ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में प्री-बजट मैसेज को मजाक बताया, नहीं लेंगी हिस्सा
ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में प्री-बजट मैसेज को मजाक बताया, नहीं लेंगी हिस्सा
बजट 2023-24: प्री-बजट फर्जीवाड़े (बजट पूर्व बैठक) से जुड़ी बड़ी खबरें सामने आ रही हैं। 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियनों (Central Trade Unions) ने संयुक्त रूप से प्री-बजट फर्जीवाड़ा (बजट पूर्व बैठक) का बहिष्कार किया है। सभी ट्रेड यूनियनों का कहना है कि प्री-बजट फिट को मजाक बनाकर रखा गया है। यह बातें सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल निर्बंध (वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण) को आज पत्र…
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राजस्थान विश्वविद्यालय में लगभग 12 करोड़ रूपये की लागत से तैयार नवनिर्मित बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय भवन एवं 23.32 लाख रूपये की लागत से बने तीरंदाजी खेल मैदान का लोकार्पण किया। साथ ही, परिसर में 13.22 लाख रूपये की लागत से स्थापित डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस अवसर पर आयोजित सभा में विद्यार्थियों से कहा कि भविष्य निर्माण के लिए सपने देखें। सकारात्मक सोच के साथ संकल्पित होकर पूरा करने में जुट जाएं, तभी सफलता मिलेगी।
हमारे देश और प्रदेश का भविष्य युवाओं के कंधों पर ही है। विद्यार्थियों के अच्छे संस्कार ही मानव संसाधन के रूप में भविष्य निधि है। राज्य सरकार प्रतिबद्धता से युवा पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास सहित सभी तरह के उच्च अवसर प्रदान कर रही है। प्रदेश का अगला बजट भी युवाओं और विद्यार्थियों को समर्पित रहेगा, आप बेहतर बजट के लिए अपने सुझाव भेंजे।
राज्य सरकार की सोच युवा पीढ़ी के सपनों के साथ है। वर्ष 1998 में जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना, तब लगभग 6 विश्वविद्यालय थे और छात्रों को अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। अब लगभग 89 विश्वविद्यालय हैं। साथ ही, हमने लगभग 212 महाविद्यालय शुरू किए, जिनमें 94 महिला महाविद्यालय हैं। आज महाविद्यालयों में लड़कों से ज्यादा लड़कियों की संख्या दर्शाती है कि प्रदेश में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के प्रति राज्य सरकार अग्रसर है। लड़कियों का शिक्षित होना और सत्ता में भागीदार बनना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस स्कीम, जयपुर में कोचिंग हब, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, विभिन्न छात्रवृति योजनाएं, इंक्यूबेशन सेंटर सहित अनेकों योजनाओं से राज्य सरकार विद्यार्थियों को शिक्षा के सर्वश्रेष्ठ अवसर मुहैया करा रही है। उच्च शिक्षा और प्रोफेशनल कोर्सेज में निजी शिक्षण संस्थानों को भी मौका दे रहे हैं। ये ही वजह है कि वर्तमान में आईआईटी, एम्स, आईआईएम, ट्रिपलआईटी, विधि, कृषि एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय सहित सभी बड़े संस्थान राजस्थान में स्थापित हैं।
अभी तक लगभग 1.35 लाख सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। एक लाख से अधिक सरकारी नौकरियां प्रक्रियाधीन हैं और बजट में 1 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने की घोषणा की गई है। ऐसे में, प्रदेश में साढ़े तीन लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देकर राजस्थान अग्रणी राज्य बन रहा है। हाल ही इन्वेस्ट राजस्थान में 11 लाख करोड़ के एमओयू हुए हैं, जिनमें लाखों प्रदेशवासियों को निजी क्षेत्र में रोजगार मिलने की संभावनाएं हैं। प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शिता से आयोजित हो रही हैं। वहीं, पेपर लीक करने वाले को जेल भेजा जा रहा है।
युवा पीढ़ी से प्रेम, भाईचारे के साथ रहने का आह्वान है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय और हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़े, इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के जरिए हर बीमित परिवार को 10 लाख रूपये की चिकित्सा सुविधा, 5 लाख रूपये तक का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है। साथ ही, ऑर्गेन ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करने से आमजन को आर्थिक संबल मिल रहा है।
इससे पूर्व तीरंदाजी खेल मैदान में फीता काटकर और निशाना साधकर मैदान तीरंदाजों को सौंपा। तीरंदाजों से मुलाकात कर उन्हें प्रोत्साहित किया। इसके बाद बाबा साहब की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद पुस्तकालय भवन का लोकार्पण किया। भवन में उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन भी किया।
समारोह में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखकर विद्यार्थियों के प्रोत्साहन में राज्य सरकार नए आयाम स्थापित कर रही है। विद्यार्थियों के हितों में कोचिंग संस्थानों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने, छात्रवृतियां देने और स्कूटियां वितरित करने, नए महाविद्यालय शुरू करने जैसे कार्य किए जा रहे हैं।
इस मौके पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजन लाल जाटव, राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम के अध्यक्ष श्री राजीव अरोड़ा, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राजीव जैन, विधायक एवं सिंडिकेट सदस्य श्री अमीन कागजी, विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष श्री निर्मल चौधरी सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी-कर्मचारी, छात्रसंघ पदाधिकारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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सुकन्या से PPF खाताधारक तक के लिए बजट में क्या है खास, आसान भाषा में समझें
सुकन्या से PPF खाताधारक तक के लिए बजट में क्या है खास, आसान भाषा में समझें
सुकन्या योजना या प्रकाशित होने के लिए प्रकाशित होने वाले रोग (पीआयफ) कीट कीट के रूप में आपके कार्यालय खतरनाक होते हैं। सूचना, आम बजट I
खाते में चालू होने की सूचना देने के बाद उसे पोस्ट करने के लिए पोस्ट किया जाएगा। पोस्ट की गई दफ्तरों की सूची से पैकेज पैकेज में शामिल होंगे। इसके मतलब ये कि पोस्ट ऑफिस के लिए आप चेक कर सकते हैं।
सरकार के लिए विशेष रूप से विशेष रूप से लागू किए जाने वाले उत्पाद के…
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बजट 2021: बजट के उपायों से इकोनॉमी में आएगी तेज रिकवरी
बजट 2021: बजट के उपायों से इकोनॉमी में आएगी तेज रिकवरी
निर्मल जैनयह हाल में आए बजटों में सबसे अच्छा है. इसमें किए गए सुधार के उपायों से अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौटेगी. इसमें कैपिटल एक्सपेंडिचर (पूंजीगत खर्च), इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थकेयर के लिए आवंटन काफी बढ़ाया गया है. इसके लिए कर्ज से पैसा आएगा. यह एक तरह से सिस्टम में पैसा बढ़ाने (क्वांटटेटिव इजिंग) जैसा है. बजट में जिस तरह के प्रावधान किए गए हैं, उनसे जीडीपी में 11 फीसदी ग्रोथ आसानी से हासिल…
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Budget 2023-24: एलटीसीजी टैक्स को सरल बनाने के लिए बजट में वित्त मंत्री कर सकते हैं बड़ा एलान!
Budget 2023-24: एलटीसीजी टैक्स को सरल बनाने के लिए बजट में वित्त मंत्री कर सकते हैं बड़ा एलान!
