कब है देवशयनी एकादशी व्रत 16 या 17 जुलाई, जानें सही तिथि व महत्व। Devshayani Ekadashi 2024 date
हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व माना जाता है।
https://www.vinaybajrangi.com/vrat/ekadashi.php
https://www.youtube.com/watch?v=866T50bsiuY
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Devshayani Ekadashi 2022: इस तारीख को है देवशयनी एकादशी, नवंबर तक नहीं होंगे शुभ कार्य
Devshayani Ekadashi 2022: इस तारीख को है देवशयनी एकादशी, नवंबर तक नहीं होंगे शुभ कार्य
Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी से देव सो जाते हैं। देवशयनी एकादशी के साथ 10 जुलाई से भगवान विष्णु चार माह की निंद्रा में चले जाएंगे। इसके साथ चातुर्मास शुरू हो जाएंगा। इसके बाद चार महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। नवंबर तक देवउठनी एकादशी से शुभ कार्य होंगे। इस एकादशी से अगले चार महीने के लिए भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। इन दिनों को चातुर्मास कहा जाता है। इसमें मांगलिक काम…
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पुत्रदा एकादशी 2021: पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त, जानें संतान प्राप्ति की कामना के लिए क्या करें
पुत्रदा एकादशी 2021: पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त, जानें संतान प्राप्ति की कामना के लिए क्या करें
: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें।
: व्रत से एक दिन पहले सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
: पुत्रदा एकादशी इस बार 24 जनवरी को मनाई जाएगी।
हर महीने में पड़ने वाली दो एकादशी के हिसाब से साल में 24 एकादशी का व्रत किया जाता है। व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण व्रत एकादशी का व्रत माना जाता है, उसी में एकादशियों में से पौष मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी कहलाती है। जो इस बार…
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देवशयनी पर देव सो जाएंगे तो पितृ कब जागेंगे? #news4
आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी कहते हैं। इसे देवशयनी एकादशी, हरिशयनी और पद्मनाभा एकादशी आदि नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी माह के अनुसार 20 जुलाई 2021 मंगलवार को यह व्रत रखा जाएगा। इसी दिन से देव 4 माह के लिए सो जाएंगे। ऐसा कहते हैं कि देव सोते हैं तो शिव के गण और पितृ जाग जाते हैं। आओ जानते हैं पितरों का दिन-रात क्या होता है और कब है पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष।
1. 16 जुलाई…
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Devshayani Ekadashi 2020: कब है देवशयनी एकादशी, जानें तारीख, मुहूर्त और इस व्रत का धार्मिक महत्व
Devshayani Ekadashi 2020: कब है देवशयनी एकादशी, जानें तारीख, मुहूर्त और इस व्रत का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Updated Sat, 27 Jun 2020 12:08 AM IST
Devshayani Ekadashi 2020
– फोटो : Social media
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Devshayani Ekadashi 2020: हिन्दू धर्म में आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि बेहद ही महत्वपूर्ण तिथि होती है। इस तिथि के दिन देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसे आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी…
