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eforentertainment · 1 year
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हिंसा की आग में झुलसता रहा मणिपुर, और चलता रहा नमो का दौरा
बीबीसी की एक खबर के मुताबिक़ फ़्रांस में एक नाबालिग युवा को ट्रैफिक कानून तोड़ने पर पुलिस द्वारा गोली मार युवक की हत्या से लोगों में भारी आक्रोश छिड़ जाता है। जिसके बाद फ़्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रॉन की ओर से तुरंत जर्मनी दौरे को कैंसिल करने का बयान सामने आता है।
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आज सुबह मैक्रॉन का एक ब्यान सामने आता है और वह कहते हैं " किसी भी पुलिस वाले को बख्शा नहीं जाएगा।" वहीं यदि आपको याद हो तो हमारे देश के पूर्वोत्तर हिस्से में करीब एक महीने से झुलसते हिस्से को प्रधानमंत्री मोदी यूँ ही कुछ नेताओं के भरोसे छोड़कर अपनी यात्राओं के लिए रवाना हो जाते हैं। इस बात से बेफिक्र की कितने लोग हिंसा की आग में जल रहे हैं और जल चुके हैं। वे अमेरिका की सर जमीन पर जाने, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को खास उपहार देने और व्हाइट हाउस में लंच करने को लेकर अधिक उत्साहित जान पड़ते हैं। दौरे से वापस लौटकर बेहद गर्व से एयरपोर्ट पर अपने मंत्रियों से पूछते हैं कि देश में क्या हाल है? पूर्वोत्तर राज्य में इतनी हिंसा और विरोध प्रदर्शन के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक न मणिपुर का दौरा कर वहां की सुध ही ली है और ना ही इस मसले का हल निकालने को,लेकर प्रदर्शनकारियों को सांत्वना ही दी है।
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eforentertainment · 1 year
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darling oh my darling,how can one describe you
there ain't a metaphor for your beauty but I'll try to
when i look at the sky,it reflects your face
even the moon gets shied by your spectacular grace
it's honourable when you let your guard down when you're talking to me
I know your past aint been that great but I'm sure your future will be
I'mma be here till the end of the night and the end of this life,so don't worry, love
take your time,look at me in my eyes, I'm not in a hurry,love
you're not just a phase in my life,you are my life
I look at your pictures oftentimes, you're so sublime
i cry every time i think that you are mine
like how this beautiful creation of god came in my life?
for your smile and your vibe, I don't mind a lil rain
I'm your dog ears,perk up at the sound of your name
i wanna be with you till my hair gets grey
or even when there's no place to stay.
your heart is my home and mine is yours
i always talk about you,you can ask the stars
my heaven's 24/7 in your presence i swear
if its your hands in mine,i can surely prevail
i wanna download all your hardships and fill your heart with some joy
i wanna be here forever,love,this is not a decoy.
I'm delusional but you're the true meaning of truth
you're my favourite flower,girl,even my favourite fruit
i wanna hold you in my arms cause you're the only thing precious to me
i wanna cry in front of you but it will take more than a week
i guess I'm weak but be with me and we will win every battle
you're my poetry,my world,my words and every letter
I put you on at the peak of my heart,i swear i love you
I'm a clingy one,love, forever i wanna bug you
there is no escape from this,i am yours and you are mine
you're like the north star in my life, forever shine
you're my shrine, you're my temple, you're my church
We can fly in the sky far away,we can click pankhs
oh my love! oh my love! oh my love!
i wanna be by your side even if the world is against you
oh my love! oh my love! oh my love!
you're right I'm the poet but you know you're my muse.
nikamma aur j cole dada ki kuch linein chori ki huyi 🗿
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eforentertainment · 1 year
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UMDA
Sylvia Plath once wrote We should meet in another life, we should meet in air, me and you.
Just like Parveen Shakir said Humein chahiye tha milna, kisi ehd e meherbaan mei, kisi khwab ke yakeen mei, kisi aur asmaan par, kisi aur sar zameen mei
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eforentertainment · 1 year
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नारी बिना एडवर्टीज़मेंट अधूरा"""
ये मेरा दीवानापन है, गाने पर झूमती और लोकप्रिय Lux Cozi ब्रांड के अंडर वियर को प्रमोट करते आपने बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री जैकलीन फर्नाडीज को ज़रूर देखा होगा। अरे क्या कहा, नहीं ? ये वही ऐड जिसे आप सार्वजनिक रूप से प्रसारित एक उत्तेजक वीडियो भी कह सकते हैं। इस ऐड में आप पाएंगे कि ज़रूरत से ज़्यादा सेक्सी मूव्स से पुरुषों को लुभाती ये अभिनेत्री एक अंडर वियर को प्रमोट कर रही हैं।
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ये एक बेहद पॉपुलर एड बन चुकी है और जैकलीन फर्नाडीज की डूबती नैया को संभालने का ज़रिया भी। इस बात में एक फीसदी भी शक नहीं कि अब Lux Cozi की कमाई में इज़ाफ़ा हो रहा होगा। जैकलीन फर्नाडीज की मेहरबानी कहिए। भई, उत्पाद चाहे महिलाओं का ना हो लेकिन विज्ञापन में औरत का विज्ञापन में दिखना बेहद आवश्यक है। प्राचीन काल में कहा जाता था,"नारी बिना यज्ञ अधूरा" और इस मॉडर्न काल में कहा जाता है "नारी बिना ऐड अधूरा"
औरतों को एक ऑब्जेक्ट की तरह पेश किया जाता है
चाहे डॉलर ब्रांड को प्रमोट करते लोकप्रिय अभिनेता अक्षय कुमार हो, सैफ अली खान हो, वरुण धवन। लेकिन इनका प्रमोशन एक सुंदर सुडोल मॉडल की उपस्थिति के बिना अधूरा ही रहता है। चाहे ऐड शेविंग क्रीम का हो, किसी परफ्यूम, अंडर वियर , या अन्य किसी पुरुष उत्पाद का महिला को उसमें एक ऑब्जेक्ट की तरह प्रयोग किया जाता है।
याद करें वो ऐड जिसमें अक्षय कुमार सिक्योरिटी चेक से निकल रहे होते हैं और वहां तैनात लेडी कॉन्स्टेबल को पता चलता है उन्होंने डॉलर का अंडर वियर पहना है। वह उससे इतना आकर्षित होती है कि ड्यूटी के दौरान ही अपने बाल खोलकर उनकी बाहों में आने को आतुर हो उठती है। एक उत्पाद को किस तरीके से लोगों के सामने पेश किया जा रहा है। यह हमारी सड़ चुकी मानसिकता को दर्शाता है। अब याद करें एक और लोकप्रिय अभिनेता जो किसी ब्रांड के परफ्यूम को प्रमोट करते हैं। उस एड में अभिनेता जैसे ही खुद पर परफ्यूम का छिड़काव करते हैं। 5-6 लड़कियां उस पर ऐसे आ चिपकती हैं जैसे गुड़ पर मक्खी।
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एक बार दिमाग पर ज़ोर डालें और याद करें कि आपको ऐसी कितनी पुरुष उत्पादों की ऐड याद है जिनमें महिलों को एक "देह" या बिकाऊ उत्पाद की तरह प्रयोग ना किया गया हो।
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eforentertainment · 1 year
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Wowwww
When he says "you complete me" but Ayushmann said
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eforentertainment · 1 year
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Hiii
Guys!!