बजट 2023-24: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट एक फरवरी 2023 को पेश होने वाला है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मल समूह इस बजट में लार्ज टर्म कैपिटल गेन टैक्स के बारे में सूचनाओं में बदलाव को लेकर बड़ा एलान कर सकते हैं। बजट में दीर्घ टर्म गेन टेक्स अनुबंध बनाने पर जोर दिया जा सकता है साथ ही एक्सपोजर का लाभ देने के लिए आधार वर्ष में भी बदलाव संभव है।
शेयरधारकों पर 12 महीने की होल्डिंग…
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राजस्थान विश्वविद्यालय में लगभग 12 करोड़ रूपये की लागत से तैयार नवनिर्मित बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय भवन एवं 23.32 लाख रूपये की लागत से बने तीरंदाजी खेल मैदान का लोकार्पण किया। साथ ही, परिसर में 13.22 लाख रूपये की लागत से स्थापित डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस अवसर पर आयोजित सभा में विद्यार्थियों से कहा कि भविष्य निर्माण के लिए सपने देखें। सकारात्मक सोच के साथ संकल्पित होकर पूरा करने में जुट जाएं, तभी सफलता मिलेगी।
हमारे देश और प्रदेश का भविष्य युवाओं के कंधों पर ही है। विद्यार्थियों के अच्छे संस्कार ही मानव संसाधन के रूप में भविष्य निधि है। राज्य सरकार प्रतिबद्धता से युवा पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास सहित सभी तरह के उच्च अवसर प्रदान कर रही है। प्रदेश का अगला बजट भी युवाओं और विद्यार्थियों को समर्पित रहेगा, आप बेहतर बजट के लिए अपने सुझाव भेंजे।
राज्य सरकार की सोच युवा पीढ़ी के सपनों के साथ है। वर्ष 1998 में जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना, तब लगभग 6 विश्वविद्यालय थे और छात्रों को अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। अब लगभग 89 विश्वविद्यालय हैं। साथ ही, हमने लगभग 212 महाविद्यालय शुरू किए, जिनमें 94 महिला महाविद्यालय हैं। आज महाविद्यालयों में लड़कों से ज्यादा लड़कियों की संख्या दर्शाती है कि प्रदेश में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के प्रति राज्य सरकार अग्रसर है। लड़कियों का शिक्षित होना और सत्ता में भागीदार बनना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस स्कीम, जयपुर में कोचिंग हब, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, विभिन्न छात्रवृति योजनाएं, इंक्यूबेशन सेंटर सहित अनेकों योजनाओं से राज्य सरकार विद्यार्थियों को शिक्षा के सर्वश्रेष्ठ अवसर मुहैया करा रही है। उच्च शिक्षा और प्रोफेशनल कोर्सेज में निजी शिक्षण संस्थानों को भी मौका दे रहे हैं। ये ही वजह है कि वर्तमान में आईआईटी, एम्स, आईआईएम, ट्रिपलआईटी, विधि, कृषि एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय सहित सभी बड़े संस्थान राजस्थान में स्थापित हैं।
अभी तक लगभग 1.35 लाख सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। एक लाख से अधिक सरकारी नौकरियां प्रक्रियाधीन हैं और बजट में 1 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने की घोषणा की गई है। ऐसे में, प्रदेश में साढ़े तीन लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देकर राजस्थान अग्रणी राज्य बन रहा है। हाल ही इन्वेस्ट राजस्थान में 11 लाख करोड़ के एमओयू हुए हैं, जिनमें लाखों प्रदेशवासियों को निजी क्षेत्र में रोजगार मिलने की संभावनाएं हैं। प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शिता से आयोजित हो रही हैं। वहीं, पेपर लीक करने वाले को जेल भेजा जा रहा है।
युवा पीढ़ी से प्रेम, भाईचारे के साथ रहने का आह्वान है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय और हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़े, इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के जरिए हर बीमित परिवार को 10 लाख रूपये की चिकित्सा सुविधा, 5 लाख रूपये तक का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है। साथ ही, ऑर्गेन ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करने से आमजन को आर्थिक संबल मिल रहा है।
इससे पूर्व तीरंदाजी खेल मैदान में फीता काटकर और निशाना साधकर मैदान तीरंदाजों को सौंपा। तीरंदाजों से मुलाकात कर उन्हें प्रोत्साहित किया। इसके बाद बाबा साहब की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद पुस्तकालय भवन का लोकार्पण किया। भवन में उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन भी किया।
समारोह में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखकर विद्यार्थियों के प्रोत्साहन में राज्य सरकार नए आयाम स्थापित कर रही है। विद्यार्थियों के हितों में कोचिंग संस्थानों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने, छात्रवृतियां देने और स्कूटियां वितरित करने, नए महाविद्यालय शुरू करने जैसे कार्य किए जा रहे हैं।
इस मौके पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजन लाल जाटव, राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम के अध्यक्ष श्री राजीव अरोड़ा, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राजीव जैन, विधायक एवं सिंडिकेट सदस्य श्री अमीन कागजी, विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष श्री निर्मल चौधरी सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी-कर्मचारी, छात्रसंघ पदाधिकारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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बजट 2021: इंश्योरेंस सेक्टर में 74 फीसद तक FDI, इसी साल आएगा एलआईसी का IPO
बजट 2021: इंश्योरेंस सेक्टर में 74 फीसद तक FDI, इसी साल आएगा एलआईसी का IPO
आज तक 74 बजे तक वित्त मंत्री ने बजट भाषण में संचार। संचार के लिए ज़रूरी है I . वित्त मंत्री ने संचार के लिए चालू किया था I वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है।
बजट बजट में 64,180 करोड़ रुपये के साथ व्यापार योजना शुरू करने के लिए। यह राष्ट्रीय…
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लोकसभा चुनाव में बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी : राहटकर
लोकसभा चुनाव में बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी : राहटकर : भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजया राहटकर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव को लेकर महिला मोर्चा पूरी तरह से सजग है। इस चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
वह रविवार को सर्किट हाऊस में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मोर्चा की संगठनात्मक गतिविधियों को तेज कर दिया गया है और वह स्वयं दो दिनों से हरियाणा प्रदेश के दौरे पर हैं।
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राहटकर ने कहा कि भाजपा सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाओं को क्रियान्वित किया है। सरकार के बेटी बचाव-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा से ही की थी।
देशभर में नौ करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गए हैं। गैस कनेक्शन मिलने से महिलाओं की सेहत के लिए भी फायदेमंद फैसला रहा। मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक के मुद्दे पर भी भाजपा की सरकार ने अध्यादेश लागू किया है। कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश की अवधि को बढ़ाया गया है। वहीं कांग्रेस सरकार ने महिलाओं की सेहत का ख्याल नहीं रखा।
विजया राहटकर ने कहा कि उपरोक्त योजनाओं को लेकर भाजपा वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं तक पहुंचेगी। महिला मोर्चा द्वारा महिलाओं को जागरूक करने के लिए अलग-अलग सम्मेलन आयोजित किए जा रहे है। महिला मोर्चा की बूथ स्तर तक की रचना पूरी हो चुकी है। हर बूथ पर महिलाएं काम कर रही है।
शक्ति केंद्रों के लिए भी महिलाओं को चयनित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 12 फरवरी से लेकर दो मार्च तक महिला मोर्चा के सदस्य घर-घर जाकर लोगों को सरकार के कार्यों व जनहित में लिए गए निर्णयों की जानकारी देंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में सात महिलाओं को शामिल किया गया है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब भी महिलाओं के सशक्तिकरण की बात आती है तो विपक्ष पीछे हट जाता है और तीन तलाक का मुद्दा इसका ठोस उदाहरण है।
राहटकर ने इससे पहले मदवि के राधाकृष्णन सभागार में कमल शक्ति अभियान के तहत आयोजित शक्ति केंद्र सम्मेलन को भी संबोधित किया। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने सम्मेलन में महिला कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वह लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए धरातल पर मजबूती से काम करें।
संगठन महामंत्री ने कहा- मजबूत करो बूथ
पार्टी के संगठन महामंत्री सुरेश भट्टने महिला कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि हर बूथ मजबूत होगा तभी लोकसभा चुनाव में बेहतर परिणाम आएंगे, इसलिए अपने-अपने बूथ मजबूत करें। वहीं प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि भ्रष्टाचार को केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह से खत्म कर चुकी हैं।
हाल में घोषित हुए डी-ग्रुप के परिणामों को इसका बेहतर उदाहरण बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष निर्मल बैरागी ने की। सम्मेलन में प्रदेश के 13 जिलों की महिला मोर्चा की जिला अध्यक्षों व जिला प्रभारियों ने भाग लिया।
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इस मौके पर मोर्चा की हरियाणा प्रभारी कविता चौधरी, प्रदेश महामंत्री सुनीता दांगी, संजय भाटिया, हिना चौहान, पार्टी के जिला अध्यक्ष अजय बंसल, हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष प्रतिभा सुमन, चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल, जिला मीडिया प्रभारी शमशेर खरक, कला एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की निदेशक सोनाली फौगाट, प्रदेश सचिव डा. राकेश कुमारी मलिक,, पार्षद मुक्ता नागपाल, महेंद्रा चौहान आदि मौजूद रहे।
लोकसभा चुनाव में बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी : राहटकर
स्त्रोत : दैनिक जागरण
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सुशांत सिंह राजपूत के निधन को 15 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। पुलिस शुरुआती जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर इसे आत्महत्या बता रही है। जबकि सुशांत के फैन्स, परिवार के सदस्य और कुछ दिग्गज अभिनेता, पॉलिटिशियन इसे मर्डर बता रहे हैं।
मामले में काफी तेजी से प्रोग्रेस हो रही है और 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी है। लेकिन पुलिस के हाथ अभी ऐसा कोई सुराग नहीं लगा है, जिससे उनकी आत्महत्या की वजह पता चल सके। वहीं, दूसरी ओर उनकी मौत ने एक ऐसी लहर उठा दी ला दी है, जिससे पूरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री हिली हुई है।
इस रिपोर्ट में जानते हैं केस में शुरुआत से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ?