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देवशयनी एकादशी आज, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम, जाने पूजा विधि और महत्व
चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है जो कि इस बार 20 जुलाई को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी तिथि से भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। इस दौरान सभी मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत पर अगले चार महीने के लिए विराम लग जाएगा। इसी दिन से चातुर्मास शुरू हो जाते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु विश्राम के लिए पाताल लोक चले जाते हैं और वे वहां चार मास विश्राम करते हैं। इस बीच पृथ्वी लोक की देखभाल भगवान शिव करते हैं। इसीलिए चातुर्मास में सावन का विशेष महत्व बताया गया है।सावन के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। जब भगवान विष्णु पाताल लोक चले जाते हैं तो सभी मांगलिक कार्य स्थगित कर दिए जाते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस समय किये गए किसी मांगलिक कार्य का शुभ फल नहीं मिलता है। देवशयनी एकादशी के चार मास बाद देवउठनी एकादशी के दिन से पुनः मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। 14 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर विष्णु भगवान विश्राम काल पूर्ण कर क्षिर सागर से बाहर आकर पृथ्वी की बागड़ोर अपने हाथों में लेते हैं।
चातुर्मास में क्या नहीं करना चाहिए
चातुर्मास का सबसे पहला नियम यह है कि इन 4 महीनों में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और तमाम सोलह संस्कार नहीं किए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन सभी कार्यों पर सनातन धर्म के सभी देवी-देवताओं को आशीर्वाद देने के लिए बुलाया जाता है मगर भगवान विष्णु शयन काल में रहते हैं इसीलिए वह आशीर्वाद देने नहीं आ पाते हैं। ऐसे में भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए लोग इन 4 महीनों को छोड़कर अन्य महीनों में शुभ कार्य करते हैं।
शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोमूत्र, गोबर) का सेवन करें।
इसके साथ चातुर्मास के पहले महीने यानि सावन में हरी सब्जियां, भादो में दही, अश्विन में दूध और कार्तिक में दाल का सेवन करना वर्जित माना गया है। इसके साथ इन 4 महीनों में तामसिक भोजन, मांस और मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
चातुर्मास के नियमों के अनुसार इन 4 महीनों में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और किसी की निंदा करने से बचना चाहिए।
इसके अलावा इन 4 महीनों में मूली, परवल, शहद, गुड़ तथा बैंगन का सेवन करना वर्जित माना गया है।
देवशयनी एकादशी की पूजा-विधि
देवशयनी एकादशी के दिन सबसे पहले जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें।
स्नान कर घर में पवित्र जल का छिड़काव करें।
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का कमल के पुष्पों से पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि, इन चार महीनों के दौरान भगवान शिवजी सृष्टि को चलाते हैं। इसलिए विष्णु के साथ भगवान शिव की पूजा करना शुभ माना गया है।
इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की कथा सुनें।