I am newbie here.
Help me to grow
Follow me on ig- Fannyre01.
Thanks
Love to be here ❤️
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eforentertainment · 1 year
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"C for Controversial Celebrities"
बॉलीवुड को इस बात पर हमेशा लताड़ा जाता रहा है कि सेलेब्रिटीज़ किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रखने से कतराते हैं और वे अपने ओपिनियन साझा करना पसंद नहीं करते। लेकिन हमारी इसी धारणा को तोड़ते हुए बॉलीवुड में मौजूद कई ऐसे सिलेबस भी हैं जो देश का एक नागरिक होने के नाते किसी भी विषय पर अपनी राय रखने से नहीं घबराते। बल्कि वे खुलकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अपनी बात निडरता से अपने प्रशंसकों और क्रिटिक्स के साथ साझा करते हैं। हालंकि इस बात को यहाँ बताना ज़रूरी हो जाता है कि ऐसे सेलेब्रिटीज़ मुट्ठीभर ही हैं। जिन्हें गाहे-बगाहे मीडिया की भाषा में "कंट्रोवर्शियल सिलेबस" भी कहा जाता है। आइए जानते हैं आज के इस ब्लॉग में ऐसे ही पा���च "कंट्रोवर्शियल सिलेबस" के बारे में।
विशाल डडलानी- विशाल डडलानी एक मशहूर गायक,संगीतकार हैं। जो भारत का एक आम नागरिक होने के नाते देश, धर्म, राजनीति पर खुलकर बोलने के लिए भी जाने जाते हैं। वह मानते हैं कि हर नागरिक की तरह उन्हें भी अभिव्यक्ति की आज़ादी का अधिकार है हालंकि कभी-कभी उनकी यह आज़ादी उन्हें मुसीबत में भी डाल देती है। लेकिन फिर भी उनका बोलना ज़ारी है। ऐसा ही एक ट्वीट उन्होंने 16 जून, 2022 की सुबह किया था। जो खबरों में छा गया था। दरअसल 16 जून को मशहूर गायक एवं संगीतकार की ट्वीटर अकॉउंट से ट्वीट आता है जिसमें लिखा होता है "मैं सभी भारतीय हिन्दुओं की और से भारतीय मुसलमानों को कहना चाहता हूँ कि आप सभी को देखा, सुना और प्यार किया जा रहा है। आप सभी का दुःख हमारा दुःख है। आपकी देशभक्ति खतरे में नहीं है, ना ही आपकी पहचान से भारत या किसी भी धर्म के लिए खतरा है। हम सब एक देश, एक परिवार हैं। " इसके आगे वे एक और ट्वीट करते हैं मैं सभी भारतीयों से भी कहना चाहता हूँ कि मैं दिल से भारतीय राजनीति के घृणित रूप को लेकर दुखी हूँ। जो उत्साहपूर्वक हमें अनेक छोटे छोटे समूहों में बाँटते रहेंगे जब तक कि हम अकेले ना पड़ जाएं। वे ऐसा अपने व्यक्तिगत कारणों से कर रहे हैं, जनता के लिए नहीं। आखिर में उन्होंने अपने ट्ववीट का अंत चार शब्दों "उन्हें जीतने मत दीजिए" से किया। उनका यह ट्वीट सुर्ख़ियों में छा गया था। इसी ट्वीट को कांग्रेस वरिष्ठ नेता शशि थरूर द्वारा रीट्वीट किया गया। जिसपर उन्होंने लिखा "शाबश, एक बहुसंख्यक कमज़ोर तबके की और से यह बात कहने के लिए" ।
2. अनुराग कश्यप- 'लस्ट स्टोरीज़, गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, बॉम्बे वेलवेट आदि फिल्मों के मशहूर डायरेक्टर अनुराग कश्यप भी दिल खोलकर बोलने के लिए जाने जाते हैं। ये काफी अंतर्मुखी स्वभाव के हैं और खुलकर हर मुद्दे पर अपनी राय रखते हैं। चाहे निजी ज़िन्दगी की बात हो या वर्क फ्रंट की अनुराग कश्यप खुलकर बोलते हैं। अभी हाल ही में डायरेक्टर अनुराग कश्यप विवादित फिल्म "द केरला स्टोरी" पर भी अपनी राय रखने में पीछे नहीं हटे। अनुराग कश्यप ने ट्वीट किया कि "आप इस फिल्म से सहमत हो सकते हैं और नहीं भी हो सकते, चाहे यह प्रोपगैंडा है या प्रोपगैंडा पर किया गया प्रहार। यह फिल्म किसी को आपत्तिजनक लग सकती है और किसी को नहीं लगेगी। लेकिन ऐसे में फिल्म को बैन करना गलत है।"
दरअसल, द केरला स्टोरी तीन महिलाओं की कहानी है। जिनका धर्म परिवर्तन कर उन्हें आंतकी संगठन आईएसआई भेज दिया जाता है। देश में फिल्म 5 मई को रीलीज़ हुई थी जिसके बाद इसका लोगों ने पुरज़ोर विरोध किया। तमिलनाडु एवं बंगाल में फिल्म को बैन करने की मांग उठाई गयी थी। हालांकि इस मुद्दे में सुप्रीम कोर्ट ने हस्क्षेप कर फिल्म को बिना रोक-टोक एवं हिंसा के सिनेमाघरों में रीलीज़ करने की इज़ाज़त दी। फिल्म के प्रसारण से पहले सिनेमाघरों के मालिकों ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए । इतने अधिक विरोध पर्दशन के बाद यह फिल्म अब तक 157 करोड़ रूपए की कमाई कर चुकी है। द केरला स्टोरी से 200 करोड़ रूपए की कमाई करने के कयास लगाए जा रहे हैं।
3. ऋचा चड्डा- इस दौर की बेबाक, निडर और प्रतिभावान अभिनेत्री ऋचा चड्डा अपने मन की कहने में कभी कंजूसी नहीं बरतती। चाहे मुद्दा उनके वर्तमान पति और अभिनेता अली फैज़ल से जुड़ा हो या उनकी प्रोफेशनल लाइफ से वह बेहिचक अपनी बात कहती हैं। उनका सोशल मीडिया भी इस बात की चुगली करता है। बतौर ऋचा चड्डा 'मेरा अंतर्मुखी होना और किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रखना मेरे काम को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करता है।' वह आगे कहती हैं मैं बॉलीवुड के अन्य लोगों की तुलना में मेरे ऊँचे स्टैंडर्ड्स हैं हालंकि उन्होंने इकोनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें लोगों से इतना बड़बोला न होने की सलाह मिलती रहती है।
