साप्ताहिक अंकभविष्य १२ ते १८ डिसेंबर २०२२ : हा आठवडा किती भाग्यशाली आहे ते जन्मतारखेवरून जाणून घेऊया
साप्ताहिक अंकभविष्य १२ ते १८ डिसेंबर २०२२ : हा आठवडा किती भाग्यशाली आहे ते जन्मतारखेवरून जाणून घेऊया
साप्ताहिक अंकभविष्य १२ ते १८ डिसेंबर २०२२ : हा आठवडा किती भाग्यशाली आहे ते जन्मतारखेवरून जाणून घेऊया
आठवड्याच्या मध्यात तयार झालेल्या बुधादित्य योगामुळे या आठवड्यात अनेक लोकांच्या भाग्यात वृद्धी होत आहे. १५ डिसेंबर रोजी सूर्य धनु राशीत प्रवेश करत असल्याने धनु राशीमध्ये तयार झालेल्या बुधादित्य योगाच्या शुभ प्रभावाने अनेक लोकांना लाभ होईल. तुमच्या जन्मतारखेवरून हा आठवडा तुमच्यासाठी कसा राहील जाणून…
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के तपाईंको १२ पास छैन ? नभए पनि यी योग्यता भए डीभी भर्न सकिन्छ ! हेर्नुस्
नेपालमा सन् २०२५ को अमेरिकी डाइभर्सिटी भिसाको लट्री भर्ने क्रम जारी छ । हरेक वर्ष भरेर पनि नपरेकारहरू यस वर्ष त कसो नपर्ला भन्दै भरिरहेका छन् ।
नेपालमा डी भी भर्नका लागि १०+२ उत्तीर्ण हुनुपर्ने सबैको आमबुझाइ छ । त्यसैले नेपालमा १०+२ उलाई डीभी भर्ने कक्षा पनि भन्ने गरिन्छ । तर १०+२ उत्तीर्ण नहुनेले डीभी भर्नै नपाउँने पनि हैन । यदि तपाईंले वितेका पाँच वर्षमा कुनै खास क्षेत्रमा दुई वर्षको तालिम वा…
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वाल्मीकि रामायण- बालकाण्ड सर्ग- १२
बालकाण्ड सर्ग- १२ यह महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत का महाकाव्य और स्मृति का एक अंग है। और पापो का नाश कराने वाले श्रीरामचन्द्र जी के जीवन की गाथा है।
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण- बालकाण्ड सर्ग- १२ भावार्थ सहित
॥ 卐 ॥॥ श्री गणेशाय नमः ॥॥ श्री कमलापति नम: ॥॥ श्री जानकीवल्लभो विजयते ॥॥ श्री वाल्मीकि रामायण ॥
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मुख पृष्ठ अखंड रामायण वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सर्ग- १२
वाल्मीकि रामायण(भावार्थ सहित)सब एक ही स्थान पर
बालकाण्ड सर्ग- १२
बालकाण्डम्
द्वादशः सर्गः (सर्ग 12)
( ऋषियों का दशरथ को और दशरथ का…
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इयत्ता १२ वी च्या गणित विषयाची परीक्षा पुन्हा घेतली जाणार नाही – राज्य शिक्षण मंडळाचे स्पष्टीकरण
मुंबई : उच्च माध्यमिक प्रमाणपत्र (इ.१२वी) परीक्षेअंतर्गत दि.०३ मार्च २०२३ रोजीच्या गणित विषयाच्या प्रश्नपत्रिकेतील दोन पृष्ठे सिंदखेड राजा तालुक्यातील एका परीक्षा केंद्रावरून व्हायरल झाली असल्याची बातमी वृत्त वाहिन्यावरून प्रसिध्द झाली आहे. तथापि, या विषयाची प्रश्नपत्रिका विद्यार्थ्यापर्यंत पोहोचल्याचे राज्यात कोठेही आढळून आलेले नाही, यामुळे इयत्ता १२ वी च्या गणित विषयाची परीक्षा पुन्हा घेतली…
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DAY 5882
Jalsa, Mumbai Mar 26, 2024 Tue 10:03 AM
🪔 ,
March 27 .. birthday greetings to Ef Aditi Ved .. Ef Rameshwar Vyankatrao Chavan .. and the St. Louisan girl - Ef Ratna from USA 🇺🇲 .. love and care always from the Ef Family .. 😘❤️🚩🙏🏽
अवधूत गीता
अध्याय - ५
रे मन! सब कुछ सर्वसमान होने पर भी तुम रोते क्यों हो?