देवशयनी एकादशी की पूजा के बाद गरीबों को फल दान करें।
देवशयनी एकादशी : चार महीने भगवान विष्णु करेंगे विश्राम, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम
देवशयनी एकादशी पर जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, सुनकर मिलता है व्रत का पूर्ण फल
जानिए कब है देवशयनी एकादशी, इसका महत्व और पूजा विधि
देवशयनी एकादशी: आज से 5 माह तक योग निद्रा में चले जाएंगे भगवान विष्णु, जानें व्रत रखने का शुभ मुहूर्त और पारण का समय
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देवशयनी एकादशी आज, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम, जाने पूजा विधि और महत्व
चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है जो कि इस बार 20 जुलाई को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी तिथि से भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। इस दौरान सभी मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत पर अगले चार महीने के लिए विराम लग जाएगा। इसी दिन से चातुर्मास शुरू हो जाते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु विश्राम के लिए पाताल लोक चले जाते हैं और वे वहां चार मास विश्राम करते हैं। इस बीच पृथ्वी लोक की देखभाल भगवान शिव करते हैं। इसीलिए चातुर्मास में सावन का विशेष महत्व बताया गया है।सावन के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। जब भगवान विष्णु पाताल लोक चले जाते हैं तो सभी मांगलिक कार्य स्थगित कर दिए जाते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस समय किये गए किसी मांगलिक कार्य का शुभ फल नहीं मिलता है। देवशयनी एकादशी के चार मास बाद देवउठनी एकादशी के दिन से पुनः मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। 14 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर विष्णु भगवान विश्राम काल पूर्ण कर क्षिर सागर से बाहर आकर पृथ्वी की बागड़ोर अपने हाथों में लेते हैं।
चातुर्मास में क्या नहीं करना चाहिए
चातुर्मास का सबसे पहला नियम यह है कि इन 4 महीनों में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और तमाम सोलह संस्कार नहीं किए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन सभी कार्यों पर सनातन धर्म के सभी देवी-देवताओं को आशीर्वाद देने के लिए बुलाया जाता है मगर भगवान विष्णु शयन काल में रहते हैं इसीलिए वह आशीर्वाद देने नहीं आ पाते हैं। ऐसे में भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए लोग इन 4 महीनों को छोड़कर अन्य महीनों में शुभ कार्य करते हैं।
शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोमूत्र, गोबर) का सेवन करें।
इसके साथ चातुर्मास के पहले महीने यानि सावन में हरी सब्जियां, भादो में दही, अश्विन में दूध और कार्तिक में दाल का सेवन करना वर्जित माना गया है। इसके साथ इन 4 महीनों में तामसिक भोजन, मांस और मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
चातुर्मास के नियमों के अनुसार इन 4 महीनों में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और किसी की निंदा करने से बचना चाहिए।
इसके अलावा इन 4 महीनों में मूली, परवल, शहद, गुड़ तथा बैंगन का सेवन करना वर्जित माना गया है।
देवशयनी एकादशी की पूजा-विधि
देवशयनी एकादशी के दिन सबसे पहले जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें।