4. नसरुद्दीन शाह - नसरुद्दीन शाह बेशक फ़िल्मी जगत का प्रसिद्ध नाम है। यह वह नाम है जिसने न सिर्फ कला बल्कि मेन स्ट्रीम सिनेमा में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। यह अनुभवी-बाकमाल अभिनेता अपनी एक्टिंग के लिए जितने मशहूर हैं। उतना ही पॉपुलर है इनका बेबाक अंदाज़। नसरुद्दीन शाह उन कुछ फ़िल्मी हस्तियों में से एक हैं जो किसी भी मुद्दे पर अपनी राय रखने से गुरेज़ नहीं करते और उस पर डटे रहते हैं। चाहे मुद्दा इंडस्ट्री से जुड़ा हो या फिर देश से संबंधित वे हर मुद्दे पर अपने विचार ज़ाहिर करना ज़रूरी समझते हैं। इस कारण विवादों में भी घिरे रहते हैं। वह कई ऐसे तीखे बोल बोल देते हैं कि लोगों की नफरत का शिकार हो जाते हैं। वह इससे पहले कई नामी और साथी कलाकारों जैसे रुपहले पर्दे के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार ,कामयाब सितारे राजेश खन्ना और अपने साथी कलाकार अनुपम खेर के बारे में भी टिप्पणी कर लोगों के निशाने पर आ चुके हैं। उन्होंने हाल ही में विवादित फिल्म "द केरला स्टोरी" पर अपनी राय दी । उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा 'निश्चित रूप से यह मुश्किल घड़ी है। ऐसी बातों को जो विशुद्ध और खुले तौर पर प्रोपगैंडा है , उन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है।" उनके इस बयान के बाद एक वर्ग उनसे खासा नाराज़ है और उन्हें पाकिस्तान जाने की नसीहत दे रहा है। हालांकि शाह के लिए यह कोई नयी बात नहीं है। वह अपने बेबाक बयानों के कारण अक्सर ही सुर्ख़ियों में रहते हैं।
5. कंगना रनौत - क्वीन फेम कंगना रनौत बॉलीवुड की दबंग कही जाने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह ना सिर्फ अपने बोल्ड अंदाज़ बल्कि बॉलीवुड में किसी के भी खिलाफ मोर्चा खोल देने के कारण भी मशहूर हैं। उनके इसी गुण के कारण लोग उन्हें काफी सराहते हैं। हालाँकि उनके प्रशंसकों के साथ उन्हें नापसंद करने वाला का भी हुज़ूम है। कुछ लोगों का मानना है कि वे खुद कंट्रोवर्सी क्रिएट कर अपनी फिल्मों का प्रोमोशन करती हैं, यही कारण है कि उन्हें कंट्रोवर्शियल स्टार भी कहा जाता है। हिन्दू सभ्यता, प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के लिए कई बार भावनात्मक टिप्पणी करने के परिणामस्वरूप उन्हें बीजेपी का प्रतिनिधि भी कहा जाता रहा है। परन्तु इन सब बातों की परवाह किए बिना वह निडरता से अपनी राय लोगों के सामने रखती हैं।
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eforentertainment · 1 year
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If you are A music Lover.Read this Blog
Well Admired Singers of Subcontinent
This article revels that how the singers of subcontinent are talented as well as famous in all over the world below are some names of those singers who got respect not only in subcontinent but along the world.
Noor Jehan:
Noor Jehan the name which is quite familiar in India as well as in Pakistan, her birth name was Allah Rakhi Wasai, She was born on 21st of September 1926 in Kasur province Punjab British India. She was one of the best female singer, music composer, actress, Playback singer as well as film director. She had perfect command on Ghazals, Classical music, Urdu as well as Punjabi film songs and Qawwali. She was born in Muslim family and she was one of Eleventh children of best musicians Madad Ali as well as Fateh Bibi. She started singing when she was only five or six year old and she showed her interest in this field and got her initial training of classical music from Ustad Bade Ghulam Ali khan. Who was one of the renowned singers of British Punjab and he died on 25th of April 1968. Anyways afterwards Noor Jehan focused her contemplation on Punjabi music so she got training from Ghulam Ahmad Chishti who had command on Punjabi music, he was best Music director, Playback singer and composer lyricist he was also famous by name Baba JI. He composed numerous of Ghazals, Folks songs as well as Naats for Noor her as she was maniac about singing so she got her early training rapidly, Jehan started her career along side with her sister and took part in several of live songs show and dance performances at very earlier age, one of theatre owner Diwan Sardari took Jehan Along with him in Calcutta in 193, the whole family members moved toward Calcutta in order to develop the movies career of Allah Rakhi and her elder sisters, Mukhtar Begam supported the sisters and encouraged them to join film companies  and also referred them to several of Producers, as well as she also referred them towards her husband Agha Hashar Kashmiri.
In 1935 the famous director of old times K.D Mehra directed Punjabi movie Pind di Kuri in that movie Noor Jehan performed along with her sisters and sang one of the most famous song of that time Langh Aja Patan Jhanaan da O yaar, later on she performed in movie Missar ka Sitara which was released in 1936 by same company and by same director and she composed the songs of that movie, She also performed the child role in  movie Heer Sayyal which was released in 1937, one of famous song of this movie was Shala Jawaniyan Maney. These Punjabi movies has been made in Calcutta, after that she came back from Calcutta to Lahore in 1938, later on a well known director Ghulam Haider composed songs for her and she thorough the assistance of those songs she got popularity in all over subcontinent, in 1942 she played a female lead role along with Pran in Khandaan this was her first role as a adult actress in this movie. And this movie got major success.