14 जून को दोपहर करीब ढाई बजे मीडिया में सुशांत के सुसाइड की खबर सामने आई। सुनकर हर कोई हैरान था। कोई यकीन नहीं कर पा रहा था कि हमेशा पॉजिटिव रहने वाले 34 साल के इस उभरते सितारे ने इस तरह मौत को गले लगा लिया। वे अपने मुंबई स्थित घर में सीलिंग फैन से लटके पाए गए थे।
14 जून को उनका पोस्टमॉर्टम हुआ और 15 जून को मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट परअभिनेता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सुसाइड के बाद जो सवाल उठे
कंगना रनोट ने 14 जून को यह आरोप लगाकर सनसनी फैला दी कि सुशांत की सुसाइड के पीछे करन जौहर और उनकी नेपोटिस्ट गैंग है। उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा था कि सुशांत ने यह कदम उठाकर उन लोगों को जीत दिलवा दी, जो भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हैं। फिल्म माफिया हैं और खेमेबाजी में यकीन रखते हैं।
इसके बाद निर्देशक शेखर कपूर, अनुभव सिन्हा, हेयरस्टाइलिस्ट सपना भवनानी और अभिनेता रणवीर शौरी के बयान भी यही संकेत देते नजर आए कि सुशांत भाई-भतीजावाद की भेंट चढ़े हैं।
शेखर ने ट्वीट में लिखा था, "मैं जानता हूं कि तुम किस दर्द से गुजर रहे थे। मुझे पता है उन लोगों की कहानी, जिन्होंने तुम्हे इतना निराश किया कि तुम मेरे कंधे पर सिर रखकर रोते थे। काश पिछले 6 महीने में मैं तुम्हारे आसपास होता। काश तुम मुझ तक पहुंच गए होते। तुम्हारे साथ जो हुआ, वह उनके कर्मों का फल है, तुम्हारे नहीं।"
फिल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा ने सुशांत की मौत के बाद अपने ट्वीट में लिखा था, "बॉलीवुड के विशेषाधिकार प्राप्त क्लब को आज रात बैठकर गंभीरता से सोचना चाहिए।" इसके आगे उन्होंने लिखा था, "अब मुझसे विस्तार से बताने के लिए न कहें।"
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सुशांत सिंह राजपूत की हेयरस्टाइलिस्ट सपना भवनानी ने अपने ट्वीट में यह खुलासा किया था कि पिछले कुछ सालों से सुशांत जिंदगी के मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। उन्होंने बॉलीवुड पर बरसते हुए लिखा था, "इंडस्ट्री से कोई भी उनके साथ खड़ा नहीं हुआ और न ही किसी ने मदद के हाथ बढ़ाए। आज उनके बारे में की गई पोस्ट यह दिखाती है कि इंडस्ट्री वाकई कितनी उथली है। यहां कोई आपका दोस्त नहीं है।"
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रणवीर शौरी ने अपने ट्वीट में इशारा किया था कि सुशांत नेपोटिज्म की मार झेल रहे थे। उन्होंने लिखा था, "उन्होंने जो कदम उठाया, उसके लिए किसी और को दोषी ठहराना ठीक नहीं होगा। वे हाई स्टेक्स गेम खेल रहे थे, जिसमें जीतना था या सबकुछ हार ��ाना था। लेकिन बॉलीवुड के इन स्वघोषित गेट कीपर्स के बारे में कुछ कहना होगा।"
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सुशांत के कजिन और भाजपा विधायक नीरज सिंह बबलू ने इसे हत्या बताया है। उनके मुताबिक, सुशांत उनमें से नहीं थे, जो इस तरह का कदम उठाएं।
14 जून को जब सुशांत की पार्थिव देह की फोटो सोशल मीडिया पर आईं तो महाराष्ट्र सरकार ने इन्हें शेयर करने पर पाबंदी लगा दी। इसके बाद से सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया? भाजपा नेता और एक्ट्रेस रूपा गांगुली ने भी इसे लेकर सवाल उठाया है और सीबीआई जांच की मांग की है।
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने दावा किया कि ‘छिछोरे’ के बाद सुशांत ने 7 फिल्में साइन की थीं, जो छह महीने के अंदर उनके हाथ से निकल गईं? लेकिन अभी तक किसी को इन 7 फिल्मों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
सोशल मीडिया यूजर्स भी लगातार सुशांत के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि सुशांत ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उनका मर्डर हुआ था। सबूत के तौर पर कुछ वीडियो साझा किए जा रहे हैं।
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कॉमेडियन और अभिनेता शेखर सुमन का मानना भी सुशांत को नेपोटिज्म गैंग ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया है। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
इस बहस का असर क्या हुआ?
बिहार के मुजफ्फरपुर में 8 बॉलीवुड सेलेब्स के खिलाफ केस दर्ज हुआ। वकील सुधीर कुमार ओझा ने यह केस करन जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिद नाडियाडवाला, सलमान खान, संजय लीला भंसाली, भूषण कुमार, एकता कपूर और दिनेश विजान के खिलाफ दर्ज कराया है। ओझा ने जो आरोप लगाए हैं, अगर वे साबित हो जाते हैं तो सभी को 10 साल तक की जेल हो सकती है।
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जयश्री शर्मा श्रीकांत नाम की फेसबुक यूजर ने सलमान खान, यशराज फिल्म्स और करन जौहर के बायकॉट के लिए ऑनलाइन पिटीशन साइन कराई। महज 24 घंटे में इसे 16.85 लाख से ज्यादा लोगों ने साइन किया।
करन जौहर ने ट्विटर पर 8 लोगों (नरेंद्र मोदी, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, शाहरुख खान और 4 ऑफिस मेंबर्स) को छोड़कर सबको अनफॉलो कर दिया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम के कमेंट सेक्शन को लॉक कर दिया और मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज यानी मामी फिल्म फेस्टिवल के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया।
करन के बाद आलिया भट्ट, करीना कपूर, सोनम कपूर, सोनाक्षी सिन्हा, अनन्या पांडे और शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान ने भी इंस्टाग्राम पर अपना कमेंट सेक्शन आम यूजर्स के लिए लॉक कर दिया।
सलमान खान कैंप से सोनाक्षी सिन्हा, आयुष शर्मा, साकिब सलीम और जहीर इकबाल ने अपने ट्विटर अकांउट डिलीट कर दिए। वहीं, इसी कैम्प से जुड़े प्रोड्यूसर मुदस्सर अजीज ने इंस्टाग्राम को भी गुडबाय बोल दिया है।
उन सेलेब्स के लिए भी आवाज उठने लगी, जो सुशांत से पहले दुनिया को अलविदा कह गए। दिवंगत इंदर कुमार की पत्नी पल्लवी ने करन जौहर और शाहरुख खान पर उनके पति को काम न देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों फिल्ममेकर पहले इंदर को घुमाते रहे और फिर उनका नंबर ब्लॉक कर दिया गया था।
ऑथर शेफाली वैद्य ने दिवंगत निर्मल पांडे के लिए आवाज उठाई। उन्होंने फिल्ममेकर सुधीर मिश्रा पर निर्मल के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था। शेफाली ने ट्वीट में लिखा था- निर्मल पांडे को याद कीजिए। नैनीताल के वे टैलेंटेड एक्टर, जिन्होंने 'बैंडिट क्वीन' और 'इस रात की सुबह नहीं' में काम किया था। उन्हें भी आउटसाइडर होने की वजह से सुधीर मिश्रा जैसे लोगों ने नजरअंदाज किया था। काम न होने के चलते वे टूट गए थे। 48 साल की उम्र में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था।
हालांकि, सुधीर ने शेफाली के आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि 'इस रात की सुबह नहीं' उन्होंने ही डायरेक्ट की थी। जबकि शेफाली का आरोप था कि इस एक फिल्म के बाद सुधीर ने निर्मल को किसी और फिल्म में कास्ट नहीं किया।
सुशांत ने आत्महत्या की या उनकी हत्या हुई? जवाब इन तीन बातों पर निर्भर
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट : 14 जून की रात 11 बजे इनिशियल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सुशांत की मौत की वजह आत्महत्या बताई गई। 25 जून को फाइनल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई। 5 डॉक्टर्स की टीम द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में ���ी कहा गया है कि सुशांत की मौत फांसी लगाने के बाद दम घुटने से हुई है।
विसरा रिपोर्ट: विसरा रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र फोरेंसिक विभाग को जल्द से जल्द यह जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, मौत के बाद इंसान के अंदरूनी अंगों को सुरक्षित रख उनकी जांच की जाती है। इससे मौत का कारण पता चलता है। जांच के बाद की रिपोर्ट को ही विसरा रिपोर्ट कहा जाता है।
पुलिस जांच: पुलिस 14 जून से ही लगातार मामले की जांच कर रही है। अब तक करीब 30 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। पूछताछ का क्रम कुछ इस प्रकार चला:-
मुंबई पुलिस के लिए सुशांत की आत्महत्या वाली जगह का पंचनामा और वहां मौजूद लोगों का स्टेटमेंट बेहद अहम था। क्योंकि इन्हीं के बयानों के आधार पर सुशांत के सुसाइड की मिस्ट्री को सुलझाने में न सिर्फ अहम लीड मिल सकती है। बल्कि यह भी समझ आएगा कि आत्महत्या से पहले क्या-क्या हुआ था?
