) काली मिर्च थायराइड में काफी राहत पहुंचाती है। आप खड़ी काली मिर्च या पाउडर के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। आप थायराइड की बीमारी कहने को तो बीमारी होती है, लेकिन ये बहुत ही गंभीर साबित भी हो सकती है, इसलिए थायराइड के लक्षणों को ध्यान में रखें और कोई भी लक्षण प्रकट होने पर तुरंत चेकअप करवाएं।  9. थायरॉइड के इलाज में उपयोगी है शिग्रु पत्र, कांचनार और पुनर्नवा का काढ़ा (Shignu Patra, Kanchnar and Punarnva decoction helps in Treatment of Thyroid) आयुर्वोदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शिग्रु पत्र और पुनर्नवा इन सभी हर्ब में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो थायराइड की सूजन में आराम देती है, इसलिए यदि आप थायराइड (Thyroid in Hindi) से परेशान है तो कांचनार, शिग्रु पत्र और पुनर्नवा के काढ़े का इस्तेमाल कर सकते है।  10. थायरॉइड की समस्या में आराम पहुंचाता है अलसी का चूर्ण (Benefits of Flaxseed Powder for Thyroid in Hindi) अलसी का बीज सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें कैलोरी, सोडियम, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, कैल्शियम के अलावा अधिक मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है जो थायराइड के साथ-साथ वजन कम करने में भी मदद करता है।   11. थायरॉइड के इलाज में सहायक है नारियल का तेल (Benefits of Coconut Oil in Treatment of Thyroid in Hindi) जिन लोगोंं के थायराइड के कारण हाथ और पैर ठंडे रहते हैं, उन लोगों के लिए ये तेल बहुत फायदेमंद होता है। आप नारियल तेल को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए इसके तेल में सब्जियां भी पका सकते हैं। थायराइड की समस्या को कंट्रोल (Thyroid in Hindi) करने के लिए आप हफ्ते में 3-4 बार नारियल पानी का सेवन भी कर सकते हैं। 
थायरॉइड के दौरान आपका खान-पान (Your Diet in Thyroid Disease)
Tumblr media
थायराइड की समस्या (Thyroid in Hindi) में खान-पान का बहुत ध्यान रखना पड़ता है जो कुछ स प्रकार है -  थायराइड की बीमारी (Thyroid in Hindi) में कम फेट वाले आहार का सेवन करें।  अधिक से अधिक फलों और सब्जियों को भोजन में शामिल करें।  थायराइड के घरेलू उपचार के अंतर्गत दूध और दही का अधिक सेवन करना चाहिए।  थायराइड के घरेलू इलाज के लिए आप विटामिन-ए का एक अधिक सेवन करें। इसके लिए गाजर खा सकते हैं।  गेंहू और ज्वार का सेवन करें।  मुलेठी मेें मौजूद तत्व थायराइ़ड ग्रंथि को संतुलित बनाते हैं ये थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।  आयोडिन युक्त आहार का सेवन करें।  पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें। मिनरल्स और विटामिन से युक्त भोजन लेने से थायराइड नियंत्रण करने में सहायता करता है। साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। इनमें उचित मात्रा में आयरन होता है, जो थायराइड (Thyroid in Hindi) के रोगियों के लिए फायदेमंद है।  आप नट्स जैसे बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीजों का अधिक सेवन करें। साथ ही इनमें कॉपर की पर्याप्त मात्रा होती है, जो थायराइड (Thyroid in Hindi) में लाभदायक होती है।  थायरॉइड के दौरान जीवनशैली (Your Lifestyle for Thyroid Disease) थायराइड के समय जीवनशैली (Thyroid in Hindi) में ये सब बदलाव करना चाहिए -  स्ट्र���स मुक्त जीवन जीने की कोशिश करें  रोजाना योगासन करें  थायरॉइड के लिए परहेज (Avoid These in Thyroid) जंक फूड एवं प्रिजरवेटिव युक्त आहार को नहीं खाएं।  धूम्रपान, एल्कोहल आदि नशीले पदार्थों से बचें।  योगासन से थायरॉइड का उपचार (Yoga for Thyroid Disease) थायरॉइड (Thyroid in Hindi) का उपचार इन योगासन द्वारा किया जा सकता है जो कुछ इस प्रकार है -  सूर्य नमस्कार पवनमुक्तासन सर्वांगासन हलासन उष्ट्रासन मत्स्यासन भुजंगासन निष्कर्ष (conclusion)  आप हमारे आर्टिकल के द्वारा थायराइड की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं, लेकिन इससे पहले थायराइड का अच्छे से जांच करवाएं और डॉक्टर सलाह लें। इसे आगे जारी रखने के लिए इस  TV Health पर क्लिक करें। Read the full article
