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#नज़र
mwsnewshindi · 2 years
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विश्व दृष्टि दिवस 2022: बेहतर दृष्टि के लिए थीम, महत्व और सुझावों का पालन करें
विश्व दृष्टि दिवस 2022: बेहतर दृष्टि के लिए थीम, महत्व और सुझावों का पालन करें
छवि स्रोत: फ्रीपिक विश्व दृष्टि दिवस विश्व दृष्टि दिवस 2022: 13 अक्टूबर को मनाया जाने वाला यह दिन रेटिना की बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और देश भर में लाखों लोगों की मदद करने के लिए समुदाय की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का अवसर देता है, जिन्हें रोका जा सकता है। आंखें हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक अंग हैं; ऐसे में हमारी आंखों की सुरक्षा जरूरी है। विश्व दृष्टि दिवस नियमित नेत्र…
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deeptrader · 10 days
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rajesh-51056 · 1 year
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desigirldairies · 5 months
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आईना भला कब किसी को सच बता पाया है
जब भी देखो दायां तो बायां नज़र आया है
- अज्ञात
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लौट जाती है उधर को भी नज़र क्या कीजे
अब भी दिलकश है तिरा हुस्न मगर क्या कीजे
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
💗🧿
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srbachchan · 3 months
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DAY 5989
Jalsa, Mumbai July 11, 2024 Thu 9:50 pm
Birthday Ef - Vijay Joglekar, Dombivali , Mumbai .. heartiest greetings for this day and all the love from the Ef family ..🌹
🪔 ,
July 12 .. birthday greetings to Ef Vijay Joglekar from Dombivali .. Ef M. Zaheer Sattar from Malawi 🇲🇼 .. and Ef Dr. Pravin P Patel from Toronto Canada 🇨🇦 .. 🙏🏻❤️🚩
In time .. in time .. IN TIME ..
At last .. but at work and the short break as the tech people work , I do my tech and the writing and the connect for the Blogomaeastra ..
After a long and arduous waiting does the time come to have spent time in the doing of 'nothing' .. and that in writing may sound as a gift to many but in reality it is a burden .. when nothing to do, there is nothing to be gained or learnt or executed .. no work, no activation of the senses that motivate or exercise the mind and body .. it be the curse ..
At a recording finally at the end of the day for an evening for another, that creates the mystique of mythology .. and during the various chapters that come up, comes a chapter of Kalki , in the sequence that dwells on the creation of the Universe , and it's coming during the time passage , which has , quite interestingly been covered in the film KALKI .. and the mysteries of its coming ..
Really there is so much to learn from our scriptures, that an effort is being made to acquire all that could possibly educate an uneducated me, to be of some knowledge ..
So an issue of several volumes of the MAHABHARAT was ordered, and when it arrived, there was the issue of keeping the book in the home .. for kept in the home is considered a NO .. so given to a library .. and back to the source that prints my words here - the net !!
Each day is filled with questions that we overlooked earlier .. and the desire to acquire that information and knowledge is so acute that each moment the mind begins to get into an analytic mode .. and the why and when and wherefore begin to erupt ..
Fascinating, this , at a stage when time is not ideally right, or perhaps not enough .. but that thought should be kept away from the being .. one shall find time to learn even at this advanced age ..
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मैं मानता हूँ कि आलोचना होती है, शायद उनकी, ज़्यादा, जिनकी डोर समाज या अधिकतर समाज के व्यक्तियों से जुड़ी होती है । लेकिन उसका स्वागत होना चाहिए, क्योंकि आलोचना एक तो हमारा नज़रिया बदलती है ; उस नज़रिए को हम माने या ना माने, पर अवगत तो वो कराती है हमें । तो धन्यवाद । धन्यवाद इस लिये की उसे हमें एक नज़र बट्टू की तरह लेना चाहिये ; एक काला टीका जो माथे पे माँ लगाती थीं, नज़र उतारने के लिये ।
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अच्छा ... काम रुका हुआ है, तो चलते हैं काम पे, शीघ्र मिलेंगे ।
Affection and love ..❤️
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Amitabh Bachchan
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krishna-sangini · 3 months
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Okay, so, guys... This one might be a little weird.