पुलिस ने पंचनामा बनाने के बाद सुशांत के साथ उसी घर में रहने वाले उनके क्रिएटिव मैनेजर सिद्धार्थ पीठानी, सामान लाने वाले दीपेश सावंत, दो रसोईया और उस चाभी बनाने वाले के बयान दर्ज किए, जिसने दरवाजा खोलने में मदद की थी।
अगली कड़ी में पुलिस ने सुशांत के पिता के. के. सिंह, दो बहनों के बयान रिकॉर्ड किए। सुशांत के दोस्त महेश शेट्टी का स्टेटमेंट भी लिया गया था। क्योंकि सुसाइड से पहले वाली रात सुशांत ने उन्हें ही फोन किया था, जिसे वे इसे रिसीव नहीं कर पाए थे। इसके अलावा महेश सुशांत और उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के भी कॉमन फ्रेंड हैं। पुलिस के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि रिया से सुशांत के रिश्ते कैसे चल रहे थे?
पुलिस ने सुशांत के उस डॉक्टर का बयान भी लिया, जो उनके डिप्रेशन का इलाज कर रहा था। सुशांत के दोस्तों और नौकरों से मिली सबसे पहली लीड से साफ हो गया था कि वे डिप्रेशन में थे और मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था।
पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने कास्टिंग डायरेक्टर और सुशांत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' के निर्देशक मुकेश छाबड़ा का बयान दर्ज किया। छाबड़ा से तकरीबन 7 घंटे लंबी पूछताछ चली थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो उनसे कुछ न कुछ लीड हाथ लगी है। छाबड़ा के मुताबिक, वे सुशांत के डिप्रेशन से अनजान थे।
18 जून को मुंबई पुलिस ने रिया चक्रवर्ती से 11 घंटे पूछताछ की। उन्होंने अपने बयान में यह स्वीकार किया कि वे सुशांत के साथ रिलेशन में थीं और उनके साथ रहती थीं। उन्होंने सुशांत के कहने पर ही उनका घर छोड़ा था।
रिया के मुताबिक, सितंबर 2019 में फिल्म 'दिल बेचारा' पूरी करने के बाद से ही सुशांत में डिप्रेशन के लक्षण नजर आने लगे थे। वे उनके साथ डॉक्टर्स के पास भी गई थीं। रिया ने यह भी कहा था कि सुशांत कभी-कभी दवाएं नहीं लिया करते थे।
18 जून को सुशांत की बिजनेस मैनेजर श्रुति मोदी और पी.आर. टीम से राधिका निहलानी का बयान दर्ज किया गया। श्रुति ने बताया कि वे जुलाई 2019 से 3 फरवरी 2020 तक सुशांत के साथ थीं। उनके मुताबिक, सुशांत बॉलीवुड से हटकर विविड रेंज रियलिस्टिक वर्चुअल के वर्चुअल गेम्स की एक कंपनी बनाने की तैयारी कर रहे थे।
श्रुति ने यह भी बताया कि सुशांत नेशन इंडिया फॉर वर्ल्ड नाम से एक सामाजिक संस्था भी बनाना चाहते थे, जिसके जरिए कॉलेज स्टूडेंट्स के साथ मिलकर पर्यावरण और समाज के लिए काम करना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने कंपनी के रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया।
18 जून को पुलिस यशराज फिल्म्स से उस कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी मांगी, जो सुशांत ने उनके साथ 2012 में किया था। 19 जून को यशराज ने निर्देश का पालन किया और कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी पुलिस को दे दी।
कॉपी में सुशांत के साथ यशराज की तीन फिल्मों का जिक्र है, जिनमें से दो 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'ब्योमकेश बक्शी' बन चुकी थीं। तीसरी फिल्म 'पानी' थी, जो ठंडे बस्ते में चली गई थी, जिसका कारण फिल्म का ओवर बजट बताया गया।इस बीच पुलिस ने एक बार फिल्म सुशांत के क्रिएटिव मैनेजर सिद्धार्थ पीठानी और प्रोड्यूसर दोस्त संदीप सिंह से पूछताछ की।
26 जून को यशराज फिल्म्स के दो पूर्व अधिकारियों आशीष सिंह और आशीष पाटिल को पुलिस स्टेशन बुलाया गया। दोनों से उस कॉन्ट्रैक्ट को साइन करने और बाहर जाने की शर्तों को लेकर पूछताछ की गई, जिसे सुशांत 2012 में साइन किया था। क्योंकि पुलिस के पास साइन किए जाने वाले एग्रीमेंट की कॉपी तो थी। लेकिन इससे सुशांत के बाहर होने वाले एग्रीमेंट की कोई कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
27 जून को पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने यशराज फिल्म्स की कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा को पूछताछ के लिए बुलाया। क्योंकि उन्होंने ही सुशांत को यशराज की तीन फिल्मों के लिए कास्ट किया था।
27 जून की शाम रिया चक्रवर्ती के भाई सोविज को पुलिस ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में पूछताछ की। दरअसल, रिया और सोविज दोनों ही सुशांत की तीन स्टार्टअप कंपनीज में डायरेक्टर और एडिशनल डायरेक्टर की पोस्ट संभाल रहे थे। पुलिस इन तीनों कंपनियों में रिया और सोविज की भागीदारी और उनके इन्वेस्टमेंट की जानकारी खंगाल रही है।
सोमवार यानी 29 जून को पुलिस ने सुशांत की आखिरी फिल्म की हीरोइन संजना सांघी को पुलिस स्टेशन बुलाया था। लेकिन वे मंगलवार को पहुंच सकीं। सूत्रों की मानें तो पुलिस उनसे सुशांत की मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करना चाहती थी। क्योंकि आखिरी बार सुशांत के साथ उन्होंने ही फिल्म में काम किया था।
वहीं, यशराज के कॉन्ट्रैक्ट के नियम और शर्तों को समझने के लिए प्रोडक्शन हाउस के कुछ बड़े अधिकारियों से सवाल-जवाब किए जा सकते हैं।
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Sushant Singh Rajput Suicide Case: Know what has happened in Sushant's suicide case so far?
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सुशांत सिंह राजपूत के निधन को 15 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। पुलिस शुरुआती जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर इसे आत्महत्या बता रही है। जबकि सुशांत के फैन्स, परिवार के सदस्य और कुछ दिग्गज अभिनेता, पॉलिटिशियन इसे मर्डर बता रहे हैं।
मामले में काफी तेजी से प्रोग्रेस हो रही है और 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी है। लेकिन पुलिस के हाथ अभी ऐसा कोई सुराग नहीं लगा है, जिससे उनकी आत्महत्या की वजह पता चल सके। वहीं, दूसरी ओर उनकी मौत ने एक ऐसी लहर उठा दी ला दी है, जिससे पूरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री हिली हुई है।
इस रिपोर्ट में जानते हैं केस में शुरुआत से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ?