Acting Career in Pakistan:
After the independence of Pakistan in year 1947 Noor Jehan as well as Rizvi came back to Pakistan and left Bombay and stayed in city Karachi along with their family members, later on after three years Jehan worked in her first film that was Chan Wey which was released in 1951 she performed along with Santosh Kumar, she got the female lead role in this movie and this movie was her first Punjabi film and she also showed her skills as a playback singer in this movie,  and this film was directed by Jehan as well as well liked director of that time Shaukat anyways in 1952 she worked in her second movie that was Dopatta, this movie was better than her previous movie and it earned excessive amount of esteem, this movie was produced by “Aslam Lodhi” and it was directed by Sibtain Fazli and he was assisted by A.H Rana who was producer manager, after this movie Jehan faced a big problem in her life as she was divorced by Rizvi after the separation she kept her three children in her custody and after few years of separation she married with another film actor Ejaz Durrani, after this marriage she was forced by her second husband to quite acting so her last film was Baaji which was released in 1963, she spent her 33 years in filming career from 1930 to 1963.
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Play Back Singer:
When she quite filming career she started playback singing, she made her debut as a playback singer in 1960 with movie Salma, albeit she sang songs of movie Chan way but in that movie she was a director as well as an actress. Anyhow she had best understanding with numerous of great singers of Asia, such as Alam Lohar, Salamat Ali khan as well as Ustad Fateh Ali Khan, she also made great struggle in order to attend Mehfils and live concerts of Ustad Salamat Ali Khan. Indian famous singer Lata Mangeshkar praised Jehan and said that the quality of her voice is outstanding she can sing as low and as high as she wants. In year 1982 Jehan visited India in order to celebrate Golden jubilee of Indian Talkie Movies where she was received by Dilip Kumar as well as Lata Mangeshkar in Bombay, while attending that gathering she met with Indian forth prime mistress Indira Gandhi at New Delhi, here is a quote taken from one of the Indian website that “Noor Jehan injected a degree of passion into her singing unmatched by anyone else. But she left for Pakistan”
Patriotic Songs:
Apart from filming career she also sang numerous of patriotic songs, during in war of Pakistan and India in 1965 Jehan sang abundance of National songs in order to encourage the soldiers, few of her national songs are listed below,
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Ae Watan kay Sajeelay Jawano Mery Naghmay tumhary liye hai, this patriotic song was wrote by renowned Pakistani poet Jamiluddin Aali
Aeh Putar Hataan Tay Nahin Wikdey this song was wrote by Ghulam Mustafa Tabassum in the same way she also sang several of other songs like Roshan Meri Annkhon mein which was written by Manzoor Ahmad.  Albeit Noor Jehan was suffering from chest pain since 1986 this disease was diagnosed when she our to North America, due to this fatal disease she underwent a surgery in order to install a pacemaker, after that she was hospitalized at Karachi and got heart stroke and eventually she was died on 23rd of December 2000 due to failure of heart, and her funeral ceremony took place at grand Jamia Masjid Sultan in Karachi and she was buried near Saudi Consulate at Gizri Graveyard in Karachi.
Asha Bhosle:
Asha Bhosle a reliable as well as famous name in Hindi cinema, she was born on 8th September 1933 at Sangli state in British India, according to her birth name she is recognize as Asha Mangeshkar, anyways she was playback singer as well as Vocalist, she got several siblings such as Meena Mangeshkar, Usha Mangeshkar, Hridaynath Mangeshkar as well as well known celebrity of India Lata Mangeshkar is her sister and she got only one brother Hridaynath Mangeshkar. And she got married initially with Ganpatrao Bhosle and both of them got separation in 1960 after that she married with RD Burman who was died in 1994; she had command on film, Pop, Indian Classical and folk’s music as well as in Qawwalis, Bhajans and Rabindra Sangeets,  moreover she had sung in numerous of foreign languages other than Hindi, in 2006 it was disclosed that she had sung round about 12 thousand songs so far which was barely credible, this figure has been repeated by many other sources such as in 2009 world Records Academy (an international Organization which certifies world records) disclosed her as the “Most Recorded Artist” in the world.  Furthermore in 2011 her name was mentioned with golden words in Guinness Book of World Records as most recorded artist in the history of music, she was distinctive in the field of music from all the singer of subcontinent, in the same way she had recorded numerous of video songs as well.  
When she was at the of nine years her father died, he was a theater actor as well as classical singer, after the death of her father she moved from Pune to Kolhapur along with family and after Kolhapur they moved to Mumbai, she and her elder sister Lata Mangeshkar selected singing and acting field in order to support their family. She sang her first movie song Chala Chala Nav Bala from Marathi Film Majha Bal which was released in 1943; the music of this movie was composed by Datta Davjekar. In Hindi film she made debut by singing song Saawan Aaya from movie Hansraj Behl’s Chunariya which was released in 1948.
When she was 16 year old she eloped with 31 year old Ganpatrao Bhosle, who was her personal secretary, this marriage was failed as her husband and in-laws misbehaved with her. After eventually she was divorced by her husband in 1960. And after that she went back to her maternal home along with two children and one pregnant child. After getting separation from her first husband she married with RD Burman in 1980 and finally he died in 1994.
In her singing career she had worked along with several of directors such as O.P Nayyar, Khayyam, Ravi, Sachin Dev Burman, Rahul Dev Burman, A.R Rahman, Jaidev, Shankar Jaikishan as well as Anu Malik.  Along with these accomplishments she also worked on private albums such as Dil Padosi Hai which was released on 8th September 1987, and she was assisted by R.D Burman in this album and albums like Janam Samjha Karo with Lesle Lewis this album got fame and won her many awards together with 1997 MTV award. Once she was asked by B R Ishaara to compose music for his film but she refused, after that she composed album App ki Asha, the lyrics were written by Majrooh Sultanpuri. Sachin Tendulkar had released this album on 21st May 2001 while attending Lavish Party which was held in Mumbai.  She was one o the best singer of Bollywood industry and her voice rule on the heart of people.
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eforentertainment · 1 year
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I am in love with this❤️😌
wo jo chahe tou kya nahi mumkin wo na chahe tou kia kare koi?