नहि बन्धविबन्धसमागमनं नहि योगवियोगसमागमनम् ।नहि तर्कवितर्कसमागमनं किमु रोदिषि मानस सर्वसमम् ।।२३।।
आत्मा में बन्ध और विबन्ध का समागम नहीं है, न योग और वियोग का समागम है, न तर्क और वितर्क का समागम हैं। हे मन! फिर तू किस कारण से रूदन करता है। तू सर्व में सम है ॥२३॥
मृगैर्मृगाणां ग्रहणम्पक्षिणां पक्षिभिर्यथा।गजानां च गजैरेवज्ञेयं ज्ञानेन गृह्यते।।
(महाभारत, शांति पर्व -२०३/१२)
अर्थात - जिस प्रकार हिरण को हिरण के द्वारा, पक्षियों को पक्षियों के द्वारा तथा हाथियों को हाथी के द्वारा पकड़ा जाता है उसी प्रकार किसी भी ग्रहण करने योग्य ज्ञान को ज्ञानी द्वारा ही ग्रहण किया जा सकता है।
मूढ़ पर इसका कोई प्रभाव नहीं है।
🙏💐🌻मङ्गलं सुप्रभातम्🌻💐🙏
It shall be a gift of the intellect Ef , to give an apt translation to the above 👆🏼 for the Hindi sanskrit challenged .. !!
I say this with all humility ..
For I follow the last sentence 👆🏼 :
किसी भी ग्रहण करने योग्य ज्ञान को ज्ञानी द्वारा ही ग्रहण किया जा सकता है।
मूढ़ पर इसका कोई प्रभाव नहीं है ..
.. to acquire any kind of worthwhile education, wisdom .. it shall ever be worthwhile to get it from the wise .. it shall have no effect on the moorkh मूर्ख .. the idiot or un knowledged
And there is more to follow .. in time ..
But for now just this ..
Amitabh Bachchan
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#हिन्दूधर्म_की_श्रेष्ठता
गीता अध्याय २ श्लोक १२, अध्याय ४ श्लोक ५ और अध्याय १० श्लोक २ में गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि मेरा जन्म-मृत्यु होता है और हिन्दू धर्मगुरु श्रीकृष्ण को अविनाशी बताते हैं। जबकि गीता अध्याय १८ श्लोक ६२, ६६ व अध्याय २ श्लोक १७ में
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तारीख - २३/१२/२०२३
किसी शाम जो मिले तू कहीं
हाथों में हाथ...
फिर लफ्ज़ बुन लाये हम कई,
करीब हम हो कुछ इतने
सब्र बसब्र सिमट यूँ कहीं
यूँही फिर नज़रों से
धड़कने उलझ जाए ना कहीं,
मुस्कुराहटों में कुछ अल्फाज़ हो उलझें
कुछ तू भी समझ जाए बात कई,
सजाऊँ खुद को मै ऐसे
हर शाम गुज़र जाए कुछ यूँही
इंतज़ार हो हर शाम का मुझे
तू ख्यालातों से बाहर आए तो सही||
~ स्मृति
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#हरि_आये_हरियाणे_नू
#धरती_पर_अवतार
#TheFinalAvatar
#Haryana
#God
#SantRampalJi_AvataranDiwas
परमेश्वर कबीर जी ने लगभग ६०० वर्ष पूर्व कहा था कि काल निरंजन मेरे (कबीर) नाम से १२ पंथ तथा बहुत से पंथ चलायेगा। उनमें जो बारहवाँ पंथ गरीबदास द्वारा चलाया जाएगा। उसमें मेरी महिमा की वाणी पुनः प्रकट होगी। यह मेरे द्वारा ही किया जायेगा।
उसी पंथ में आगे चलकर नाद धारा में हम स्वयं ही आऐंगे। सर्व पंथों को मिटा कर एक पंथ चलाऐंगे।
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Love Horoscope 13 December 2022 : कसं असेल आज १२ राशींचं लव्ह राशीफल?
Love Horoscope 13 December 2022 : कसं असेल आज १२ राशींचं लव्ह राशीफल?
Love Horoscope 13 December 2022 : कसं असेल आज १२ राशींचं लव्ह राशीफल?
Today Love Horoscope : आज तुमच्या पार्टनरसोबत लाँग ड्राईव्हला जाल. आज प्रेम व्यक्ता करण्याचा एक उत्तम दिवस असेल.अविवाहितांना आज मनाजोगता लाईफ पार्टनर मिळण्याची शक्यता आहे.
