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#बजट 2021 के लिए वास्तविक
rudrjobdesk · 2 years
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बजट 2021: सरकार कर रही है कोरोना सेस लगाने की तैयारी, वैक्सिनेशन कार्यक्रम में होने वाले खर्च के कारण ले सकती है फैसला
बजट 2021: सरकार कर रही है कोरोना सेस लगाने की तैयारी, वैक्सिनेशन कार्यक्रम में होने वाले खर्च के कारण ले सकती है फैसला
इस योजना के अंतर्गत आने वाले वित्तीय प्रबंधन कार्यक्रम में आने वाले खर्च को भविष्य में होने वाले बजट में अतिरिक्त सेस बजट में रखा जाएगा। हिंदुस्तान को पोस्ट के मुताबिक़ ये सेस या फिर सरचार्ज का हो सकता है। यह बदलते समय में भी सुधार हुआ है। बैठक में प्रकाशित बैठक में शामिल होने के लिए. किसी भी तरह के संचार के साथ मीटिंग के दौरान वे किस तरह से मंत्रालय से संपर्क करते थे। पर्यावरण को पूरी तरह से…
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newskey21 · 2 years
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FY22 टैक्स किटी 34% बढ़कर 27.1 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पर
FY22 टैक्स किटी 34% बढ़कर 27.1 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पर
नई दिल्ली: देश की सकल कर प्राप्तियां 27 रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं लाख 2021-22 के लिए करोड़। यह एक मजबूत आर्थिक सुधार और बढ़ते अनुपालन के पीछे आय, कॉर्पोरेट करों, सीमा शुल्क और जीएसटी से मजबूत राजस्व के कारण था। उच्च मोप-अप ने 23 वर्षों में 11. 7% पर उच्चतम कर-से-जीडीपी अनुपात का नेतृत्व किया। के खिलाफ केंद्रीय बजट 22. 2 लाख करोड़ रुपये का अनुमान है, पूर्व-वास्तविक आंकड़ों के अनुसार…
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ashokgehlotofficial · 2 years
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समस्त श्रेणी के उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बकाया जल प्रभार शुल्क एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज एवं शास्ति में शत प्रतिशत छूट की अवधि 31 मार्च, 2022 से बढ़ाकर 30 जून, 2022 करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में 31 दिसम्बर, 2021 तक का बकाया जल प्रभार शुल्क एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज एवं शास्ति में शत प्रतिशत छूट देने की घोषणा की थी। इस छूट की समयावधि 31 मार्च, 2022 तक थी, लेकिन योजना का समय सीमित होने एवं जागरूकता के अभाव में उपभोक्ताओं को इसका वास्तविक लाभ प्राप्त नहीं हो सका। इसे देखते हुए आमजन की मांग पर छूट की अवधि 30 जून, 2022 तक बढ़ाने का निर्णय किया है।
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lok-shakti · 3 years
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OnePlus Nord 2 से Poco F3 GT: भारत में जल्द लॉन्च होने वाला स्मार्टफोन
OnePlus Nord 2 से Poco F3 GT: भारत में जल्द लॉन्च होने वाला स्मार्टफोन
अगले कुछ हफ्तों में देश में स्मार्टफोन की एक विस्तृत श्रृंखला लॉन्च करने के लिए तैयार है, इनमें बजट स्तर के फोन, मिड-रेंज ऑल राउंडर के साथ-साथ फ्लैगशिप-स्तरीय गेमिंग-उन्मुख डिवाइस शामिल हैं। यहां जुलाई 2021 में लॉन्च होने वाले स्मार्टफ़ोन पर एक नज़र डालें। OnePlus Nord 2 OnePlus Nord CE मूल OnePlus Nord का वास्तविक उत्तराधिकारी नहीं था। यह आगामी वनप्लस नोर्ड 2 होगा। इस महीने के अंत तक व्यापक रूप…
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everynewsnow · 4 years
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ETMGS: आय अंतर को पाटने के लिए बजट 2021 में सरकार को विकासोन्मुखी उपायों के लिए जाना चाहिए
ETMGS: आय अंतर को पाटने के लिए बजट 2021 में सरकार को विकासोन्मुखी उपायों के लिए जाना चाहिए
मुंबई: मार्च में वापस जब सरकार ने इसके प्रसार को रोकने के लिए अल्प सूचना पर राष्ट्रीय तालाबंदी का आदेश दिया कोविड -19 महामारीवित्तीय समुदाय ने उम्मीद की थी कि देश को झटका देने के लिए बड़े राजकोषीय उपायों की घोषणा करने में अपने पश्चिमी साथियों के नक्शेकदम पर चलना होगा। जबकि सरकार ने महामारी से पीड़ित कुछ आर्थिक दर्द को कम करने के लिए कई उपायों की घोषणा की, भारत का वास्तविक राजकोषीय समर्थन काफी कम…
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xmtnews · 4 years
