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#भूख कम करने के घरेलू उपाय
sehatgyantips · 8 months
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यदि आपको बेवजह बार-बार भूख लगती हैं? तो आपको….
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healthremedeistips · 2 months
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आज अस्वस्थ जीवनशैली के कारण उत्तपन्न बीमारियों में से सबसे बड़ी बीमारी मोटापा है। यह बीमारी पूरी दूनिया में एक महामारी बन गई हैं भारत में अनेक लोग मोटापा के शिकार हैं ,मोटापे के कारण शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। जब परेशानियां बढ़ने लगती हैं तो लोग मोटापा कम करने के लिए उपाय खोजने लगते हैं। कई बार उचित जानकारी नहीं हो पाने के कारण लोग अपना वजन घटा नहीं पाते हैं। 
मोटापा या वजन का बढ़ना आज के समय में लोगों की सबसे बड़ी परेशानी बन गया है। वैसे तो मोटापा बढ़ने की सबसे बड़ी वजह खानपान है। लोग सादा खाना खाने के बजाय फास्ट फूड पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं ,जो वजन बढ़ाने या मोटापे का सबसे बड़ा कारक है और ये तो आप जानते ही होंगे कि मोटापा उच्च कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर जैसी समस्याओं को भी अपने साथ लेकर आता है। हालांकि काफी लोग ऐसे भी हैं ,जो मोटापा कम करने के लिए तरह -तरह के उपाय करते हैं लेकिन फिर भी उनका वजन कम नहीं होता है। ऐसे में हम आपके लिए कुछ घरेलू उपाय लेकर आए हैं ,जिन्हें आजमाकर आप मोटापे की समस्या से निजात पा सकते हैं। 
मोटापा क्या है ?
जब किसी व्यक्ति का शरीर का वजन सामान्य से अधिक हो जाता तो उसे मोटापा कहते हैं। आप रोज जितनी कैलोरी भोजन के रुप में लेते हैं जब आपका शरीर रोज उतनी खर्च नहीं कर पाता है तो शरीर में अतिरिक्त कैलोरी फैट के रुप में जमा होने लगता है जिससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है। 
मोटे होने का कारण क्या है ?
अधिक वजन वाले व्यक्तियों के शरीर में अत्यधिक मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है। यह शरीर में धीरे -धीरे गलत दिनचर्या ,प्रदूषण और अपच के कारण होती रहती है। वजन दो कारणों से बढ़ता है जो ये है-
अस्वस्थ खान -पान। 
शारीरिक गतिशीलता में कमी। 
मोटापा घटाने का घरेलू नुस्खे 
अदरक और शहद 
लगभग 30 मि.ली. अदरक के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पिएँ। अदरक और शहद शरीर की चयापचय क्रिया को बढ़ाकर अतिरिक्त वसा को जलाने का काम करते हैं। अदरक अधिक भूख लगने की समस्या को भी दूर करता है तथा पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। इस योग को सुबह खाली पेट तथा रात को सोने से पहले लेना चाहिए। इसे भी पढ़े
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ayurvedawellness23 · 10 months
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थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार: एक पूर्ण जानकारी
विषयसूची
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड के प्रकार
थायरॉइड के लक्षण
थायरॉइड के कारण
थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार
प्राकृतिक उपचार आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग
आहार और थायरॉइड के संबंध
योग और प्राणायाम
थायरॉइड के लिए जीवनशैली संशोधन
सुझाव और उपाय
थायरॉइड के लिए अपनी जांच और उपचार की जरूरत
आयुर्वेदिक उपचार के लाभ
थायरॉइड के उपचार के साथ स्वस्थ जीवन
आयुर्वेदिक उपचार के साथ थायरॉइड के लिए सत्यापित फायदे
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे शरीर के मेटाबॉलिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह एक ग्रंथि है जो गले के नीचे स्थित होती है और थायरोइड हॉर्मोन का निर्माण करती है। थायरॉइड हॉर्मोन हमारे शरीर के ऊर्जा स्तर, वजन, मस्तिष्कीय कार्यक्षमता और मनोवृत्ति को नियंत्रित करने में मदद करता है।
थायरॉइड के प्रकार
थायरॉइड के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें सबसे आम रूप से देखे जाने वाले हैं:
अत्यधिक थायरॉइड (हाइपरथायरॉइडिज़म)
अत्यंत कम थायरॉइड (हाइपोथायरॉइडिज़म)
ग्रेव्स रोग
गठिया
थायरॉइड के लक्षण
थायरॉइड के विभिन्न प्रकार के लक्षणों में थकान, तेजी से वजन घटना या बढ़ना, ध्यान न लगना, चिंता, तनाव, अवसाद, उच्च रक्तचाप, मूड स्विंग्स, बालों का झड़ना, बाहरी सूजन, चक्कर आना शामिल हो सकते हैं।
थायरॉइड के कारण
थायरॉइड के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, नियमित आहार की कमी, विषाक्त पदार्थों का सेवन, मानसिक तनाव, एक गलत जीवनशैली, गर्भावस्था, यात्रा, उम्र का बढ़ना और अनुवांशिकता।
थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार
थायरॉइड के लिए आयुर्वेदिक उपचार कई आपूर्ति प्रणालियों पर आधारित होते हैं। यह उपचार हमारे शरीर को संतुलित करके थायरॉइड के समस्याओं को सुधारते हैं और स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग
थायरॉइड के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाएं आमतौर पर प्राकृतिक होती हैं। इन दवाओं का उपयोग विभिन्न जड़ी बूटियों, पौधों, औषधियों और घरेलू नुस्खों से किया जाता है। यह दवाएं थायरॉइड के संतुलन को सुधारने, थकान को कम करने, शरीर को मजबूत बनाने और विभिन्न लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।
आहार और थायरॉइड के संबंध
थायरॉइड के रोगियों के लिए सही आहार बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने आहार में प्रोटीन, पौष्टिक तत्व, विटामिन और खनिजों को सम्मिलित करना चाहिए। केले, शाकाहारी भोजन, भूख बढ़ाने वाले आहार और फलों का सेवन करना उनके लिए लाभदायक हो सकता है।
योग और प्राणायाम
योग और प्राणायाम थायरॉइड के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्राणायाम के द्वारा शरीर में ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है और थायरॉइड के लक्षणों को कम किया जा सकता है। कुछ योगासन जैसे कि सर्वांगासन, हलासन, मत्स्यासन और शीर्षासन भी थायरॉइड को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
थायरॉइड के लिए जीवनशैली संशोधन
स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना थायरॉइड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। समय पर सोना, नियमित व्यायाम करना, तंबाकू और अल्कोहल का सेवन कम करना, तनाव को कम करना और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।
सुझाव और उपाय
थायरॉइड के उपचार के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करें, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर ये लें।
स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें और योग और प्राणायाम का अभ्यास करें।
तनाव को कम करने के लिए ध्यान और मेडिटेशन का अभ्यास करें।
अपनी जांच करवाएं और उपचार की जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सा पेशेवर की सलाह लें।
यदि आपको थायरॉइड के किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो आपको एक चिकित्सा पेशेवर की सलाह लेनी चाहिए। थायरॉइड रोग के निदान के लिए आपकी जांच और परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है। एक विशेषज्ञ डॉक्टर आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेगा और सही उपचार योजना तैयार करेगा।
आयुर्वेदिक उपचार के लाभ
आयुर्वेदिक उपचार थायरॉइड के लिए बहुत लाभदायक हो सकते हैं। ये उपचार शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर सुधार करने में मदद करते हैं। वे शरीर को बढ़ावा देते हैं, ऊर्जा स्तर को बढ़ाते हैं, मस्तिष्क की कार्यक्षमता को सुधारते हैं और स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।
थायरॉइड के उपचार के साथ स्वस्थ जीवन
थायरॉइड के उपचार के साथ, आप अपने जीवन को स्वस्थ और सकारात्मक बना सकते हैं। नियमित व्यायाम, सही आहार, योग और प्राणायाम, ध्यान और मनोयोग के अभ्यास करने से आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार के साथ थायरॉइड के लिए सत्यापित फायदे
थायरॉइड के लिए आयुर्वेदिक उपचार का उपयोग करने से आपको निश्चित रूप से फायदा मिलेगा। इन उपचारों का उपयोग करके आप थायरॉइड के लक्षणों को कम कर सकते हैं, अपने शरीर को संतुलित रख सकते हैं और स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
समापन
लेख में आयुर्वेदिक उपचार, संतुलित आहार, व्यायाम और योग को थायरॉइड के समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। पाठकों को व्यक्तिगत उपचार योजना के लिए हेल्थकेयर पेशेवरों से परामर्श करने की सलाह दी गई। आयुर्वेदिक देखभाल, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच से थायरॉइड को संभालने में मदद मिलती है। थायरॉइड से संबंधित समस्याओं का समय पर प्रबंधन के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें। आयुर्वेदिक ज्ञान क�� ग्रहण करें और संयंत्रित और स्वस्थ थायरॉइड के प्रति प्रयास करें।
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ragbuveer · 1 year
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(चतुर्थी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-25-जनवरी-2023
वार:-----------बुधवार
तिथी :----------04चतुर्थी:-12:34
पक्ष:-----------माघ
माह:----------शुक्लपक्ष
नक्षत्र:------पूर्वाभाद्रपद:-20:05
योग:--------परिध:-18:14
करण:--------विष्टि:-12:34
चन्द्रमा:------कुम्भ:-14:28/मीन
सुर्योदय:------07:29
सुर्यास्त:-------18:30
दिशा शूल------- उत्तर
निवारण उपाय:----गुड का सेवन
ऋतु :-----------------शिशिर
गुलीक काल:---11:30से 12:50
राहू काल:-------12:50से14:10
अभीजित------- नहीं है
विक्रम सम्वंत-----2079
शक सम्वंत --------1944
युगाब्द --------------5124
सम्वंत सर नाम:------नल
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-07:29से08:50तक
अमृत:-08:50से10:10तक
शुभ:-11:30से12:50तक
चंचल:-15:30से 16:50तक
लाभ:-16:50से 18:10तक
🌗चोघङिया रात🌓
शुभ:-19:49से21:29तक
अमृत :-21:29से23:09तक
चंचल :-23:09से00:49तक
लाभ :-04:09से05:49तक
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
👉आज के विशेष योग 👈
वर्ष का298वाँ दिन, भद्रा समाप्त 12:34, विनायक चतुर्थी, श्री गणेश जयंती, वरद् चतुर्थी, पंचक, रवियोग समाप्त 20:05, कुमारयोग 12:34 से 20:05, शान्ति चतुर्थी,
🪷👉वास्तु टिप्स👈🪷
रात्रि में सोने से पूर्व पुजा घर में छोटा सा बल्ब या एक घी का दीपक जलाएं।
*सुविचार*
ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती। यह तो अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।👍🏻प्रेमसे वोलिए राधे राधे
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
🧃🍹विभन्न बीमारियों में लाभदायक ज्यूस🍸🧉
1. *भूख लगाने के हेतुः-*
प्रातःकाल खाली पेट नींबू का पानी पियें। खाने से पहले अदरक को कद्दूकस करके सैंधा नमक के साथ लें।
2. *रक्तशुद्धि हेतु :-*
नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों का रस प्रयोग करें।
3. *दमाः-*
लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का रस, भाजी का सूप अथवा मूँग का सूप और बकरी का शुद्ध दूध लाभदायक है। घी, तेल, मक्खन वर्जित है।
4 *उच्च रक्तचापः-*
गाजर, अंगूर, मोसम्मी और ज्वारों का रस। मानसिक तथा शारीरिक आराम आवश्यक है।
5. *निम्न रक्तचाप*
मीठे फलों का रस लें, किन्तु खट्टे फलों का उपयोग ना करें। अंगूर और मोसम्मी का रस अथवा दूध भी लाभदायक है।
6. *पीलिया*
अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्मी, अंगूर की अनुपलब्धि पर लाल मुनक्के तथा किसमिस का पानी। गन्ने को चूसकर उसका रस पियें। केले में 1.5 ग्राम चूना लगाकर कुछ समय रखकर फिर खायें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज अपने लोगों के साथ दिन का मजा उठाएंगे। सेहत को लेकर दिन अच्छा रहेगा। फिजूल खर्चों को कम करने की कोशिश करें। गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें। घर की मरम्मत के कारण दिनचर्या अस्त व्यस्त हो सकती है। किसी काम को करने की जिम्मेदारी मिल सकती है। कोई आपकी तरफ आकर्षित हो सकता है। शुभ अंक - 3 और शुभ रंग - टरक्वॉइश है।
☀️ वृषभ राशि :- आज आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। घर पर सफलतापूर्वक किसी पार्टी का आयोजन कर पाएंगे। सेहत के लिहाज से दिन अच्छा रहेगा। परिवार के किसी बुजुर्ग की इच्छा को पूरा करेंगे। यात्रा के दौरान किसी की कंपनी को खूब एंजॉय करेंगे। किसी प्रॉप्रर्टी का मालिकाना हक मिल सकता है। प्रेम संबंधों के लिए समय कठिन है। शुभ अंक - 8 और शुभ रंग - महरुन है।
☀️ मिथुन राशि :- आज किसी अपॉर्टमेंट का मालिकाना हक मिल सकता है। परिवार में शांति का माहौल रहेगा। सेहतमंद रहने के लिए नियमित व्यायाम करें। धन संबंधित परेशानियां कम होंगी। परिवार के साथ कहीं घूमने का प्लान बना सकते हैं। सड़क मार्ग से यात्रा करते समय सतर्क रहें। प्रेम संबंधों के लिए दिन अच्छा है। शुभ अंक - 7 और शुभ रंग - चॉकलेट है।
