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#पीसीओडी और पीसीओएस
medtalksblog · 2 years
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indlivebulletin · 1 day
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PCOS की बीमारी से महिलाएं कैसे करें बचाव, डॉक्टर ने बताया, देखें Video
PCOS Disease in Women’s : भारत में महिलाओं में पीसीओडी यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम बीमारी के मामले हर साल बढ़ रहे हैं. इस बीमारी की वजह से बच्चा कंसीव करने में परेशानी आती है. कुछ मामलों में ये डिजीज गंभीर रूप भी ले सकती है. महिलाओं में पीसीओएस की समस्या कई कारणों से हो सकती है. ये बीमारी क्यों होती है. किनको इसका खतरा है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है. इस बारे में सफदरजंग अस्पताल में ऑन्को…
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क्या है पीसीओडी के मुख्य लक्षण? और जाने उपचार (PCOD Symptoms In Hindi)
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पीसीओडी क्या होता है? (What is PCOD?)
क्या आपने कभी पीसीओडी के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो आज हम इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। पीसीओडी, यानी बहुत्विक अंडाशय रोग, एक सामान्य हार्मोनल समस्या है जो बहुत सी महिलाओं को प्रभावित करती है। इसका प्रभाव महिला के प्रजनन अंगों पर पड़ता है, जिससे कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। पीसीओडी के लक्षणों में पीरियड्स ना आना या अनियमित मासिक चक्र, गर्भधारण में कठिनाई, Mood Swings, चेहरे पर अनचाहे बाल, बाल झड़ना और पतला होना, वजन बढ़ना, त्वचा में परिवर्तन, मुंहासे, पेल्विक दर्द शामिल है और इन बीमारियों मे टाइप 2 डायबिटीज, हृदय की बीमारी, मोटापा और एंडोमेट्रियल कैंसर भी हो सकता है।
पीसीओडी का पूरा नाम हिंदी में (Full Form of PCOD in Hindi)
पीसीओडी का पूरा नाम या फिर full form “Polycystic Ovary Disease” है, जिसे हिंदी में “बहुत्विक अंडाशय व्याधि कहा जाता है। इसे ‘पीसीओडी” के नाम से अधिक जाना जाता है, और यह महिलाओं में बहुत पाया जाता है।
पीसीओडी के कारण (Why PCOD Occurs?)
अब आप सोच रहे होंगे, पीसीओडी आखिर होता कैसे है? चलिए, इसे और अधिक विस्तार से समझते हैं।
पीसीओडी कैसे होता है?
पीसीओडी तब होता है जब अंडाशय में अनेक छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं। ये सिस्ट वास्तव में अंडाणु होते हैं जो सही तरह से परिपक्व नहीं हो पाते हैं।
पीसीओडी क्यों होता है?