स्नान कर घर में पवित्र जल का छिड़काव करें।
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का कमल के पुष्पों से पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि, इन चार महीनों के दौरान भगवान शिवजी सृष्टि को चलाते हैं। इसलिए विष्णु के साथ भगवान शिव की पूजा करना शुभ माना गया है।
इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की कथा सुनें।
देवशयनी एकादशी की पूजा के बाद गरीबों को फल दान करें।
देवशयनी एकादशी : चार महीने भगवान विष्णु करेंगे विश्राम, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम
देवशयनी एकादशी पर जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, सुनकर मिलता है व्रत का पूर्ण फल
जानिए कब है देवशयनी एकादशी, इसका महत्व और पूजा विधि
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2021 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें हर महीने की लिस्ट
चैतन्य भारत न्यूज
साल 2021 यानी नए साल के आते ही हर कोई जानना चाहता है कि कौन-सा त्योहार कब पड़ रहा है। इसलिए हम आपको वैदिक ज्योतिष कैलेंडर के अनुसार साल 2021 में पड़ने वाले त्योहार और व्रत की तारीख के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस नववर्ष में कौन-सा त्योहार कब पड़ेगा?
2 जनवरी, शनिवार- संकष्टी चतुर्थी व्रत
6 जनवरी, बुधवार- रुक्मिणी अष्टमी
9 जनवरी, शनिवार- सफला एकादशी
13 जनवरी, बुधवार- लोहड़ी/ स्नानदान अमावस्या
14 जनवरी, बृहस्पतिवार- मकर संक्रांति/ पोंगल
16 जनवरी, शनिवार- विनायक चतुर्थी
20 जनवरी, बुधवार- गुरु गोविंद सिंह जयंती
24 जनवरी, रविवार- पुत्रदा एकादशी
26 जनवरी, मंगलवार- भौम प्रदोष व्रत
28 जनवरी, बृहस्पतिवार- पौष पूर्णिमा
31 जनवरी, रविवार, तिल चतुर्थी व्रत
6 फरवरी, शनिवार- भीष्म पितामह जयंती
7 फरवरी, रविवार- षटतिला एकादशी
11 फरवरी, बृहस्पतिवार- मौनी अमावस्या
15 फरवरी, सोमवार- तिल कुंद चतुर्थी
16 फरवरी, मंगलवार- बसंत पंचमी
19 फरवरी, शुक्रवार- नर्मदा जयंती
20 फरवरी, शनिवार- भीष्माष्टमी
23 फरवरी, मंगलवार- एजा एकादशी
27 फरवरी, शनिवार- माघी पूर्णिमा
2 मार्च, मंगलवार- गणेश चतुर्थी
6 मार्च, शनिवार- सीताष्टमी
9 मार्च, मंगलवार- विजया एकादशी
11 मार्च, बृहस्पतिवार- महाशिवरात्रि
24 मार्च, बुधवार- आमल एकादशी
28 मार्च, रविवार- होलिका दहन
29 मार्च, सोमवार- धुरेड़ी
30 मार्च, मंगलवार- चित्रगुप्त पूजन
31 मार्च, बुधवार- गणेश चतुर्थी
2 अप्रैल, शुक्रवार- रंगपंचमी/ गुड फ्राइडे
4 अप्रैल, रविवार- शीतला सप्तमी
5 अप्रैल, सोमवार- शीतला अष्टमी
7 अप्रैल, बुधवार- पापमोचनी एकादशी व्रत
12 अप्रैल, शुक्रवार- सोमवती अमावस्या
13 अप्रैल, शनिवार- चैत्र नवरात्रि आरंभ/ गुड़ी पड़वा
15 अप्रैल, सोमवार- गणगौर तीज
21 अप्रैल, बुधवार- श्रीराम नवमी
23 अप्रैल, शुक्रवार- कामदा एकादशी
25 अप्रैल, रविवार- महावीर जयंती
27 अप्रैल, मंगलवार- हनुमान जयंती
7 मई, शुक्रवार- वरुथिनि एकादशी
14 मई, बुधवार- परशुराम जयंती/ अक्षय तृतीया
18 मई, बृहस्पतिवार- गंगा सप्तमी
22 मई, शनिवार- मोहिनी एकादशी
25 मई, मंगलवार- भगवान नरसिंह जयंती
26 मई, बुधवार- वैशाखी पूर्णिमा
6 जून, रविवार- अचला एकादशी
10 जून, बृहस्पतिवार- शनि जयंती
19 जून, शनिवार- महेश नवमी
20 जून, रविवार- गंगा दशहरा
21 जून, सोमवार- निर्जला एकादशी व्रत