☀️ कर्क राशि :- आज शहर से बाहर यात्रा पर जाना पड़ सकता है। रहने के लिए घर की व्यवस्था हो जाएगी। सेहत को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। किसी व्यवसाय को शुरु करने से पहले आर्थिक स्थिति जांच लें। किसी नापसंद व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। परिवार में किसी एक्टिविटी को कराने के लिए प्रयास करने होंगे। प्रेम संबंधों के लिए समय अच्छा रहेगा। शुभ अंक - 2 और शुभ रंग - सिल्वर है।
☀️ सिंह राशि :- आज पढ़ाई को लेकर कोई प्रोजेक्ट मिल सकता है। घर को बिल्डर फ्लोर में बदलते समय सभी कागजात अच्छे से पढ़ लें। किसी बीमारी में घरेलू उपचार फायदेमंद साबित होगा। फिजूल खर्चों को कम करने की कोशिश करें। नौकरी में बदलाव के चलते बड़ा वेतन मिल सकता है। किसी जिद् के चलते माता-पिता के साथ टकराव हो सकता है। अपने साथी के साथ समय बिताकर अच्छा महसूस करेंगे। शुभ अंक - 9 और शुभ रंग - मजेंटा है।
☀️ कन्या राशि :- आज अपने करीबियों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। किसी प्रॉप्रर्टी को किराए पर देना फायदेमंद रहेगा। पढ़ाई में कुछ मामलों पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। वजन नियंत्रित करने की कोशिश करेंगे। किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए आर्थिक मदद मिलेगी। कार्यक्षेत्र पर अपने प्रतिद्वंदियों से आगे निकलने में कामयाब होंगे। आज अपने साथी की बातों को सुनें। शुभ अंक - 6 और शुभ रंग - नारंगी है।
☀️ तुला राशि :- आज किसी नए घर में शिफ्ट हो सकते हैं। पढ़ाई में सफलता प्राप्ति के योग हैं। सेहत को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। किसी चीज के लिए धन का इतंजाम करने में कामयाब होंगे। कार्यक्षेत्र पर बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। गृहणियों को घर के काम में मदद मिल सकती है। प्रेम संबंधों को लेकर समय कठिन रहेगा। शुभ अंक - 6 और शुभ रंग - मस्टर्ड है।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज किसी चीज में किया गया निवेश फायदेमंद साबित होगा। किसी प्रॉप्रर्टी का मालिकाना हक मिलेगा। किसी करीबी की सेहत में सुधार होगा। परिवार के साथ समय बिताने के लिए दिन अच्छा है। यात्रा पर जाना आरामदायक नहीं रहेगा।
पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन का दबाव रहेगा। प्रेम संबंधों में आपके प्रयासों के सफल परिणाम मिलेंगे। शुभ अंक - 2 और शुभ रंग - सिल्वर है।
☀️ धनु राशि :- आज किसी यात्रा के दौरान लंबे समय बाद लोगों से मिलना होगा। किसी प्रॉप्रर्टी को खरीदने की सोच सकते हैं। अपने पसंद के किसी इंस्टीट्यूट में दाखिला मिल सकता है। सेहत के लिए दिन अच्छा है। कोई आपसे पैसे की मदद मांग सकता है। पारिवारिक मोर्चे पर किसी भी प्रकार के मतभेदों से दूर रहें। प्रेम संबंधों के लिए दिन अच्छा रहेगा। शुभ अंक - 5 और शुभ रंग - टरक्वॉइश है।
☀️ मकर राशि :- आज का दिन आपके लिए भाग्यशाली रहेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। परिवार के लोगों के साथ समय बिताकर अच्छा महसूस करेंगे। किसी नए घर को व्यवस्थित करने का मौका मिल सकता है। पढ़ाई के लिए दिन अच्छा रहेगा। व्यस्तता के चलते प्रेम संबंधों के लिए समय निकालना मुश्किल होगा। शुभ अंक - 9 और शुभ रंग - मजेंटा है।
☀️ कुंभ राशि :- आज किसी नई जगह शिफ्ट हो सकते हैं। ग्रुप में पढ़ाई करना फायदेमंद रहेगा। किसी डील को करने में सफलता मिल सकती है। सेहत को लेकर नियमित व्यायाम करेंगे। आय में वृद्धि के योग हैं। परिवार के किसी बुजुर्ग की राय से असहमत हो सकते हैं। अपने साथी के साथ बात करते समय सतर्क रहें। शुभ अंक - 3 और शुभ रंग - इंडिगो है।
☀️ मीन राशि :- आज आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। किसी सीनियर के कारण आज असमंजस की स्थिति में रह सकते हैं। वजन कम करने के लिए व्यायाम पर ध्यान देंगे। परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा। किसी प्रॉप्रर्टी का मालिकाना हक मिल सकता है। पढ़ाई में मेहनत करने की जरूरत है। जीवन-साथी के साथ अच्छा समय बिताने को मिलेगा। शुभ अंक - 8 और शुभ रंग - डार्क ग्रे है।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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surajherbals · 4 years
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Motapa Kam Karne Ka Gharelu Nuskha
मोटापा कम करने का घरेलू नुस्खा-
आज मोटापा कई लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और सिरदर्द बन गई है। अगर अनुमान निकाला जाये, तो 10 में से लगभग 7 लोग मोटापे के शिकार दिखाई दे जाते हैं। मोटापे के शिकार लोगों को कई परेशानियों का सामना कर पड़ता है जैसे- ये लोग (मोटापा का शिकार) कोई भी काम सही ढंग से नहीं कर पाते, जरा-सी मेहनत करते ही हांफने लगते हैं, आलसपन हमेशा इन पर छाया रहता है। कहीं बैठ गये तो अब उठने में आलस, अगर लेट गये तो अब बिस्तर छोड़ने की समस्या, कहीं भी बैठे-बैठे सुस्ताने लगते हैं, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में थकावट।
यहां तक कि मोटे लोगों को रोग भी जल्दी घेर लेते हैं जैसे:- आज जो सबसे बड़ी समस्या है डायबिज़ रोग होने की संभावना बढ़ जाती है, ब्लडप्रेशर की परेशानी, जल्दी और बार-बार हांफने की वजह से अस्थमा की बीमारी ऐसी कई समस्याएं लगी रहती हैं।
इस हिंदी लेख में हम आपको ऐसी ही समस्याओं से बचाने के लिए बता रहे हैं, कुछ आसान से टिप्स के बारे में, नुस्खों के बारे में।
1. आप प्रोटीन का सेवन करें। अब आप सोचेंगे प्रोटीन के लिए तो काफी कुछ अच्छा और हैवी खाना पड़ेगा, तो मोटापा कैसे हम होगा। तो इसके लिए उपाय यह है कि आप सुबह एक गिलास दूध पीयें, क्योंकि दूध में भी प्रोटीन होता है। दूध के बाद आप हल्का-फुल्का स्नैक्स ले सकते हैं?
2. मोटापा से बचने के लिए खाने तरीका भी आपको सुधारना होगा। होता क्या है कि हम यह तो तय कर लेते हैं कि वजन या मोटापा कम करने के लिए खायेंगे। पर खाना कैसे है, तरीका क्या है इस ओर कोई ध्यान नहीं देते। तो तरीका यही है कि आप जो कुछ खायें उसे अच्छे से चबाकर खायें। दूसरा दिन या या रात का, दोनों समय का खाना खाने से पहले सलाद व सब्जियां खायें। स्नैक्स मन को बहुत ललचाते हैं इसलिए इन्हें ऐसी जगह पर रखें, जहां बार-बार नजर न जाती हो, क्योंकि ज्यादा स्नैक्स भी मोटापा बढ़ाते हैं।
3. मोटापा कम करने में सबसे जरूरी है आप व्यायाम और कसरत यानी वर्कआउट जरूर करें। आप अपना एक नियम बना लें कि आपको रोजाना सुबह या शाम को व्यायाम के लिए कम से कम एक या आधे घंटे का समय देना ही देना है। व्यायाम में आप साइकिल चलाना, रस्सी कूदना, चीढ़ियों चढ़ना-उतरना या पेट कम करने की एक्सरसाइज करेंगे तो बेहतर होगा।
4. फल का अधिक सेवन करें: अगर आप रोजाना एक समय के भोजन में फलों का सेवन करेंगे, तो इससे भी आपका मोटापा नियंत्रण में रहेगा। कई बार डाॅक्टर हमें सलाह देते हैं कि सेहतमंद और स्वस्थ रहने के लिए फलों का सेवन करें और इसी चक्कर में हम जूस ज्यादा पीने लगते हैं, खासकर पैक्टड जूस। तो आपको पैक्टड जूस का सेवन नहीं करना है। आप ताजे फल खायें यानी आपको फल खाने हैं। यह आपकी भूख को कंट्रोल करेंगे और आप एक्सट्रा कैलोरी लेने से बचे रहेंगे।
5. सप्ताह में एक दिन उपवास का रखें। ऐसा करने से आपके पाचनतंत्र को भी एक दिन का आराम मिल जायेगा और भोजन से दूर रहने के कारण मोटापा भी नियंत्रण में रहेगा।
6. सुबह-सुबह उठकर खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से भी मोटापा कम होता है।
7. पेट की चर्बी को कम करने के लिए आपको रोजाना सुबह खाली पेट एक चूर्ण, गरम या गुनगुने पानी के साथ लेना है। घर में ही यह चूर्ण आप तैयार कर सकते हैं। चूर्ण तैयार करने की विधि: इसके लिए मोटी सौंफ, मिश्री और सूखा धनिया लेकर इन्हें बराबर-बराबर मात्रा में पीस लें। लो जी हो गया चूर्ण तैयार। अब इस चूर्ण की एक चम्मच मात्रा आपको लेनी है।
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mediawalablog · 2 years
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अच्छी सेहत के लिए रोजाना,सुबह का नाश्ता
अच्छी सेहत के लिए रोजाना,सुबह का नाश्ता
भागदौड भरी दुनिया में काम के साथ साथ सेहत का ध्यान रखना भी बोहोत जरुरी है। अक्सर लोग काम को ही लेकर कुछ ज्यदाही चिंतित रहते है ऐसे में शरीर कई तरह की बीमारी, तानाव , चिंता , शरीर का दुबला होना , मानसिक रोग आदिकी समस्याओ का समना करना पड़ता है। हमारे घर में खाने की कई ऐसी चीजे मौजूद है जिससे अच्छी सेहत बनाई जा सकती है। सेहत बनाने के लिए शरीर में भरपूर मात्र में प्रोटीन की पूर्ति होना अधिक आवश्यक है, इसके आलावा शरीर को पोष्टिकतत्व, विटामिन्स, मिनरल्स आदि कई चीजो की आवश्कता होती है जिससे शरीर को उर्जा प्राप्त करने में मदत मिलती है।
सुबह का नाश्ताअगर अच्छा और हेल्दी हो तो पूरा दिन हम बिना खाए ही निकाल सकते है।लेकिन अगर आप नाश्ते में हेल्दी चीजों का प्रयोग  नहीं कर रहे है तो ये आपके लिए बहुत ही बड़ीपरेशानी का कारण बन सकती है.पनीर खाना हमारे लिए फायदेमंद होता है। पनीर प्रोटीन और न्यूट्रिशन का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है क्योकि इसमें ये प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे बहुत समय से भूख नहीं लगती हैै। एप्पल खाना हमारे लिए फायदेमंद होता है। एप्पल में विटामिन्स और मिनरल्स के साथ-साथ फाइबर्स भी होते है जो हमें एनर्जी देते है।शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलने के लिए फलों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद होता है। यह एक स्वस्थ रहने का सरल उपाय है। परंतु  फल खाने का एक उचित समय होता है जिससे शरीर को फल खाने का उचित फायदा मिलता है अक्षर भूख लगने के कारण लोग फलों का सेवन करना शुरू करते हैं जिससे हमारी भूख मिट जाती है परंतु फल का पूरा फायदा नहीं मिल पाता  इसके लिए खट्टे फल जैसे आम नारंगी अंगूर इनका सेवन सुबह 10:00 बजे से 3:00 बजे तक करें परंतु इन फलों का इस्तेमाल कभी खाली पेट ना करें। इसके अलावा केला, सेब, नाशपाती, कीवी, आडू आदि फलों का इस्तेमाल खाली पेट किया जा सकता है। कुछ ऐसे फल होते हैं जिनका सेवन खाना खाने के बाद करने से पाचन तंत्र अच्छा रहने में मदद मिलती है जैसे  अननस  (पाइनएप्पल)। यदि शरीर में पानी की कमी हो तो आप तरबूज का सेवन कर सकते हैं यह एक हल का फल होता है और जल्दी पच जाता है। पेट संबंधित समस्याओं के लिए नारियल पानी का सेवन किसी भी वक्त किया जा सकता है परंतु पेट खाली ना रहे इस बात का ध्यान रखें।
स्प्राउट्स और भीगे हुए चने खाना हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते है।स्प्राउट्स और भीगे हुए चने बॉडी को एनर्जी देते है। इसके साथ-साथ ही बॉडी का स्टेमिना भी बढ़ाते है।कॉर्न फ्लेक्स को दूध में डालकर खाना चाहिए। इसको दूध के साथ खाने से शरीर को पूरा दिन काम करने के लिए न्यूट्रिशन्स भी मिलते रहते है।ओटमील में फाइबर्स होते है जो डाइजेशन को बहुत बेहतर बनाए रखते है।ओटमील खाने से बहुत लंबे समय तक भूख नहीं लगती है और पेट बहुत समय तक भरा हुआ महसूस होता है।
अंडे हमारी सेहत के लिए बहुत ही सेहत वाले होते है क्योकि इनमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।इसके साथ-साथ ही न्यूट्रिशन होते है जो हमारे शरीर को मिलते रहते हैअंडे में कई प्रकार के पोषक तत्व और विटामिन पाए जाते हैं  जैसे विटामिन-ए, विटामिन-ई,  विटामिन B12 आदि अन्य  जो शरीर का स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता हैं।  इसके अलावा  अंडे में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो शरीर के मसल्स को एक्टिव रखने में मदद करता है।  रोजाना  एक उबले हुए अंडे का सेवन करने से  शरीर में ऊर्जा प्राप्ति होती है और शरीर की थकावट दूर हो जाती ।
ड्राई फ्रूट्स सेहत के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा पाया जाता है।
ड्राई फ्रूट्स में कई पौष्टिक चीजें पाई जाती हैं और यह शरीर की ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है। ड्राई फूड्स में  काजू बदाम अखरोट अंजीर किशमिश खजूर आदि चीजों का समावेश है। यदि किसी को  वजन घटाना हो तो  दूध में  बादाम और अखरोट मिलाकर उसका सेवन कर सकते हैं इसके अलावा अंजीर का सेवन भी वजन कम करने के लिए बेहद फायदेमंद है।  अक्सर लोग सेहत कैसे बनाएं घरेलू उपाय ढूंढते रहते हैं, यदि किसी व्यक्ति को वजन बढ़ाना है तो  वह दूध के साथ काजू और किशमिश का सेवन कर सकते हैं। साथ साथ रोज खजूर खाने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है जिससे शरीर का स्वास्थ्य अच्छा रहने में मदद मिलती है।
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abhay121996-blog · 3 years
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Health Tips : कई लोग खाना तो बहुत चाहते हैं लेकिन उन्हें भूख ही नहीं लगती, ये समस्या कई लोगों है, तो इन उपायों को अपनाकर अपनी भूख बढ़ाएं ? Divya Sandesh
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Health Tips : कई लोग खाना तो बहुत चाहते हैं लेकिन उन्हें भूख ही नहीं लगती, ये समस्या कई लोगों है, तो इन उ���ायों को अपनाकर अपनी भूख बढ़ाएं ?