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PM Modi से ताजनगरी की गुहार, ‘अतिथि देवाे भव’ को बचाओ सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण के समय में सबसे अधिक प्रभावित पर्यटन उद्याेग हुआ है। उसे अन्य उद्योगों की अपेक्षा इससे उबरने में भी अधिक समय लगेगा। इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज में उसे कोई सहायता नहीं मिली है। पर्यटन उद्योग और 'अतिथि देवो भव' को बचाए रखने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन ने गुहार लगाई है।  ताजमहल के कारण पूरी दुनिया के पर्यटक ताजनगरी आगरा में हर वर्ष हजारों की संख्‍या में आते रहे हैं। पर्यटकों की आवाजाही के कारण आगरा का होटल उद्योग मुनाफे का सौदा रहा है। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण पर्यटकों की संख्‍या शून्‍य हो गई। इसके चलते होटल व्‍यवसाय भारी नुकसान झेल रहा है। ऐसे में होटल एंड रेस्‍टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर बिजली बिल पर फिक्स चार्ज नहीं लिए जाने और वास्तविक खपत के आधार पर ही बिल लिए जाने, अगले दो वर्षों तक बैंक ऋण व उस पर ब्याज की ईएमआइ को स्थगित रखे जाने, जीएसटी को दो वर्ष के लिए स्थगित रखने, दो वर्ष को संपत्ति, जल व सीवर कर स्थगित रखने की मांग की है। इसके साथ ही एक वर्ष के लिए फंड बनाने की मांग की है, जिससे कि प्रभावित होटलों के कर्मचारियों को बेसिक सेलरी का सीधे भुगतान करने की मांग संगठन द्वारा उठाई गई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा ने बताया कि कोविड-19 के कहर से अन्य उद्योग तो उबर जाएंगे, मगर पर्यटन उद्योग में स्थायित्व आने में दो से तीन वर्ष लगेंगे। अक्टूबर, 2021 से पूर्व तो उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है। इस स्थिति में बजट क्लास होटलों के लिए सर्वाइव करना सबसे मुश्किल होगा। सरकार को उद्योग की सहायता करनी चाहिए, अन्यथा पर्यटन कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे। लॉक डाउन में ही उद्योग को करीब तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
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rudrjobdesk · 2 years
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बजट 2021: स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बजट में ऊंचे आवंटन की जरूरत, हेल्थकेयर इंडस्ट्री ने कहा- होनी चाहिए पहली प्राथमिकता
बजट 2021: स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बजट में ऊंचे आवंटन की जरूरत, हेल्थकेयर इंडस्ट्री ने कहा- होनी चाहिए पहली प्राथमिकता
कूड-19 क्षेत्र के खेल का कहना है कि आज देश के स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने के लिए बेहतर है। फार्मा क्षेत्र में विश्व की अच्छी तरह से बनाए जाते हैं। फार्मा क्षेत्र की उम्मीद है कि अंतरिक्ष में विशेष रूप से खोज और नवोनमेपन के लिए सक्षम है। नैटहेल्थ की अध्यक्षता और एपोलोजिट्स की ध्वनि-चायपर बदलने के लिए ऐसा ही होगा। इस तरह से स्वस्थ स्वास्थ्य सेवा में वृद्धि करना, स्वस्थ्य के कौशल और प्रशिक्षण के…
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rudrjobdesk · 2 years
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बजट 2021: बजट में स्वास्थ्य सेवाओं पर खास ऐलान संभव, अस्पतालों पर टैक्स छूट का प्रावधान ला सकती है सरकार
बजट 2021: बजट में स्वास्थ्य सेवाओं पर खास ऐलान संभव, अस्पतालों पर टैक्स छूट का प्रावधान ला सकती है सरकार
वित्तीय प्रबंधन को नियमित रूप से चालू रखन�� चाहिए। पोस्ट के बारे में जानकारी के लिए जानकारी बजट में 100 बेड से कम समय पर बंद हो सकता है। इसके ️ इसके️ अस्पतालों️ अस्पतालों️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ संशोधित होने की स्थिति में यह तय किया गया था कि टायर 2, टायर 3 और टियर 4 में विशेष रूप से संशोधित किया गया है। मुड़ने की स्थिति में नियंत्रण करने के लिए 25 सक्षम प्रबंधन सक्षम होने की स्थिति में होगा।…
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rudrjobdesk · 2 years
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बजट 2021: घरों की मांग बढ़ाने के लिए टैक्स छूट का दायरा बढ़ाए सरकार, निवेशकों को मिले रियायत
बजट 2021: घरों की मांग बढ़ाने के लिए टैक्स छूट का दायरा बढ़ाए सरकार, निवेशकों को मिले रियायत
पर्यावरण के लिए खतरनाक मौसम के लिए खतरनाक सेक्टर ने कहा: Source link
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rudrjobdesk · 2 years
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बजट 2021: इंश्योरेंस सेक्टर में 74 फीसद तक FDI, इसी साल आएगा एलआईसी का IPO
बजट 2021: इंश्योरेंस सेक्टर में 74 फीसद तक FDI, इसी साल आएगा एलआईसी का IPO
आज तक 74 बजे तक वित्त मंत्री ने बजट भाषण में संचार। संचार के लिए ज़रूरी है I . वित्त मंत्री ने संचार के लिए चालू किया था I वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है। बजट बजट में 64,180 करोड़ रुपये के साथ व्यापार योजना शुरू करने के लिए। यह राष्ट्रीय…
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ashokgehlotofficial · 3 years