24 जून, बृहस्पतिवार- व्रट पूर्णिमा व्रत
5 जुलाई, सोमवार- योगिनी एकादशी
9 जुलाई, शुक्रवार- हल हारिणी अमावस्या
13 जुलाई, मंगलवार- अंगारक चतुर्थी
18 जुलाई, रविवार- भड़ली नवमी
20 जुलाई, मंगलवार- देवशयनी एकादशी व्रत
21 जुलाई, बुधवार- वामन एकादशी
22 जुलाई, बृहस्पतिवार- विजया पार्वती व्रत
24 जुलाई, शनिवार- गुरु पूर्णिमा
27 जुलाई, मंगलवार- अंगारक चतुर्थी/ मंगला गौरी व्रत
3 अगस्त, मंगलवार- मंगला गौरी व्रत
4 अगस्त, बुधवार- कामिका एकादशी व्रत
8 अगस्त, रविवार- हरियाली एकादशी
11 अगस्त, बुधवार- हरियाली तीज
12 अगस्त, बृहस्पतिवार- दूर्वा गणपति व्रत
13 अगस्त, शनिवार- नाग पंचमी
17 अगस्त, बृहस्पतिवार- मंगला गौरी व्रत/ पवित्रा एकादशी
21 अगस्त, सोमवार- ओनम
22 अगस्त, मंगलवार- रक्षाबंधन
25 अगस्त, शुक्रवार- बहुला चतुर्थी
28 अगस्त, सोमवार- हरछठ
30 अगस्त, बुधवार- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
2 सितंबर, बृहस्पतिवार- जया एकादशी
3 सितंबर, शुक्रवार- गोवत्स एकादशी
6 सितंबर, सोमवार- कुशग्रहण अमावस्या
9 सितंबर, बृहस्पतिवार- हरितालिका तीज
10 सितंबर, शुक्रवार- गणेश उत्सव आरंभ
11 सिंतबर, शनिवार- ऋषि पंचमी
12 सितंबर, रविवार- मोरयाई छठ
14 सितंबर, मंगलवार- राधाष्टमी
16 सितंबर, बृहस्पतिवार- तेजा दशमी
17 सितंबर, शुक्रवार- डोल ग्यारस
19 सितंबर, रविवार- अनंत चतुर्दशी
21 सितंबर- मंगलवार- पितृ पक्ष शुरू
28 सितंबर, मंगलवार- महालक्ष्मी व्रत
2 अक्टूबर, शनिवार- इंदिरा एकादशी
6 अक्टूबर, बुधवार- पितृमोक्ष अमावस्या
7 अक्टूबर, बृहस्पतिवार- शारदीय नवरात्रि आरंभ
10 अक्टूबर, रविवार- उपांग ललिता व्रत
13 अक्टूबर, बुधवार- दुर्गा अष्टमी व्रत
14 अक्टूबर, बृहस्पतिवार- दुर्गा नवमी व्रत
15 अक्टूबर, शुक्रवार- विजयादशमी
16 अक्टूबर, शनिवार- पापांकुशा एकादशी
20 अक्टूबर, बुधवार- शरद पूर्णिमा
24 अक्टूबर, रविवार- करवा चौथ
26 अक्टूबर, मंगलवार- स्कंद षष्ठी व्रत
1 नवंबर, सोमवार- रंभा एकादशी व्रत
2 नवंबर, मंगलवार- धनतेरस
3 नवंबर, बुधवार- रूप चतुर्थी
4 नवंबर, बृहस्पतिवार- दीपावली
5 नवंबर, शुक्रवार- गोवर्धन पूजा
6 नवंबर, शनिवार- भाई दूज
10 नवंबर, बुधवार- छठ पूजा
12 नवंबर, शुक्रवार- गोपाष्टमी
13 नवंबर, शनिवार- अक्षय नवमी
15 नवंबर, सोमवार- देवउठनी एकादशी
18 नवंबर, बृहस्पतिवार- बैकुंठ चतुर्दशी व्रत
19 नवंबर, शुक्रवार- कार्तिक पूर्णिमा
27 नवंबर, शनिवार- कालभैरव अष्टमी
30 नवंबर- उत्पन्ना एकादशी\
7 दिसंबर, मंगलवार- विनायक चतुर्थी
8 दिसंबर, बुधवार- विवाह पंचमी
14 दिसंबर, मंगलवार- मोक्षदा एकादशी
18 दिसंबर, शनिवार- दत्त पूर्णिमा
25 दिसंबर, शनिवार- क्रिसमस
27 दिसंबर, सोमवार- रुक्मणी अष्टमी
30 दिसंबर, बृहस्पतिवार- सफला एकादशी
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2020 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरे साल की लिस्ट
चैतन्य भारत न्यूज
साल 2020 यानी नए साल के आते ही हर कोई जानना चाहता है कि कौन-सा त्योहार कब पड़ रहा है। इसलिए हम आपको वैदिक ज्योतिष कैलेंडर के अनुसार साल 2020 में पड़ने वाले त्योहार और व्रत की तारीख के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस नववर्ष में कौन सा त्योहार कब पड़ेगा?
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जनवरी 2020 के त्योहार
6 जनवरी, सोमवार पौष पुत्रदा एकादशी
10 जनवरी, शुक्रवार पौष पूर्णिमा