लाइफस्टाइल डेस्क। आपने कई लोगों को देखा होगा उन्हें समय से भूख नहीं लगती। जब लगती भी है, तो अधिक खाना खाने का मन भी नहीं करता है। अगर आपको भी समय पर भूख नहीं लगती हैं, तो आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं। कई लोगों को खाने की महक और खाना देखकर भी भूख नहीं लगती। वहीं कई बार पेट की समस्या के चलते भूख खत्म हो जाती है। ऐसे में कई बार लोग कमजोर भी महसूस करने लगते हैं।
तो आइये आपको आज बताते हैं कि आखिर ऐसे कौनसे घरेलू उपाय हैं जिनकी मदद से आप अपनी भूख बढ़ा सकते हैं…
1. त्रिफला चूर्ण त्रिफला चूर्ण कई घरेलू उपायों के लिए रामबाण इलाज है। इसे लोग अधिकतर कब्ज की समस्या में इस्तेमाल करते हैं। अगर आपको भी समय पर भूख नहीं लग रही है, तो आप त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप हल्के गरम दूध में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। इसके नियमित सेवन से भूख बढ़ जाती है।
2. ग्रीन टी का करें सेवन
ग्रीन टी को भूख बढ़ाने के लिए अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है। इसके नियमित सेवन से सिर्फ भूख ही नहीं बढ़ती है बल्कि, ये कई बीमारियों में भी राहत देती है। अगर आपको सुबह-शाम चाय पसंद है, तो आप अन्य चाय पीने की जगह ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। सर्दियों के मौसम में लोग ज्यादा ग्रीन टी पीते हैं।
3. नींबू पानी सर्दियों में अमूमन हर कोई पानी पीना कम कर देता है बल्कि, ऐसा नहीं करना चाहिए। सर्दियों के मौसम में भी पर्याप्त मात्रा में शरीर को पानी की जरूरत होती है। इसलिए आप सर्दियों में नियमित तौर पर पानी लेते रहें। इससे भूख भी बढ़ती है और शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती हैं। पानी में आप नींबू का रस मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
4. अजवायन अजवायन का सेवन पेट संबंधी कई परेशानियों में एक घरेलू उपाय है। अपच या भूख न लगने की समस्या में आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे खाने से पेट भी साफ रहता है। कई भारतीय इसे हल्का भून के इसमें नमक डालकर इसका सेवन करते हैं। अगर आपको भूख नहीं लग रही है, तो दिन में एक से दो बार इसका सेवन जरूर करें।
5. जूस
अगर आपको समय से भूख नहीं लगती है या फिर कुछ खाने का मन नहीं करता है, तो आप जूस का सेवन कर सकते हैं। ध्यान रहे, इसका सेवन करते समय जूस में हल्का नॉर्मल नमक या फिर सेंधा नमक डाल लें। इससे पेट भी साफ रहता है और भूख भी खुलेगी।
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वजन कम करने का तरीका
आज के भागती दौड़ती जिंदगी में खुद का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। अगर आपका आज अच्छा है, तो कल को सही तरीके से बेहतर कर पाएंगे। आज के समय में शरीर को बीमारियों का घर कहा जा सकता है, तो ऐसे में सतर्क रहकर कार्य करें।
कई बीमारियों की वजह बढ़ता वजन  है। डॉक्टर के मुताबिक वजन कम कर लेने से भी कुछ हद तक समस्याओं से बचा जा सकता है। वजन कम करना आसान (wazan kam karne ka tarika) तो नहीं पर कोशिश जरूर की जा सकती है।
वजन कम करना क्यों है जरूरी
ऐसा माना जाता है कि बढ़ता हुआ वजन कई बीमारियों को बुलावा देता है। जिसमें मोटापा, शुगर ,हार्ट प्रॉब्लम मुख्य है। अगर आप के वजन पर कंट्रोल नहीं रखा गया तो कहीं ना कहीं यह सारी बीमारियां अपने विकराल रूप में आ जाती हैं। वजन कम करने से हमारी दैनिक, शारीरिक गतिविधि सही तरीके से सही दिशा में अग्रसर होती है। वजन नियंत्रित रखने से मेटाबॉलिज्म रेट सही रहता है इसलिए वजन पर पूरा ध्यान दें।
अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो हम आपको वजन कम करने के कारगर उपाय बताने जा रहे हैं आप जरूर उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर लाभ लें।
कैसे करें वजन कम घरेलू तरीके से
अगर आप बढ़ते वजन से बहुत ज्यादा परेशान हैं, तो घरेलू रूप से उपाय किए जा सकते हैं। wazan kam karne ka tarika in hindi
1) नींबू और शहद
वजन कम करने (wazan kam karne) में इन दो सामग्री का मुख्य योगदान माना गया है। अगर आप सुबह खाली पेट गर्म नींबू पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर रोज पिएं इससे आपको जल्द ही फर्क महसूस होगा।
2) सेब का सिरका
फलों में सेब फायदेमंद है लेकिन अगर आप सेब के सिरके में थोड़ा सा शहद मिला कर पिए तो वजन घटाने में मदद मिल सकती है। सेब में पेपरिन फाइबर वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3) पत्ता गोभी
पत्तागोभी को ज्यादा से ज्यादा सब्जियों और सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि पत्ता गोभी में उपस्थित टेरिटरिक एसिड कार्बोहाइड्रेट को वसा में परिवर्तित होने से रोक देता है। ऐसे में पत्ता गोभी को बहुत ज्यादा फ्राई नहीं करें तो बेहतर होगा।
4) अजवाइन पाउडर
अगर आप अजवाइन पाउडर को गर्म पानी में डालकर पिए तो इससे फायदा होगा। साथ में अगर शहद मिला लिया जाए तो और भी अच्छा होगा।
5) इलायची
अगर आप वजन कम करना चाहे तो रोजाना इलायची का सेवन करें। अगर रात में सोने से पहले इसे लिया जाए तो और भी फायदेमंद होगा। इलायची जमे हुए फैट को कम करती है और पाचन में सहायता करती है।
6) त्रिफला चूर्ण
इसमें त्रिफला चूर्ण आपके लिए फायदेमंद है। अगर आप  त्रिफला चूर्ण को रात में ही भीगा कर रख दे और सुबह तब तक उबालें जब तक वह आधा ना हो जाए। साथ ही इसमें एक चम्मच शहद भी मिलाएं। नियमित रूप से सेवन करने से वजन कम किया जा सकते हैं।
7) पुदीना
यह हमारी पाचन संबंधी समस्या को खत्म करती है। यदि पुदीना के रस  को पानी में घोलकर पिया जाए तो निश्चित रूप से ही आपको सफलता होगी।
8) आंवला
आंवला में विटामिन सी पाया जाता है और यह एंटी ऑक्सीडेंट भी है। य�� मेटाबॉलिज्म को सही कर वजन कम करने में भी सहायक है। ऐसे में अगर आप रोजाना आंवले का सेवन करें तो आपके लिए फायदेमंद है।
9) हल्दी
हल्दी में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं। यह पोषक तत्व आयरन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, फाइबर होते हैं, जो शरीर से चर्बी को भी कम करते हैं।
10) सौफ
अगर आप सौफ हो बारीक पीस लें और उसे गुनगुने पानी के साथ पिए तो इससे बहुत ही ज्यादा फायदा होगा इसका उपयोग जरूर करें।
11) ग्रीन टी
अगर सोने से पहले ग्रीन टी पिया जाए तो इससे मेटाबॉलिज्म सही रहता है और वजन नियंत्रित रहता है लेकिन इसे बहुत ज्यादा सेवन करने से बचें।
वजन घटाने के बेहतरीन घरेलु नुस्खे
वजन कम करने के लिए खानपान का रखें ख्याल
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो अपने खान-पान को व्यवस्थित रखें। कई सारे ऐसे आहार हैं, जो वजन बढ़ाने में सहायक हैं उन्हें पूरी तरह से त्याग दें।
1)  वजन कम करने के लिए यदि आप जौ, बाजरा ,रागी ,मसूर,  आंवला, अंकुरित अनाज, उबली हुई सब्जियों का उपयोग करें तो फायदेमंद होता है।
2) इसके अलावा ककड़ी, गाजर, सेब, चुकंदर आवश्यक रूप से ले।
3) हमेशा मौसमी फलों का सेवन करें इसमें आपको ऊर्जा मिलेगी।
4) हमेशा दूध का सेवन करें दूध में कैल्शियम हैं, जो वजन को कम करने में सहायक है।
5) जब भी रात्रि का भोजन करें तो वह हल्का ही करें। हल्का भोजन जल्दी पचता है और इससे पाचन शक्ति भी मजबूत होती है।
6) रात में भोजन के बाद तुरंत नहीं सोना चाहिए। कम से कम 2 घंटे का अंतराल जरूर रखें।
7) भोजन कभी भी जल्दबाजी में ना करें अच्छे से चबा चबा कर ही भोजन करें।
अपने जीवन शैली में करें बदलाव
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो निरंतर रूप से खानपान के अलावा अपनी जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव करें।
1) सुबह उठे, आलस त्यागे और सैर पर जाएं।
2) अगर आप सुबह सुबह योग का अभ्यास करें इससे निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा।
3) वजन घटाने के लिए वसा युक्त पदार्थों से दूरी बना ले।
4) ज्यादा से ज्यादा भोजन में हरी सब्जियां, दही, दाल का उपयोग करें।
5) गुनगुने पानी का सेवन करें।
6) अगर आप सप्ताह में 1 दिन उपवास करें तो इससे भी फायदा होगा।
7) आपके लिए अंकुरित अनाज का सेवन करना फायदेमंद होगा।
8) नींद हमेशा 6 से 8 घंटे की ही लें।
7 दिन में पेट की चर्बी कम करने के तरीके
खाना खाना ना छोड़े
कई बार लोग गलतियां कर बैठते हैं वह यह कि वजन कम करने के चक्कर में खाना खाना ही छोड़ देते हैं। शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऐसे में आप खाना छोड़ कर खुद को मुसीबत में डाल रहे हैं। आप खाना जरूर खाएं। आपको यह याद रखना है कि आप को संपूर्ण पोषक तत्वों से युक्त भोजन ही करना है। भले ही आप थोड़ा कम खाएं पर खाना छोड़ देना सही नहीं है।
अगर आप खाना छोड़ते हैं, तो शरीर में कमजोरी आ जाएगी। यह भी ध्यान रखने योग्य है खाना भरपेट न खाए बल्कि पेट से थोड़ा कम ही खाएं तब बेहतर फायदा देखा जा सकेगा।
वजन कम करने के लिए बनाए बेहतरीन जूस
अगर आप वजन कम करना चाह रहे हैं लेकिन अपने खानपान में नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे में आप इस जूस से भी अपना वजन कम कर सकते हैं। इसे बनाना बेहद ही आसान है और सारी सामग्री घर में ही मिल जाती है।
जूस बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
खीरा — एक, धनिया पत्ती — आधी कटोरी, नींबू का रस — एक चम्मच, एलोवेरा रस — 1 बड़ा चम्मच ,अदरक — कीसा हुआ, पानी — एक गिलास
आप सारी सामग्री को मिक्सी में पीस लें और उसे छानकर पी लें। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें नमक ना मिला हो।
लौकी का जूस
इसी प्रकार लौकी के रस से भी आप अपना वजन कम कर सकते हैं। आयुर्वेदिक में भी लौकी के जूस को फायदेमंद बताया गया है।
सबसे पहले आप लोकी को छीलकर किस लें। एक गिलास पानी के साथ उसे मिक्सी में पीस लें।  अब उसे छान ले। आप चाहे तो उसमें सेंधा नमक डाला जा सकता है। इस जूस को रोजाना पीने से बहुत ही जल्द फायदा होता है इसे आप जरूर आजमाएं।
वजन कम करने के लिए महत्वपूर्ण डाइट
जब भी वजन कम करने की सोचते हैं, तो एक डाइट चार्ट का होना जरूरी है जो आपकी मदद कर सके।
1) सुबह का ड्रिंक — अगर आप सुबह-सुबह गुनगुना पानी पिए तो निश्चित रूप से फायदेमंद होगा।
2) नाश्ता — नाश्ता वजन कम करने के लिए कम कैलोरी का करें। जिसमें ओट्स, दलिया, ब्राउन ब्रेड, आमलेट लिया जा सकता है।
3) स्नैक्स — ऐसा भी होता है कि आपको स्नेक्स लेने का मन करें। ऐसे में आप दो बिस्किट और ग्रीन टी ले सकते हैं। वजन कम करने के लिए से तरबूज, केला, संतरा भी लिया जा सकता है।
4) लंच — दोपहर के खाने में भी कैलोरी का विशेष ध्यान रखना होगा। ऐसे में आप ब्राउन राइस, फिश, दाल ,ब्रोकली, उबली सब्जी, रोटी ले सकते हैं। साथ ही साथ रायता ,सलाद, हरी सब्जी और दाल लेना भी अनिवार्य है। ऐसे में आप व्हाइट ब्रेड ना ले और कम से कम तेल का उपयोग करें।
5) शाम का नाश्ता — कभी-कभी शाम को भी जोरों की भूख लग जाती है तो आप थोड़े ड्राई फ्रूट्स, उबले अंडे, ग्रिल्ड सेंडविच, फल ले सकते हैं।
6) डिनर — एक बात याद रखें कि डिनर  हल्का ही ले। इसके लिए आप चावल, चपाती, चिकन, राजमा ले सकते हैं।