‎وہ جو چاہے تو کیا نہیں ممکن وہ نہ چاہے تو کیا کرے کوئی؟
‎He's aware of your fears and pains. yes you're not alone in your silent battle. He's with you. He hears, He sees, He's the only provider, just have sabar and tawakkal. He's gonna make you happy and satisfied soon.
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eforentertainment · 1 year
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When Oscar Wilde said:
"To live is the rarest thing in the world"
and when Ghulam Hasan Hasani wrote:
"marna to is jahan mein koi hadisa nahin is daur-e-nagawar mein jina kamal hai." we all felt this </3.
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eforentertainment · 1 year
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Read this Blog and know about this Multi-talented Man
हिट गानों का फॉर्मूला- अमित त्रिवेदी
बॉलीवुड में हिट गानों का फॉर्म्युला कहे जाने वाले "अमित त्रिवेदी" जो एक संगीतकार, गायक एवं लिरिसिस्ट हैं। जिन्होंने कई वर्षों तक थियेटर एवं एड्स के लिए गाने बनाए तथा 2008 में आई फिल्म "आमिर" से बतौर कम्पोज़र बॉलीवुड में कदम रख एक नई पारी की शुरुआत की। इसके बाद अमित त्रिवेदी ने जितने गाने कम्पोज़ किए वो हिट साबित हुए। चाहे वह लुटेरा फिल्म का "संवार लूँ", काई पो चे का "मांझा", सुनो आयशा का "आयशा", उड़ता पंजाब का "इक कुड़ी", केदारनाथ का "नमो नमो" हो आदि ये सभी गाने चार्टबस्टर गानों की लिस्ट में शुमार रहे। ये ऐसे गाने हैं जो लोगों के दिलोदिमाग के साथ गानों की हिट लिस्ट में अपनी मौजूदगी दर्ज कराए हुए हैं।
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2022 में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई फिल्म "कला" के कुल छः गाने अमित त्रिवेदी ने कम्पोज़ किए। जिसके दो गाने "बिखरने का मुझको शौक है बढ़ा"तथा "घोड़े पे सवार है" गाने ट्रेंड पर रहे। तो आज इस आर्टिकल में हम इसी मल्टीटेलेंटेड शख्सियत अमित त्रिवेदी के बारे में बात करेंगे।
शुरुआती जीवन अमित त्रिवेदी का जन्म 8 अप्रैल, 1979 मुंबई के गुजराती परिवार में हुआ। अमित त्रिवेदी ने मुंबई से ही अपनी स्कूल शिक्षा प्राप्त की तथा मुंबई के रिज़वी नामक कॉलेज से स्नातक पूरी की। वे बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे नहीं रहे। उनका ध्यान पढ़ाई में कभी नहीं लगा। यहाँ तक कि उन्हें हिस्ट्री इतनी नापसंद थी कि उन्हें एक साल के लिए हिस्ट्री क्लास से बाहर निकल दिया था। अमित त्रिवेदी की म्यूज़िकल जर्नी महज़ 19 साल की उम्र में कॉलेज से ही शुरू हो गई थी।
जब वे एक लोकल बैंड 'ओम' का हिस्सा बने थे। उसी बैंड के साथ उन्होंने कई शोज़ किए तथा लाइव परफॉरमेंस दिए। उसी दौरान एक नामी प्रतिष्टित म्यूज़िक कंपनी की निगाह में यह बैंड आया जिसने ओम बैंड को उनकी एल्बम लॉन्च करने का ऑफर दिया। एल्बम हालंकि लॉन्च हुई परन्तु व्यावसयिक तौर पर बहुत अच्छा नहीं कर पाई। परन्तु एक लोकल बैंड को एक प्रतिष्ठित कम्पनी द्वारा मौका मिलना बड़ी बात थी।
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अमित त्रिवेदी ने अब खुद को नया आयाम देने की सोची तथा अब वे थिएटर्स एवं एड्स के लिए म्यूज़िक बनाने लगे। उन्होंने कई ब्रांड्स जैसे एयरटेल एवं मैक्डोनाल्ड के लिए भी एडवर्टीज़मेंट जिंगल्स लिखे। परन्तु अब भी इस प्रतिभावान शख्स को एक बॉलीवुड में एंट्री के लिए एक मौके की तलाश थी। उस समय मशहूर गायिका शिल्पा राव ने अमित त्रिवेदी की मुलाकात डायरेक्टर अनुराग कश्यप से कराई, जो उस समय अपनी फिल्म देव ड��� के लोइये किसी नए कंप���जर को ढूंढ रहे थे। ईश्वर ने जैसे दोनों की ही सुन ली थी।
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जहाँ अमित त्रिवेदी अपने जीवन की नई पारी शुरू करने के लिए एक अदद मौका खोज रहे थे, वहीं अनुराग कश्यप को तलाश थी यंग- नए टैलेंट की। वो कहते हैं रब ने बना दी जोड़ी बीएस फिर क्या था। अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्म में म्यूजिक कंपोज़ करने का ज़िम्मा अमित त्रिवेदी को दिया। 2008 में अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित देव डी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई। फिल्म के साथ इसके गानों को भी लोगों ने खूब पसंद किया और यहाँ से हो गई औपचारिक तौर पर बॉलीवुड में अमित त्रिवेदी की म्यूज़िक कंपोजर के रूप में एंट्री। जो नाम धीरे धीरे ब्रांड बन गया।
कंट्रोवर्सीज़ अमित त्रिवेदी हालाँकि मुंबई की फैंसी पार्टीज़ और चमक-दमक से दूर शांतिपूर्ण जीवन जीना पसंद करते हैं परन्तु फिर भी अमित त्रिवेदी कई कंट्रोवर्सीज़ के शिकार हुए हैं। अमित त्रिवेदी पर 2013 में सोनाक्षी सिन्हा और रणवीर सिंह द्वारा अभिनीत फिल्म "लुटेरा "के बैकग्राउंड म्यूज़िक को लेकर कंट्रोवर्सी हुई। अमित त्रिवेदी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने हॉलीवुड की "वन डे "नामक फिल्म का म्यूज़िक फिल्म लुटेरा में कॉपी किया है।