0 notes
helputrust · 2 years
Photo
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
https://fb.me/e/3Crdc1Gmx
लखनऊ, 25.09.2022 | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 72 वें जन्म दिवस के अवसर पर "सेवा पखवाड़े" के अंतर्गत ह��ल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में "नि:शुल्क होम्योपैथिक परामर्श निदान एवं दवा वितरण शिविर" का आयोजन हेल्प एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में हुआ | शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल तथा शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा ने दीप प्रज्वलन कर किया |
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने डॉक्टर संजय कुमार राणा का आभार जताते हुए कहा कि "हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट "नर सेवा नारायण सेवा" को अपना लक्ष्य मानते हुए निरंतर ही आमजन की सेवा में लगा हुआ है तथा अपने स्थापना वर्ष से ही निरंतर रक्तदान शिविर, हेल्थ चेकअप शिविर, स्वास्थ्य परामर्श शिविरों का आयोजन करता आ रहा है | इसी कड़ी में आज ट्रस्ट द्वारा होम्योपैथिक शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिससे अधिक से अधिक आमजन नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठा सकें तथा माननीय प्रधानमंत्री जी के "स्वस्थ भारत अभियान" में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकें |
परामर्शदाता डॉ संजय कुमार राणा ने कहा कि "आज की तारीख में पूरी दुनिया में 30 करोड़ से ज्यादा लोग होम्योपैथी में भरोसा करते हैं| एलोपैथी जहां बीमारियों का पता लगाने, जांच करने का सबसे विश्वसनीय तरीका है वहीं बीमारी को दबाने की बजाय उसे जड़ से खत्म करने के लिए होम्योपैथी आज भी ज्यादा भरोसेमंद मानी जाती है | होम्योपैथी एक पूरी तरह सुरक्षित चिकित्सा पद्धति है | एलोपैथी के उलट इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता | अंग्रेजी मेडिसिन में आप जिस भी बीमारी के इलाज के लिए जिस भी दवा का सेवन करते हैं उसका कोई ना कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है | ट्यूबरक्लोसिस की दवा टी बी  का इलाज तो करती है लेकिन साथ ही लीवर पर भी नकारात्मक असर डालती है| माइग्रेन के लिए ली जा रही दवा का साइड इफेक्ट यह है कि यह रक्त को पतला करती है | किसी भी तरह के दर्द के लिए जो हम पेन किलर लेते हैं वह पेन किलर शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर रहा होता है | लेकिन होम्योपैथी के साथ ऐसा नहीं है | इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है | यह दवा सिर्फ उसी बीमारी और कष्ट का ही निवारण करती है जिसके लिए वह दी जा रही है |
होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे कि सीने में दर्द होना, भूख ना लगना, सांस फूलना, गुर्दे की बीमारी, मधुमेह, रक्तचाप, उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया, थायराइड, बालों का झड़ना आदि से पीड़ित 43 रोगियों के वजन, रक्तचाप तथा मधुमेह की जांच की गई | डॉ संजय कुमार राणा ने परामर्श प्रदान किया तथा नि:शुल्क होम्योपैथी दवा प्रदान की| महिलाएं, पुरुष, बुजुर्गों तथा बच्चों सभी उम्र के लोगों ने होम्योपैथी परामर्श लिया |