7) सोने से पहले — अगर आप सोने से पहले ऐसा ड्रिंक ले जो वजन कम करने में सहायक हो तो अच्छा होगा।
उम्र के हिसाब से क्या हो सही डाइट चार्ट
वजन कम करने के लिए डाइट चार्ट का पालन करना जरूरी है लेकिन यदि उम्र के हिसाब से नया डाइट चार्ट बनाया जाए तो और भी फायदेमंद होगा।
1) 20 – 30  वर्ष — यह उम्र नाजुक उम्र है जिसमें सभी प्रकार का आहार लेना अनिवार्य है। इसमें कैल्शियम, आयरन, फालेट होना बहुत जरूरी है। अगर आप दूध, दही, पालक, दाल, मूंगफली, बींस को अपने आहार में शामिल करें, तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
2) 30 – 40 वर्ष —  इस उम्र में थोड़ी शारीरिक परेशानी आ जाती है और अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो मैग्नीशियम की मात्रा का जरूर समावेश करें। आप बादाम, पालक, काजू, दही और सभी सब्जियों का उपयोग जरूर करें।
3) 40 — 50 वर्ष — बढ़ती उम्र में वजन करने में बहुत मुश्किल हो सकती हैं। ऐसे में आप विटामिन सी, विटामिन ई युक्त आहार के साथ सब फल, ब्रोकली,  टमाटर ,पीनट बटर, सनफ्लावर तेल, हरी सब्जी ,बादाम, गाजर ले तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
4) 50 से ज्यादा वर्ष — इस उम्र में हड्डियां कमजोर हो जाती है इसलिए कैल्शियम और विटामिन डी आहार में जरूर शामिल करें। हड्डियों को मजबूत करने के लिए मछली, चिकन, लो फैट मिल्क, दही, चीज़ का भरपू�� उपयोग करें। इस उम्र में वजन कम करने के बारे में गंभीरता से सोचते हुए निर्णय ले।
निष्कर्ष
वजन कम करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर धैर्य और लगन के साथ इसे किया जाए तो निश्चित रूप से आपको सफलता मिलेगी। वजन कम करने में कुछ समय लग सकता है ऐसे में आप कोशिश करते रहिए।
हमारे बताएं सुझावों को अमल में लाकर आपको फायदा होगा। जीवन में आने वाली हर परेशानियों का सामना दृढ़ता से करें और आगे बढ़े। साथ ही अपने परिवार का पूरा ख्याल रखें।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/wazan-kam-karne-ka-tarika/
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lifeatexp · 4 years
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वजन बढ़ाने के 7 आसान घरेलू उपाय  वजन नहीं बढ़ने के सामान्य कारण तनाव के स्तर को कम करने, अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों, अनियमित भोजन, शारीरिक फिटनेस की कमी और आनुवांशिकी से शुरू होते हैं।  जबकि हम वजन कम करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, कुछ वजन बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं हानिकारक वसा को अपने से दूर रखकर एक सख्त आहार बनाए रखें वजन बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपचारों को देखने का सबसे अच्छा तरीका है  क्या आप जानते हैं कि जब हम में से अधिकांश वजन कम करने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वजन कम करने का प्रयास करते हैं?  यह सुनने में जितना आसान लगता है, वास्तविकता इससे भिन्न होती है।  यदि आप इस अल्पसंख्यक समूह में हैं, तो यह लेख एक अंतिम भोजन मार्गदर्शक होगा।  वजन नहीं बढ़ने के सामान्य कारण तनाव के स्तर को कम करने, अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों, अनियमित भोजन, शारीरिक फिटनेस की कमी और आनुवांशिकी से शुरू होते हैं।  जब हमने इन सामान्य कारणों को बताया, तो हमें यकीन है कि आप उनसे सहमत होंगे।  यदि आप अपनी हड्डियों पर कुछ मांस प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको एक सख्त आहार बनाए रखने की आवश्यकता है;  मतलब हानिकारक वसा को अपने सिस्टम से दूर रखें, और मांसपेशियों का निर्माण करें।  आप अपने आहार विशेषज्ञ से स्वस्थ, गैर-वसायुक्त, उच्च-कैलोरी भोजन योजना के लिए सलाह ले सकते हैं।  हालांकि, वजन बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपचारों को देखने का सबसे अच्छा तरीका है।  और, सबसे अच्छी बात यह है कि आप अपने नियमित जीवन को बाधित किए बिना इनमें से अधिकांश उपायों को प्रभावी ढंग से अपना सकते हैं।  वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय  1. सूखे खजूर और दूध वजन बढ़ाने के लिए अच्छे हैं  शुष्क तिथियों को समृद्ध खाद्य पदार्थों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।  तुम क्यों पूछते हो?  सूखी खजूर विटामिन ए, सी, ई, के, बी 2, बी 6, नियासिन और थियामिन सहित विटामिन से भरे होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।  वे प्रोटीन, चीनी, ऊर्जा और विटामिन का एक अच्छा स्रोत हैं जो आपको अधिक वजन डाले बिना पर्याप्त मांसपेशियों को प्राप्त करने में मदद करते हैं।  वजन बढ़ाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए उन्हें दूध के साथ पेयर करें।  लगभग 20 से 30 दिनों में दृश्यमान परिणाम देखें।  सूखी खजूर हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं  2. अपने दैनिक आहार में स्पष्ट मक्खन और चीनी जोड़ें  स्पष्ट मक्खन का एक बड़ा चमचा लें और इसे एक चम्मच चीनी के साथ अच्छी तरह मिलाएं।  अपने लंच या डिनर से कम से कम आधे घंटे पहले हर दिन इस मिश्रण का सेवन करें।  एक महीने तक इस शंख का सेवन करने से आपको मनचाहा फल मिलेगा।  स्पष्ट मक्खन और चीनी आपको वजन बढ़ाने में मदद करेंगे  3. जोड़ी आम और दूध एक साथ  एक पके आम को दिन में तीन बार खाएं और आम खाने के बाद एक गिलास गर्म दूध के साथ पियें।  आम में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, चीनी और प्रोटीन होते हैं, जो आपके शरीर के द्रव्यमान को बढ़ाने में मदद करते हैं।  आप एक महीने के बाद ध्यान देने योग्य परिणाम देखेंगे।  आम हमारे शरीर के द्रव्यमान को बढ़ाने में मदद करते हैं  4. दोपहर में एक अच्छी रात की नींद जितनी महत्वपूर्ण है  हां, आपने उसे सही पढ़ा है!  दोपहर में लगभग 45 मिनट से एक घंटे तक सोने से आपके दिमाग और मांसपेशियों को आराम मिलता है।  यह न केवल आपको वजन बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि आपको रात में अच्छी नींद लेने में भी मदद करता है।  बिना जिम जाए वजन बढ़ाने का यह सबसे तेज़ तरीका है।  दोपहर में सोने से वजन बढ़ने में मदद मिलती है  5. अपने डेली ब्रेकफास्ट में पीनट बटर मिलाएं  मूंगफली फैटी एसिड, प्रोटीन, खनिज और विटामिन के साथ पावर-पैक हैं।  अपने दैनिक आहार में कुछ मूंगफली शामिल करने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है।  इसी तरह, पीनट बटर में उच्च कैलोरी होती है, जो इसे वजन बढ़ाने के लिए एक आदर्श घरेलू उपाय बनाता है।  अपने मल्टीग्रेन ब्रेड पर पीनट बटर लगाएं और 30 दिनों में परिणाम देखें!  मूंगफली का मक्खन फैटी एसिड, प्रोटीन, खनिज और विटामिन से भरपूर होता है  6. केले की शेक के साथ सुबह / शाम की चाय बदलें  केले कैलोरी से भरपूर होते हैं और हमें तुरंत एनर्जी लिफ्ट देते हैं।  यही कारण है कि ज्यादातर सभी खिलाड़ी अपने खेल के बीच केला खाते हैं।  लेकिन वजन बढ़ाने के लिए, अपने केले को एक गिलास दूध के साथ पेयर करें;  अभी भी बेहतर है, केले के शेक को तैयार करें और इसे अपनी सुबह / शाम की चाय या कॉफी के साथ बदलें।  केले का शेक कैलोरी से भरपूर होता है और हमें तुरंत एनर्जी लिफ्ट देता है  7. आलू उबालें नहीं, उन्हें बेक करें  कार्बोहाइड्रेट के साथ पैक, आलू को अपने आहार में शामिल करने से आपके शरीर के वजन को बढ़ाने में मदद मिलेगी।  उन्हें खाने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें मक्खन के साथ ग्रिल या बेक करना है।  लेकिन, फ्रेंच फ्राइज़ खाने से कोई नुकसान नहीं होता है।  सुनिश्चित करें कि आप अतिरिक्त कुंवारी तेल का उपयोग करके उन्हें हवा में भूनें।  अपने आहार में आलू को शामिल करने से आपके शरीर के वजन को बढ़ाने में मदद मिलेगी  जब आप वजन बढ़ाने के लिए अपने दैनिक भोजन में उपरोक्त खाद्य पदार्थों और पेय को शामिल करते हैं, तो कुछ डोनट्स हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना होगा।  दोपहर के भोजन से पहले पानी, चाय या कॉफी जैसे तरल पदार्थों से बचें, क्योंकि वे आपको भ��ा हुआ महसूस कराते हैं और आपकी भूख को कम करते हैं।  सुनिश्चित करें कि आप अपने पेय और भोजन के बीच 30-45 मिनट का अंतर रखें।
http://www.lifeatexp.site/2020/07/home-remedy-for-weight-gain.html
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gethealthy18-blog · 4 years
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पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) के कारण, लक्षण और इलाज – Pelvic Inflammatory Disease (PID) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi
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पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) के कारण, लक्षण और इलाज – Pelvic Inflammatory Disease (PID) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) के कारण, लक्षण और इलाज – Pelvic Inflammatory Disease (PID) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 January 27, 2020
कुछ शारीरिक समस्याएं ऐसी होती हैं, जिनके बारे में महिलाएं खुलकर किसी से बात नहीं कर पाती हैं। ऐसे में वह समस्या बढ़ जाती है और गंभीर रूप ले लेती है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज भी कुछ इसी तरह की समस्या है। इस अवस्था में महिलाओं को तेज दर्द का सामना करना पड़ता है। इसलिए, अगर किसी को भी पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। स्टाइलक्रेज का हमारा यह आर्टिकल आपको पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण जानने में मदद करेगा। साथ ही आप इस आर्टिकल के माध्यम से पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के उपाय के बारे में भी जान सकेंगे।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण जानने से पहले यह क्या होता है, इस बारे में बात करेंगे।
विषय सूची
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज क्या है? – What is Pelvic Inflammatory Disease (PID) in Hindi
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) महिलाओं के प्रजनन अंगों में संक्रमण से संबंधित समस्या है। प्रजनन अंग में गर्भाशय (गर्भ), फैलोपियन ट्यूब (एक तरह की नलिका), अंडाशय और गर्भाशय ग्रीवा शामिल होती है। संक्रमण के कारण इनमें से किसी भी हिस्से में सूजन आ सकती है और तेज दर्द का भी सामना करना पड़ता है। यह समस्या ​​विभिन्न तरह के बैक्टीरिया के कारण हो सकती है। वहीं, आमतौर पर यह समस्या सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (​​एसटीआई) के कारण उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया के कारण होती है। शारीरिक संबंध से फैलने वाले संक्रमण को ही एसटीआई कहते हैं। साथ ही योनि में पाए जाने वाले सामान्य बैक्टीरिया के चलते भी यह समस्या हो सकती है (1)।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण जानने से पहले इसके कारण के बारे में जान लेते हैं।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण – Causes of Pelvic Inflammatory Disease (PID) in Hindi