इसका मुख्य कारण हार्मोन्स का असंतुलन होता है। जब एक महिला के शरीर में विशेष प्रकार का हार्मोन अधिक मात्रा में उत्पन्न होता है, तो यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
पीसीओडी के लक्षण (Symptoms of PCOD)
पीसीओडी या पॉलीसिस्टिक ओवरी रोग अंडाशय हार्मोन का एक विकार है जो प्रजनन आयु की महिलाओं में आम है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए ऐसे लक्षण हैं जो किसी भी महिला में दिखाई दे सकते हैं।
पीसीओडी के प्रमुख लक्षण (Main Symptoms of PCOD)
अनियमित मासिक धर्म: मासिक धर्म चक्र में लंबे समय तक रुकावट या इसमें देरी।
ओवर हेयर: पीठ, पेट और चेहरे पर प्रचुर मात्रा में बाल।
 वजन बढ़ना: अचानक वजन बढ़ना या वजन घटाने में कठिनाई।
त्वचा समस्याएँ: मुँहासे और चेहरे पर तेलीयपन।
अधिक थकान महसूस होना: बिना किसी कारण के थकान महसूस करना।
पीसीओडी महिलाओं में कैसे पहचानें (Identifying PCOD in Females)
यह सवाल लगभक सभी महिलाओं के मन में आता है की, “क्या मुझे पीसीओडी है हुआ है?” तो आइए जानते हैं ऐसे कुछ लक्षण जिनसे आप इस समस्या को जान सकते हैं।
जानिए पीसीओडी की समस्या और उसके लक्षण (Know PCOD Issues and Their Indications)
•                  उल्टी की भावना: बहुत बार उल्टी आने जैसा feel हो सकता हैं।
•                  सीने में जलन होना: भोजन के बाद सीने में जलन होना ये भी कई बार हो सकता है।
•                  बालों का झड़ना या फिर कम होना: इसमे बालों का झड़ना, कम होना और पतला होना ये भी शामिल है।
•                  अधिक थकान याफिर नींद की भावना: रोज के दिनकर्म में भी अधिक थकान जैसा लगना या फिर नींद जैसा feel होना।
पीसीओडी और पीसीओएस में अंतर (Difference between PCOD and PCOS)
अधिकतर लोग पीसीओडी और पीसीओएस को एक ही समस्या मानते हैं, लेकिन ये दोनों अलग होते हैं। पीसीओडी (Polycystic Ovary Disease) एक स्थिति है जहां अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट होते हैं। पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) एक अधिक गंभीर विकार है, जिसमें हार्मोनल असंतुलन, मेटाबोलिक समस्याएं, और प्रजनन संबंधी जटिलताएं शामिल होती हैं।
उपचार और सलाह (Treatment and Advice)
पीसीओडी का समय पर इलाज और सही सलाह से प्रबंधन संभव है। अगर आपको पीसीओडी के लक्षण महसूस होते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर: पीसीओडी और प्रजनन संबंधी अन्य समस्याओं के लिए सही परामर्श और उपचार के लिए, नवी मुंबई के यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर से संपर्क करें। यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर आपको उचित मार्गदर्शन और देखभाल प्रदान करेंगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 8655442184.
पीसीओडी का परीक्षण (PCOD Testing)
स्वस्थ जीवन की कुंजी है सही जानकारी और सही समय पर उचित उपचार। पीसीओडी, जो महिलाओं में होने वाली एक सामान्य समस्या है, का पता लगाने के लिए परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जानिए PCOD परीक्षण कैसे होता है? (Know How is PCOD Testing Done?)
जब आप इस समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाती हैं, तो वह कुछ प्रकार की जाँचें की सलाह देते है:
•                  अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): इसमें डॉक्टर आपके अंडाशय की स्थिति की जाँच करते हैं और सिस्ट्स  है या नही ये को जांच करते हैं।
•                  रक्त परीक्षण (Blood test): इससे डॉक्टर अंडा उत्सर्जन संबंधित हार्मोन्स की मात्रा की जाँच करते है।
•                  शारीरिक परीक्षण: इसमें डॉक्टर आपके शरीर के सारे हिस्सों, जैसे त्वचा, बाल आदि की जाँच करते है।
जानिए क्या है PCOD परीक्षण में ध्यान देने योग्य बातें (Know Things to Consider in PCOD Testing)