इस अवसर पर हेल्थ एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयं सेवकों तथा डॉ संजय कुमार राणा की टीम के सदस्य संतोष कुमार राणा, रोमनसन तथा राहुल राणा की उपस्थिति रही |
#homeopathy #homeopathyworks #homeopathicmedicine #homeopathyheals #homeopathic #health #homoeopathy #homeopath #medicine #homeopathytreatment #homeopathicremedies #wellness #homeopathicdoctor #homeopathyhealth #healthylifestyle #homeopathyworksforme #homeopathyresearch #homeopathycures #ilovehomeopathy #postcovidcare #HelpUHomeopathyCamp #HelpUCoronaWarrior #HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
9 notes · View notes
Text
भारत में शीर्ष आयुर्वेदिक कंपनी आपके उपयोग पर निर्भर करती है।
भारत की शीर्ष आयुर्वेदिक कंपनी क्या आपको भी जानकारी चाहिए। आपने आयुर्वेदिक कंपनी बहुत देखी और इस्तेमाल की होगी? दोस्तों पैट अंजलि के बारे में तो सुना ही होगा, क्यों न भारत की शीर्ष आयुर्वेदिक कंपनी की बात सुनी जाए। उत्तराखंड के शहर हरिद्वार में आपको अत्यधिक औद्योगीकरण देखने को मिलता है। आप कह सकते हैं कि हरिद्वार एक औद्योगिक क्षेत्र है। हरिद्वार में कोई भी औद्योगिक उपयोग उत्पाद हर्बल गुणवत्ता और खनिज सर्वोत्तम गुणवत्ता के माध्यम से खोज कर बनाया जाता है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड यह कंपनी उत्तराखंड में है जो भारत के हरिद्वार में स्थित है। यह भारत की शीर्ष आयुर्वेदिक कंपनी में से एक है। आयुर्वेदिक पतंजलि की स्थापना 2005 में हुई थी पत अंजलि में जड़ी-बूटियों से बनी आयुर्वेदिक दवाओं का काफी उत्पादन होता है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, जिसे पतंजलि नाम दिया गया है, यह बहुत ही शानदार तरीके से काम करती है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड न केवल भारत में अपने उत्पादन का प्रसार करती है, बल्कि विदेशों में भी इसका बोलबाला है। पतंजलि कंपनी ने साल में 26 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है. 2005 में रामदेव ने पतंजलि की शुरुआत की थी। बाबा बालकृष्ण के साथ बहुत अच्छे हैं। 92% अपनी निर्दिष्ट ट्राफियां प्राप्त करते हुए बालकृष्ण इस कंपनी के मालिक रहे हैं। पतंजलि को पहचानने वाली कंपनी दिल्ली में पाई जाती है। दवा आपकी जान बचा सकती है; आप कह सकते हैं कि दवा भगवान का रूप है। पूरी जिंदगी की कमाई एक बार में दवाई लेने में ही खर्च हो जाती है। अगर कोई बड़ी बीमारी है तो आप पैसे की गिनती नहीं कर पाएंगे, कितना लगता है। आयुर्वेदिक दवाएं बहुत राहत देती हैं और महंगी दवाएं नहीं हैं। तुलसी
Tumblr media
तुलसी एक ऐसी पत्तेदार औषधि है जो आज हर घर में पाई जाती है। अधिकांश भारतीय घरों में तुलसी का उपयोग पूजा के लिए भी किया जाता है। तुलसी को देवी का प्रकोप माना जाता है। आप लोगों ने खुद घर में तुलसी का प्रयोग अधिक किया होगा, पवित्र स्थान में चाय और तुलसी की ताजगी का प्रयोग किया जाता है। तुलसी के पौधे में भौतिक ऊर्जा को अवशोषित करने की बहुत शक्ति होती है। तुलसी से विटामिन प्राप्त होते हैं। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी अपनी दवा के लिए तुलसी का उपयोग करती है।
Writer Name –preeti 
Email Id – [email protected] Like, 
Comment, Share