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प्रदेश में 20 जिलों की कुल 1656 किलोमीटर लम्बाई की ग्रामीण, अन्य जिला एवं मुख्य जिला सड़कों को राज्य राजमार्गों में क्रमोन्नत किया जाएगा। इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
राज्य बजट 2021-22 में प्रदेशभर के दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ने वाली ग्रामीण, अन्य जिला एवं मुख्य जिला सड़कों को राजमार्गों में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी। इस क्रम में संबंधित जिलों से प्रस्ताव प्राप्त कर उन पर विचार और विश्लेषण के बाद कुल 1712 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कों के क्रमोन्नयन को स्वीकृति दी गई है। लगभग 56 किलोमीटर लम्बाई में ऑवरलैपिंग के चलते राज्य राजमार्ग घोषित होने वाली सड़कों की वास्तविक लम्बाई लगभग 1656 किलोमीटर है।
स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, बाड़मेर जिले में 181 किलोमीटर लम्बी दो सड़कें, सवाईमाधोपुर और करौली से गुजरने वाली 199 किलोमीटर लम्बी दो सड़कें, टोंक से सवाईमाधोपुर होकर करौली जिले तक जाने वाली 158 किलोमीटर लम्बी सड़क, नागौर से अजमेर होकर जयपुर जिले तक जाने वाली 172 किलोमीटर लम्बी सड़क तथा धौलपुर और करौली से गुजरने वाली 137 किलोमीटर लम्बी सड़क राज्य राजमार्ग घोषित की जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि दौसा, अलवर एवं सवाईमाधोपुर से गुजरने वाली 88 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों, भीलवाड़ा से राजसमंद होकर अजमेर जिले तक जाने वाली 75 किलोमीटर लम्बी सड़क, भीलवाड़ा से अजमेर होकर नागौर जिले तक जाने वाली 69 किलोमीटर ��म्बी सड़क, कोटा और झालावाड़ से गुजरने वाली 60 किलोमीटर सड़क तथा बारां से कोटा होकर झालावाड़ जिले तक जाने वाली 49 किलोमीटर लम्बी सड़क को भी राजमार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है।
प्रस्ताव के अनुसार, बूंदी जिले में 152 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की 21 सड़कों, झालावाड़ में 63 किलोमीटर लम्बी 14 सड़कों, बारां में 73 किलोमीटर लम्बी 5 सड़कों, पाली में 56 किलोमीटर लम्बी 4 सड़कों, टोंक जिले में 45 किलोमीटर लम्बी 6 सड़कों सहित बीकानेर में 93 किलोमीटर, जोधपुर में 28 किलोमीटर और जयपुर जिले मेें 15 किलोमीटर लम्बाई की एक-एक सड़क भी राज्य राजमार्ग घोषित की जाएंगी।
बड़ी संख्या में सड़कों को राजमार्ग घोषित करने के इस निर्णय से प्रदेशभर में ग्रामीण आबादी को आवागमन में सहूलियत होगी और आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से लाभ होगा।
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ashokgehlotofficial · 3 years
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नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेशचंद्र, वरिष्ठ सलाहकार श्री योगेश सूरी तथा सलाहकार श्री राजनाथ राम के साथ बैठक में राज्य हित से जुड़े विभिन्न लंबित मुद्दों पर चर्चा की। इन विषयों पर पुरजोर पैरवी करते हुए कहा कि कोविड महामारी के कारण राज्यों का अर्थतंत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राजस्व में बड़ी कमी के साथ-साथ जरूरतमंद वर्गों को अधिक सामाजिक सुरक्षा देने की आवश्यकता है। इन स्थितियों में केन्द्र सरकार के सहयोग के बिना किसी भी राज्य के लिए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना आसान नहीं है।
सहयोगी संघवाद की भावना को मजबूत करने की दिशा में राज्यों को उनके विकास के लिए केन्द्र से मिलने वाले आर्थिक एवं नीतिगत सहयोग को बढ़ाने का आग्रह किया है। विगत कुछ वर्षों में आर्थिक मंदी, कोरोना महामारी, प्राकृतिक आपदाओं सहित अन्य कारणों से देश के सभी राज्यों की राजकोषीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा का दायरा और अधिक बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसे में आर्थिक एवं सामाजिक विकास से जुड़ी गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए केन्द्र सरकार राज्यों को अधिक सहयोग प्रदान करे।
जल जीवन मिशन में मिले 90 प्रतिशत केंद्रीय अंश
प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केन्द्र सरकार राज्य को जल जीवन मिशन में उत्तर-पूर्वी एवं पहाड़ी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तरह 50ः50 के स्थान पर 90ः10 के अनुपात में केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराए। वर्ष 2013 तक राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम के तहत मरुस्थलीय क्षेत्रांे के लिए 90ः10 के अनुपात से केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाती थी। बाद में इसे घटाकर 60ः40 एवं अब 50ः50 कर दिया गया है। कि राज्य में सतही स्रोत सीमित होने के साथ ही गांव-ढाणियां दूर-दूर बसी हुई हैं। इसके कारण पेयजल योजनाओं की लागत अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक आती है।