Today Love Horoscope : आज तुमच्या पार्टनरसोबत लाँग ड्राईव्हला जाल. आज प्रेम व्यक्ता करण्याचा एक उत्तम दिवस असेल.अविवाहितांना आज मनाजोगता लाईफ पार्टनर…
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गीता अध्याय २ श्लोक १२, अध्याय ४ श्लोक ५ और अध्याय १० श्लोक २ में गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि मेरा जन्म-मृत्यु होता है और हिन्दू धर्मगुरु श्रीकृष्ण को अविनाशी बताते हैं। जबकि गीता अध्याय १८ श्लोक ६२, ६६ व अध्याय २ श्लोक १७ में गीता ज्ञान दाता अपने से अन्य अविनाशी परमेश्वर की शरण में जाने को कहता है।
#हिन्दूधर्म_की_श्रेष्ठ
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नया साल ओर नयी प्रेरणा “restart”
नये साल पे कुछ लिखने की सोच रहा था। अचानक मन किया कोई नयी हिन्दी मूवी देख लेते है फिर लिखेंगे।
मनोज की कहानी हॉटस्टार पे देखी। वाक़ई में क्या फ़िल्म बनाई है। पूरी फ़िल्म देखते वक़्त पता नहीं कितनी बार मेरे आँखों में आंसू उतरे। नाम से ऐसा लगता था कि शायद मेरी कहानी हों।
में भी १२ वी में फेल हुआ था। पिताजी की ज़िद थी इंजीनियर बनूँ , विषय बदला ओर बड़ी मुश्किल से आर्ट्स में ग्रेजुएशन हो पाई। दिल्ली…
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Bhadrakali Kavacha from Brahmavaivarta Purana
।। नारद उवाच।।
कवचं श्रोतुमिच्छामि तां च विद्यां दशाक्षरीम् ।।
नाथ त्वत्तो हि सर्वज्ञ भद्रकाल्याश्च साम्प्रतम् ।। १ ।।
नारायण उवाच ।।
शृणु नारद वक्ष्यामि महाविद्यां दशाक्षरीम् ।।
गोपनीयं च कवचं त्रिषु लोकेषु दुर्लभम् ।। २ ।।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कालिकायै स्वाहेति च दशाक्षरीम् ।।
दुर्वासा हि ददौ राज्ञे पुष्करे सूर्य्यपर्वणि ।।३।।
दशलक्षजपेनैव मन्त्रसिद्धिः कृता पुरा ।।
पञ्चलक्षजपेनैव पठन्कवचमुत्तमम् ।।४।।
बभूव सिद्धकवचोऽप्ययोध्यामाजगाम सः ।।
कृत्स्नां हि पृथिवीं जिग्ये कवचस्य प्रभावतः ।। ५ ।।
नारद उवाच ।।
श्रुता दशाक्षरी विद्या त्रिषु लोकेषु दुर्लभा ।।
अधुना श्रोतुमिच्छामि कवचं ब्रूहि मे प्रभो ।। ६ ।।
नारायण उवाच ।।
शृणु वक्ष्यामि विप्रेन्द्र कवचं परमाद्भुतम् ।।
नारायणेन यद्दत्तं कृपया शूलिने पुरा ।। ७ ।।
त्रिपुरस्य वधे घोरे शिवस्य विजयाय च ।।
तदेव शूलिना दत्तं पुरा दुर्वाससे मुने ।।८।।
दुर्वाससा च यद्दत्तं सुचन्द्राय महात्मने ।।
अतिगुह्यतरं तत्त्वं सर्वमन्त्रौघविग्रहम् ।। ।।९।।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कालिकायै स्वाहा मे पातु मस्तकम् ।।
क्लीं कपालं सदा पातु ह्रीं ह्रीं ह्रीमिति लोचने ।। 3.37.१० ।।
ॐ ह्रीं त्रिलोचने स्वाहा नासिकां मे सदाऽवतु ।।
क्लीं कालिके रक्ष रक्ष स्वाहा दन्तान्सदाऽवतु ।। ११ ।।
क्लीं भद्रकालिके स्वाहा पातु मेऽधरयुग्मकम् ।।