14 जून को दोपहर करीब ढाई बजे मीडिया में सुशांत के सुसाइड की खबर सामने आई। सुनकर हर कोई हैरान था। कोई यकीन नहीं कर पा रहा था कि हमेशा पॉजिटिव रहने वाले 34 साल के इस उभरते सितारे ने इस तरह मौत को गले लगा लिया। वे अपने मुंबई स्थित घर में सीलिंग फैन से लटके पाए गए थे।
14 जून को उनका पोस्टमॉर्टम हुआ और 15 जून को मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट परअभिनेता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सुसाइड के बाद जो सवाल उठे
कंगना रनोट ने 14 जून को यह आरोप लगाकर सनसनी फैला दी कि सुशांत की सुसाइड के पीछे करन जौहर और उनकी नेपोटिस्ट गैंग है। उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा था कि सुशांत ने यह कदम उठाकर उन लोगों को जीत दिलवा दी, जो भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हैं। फिल्म माफिया हैं और खेमेबाजी में यकीन रखते हैं।
इसके बाद निर्देशक शेखर कपूर, अनुभव सिन्हा, हेयरस्टाइलिस्ट सपना भवनानी और अभिनेता रणवीर शौरी के बयान भी यही संकेत देते नजर आए कि सुशांत भाई-भतीजावाद की भेंट चढ़े हैं।
शेखर ने ट्वीट में लिखा था, "मैं जानता हूं कि तुम किस दर्द से गुजर रहे थे। मुझे पता है उन लोगों की कहानी, जिन्होंने तुम्हे इतना निराश किया कि तुम मेरे कंधे पर सिर रखकर रोते थे। काश पिछले 6 महीने में मैं तुम्हारे आसपास होता। काश तुम मुझ तक पहुंच गए होते। तुम्हारे साथ जो हुआ, वह उनके कर्मों का फल है, तुम्हारे नहीं।"
फिल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा ने सुशांत की मौत के बाद अपने ट्वीट में लिखा था, "बॉलीवुड के विशेषाधिकार प्राप्त क्लब को आज रात बैठकर गंभीरता से सोचना चाहिए।" इसके आगे उन्होंने लिखा था, "अब मुझसे विस्तार से बताने के लिए न कहें।"
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सुशांत सिंह राजपूत की हेयरस्टाइलिस्ट सपना भवनानी ने अपने ट्वीट में यह खुलासा किया था कि पिछले कुछ सालों से सुशांत जिंदगी के मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। उन्होंने बॉलीवुड पर बरसते हुए लिखा था, "इंडस्ट्री से कोई भी उनके साथ खड़ा नहीं हुआ और न ही किसी ने मदद के हाथ बढ़ाए। आज उनके बारे में की गई पोस्ट यह दिखाती है कि इंडस्ट्री वाकई कितनी उथली है। यहां कोई आपका दोस्त नहीं है।"
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रणवीर शौरी ने अपने ट्वीट में इशारा किया था कि सुशांत नेपोटिज्म की मार झेल रहे थे। उन्होंने लिखा था, "उन्होंने जो कदम उठाया, उसके लिए किसी और को दोषी ठहराना ठीक नहीं होगा। वे हाई स्टेक्स गेम खेल रहे थे, जिसमें जीतना था या स���कुछ हार जाना था। लेकिन बॉलीवुड के इन स्वघोषित गेट कीपर्स के बारे में कुछ कहना होगा।"
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सुशांत के कजिन और भाजपा विधायक नीरज सिंह बबलू ने इसे हत्या बताया है। उनके मुताबिक, सुशांत उनमें से नहीं थे, जो इस तरह का कदम उठाएं।
14 जून को जब सुशांत की पार्थिव देह की फोटो सोशल मीडिया पर आईं तो महाराष्ट्र सरकार ने इन्हें शेयर करने पर पाबंदी लगा दी। इसके बाद से सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया? भाजपा नेता और एक्ट्रेस रूपा गांगुली ने भी इसे लेकर सवाल उठाया है और सीबीआई जांच की मांग की है।
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने दावा किया कि ‘छिछोरे’ के बाद सुशांत ने 7 फिल्में साइन की थीं, जो छह महीने के अंदर उनके हाथ से निकल गईं? लेकिन अभी तक किसी को इन 7 फिल्मों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
सोशल मीडिया यूजर्स भी लगातार सुशांत के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि सुशांत ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उनका मर्डर हुआ था। सबूत के तौर पर कुछ वीडियो साझा किए जा रहे हैं।
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कॉमेडियन और अभिनेता शेखर सुमन का मानना भी सुशांत को नेपोटिज्म गैंग ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया है। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
इस बहस का असर क्या हुआ?
बिहार के मुजफ्फरपुर में 8 बॉलीवुड सेलेब्स के खिलाफ केस दर्ज हुआ। वकील सुधीर कुमार ओझा ने यह केस करन जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिद नाडियाडवाला, सलमान खान, संजय लीला भंसाली, भूषण कुमार, एकता कपूर और दिनेश विजान के खिलाफ दर्ज कराया है। ओझा ने जो आरोप लगाए हैं, अगर वे साबित हो जाते हैं तो सभी को 10 साल तक की जेल हो सकती है।
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जयश्री शर्मा श्रीकांत नाम की फेसबुक यूजर ने सलमान खान, यशराज फिल्म्स और करन जौहर के बायकॉट के लिए ऑनलाइन पिटीशन साइन कराई। महज 24 घंटे में इसे 16.85 लाख से ज्यादा लोगों ने साइन किया।
करन जौहर ने ट्विटर पर 8 लोगों (नरेंद्र मोदी, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, शाहरुख खान और 4 ऑफिस मेंबर्स) को छोड़कर सबको अनफॉलो कर दिया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम के कमेंट सेक्शन को लॉक कर दिया और मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज यानी मामी फिल्म फेस्टिवल के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया।
करन के बाद आलिया भट्ट, करीना कपूर, सोनम कपूर, सोनाक्षी सिन्हा, अनन्या पांडे और शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान ने भी इंस्टाग्राम पर अपना कमेंट सेक्शन आम यूजर्स के लिए लॉक कर दिया।
सलमान खान कैंप से सोनाक्षी सिन्हा, आयुष शर्मा, साकिब सलीम और जहीर इकबाल ने अपने ट्विटर अकांउट डिलीट कर दिए। वहीं, इसी कैम्प से जुड़े प्रोड्यूसर मुदस्सर अजीज ने इंस्टाग्राम को भी गुडबाय बोल दिया है।
उन सेलेब्स के लिए भी आवाज उठने लगी, जो सुशांत से पहले दुनिया को अलविदा कह गए। दिवंगत इंदर कुमार की पत्नी पल्लवी ने करन जौहर और शाहरुख खान पर उनके पति को काम न देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों फिल्ममेकर पहले इंदर को घुमाते रहे और फिर उनका नंबर ब्लॉक कर दिया गया था।
ऑथर शेफाली वैद्य ने दिवंगत निर्मल पांडे के लिए आवाज उठाई। उन्होंने फिल्ममेकर सुधीर मिश्रा पर निर्मल के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था। शेफाली ने ट्वीट में लिखा था- निर्मल पांडे को याद कीजिए। नैनीताल के वे टैलेंटेड एक्टर, जिन्होंने 'बैंडिट क्वीन' और 'इस रात की सुबह नहीं' में काम किया था। उन्हें भी आउटसाइडर होने की वजह से सुधीर मिश्रा जैसे लोगों ने नजरअंदाज किया था। काम न होने के चलते वे टूट गए थे। 48 साल की उम्र में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था।
हालांकि, सुधीर ने शेफाली के आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि 'इस रात की सुबह नहीं' उन्होंने ही डायरेक्ट की थी। जबकि शेफाली का आरोप था कि इस एक फिल्म के बाद सुधीर ने निर्मल को किसी और फिल्म में कास्ट नहीं किया।
सुशांत ने आत्महत्या की या उनकी हत्या हुई? जवाब इन तीन बातों पर निर्भर
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट : 14 जून की रात 11 बजे इनिशियल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सुशांत की मौत की वजह आत्महत्या बताई गई। 25 जून को फाइनल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई। 5 डॉक्टर्स की टीम द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में भी कहा गया है कि सुशांत की मौत फांसी लगाने के बाद दम घुटने से हुई है।
विसरा रिपोर्ट: विसरा रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र फोरेंसिक विभाग को जल्द से जल्द यह जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, मौत के बाद इंसान के अंदरूनी अंगों को सुरक्षित रख उनकी जांच की जाती है। इससे मौत का कारण पता चलता है। जांच के बाद की रिपोर्ट को ही विसरा रिपोर्ट कहा जाता है।
पुलिस जांच: पुलिस 14 जून से ही लगातार मामले की जांच कर रही है। अब तक करीब 30 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। पूछताछ का क्रम कुछ इस प्रकार चला:-
मुंबई पुलिस के लिए सुशांत की आत्महत्या वाली जगह का पंचनामा और वहां मौजूद लोगों का स्टेटमेंट बेहद अहम था। क्योंकि इन्हीं के बयानों के आधार पर सुशांत के सुसाइड की मिस्ट्री को सुलझाने में न सिर्फ अहम लीड मिल सकती है। बल्कि यह भी समझ आएगा कि आत्महत्या से पहले क्या-क्या हुआ था?