ईआरसीपी को मिले राष्ट्रीय दर्जा, लंबित रेल परियोजनाओं पर जल्द शुरू हो काम
राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र के 13 जिलों को सिंचाई एवं पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए। करीब 37,247 करोड़ रुपये की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर की वर्ष 2051 तक पेयजल आवश्यकताएं पूरी की जा सकेंगी और 2 लाख हैक्टेयर नए क्षेत्र को सिंचित किया जा सकेगा। डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा, अजमेर (नसीराबाद) से सवाई माधोपुर (चौथ का बरवाड़ा) वाया टोंक, धौलपुर सरमथुरा-आमान परिवर्तन एवं गंगापुर सिटी तक रेल लाइन के विस्तारीकरण तथा गुलाबपुरा-भीलवाड़ा में मेमू कोच फैक्ट्री की स्थापना के कार्य को भी जल्द शुरू करवाया जाए।
राज्य की तर्ज पर केंद्र भी करे एमएसएमई नियमों में बदलाव
एमएसएमई एक्ट-2019 के अनुरूप प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों को केन्द्रीय अधिनियमों एवं नियमों के तहत निरीक्षण एवं स्वीकृति से मुक्त किए जाने की मांग रखी। इस एक्ट के तहत एमएसएमई उद्यमों को राज्य में 3 वर्ष तक स्वीकृति एवं निरीक्षण से छूट दी गई है और ऐसा अधिनियम लागू करने वाला राजस्थान देश में प्रथम राज्य है।
स्वदेश दर्शन योजना में राज्य के प्रस्तावों को मिले जल्द मंजूरी
राजस्थान की पर्यटन की दृष्टि से पूरी दुनिया में अलग पहचान है और यहां पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। ऐसे में स्वदेश दर्शन योजना अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रेषित विभिन्न पर्यटन अवसंरचना विकास प्रस्तावों एवं परियोजनाओं पर पुनर्विचार कर इनकी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जल्द जारी की जाए। इनमें ईको-एडवेंचर सर्किट, मेगा डेजर्ट सर्किट, वाईल्ड लाईफ टूरिस्ट सर्किट, आदिवासी पर्यटन सर्किट, डीग-कुम्हेर-भरतपुर सर्किट, शेखावाटी सर्किट सहित श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ फोर्ट को विकसित करना तथा आमेर को आइकोनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करने की परियोजनाएं शामिल हैं।
एनडीआरफ और एसडीआरफ के प्रावधानों में हो संशोधन
प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पीड़ित लोगों को सहायता उपलब्ध कराने की दृष्टि से राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता है। सूखे के दौरान छोड़े गये अनुत्पादक एवं अन्य पशुओं का रख-रखाव करने वाली गौशालाओं के सभी पशुओं के लिये राहत सहायता उपलब्ध करवाने, वास्तविक प्रभावित कृषकों की संख्या के आधार पर कृषि आदान अनुदान का परिकलन करने तथा कृषि आदान अनुदान की पात्रता की सीमा को 2 हैक्टेयर से बढ़ाकर 5 हैक्टेयर तक करने की मांग रखी। सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने के लिए गौशालाओं एवं नंदीशालाओं के लिए सहयोग का आग्रह किया।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाए केंद्र
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय पेंशन योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या एवं पेंशन राशि को बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि इन पेंशन योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या की सीमा के कारण पात्र सभी व्यक्तियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते शेष पात्र व्यक्तियों को राज्य पेंशन योजनाओं में लाभान्वित किया जा रहा है। ऐसे में केन्द्रीय पेंशन योजनाओं में पेंशनर्स की संख्या की सीमा को समाप्त किया जाए। साथ ही इन योजनाओं में मिलने वाली सहायता राशि को राज्यों द्वारा दी जाने वाली पेंशन राशि के समान किया जाए।
खाद्य सुरक्षा का लाभ बढ़ी जनसंख्या के आधार पर मिले
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र लाभार्थियों की सीमा में बढ़ोतरी की मांग भी रखी। उन्होंने कहा कि राज्य में जनगणना 2011 के आधार पर शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 69 प्रतिशत की सीमा निर्धारित करते हुए कुल 4.46 करोड़ व्यक्तियों हेतु सीलिंग सीमा निर्धारित की गयी है। केन्द्र सरकार को सभी राज्यों हेतु 2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार सीलिंग सीमा को पुनर्निर्धारित करना चाहिए। यदि जनसंख्या वृद्धि के तार्किक आधार पर शीघ्र निर्णय लेने में कठिनाई है तो लाभार्थियों की चयन संख्या 4.46 करोड़ के स्थान पर इसे लाभार्थियों की वितरण सीमा 4.46 करोड़ निर्धारित किया जाना उचित होगा।
गोडावण संरक्षण मामले में केंद्र का मिले सहयोग