जब आप डॉक्टर के पास PCOD के परीक्षण के लिए जाती हैं, तो कुछ बातों का हमे अच्छे से ध्यान रखना चाहिए:
•                  डॉक्टर से सलाह: अच्छे डॉक्टर से सलाह लेने से आपको अच्छे से सहायता मिलती है।
•                  परीक्षण का समय: डॉक्टर से सलाह ले की किस महीने मे परीक्षण या जांच करनी है।
•                  जाँच की सटीकता: अगर आपको पहिली जांच मै कुछ गडबड जैसा लगा तो आप दुबारा जांच कर सकते हैं
क्या है पीसीओडी का इलाज (What is Treatment for PCOD)
पीसीओडी समस्या की पहचान होने के बाद आवश्यक हैं की उसका जल्द से जल्द इलाज किया जाए।
जानिए पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज का उपचार (Polycystic Ovarian Disease Treatment)
•                  हार्मोन थेरेपी: इसमें डॉक्टर हार्मोन्स की मात्रा को संतुलित करते है।
•                  औषधियां: कुछ प्रकार की दवाओं से हार्मोन असंतुलन को दूर किया जा सकता है।
•                  लाइफस्टाइल परिवर्तन: संतुलित आहार और व्यायाम से भी PCOD पर नियंत्रण पाया जाता है।
जानिए PCOD की समस्या का समाधान या निवारण क्या है (Solution to PCOD Problem)
PCOD  ऐसी समस्या है जिसका निवारण या समाधान सिर्फ और सिर्फ औषधियों में नहीं है  हमे अपने जीवनशैली में सुधार करना चाहिए, संतुलित आहार लेना चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए, तो हम PCOD से मुक्ति पा सकते हैं।
हमारे की विशेषज्ञ सहायता प्राप्त करें (Seek Our Expert Help)
आज के टाईम मै महिलाओं में पीसीओडी की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। अगर इसका सही समय पर और सही तरीके से इलाज नहीं होता, तो ये समस्या और भी बढ़ सकती है या जटिल हो सकती है। इसके लिए हमारे आईवीएफ और विशेषज्ञों की सलाह ले और सही उपचार जल्द ही करे।यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर
यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर पीसीओडी और प्रजनन संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए Best IVF Centre In Navi Mumbai माना जाता है। यहां के अनुभवी डॉक्टर आपको सही मार्गदर्शन और देखभाल प्रदान करते हैं। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 8655442184.
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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और पॉलीसिस्टिक अंडाशय रोग (पीसीओडी) ऐसी स्थितियां हैं जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं और अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, मुंहासे और बालों के झड़ने जैसे विभिन्न लक्षण पैदा कर सकती हैं। योग इन स्थितियों को प्रबंधित करने का एक शानदार तरीका हो सकता है क्योंकि यह तनाव को कम करने और समग्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। Best IVF Doctors in Delhi के द्वारा यहां पांच योग मुद्राएं हैं जो पीसीओएस और पीसीओडी में मदद कर सकती हैं. visit our website https://www.babyjoyivf.com/ivf-doctors-delhi/ or call us at 8800001978.
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गर्भावस्थाऔरपीसीओडी (Pregnancy and Pcod)
गर्भवती होने की कोशिश कर रही महिलाओं के लिए दवाएं उपलब्ध हैं। इन्हें कई चक्रों के लिए मासिक धर्म चक्र की शुरुआत में लिया जा सकता है।
यदि ये मदद नहीं करते हैं, तो हम आईवीएफ IVF ट्रीटमेंट की सिफारिश कर सकते हैं।
पीसीओडी से पीड़ित अधिकांश महिलाएं सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव के साथ गर्भधारण करने में सक्षम हैं।
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jagdishivf · 5 years
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mwsnewshindi · 2 years