पुलिस ने पंचनामा बनाने के बाद सुशांत के साथ उसी घर में रहने वाले उनके क्रिएटिव मैनेजर सिद्धार्थ पीठानी, सामान लाने वाले दीपेश सावंत, दो रसोईया और उस चाभी बनाने वाले के बयान दर्ज किए, जिसने दरवाजा खोलने में मदद की थी।
अगली कड़ी में पुलिस ने सुशांत के पिता के. के. सिंह, दो बहनों के बयान रिकॉर्ड किए। सुशांत के दोस्त महेश शेट्टी का स्टेटमेंट भी लिया गया था। क्योंकि सुसाइड से पहले वाली रात सुशांत ने उन्हें ही फोन किया था, जिसे वे इसे रिसीव नहीं कर पाए थे। इसके अलावा महेश सुशांत और उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के भी कॉमन फ्रेंड हैं। पुलिस के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि रिया से सुशांत के रिश्ते कैसे चल रहे थे?
पुलिस ने सुशांत के उस डॉक्टर का बयान भी लिया, जो उनके डिप्रेशन का इलाज कर रहा था। सुशांत के दोस्तों और नौकरों से मिली सबसे पहली लीड से साफ हो गया था कि वे डिप्रेशन में थे और मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था।
पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने कास्टिंग डायरेक्टर और सुशांत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' के निर्देशक मुकेश छाबड़ा का बयान दर्ज किया। छाबड़ा से तकरीबन 7 घंटे लंबी पूछताछ चली थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो उनसे कुछ न कुछ लीड हाथ लगी है। छाबड़ा के मुताबिक, वे सुशांत के डिप्रेशन से अनजान थे।
18 जून को मुंबई पुलिस ने रिया चक्रवर्ती से 11 घंटे पूछताछ की। उन्होंने अपने बयान में यह स्वीकार किया कि वे सुशांत के साथ रिलेशन में थीं और उनके साथ रहती थीं। उन्होंने सुशांत के कहने पर ही उनका घर छोड़ा था।
रिया के मुताबिक, सितंबर 2019 में फिल्म 'दिल बेचारा' पूरी करने के बाद से ही सुशांत में डिप्रेशन के लक्षण नजर आने लगे थे। वे उनके साथ डॉक्टर्स के पास भी गई थीं। रिया ने यह भी कहा था कि सुशांत कभी-कभी दवाएं नहीं लिया करते थे।
18 जून को सुशांत की बिजनेस मैनेजर श्रुति मोदी और पी.आर. टीम से राधिका निहलानी का बयान दर्ज किया गया। श्रुति ने बताया कि वे जुलाई 2019 से 3 फरवरी 2020 तक सुशांत के साथ थीं। उनके मुताबिक, सुशांत बॉलीवुड से हटकर विविड रेंज रियलिस्टिक वर्चुअल के वर्चुअल गेम्स की एक कंपनी बनाने की तैयारी कर रहे थे।
श्रुति ने यह भी बताया कि सुशांत नेशन इंडिया फॉर वर्ल्ड नाम से एक सामाजिक संस्था भी बनाना चाहते थे, जिसके जरिए कॉलेज स्टूडेंट्स के साथ मिलकर पर्यावरण और समाज के लिए काम करना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने कंपनी के रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया।
18 जून को पुलिस यशराज फिल्म्स से उस कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी मांगी, जो सुशांत ने उनके साथ 2012 में किया था। 19 जून को यशराज ने निर्देश का पालन किया और कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी पुलिस को दे दी।
कॉपी में सुशांत के साथ यशराज की तीन फिल्मों का जिक्र है, जिनमें से दो 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'ब्योमकेश बक्शी' बन चुकी थीं। तीसरी फिल्म 'पानी' थी, जो ठंडे बस्ते में चली गई थी, जिसका कारण फिल्म का ओवर बजट बताया गया।इस बीच पुलिस ने एक बार फिल्म सुशांत के क्रिएटिव मैनेजर सिद्धार्थ पीठानी और प्रोड्यूसर दोस्त संदीप सिंह से पूछताछ की।
26 जून को यशराज फिल्म्स के दो पूर्व अधिकारियों आशीष सिंह और आशीष पाटिल को पुलिस स्टेशन बुलाया गया। दोनों से उस कॉन्ट्रैक्ट को साइन करने और बाहर जाने की शर्तों को लेकर पूछताछ की गई, जिसे सुशांत 2012 में साइन किया था। क्योंकि पुलिस के पास साइन किए जाने वाले एग्रीमेंट की कॉपी तो थी। लेकिन इससे सुशांत के बाहर होने वाले एग्रीमेंट की कोई कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
27 जून को पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने यशराज फिल्म्स की कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा को पूछताछ के लिए बुलाया। क्योंकि उन्होंने ही सुशांत को यशराज की तीन फिल्मों के लिए कास्ट किया था।
27 जून की शाम रिया चक्रवर्ती के भाई सोविज को पुलिस ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में पूछताछ की। दरअसल, रिया और सोविज दोनों ही सुशांत की तीन स्टार्टअप कंपनीज में डायरेक्टर और एडिशनल डायरेक्टर की पोस्ट संभाल रहे थे। पुलिस इन तीनों कंपनियों में रिया और सोविज की भागीदारी और उनके इन्वेस्टमेंट की जानकारी खंगाल रही है।
सोमवार यानी 29 जून को पुलिस ने सुशांत की आखिरी फिल्म की हीरोइन संजना सांघी को पुलिस स्टेशन बुलाया था। लेकिन वे मंगलवार को पहुंच सकीं। सूत्रों की मानें तो पुलिस उनसे सुशांत की मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करना चाहती थी। क्योंकि आखिरी बार सुशांत के साथ उन्होंने ही फिल्म में काम किया था।
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राज्य के वित्त मंत्री ने वित्त मंत्री के साथ मिलकर तय की गई बैठकें शुरू कीं
राज्य के वित्त मंत्री ने वित्त मंत्री के साथ मिलकर तय की गई बैठकें शुरू कीं
बजट 2023-24: प्री-बजट विवरण की कड़ी में वित्त मंत्री निर्मल दायित्व ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री के साथ बैठक की। किन राज्यों की तरफ से बजट में अपना मिजाज के फेहरिस्ट को सौंप दिया गया है। राज्य के वित्त मंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने जागरूकता पर चिंता जताते हुए आम लोगों को इससे राहत मिलने की मांग की है। राज्यों ने वित्त मंत्री से केंद्रीय करों में…
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मुख्यमंत्री निवास पर 18वीं राष्ट्रीय स्काउट गाइड जंबूरी के पोस्टर का विमोचन किया। राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड के पदाधिकारियों ने आयोजन की तैयारियों से अवगत कराया। राष्ट्रीय जंबूरी 4 से 10 जनवरी 2023 तक पाली जिले के रोहट में आयोजित होगी। राजस्थान को 66 साल बाद पुनः राष्ट्रीय जंबूरी की मेजबानी मिली है।
इस अवसर पर राज्य मुख्य आयुक्त श्री निरंजन आर्य, राज्य आयुक्त (रोवर) श्री निर्मल पंवार, राज्य आयुक्त (शांति एवं अहिंसा) श्री मनीष शर्मा एवं राज्य सचिव डॉ. पी.सी. जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि बजट 2022-23 में जंबूरी के आयोजन के लिए 25 करोड़ रूपये की घोषणा की थी।
इस 7 दिवसीय जंबूरी में स्टेट द्वार, पायनियरिंग प्रोजेक्ट, एडवेंचर वैली, ग्लोबल विलेज डवलपमेंट, इंटीग्रेशन गेम्स, मार्च पास्ट, कलर पार्टी, लोक नृत्य, शारीरिक प्रदर्शन, राज्य दिवस प्रदर्शनी, बैंड प्रदर्शन, रॉक क्लाइंबिंग, पैरासेलिंग एवं वाटर एक्टिविटीज़ जैसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इस जंबूरी में 1500 विदेशी सहभागियों सहित लगभग 35 हजार स्काउट व गाइड शामिल होंगे।
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Interview : नए इनकम टैक्स स्लैब पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- करदाताओं की क्षमता जानने के लिए बनाई नई व्यवस्था
Interview : नए इनकम टैक्स स्लैब पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- करदाताओं की क्षमता जानने के लिए बनाई नई व्यवस्था
निर्मला सीतारमण इंटरव्यू: I कामयाबी क��� समझ में आने पर उसे पता चलेगा। इस तरह से और बदल दिया गया है। ‘हिन्दुस्तान’ के विशेष बजट सौर मंडल से बातचीत में एक साथ रहने वाले लोगों को यह नहीं कहा जाएगा।
प्रश्न: ‘ संशोधित करने के लिए संशोधित करें। अपने नए सुधारों को सुधारें?