पश्चिमी राजस्थान में गोड़ावण संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर लगाई रोक के संदर्भ में केंद्र से आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि इस रोक के चलते राज्य के वर्ष 2025 तक के घोषित अक्षय ऊर्जा लक्ष्य 37.5 गीगावाट की प्राप्ति में बाधा आएगी। इससे वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट एवं वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट के राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति भी प्रभावित होगी।
तीन मेडिकल कॉलेज, ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क को स्वीकृति मिले
राज्य सरकार प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापना के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। केवल जालौर, प्रतापगढ़ एवं राजसमन्द जिले में में ही सरकारी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज नहीं है। इन जिलों की पिछड़ी स्थिति एवं यहां की जनजातीय बाहुल्य जनसंख्या को देखते हुए इन तीनों जिलों में भी नवीन मेडिकल कॉलेज प्रस्तावों को जल्द स्वीकृति दी जाए।
केन्द्र सरकार ने देश में तीन बल्क ड्रग पार्कों एवं चार मेडिकल डिवाइसेज पार्कों की स्थापना के लिए अधिसूचनाएं जारी की हैं। राज्य में इन पार्कों के विकास की विपुल संभावनाओं, भूमि की उपलब्धता एवं उद्यमियों द्वारा दिखायी गयी रुचि को देखते हुए कोटा में एक बल्क ड्रग पार्क तथा जोधपुर में एक मेडिकल डिवाइसेज पार्क के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की जाए।
पीसीपीआईआर के लिए जल्द जारी हो नोटिफिकेशन
राज्य सरकार बाड़मेर जिले में पेट्रोलियम, केमिकल्स एण्ड पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन की स्थापना कर रही है। जिसमें रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर आधारित विभिन्न औद्योगिक इकाइयों की स्थापना प्रस्तावित है। केन्द्र सरकार इसका नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करे। बजरी खनन के लिए प्रवर्तन एवं निगरानी गाइडलाइन-2020 की समीक्षा एवं संशोधन की भी मांग रखी। व्यापक जनहित, रोजगार सृजन एवं राजस्व अर्जन को ध्यान में रखते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय राजस्थान की स्थिति के संदर्भ में गाइडलाइन में संशोधन करे। उन्होंने राज्य के खनन से संबंधित लंबित मुद्दों के शीघ्र निस्तारण की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। केंद्र सरकार प्रधान खनिजों की रॉयल्टी दरों का पुनः निर्धारण, एमएमडीआर अधिनियम, 1957 के तहत कॉपर, लेड, जिंक के लिए पीएल/एमएल क्षेत्र में वृद्धि, लाइम स्टोन खनन लीज का अप्रधान से प्रधान खनिज में परिवर्तन, पोटाश खनिज की रॉयल्टी दरों एवं विक्रय मूल्य का प्रकाशन तथा लौह अयस्क एवं लाइम स्टोन की खोज के लिए नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट से वित्त पोषण के मामलों में जल्द समुचित कार्यवाही करे।
ऋण सुविधा के लिए बैंकिंग संस्थाओं को दें दिशा-निर्देश
प्रधानमंत्री कुसुम योजना कम्पोनेंट-ए तथा इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के सुचारू संचालन के लिए केंद्र द्वारा बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया, जिससे इन योजनाओं के लाभार्थियों को समय पर ऋण सुविधा प्राप्त हो सके।
कोविड का किया बेहतरीन प्रबंधन
प्रदेश में कोविड की पहली एवं दूसरी लहर के प्रभावी प्रबंधन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य ने तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर प्रदेशभर में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया है। ऑक्सीजन एवं आईसीयू बैड की संख्या दोगुनी की जा रही है। एक हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तथा 40 हजार ऑक्सीजन कॅन्सन्ट्रेटर खरीदे गए हैं। हर जिले में ऑक्सीजन बैंक स्थापित किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में घर के नजदीक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए 332 कोविड कन्सल्टेशन केयर सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। मानव संसाधन के रूप में 7 हजार से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, एक हजार कोविड स्वास्थ्य सलाहकारों तथा स्वास्थ्य सहायकों के रूप में 25 हजार नर्साें और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाएं ली गई हैं।
नीति आयोग ने राजस्थान की परफोरमेंस को सराहा
नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद्र ने ईज ऑफ डूईंग बिजनेस, निर्यात क्षेत्र, स्कूली शिक्षा, मनरेगा, कृषि एवं पशुपालन, स्वास्थ्य, रिन्यूएबल एनर्जी, महिला सशक्तीकरण, एमएसएमई सेक्टर आदि क्षेत्रों में राज्य की परफोरमेंस को सराहा। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना में प्रदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर काम हुआ है। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में हुए गुणात्मक सुधार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इतने बड़े राज्य में शिक्षा का बेहतर स्तर अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि प्रसंस्करण और उद्योग आधारित गतिविधियों को बढ़ाकर रोजगार के अधिक अवसर सृजित किए जा सकते हैं।