हालंकि इस मसले को बाद में मेकर्स द्वारा सुलझा लिया गया। अमित त्रिवेदी पर 2015 में आलिया भट्ट और शहीद कपूर द्वारा अभिनीत फिल्म शानदार के गाने नज़दीकियां को लेकर भी कंट्रोवर्सी का शिकार होना पड़ा था। जिसमें कहा गया था कि अमित त्रिवेदी ने 2014 में रीलीज़ हुई ओशियन नामक फिल्म का संगीत चोरी कर अपने गाने में उसका प्रयोग किया है परन्तु इन सरे आरोपों को निराधार बताते हुए जबकि अमित त्रिवेदी ने दावा किया था कोई संगीत चोरी नहीं किया है तथा गाने में किसी भी तरह की समानता संयोग वश है।
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हिट गानों का फॉर्मूला- अमित त्रिवेदी
बॉलीवुड में हिट गानों का फॉर्म्यूला माने जाने वाले "अमित त्रिवेदी" जो एक संगीतकार, गायक एवं लिरिसिस्ट हैं। उन्होंने कई वर्षों तक थियेटर एवं एड्स के लिए गाने बनाए तथा 2008 में आई फिल्म "आमिर" से बतौर कम्पोज़र बॉलीवुड में कदम रख अपने करियर की नई पारी की शुरुआत की। इसके बाद अमित त्रिवेदी ने जितने गाने कम्पोज़ किए वो हिट साबित हुए। चाहे वह लुटेरा फिल्म का "संवार लूँ", काई पो चे का "मांझा", सुनो आयशा का "आयशा", उड़ता पंजाब का "इक कुड़ी", केदारनाथ का "नमो नमो" जैसे कई मशहूर गाने हो। ये सभी गाने चार्टबस्टर गानों की लिस्ट में शुमार हैं।
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2022 में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई फिल्म "कला" के कुल छः गाने अमित त्रिवेदी ने कम्पोज़ किए। जिसके दो गाने "बिखरने का मुझको शौक है बढ़ा "तथा "घोड़े पे सवार है" गाने ट्रेंड पर रहे। आज इस आर्टिकल में हम इसी मल्टीटेलेंटेड शख्सियत अमित त्रिवेदी के बारे में बात करेंगे।
शुरुआती जीवन अमित त्रिवेदी का जन्म 8 अप्रैल, 1979 मुंबई के गुजराती परिवार में हुआ। अमित त्रिवेदी ने मुंबई से ही अपनी स्कूल शिक्षा प्राप्त की तथा मुंबई के रिज़वी नामक कॉलेज से स्नातक पूरी की। वे बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे नहीं रहे। उनका ध्यान पढ़ाई में कभी नहीं लगा। यहाँ तक कि उन्हें हिस्ट्री इतनी नापसंद थी कि उन्हें एक साल के लिए हिस्ट्री क्लास से बाहर निकाल दिया गया था। अमित त्रिवेदी की म्यूज़िकल जर्नी महज़ 19 साल की उम्र में कॉलेज से ही शुरू हो गई थी।
जब वे एक लोकल बैंड 'ओम' का हिस्सा बने थे। उसी बैंड के साथ उन्होंने कई शोज़ किए तथा लाइव परफॉरमेंस दिए। उसी दौरान एक नामी प्रतिष्टित म्यूज़िक कंपनी की निगाह में यह बैंड आया जिसने ओम बैंड को उनकी एल्बम लॉन्च करने का ऑफर दिया। एल्बम हालंकि लॉन्च हुई परन्तु व्यावसयिक तौर पर बहुत अच्छा नहीं कर पाई। परन्तु एक लोकल बैंड को प्रतिष्ठित कम्पनी द्वारा मौका मिलना बड़ी बात थी।
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अमित त्रिवेदी ने अब खुद को नया आयाम देने की सोची तथा अब वे थिएटर्स एवं एड्स के लिए म्यूज़िक बनाने लगे। उन्होंने कई नामी ब्रांड्स जैसे एयरटेल एवं मैक्डोनाल्ड के लिए भी एडवर्टीज़मेंट जिंगल्स लिखे। परन्तु अब भी इस प्रतिभावान शख्स को बॉलीवुड में एंट्री के लिए एक मौके की तलाश थी। उस समय मशहूर गायिका शिल्पा राव ने अमित त्रिवेदी की मुलाकात डायरेक्टर अनुराग कश्यप से कराई, जो उस समय अपनी फिल्म देव डी के लिए किसी नए कंपोजर को ढूंढ रहे थे। ईश्वर ने जैसे दोनों की ही सुन ली थी।
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जहाँ अमित त्रिवेदी अपने जीवन की नई पारी शुरू करने के लिए एक अदद मौका खोज रहे थे, वहीं अनुराग कश्यप को तलाश थी यंग- नए टैलेंट की। वो कहते हैं" रब ने बना दी जोड़ी " बस फिर क्या था। अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्म में म्यूज़िक कंपोज़ करने का ज़िम्मा अमित त्रिवेदी को दिया। 2008 में अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित "देव डी" सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई। फिल्म के साथ इसके गानों को भी लोगों ने खूब पसंद किया और यहाँ से हो गई औपचारिक तौर पर बॉलीवुड में अमित त्रिवेदी की म्यूज़िक कंपोजर के रूप में एंट्री। जो नाम धीरे-धीरे ब्रांड बन गया।
कंट्रोवर्सीज़ अमित त्रिवेदी हालाँकि मुंबई की फैंसी पार्टीज़ और चमक-दमक से दूर शांतिपूर्ण जीवन जीना पसंद करते हैं परन्तु फिर भी अमित त्रिवेदी कई कंट्रोवर्सीज़ के शिकार हुए हैं। अमित त्रिवेदी पर 2013 में सोनाक्षी सिन्हा और रणवीर सिंह द्वारा अभिनीत फिल्म "लुटेरा "के बैकग्राउंड म्यूज़िक को लेकर कंट्रोवर्सी हुई। अमित त्रिवेदी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने हॉलीवुड की "वन डे " नामक फिल्म का म्यूज़िक फिल्म लुटेरा में कॉपी किया है।
हालंकि इस मसले को बाद में मेकर्स द्वारा सुलझा लिया गया। अमित त्रिवेदी को 2015 में आलिया भट्ट और शहीद कपूर द्वारा अभिनीत फिल्म "शानदार" के गाने नज़दीकियां को लेकर भी कंट्रोवर्सी का शिकार होना पड़ा था। जिसमें कहा गया था कि अमित त्रिवेदी ने 2014 में रीलीज़ हुई ओशियन नामक फिल्म का संगीत चोरी कर गाने में उसका प्रयोग किया है परन्तु इन सारे आरोपों को निराधार बताते हुए, अमित त्रिवेदी ने दावा किया था संगीत चोरी नहीं किया है तथा गाने में किसी भी तरह की समानता संयोग वश है।