11 जनवरी,शनिवार चंद्र ग्रहण
13 जनवरी,सोमवार सकट चौथ
15 जनवरी,बुधवार मकर संक्रांति, पोंगल
20 जनवरी, सोमवार षट्तिला एकादशी
23 जनवरी, गुरुवार मासिक शिवरात्रि
24 जनवरी, शुक्रवार मौनी अमावस्या
29 जनवरी, बुधवार वसंत पंचमी
फरवरी 2020 के त्योहार
1 फरवरी, शनिवार रथ सप्तमी
2 फरवरी, रविवार भीष्म अष्टमी
5 फरवरी,बुधवार जया एकादशी
9 फरवरी,रविवार माघ पूर्णिमा
13 फरवरी, गुरुवार कुंभ संक्रांति
19 फरवरी, बुधवार विजया एकादशी
20 फरवरी, गुरुवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
21 फरवरी, बुधवार महाशिवरात्रि
23 फरवरी, रविवार फाल्गुन अमावस्या
मार्च 2020 के त्योहार
6 मार्च, शुक्रवार आमलाकी एकादशी
9 मार्च, सोमवार छोटी होली, होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा
10 मार्च, मंगलवार होली
14 मार्च, शनिवार मीन संक्रांति
16 मार्च,सोमवार शीतला अष्टमी, बसोड़ा
19 मार्च,गुरुवार पापमोचनी एकादशी
21 मार्च, शनिवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
22 मार्च, रविवार मासिक शिवरात्रि
24 मार्च, मंगलवार चैत्र अमावस्या
25 मार्च, बुधवार चैत्र नवरात्रि प्रारंभ, गुडी पडवा
27 मार्च, शुक्रवार गौरी पूजा, गणगौर
30 मार्च, सोमवार यमुना छठ
अप्रैल 2020 के त्योहार
2 अप्रैल, गुरुवार राम नवमी, स्वामी नारायण जयंती
3 अप्रैल, शुक्रवार चैत्र नवरात्रि पारणा
4 अप्रैल, शनिवार कामदा एकादशी
5 अप्रैल रविवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
8 अप्रैल, बुधवार हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा
10 अप्रैल, शुक्रवार गुड फ्राइडे
11 अप्रैल, शनिवार संकष्टी चतुर्थी
13 अप्रैल, सोमवार मेष संक्रांति
18 अप्रैल,शनिवार वरुथिनी एकादशी
20 अप्रैल,सोमवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
21 अप्रैल,मंगलवार मासिक शिवरात्रि
22 अप्रैल,बुधवार वैशाख अमावस्या
25 अप्रैल,शनिवार परशुराम जयंती
26 अप्रैल, रविवार अक्षय तृतीया
30 अप्रैल,गुरुवार गंगा सप्तमी
मई 2020 के त्योहार
2 मई,शनिवार सीता नवमी
3 ���ई,रविवार मोहिनी एकादशी
4 मई,सोमवार गौण मोहिनी एकादशी
5 मई, मंगलवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
7 मई, गुरुवार वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा
10 मई, रविवार संकष्टी चतुर्थी
8 मई,शुक्रवार नारद जयंती
14 मई,गुरुवार वृषभ संक्रांति
18 मई,सोमवार अपरा एकादशी
19 मई, मंगलवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
20 मई, बुधवार मासिक शिवरात्रि
22 मई,शुक्रवार शनि जयंती, वट सावित्री व्रत
24 मई,रविवार ईद उल फितर
जून 2020 के त्योहार
1 जून, सोमवार गंगा दशहरा
2 जून, मगलवार निर्जला एकादशी
3 जून, बुधवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
5 जून, शुक्रवार ज्येष्ठ पूर्णिमा, वट पूर्णिमा व्रत
6 जून,शनिवार चंद्र ग्रहण
8 जून, सोमवार संकष्टी चतुर्थी
14 जून, रविवार मिथुन संक्रांति
17 जून, बुधवार योगिनी एकादशी
18 जून, गुरुवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
19 जून, शुक्रवार मासिक शिवरात्रि
21 जून, रविवार सूर्य ग्रहण
23 जून, मंगलवार जगन्नाथ रथ यात्रा
जुलाई के त्योहार
1 जुलाई, गुरुवार देवशयनी एकादशी
2 जुलाई गुरुवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
5 जुलाई, रविवार अषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण
16 जुलाई, गुरुवार कमिका एकादशी, कर्क संक्रांति
8 जुलाई, बुधवार संकष्टी चतुर्थी
16 जुलाई, गुरुवार कामिका एकादशी , कर्क संक्रांति
18 जुलाई, शनिवार मासिक शिवरात्रि , प्रदोष व्रत (कृष्ण)
20 जुलाई, सोमवार सोमवती अमावस्या
23 जुलाई,गुरुवार हरियाली तीज
25 जुलाई, शनिवार नाग पंचमी
30 जुलाई,गुरुवार श्रावण पुत्रदा एकादशी
अगस्त 2020 के त्योहार
1 अगस्त,शनिवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
3 अगस्त, सोमवार श्रावण पूर्णिमा, रक्षाबंधन, राखी, गायत्री जयंती
6 अगस्त, मंगलवार कजरी तीज
7 अगस्त, शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी
11 अगस्त, मंगलवार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
12 अगस्त, बुधवार जन्माष्टमी
15 अगस्त,शनिवार अजा एकादशी
16 अगस्त,रविवार सिंह संक्रांति
17 अगस्त, सोमवार मासिक शिवरात्रि
19 अगस्त, बुधवार भाद्रपद अमावस्या
21 अगस्त, शुक्रवार हरतालिका तीज
22 अगस्त, शनिवार गणेश चतुर्थी
23 अगस्त, रविवार ऋषि पंचमी
26 अगस्त, बुधवार राधाष्टमी
29 अगस्त, शनिवार परस्व एकादशी
30 अगस्त, प्रदोष व्रत (शुक्ल)
31 अगस्त, सोमवार ओणम
सितंबर 2020 के त्योहार
1 सितम्बर, मंगलवार अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन
2 सितम्बर,बुधवार भाद्रपद पूर्णिमा, पितृ पक्ष प्रारंभ
5 सितम्बर, शनिवार संकष्टी चतुर्थी
13 सितम्बर,रविवार इंदिरा एकादशी
15 सितम्बर, मंगलवार मासिक शिवरात्रि , प्रदोष व्रत (कृष्ण)
16 सितम्बर, बुधवार कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा पूजा
17 सितम्बर, गुरुवार सर्व पितृ अमावस्या
18 सितम्बर,शुक्रवार मुहर्रम
27 सितम्बर,रविवार पद्मीनी एकादशी
29 सितम्बर, मंगलवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
अक्टूबर 2020 के त्योहार
1 अक्टूबर, गुरुवार आश्विन अधिक पूर्णिमा
5 अक्टूबर, सोमवार संकष्टी चतुर्थी
13 अक्टूबर,शनिवार परम एकादशी
14 अक्टूबर, बुधवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
15 अक्टूबर,गुरुवार मासिक शिवरात्रि
16 अक्टूबर, शुक्रवार अमावस्या
17 अक्टूबर, शारदीय नवरात्रि प्रारंभ, तुला संक्रांति
21 अक्टूबर, बुधवार कल्परम्भ
24 अक्टूबर,शनिवार दुर्गा अष्टमी, महानवमी
25 अक्टूबर,रविवार दशहरा, विजयादशमी
27 अक्टूबर, मंगलवार पापांकुशा एकादशी
30 अक्टूबर, शुक्रवार कोजागरी पूजा, शरद पूर्णिमा
नवंबर 2020 के त्योहार
4 नवबंर, बुधवार करवा चौथ
8 नवबंर, रविवार अहोई अष्टमी
11 नवबंर, बुधवार रमा एकादशी
12 नवबंर, गुरुवार गोवत्स द्वादशी
13 नवबंर, शुक्रवार धनतेरस, काली चौदस
14 नवबंर, शनिवार नरक चतुर्दशी, दिवाली, लक्ष्मी पूजा
15 नवबंर, रविवार गोवर्धन पूजा
16 नवबंर, सोमवार भैया दूज, वृश्चिक संक्रांति
20 नवबंर, शुक्रवार छठ पूजा
24 नवबंर, मंगलवार कंस वध
25 नवबंर, बुधवार देव उठनी एकादशी
26 नवबंर, गुरुवार तुलसी विवाह
30 नवबंर, सोमवार कार्तिक पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण
दिसंबर 2020 के त्योहार
7 दिसंबर, सोमवार काल भैरव जयंती
10 दिसंबर, गुरुवार उत्पन्ना एकादशी
11 दिसंबर, शुक्रवार गौण उत्पन्ना एकादशी
14 दिसंबर, सोमवार सोमवती अमावस्या, सूर्य ग्रहण
15 दिसंबर, मंगलवार मलमास प्रारंभ
25 दिसंबर, शुक्रवार क्रिसमस
30 दिसंबर, बुधवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा
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