  कुटजघन वटी पतंजलि कंपनी अपनी दवा में कुटजघन वटी का इस्तेमाल करती है, आपको बता दें कि यह बहुत फायदेमंद होती है। दोस्तों आपके शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है पेट, अगर यह खराब हो जाए तो मरीज का खाना पीने के लिए सब कुछ रह जाता है। आपके पेट में अधिक समस्या होती है जैसे भूख न लगना, दर्द शुरू हो जाना या पेट साफ न होना पेट दर्द के लिए यह ओस बहुत उपयोगी है। डालचीनी दालचीनी एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग सभी प्रकार के रोगों में किया जाता है। इसकी महक फीकी पड़ जाती है। हम इसे खाने में डालने के लिए भी दालचीनी का इस्तेमाल करते हैं। दालचीनी पेड़ों की ऊपरी परत से बनाई जाती है। ऐसे में यह कंपनी किसी महंगी या विदेशी दवा का इस्तेमाल नहीं करती है। भारतीय चिकित्सा पतंजलि कंपनी आपकी दवाओं में केवल और केवल जड़ी-बूटियों का उपयोग करती है जंगल से हरी भूसी और अपनी यात्रा खोज से आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करती है। जड़ी-बूटियों से बनी दवाएं उतनी उपयोगी नहीं होतीं, जितनी किसी और दवाई की होती हैं। आज के समय में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी पूरे भारत में काफी लोकप्रिय हो चुकी है। आज के समय में पतंजलि के कई उत्पाद आने लगे हैं:
1 note · View note
drswapnilsharma · 4 years
Text
Hepatitis-E - Dr. Swapnil Sharma
जच्चा-बच्चा की जान ले सकता है हेपेटाइटिस - ई का संक्रमण
डॉ.स्वप्निल शर्मा, मुंबई एमबीबीएस, एमएस, पीएनबी (आई सर्जरी) फेलोशिप इन लिवर ट्रांसप्लांट एड्स एचआईवी सर्जरी फोर्टिस हॉस्पिटल लि.
हेपेटाइटिस-ई का संक्रमण जच्चा-बच्चा की जान ले सकता है। दुनिया भर में प्रतिवर्ष 2 करोड़ से अधिक लोग हैपेटाइटिस-ई वायरस से संक्रमित होते हैं। यह वायरस लिवर (यकृत जिगर) पर आक्रमण करता है। पहली बार 1978 में कश्मीर की घाटियों में इस वायरस का पता लगा था। इस संक्रमण से लिवर फेल हो सकता है जिससे रोगी की मृत्यु हो सकती है। ऐसे मरीजों की चिकित्सा ऐसे केन्द्रों में करना आवश्यक हो जाता है जहां लिवर द्रांसप्लाट प्रत्यारोपण) की सुविधा उपलब्ध हो। लिवर फेलर के मामले में लिवर ट्रांस प्लाट ही रोगी को बचाने का एकमात्र तरीका होता है।
हेपेटाइटिस-ई का वायरस मानव मल के द्वारा फैलता है। इसलिए साफ पेयजल, भोज्य पदार्थों (सब्जी-भाजी) की स्वच्छता एवं हाथों की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। हेपेटाइटिस-ई वायरस से संक्रमित होने के बाद इसके लक्षण कुछ सप्ताह या महीने में उभर सकते हैं। कभी कभी इसके कोई विशेष लक्षण सामने नहीं आते और रोगी अपने आप 6 से 8 सप्ताह ��ें स्वस्थ हो जाता है। कुछ मरीजों में बुखार, चक्कर आना, उल्टियां होना, आंखों में पीलापन, भूख न लगना, थकान महसूस होना, पेट में दर्द होना शामिल है। हेपेटाइटिस-ई एक आरएनए वायरस है। इसके चार जीनोटाइप पाए जाते हैं। एशिया में जीनोटाइप-1 के ही मामले ज्यादातर सामने आते हैं। यह गर्भावस्था के दौरान ज्यादा परेशान कर सकता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में संक्रमण गर्भवती तथा गर्भस्थ शिशु को मृत्यु का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं हार्मोन में कुछ परिवर्तन होते हैं। इसके चलते गर्भवती के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में हेपेटाइटिस-ई का संक्रमण होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।
हेपेटाइटिस ई का संक्रमण गर्भवती मां से बच्चों में होने की संभावना तकरीबन 50 फीसदी होती है। बच्चे में संक्रमण होने से नवजात मृत्यु या स्टिलबर्थ भी हो सकता हैं।
संक्रमित मरीजों में से 15 से 25 फीसदी रोगों की मृत्यु हो जाती है। 15 से 60 फीसदी मरीजों में एक्यूट लिवर फेल्यर की स्थिति बन सकती है। ऐसी स्थिति में कैडेवेरिक लिवर (शव का जिगर) प्रत्यारोपित किया