HELL. A LOT WEIRD, BUT DON'T JUDGE ME OKAY, IT'S NOT MY FAULT! 😭
Anyway, I was scrolling through IG last evening when I came across a reel where the "Luka Chhupi" song was used.
Particularly these lines-
"आजा सांझ हुई मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी देख मेरी नज़र आ जा न"
And I DON'T KNOW WHY my eyes immediately pooled with tears, and my mind immediately went to that flute boy staying out late in the forests, herding the cows... Like, I felt the panic and concern for a moment.
.
.
.
One moment I'm swooning over Him like a teenager and the next moment I'm turning into a freaking mama bear for Him.
What is this behaviour, me?! WHAT IS THIS WEIRD-ASS PSYCHOTIC BEHAVIOUR?!
Buuut yeah, it's understandable pretty much...right?
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baiju-bawara · 7 months
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Altaf Raja is a type of guy who can summarise my dating life in just one section of his song... Like when he said...
जब तुम से इत्तफ़ाक़न मेरी नज़र मिली थी
अब याद आ रहा है, शायद वो January थी 😏
तुम यूँ मिली दुबारा फिर माह-ए-February में
जैसे कि हमसफ़र हो तुम राह-ए-जिंदगी में 🤫
कितना हसीं ज़माना आया था March लेकर
राह-ए-वफ़ा पे थी तुम वादों की torch लेकर 🤗
बाँधा जो अहद-ए-उल्फ़त, April चल रहा था
दुनिया बदल रही थी, मौसम बदल रहा था 🥰
लेकिन May जब आई, जलने लगा ज़माना
हर शख़्स की ज़बाँ पर था बस यही फ़साना 😤
दुनियां के डर से तुमने बदली थी जब निगाहें
था June का महीना, लब पे थी गर्म आहे 😕
July में जो तुमने की बातचीत कुछ कम
थे आसमाँ पे बादल और मेरी आँखें पुर-नम 🥺
माह-ए-August में जब बरसात हो रही थी
बस आँसुओं की बारिश दिन-रात हो रही थी 😭
कुछ याद आ रहा है, वो माह था September
भेजा था तुमने मुझको तर्क-ए-वफ़ा का letter 😮‍💨
तुम गैर हो रही थी, October आ गया था
दुनिया बदल चुकी थी, मौसम बदल चुका था 🙁
जब आ गया November, ऐसी भी रात आई
मुझसे तुम्हें छुड़ाने सजकर बारात आई 😔
बेकैफ था December, जज़्बात मर चुके थे
मौसम था सर्द उसमें, अरमाँ बिखर चुके थे 😖
लेकिन ये क्या बताऊँ, अब हाल दूसरा है 🤕
अरे, वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है। 😝🫡
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tum toh tehre pardesi saath kya nibhaoge...
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natkhat-sa-shyam · 6 months
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में बन जाऊंगा कान्हा तुम्हारे प्यार में
में बन जाऊंगा कान्हा तुम्हारे प्यार में
एकबार तुम राधे की नज़र से देखो तो सही...
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🪈🦚 राधे राधे🦚 🪈
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adhoori-kahani · 9 months
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बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं,
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं,
लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर,
अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं,
पीठ मे छुरी सा चांद, राहू गया रेखा फांद,
मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं....
- Shri Atal Bihari Vajpayee
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हमारा दिल किसी की याद और कुछ? है क्या दरकार इसके बाद और कुछ ?
नज़र शक्ल-ओ-शबाहत और मुहब्बत सभी कुछ तो किया बर्बाद और कुछ ?
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indigo-pdf · 1 month
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अगर इन लोगों में इतना सय्यम नही है, की anon भेेजने से पहले एक बार अपने अंदर भी झांक के देखे, तो सरल सी बात हैं की सारे triggered anons को आपकी posts देख कर अपने अंदर का बलात्कारी नज़र आ ही गया. शर्म तो उनको आयेगी नही, लेकिन ये गुस्सा देख कर समझ आ गया की आप सही राह पर हो. अब पुरुषो को भी मर्यादा सिखाने का समय आ गया हैं. अपनी लड़ाई जारी रखिए.