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज को श्रोणि सूजन की बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। इसके लिए मुख्य रूप से बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं। ये बैक्टीरिया गर्भाशय ग्रीवा में पाए जाते हैं, जो मेडिकल प्रोसीजर (चिकित्सा प्रक्रिया) के समय गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब तक पहुंच सकते हैं, जिससे पीआईडी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इन मेडिकल प्रोसीजर में ये सब शामिल हैं (2):
प्रसव के दौरान।
एंडोमेट्रियल बायोप्सी (कैंसर की जांच के लिए गर्भ का कोई छोटा-सा टुकड़ा निकालना) के कारण।
गर्भनिरोधक उपकरण के कारण (गर्भावस्था को रोकने के लिए महिलाओं के गर्भाशय में डाले जाने वाले यंत्र)।
गर्भपात होने पर।
गर्भपात करवाने पर भी यह समस्या हो सकती है।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के जोखिम कारक के बारे में बताने से पहले हम इसके लक्षणों की जानकारी दे रहे है।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण – Symptoms of Pelvic Inflammatory Disease (PID) in Hindi
अगर किसी को पीआईडी की समस्या है, तो उनमें ये आम लक्षण दिखाई दे सकते हैं (2):
बुखार आना।
श्रोणि, पेट और पीठ के निचले भाग में दर्द होना।
योनि से निकलने वाले द्रव का असामान्य रंग और गंध आना।
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी हैं:
शारीरिक संबंध के बाद रक्त का बहना।
अधिक ठंड लगना।
शरीर में थकान महसूस होना।
पेशाब करते वक्त दर्द होना।
बार-बार पेशाब आना।
पीरियड क्रैम्प्स, जिससे सामान्य से अधिक या लंबे समय तक दर्द का अनुभव हो सकता है।
पीरियड के समय असामान्य रक्त का बहना।
भूख न लगना।
मतली और उल्टी होना।
पीरियड का स्किप होना।
यौन संबंध बनाते समय दर्द होना।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का इलाज के बारे में जानने से पहले इसके जोखिम कारक के बारे में जानेंगे।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के जोखिम कारक – Risk Factors of Pelvic Inflammatory Disease (PID) in Hindi
ऐसा माना जाता है कि प्रति वर्ष करीब 10 लाख महिलाएं पीआईडी की शिकार होती है। 20 वर्ष से कम उम्र की 8 में से 1 किशोरी के पीआईडी के चपेट में आने की आशंका रहती है। पीआईडी के जोखिम उत्पन्न होने के पीछे अन्य अहम कारक इस प्रकार हैं (2) :
अगर कोई गोनोरिया या क्लैमाइडिया (बैक्टीरिया के कारण उत्पन्न समस्या) से प्रभावित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनता है।
अगर कोई अलग-अलग लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाता है, तो उसे पीआईडी की समस्या हो सकती है।
अगर किसी को पहले भी एसटीआई की समस्या रही हो, तो उसे भी पीआईडी का सामना करना पड़ सकता है।
जिन्हें पहले पीआईडी की समस्या रही हो, तो उन्हें फिर से यह समस्या होने का खतरा बना रहता है।
अगर किसी ने 20 वर्ष की उम्र से पहले शारीरिक संबंध बनाए हैं, तो उसे भी यह पीआईडी होने की आशंका रहती है।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से बचने के उपाय के बारे में जानने से पहले इसके इलाज के बारे में जान लेते हैं।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का इलाज – Treatment of Pelvic Inflammatory Disease (PID) in Hindi
श्रोणि सूजन की बीमारी के उपचार में डॉक्टर टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले एंटीबायोटिक दवा दे सकते हैं। साथ ही यह समस्या कितनी गंभीर है, डॉक्टर उसी के आधार पर इलाज करते हैं (2)। यहां हम कम व गंभीर पीआईडी की स्थिति के आधार पर कुछ आम इलाज के बारे में बता रहे हैं।
हल्के या कम पीआईडी की स्थिति में :
डॉक्टर इस समस्या से जूझ रहे पीड़ित का चेकअप कर घर भेजने से पहले 2 सप्ताह के लिए एंटीबायोटिक गोलियां दे सकते हैं।
हल्के पीआईडी की स्थिति में मरीज को डॉक्टर से फॉलोअप लेते रहना चाहिए।
 गंभीर पीआईडी की स्थिति में :
ऐसी स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है।
इस समस्या से प्रभावित मरीज को पहले इंट्रावेनस थेरेपी (नस के माध्यम से दवाई देना) के माध्यम से एंटीबायोटिक दवाई दी जा सकती है।
इसके बाद एंटीबायोटिक गोलियां खाने के लिए दे सकते हैं।
इस आर्टिकल के अंतिम भाग में हम पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से बचने के उपाय बता रहे हैं।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से बचने के उपाय – Prevention Tips for Pelvic Inflammatory Disease (PID) in Hindi
कुछ बातों को ध्यान में रखा जाए, तो पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज को होने से रोका जा सकता है। इसके लिए नीचे कुछ बिंदुओं में इससे बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं (2)।
यौन संबंध बनाते समय सुरक्षा को ध्यान में रखने पर पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज को रोकने में मदद मिल सकती है।
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (एसटीआई) को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका यौन संबंध नहीं बनाना है।
सिर्फ एक पार्टनर के साथ यौन संबंध रखने पर पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के जोखिम को कम किया जा सकता है।
शारीरिक संबंध बनाने से पहले महिला व पुरुष दोनों को एसटीआई की जांच करा लेनी चाहिए। इससे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से बचने में मदद मिल सकती है।
शारीरिक संबंध बनाते समय कंडोम इस्तेमाल करने से इस समस्या को होने से रोका जा सकता है।
ऊपर बताए गए बचने के उपाय के अलावा यह तरीका भी पीआईडी के जोखिम को कम कर सकता है:
एसटीआई की जांच नियमित रूप से करवाते रहें।
पहली बार शारीरिक संबंध बनाने से पहले शरीर की जांच करा लेनी चाहिए। इससे संक्रमण का पता लगाया जा सकता है, ताकि पीआईडी की समस्या से बचा जा सके।
अगर किसी महिला की उम्र 24 वर्ष या इससे अधिक है, तो उसे हर वर्ष क्लैमाइडिया और गोनोरिया की जांच जरूर करवानी चाहिए।
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको स्पष्ट हो गया होगा कि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज क्या होती है। अगर किसी को यह समस्या है, तो उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आप इस आर्टिकल को अपनी सहेली और परिवार की अन्य महिलाओं के साथ जरूर शेयर करें, ताकि उन्हें भी श्रोणि सूजन की बीमारी के उपचार के बारे में जानकारी मिल सके। हम आशा करते है कि इस आर्टिकल में दी गई प्रत्येक जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर अब भी किसी के मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल है, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स के मदद से हमसे पूछ सकते हैं। हम जल्द से जल्द वैज्ञानिक प्रमाण सहित जवाब देने का प्रयास करेंगे।
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Bhupendra Verma
भूपेंद्र वर्मा ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीजेएमसी और एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी से एमजेएमसी किया है। भूपेंद्र को लेखक के तौर पर फ्रीलांसिंग में काम करते 2 साल हो गए हैं। इनकी लिखी हुई कविताएं, गाने और रैप हर किसी को पसंद आते हैं। यह अपने लेखन और रैप करने के अनोखे स्टाइल की वजह से जाने जाते हैं। इन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्टोरी और डायलॉग्स भी लिखे हैं। इन्हें संगीत सुनना, फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/pelvic-inflammatory-disease-ke-karan-lakshan-aur-ilaj-in-hindi/
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surajherbals · 4 years
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पेट की गैस के घरेलू उपाय
इस हिंदी पोस्ट में हम आपको बता रहे हैं पेट की गैस की समस्या, इससे होने वाली परेशानियाँ और इसे दूर करने के बहुत ही आसान से घरेलू नुस्खों के बारे में। आज की फास्ट और बिज़ी लाइफ के कारण बाहर का कुछ भी अनाप-शनाप और ज्यादा खाने की आदत से होने वाली गैस की समस्या बहुत ही आम बात हो गई है। लेकिन इसे हल्के में लेने की भूल करना भी पड़ सकता है भारी। गैस की अनदेखी करने से सीने में तेज जलन, सिर में भारीपन और दर्द यहां तक कि पूरे बदन में दर्द होने लगता है। कई बार तो गैस ज्यादा बनने से उल्टियां तक होने लगती हैं। इसलिए स्वास्थ्य के प्रति समझौता न करें और सजग रहें।
तो चलिए अब हम आपको बताते हैं, कुछ बहुत ही आसान घरेलू नुस्खे, जिन्हें इस्तेमाल करने से आप पा सकेंगे अपनी गैस की समस्या से छुटकारा!
1. एक गिलास में साफ पानी लेकर इसमें एक नींबू का रस मिला लें और साथ में बेकिंग सोडा भी मिला लें। सुबह उठकर खाली पेट इस पानी को पियें। पूरे दिन गैस नहीं बनेगी।
2. गैस इसलिए भी बनती है, क्योंकि हमारा खाया-पीया सही से हज़म नहीं होता। इसलिए हाज़मे की शिकायत के लिए रोजाना काली मिर्च खायें और गैस दूर भगायें। आप दूध में भी काली मिर्च का इस्तेमाल करके पी सकते हैं, इससे भी गैस की समस्या नहीं रहती।
3. बहुत ज्यादा गैस बन रही है, तो एक गिलास छांछ में सेंधा नमक और अजवाइन मिलाकर पियें। गैस की समस्या में तुरन्त आराम मिल जायेगा और पूरे दिन में भी गैस नहीं बनेगी।
Pet Ki Gas Ke Gharelu Upay
4. रोजाना गैस की शिकायत रहती है, तो एक बहुत ही बढ़िया नुस्खा हम आपको बता रहे हैं, इसे करें। दालचीनी को पानी में उबाल लें और ठंडा करने के बाद सुबह खाली पेट इसे रोजाना पियें। शहद मिलाकर पीने से और भी फायदा पहुंचता है।
5. गैस की समस्या से बचने की बात करें, तो तला-भुना या बाहर का ज्यादा न खायें। खाना समय पर और अच्छे से चबा कर खायें। भूख से थोड़ा कम ही खायें, इससे पाचन तंत्र भी सही रहता है।
ये तो रही नुस्खों की बात, अब हम आपको एक बहुत ही फायदेमंद और असरदार आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicine) के बारे में बता रहे हैं। जन्हें गैस की बहुत ज्यादा समस्या बनी रहती है और कई उपाय करके हताश हो चुके हैं, वो इस दवा को ट्राई करके देख सकते हैं। इस दवा का नाम है- Suraj’s GasOsur Capsules यह दवा नेचुरल तरीके से बनाई गई है, शुद्ध जड़ी-बूटियों से बनी आयुर्वेदिक दवा है। यह कैप्सूल के रूप में आती है, जिसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। यह दवा आपके पाचन तंत्र को ठीक करती है, कुछ भी खाया-पीया सही से हज़म (Digest) होता है, मेटाबाॅलिज्म को सुधारती है। इसके अलावा एसिडिटी (Acidity), सीने में जलन और कब्ज (Constipation) की शिकायत में भी यह दवा रामबाण का काम करती है। यह दवा इस प्रकार बनाई गई है कि हर वर्ग के लोग इसे ले सकते हैं। बहुत ही बढ़िया तरीके से यह दवा काम करती है। गैस की समस्या तो दूर होती ही है, पूरे दिन आपके अंदर चुस्ती-फुर्ती भी बनाये रखती है।
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dinesh125 · 5 years
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पेट गैस की समस्या से छुटकारा कैसे पाया जाये?