ऊर्जा मंत्री श्री बीडी कल्ला ने जल जीवन मिशन में केंद्रीय भागीदारी के अनुपात को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने, प्रदेश में सतही जल आधारित पेयजल योजनाओं को बढ़ाने के लिए अन्तर्राज्यीय जल समझौतों की प्रभावी क्रियान्विति के संबंध में राज्य का पक्ष रखा।
उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए 147 उपखण्डों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। परिवहन मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार गारंटी योजना पर विचार किया जाए। शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा ने नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बजट प्रावधान करने के साथ ही राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने की मांग रखी। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास परियोजनाओं के संबंध में सुझाव दिए।
मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि विगत ढाई वर्षों में राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, महिला एवं बाल विकास, खेल एवं युवा मामलात, ऊर्जा, पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार किए हैं। प्रदेशवासियों के साथ-साथ निवेशकों को भी इनका लाभ मिल रहा है।
आर्थिक सलाहकार श्री अरविंद मायाराम ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्य द्वारा पहले व्यय करने के बाद ही केंद्रीय अंश जारी करने की अनिवार्यता को हटाने, पेट्रोल एवं डीजल पर सेस कम करने एवं डिविजिबल पूल में से राज्यों को मिलने वाले हिस्से को बढ़ाने, राज्यों की वित्तीय स्थिति के आकलन के बाद ही उदय योजना के प्रस्तावित द्वितीय चरण को लागू करने के संबंध में सुझाव दिए।
सलाहकार श्री गोविंद शर्मा ने राजस्थान में पोटाश के दोहन की दिशा में सहयोग तथा प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा ने जीएसटी के क्षतिपूर्ति भुगतान को वर्ष 2027 तक बढ़ाने का आग्रह किया। शासन सचिव आयोजना श्री नवीन जैन ने केंद्र के स्तर पर राज्य के लंबित मुद्दों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में मंत्रिपरिषद के सदस्य एवं विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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abhay121996-blog · 4 years
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कुछ राज्यों ने बजट में आर्थिक प्रदर्शन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया, जानिए कौन-कौन राज्य हैं शामिल Divya Sandesh
#Divyasandesh
कुछ राज्यों ने बजट में आर्थिक प्रदर्शन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया, जानिए कौन-कौन राज्य हैं शामिल
मुंबई पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों ने संभवत: अपने संशोधित अनुमान में आर्थिक प्रदर्शन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह कहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर राज्यों के संशोधित अनुमान को जोड़ा जाए, तो बाजार मूल्य पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 3 प्रतिशत की वृद्धि होगी जो राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के गिरावट के अनुमान के विपरीत है।
में कहा गया है, ‘राज्य जीएसडीपी (��ाज्य सकल घरेलू उत्पाद) आंकड़ों को संशोधित किया जा सकता है।’ इसमें राजस्थान, झारखंड, ओड़िशा और केरल की सराहना करते हुए कहा गया है कि इन राज्यों ने अधिक वास्तविक तस्वीर पेश की है। रिपोर्ट के अनुसार लगभग सभी बड़े राज्यों ने 2021-22 का बजट पेश कर दिया है। इसमें 2020-21 के संशोधित अनुमान को रखा गया है। चालू वित्त वर्ष के लिये राज्यों के जीएसडीपी अनुमान के सत्यापन को लेकर अर्थशास्त्रियों ने पिछले कुछ वर्षों के प्रदर्शन के आधार पर स्वयं का अनुमान तैयार किया है।
कौन-कौन राज्य शामिलउनका कहना है कि अगर राज्यों के जीएसडीपी अनुमान को लिया जाता है तो अखिल भारतीय स्तर पर जीडीपी में गिरावट एनएसओ के अनुमान से कहीं कम होगी। लेकिन अगर वे उन राज्यों के जीएसडीपी के अनुमान को लेकर आकलन करे जिनके जीएसडीपी के आंकड़े उपलब्ध नहीं है, तो इससे भारत का 2020-21 का जीडीपी 209.5 लाख करोड़ रुपये हो सकता है जो बाजार मूल्य पर 3 प्रतिशत वृद्धि को बताता है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘कुछ राज्यों के मामले में हमने पाया कि 2020-21 के लिए हमारे अनुमान और उनके संशोधित अनुमान में काफी अंतर है। इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं।’ इसमें कहा गया है, ‘यह दिलचस्प है कि इन राज्यों ने जीएसडीपी आंकड़े को लेकर बेहतर तस्वीर दिखायी है, लेकिन कर संग्रह के मामले में यह प्रतिबिंबित नहीं होता। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में वास्तव में 2019-20 की तुलना में 2020-21 में राजस्व प्राप्ति कम हुई है।’