उत्तर: जिल्दसाज़ भी नहीं है। साफ साफ साफ है। टीवी से चलने वाले टीवी टेलीविजन में सक्रिय रूप से आगे बढ़ते हैं। लागू होने पर खराब होने…
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कर्जमाफी के मुद्दे पर भाजपा के सदस्यों ने राजस्थान विधानसभा से बर्हिगमन किया
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जयपुर, 12 जुलाई, राजस्थान में विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने किसानों के कर्जमाफी के मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं मिलने के विरोध में शुक्रवार को कुछ देर के लिए विधानसभा से बर्हिगमन किया।प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के विधायक निर्मल कुमावत ने किसानों के कर्जमाफी प्रमाण पत्र वितरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना से जानना चाहा कि राज्य के कितने किसानों को ऋणमाफी योजना का फायदा मिला है और कितनों को इसके प्रमाण पत्र मिल चुके हैं।
ऋषिकेश: आवागमन के लिए बंद हुआ लक्ष्मण झूला पुल
आंजना ने सदन को बताया कि 30 नवम्बर 2018 तक पात्र किसानों की दो लाख तक की बकाया ऋण राशि माफ कर दी गयी है तथा इस राशि का समायोजन सम्बन्धित ऋणी के खाते में 30 जून 2019 तक कर दिया गया है।कुमामत ने इस मुद्दे पर और सवाल पूछना जारी रखा तो विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और अगले सवाल की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस बीच विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ भी कुमावत के साथ आ गए और कहा कि किसानों के साथ धोखा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दी बड़ी राहत, मराठा आरक्षण पर रोक से इनकार
इसको लेकर सदन में हंगामा शुरू हो गया और अध्यक्ष ने प्रतिपक्ष की टिप्पणियों को अंकित नहीं करने का आदेश दिया। प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया एवं भाजपा के विधायकों ने इस मुद्दे पर बोलना जारी रखा और जब अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी तो वह बर्हिगमन कर गए। हालांकि कुछ मिनट बाद ही वे सदन में लौट आए।सदन में शुक्रवार को राज्य सरकार के बजट पर भी चर्चा हुई जिस पर भाजपा के विधायक सतीश पूनिया व जोगेश्वर गर्ग के साथ साथ निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ ने भी अपनी बात रखी।
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राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन किया गया -मंत्री श्री आशुतोष टण्डन लखनऊ: 04 जनवरी, 2019 कुम्भ भारत की महान परम्परा का प्रतिनिधित्व करता है। 15 जनवरी, 2019 से प्रयागराज में प्रारम्भ हो रहे कुम्भ के माध्यम से सर्वसाधारण को अपने अतीत के साथ एक बार फिर जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। प्रयागराज में कुम्भ के आयोजन को प्रधानमंत्री के प्रयासों से यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में सम्मान दिया ���या है। मुख्यमंत्री के प्रयासों से जनमानस की भावनाओं के अनुरूप प्रयागराज नाम बदलकर इसकी ऐतिहासिक एवं पौराणिक प्रतिष्ठा को स्थापित किया गया है। राज्य सरकार कुम्भ के भव्य और दिव्य आयोजन तथा कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। यह बातें प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा व प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ने आज देहरादून में प्रयागराज कुम्भ-2019 पर आयोजित प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस आयोजन की प्रकृति के अनुरूप का नया ‘लोगो’ भी लाॅन्च किया गया है। विकास की प्रक्रिया यहां निरन्तर चलती रहे, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन किया गया है। देश के अन्दर चार स्थानों पर यह पवित्र आयोजन सम्पन्न होता है जिसमें प्रयागराज का कुम्भ अपने आप में देश और दुनिया के लिए अलग ही कौतूहल एवं आकर्षण का विषय बनता है। कुम्भ का शुभारम्भ गंगा जी की पूजा से होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा 16 दिसंबर, 2018 को प्रयागराज में गंगाजी के पूजन से कुम्भ का शुभारम्भ किया गया है। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के सम्मिलित प्रयासों से इस कुम्भ में 5 हजार से ज्यादा प्रवासी भारतीय भी आएंगे। सम्पूर्ण विश्व में मानवता के इस विशालतम समागम में भारत के 6 लाख से अधिक गावों के लोगों सहित विश्व से आने वाले श्रद्धालु भी इसमें प्रतिभाग करेंगे। प्रदेश सरकार के प्रयासों एवं भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के सहयोग से साढ़े चार सौ वर्षों में प्रथम बार कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को ‘अक्षय वट’ और ‘सरस्वती कूप’ के दर्शन का अवसर सुलभ होगा। कुम्भ का आयोजन त्रिवेणी संगम पर होता है किन्तु इसका सम्बन्ध सम्पूर्ण प्रयागराज क्षेत्र से है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा कुम्भ से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सम्बन्धित सभी स्थलों का सौन्दर्यीकरण कराया गया है। श्री टण्डन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कुम्भ के आयोजन को भारत की सनातन और समावेशी संस्कृति का प्रतिनिधि आयोजन बनाने की परिकल्पना प्रयागराज में साकार की जा रही है। कुम्भ के माध्यम से भारतीय संस्कृति के उन्नत जीवन, आचार और विचार से दुनिया को परिचित कराने का प्रयास इस आयोजन का लक्ष्य है। प्रयागराज में हर छः वर्ष बाद कुम्भ का आयोजन होता है और हर वर्ष माघ मेला लगता है। कुम्भ कार्यों में 671 जनकल्याणकारी परियोजनाओं पर डेढ़ वर्ष में काम पूरा कराया गया है, जिनमें अधिकांश परियोजनायें स्थायी विकास कार्यों से जुड़ी हैं। राज्य सरकार द्वारा स्थायी विकास की विभिन्न परियोजनाओं के साथ कुम्भ मेला 2019 हेतु 2800 करोड़ रुपये प्राविधानित किये गये। इसके अलावा अन्य बजट से कुल मिलाकर 4300 करोड़ रुपये से कुम्भ मेला और प्रयागराज में स्थायी विकास के कार्य कराये जा रहे हैं। कुम्भ 2013 में मात्र 1214 करोड़ रुपये व्यय किये गये थे। इन परियोजनाओं से प्रयागराज में मूलभूत अवसंरचना सुविधाओं जैसे सड़क, सेतुओं का निर्माण, पेयजल, विद्युत सुधार, पर्यटन विकास आदि के कार्य किये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कुम्भ के सुचारु संचालन के दृष्टिगत प्रयागराज में प्रथम बार 64 से अधिक यातायात चैराहों तथा मेले को जोड़ने वाली 264 सड़कों का वृहद स्तर पर चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण पिछले डेढ़ वर्षों में किया है। 