यदि आप खोज रहे हो कब्ज के लिए आसान और असरदार घरेलु उपाय तो आप बिलकुल सही जगह पर हो क्योंकि यहाँ हम आपको बताएँगे 3 सबसे अच्छे और सबसे आसान घरेलु उपाय जो आपमें एक्यूट कॉन्स्टिपेशन हो या क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन, किसी भी तरह की कब्ज हो उसे जड़ से ख़त्म करने की क्षमता रखते है।
तो चलिए जानते है कॉन्स्टिपेशन या कब्ज होती क्या है, क्यों होती है, कैसे होती है, क्या इसका बचाव है और क्या घरेलु नुस्खे हैं जिनसे हम इसे ट्रीट कर सकते है।
कब्ज के लक्षण: (Symptoms of constipation in Hindi)
कब्ज के कारण: (Cause of constipation in Hindi)
कब्ज की रोकथाम: (Prevention of constipation in Hindi)
कब्ज का घरेलु उपाय: (Treatment of constipation in Hindi)
कब्ज के लिए बचाव: (Tips for constipation in Hindi)
आज के समय में कब्ज (constipation) आमतौर पर सभी में देखने को मिल जाती है क्योंकि आज की (life style) जीवन शैली इतनी (busy) अस्त व्यस्त है की ना तो खाने का पता और ना ही जाने का पता, लोग अपने काम काज में इतने खोये रहते है की ठीक से ना तो सो पाते है और ना ही जग पाते है।
खाने पीने में भी दुनिया इतनी मॉडर्न हो चुकी है जो हर तरह की बिमारी को बुलावा देना जैसा हो गया है। यहाँ हम आपको कुछ (home remedy) घरेलु उपाय बताएँगे जो आपकी कब्ज (constipation) को जड़ से ख़त्म करने की क्षमता रखते है साथ ही कुछ टिप्स है जिनसे आप कब्ज (constipation) की समस्या से हमेशा दूर रह सकते हो।
कब्ज के लक्षण: (Symptoms of constipation in Hindi)
कॉन्स्टिपेशन होने पर अक्सर पेट में ऐंठन होना, ठीक से पेट साफ ना होना, मल का कड़क हो जाना, मल त्यागने में परेशानी होना, खट्टी डकारें आना, मितली आना, मन ख़राब हो जाना, उलटी करने का मन करना, पेट का फूल जाना, जैसी बहुत सारी समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
कब्ज के कारण: (Cause of constipation in Hindi)
कॉन्स्टिपेशन के बहुत सारे कारण हो सकते है जैसे की किसी बीमारी या मधुमेह का होना डायबिटीज के रोगियों में कब्ज (contipation) लगभग सभी में पायी जाती है क्योंकि इस कंडीशन में रोगी के ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होती है जिससे रोगी को बार बार यूरिन के लिए जाना पड़ता है इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है जो की कब्ज का असली कारण है। कब्ज अक्सर उन लोगों में देखने को मिलती है जिनकी डेली लाइफ एक्टिविटीज अस्त व्यस्त होती है. जिनका कोई टाइम टेबल नहीं होता, जो लोग टाइम पर नही सोते और ना ही टाइम पर उठते, उनमें यह कंडीशन जरूर मिलती है।
ज्यादा स्पाइसी खाना खाने वाले लोगों में कॉन्स्टिपेशन की कंडीशन आम समस्या होती है। इन सब के आलावा डेली एक्टिविटी में चेंज की वजह से भी कब्ज हो सकती है। पानी कम पीने से भी इस कंडीशन का सामना करना पड़ता है। हमेशा बैठे रहने वाले लोगों में और ऑफिस वर्क करने वालों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
कब्ज का घरेलु उपाय: (Treatment of constipation in Hindi)
कब्ज के घरेलू इलाज के लिए आपको चाहिए होंगे जीरा, हल्दी, अजवाइन, खड़ा धनिया, काला नमक, सोंठ और पुदीना, इस नुस्खे को तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको 2 बड़ा चम्मच जीरा और 2 बड़ा चम्मच अजवायन को हल्की आंच पर 1 से 2 मिनट के लिए पकाना है हल्का पकने के बाद इसमें एक बड़ा चम्मच खड़ा धनिया मिक्स करना है और इसे फिर हल्की आंच पर 1 से 2 मिनट के लिए पकाना है जब यह अच्छे से पक जाए तो इसे ठंडा करके मिक्सी में चला लें और बारीक पाउडर तैयार कर लें, इसके बाद इसमें एक चम्मच काला नमक, आधा चम्मच हल्दी, पिसी हुई सोंठ और एक चम्मच पुदीने का पाउडर अच्छे से मिक्स कर लें।
यह आपका रात के समय लिए जाने वाला सबसे बेहतरीन रेमेडी तैयार है इसे लेने के लिए डिनर के एक घंटे बाद का समय उचित रहता है क्योंकि इसमें मौजूद जीरा और अजवाइन हमारे द्वारा खाये गए भोजन को अच्छे से डाइजेस्ट करने का काम करती हैं।
पुदीना हमारे पेट को ठंडक पहुंचता है और ये सब एक साथ मिलकर डाइजेस्टिव को सुचारु करती है और जरुरी सभी तत्वों को शरीर के सभी पार्ट्स तक पहुंचती हैं।
इस तैयार पाउडर को लेने के लिए इसमें से एक चम्मच पाउडर गर्म पानी में डाल कर ठंडा होने के लिए रख दे और जब यह हल्का गुनगुना रह जाये तब इसे पी ले।
इस नुस्खे के इस्तेमाल से आपका पेट खुलकर साफ़ होता है और आप हल्का महसूस करते हो भूख भी खुलकर लगना स्टार्ट हो जाती है, यह इतना इफेक्टिव है की इसके पहले इस्तेमाल से ही आपको पूरा आराम मिलेगा।
त्रिफला: (Triphala) इसके आलावा त्रिफ़ला पाउडर भी इस समस्या का रामबाण इलाज है पुराने समय में त्रिफ़ला को पेट से सम्बंधित सभी तरह रोगो में काम लिया जाता था चाहे ओबेसिटी हो या लिवर पैन सभी में यह एक क्लीनर की तरह वर्क कर��ा है अतः आप त्रिफ़ला पाउडर का भी प्रयोग करके इस कंडीशन से हमेशा के लिए निजात पा सकते हो।
अरंडी का तेल: (Castor oil) इसके आलावा एक और नुस्खा है जिसका प्रयोग सुबह के समय पर ही किया जाता है और वह इतना असरदार है की 15 से 20 मिनट में ही आपको असर दिखना स्टार्ट हो जाता है। इसे बनाने के लिए आपको अरंडी के तेल की जरुरत होगी एक चम्मच अरंडी के तेल में एक चम्मच निम्बू का रस मिला ले और इसे सुबह खाली पेट एक गिलास पानी के साथ पिने से आपका पेट अच्छे से साफ होता है और आप अपने आपको हल्का महसूस करते हो।
यहाँ एक बात का ध्यान रखे बताये गए तीनों नुस्खों में से एक बार में किसी एक का ही इस्तेमाल करें यानि अगर आप पावडर तैयार करते हो तो आपको त्रिफला और कैस्टर आयल की जरुरत नहीं है। और यदि आप और किसी भी बिमारी की मेडिसिन खा रहे हो तो उसके एक से दो घंटे बाद ही इसका प्रयोग करें।
इसके आलावा आप पेट साफ़ करने की किसी भी मेडिसिन का इस्तेमाल कंटिन्यू ना करे इससे आपकी इंटेस्टाइन कमजोर हो जाती है, और शरीर में भी वीकनेस आ जाती है अतः इस बात का विशेष ध्यान रखें।
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abhay121996-blog · 3 years
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खून साफ करने से लेकर आंंखों की रोशनी तक को ठीक करता है ये पानी, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका Divya Sandesh
#Divyasandesh
खून साफ करने से लेकर आंंखों की रोशनी तक को ठीक करता है ये पानी, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका
डेस्क। ज्यादातर लोग सौंफ का खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, वह सौंफ औषधीय गुणों से भरपूर होती है और हमारे रसोई घर में पाए जाने वाले सबसे अहम मसाले में से एक है। इसका प्रयोग तरह तरह के ट्रेडिशनल व्‍यंज्‍नों में भी किया जाता है। इसमें मौजूद पोटैशियम, मैग्‍नीज, जिंक, आयरन और कॉपर आदि मिनरल भरपूर होते हैं जो हमारी सेहत को भी बहुत फायदा पहुंचाते हैं। हल्‍के हरे रंग के इसके छोटे छोटे दानें को आप कच्‍चा भी खा सकते हैं और पकाकर भी लेकिन अगर आप इसे पानी में उबालकर इसके पानी को पीते हैं तो इसका फायदा कई गुना बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इसे बनाने की विधि और इसके फायदे। 
कैसे बनाएं सौंफ का पानी
सौंफ का पानी बनाने के लिए आप 1 ग्‍लास पानी में 1 चम्मच सौंफ डालें और उसे रातभर पानी में छोड़ दें। सुबह इस पानी को छानकर पी लें। इसे एक और तरीके से भी बनाया जा सकता है। एक पैन में 1 गिलास पानी उबालें और जब वह उबलनें लगे तो इसमें 1 चम्मच सौंफ डालकर गैस बंद कर दें। कुछ देर के लिए इसे ढककर रख दें। सौंफ के इस पानी को आप दिनभर में 2 से 3 बार पी सकते हैं। 
अगर आप भी हैं पेशाब के समय दर्द और जलन की समस्या से परेशान तो अपनाएं घरेलू उपाय, मिलेगा आराम
मोटापा दूर भगाएं: प्रतिदिन सुबह खाली पेट सौंफ का सेवन करने से मोटापा से मुक्ति मिल सकती है।  दरअसल इसके सेवन से यह मेटाबॅलिज्‍म को बढ़ा देता है जिससे कैलोरी और फैट को बर्न होने में मदद मिलती है। इस पानी के सेवन से भूख भी कम लगती है और जिससे वजन कम होने लगता है।   पेट संबंधी समस्याओं में कारगार: सौंफ का पानी नियमित रूप से पीने से पेट के कई विकार दूर हो सकते है। अपच, सूजन, पेट फूलना, गैस बनना, कब्ज आदि समस्याओं से निजात मिल सकता है। 
ब्लड प्रेशर में अच्‍छा: सौंफ के इस पानी में पोटैशियम भरपूर मात्रा में मिलता है जो ब्लड प्रेशर के साथ ही हार्ट रेट को भी रेग्युलेट करने में हेल्‍प करता है। जिन मरीजों को हाई ब्लड प्रेशर का प्रॉब्‍लम है उन्‍हें सौंफ का पानी जरूर पीना चाहिए। 
खून करता है साफ: सौंफ का पानी बॉडी में मौजूद हानिकारक टॉक्सिन यानी विषाक्त चीजों को बाहर निकालकर ब्‍लड प्‍यूरिफाई कर सकता है। इसका पानी डाइयूरेटिक होता है जिस वजह से इसे पीने के बाद बार-बार पेशाब लगती है। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिन और अशुद्धियां आसानी से बाहर निकाल जाती है। इस प्रक्रिया से बॉडी डीटॉक्स हो जाती है। 
आंखों की रौशनी के लिए अच्‍छा: सौंफ का पानी विटामिन ए से भरपूर होता है। इसके साथ इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स के गुण भी मौजूद होते हैं। इसमें कई तरह के न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो आंखों की रौशनी को बढ़ाने में हेल्‍प करती है। यह आंखों को हेल्दी रखने में भी मददगार है। यह मोतियाबिंद होने की संभावना को भी रोकता है। 
नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। 
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प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के उपाय
हमारा जीवन कठिनाइयों भरा होता है, जहां कोई ना कोई परेशानी लगी ही रहती है। अगर बात महिलाओं की जाए तो भी सजग रहते हुए भी समस्या आ ही जाती है। ऐसा देखा जाता है कि महिलाओं के प्रेग्नेंट होने पर उनका वजन अचानक बढ़ जाता है जिससे बाद में महिलाओं को वजन कम करने में बड़ी दिक्कतें होने लगती हैं।
ऐसे में हम आपकी मदद करेंगे ताकि आप  प्रेगनेंसी के बाद अपना वजन आसानी से कम कर सके।
डिलीवरी के बाद क्यों बढ़ जाता है  वजन?