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abhay121996-blog · 4 years
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कुछ राज्यों ने बजट में आर्थिक प्रदर्शन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया, जानिए कौन-कौन राज्य हैं शामिल Divya Sandesh
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कुछ राज्यों ने बजट में आर्थिक प्रदर्शन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया, जानिए कौन-कौन राज्य हैं शामिल
मुंबई पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों ने संभवत: अपने संशोधित अनुमान में आर्थिक प्रदर्शन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह कहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर राज्यों के संशोधित अनुमान को जोड़ा जाए, तो बाजार मूल्य पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 3 प्रतिशत की वृद्धि होगी जो राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के गिरावट के अनुमान के विपरीत है।
में कहा गया है, ‘राज्य जीएसडीपी (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) आंकड़ों को संशोधित किया जा सकता है।’ इसमें राजस्थान, झारखंड, ओड़िशा और केरल की सराहना करते हुए कहा गया है कि इन राज्यों ने अधिक वास्तविक तस्वीर पेश की है। रिपोर्ट के अनुसार लगभग सभी बड़े राज्यों ने 2021-22 का बजट पेश कर दिया है। इसमें 2020-21 के संशोधित अनुमान को रखा गया है। चालू वित्त वर्ष के लिये राज्यों के जीएसडीपी अनुमान के सत्यापन को लेकर अर्थशास्त्रियों ने पिछले कुछ वर्षों के प्रदर्शन के आधार पर स्वयं का अनुमान तैयार किया है।
कौन-कौन राज्य शामिलउनका कहना है कि अगर राज्यों के जीएसडीपी अनुमान को लिया जाता है तो अखिल भारतीय स्तर पर जीडीपी में गिरावट एनएसओ के अनुमान से कहीं कम होगी। लेकिन अगर वे उन राज्यों के जीएसडीपी के अनुमान को लेकर आकलन करे जिनके जीएसडीपी के आंकड़े उपलब्ध नहीं है, तो इससे भारत का 2020-21 का जीडीपी 209.5 लाख करोड़ रुपये हो सकता है जो बाजार मूल्य पर 3 प्रतिशत वृद्धि को बताता है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘कुछ राज्यों के मामले में हमने पाया कि 2020-21 के लिए हमारे अनुमान और उनके संशोधित अनुमान में काफी अंतर है। इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं।’ इसमें कहा गया है, ‘यह दिलचस्प है कि इन राज्यों ने जीएसडीपी आंकड़े को लेकर बेहतर तस्वीर दिखायी है, लेकिन कर संग्रह के मामले में यह प्रतिबिंबित नहीं होता। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में वास्तव में 2019-20 की तुलना में 2020-21 में राजस्व प्राप्ति कम हुई है।’
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अब कानून बनने से दो कदम दूर है लव जिहाद विधेयक, विधान सभा में ध्वनि मत से पारित Divya Sandesh
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अब कानून बनने से दो कदम दूर है लव जिहाद विधेयक, विधान सभा में ध्वनि मत से पारित
 लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा म विधान मंडल बजट सत्र के दौरान लाये गये लव जिहाद ध्वनि मत पारित हो गया। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को अब विधान परिषद में पारित होने के बाद राज्यपाल के यहां जाएगा। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। योगी सरकार ने लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए यह विधेयक लाया था। 28 नवंबर 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के साथ ही प्रदेश में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लागू हो गया है। अध्यादेश लागू किए जाने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसे कैबिनेट ने 24 नवंबर, 2020 को अध्यादेश को मंजूरी दी थी। विधेयक को उस समय अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था। नियम के अनुसार अध्यादेश को छह माह के भीतर विधान मंडल के दोनों सदनों में मंजूरी दिलानी होती है। सरकार ने बुधवार को विधान सभा में विधेयक को ध्वनि मत से पारित करा लिया। अब सरकार इस विधेयक को विधान परिषद में ले जाएगी। प्रदेश में लव जिहाद की बढ़ती घटनाओं पर प्रभावी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मांतरण को लेकर कठोर कानून बनाया है। छल-कपट, कोई प्रलोभन देकर या जबरन कराए गए धर्मांतरण के लिए प्रदेश में कानून लागू किया गया है। इसके तहत धर्म बदलने के लिए कम से कम 60 दिन यानी दो महीने पहले जिलाधिकारी या संबंधित अपर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष तय प्रारूप में आवेदन करना अनिवार्य होगा। शादी करने वाले व्यक्ति को आवेदन पत्र में यह घोषणा करनी होगी कि संबंधित व्यक्ति खुद से, अपनी स्वतंत्र सहमति से तथा बिना किसी दबाव, बल या प्रलोभन के धर्म परिवर्तन करना चाहता है। घोषणा करने की तारीख से 21 दिनों के भीतर संबंधित व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी पहचान स्थापित करनी होगी और घोषणा की विषयवस्तु की पुष्टि करनी होगी। जिलाधिकारी धर्म परिवर्तन के वास्तविक कारण, प्रयोजन व कारण की पुलिस के जरिये जांच कराने के बाद अनुमति प्रदान करेंगे।