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EXCLUSIVE: क्या पीसीओडी और पीसीओएस अलग हैं? कारण, लक्षण, उपचार - डॉक्टर क्या कहते हैं
EXCLUSIVE: क्या पीसीओडी और पीसीओएस अलग हैं? कारण, लक्षण, उपचार – डॉक्टर क्या कहते हैं
पीसीओडी बनाम पीसीओएस: जैसा कि हम में से बहुत से लोग अब जानते हैं, पॉलीसिस्टिक अंडाशय आज महिलाओं में आम हैं और जीवनशैली को अक्सर इसके पीछे का कारण माना जाता है। पॉलीसिस्टिक अंडाशय होने का अर्थ है हार्मोन का असंतुलन, मासिक धर्म में देरी या मिस्ड पीरियड्स, मोटापा, चेहरे के बालों का बढ़ना और सबसे बड़ी, बांझपन। लेकिन फिर हमने पीसीओडी और पीसीओएस दोनों के इस्तेमाल के बारे में सुना है। जबकि पहला…
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sabkuchgyan · 2 years
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PCOD PCOS Health Tips: पीसीओडी और पीसीओएस का अचूक इलाज, कोई साइड इफेक्ट नहीं
PCOD PCOS Health Tips: पीसीओडी और पीसीओएस का अचूक इलाज, कोई साइड इफेक्ट नहीं
PCOD PCOS Health Tips: पीसीओडी और पीसीओएस महिलाएं आज जीवन की सबसे बड़ी बीमारी है इससे न तो पीरियड्स ठीक से आते हैं और न ही गर्भधारण हो पाता है। आज 5 में से 2 महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं हालांकि इसके लक्षण हर महिला में अलग-अलग होते हैं जैसे: किसी के चेहरे और शरीर पर अधिक बाल आने लगते हैं, किसी के अधिक बाल झड़ने लगते हैं। शरीर सुस्त महसूस करता है। पिंपल्स दिखने लगते हैं और स्वभाव में जलन होने…
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पीसीओडी और मधुमेह: दो स्थितियों के बीच की कड़ी को समझना
पीसीओडी और मधुमेह: दो स्थितियों के बीच की कड़ी को समझना
पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस), महिलाओं में एक हार्मोनल विकार जो बाहरी किनारों पर छोटे सिस्ट के साथ बढ़े हुए अंडाशय का कारण बनता है, अनियमित अवधियों से जुड़ा होता है और कई मामलों में, बांझपन. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जिन महिलाओं को पीसीओएस होता है, वे भी टाइप 2 डायबिटीज की चपेट में आ जाती हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, “पीसीओएस वाली महिलाएं अक्सर इंसुलिन…
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trendingwatch · 2 years
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हार्मोनल असंतुलन को कैसे प्रबंधित करें - ये विशेषज्ञ आहार युक्तियाँ आपकी मदद कर सकती हैं
हार्मोनल असंतुलन को कैसे प्रबंधित करें – ये विशेषज्ञ आहार युक्तियाँ आपकी मदद कर सकती हैं
आज के समय में खराब जीवनशैली के विकल्प बड़े पैमाने पर हैं। और इसके साथ ही हार्मोनल असंतुलन सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं आती हैं। हम बहुत से लोगों को, विशेषकर महिलाओं को, हार्मोनल मुद्दों से जूझते हुए देखते हैं, जो अवसाद, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, मुंहासे, थकान, ऑटोइम्यून रोग, पीसीओएस / पीसीओडी और ऐसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। मूल कारण का पता लगाना और उससे निपटना हमेशा एक अच्छा…
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medtalksblog · 2 years
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divyabhashkar · 2 years
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हस्तियाँ जिन्होंने पीसीओडी / पीसीओएस से संबंधित वजन बढ़ने के खिलाफ लड़ाई लड़ी है
हस्तियाँ जिन्होंने पीसीओडी / पीसीओएस से संबंधित वजन बढ़ने के खिलाफ लड़ाई लड़ी है
श्रुति हासन मार्च 2020 में, श्रुति ने हास को बताया कि वह पीसीओएस और कष्टार्तव से पीड़ित थे। “यह मेरे लिए हर मासिक धर्म को वास्तव में दर्दनाक बनाता है। इससे जुड़े कलंक और जागरूकता की कमी के कारण हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते। मेरे जैसी कई महिलाएं हैं जिनका मिजाज, वजन बढ़ना, अतिरिक्त बाल, बालों का झड़ना, मुंहासे और बहुत कुछ है, जो इस क्षेत्र के साथ आते हैं। हर महीने एक युद्ध होता है, ”उसने…