कई बार ऐसा देखा जाता है कि प्रेग्नेंसी के समय वजन बढ़ता ही जाता है जिससे महिलाएं चिंतित होने लगती हैं। एक्सपर्ट की मानें तो ऐसे समय में हार्मोन का संतुलन बदलता रहता है।
जब भी महिलाएं प्रेग्नेंट होती है, तो बच्चे एवं खुद के पोषण को ध्यान रखते हुए खानपान की मात्रा बढ़ा दी जाती है। ऐसे में वजन बढ़ना लाजिमी हो जाता है। कई बार महिलाओं को प्रेगनेंसी में भी थायराइड की समस्या होती है और वजन बढ़ने का कारण बनती है। कई बार प्रेगनेंसी में बेहतर सेहत के लिए कई प्रकार की दवाइयां दी जाती है और यह भी वजन बढ़ने में बड़ा कारण बनती है।
गर्भावस्था के दौरान बवासीर का घरेलू इलाज
प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के कारगर उपाय
प्रेगनेंसी के बाद महिलाएं चिंतित होने लगती हैं क्योंकि कुछ दिनों में उनका वजन बढ़ जाता है। ऐसे में हैरान परेशान नहीं बल्कि कुछ कारगर उपाय कर आप फायदा ले सकती हैं।
1) खानपान सही हो –  महिलाएं वजन को लेकर इतना परेशान हो जाती है कि खाना भी सही तरीके से नहीं खाती हैं। ऐसा करने से आपकी परेशानी और भी बढ़ सकती है। ऐसे समय में आपको ऐसा खानपान लेना होगा जो आपको पूरा पोषण दे सके।
2) बेल्ट का उपयोग – आपने देखा होगा कि मोटापा कम करने के लिए लोग बेल्ट का उपयोग करते हैं ऐसे में आप भी इस बेल्ट का सहारा ले सकती हैं,  जो पूर्ण रूप से सुरक्षित है और आसानी से मिल भी जाती है।
3) ज्यादा कैलोरी ना लेना – ऐसे समय में ऐसा खानपान ले, जो ज्यादा कैलोरी का ना हो। इसमें आप प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, कैल्शियम, फाइबर युक्त भोजन ले। यह सभी वजन कम करने में फायदेमंद है।
4) सही सामान की खरीदारी करें – कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि मार्केट जाते ही हम कई प्रकार के खाने का सामान देखकर खरीदारी कर लेते हैं। जो आपके लिए सही नहीं है। ऐसे में चॉकलेट, कुकीज ,कुकीज़, से दूर ही रहे तो बेहतर होगा।
5) खाना हो सही समय पर — इस बात का खास ख्याल रखें कि खाना सही समय पर खाएं। बहुत ज्यादा देर ना करें। सोने के  2 घंटे पहले खाना खाना ही बेहतर है।
6) तनाव से दूरी — कई बार ऐसा भी देखा गया है कि तनाव के कारण वजन बढ़ सकता है, ऐसे में किसी भी तनाव से बचें। ऐसा देखा गया है कि यह कहना आसान है लेकिन अगर आप चाहे तो एक बार कोशिश की जा सकती है।
7) स्नैक्स ले —  अगर आपको ऐसा लगे कि भूख लग रही है तो थोड़ा-थोड़ा करके खाएं। आप चाहे तो स्नैक्स के रूप में ओट्स,  सूखे मेवे का सेवन कर सकते हैं।
8)  ज्यादा पानी पिए — अगर आप ज्यादा पानी पिए तो फायदेमंद होगा। रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पी कर खुद को स्वस्थ भी रख सकते हैं।
9) चाय, कॉफी से दूरी —  प्रेगनेंसी में वजन कम करने के लिए चाय, कॉफी से दूरी बना लेना ��ी फायदेमंद है। इनमें कैफीन होती है, जो वजन कम करने में बाधक है। अगर आप चाय, कॉफी पीने के शौकीन हैं तो ग्रीन टी पी सकते हैं।
डिलीवरी के बाद वजन कम करने के घरेलू उपाय
pregnancy ke baad vajan kam kaise kare | delivery ke baad vajan kam karne ka gharelu upay
अगर आप चाहे तो घरेलू उपाय से ही वजन कम किया जा सकता है जो सुरक्षित भी है और घर में रखी सामग्री से आप अपना काम कर सकते हैं।
1)  नींबू और शहद – अगर आप खाली पेट नींबू का पानी गर्म करके और उसमें शहद डालकर पिए हैं, तो यह बहुत ही फायदेमंद हो जाएगा।
2)  टमाटर –   अगर टमाटर का सेवन किया जाए तो यह बेहतर होगा। टमाटर में लाइकोपीन और  बीटा कैरोटीन होता है, जो वजन कम करता है। इसमे प्राकृतिक शुगर पाई जाती है, जो किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं करती है।
3) लहसुन – अगर आप रोज सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन की चार पांच कलियों को खाएं तो निश्चित रूप से वजन कम किया जा सकता है। शुरू में इसका स्वाद अजीब लगेगा पर बाद में ठीक हो जाता है।
4).  ग्रीन टी –   अगर आप  ग्रीन टी का उपयोग करें तो बहुत ही फायदा करेगा और कुछ ही दिनों में आपका वजन कम हो जाएगा।
5)  अजवाइन का पानी – अगर आप एक चम्मच अजवायन को पानी में डालकर गर्म कर लें और रोजाना पिए तो इससे भी बहुत ज्यादा फायदा होने वाला है।
प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के कुछ मुख्य व्यायाम
प्रेगनेंसी के होने पर  व्यायाम की सलाह दी जाती है लेकिन आप  डिलीवरी के बाद भी व्यायाम करके आप वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
1) वॉकिंग – वजन कम करने का सबसे आसान उपाय वाकिंग है। अगर आपको समय मिले तो सुबह  ताजी हवा में कम से कम आधे घंटे तक वॉकिंग करें इससे आपको फायदा होगा वजन कम करने में।
2) सिटअप्स – अगर आप नियमित रूप से सिटअप्स करते हैं, तो निश्चित रूप से आपका वजन कम होगा। इसके लिए जमीन पर लेट जाए। इसके बाद अपने दोनों हाथों को गर्दन के पीछे ले जाएं और धीरे-धीरे सिर को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें।अगर  आप बार-बार दोहराती है, तो अतिरिक्त वसा बढ़ नहीं पाती है।
3)  स्विमिंग – अगर आप वजन कम करने की इच्छुक हैं, तो प्रेगनेंसी के बाद स्विमिंग आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। इसके लिए आप अपने समयानुसार स्विमिंग कर आनंद ले सकती हैं।
4)  स्टेचिंग – वजन कम करने के लिए इसे भी कारगर माना गया है। इसमें आप पीठ के बल लेट जाएं । उसके बाद अपने घुटनों को धीरे धीरे मोड़े। ऐसा करते समय पीठ एकदम सीधी होनी चाहिए। शुरुआत में इसे बहुत ज्यादा देर तक नहीं करें तो बेहतर होगा।
5) बेली बीथिंग – इसे करना बहुत ही आसान है। इसमें आपको पीठ के बल लेटना होगा और अपने हाथों को पेट में रखे। जैसे सांस ले तो आप देखेंगे पेट बाहर आएगा और सांस होने पर पेट को अंदर खींच ले। फिर से सांस रोकते हुए या व्यायाम करें यह भी आपके लिए फायदेमंद है।
अच्छा होगा यदि शुरुआत में आप किसी विशेषज्ञ से सलाह ले ले।
वजन कम करने हेतु क्या नहीं करना चाहिए
कई बार महिलाएं वजन कम करने की होड़ में कुछ गलतियां कर बैठती हैं, तो आपको इन गलतियों से बचना होगा।
1) कई बार महिलाएं अपना खाना पीना छोड़ने लगती हैं। यह तो बिल्कुल गलत है जब तक आपका पोषण सही नहीं होगा, तब तक बच्चे का पोषण सही से नहीं हो पाएगा। इससे बच्चे की सेहत पर बुरा असर होगा।
2) कुछ महिलाएं ऐसा सोचती है कि उपवास करने से वजन कम हो जाएगा लेकिन यदि आपकी कुछ दिनों पहले ही डिलीवरी हुई हो, तो उपवास बिल्कुल ना करें इससे बच्चे की सेहत पर असर पड़ेगा सबसे ज्यादा जरूरी बच्चे की सेहत है, उस पर ध्यान दें।
3) ऐसे समय में आपके बच्चे को आपके दूध की परम आवश्यकता है। ऐसे में बच्चे को दूध नियमित रूप से दें किसी भी प्रकार की कोताही ना बरतें।
4) आपने  अखबार पत्र व विज्ञापनों में वजन कम करने के लिए कई प्रकार की दवाइय���ं की जानकारी देखी होगी तो इस प्रकार के विज्ञापनों से दूर ही रहे और सही निर्णय लें।
डिलीवरी के बाद वजन कम करना क्यों है जरूरी
डिलीवरी के बाद कई  महिलाओं का वजन बढ़ जाता है और उसे कम करने की जद्दोजहद शुरू होती है लेकिन यह भी देखा गया है कि डिलीवरी के बाद वजन कम करना जरूरी है क्योंकि बाद में कई प्रकार की समस्याएं घिर सकती हैं, जो बच्चे के लिए भी घातक हो सकता है ऐसे में पूरा ध्यान बच्चे पर दें।
वजन कम करना है एक चुनौती
वजन कम करना एक हमेशा से ही चुनौती होती है और अगर प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करना हो, तो यह और भी मुश्किल काम नजर आता है। बच्चे के साथ वजन कम करना थका देने वाला काम है। ऐसे में अगर सही पोषण पर ध्यान दिया जाए तो निश्चित रूप से यह आपके और बच्चे के लिए फायदेमंद होने वाला है। ऐसे में अगर आप किसी भरोसेमंद व्यक्ति या अपने पार्टनर से मदद लें तो भी फायदेमंद होगा। ऐसे में खुश रहे और धीरे-धीरे वजन कम करने की कोशिश करें ज्यादा परेशान ना ही रहे।
प्रेगनेंसी में इम्यूनिटी पावर कैसे बढ़ाए
सिजेरियन के बाद कैसे करें वजन कम
सिजेरियन डिलीवरी होने से कई प्रकार की समस्याएं देखी जा सकती हैं उनमें से एक वजन की भी समस्या है। इस समय आप एकदम से वजन कम करने के बारे में न सोचे। कुछ दिनों बाद ही वजन कम करना सही होगा। इस समय आपको खुद का ध्यान देने की आवश्यकता है। कुछ आसान उपाय करके इस समय आप अपना वजन कम कर सकती हैं
1) स्तनपान – स्तनपान. किसी भी मां के लिए सबसे अच्छा तरीका है। अपना वजन कम करने का स्तनपान कराने से बच्चे को भी सही पोषण मिल जाता है। जब भी स्तनपान कराया जाता है तो उसमें लगभग 500 कैलोरी खर्च होती है और इससे पेट की चर्बी को भी कम किया जा सकता है। इसे करना आसान भी है।
2) खूब पानी पिए – रोजाना ज्यादा से ज्यादा पानी पिए जो शरीर के लिए फायदेमंद है। यह अतिरिक्त वसा को दूर करने का भी काम करता है।
3) हमेशा कैलोरी पर ध्यान दें – वजन कम करने की जद्दोजहद में कैलोरी पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। सही तरीके से नाश्ता, खाना, मेवे, दही ही लिया जाए तो सही रहेगा। कोशिश करना चाहिए कि ऐसे समय में कैलोरी बहुत ज्यादा भी कम ना हो सके नहीं तो ऐसे में दिक्कत हो जाएगी।
निष्कर्ष
इसमें से हमने देखा कि प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करना थोड़ा मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं। इस बात का विशेष ध्यान रखें और बच्चे का भी ध्यान रखें। बहुत जरूरी है कि ऐसे समय में खुश रहे तभी बच्चा सही विकास कर पाएगा।
आपके आने वाले भविष्य के लिए शुभकामनाएं एवं हमारा लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/pregnancy-ke-baad-vajan-kam-karne-ke-upay/
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काली मिर्च के फायदे - All Ayurvedic - A Natural Way of Improving Your Health
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काली मिर्च के फायदे - All Ayurvedic - A Natural Way of Improving Your Health
All Ayurvedic – A Natural Way of Improving Your Health
आयुर्वेदिक औषधियाँ
आरोग्यम
जड़ी बूटी
काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो स्वाद के साथ ही औषधिय गुणों से भी भरपूर है। इसे सलाद, कटे फल या दाल शाक पर बुरक कर उपयोग लिया जाता है। इसका उपयोग घरेलु इलाज में भी किया जा सकता है। काली मिर्च खाने के बड़े ही फायदे हैं, (ब्लॅक पेपर) के कई घरेलू नुस्खे और उपाय हैं, जिससे आपको कई बीमारियो और समस्याओं में बहुत लाभ मिलता हैं। 
काली मिर्च के तीखे स्वाद के कारण इसका बहुत ही कम इस्तेमाल किया जाता हैं, लेकिन अनेक प्रकार की बीमारियो में काली मिर्च का इस्तेमाल घरेलू नुस्खे के तौर पर किया जाता हैं। पेट, स्किन और हड्डियो से जुड़ी प्रॉब्लम्स को डोर करने में काली मिर्च बहुत ज़्यादा असरदार होती हैं। आज जाँएंगे की इसका कैसे और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करके रोगो को दूर किया जा सकता हैं। यदि आप प्रतिदिन 1 काली मिर्च का सेवन करे तो आपको 56 फायदे होंगे, आइये आज हम आपको बताने जा रहे हैं कालीमिर्च के रामबाण प्रयोग व फायदे।
