प्राणी की जाति जीव है क्योंकि मानव, देवता तथा अन्य पशु-पक्षी सब जंतु जीव हैं।
यह हमारी जाति है। मानव श्रेणी के जीव होने के नाते मानवता हमारा धर्म है यानि परमात्मा ने मानव को समझ दी है। उसको शुभ कर्म करने चाहिए। पशुओं-पक्षियों की तरह एक-दूसरे से छीनकर, दुर्बल को मारकर अपना स्वार्थ सिद्ध नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह हमारा धर्म है। जितने धर्म विश्व में हैं, सबमें मानव हैं। किसी में भी अन्य प्राणी नहीं हैं। इसलिए हम सबको मानव धर्म का पालन करना चाहिए। एक परम पिता की हम सब संतान हैं।
इस उद्धरण का नतीजा यह है कि संत रामपाल जी व उनके करोड़ों अनुयायी किसी प्रकार का किसी के साथ जातीय या धार्मिक भेदभाव नहीं करते। इससे समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ रहा है।
का ज्ञान केवल एक धर्म पर आधारित नहीं है, उन्होंने सभी धर्मों के पवित्र शास्त्रों के अनुसार ज्ञान दिया है। संत जी के शिष्यों में हर धर्म के लोग शामिल है।
संत रामपाल जी महाराज जी ने हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई को एक छत के नीचे इकट्ठा कर दिया है, यह अपने आप में एक मिसाल है व आपसी भाईचारे का प्रतीक है।
*मजे लीजिए और*
*पढ़ने के बाद आगे धकेल दीजिए...😉🤪*
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बर्बाद होने के लिए जरूरी नहीं कि
शराब या जुआ खेला जाय!
बर्बाद होने के लिए आप 2024 में Congress को वोट भी दे सकते है !
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पागल वो नहीं जिसे भूत पिशाच दिखाई देते हैं!
पागल तो वो है जिसे राहुल गाँधी में
देश का भविष्य दिखाई देता है!
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"भारत रत्न" का मज़ाक तो तब बना था
जब नेहरू ने चीन से युद्ध हारने के बाद भी
खुद को भारत रत्न दिया था!
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आपका एक गलत वोट आपके घर तक
आतंकवादी ला सकता है !
और एक सही वोट उन्हें सीमा पर ही
निबटा सकता है !
जीवन आपका और निर्णय भी आपका!
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"प्रियंका" विश्व की पहली ऐसी नेता हैं,
जिसका "मायका" और "ससुराल"
दोनों जमानत पर चल रहे हैं!
मगर फिर भी उनकी पार्टी
नारे लगाती है कि चौकीदार चोर है!
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बाबर का बाप उजबेकिस्तान का,
मां मंगोलिया की,
वह मरा अफगानिस्तान में और
उसका मकबरा काबुल में मगर
"बाबरी मस्जिद चाहिये अयोध्या में ?
मजे की बात ये कि समर्थन भी
काग्रेस ही कर रही है!
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रामचंद्र कह गये सिया से ऐसा कलयुग आएगा!
माँ बाप की शादी चर्च में होगी और
बेटा "ब्राह्मण” कहलाएगा !
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धर्म बदला, जाति बदली,
बदल दिया है गोत्र!
"दादा गड़े कब्र में,
पंडित बन गया पौत्र!
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एक जमाना था
जब जनता आंदोलन करती थी,
और नेता घर बैठ के मजे लेते थे!
मगर आज मोदी जी ने
एसी परिस्थिती कर दी है की
भ्रष्ट नेता आंदोलन कर रहे हैं,
और जनता शाँत बैठकर घर पर
मज़े ले रही है !
इसे कहते हैं अच्छे दिन !
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विदेश के नेता मोदी के पीछे पागल हैं,
और भारत के नेता मोदी के कारण पागल हैं !
कोई शक !
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केवल फेविकोल ही नहीं जोड़ता,
मोदी का डर भी जोड़ता हैं !
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चौकीदार को वोट देना पक्का नही था,
लेकिन जिस तरह चोरों को
इकठ्ठा होते हुए देखा,
तो प्रण कर लिया कि
चौकीदार रखना जरूरी है।
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गद्दारी के किले ढह गए राष्ट्रवाद की तोप से,
सांप - नेवले एक हो गए, मोदी तेरे खौफ से !
देश बेचने वाले एक हो सकते हैं,
तो देश बचाने वाले क्यों नहीं एक हो सकते ?
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77-इमर्जेंसी,
84-सिक्ख ,
90-कश्मीरी हिंदु नरसंहार
तब तक संविधान सुरक्षित था!
7 वर्षों में 1300 आतंकी मरने से
संविधान खतरे में आ गया!