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everynewsnow · 3 years
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महिला-विशेष आहार: महिला प्रजनन प्रणाली को पुनर्भरण के लिए 5 सुपरफूड्स
महिला-विशेष आहार: महिला प्रजनन प्रणाली को पुनर्भरण के लिए 5 सुपरफूड्स
गर्भाशय एक महिला के शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। महिला प्रजनन प्रणाली के मूल भाग के रूप में, यह स्वयं जीवन की नींव में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इससे यह सब अधिक अनिवार्य हो जाता है कि हम उन खाद्य पदार्थों को समझते हैं जो गर्भाशय की मदद कर सकते हैं और विस्तार से, प्रजनन प्रणाली। आज कई महिलाओं द्वारा सामना किए गए महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक बांझपन है। पीसीओडी / पीसीओएस से बड़ी…
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पीसीओएस क्यों और कैसे होता है? जानिए विस्तार मै (PCOS kya hai in Hindi)
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पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) तब होता है जब आपके अंडाशय, आपके शरीर का वह हिस्सा जो अंडे बनाता है, बहुत अधिक हार्मोन द्वारा अवरुद्ध हो जाता है। सामान्य महिला हार्मोन के बजाय, आपका शरीर अधिक पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) बनाने लगता है, जिससे आपके अंडाशय में छोटे तरल पदार्थ से भरी थैली, जिन्हें सिस्ट कहा जाता है, बनने लगती हैं। इससे आपके हार्मोन का संतुलन गड़बड़ा जाता है और गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है। हालाँकि, पीसीओएस केवल अंडाशय के बारे में नहीं है; इसका चयापचय स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता और मनोवैज्ञानिक कल्याण पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है।
पीसीओएस का अर्थ (The Meaning of PCOS)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक ऐसी स्थिति है जो एक महिला के हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है, जिससे मासिक धर्म चक्र में अनियमितताएं और डिम्बग्रंथि अल्सर सहित कई अन्य लक्षण हो सकते हैं। सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन शीघ्र निदान और उपचार, साथ ही वजन घटाने से टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग जैसी दीर्घकालिक जटिलताओं के जोखिम को कम किया जा सकता है।
पीसीओएस अंडाशय और हार्मोन को कैसे प्रभावित करता है (How PCOS affects ovaries and hormones)
पीसीओएस क्या होता है ये तो अभी आपने जान ही लिया है तो अब इस स्थिति की विशेषता अंडाशय पर कई छोटे रोमों की वृद्धि है। यह हार्मोन असंतुलन का कारण बनता है, जिससे कई लक्षण हो सकते हैं, जैसे अनियमित मासिक धर्म, मुँहासा और हिर्सुटिज़्म (शरीर पर अत्यधिक बाल)।
पीसीओएस के लक्षण (Symptoms of PCOS)
पीसीओएस के लक्षण अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:
•        मासिक धर्म की अनियमितता या अनुपस्थिति
•        ओव्यूलेशन की कमी या अनियमित ओव्यूलेशन के कारण गर्भवती होने में कठिनाई
•        चेहरे या शरीर पर अत्यधिक बाल उगना, जिसे हिर्सुटिज़्म कहा जाता है
•        वजन बढ़ना
•        बालों का पतला होना और सिर के बालों का झड़ना
•        मुँहासे और तैलीय त्वचा
•        अवसाद, चिंता और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो चिकित्सकीय सलाह लेना महत्वपूर्ण है। किफायती उपचार विकल्पों के लिए नवी मुंबई के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र best IVF centre in Navi Mumbai पर जाएँ।
संभावित भावनात्मक लक्षण (Possible Emotional Symptoms)