It will inspire others to speak up.
This. Thank you. You get it.
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delhidreamboy · 10 months
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दोस्त की बीवी के साथ रात भर चुदाई
दोस्तो, सबसे पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ.
मेरा नाम समीर है मैं बहराइच शहर का रहने वाला हूँ. मैं पाँच फिट ग्यारह इंच लम्बा हूँ और मेरे बाल काफ़ी लम्बे हैं.
मैं अपने दोस्तों में सबसे ज्यादा स्मार्ट हूँ.
सेक्स मेरी कमज़ोरी है.
किसी भी लड़की को देखता हूँ तो अपने पर कंट्रोल नहीं कर पाता और मौक़ा मिलते ही मुठ मार लेता हूँ.
मैं अपने दोस्त जुनैद खान की शादी में ना जा सका था.
उस दिन किसी काम के सिलसिले में फंस गया था.
उसके बाद मैं अपने कामों में ऐसा फंसा कि क़रीब पाँच साल तक दोस्ती यारी सब भूल गया.
जब मैं काम से थोड़ा आजाद हुआ तो दोस्तों की याद आई.
मगर अब दोस्त भी सब अपने अपने कामों में लगे हुए थे.
फिर एक दिन अचानक से जुनैद से यहीं मार्केट में मुलाक़ात हुई.
उसके साथ उसकी बीवी भी थी.
हम दोनों दोस्त अपनी बातों में मस्त हो गया.
कुछ देर में मेरी नज़र जुनैद की बीवी पर पड़ी.
वह बड़ी मस्त माल थी. यह Xxx सेक्सी हिंदी कहानी उसी के साथ की है.
उसके 36 साइज़ के चूचे और 38 इंच की गांड एकदम आग बरपा रही थी.
मैंने भाभी से हैलो की और सॉरी बोलते हुए कहा- सॉरी भाभी, मैंने आप पर ध्यान ही नहीं दिया. हम दोनों दोस्त अपनी पुरानी यादों में मस्त हो गए, माफ़ी चाहता हूँ!
जुनैद की बीवी ने जवाब दिया- आपने मुझ पर ध्यान नहीं दिया, कोई बात नहीं. पर आप शादी में भी नहीं आए. जुनैद हमेशा आपकी बातें करते रहते थे. मैं भी आपसे मिलने को उतावली थी.
ये कहती हुई उसने मेरे हाथ को दबा दिया.
मैं समझ गया कि भाभी चालू माल है.
मैंने बात को खत्म करते हुए हंसते हुए कहा- अरे भाभी, यहीं सब बातें कर लेंगी या कभी घर भी बुलाएंगी.
फिर हमारी बातें ख़त्म हुईं.
भाभी ने जाते वक्त कहा- आपका घर है, जब चाहें आ जाएं. जुनैद तो रात को दो के बाद ही आते हैं. आपकी जब मर्ज़ी हो, आ जाइए.
मैं भाभी का इशारा समझ गया और वहां से निकलते हुआ बोला- ओके भाभी, आपसे जल्दी ही मिलता हूँ.
मैं वहां से निकल गया.
इस बात को दो दिन हो गए थे.
मैं घर पर आराम कर रहा था.
उसी वक्त व्हाट्सैप पर अनजान नम्बर से एक मैसेज आया ‘क्या कर रहे हो मेरी जान!’
मेरे दोस्त अक्सर मैसेज से मुझे परेश���न करते रहते हैं तो मैंने इस मैसेज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि किसी दोस्त ने अनजान नंबर से मैसेज करके मुझसे शैतानी की होगी.
मैं उस मैसेज का बिना कोई जवाब दिए सो गया.
सुबह जब उठा तो देखा कि उसी नंबर से काफ़ी मैसेज आए हुए थे और दो मिस्ड कॉल भी थीं.
मैंने उसी नंबर पर कॉलबैक की, तो उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- हैलो मिस्टर समीर, गुड मॉर्निंग. कैसी कटी आपकी रात!
मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे सीधा बोल दिया कि अपनी भाभी के साथ सपने में कबड्डी खेलता रहा.
मेरी इस बात से उस तरफ से ज़ोर ज़ोर की हंसी के साथ आवाज आई- सही पहचाना, मैं ही हूँ आपकी कबड्डी खेलने वाली भाभी.
मैंने एकदम से अपने कहे पर खेद जताते हुए उनसे पूछा- सॉरी मेम, आप कौन?
‘मैं नादिया भाभी बोल रही हूँ.’
मैंने अब स्क्रीन पर उनका नंबर और ट्रू कॉलर पर आया हुआ नाम देखा.
फिर कहा- जी हां मुझे पता लग गया है. ट्रू कॉलरपर आपका नाम लिखा हुआ आया है. आप बताएं भाभीजान … सुबह सुबह अपने देवर को कैसे याद कर लिया?
वह बोली- सुबह सुबह तो छोड़िए, मैं तो सारी रात से आपको काफ़ी याद कर रही थी. कई मैसेज किये और दो बार कॉल भी किया, पर आपने फ़ोन ही नहीं उठाया. लगता है मुझसे नाराज़ हैं?
मैंने कहा- अरे भाभी जान, आपसे नाराज़ होकर कहां जाऊंगा. अपन तो दिल से ही आपके ही पास हैं.
वह हंसती हुई कहने लगी- काफ़ी अनुभव है आपको बात करने का … लगता है काफ़ी गर्लफ़्रेंड पटा रखी हैं.
मैं बोला- गर्लफ्रेंड तो नहीं, हां आप जैसी कुछ भाभियां हैं. जो समय समय पर अनुभव करवा देती हैं.
नादिया भाभी मेरी बात को क़ाटती हुई बोली- अच्छा वो सब छोड़ो … ये बताओ कि क्या आप मेरे घर आ सकते हैं?
मैंने कहा- कोई ज़रूरी काम हो, तो अभी आ जाऊं?
उधर से जवाब आया- अरे यार समीर … कल से जुनैद घर पर है नहीं. मैं अकेले बोर हो रही हूँ. आप आ जाएंगे तो आपसे जरा दिल बहला लूँगी.
मैं खुश होते हुए बोला- भाभी अभी तो सुबह हुई है, रात को आता हूँ.
उसने कहा- चलो मैं आपका इंतजार करूंगी.
कुछ देर और इधर उधर की बातचीत के बाद मैंने फ़ोन कट कर दिया.
अब मुझे और भाभी को रात का बेसब्री से इंतज़ार था कि कब रात हो और हम दोनों का मिलन हो.
मैं सोच रहा था कि बस कैसे भी करके नादिया भाभी को चोद लूं.
तो मैं नहाने गया तो झांटें साफ कर लीं.
रात होते ही मैंने मेडिकल से दो पैकेट कंडोम के ले लिए और भाभी के घर चला आया.
उनके घर पहुंचते ही मैंने दरवाजे की घंटी बजाई.
कुछ पल बाद दरवाज़ा खुला. दरवाजा खुलते ही मैं भाभी को देखता रह गया.
भाभी तो कहीं से शादीशुदा लग ही नहीं रही थी. उसने शॉर्ट्स और टॉप पहना था.
उसका रेड कलर का टॉप एकदम पारदर्शी था.
उस टॉप में से भाभी के दोनों चूचे और उन पर तने हुए गुलाबी निप्पल साफ़ दिख रहे थे.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
सीन देख कर तो दिल कर रहा था कि अभी ही इसे पकड़ कर चोद दूँ. पर ऐसा करना ठीक नहीं होता है.
सेक्स का जो मज़ा आराम से करने में है, वह ज़बरदस्ती में नहीं है.
हालांकि मेरा मुँह खुला का खुला रह गया था.
भाभी ने इतराते हुए कहा- अन्दर आ जाओ, फिर इस खुले हुए मुँह का इलाज भी कर देती हूँ.
मैं झेंप गया.