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जिस प्रियंका वाड्रा को कांग्रेसी
माँ दुर्गा का अवतार बता रहे हैं,
उसके बच्चों का नाम 'रेहान और मारिया' है!
सोचा सबको बता ही दें !
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भाजपा का विरोध करने वाले
22 दलों की कुल पारिवारिक संपत्ति
सिर्फ-300 लाख करोड़ रुपये है,
जो कि देश का 10 साल का बजट है !
सोचा बता दूँ…
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एक बार गलती की थी,
तो 10 साल के लिए बिना आवाज का
प्रधानमंत्री मिला था!
इस बार गलती करेंगे,
तो बिन दिमाग का प्रधानमंत्री मिलेगा !
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विकास पागल हो सकता है,
परन्तु पागल का विकास नहीं हो सकता!
इसलिए मोदी और योगी है देश के लिए उपयोगी...
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नमो को वोट दिया जा सकता है,
परन्तु नमूने को नहीं!
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हमारे प्रधानमंत्री के चाहे
कितने ही कार्टून बना लो,
कोई फर्क नहीं पड़ता।
लेकिन एक कार्टून को प्रधानमंत्री
कभी नहीं बनाया जा सकता है।
मैसेज को डकारना नहीं है,आगे भेजना है...
*नए भारत का वैश्विक संकल्प...*
*सनातन वैदिक धर्म...विश्व धर्म*
*अखंड हिंदु राष्ट्र भारत...विश्व गुरु भारत*
*धर्मो रक्षति रक्षितः...*🚩
प्राणी की जाति जीव है क्योंकि मानव, देवता तथा अन्य पशु-पक्षी सब जंतु जीव हैं।
यह हमारी जाति है। मानव श्रेणी के जीव होने के नाते मानवता हमारा धर्म है यानि परमात्मा ने मानव को समझ दी है। उसको शुभ कर्म करने चाहिए। पशुओं-पक्षियों की तरह एक-दूसरे से छीनकर, दुर्बल को मारकर अपना स्वार्थ सिद्ध नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह हमारा धर्म है। जितने धर्म विश्व में हैं, सबमें मानव हैं। किसी में भी अन्य प्राणी नहीं हैं। इसलिए हम सबको मानव धर्म का पालन करना चाहिए। एक परम पिता हम सब संतान हैं।
आज पूरे विश्व में जिस कार्य को करने के 6लिए सरकारें अरबों-खरबों रुपये खर्च करके भी नहीं कर पा रही हैं, उसी कार्य को संत रामपाल जी महाराज जी ने सहज रूप से अपने आध्यात्मिक ज्ञान से करके दिखाया है। समाज में फैली बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, मृत्यु भोज, पाखंड पूजा, अंधविश्वास, नशा, व्याभिचार, रिश्वतखोरी,
भ्रष्टाचार, भ्रूण हत्या, जातिवाद, धार्मिक भेदभाव आदि हमारे दु:ख को जड़ से खत्म करके संत रामपाल जी महाराज एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे मानव समाज सुखी होगा!
2🌀मदिरा पीवै कड़वा पानी! सत्तर जन्म श्वान के जानी!!
भांग तम्बाकू छोतरा, आफु और शराब!
गरीबदास कौन करे, ये तो पाँचों करें खराब!!
अमल आहारी आत्मा, कबहु न उतरे पार!!
संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भांग, तम्बाकू, शराब आदि किसी भी तरह के नशे को किसी को लाकर देना तो दूर रहा उसे हाथ तक नहीं लगाते? इस तरह संत रामपाल जी महाराज ने नशे की लत से लाखों उजड़े परिवारों को मात्र ज्ञान आधार से एक बार पुनः नशा मुक्त कर उन्हें सुखी बनाया है!
3🌀धार्मिक भेदभाव से आज़ादी
संत रामपाल जी कहते हैं:
कबीर वाणी'
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य-जैनी और बिश्नोई, एक प्रभू के बच्चे सोई।।
इसी कारण संत रामपाल जी व उनके करोड़ों अनुयायी किसी प्रकार का किसी के साथ जातीय या धार्मिक भेदभाव नहीं करते! इससे समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ रहा है!
इस उद्धरण का नतीजा यह है कि संत रामपाल जी व उनके करोड़ों अनुयायी किसी प्रकार का किसी के साथ जातीय या धार्मिक भेदभाव नहीं करते। इससे समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ रहा है।
इस उद्धरण का नतीजा यह है कि संत रामपाल जी व उनके करोड़ों अनुयायी किसी प्रकार का किसी के साथ जातीय या धार्मिक भेदभाव नहीं करते। इससे समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ रहा है।
इस उद्धरण का नतीजा यह है कि संत रामपाल जी व उनके करोड़ों अनुयायी किसी प्रकार का किसी के साथ जातीय या धार्मिक भेदभाव नहीं करते। इससे समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ रहा है।