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अमिताभ भट्टाचार्य- सिने जगत के जादूगर
"बरामदे पुराने हैं, नयी-सी धूप है" जैसा सुकून से भरपूर गीत लिख लोगों को ताज़गी प्रदान करना हो या "चन्ना मेरेया-मेरेया" लिखकर लोगों को भावुक करना या "अभी मुझ में कहीं..बाकी थोड़ी सी है ज़िन्दगी" लिखकर जीने की प्रेरणा देना या फिर " एक बार ही किया तो यारो, प्यार क्या किया" पर लोगों को झुमाना। यह कलमकार हर तरह के भाव को अपने शब्दों से जीवंत करने में माहिर हैं। इस कलमकार को अपनी कलम से जादू बिखेरना का आशीर्वाद प्राप्त है । अगर आप अब भी अंदाजा नहीं लगा पाएं हैं कि हम यहाँ किस की बात कर रहे हैं, तो हम आपको बता दें , बात हो रही है-भारतीय लिरिसिस्ट और गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य की। जी, हाँ ये वही शख्सियत है जिनके गाने आपकी जुबां पर चढ़े रहते हैं और जिनके गाने आपकी प्लेलिस्ट में कब्ज़ा किए रहते हैं । लेकिन क्या आप इस गीतकार से परिचित हैं ? आज इस आर्टिकल में हम आपको बॉलीवुड की इसी प्रतिभावान शख्सियत से रूबरू कराएँगे। आइये शुरू करते हैं।
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शुरुआती जीवन
अमिताभ भट्टाचार्य का जन्म 16 नवम्बर, 1976 लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ। वह बंगाली परिवेश से ताल्लुख़ रखते हैं। अमिताभ भट्टाचार्य का बचपन लखनऊ में बीता तथा उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से प्राप्त की। फिर लखनऊ विश्विद्यालय से 1999 में स्नातक किया। बचपन से ही भट्टाचार्य एक सिंगर बनने का सपना देखते थे। इसी के चलते 1999 में स्नातक पूरी हो जाने के बाद अपने सपने को मूर्त रूप देने के लिए लखनऊ छोड़कर मुंबई आ गए। 2013 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए अपने एक इंटरव्यू में अमिताभ भट्टाचार्य ने बताया कि 'वह 1999 में मुंबई आने के बाद बड़े-बड़े संगीतकारों के ऑफिस के बाहर लम्बी कतारों में खड़े रहते थे और उन्हें अपनी "डेमो कैसेट" देते थे लेकिन इसका कोई फायदा उन्हें नहीं हुआ'। अमिताभ भट्टाचार्य ने अपने संघर्ष के दिनों में काम ना मिलने और काम ना मिलने के अवसाद से बचने के लिए कई एड्स जिंगल्स लिखे । बतौर भट्टाचार्य एड्स के लिए जिंगल्स लिखते- लिखते ही उन्होंने गाने लिखने की कला सीखी ।
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कब मिला अमिताभ भट्टाचार्य को ब्रेक?
1999 से लगातर संघर्ष करने के बाद 2009 में अनुराग कश्यप की फिल्म "देव डी" से अमिताभ भट्टाचार्य को ब्रेक मिला। इस फिल्म में उनके काम को लोगों और क्रटिक्स द्वारा खूब सरहाया गया। बात 2004 की है जब उनके एक दोस्त ने अमिताभ भट्टाचार्य की मुलाकात म्यूजिक डायरेक्टर अमित त्रिवेदी से कराई। उस समय अमित त्रिवेदी टेलेविज़न के लिए संगीत बनाया करते थे। उस दौरान अमित त्रिवेदी ने अमिताभ भट्टाचार्य को बतौर डमी सिंगर रख लिया और उनसे कुछ लिरिक्स लिखने को कहा। अमिताभ भट्टाचार्य ने कहे अनुसार लिरिक्स लिखे। अमिताभ के लिरिक्स अमित त्रिवेद्वी को बेहद पसंद आए। कह सकते है कि तभी से अमिताभ भट्टाचार्य की संघर्ष के दिन ढ़ल तथा जौहरी ने हीरे को पहचान लिया। परन्तु औपचारिक तौर पर वर्ष 2009 में अनुराग कश्यप की फिल्म "देव डी" के लिए लिखे गाने "इमोशनल अत्याचार" से उन्हें सिने जगत में पहचान मिली और फिर उनकी किस्मत का सिक्का चल पड़ा।
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अमिताभ भट्टाचार्य से जुड़ी अनकही बातें
आज के जाने-माने और मशहूर लिरिसिस्ट अमिताभ भट्टाचार्य अपने शुरुआती दौर में गाने "इंदरनील" के नाम से लिखा करते थे। अब वे ऐसा क्यों करते थे? इसका जवाब केवल वही जानते हैं।
एक इंटरव्यू में अमिताभ ने कहा था कि वे किसी धुन पर लिरिक्स लिखना अधिक पसंद करते हैं क्योंकि इससे उनका दिमाग 10 गुना ज़्यादा तेज़ी से काम करता है।
गीतकार और संगीतकार अमित त्रिवेदी अमिताभ भट्टाचार्य के खास मित्र हैं।
अमिताभ भट्टाचार्य को अपना पहला फिल्म फेयर अवार्ड 2012 में आई फिल्म "अग्निपथ"के लिए लिखे गाने "अभी मुझ में कहीं के लिए" मिला।
अमिताभ भट्टाचार्य को अपने करियर में सबसे ज़्यादा अवार्ड 2020 में आई फिल्म "ऐ दिल है मुश्किल" के लिखे गाने "चन्ना मेरेया" के लिए पूरे 9 अवार्ड्स मिले हैं।
अमिताभ भट्टाचार्य शब्दों के जादूगर। हालंकि अमिताभ भट्टाचार्य आए यहाँ सिंगर बने थे लेकिन उन्होंने बॉलीवुड में बेहद कम गाने गए। शायद अमिताभ भट्टाचार्य अपने अंदर की प्रतिभा पहचान चुके हैं और इसलिए वे अब लिरिसिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं। अमिताभ भट्टाचार्य द्वारा लिखे गानों में अलग ही रोचकता है, रस है। उनके गाने ऐसे लगते हैं मानो कोई कविता हो। उन्हीं के लिखे गानों को हम आपके साथ यहाँ साझा कर रहे हैं। पढ़िए और आंनद लीजिए।