पीसीओएस सिर्फ एक प्रजनन स्वास्थ्य समस्या नहीं है; यह किसी महिला की भावनात्मक भलाई पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। पीसीओएस से पीड़ित कई महिलाएं अवसाद, कम आत्मसम्मान, चिंता और खाने संबंधी विकारों का अनुभव करती हैं।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? (When to See a Doctor)
आपको डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? यदि आप ऐसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं जो पीसीओएस का संकेत दे सकते हैं, तो चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है। शीघ्र निदान और इलाज कराने से लक्षणों को प्रबंधित करने और मधुमेह और हृदय रोग जैसी संभावित दीर्घकालिक समस्याओं से बचने में बड़ा अंतर आ सकता है। साथ ही जाने पीसीओडी क्या है और कैसे होता है। यदि अनियमित मासिक धर्म, बालों का अत्यधिक बढ़ना या गर्भधारण करने में कठिनाई जैसे लक्षण आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से मिलने में संकोच न करें। बेहतर उपचार विकल्पों के लिए, नवी मुंबई में हमारे विशेषज्ञ आईवीएफ विशेषज्ञों (IVF specialists in Navi Mumbai) से परामर्श करने पर विचार करें।
पीसीओएस के कारण (Causes of PCOS)
पीसीओएस का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन कई कारक इसमें भूमिका निभा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
•        अतिरिक्त इंसुलिन: इंसुलिन वह हार्मोन है जो अग्न्याशय द्वारा स्रावित होता है और कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए चीनी का उपयोग करने की अनुमति देता है; जाहिर तौर पर आपने यह पहले भी सुना होगा, लेकिन वास्तव में इसका मतलब क्या है? आनुवंशिकता: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि शायद पीसीओएस का विकास आनुवंशिक कारकों पर आधारित है। जब इंसुलिन कोशिकाओं में ठीक से काम नहीं कर पाता है, तो रक्त शर्करा के साथ-साथ इंसुलिन का उत्पादन भी बढ़ सकता है। इंसुलिन का असामान्य उत्पादन तब एण्ड्रोजन का उत्पादन भी शुरू कर सकता है, जो संभवतः ओव्यूलेशन समस्या में योगदान दे सकता है।
•        निम्न-श्रेणी की सूजन: यह तब होता है जब श्वेत रक्त कोशिकाएं संक्रमण से लड़ने के लिए पदार्थों का उत्पादन करती हैं। यह सूजन एण्ड्रोजन के स्तर को बढ़ाने में योगदान कर सकती है।
•        आनुवंशिकता: अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ विशेष जीन पीसीओएस का कारण बन सकते हैं।
पीसीओएस का निदान और उपचार (Diagnosis and treatment of PCOS)
पीसीओएस का निदान करने के लिए, डॉक्टरों को अन्य स्थितियों को बाहर करने की आवश्यकता होती है जो समान लक्षण पैदा कर सकती हैं। यह आमतौर पर मासिक धर्म चक्र और लक्षणों सहित एक विस्तृत चिकित्सा इतिहास लेने और पीसीओएस के लक्षणों, जैसे शरीर पर अतिरिक्त बाल और उच्च रक्तचाप, को देखने के लिए एक शारीरिक परीक्षा करके किया जाता है। तो, यदि आप नवी मुंबई में हैं और सर्वोत्तम देखभाल की तलाश में हैं, तो शहर में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र की जांच करने पर विचार क्यों न करें? हमारा यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर बिल्कुल वही हो सकता है जिसकी आपको विशेषज्ञ मार्गदर्शन और सहायता के लिए आवश्यकता है।
सामान्य उपचार दृष्टिकोण (General Treatment Approach)
हालाँकि पीसीओएस (PCOS) का कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। उपचार व्यक्ति की चिंताओं के आधार पर भिन्न हो सकता है, जैसे कि बांझपन, बालों का झड़ना, मुँहासा, या मोटापा। सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
•        मासिक धर्म को नियंत्रित करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं
•        एण्ड्रोजन स्तर को कम करने के लिए जन्म नियंत्रण गोलियाँ