ॐ ह्रीं ह्रीं क्लीं कालिकायै स्वाहा कण्ठं सदाऽवतु ।। १२ ।।
ॐ ह्रीं कालिकायै स्वाहा कर्णयुग्मं सदाऽवतु ।।
ॐ क्रीं क्रीं क्लीं काल्यै स्वाहा स्कन्धं पातु सदा मम ।। १३ ।।
ॐ क्रीं भद्रकाल्यै स्वाहा मम वक्षः सदाऽवतु ।।
ॐ क्लीं कालिकायै स्वाहा मम नाभिं सदाऽवतु ।। १४ ।।
ॐ ह्रीं कालिकायै स्वाहा मम पृष्ठं सदाऽवतु ।।
रक्तबीजविनाशिन्यै स्वाहा हस्तो सदाऽवतु ।। १५ ।।
ॐ ह्रीं क्लीं मुण्डमालिन्यै स्वाहा पादौ सदावतु।।
ॐ ह्रीं चामुण्डायै स्वाहा सर्वाङ्गं मे सदाऽवतु।।१६।।
प्राच्यां पातु महाकाली चाग्नेय्यां रक्तदन्तिका ।।
दक्षिणे पातु चामुण्डा नैर्ऋत्यां पातु कालिका ।। १७ ।।
श्यामा च वारुणे पातु वायव्यां पातु चण्डिका ।।
उत्तरे विकटास्या चाप्यैशान्यां साट्टहासिनी ।। १८ ।।
पातूर्ध्वं लोलजिह्वा सा मायाऽऽद्या पात्वधः सदा ।।
जले स्थले चान्तरिक्षे पातु विश्वप्रसूः सदा ।। १९ ।।
इति ते कथितं वत्स सर्वमन्त्रौघविग्रहम् ।।
सर्वेषां कवचानां च सारभूतं परात्परम् ।।3.37.२०।।
सप्तद्वीपेश्वरो राजा सुचन्द्रोऽस्य प्रभावतः ।।
कवचस्य प्रभावेन मान्धाता पृथिवीपतिः ।। २१ ।।
प्रचेता लोमशश्चैव यतः सिद्धो बभूव ह ।।
यतो हि योगिनां श्रेष्ठः सौभरिः पिप्पलायनः ।। २२ ।।
यदि स्यात्सिद्धकवचः सर्वसिद्धीश्वरो भवेत् ।।
महादानानि सर्वाणि तपांस्येवं व्रतानि व ।।
निश्चितं कवचस्यास्य कलां नार्हन्ति षोडशीम् ।। २३ ।।
इदं कवचमज्ञात्वा भजेत्कालीं जगत्प्रसूम् ।।
शतलक्षं प्रजप्तोऽपि न मन्त्रः सिद्धिदायकः ।। २४ ।।
इति श्रीब्रह्मवैवर्ते महापुराणे तृतीये गणपतिखण्डे नारदनारायणसंवादे भद्रकालीकवचनिरूपणं नाम सप्तत्रिंशत्तमोऽध्यायः ।।
nārada uvāca..
kavacaṃ śrotumicchāmi tāṃ ca vidyāṃ daśākṣarīm ..
nātha tvatto hi sarvajña bhadrakālyāśca sāmpratam .. 1 ..
nārāyaṇa uvāca ..
śṛṇu nārada vakṣyāmi mahāvidyāṃ daśākṣarīm ..
gopanīyaṃ ca kavacaṃ triṣu lokeṣu durlabham .. 2 ..
oṃ hrīṃ śrīṃ klīṃ kālikāyai svāheti ca daśākṣarīm ..
durvāsā hi dadau rājñe puṣkare sūryyaparvaṇi ..3..
daśalakṣajapenaiva mantrasiddhiḥ kṛtā purā ..
pañcalakṣajapenaiva paṭhankavacamuttamam ..4..
babhūva siddhakavaco'pyayodhyāmājagāma saḥ ..
kṛtsnāṃ hi pṛthivīṃ jigye kavacasya prabhāvataḥ .. 5 ..
nārada uvāca ..
śrutā daśākṣarī vidyā triṣu lokeṣu durlabhā ..
adhunā śrotumicchāmi kavacaṃ brūhi me prabho .. 6 ..
nārāyaṇa uvāca ..
śṛṇu vakṣyāmi viprendra kavacaṃ paramādbhutam ..
nārāyaṇena yaddattaṃ kṛpayā śūline purā .. 7 ..
tripurasya vadhe ghore śivasya vijayāya ca ..
tadeva śūlinā dattaṃ purā durvāsase mune ..8..
durvāsasā ca yaddattaṃ sucandrāya mahātmane ..
atiguhyataraṃ tattvaṃ sarvamantraughavigraham .. ..9..