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eforentertainment · 1 year
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Victim of Love, Victim in Love
आज सुबह ऑफिस पहुंची। लैपटॉप खोला और फीड पर एक न्यूज़ पढ़ी जिसका टाइटल था 'RIP Common Sense': Bengaluru Woman Gets Husband's Name Tattooed On Forehead
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मेरे दिमाग में पहले तो गाना बजा 'प्यार दीवाना होता है, मस्ताना होता है"। फिर जब गौर से उस फोटो को जो इस न्यूज़ के साथ शेयर की गयी को देखा। बड़ा अटपटा लगा। मतलब प्यार प्रदर्शित करने का ये कौनसा तरीका हुआ। तुम प्यार में , प्यार से हो। प्यार में पागल भी हो लेकिन "प्यार में पीड़ित क्यों बन रहे हो"। भाई उफ्फ हम कब सुधरेंगे।
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QUOTE OF THE DAY
"इसलिए प्यार मत करो कि सेक्स मिलेगा प्यार करो, सेक्स मिलेगा।"
#MONDAYTHOUGHTSHOT#
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eforentertainment · 1 year
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"SUN"-DAY VS SUNDAY
21 MAY,2023 रविवार का दिन था। चिलचिलाती धूप में 41 डिग्री सेल्सियस पर सब कुछ उबलने को तैयार। जैसे गर अभी दो अंडे अगर बाहर रख दिए तो हमें यकीनन आमलेट जैसा ही कुछ मिलेगा। अगर कुकर में पानी दाल कर चावल बहार रख दिए तो वो भी बॉयल्ड ही मिलेंगे , जिन्हें हम आसानी से आज सुबह बनी सब्ज़ी के साथ खा सकते हैं। लेकिन मुंगेरीलाल के सपने सपने ही रह गए। धूप दरवाज़े से होकर सीधे कमरे में बिन इज़ाज़त लिए ही अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही थी। मौजूदगी क्या दर्ज करा रही थी सच कहूं तो एक दम ठाठ-बाठ से पसरी हुई थी।
सूरज के तेवर चढ़े हुए थे। हमारे सूरज को देखकर। दोपहर में हम एसी को कुछ ही स्पेशल मौकों पर परेशान करते हैं। आज का दिन सामान्य था। सूरज ने आसमान से उतरकर हमारी गैलरी को अपना नया ठिकाना बना लिया था। ऐसे में एसी को परेशान करने वाली कोई बात थी नहीं।
चलिए बात बहुत हो गयी। अब आप SONG OF THE DAY सुनिए जो मोनाली ठाकुर की आवाज़ में गाया गया है एवं मशहूर और प्रतिभावान कलाकारों सोनाक्षी सिन्हा और रणवीर सिंह पर फिल्माया गया है।
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eforentertainment · 1 year
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19 मई,2023 म से मंडी हाउस मंडी हाउस से प्यार कब हुआ ये याद है। कितनी उम्र में हुआ याद है। लेकिन हुआ कैसे? ये भूल गई हूँ। हर चीज़ के पीछे एक कहानी होती है। इसके पीछे भी है लेकिन इस कहानी का "कैसे" वाला हिस्सा मिसिंग है। एक दिन दिमाग भी खूब दौड़ाया कि इस मिसिंग पार्ट को पूरा कर सकूँ लेकिन इतनी दौड़ भाग के बाद भी नतीजा निलबट्टे सनाटा। दिमाग को साथ नहीं देना था सो उसने नहीं दिया। मेरी एक पसंदीदा ब्लॉगर व लेखिका हैं "अनु सिंह चौहान" । उन्होंने अपनी एक किताब में लिखा था कि 'किसी चीज़ को बदल सको तो बदलने की कोशिश करो वरना उसे ऐसे ही स्वीकार कर लो' ।मैंने बिल्कुल वैसा ही किया बस स्वीकार कर लिया। नहीं याद आता कि म से मंडी हाउस के प्यार में पड़ी तो कैसे और किसके इन्फ्लुएंस से तो ठीक है मान लिया ।
अब भी जब बाराखम्बा रोड और मंडी हाउस के बीच में मौजूद मॉडर्न स्कूल के बगल वाली सड़क से गुज़रती हूँ तो दिमाग में रह-रह कर वह दिन रिपीट पर चलता है। जब भाई के मना करने और कहने पर कि 'जा मैं नहीं जा रहा ,तू अकेली चली जा मंडी हाउस', पर मैं 73 बस नंबर पर सवार हो। घर से पूरे 1 घंटे की दूरी तय कर पहली बार एक बिलकुल अनजाने इलाके में पहुँचने को निकल गयी थी। मंडी हाउस असल में है क्या ? कहाँ है? वहाँ होता क्या है ? जैसे सवालों के जवाब अकेले और अपने लिए ढूंढने थे मुझे।
मंडी हाउस क्योंकि जा ही पहली बार रही थी। ऐसे में उतरना किस स्टैंड पर है? का ठीक और पूरा अंदाजा था नहीं। बस कंडक्टर से पूछने में हिचक और डर दोनों हो लग रहा था। इसी कशमकश के बीच मैं मंडी हाउस और बाराखम्बा रोड के बीच वाले स्टैंड मॉडर्न स्कूल पर ही उतर गयी। वहां एक आंटी से अपने गंतव्य स्थान के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि पास ही है जवान बच्चे तो पैदल चलकर ही जा सकते हैं। बस फिर क्या था , आंटी की बात को फॉलो किया और पहुँच गयी "म से मंडी हाउस"। जहाँ सब अपना-सा लगता है। सड़कें, बिल्डिंग्स, रास्ते यहाँ तक कि ट्रैफिक भी। आजकल एक वेब सीरीज़ आई है यूट्यूब पर दिल्ली के इस आर्टिस्टिक कॉर्नर पर केंद्रित। जिसमें यहां आने वाले कलाकारों के संघर्ष को सरलता एवं सजीवता के साथ दिखाया गया है। आप अगर कलाकार हैं या फिर मंडी हाउस के साथ एक अच्छा बॉन्ड शेयर करते हैं तो लिंक ब्लॉग के अंत में दे रही हूँ । आप इस वेब सीरीज़ को देख सकते हैं और लुत्फ़ उठा सकते हैं।
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