•        त्वचा पर एण्ड्रोजन के प्रभाव को रोकने के लिए एंटी-एण्ड्रोजन दवाएं
•        इंसुलिन के स्तर को प्रबंधित करने के लिए मेटफॉर्म���न
•        यदि गर्भावस्था वांछित हो तो प्रजनन उपचार
•        आहार और व्यायाम सहित जीवनशैली में संशोधन
पीसीओएस के लिए प्रतिबंध रणनीतियाँ (Prevention Strategies for PCOS)
हालाँकि आप पीसीओएस को रोकने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, लेकिन आप पीसीओएस के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद के लिए कदम उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए:
•        हृदय-स्वस्थ आहार लें
•        नियमित व्यायाम की आदत लगाए और स्वस्थ वजन पर स्थित रहे
•        धूम्रपान से बचें
•        अपने स्वास्थ्य पर नज़र रखने के लिए नियमित जांच कराते रहें
•        जोखिम कारकों को शीघ्र पहचानें और उनका उपचार करें
पीसीओएस के प्रकार (Types of PCOS)
पीसीओएस क्या है और पीसीओएस कई प्रकार के होते हैं, और ये विविधताएं लक्षणों और उपचार विकल्पों को प्रभावित कर सकती हैं। यह समझने से कि आपकी स्थिति किस प्रकार की हो सकती है, आपकी स्थिति को प्रबंधित करने के लिए अधिक अनुकूलित दृष्टिकोण में मदद मिल सकती है:
•        इंसुलिन प्रतिरोधी पीसीओएस
•        अधिवृक्क पीसीओएस
•        सूजन संबंधी पीसीओएस
पीसीओएस विविधताएँ लक्षणों को कैसे प्रभावित कर सकती हैं (How PCOS variations can affect traits)
पीसीओएस से पीड़ित कुछ महिलाओं में इस स्थिति का पारिवारिक इतिहास होता है, जो आनुवंशिक प्रवृत्ति का संकेत देता है। कुछ लोगों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम या इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है, जिससे अन्य स्थितियों के अलावा मधुमेह और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
पीसीओएस और आहार (PCOS and Diet)
अच्छा पोषण पीसीओएस के प्रबंधन में बड़ी भूमिका निभा सकता है। एक स्वस्थ आहार इंसुलिन के नियमन में सुधार कर सकता है और वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। नियमित शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ फलों, सब्जियों और दुबले प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार फायदेमंद होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
निष्कर्ष में पीसीओएस (PCOS) सामान्य होने के साथ-साथ बहुत जटिल स्थिति है जो महिलाओं के जीवन पर भारी प्रभाव डाल सकती है। इस गाइड में साझा की गई जानकारी पीसीओएस को समझने और उससे प्रबंधन की शुरुआत मात्र है। यदि आपको लगता है कि आपको पीसीओएस हो सकता है, तो व्यक्तिगत योजना के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
अतिरिक्त सहायता और संसाधनों के लिए, अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें या पीसीओएस समुदाय से जुड़ें। याद रखें, आप इस यात्रा में अकेले नहीं हैं, और सही ज्ञान और समर्थन के साथ, पीसीओएस का प्रबंधन संभव है।
इसके अलावा, किफायती उपचार और विशेषज्ञ देखभाल चाहने वालों के लिए, नवी मुंबई में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF centre in Navi Mumbai) के रूप में मान्यता प्राप्त यशोदा आईवीएफ सेंटर का दौरा करने पर विचार करें। डॉक्टरों की हमारी विशेष और अनुभवी टीम आपको पीसीओएस में चुनौतियों से उबरने और प्रजनन के संबंध में अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी।
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पीसीओडीकेलक्षण (Symptoms of PCOD)
पीसीओडी एक एंडोक्रिनोलॉजिकल स्थिति है जो मासिक धर्म, प्रजनन क्षमता और आपके समग्र रूप को प्रभावित करती है। यह हार्मोन की शिथिलता के कारण होने वाली एक आनुवंशिक स्थिति है। भारत में, 5 में से 1 महिला PCOD से प्रभावित है।