ज्ञात हो कि अध्यादेश के तहत जबरन धर्मांतरण के मामलों में एक से 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है। अब जबरन या कोई प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराया जाना अपराध होगा। विवाह के जरिये एक से दूसरे धर्म में परिवर्तन भी कठोर अपराध की श्रेणी में होगा। यह अपराध गैरजमानती होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में शामिल संबंधित सामाजिक संगठनों का पंजीकरण निरस्त कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अध्यादेश के उल्लंघन की दोषी किसी संस्था या संगठन के विरुद्ध भी सजा होगी। इस तरह के धर्म परिवर्तन के मामलों में साक्ष्य देने का भार भी आरोपित व्यक्ति पर होगा। यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में होगा और गैर जमानती होगा। अभियोग का विचारण प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में होगा।यदि किसी लड़की का धर्म परिवर्तन एक मात्र प्रयोजन विवाह के लिए किया गया तो विवाह शून्य घोषित किया जा सकेगा। पीड़िता या पीड़ित के अलावा उसके माता-पिता, भाई-बहन या रक्त संबंधी भी मामले में रिपोर्ट दर्ज करा सकेंगे। इस तरह के मामले में कम से कम एक वर्ष तथा अधिकतम पांच वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कम से कम 15 हजार रुपये तक जुर्माना होगा। नाबालिग लड़की, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की महिला का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले में कम से कम दो वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास तथा कम से कम 25 हजार रुपये जुर्माना होगा। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 के अलावा बुधवार को उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता संशोधन विधेयक-2012, उत्तर प्रदेश शैक्षिक संस्था अध्यापक संवर्ग आरक्षण विधेयक-2021 व उत्तर प्रदेश पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा मान्यकरण विधेयक-2021 भी पारित किया गया।आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।
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आरबीआई निदेशकों की बजट-पश्चात बैठक को मंगलवार को संबोधित करेंगी सीतारमण Divya Sandesh
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आरबीआई निदेशकों की बजट-पश्चात बैठक को मंगलवार को संबोधित करेंगी सीतारमण
नयी दिल्ली, फरवरी 14 (भाषा) वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की बजट-पश्चात पहली बैठक को मंगलवार को संबोधित करेंगी। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक पहली बार वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से होगी। वह केंद्रीय बैंक के निदेशकों को बजट की मूल भावना, मुख्य दिशा और राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की योजनाओं की जानकारी दे सकती हैं। सीतारमण ने पहली फरवरी को प्रस्तुत 2021-22 के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इस घाटे को मार्च 2026 में समाप्त वित्त वर्ष तक 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है। कोविड-19 महामारी से प्रभावित चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 9.5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। बजट में अगले वित्त वर्ष के दौरान 12 लाख करोड़ रुपये का बाजार से कर्ज जुटाने का लक्ष्य रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कह चुके हैं कि केंद्रीय बैंक घरेलू बाजार से कर्ज जुटाने के सरकार के कार्यक्रम को संभालेगा। बजट में अगले साल बाजार मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर 14.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सीतारमण ने राजस्व में अगले साल 16.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। वर्ष के दौरान जीडीपी की वास्तविक (स्थिर मूल्य पर आधारित) वृ द्धि दर 10-10.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है। वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च को वर्तमान वर्ष के संशोधित 4.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़ा कर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है।
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