जा सकता है। पर यह उपलब्ध नहीं होने पर परिवार के किसी भी स्वैच्छिक दानदाता के लिवर का एक हिस्सा निकालकर प्रत्यारोपण किया जा सकता है। ऐसे मरीजों को चिकित्सा केवल ऐसे ही संस्थानों में सफलतापूर्वक की जा सकती है जहां लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध हो। For more, visit:
https://liversurgeon.in/ 
liver specialist in Mumbai, Liver Transplant surgeon in Mumbai, liver transplant in Mumbai, liver transplantation in Mumbai, liver transplant center in Mumbai, liver transplant centers in Mumbai, best liver specialist in Mumbai, liver specialist doctor in Mumbai, liver diseases treatment in Mumbai, low cost liver transplant center in Mumbai, best liver transplant center in Mumbai, top 10 liver transplant centers in Mumbai
1 note · View note
khutkhuta · 2 years
Text
कोरोना इन्फेक्शन से रिकवरी के बाद जरुर खाएं ये चीज़ें
कोरोना इन्फेक्शन से रिकवरी के बाद जरुर खाएं ये चीज़ें
अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो कोरोना वायरस (Covid-19) या ओमिक्रोन इन्फेक्शन के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, तो यह पोस्ट पढना आपके लिए बहुत जरुरी है। कोरोना इन्फेक्शन से सेहत पर कितना बुरा असर पड़ता है ये तो सभी जानते हैं। इन्फेक्शन से रिकवर होने के बाद शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी आ जाती है, भूख लगना कम हो जाता है, पेट की नसें और मसल्स कमजोर हो जाती हैं, शरीर में अजीब सी थकान और चक्कर आना, बालों…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
arogyasharir · 2 years
Text
अपेंडिक्स — Appendicitis in Hindi — No 1 best टिप्स
अपेंडिसाइटिस शरीर में एक आंतरिक अंग में होता है जिसे अपेंडिक्स कहा जाता है। अपेंडिक्स एक पतली और छोटी ट्यूब होती है जिसकी लंबाई लगभग 2 से 3 इंच होती है। बड़ी आंत जहां मल बनता है वह आंत से जुड़ी होती है। अपेंडिक्स की एक दर्दनाक सूजन को एपेंडिसाइटिस के रूप में जाना जाता है।
Tumblr media
एपेंडिसाइटिस की शुरुआत में अक्सर दर्द होता है, आमतौर पर पेट के बीच में। कुछ ही घंटों में पेट के दाहिने निचले हिस्से में दर्द शुरू हो जाता है, जहां अपेंडिक्स होता है और दर्द तेज हो जाता है। इसका दर्द विशेष रूप से चलने, खांसने या इस स्थान पर दबाने पर अधिक तीव्र हो जाता है।
एपेंडिसाइटिस के लक्षणों में मतली, भूख न लगना, बुखार और एक लाल चेहरा शामिल हैं।
एपेंडिसाइटिस दो प्रकार के होते हैं — तीव्र और जीर्ण। तीव्र एपेंडिसाइटिस बहुत जल्दी विकसित होता है, जो कुछ घंटों से लेकर दिनों तक रहता है। क्रोनिक एपेंडिसाइटिस सूजन है जो लंबे समय तक बनी रहती है।
अगर किसी को अपेंडिसाइटिस की शिकायत है तो पेट से जल्द से जल्द अपेंडिक्स को निकाल देना चाहिए। एपेंड के संचालन को एपेंड कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति को एपेंडिसाइटिस होने की संभावना है, लेकिन इसका निदान करना संभव नहीं है, तो सर्जरी की सिफारिश की जाती है। यह अनुशंसा की जाती है क्योंकि अपेंडिक्स के फटने के जोखिम की तुलना में अपेंडिक्स को हटा देना बेहतर है।
परिशिष्ट मानव शरीर में कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं करता है और इसे हटाने से कोई दीर्घकालिक समस्या नहीं होती है।
ज्यादा जानकारी केलिए :
0 notes
helputrust · 2 years
Photo
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
https://fb.me/e/2TPq9aZr1