महिलाओं को अन्य लक्षणों का अनुभव हो सकता है जिनमें तैलीय त्वचा या मुहांसे, बालों का पतला होना, या गर्भवती होने में कठिनाई ऐसी समस्याएं शामिल हैं।
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merisahelimagazine · 4 years
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पीसीओडी (PCOD)/पीसीओएस (PCOS) से घर बैठे छुटकारा पाने के लिए करें ये 4 योगासन (4 Effective Yoga Poses To Treat PCOD/PCOS At Home)
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पीसीओडी (PCOD) यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसीज़ या सिंड्रोम. यह महिलाओं में पाया जानेवाला बहुत ही सामान्य रोग है और बहुत बड़ी संख्या में (लगभग 90 लाख) युवा महिलाएं इससे पीड़ित हैं. हैरानी की बात यह है कि इनमें से भी 60% को यह पता नहीं रहता कि उन्हें यह रोग है. एक व़क्त था जब यह मिडल एज डिसीज़ मानी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा. इस रोग में महिलाओं में सेक्स हार्मोंस के असंतुलन के चलते ओवरी में सिस्ट यानी गांठें बन जाती हैं, जिस वजह से गर्भधारण में समस्या होती है. ग़लत खानपान, तनाव, मोटापा, डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर आदि के कारण भी पीसीओडी की समस्या हो जाती है. लेकिन योग के ज़रिए आप इस समस्या से निजात पा सकती हैं. योग से आपके पीरियड्स व हार्मोंस संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी. इस वीडियो में 4 योगासन बताए गए हैं- पश्‍चिमोत्तानासन, धनुरासन, सर्वांगासन और हलासन, ये 4 योगासन करके आप पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) से आसानी से छुटकारा पा सकती हैं.
कम उम्र की लड़कियों को भी हो रहा है पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) आज की भागदौड़ भरी और तनाव भरी ज़ि��दगी में सबसे ज़्यादा हमारी सेहत प्रभावित हो रही है. जो रोग पहले 40-50 की उम्र में होते थे, वो रोग अब बच्चों को भी होने लगे हैं. महिलाओं में भी बड़ी उम्र में पाया जानेवाला रोग पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) अब कम उम्र की लड़कियों में भी दिखाई देने लगा है. इसकी सबसे बड़ी वजह है ग़लत लाइफस्टाइल, गलत खानपान, तनाव, मोटापा आदि.
यह भी पढ़ें: मोटापा कम करने के १० योगासन (10 Yoga For Weight Loss Fast And Naturally)
पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) के लक्षण 1) अनियमित पीरियड्स यानी मासिक धर्म समय पर न आना 2) चेहरे, छाती, पेट, पीठ पर अधिक बाल उगना 3) अचानक वज़न बढ़ जाना 4) मां न बन पाना 5) इमोशनल इंबैलेंस यानी बेवजह चिंता, तनाव, चिड़चिड़ापन, भावुक हो जाना आदि 6) स्किन ऑयली हो जाना, चेहरे पर पिंपल्स, दाग-धब्बे हो जाना, बार-बार डैंड्रफ हो जाना 7) कई महिलाओं को ओवरी में सिस्ट भी हो जाता है
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पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) को नज़रअंदाज़ करना ठीक नहीं है. पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) के बारे में पता चलते ही इसका इलाज ज़रूर कराएं. साथ ही अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर आप पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) से जल्दी ही छुटकारा पा सकती हैं.
1) हेल्दी खाना खाएं और जंक फूड से परहेज करें. 2) नियमित रूप से योग, ध्यान और एक्सरसाइज़ करें. 3) रात में जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठें. 4) तनाव से दूर रहें. 5) अच्छी किताबें पढ़ें, अच्छा संगीत सुनें, अपने शौक के लिए समय निकालें. 6) मोटापा न बढ़ने दें. 7) पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) के बारे में पता चलते ही अपना इलाज कराएं.
पीसीओडी से घर बैठे छुटकारा पाने के लिए करें ये 4 योगासन, देखें वीडियो:
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