15 जनवरी, 2019 से प्रयागराज में शुरू हो रहा यह कुम्भ अब तक का सबसे अनूठा कुम्भ होगा। पूरी दुनिया इसमें हिस्सेदारी कर रही है। लगभग 71 देशों के राजदूत इसकी तैयारी देख चुके हैं। अपने-अपने देशों के राष्ट्रध्वज उन्होंने त्रिवेणी तट पर कुम्भ मेले में लगाये हैं। जनवरी में प्रवासी भारतीय दिवस का सम्मेलन वाराणसी में है। फरवरी में 192 देशों के प्रतिनिधि इस कुम्भ में आयेंगे। राज्य सरकार के प्रयासों से विशाल मेला क्षेत्र में एक नये नगर की स्थापना की जा रही है, जिसमें 250 किलोमीटर सड़कें तथा 22 पाण्टून पुल होंगे। यह विश्व का सबसे बड़ा अस्थायी नगर होगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रथम बार मेला क्षेत्र में 40,000 से अधिक एल0ई0डी0 लाइट लगाकर मेला क्षेत्र को दूधिया रोशनी से जगमग किया जा रहा है। राज्य सरकार देश के हर हिस्से से लोगों की भागीदारी इस सांस्कृतिक आयोजन में सुनिश्चित करने के लिए हर प्रदेश से लोगों को यहां लाने का प्रयास कर रही है। केन्द्र सरकार ने प्रयागराज में नया हवाई सिविल टर्मिनल निर्मिंत कर प्रमुख हवाई उड़ानों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि सुनिश्चित की है। प्रयागराज को देश के कई प्रमुख महानगरों यथा बैंगलुरू, इन्दौर, नागपुर, पटना आदि नगरों से हवाई मार्ग से जोड़ने में सफलता प्राप्त की गयी है। राज्य सरकार द्वारा कुम्भ में आने वाले हर वर्ग के यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के अनुरूप आधुनिक एवं सुलभ व्यवस्थायें-जिसमें आवास, भोजन, टूर, तीर्थस्नान आदि की सुविधायें विकसित की गयी हैं। पर्यटकों को उच्च स्तरीय सुविधा देने के लिए प्रीमियम टेण्ट सिटी भी कुम्भ मेले मंे बसाया जा रहा है। पहली बार इस पूरे कुम्भ को इण्टीग्रेटेड कण्ट्रोल एवं कमाण्ड सेण्टर सी0सी0टी0वी0 कैमरों की निगरानी में रखा गया है। प्रयागराज में लगभग 247 करोड़ रुपये की योजना के दो कण्ट्रोल एवं कमाण्ड सेण्टर होंगे, जिसमें लगभग 116 करोड़ रुपये की लागत से तैयार एक कण्ट्रोल एवं कमाण्ड सेन्टर तैयार कर कार्यरत कर लिया गया है। जो केवल 5 महीनों में तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में गंगा का तट, त्रिवेणी का तट साफ रहे, गंगा जी का जल निर्मल रहे, इसके लिये हर स्थान पर अभियान चल रहा है। स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे के अभियान प्रयागराज में सफलता से चल रहे हैं। प्रयागराज में अबतक गंगा में गिरने वाले 32 नाले टेप कराये जा चुके हैं। गंगा में प्रदूषण नियंत्रण करने के उद्देश्य से ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रयागराज में चार योजनायें चल रही हैं, जिनमें दो योजनायें पूर्ण की जा चुकी हैं तथा शेष दो में भी 90 प्रतिशत तक का कार्य पूरा हो चुका है। जल-थल-नभ तीनों मार्गों से प्रयागराज को जोड़ने की परिकल्पना साकार हो रही है। प्रयागराज नगर को भारतीय संस्कृति और कला के बड़े सुन्दर चित्रों से सजाया गया है। प्रयागराज की दीवारों पर भारतीय संस्कृति की चित्रकारी खुलकर बोल रही है। मेले में प्रथम बार 10,000 व्यक्तियों की क्षमता युक्त गंगा पण्डाल, 2000 क्षमता का एक प्रवचन पण्डाल, 1000 क्षमता के 4 सांस्कृतिक पण्डाल स्थापित किये जा रहे हैं, जिनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम लगातार होते रहेंगे। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डा0 ज्ञानेश्वर त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
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कोरोना की 'तीसरी लहर' आई तो कैसे रहें सतर्क, कौन सी दवा रखें साथ, किसे खतरा... जानें सबकुछ Divya Sandesh
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कोरोना की 'तीसरी लहर' आई तो कैसे रहें सतर्क, कौन सी दवा रखें साथ, किसे खतरा... जानें सबकुछ
लखनऊ
कोरोना की दूसरी लहर से सभी अब भी जूझ ही रहे हैं। वहीं, तीसरी लहर की भी बात हो रही है। वो वायरस कैसा और कितना घातक होगा यह अभी नहीं कहा जा सकता है। लेकिन इतना तय है कि जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए हैं उनमें पोस्ट कोविड डिजीज हमारे लिए अगली चुनौती है।
नया म्यूटेंट जिस तरह से लोगों के फेफड़ों को संक्रमित कर रहा है और उससे दूसरे अंग प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए फिलहाल यह जरूर कहा जा सकता है कि पोस्ट कोविड इफेक्ट चिकित्सकों और मरीज दोनों के लिए तीसरी लहर बनने वाले हैं। यह बात गुरुवार को एनबीटी फेसबुक लाइव में पीजीआई के सीवीटीएस हेड
डॉ. निर्मल गुप्ता ने कही।
मानसिक रूप से परेशान लोगों को ज्यादा खतरादेश में हेल्थ पर बजट बहुत कम खर्च होता है। हमारे पॉलिसी मेकर्स को अब ध्यान देना होगा और इसके लिए अलग बजट रखना होगा। दूसरी लहर में जो इंफेक्शन फैला है उसके प्रभाव दूसरे ऑर्गन पर हुए हैं, इससे प्रभावितों को ज्यादा फर्क पड़ेगा। लिवर, किडनी फेल, मेंटल इंबैलेंस, हार्ट अटैक और फेल्योर समेत कई दिक्कतें तीसरी वेव में देखने को मिल सकती हैं।
वर्तमान में कोरोना से ठीक होने के बाद ��ी कई की मौत हो रही है। कोविड में खासकर जो डिप्रेस्ड हैं, डरे हुए हैं, मानसिक रूप से परेशान हैं, उन पर यह ज्यादा हावी होगा। देश में युवा बैंक और ऑफिस में दस-दस घंटे काम करते हैं जो बहुत स्ट्रेसफुल होता है। यह महामारी का अगला कारण बनने वाला है। वे जब 40 पार करेंगे तो डायबीटीज, हार्ट, मानसिक रोग, कैंसर के रोगी हो जाएंगे।
खुद को रखें तैयारडॉ. गुप्ता ने बताया कि सरकार के साथ आम लोगों को भी खुद को तीसरी लहर के लिए तैयार करना होगा। इसका एक ही समाधान है स्वस्थ जीवनशैली। इसके लिए हर दिन 20 मिनट तक तेज पैदल चलें। खुली हवा में वॉक करें। 30 मिनट मेडिटेशन करें और 15 मिनट योग या स्ट्रेच वाला व्यायाम करें। जो संक्रमण से ठीक हुए हैं पहले दो सप्ताह, फिर चार उसके बाद तीन-तीन महीने पर टेस्ट करवाएं। अगर टेस्ट में इंप्रूवमेंट नहीं हो रही है तो डॉक्टरी सलाह लें। शुगर कम से कम लें, मोटापे से बचें। देर रात भोजन न करें, कोशिश करें सात बजे से पहले रात का खाना खा लें। आधी बीमारी ऐसे ही दूर हो जाएगी।
एस्प्रिन अपने पास जरूर रखेंहार्ट अटैक या फेल्योर से काफी मौतें हो रही हैं। इसलिए कोरोना जिन्हें हो चुका है या 40 पार वाले अपने पास एक एस्प्रिन की गोली जरूर रखें। अगर दिल में कुछ भारी या असामान्य लगे तो तुरंत इसे खा लें। यह नुकसान नहीं करेगी, लेकिन कुछ दिक्कत हुई तो यह 15 मिनट में असर करेगी और इतना समय मिल जाएगा कि आप डॉक्टर तक पहुंच सकें।
दवाओं के भी दुष्प्रभावलोग सोचते हैं बीपी, डायबीटीज होगा तो दवा लेकर ठीक हो जाएंगे, लेकिन दवा ले रहे हैं तो आप अस्वस्थ ही हैं। दवा आपके बीपी को कंट्रोल कर हार्ट पर पड़ने वाले प्रभाव को तो रोक सकते हैं, लेकिन किडनी, लिवर पर जो असर पड़ेगा वो नहीं रोक पाएगी। इसलिए बीमारी की दवा लेना सही नहीं है। माइल्ड बीपी है तो बिना दवा के स्वस्थ जीवन शैली से उसे नियंत्रित रखा जा सकता है।
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