oṃ hrīṃ śrīṃ klīṃ kālikāyai svāhā me pātu mastakam .. (head)
klīṃ kapālaṃ sadā pātu (skull) hrīṃ hrīṃ hrīmiti locane .. 3.37.10 .. (eyes)
oṃ hrīṃ trilocane svāhā nāsikāṃ me sadā'vatu .. (nose)
klīṃ kālike rakṣa rakṣa svāhā dantānsadā'vatu .. 11 .. (teeth)
klīṃ bhadrakālike svāhā pātu me'dharayugmakam .. (lips)
oṃ hrīṃ hrīṃ klīṃ kālikāyai svāhā kaṇṭhaṃ sadā'vatu .. 12 .. (throat/neck)
oṃ hrīṃ kālikāyai svāhā karṇayugmaṃ sadā'vatu .. (ears)
oṃ krīṃ krīṃ klīṃ kālyai svāhā skandhaṃ pātu sadā mama .. 13 .. (shoulders)
oṃ krīṃ bhadrakālyai svāhā mama vakṣaḥ sadā'vatu .. (chest)
oṃ klīṃ kālikāyai svāhā mama nābhiṃ sadā'vatu .. 14 .. (naval)
oṃ hrīṃ kālikāyai svāhā mama pṛṣṭhaṃ sadā'vatu .. (back)
raktabījavināśinyai svāhā hastau sadā'vatu .. 15 .. (hands)
oṃ hrīṃ klīṃ muṇḍamālinyai svāhā pādau sadāvatu.. (feet)
oṃ hrīṃ cāmuṇḍāyai svāhā sarvāṅgaṃ me sadā'vatu..16.. ( all the body parts)
prācyāṃ pātu mahākālī (east) cāgneyyāṃ raktadantikā .. (south east)
dakṣiṇe pātu cāmuṇḍā (south) nairṛtyāṃ pātu kālikā .. 17 .. (south west)
śyāmā ca vāruṇe (west) pātu vāyavyāṃ pātu caṇḍikā .. (north west)
uttare vikaṭāsyā (north) cāpyaiśānyāṃ sāṭṭahāsinī .. 18 .. (north east)
pātūrdhvaṃ lolajihvā sā (up) māyā''dyā pātvadhaḥ sadā .. (down)
jale sthale cāntarikṣe pātu viśvaprasūḥ sadā .. 19 .. ( water, land and space)
iti te kathitaṃ vatsa sarvamantraughavigraham ..
sarveṣāṃ kavacānāṃ ca sārabhūtaṃ parātparam ..3.37.20..
saptadvīpeśvaro rājā sucandro'sya prabhāvataḥ ..
kavacasya prabhāvena māndhātā pṛthivīpatiḥ .. 21 ..
pracetā lomaśaścaiva yataḥ siddho babhūva ha ..
yato hi yogināṃ śreṣṭhaḥ saubhariḥ pippalāyanaḥ .. 22 ..
yadi syātsiddhakavacaḥ sarvasiddhīśvaro bhavet ..
mahādānāni sarvāṇi tapāṃsyevaṃ vratāni va ..
niścitaṃ kavacasyāsya kalāṃ nārhanti ṣoḍaśīm .. 23 ..
idaṃ kavacamajñātvā bhajetkālīṃ jagatprasūm ..
śatalakṣaṃ prajapto'pi na mantraḥ siddhidāyakaḥ .. 24 ..
iti śrībrahmavaivarte mahāpurāṇe tṛtīye gaṇapatikhaṇḍe nāradanārāyaṇasaṃvāde bhadrakālīkavacanirūpaṇaṃ nāma saptatriṃśattamo'dhyāyaḥ ..
I have given you the body parts and directions within brackets. you can visualize that the particular mantra or the particular goddess is protecting that body part and guarding you and pray to her and request her to protect that.
example
oṃ hrīṃ śrīṃ klīṃ kālikāyai svāhā me pātu mastakam - while chanting this verse visualise that goddess kaalika is protecting your head and pray to her for protection and thank her for protecting and so on.
and for directions also
prācyāṃ pātu mahākālī - goddess mahākālī protecting the devotee (you) residing in the eastern direction. and so on.
This becomes a simple yet powerful sadhana. (spiritual practice)
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मतदान अपडेट : १२:४५ बजेसम्म देशभरबाट ३२ प्रतिशत मत खस्यो
मतदान अपडेट : १२:४५ बजेसम्म देशभरबाट ३२ प्रतिशत मत खस्यो
४ मंसिर, निर्वाचन आयोगले देशभरबाट ३२ प्रतिशत मतदान भएको बताएको छ।
आयोगले आइतबार पत्रकार सम्मेलन गर्दै १२ : ४५ बजे सम्म ३२ प्रतिशत मतदान भएको जनाएको छ। आयोगले शान्तिपूर्ण रुपमा मतदान भइरहेको बताएको छ।
बिहान सातबजेबाट सुरु भएको मतदान देशैभर केही छिटफुट घटनाबाहेक शान्तिपूर्ण रूपले भइरहेको आयोगले जनाएको छ। त्यस्तै, अवरोध भएका केही स्थानमा रोकिएको मतदान पुन: सुचारु भएको पनि आयोगले जनाएको छ।
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