काली मिर्च के फायदे :
उम्र बढ़ने के साथ ही होने वाला गठिया रोग काली मिर्च का इस्तेमाल बहुत ही फयदेमंद होता हैं। इसे तिल के तेल में जलने तक गरम करे। उसके बाद इस तेल को ठंडा होने पर दर्द वाली जगह आदि पर लगाए आपको बहुत ही आराम मिलेगा।
जंक फुड के कारण बवासीर की समस्या आजकल ज़्यादातर लोगो को रोग कर रही हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए जीरा, काली मिर्च और चीनी या मिशरी को पीस कर एक साथ मिला ले। सुबह-शाम दो से तीन बार इसे लेने से बवासीर में राहत मिलती हैं।
पेट दर्द का कारण सिर्फ़ खराब ख़ान-पान ही नही होता हैं, बल्कि कीड़े भी इसकी वजह हो सकते हैं। इससे भूख कम लगती हैं और वजन तेज़ी के साथ घटने लगता हैं। इन्हे डोर करने के लिए च्छच्छ में काली मिर्च का पाउडर मिला कर पिए इसके अलावा काली मिर्च को किसमिस के साथ मिला कर खाने से भी पेट के कीड़े दूर होते हैं।
त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर, काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है।
ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करें।
काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह शाम पानी के साथ फंाक लें। बावासीर रोग में लाभ होता है।
आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि दूर हो जाती है।
शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है।
बुखार में तुलसी, कालीमिर्च तथा गिलोय का काढ़ा लाभ करता है।
चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है।
कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।
हर साल अप्रैल के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में निम के कोमल 7 ताजा पत्ते, 7 कालिमिर्ची और चुटकी भर सेंधा नमक पानी डालकर पीसकर 5 चम्मच पानी में घोलकर सुबह भूखे पेट एक बार एक दिन में पियें। इसके बाद 2 घंटो तक कुछ न खाएं। यह एक व्यक्ति की खुराक हैं ऐसे लेने से साल भर बुखार नहीं आएगा। हर साल इसी तरह लेते रहे और बुखार से बचें रहे।  
कालिमिर्ची में मौजूद पाईपरिन नामक तत्व कीटाणुनाशक होता हैं। यह मलेरिया और वायरस जैसे ज्वरो के विषाणुओं को नष्ट कर देता हैं। 60 ग्राम पीसी हुई कालिमिर्ची 2 ग्लास पानी में इतना उबालें की आधा ग्लास पानी रह जाये फिर इसे छानकर हर 4 घंटे से उसके 3 भाग करके पियें। इससे मलेरिया बुखार ठीक हो जाता हैं।
सिर में डेंड्रफ और खुजली के वजह से बाल गिरते हो तो कालिमिर्ची, प्याज, नमक सबको पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। बालो का झड़ना बंद हो जायेगा।
अगर बाल सफ़ेद हो गए हो तो 10 कालिमिर्ची रोजाना सुबह भूखे पेट और शामको चबाकर निगल जाएं। यह प्रयोग कम से कम एक साल से ज्यादा करें। यह आजमाया हुआ प्रयोग हैं। कालिमिर्ची मीठे तेल, (तिल का तेल) मिलाकर लगाएं तो और अधिक लाभ होगा।
कालिमिर्ची और फिटकरी समान मात्रा में बारीक पीसकर मिला लें। थोड़ा सा पाउडर लेकर पानी डालकर पेस्ट बनाकर तिनके की रुई लगाकर फुरेरी से मस्सों पर रोजाना दिन में 3 बार लगाएं। मस्से हट जायेंगे।
फोड़ा, फुंसी, दाध, खुजली आदि पर पीसी कालिमिर्ची और घी मिलाकर लगाए लाभ होता हैं।
हरे पुदीना के 30 पत्ती 2-2 चम्मच सौंफ और मिश्री, 5 कालिमिर्ची सब में पानी डालकर पीसकर एक कप गर्म पानी में घोलकर छानकर पिने से हिचकी बंद हो जाएगी।
5 कालिमिर्ची जलाकर पीसकर बार बार सूंघने से हिचकी बंद हो जाती हैं।
निम की निम्बोली के अंदर की सुखी गिरी और कालिमिर्ची को बराबर मात्रा में लेकर दोनों को कूटपीसकर आधा चम्मच रोजाना सुबह भूखे पेट पानी से फांकी 2 सप्ताह तक लें। इससे आशातीत लाभ होंगे, चाहे केसा भी बवासीर हो ठीक हो जाती हैं।
यह पाचनशक्ति बढ़ाती हैं। एक कालिमिर्ची, जीरा, सेंधा नमक, सोडा, पीपल सब समान भाग में लेकर पिसलें खाना खाने के बाद आधा चम्मच पानी से 2 बार लें। खाना अच्छी तरह से पचेगा हजम होगा।
अगर खाना ठीक से नहीं पचता हो और शौच ढीली और आंवयुक्त होती हो तो कालिमिर्ची सेंधा नमक अजवाइन सुखा पोदीना बड़ी इलायची समान भाग में पीसकर एक-एक चम्मच 2 बार खाने के बाद फांक लें।
5 ग्राम कालिमिर्ची पीसकर आधा चम्मच गाय के घी के साथ लेने से सब तरह की खुजली और विष का प्रभाव दूर हो जाता हैं। फुंसी उठते ही उसपर कालिमिर्ची पानी में पीसकर लगाने से फुंसी बैठ जाती हैं। गुहेरी, बाल तोड़ फोड़े भी ठीक हो जाते हैं।
कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार के तोर पर कालिमिर्ची पीसकर घाव पर भुरक दें और फिर डॉकटर को भी दिखा दें। ऐसा करने से जहर का प्रभाव कम हो जायेगा।
चाय में कालिमिर्ची, लौंग, दाल चीनी, सोडा, छोटी इलायची अपने टेस्ट के हिसाब से डालकर पिने से स्फूर्ति आती हैं। आलसी और उदासीनता दूर हो जाती हैं। थकान होने पर, मानसिक संताप, दुःख होने पर यह चाय जरूर पियें।
5 कालिमिर्ची और 10 किशमिश मिलाकर चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
कालिमिर्ची स्वाद तन्तु को उत्तेजित कर पाचनशक्ति बढाती हैं। आंतो में बनने वाली गैस को बनने से भी रोकती हैं।
गुड कालिमिर्ची पीसकर मिलाकर थोड़ा-थोड़ा रोजाना दिन में 3 बार खाएं और गर्म पानी पिएं।
पित्त, दौर्बल्य, नैत्रज्योतिवर्धक : चौथाई चम्मच पीसी कालिमिर्ची आधा चम्मच घी या मक्खन में मिलाकर चाटें जो इसके कड़वेपन के कारण नहीं खा सके वह इसमें मिश्री मिलाकर खा सकते हैं।
फुंसी, फोड़े कच्चे बिना पके, खुजली और दाद में उपरोक्त नुस्खे के साथ कालिमिर्ची पानी डालकर चटनी की तरह पीसकर लगाएं।
आधे सिर का वह दर्द जो की सूर्य उदय के साथ होता हो, इसमें कालिमिर्ची के 10 दाने और 2 चम्मच मिश्री को कुटपिसकर सुबह सूर्यौदय से पहले फांक लेने से लाभ होता हैं।
छुरी, चाक़ू से कटने पर घांव पर पानी डालकर साफ़ कर उस पर कालिमिर्ची का पाउडर छिड़कर दबा दें। खून बहना तत्काल रुक जायेगा। दर्द और इन्फेक्शन भी नहीं होंगे। क्योंकि कालिमिर्ची दर्द निवारक, एंटी बैक्टीरियल और एंटीसॉफ्टिक होती हैं। घाव पर कालिमिर्ची पाउडर से जलन भी नहीं होंगी।
एक परिवार में 5 व्यक्तियों के लिए चटनी का अनुपात मुनक्का 10, अदरक 10 ग्राम, लॉन्ग 5, तुलसी के पत्ते 20 और अपने टेस्ट के हिसाब से नमक, जीरा, कालिमिर्ची मिलाकर चटनी बनाकर हर तीसरे दिन खाते रहने से वर्षा ऋतू के दुष्प्रभाव से बचाव होता हैं।
चुटकीभर पीसी कालिमिर्ची एक चम्मच शहद में मिलाकर रोजाना 2 बार चाटें। इससे बुद्धि का विकास भी होगा।
30 ग्राम मक्खन या एक चम्मच घी में आटा कालिमिर्ची और शक्कर मिलाकर रोजाना चाटने से स्मरण शक्ति बढ़ती हैं। मस्तिष्क में तरावट आती हैं और बुद्धि प्रखर होती है। कमजोरी दूर होती हैं।
15 कालिमिर्ची, 2 बादाम, गिरी 5, मुनक्का 2 छोटी इलायची एक गुलाब का फूल आधा चम्मच पोस्ता के दाने सबको रात को एक कुल्ल्हड़ पानी से भरकर भिगो दें। सुबह सब को 250 ग्राम गर्म दूध में मिलाकर रोजाना कुछ महीनो तक पियें। इससे मस्तिष्क को तरावट मिलेगी थकान दूर होगी शक्ति बढ़ेगी।
12 कालिमिर्ची कूटकर घी में तलें। घी नितारकर इसमें गेहूं का आटा सेंक कर गुड या शकर डालकर हलुआ बनाकर उसमें तली हुई कालिमिर्ची डालकर सुबह शाम भोजन से पहले खाएं। चक्कर आना बंद हो जायेगा।
20 कालिमिर्ची गुलाबजल में पीसकर रात को चेहरे पर लगाएं और सुबह गर्म पानी से धोयें। इससे कील मुंहासे झूरिया साफ़ होकर चेहरा साफ़ होने लगता हैं।
5 कालिमिर्ची 10 तुलसी के पत्ते पीसकर शहद में मिलाकर 3 बार रोजाना चाटें।
इसमें 10 कालिमिर्ची पीसकर पानी से फांक लेने या खाने से लाभ होता हैं।
कालीमिर्च अलम्पित्त को ख़त्म करती हैं। 5 कालिमिर्ची का पाउडर प्याज और निम्बू का रस एक-एक चम्मच तीनो। तिन चम्मच पानी में मिलाकर एक बार रोजाना सुबह पियें। अलम्पित्त में फायदे होंगे। 
कालिमिर्ची का पाउडर घी शकर मिलाकर चौथाई चम्मच सुबह शाम लेने से शरीर बलवान रहता हैं।
10 कालिमिर्ची पीसकर एक ग्लास दूध में उबालकर मीठा डालकर पिने से पेट दर्द में लाभ होता हैं।
कालिमिर्ची, हींग, सोडा समान मात्रा में पिसलें। आधा-आधा चम्मच सुबह शाम गर्म पानी से फांक लें।
10 पीसी कालिमिर्ची, एक कप दंहि, जरा सा गुड मिलाकर रोजाना 2 बार खाने से नकसीर में लाभ होता हैं।
एक ग्लास दूध में चुटकी भर कालिमिर्ची और हल्दी डालकर उबालकर सोते समय गर्म-गर्म रोजाना पिएं।
10 कालिमिर्ची कूटकर एक ग्लास पानी में उबालकर गरारे करने से गला साफ़ हो जाता हैं, गले का दर्द, दांत दर्द, संक्रमण दूर हो जाता हैं।
जुकाम खांसी नाक बंद और एलर्जी हो तो सुबह शाम 5 साबुत कालिमिर्ची दांतों से अच्छी तरह चबाएं और एक ग्लास गुन-गुना दूध पियें। दूध में अदरक और तुलसी के पत्तो का रस मिला लें और पियें। ऐसा 5 दिन तक लगातार करें। इससे जुकाम और एलर्जी में जल्द ही आराम मिलता हैं।
12 कालिमिर्ची 3 ग्राम ब्राह्मी की पत्तियां पीसकर आधा ग्लास पानी में छानकर रोजाना 2 बार पिएं।
नैत्रज्योतिवर्धक (आंखों की रोशनी बढ़ाना) : कालिमिर्ची नैत्रज्योति बढ़ाती हैं, घी कालिमिर्ची, मिश्री मिलाकर चाटें।
पीसी हुई कालिमिर्ची घी में मिलाकर चांदनी रात में खुले स्थान में रखें। सुबह होने से पहले खुले स्थान में से हटाले यह आधा चम्मच रोजाना खाएं।
अनियमित मासिक धर्म : एक चम्मच शहद में पीसी हुई 5 कालिमिर्ची मिलाकर लगातार २ महीने तक चाटने से मासिकधर्म नियमित हो जाता हैं, अन्य दोष भी दूर हो जाते हैं।
बहुत बारीक पीसी हुई कालीमिर्ची 2 चम्मच, 3 चम्मच देसी घी में मिलाकर लकवा ग्रस्त अंगो पर लैप और मालिश 10 दिन तक करें।
कालिमिर्ची चबाने से मुंह का स्वाद ठीक हो जाता हैं, जी नहीं मचलाता हैं।
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rajatgarg79 · 6 years
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पेट में सूजन के लिए क्या करना चाहिए
पेट की सूजन का मतलब होता है पेट के अंदर मौजूद सुरक्षात्मक परत में सूजन हो जाना। ये एक आम समस्या है जिसके कई कारण हो सकते हैं। पेट की सूजन अचानक कुछ समय के लिए हो सकती है या ये लम्बे समय तक भी रह सकती है। इससे आमतौर पर पेट दर्द की समस्या होती है, लेकिन कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे उल्टी या भूख न लगना आदि।
(और पढ़ें - पेट में दर्द होने पर क्या करना चाहिए)
पेट में सूजन होने का मुख्य कारण होता है इन्फेक्शन होना। हालांकि, इसके अन्य कारण भी होते हैं, जैसे स्वप्रतिरक्षित बीमारियां।
पेट की सूजन के लिए कुछ घरेलू उपाय मददगार हो सकते हैं, लेकिन इनसे सूजन की समस्या के कारण का इलाज नहीं होता है। आमतौर पर, घरेलू उपाय से पेट की सूजन ठीक हो जाती है और आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती।
(और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)
इस लेख में पेट में सूजन हो तो क्या करें और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via https://www.myupchar.com/first-aid/gastritis
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