लखनऊ 28.08.2022 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में निशुल्क होम्योपैथिक परामर्श निदान एवं दवा वितरण शिविर का आयोजन हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इंदिरा नगर, सेक्टर 25 स्थित कार्यालय में हुआ | शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल तथा शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा ने दीप प्रज्वलन करके किया |
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने डॉक्टर संजय कुमार राणा का आभार जताते हुए कहा कि हमारा भारत एक विशाल देश है | जन सामान्य की अज्ञानता आहार-विहार के नियमों के प्रति उदासीनता स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही आदि के कारण देश में रोगियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है | इतनी बड़ी संख्या को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना आसान कार्य नहीं है | होम्योपैथी ने इस दिशा में सराहनीय कार्य किया है क्योंकि यह एक हानि रहित और कम खर्चीली चिकित्सा पद्धति है तथा इस सरल सी पद्धति द्वारा जटिल से जटिल रोगों की चिकित्सा बड़ी आसानी से की जा सकती है | अतः हमें भी इस पद्धति को अपनाना चाहिए और इसका प्रचार प्रसार कर मानव जाति का भला करना चाहिए |
परामर्शदाता डॉ संजय कुमार ने कहा कि होम्योपैथी एक ऐसी संपूर्ण उपचार पद्धति का नाम है जो बड़ी कोमलता के साथ शरीर की प्राकृतिक पुनर्जीवन दायक उपचार कारी प्रक्रिया में सहायता देती है | आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी में रसायनों का बहुतायत उपयोग किया जाता है जिसके प्रभाव से मानव शरीर की प्राकृतिक क्रियाएं प्रभावित होती हैं तथा रोग से ज्यादा रोगी दवाओं के दुष्प्रभाव से परेशान हो जाता है | जेएमडी इस वर्ष बेंदा डिसेस होम्योपैथिक चिकित्सा पूर्णतया दुष्प्रभाव से मुक्त है एवं पुराने लोगों में लंबे निदान के लिए श्रेष्ठतम है इसलिए होम्योपैथी को प्रभावी व सुरक्षित चिकित्सा पद्धति कहा गया है |
होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे कि, सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, ह्रदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) आदि से पीड़ित 86 रोगियों के वजन, रक्तचाप (Blood Pressure) तथा मधुमेह (Sugar-Random) की जांच की गयी l डॉ० संजय कुमार राणा ने परामर्श प्रदान किया तथा निःशुल्क होम्योपैथी दवा प्रदान की l महिलाएं, पुरुष, बुजुर्गों तथा बच्चों सभी उम्र के लोगों ने होम्योपैथी परामर्श लिया l ज्यादातर मरीज त्वचा रोग और जोड़ों के दर्द की बीमारी से ग्रसित पाए गए l
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों तथा डॉ० संजय कुमार राणा की टीम के सदस्य संतोष कुमार राणा, दिनकर दुबे, विष्णु, रोमनसन तथा राहुल राणा की उपस्थिति रही l
#homeopathy #postcovidcare #HelpUHomeopathyCamp #homeopathy #homeopathyworks #homeopathicmedicine #homeopathyheals #homeopathic #homoeopathy #homeopath #homeopathytreatment #homeopathicremedies #wellness #homeopathicdoctor #homeopathyhealth #healthylifestyle #homeopathyworksforme #homeopathyresearch #homeopathycures #postcovidcare #HelpUHomeopathyCamp #HelpUCoronaWarrior
#HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
नोट: ट्रस्ट और ट्रस्ट के पदाधिकारीगणों की शिविर में प्रदान किये गए चिकित्सीय परामर्श, निदान एवं दवा आदि के लिए कोई दायित्व व जिम्मेदारी नहीं होगी l जांच में गम्भीर रोग की पहचान होने पर शासकीय / निजी चिकित्सालयों में उचित ढंग से इलाज करवाना श्रेयस्कर होगा l पहले आएं पहले दिखाएं के आधार पर आपका स्वागत है l कृपया मास्क अवश्य पहनें l शिविर में आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं l
9 notes · View notes