अन्दर जाते ही मैंने अपनी पैंट एडजस्ट की क्योंकि मेरा लंड खड़ा हो गया था.
भाभी ने बैठने को कहा और बोली- क्या लोगे, चाय कॉफ़ी!
मैंने कहा- भाभी आप जो देंगी, प्यार से ले लूँगा. वैसे दूध मिल जाता तो और अच्छा होता.
भाभी मुस्कुराती हुई अपने दूध हिला कर बोलीं- ठीक है, मैं लाती हूँ.
वह किचन जाने के लिए मुड़ी ही थी कि मैंने हाथ बढ़ाया और भाभी को अपनी ओर खींच लिया.
हम दोनों बेड पर गिर गए.
भाभी ने कहा- अरे, ये क्या कर रहे हो देवर जी?
मैंने कहा- भाभी, मैं तो दूध ताज़ा वाला ही पीता हूँ.
ये कहते हुए मैंने भाभी का टॉप तेज़ी से खींचा और उसको बाहर निकाल फेंका.
मैं उसके दोनों रसभरे चूचों पर टूट पड़ा.
भाभी की 36 साइज़ की चूचियां मेरे हाथों में नहीं आ रही थीं.
नादिया भाभी को अपने नीचे दबा कर उसकी दोनों चूचियों को हाथ से पकड़ कर मसलने लगा और एक चूची के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींच खींच कर चूसने लगा.
भाभी की मादक आहें और कराहें निकलना शुरू हो गईं.
मैंने क़रीब दस मिनट तक भाभी के दोनों चूचे चूसे … और चूस चूस लाल कर दिए.
अब हम दोनों का किस चालू हुआ.
मैं भाभी के पूरे बदन पर किस करता रहा.
वह आपे से बाहर हो रही थी.
किस करते करते मैं नीचे को सरकने लगा और भाभी की चूत पर आ गया.
भाभी की चूत शॉर्ट्स से ढकी हुई थी.
मैंने झटके से शॉर्ट्स को उतारा और चूत के अन्दर अपनी ज़ुबान डाल कर चूसने लगा.
अपनी चूत पर मेरी जुबान का अहसास पाते ही भाभी एकदम से सिहर उठी और छटपटाने लगी.
मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से दबोचा और चूत को चाटना शुरू कर दिया.
भाभी की चिकनी चूत एकदम कचौड़ी सी फूली हुई थी और रस छोड़ रही थी.
उसकी चूत का नमकीन रस चाटने से मुझे नशा सा आ गया और मैं पूरी शिद्दत से उसकी चूत को चाटने में तब तक लगा रहा, जब तक चूत का पानी नहीं निकल गया.
मैं चूत का रस चाटने लगा और चाट चाट कर भाभी की चूत को वापस कांच सा चमका दिया.
अब वह एकदम से निढाल हो गई थी और तेज तेज सांसें भर रही थी.
कुछ देर के बाद मैं उसके चेहरे को चूमने लगा तो वह बोली- सच में बड़े जानवर हो तुम … तुमने मेरी चूत में से पानी निकाल कर इसमें दोगुनी आग लगा दी है.
मैंने कहा- नादिया मेरी जान … अभी फायर बिर्गेड वाला पाइप खड़ा है … कहो तो तत्काल पाइप घुसेड़ कर आग बुझा दूँ.
वह बोली- आग तो बुझवानी ही है, पर उसके पहले मुझे उस पाइप को प्यार करना है जो मेरी आग बुझाएगा.
मैंने कहा- हां हां कर लो प्यार!
ये कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया.
उसने लंड मसलते हुए कहा- ये तो बड़ा अकड़ रहा है. इसे पहले मेरे मुँह में डालो … मैं इसकी अकड़ निकालती हूँ.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
नादिया भाभी ने मेरे लंड को बहुत प्यार से चूसा और उसे एकदम गर्म लोहे से तप्त सरिया बना दिया.
वह मेरे लौड़े को गले के आखिरी छोर तक लेकर चूस रही थी.
मैंने आह भरते हुए कहा- आह भाभी … मेरी जान और चूसो.
उधर भाभी भी दुबारा से गर्मा गई थी.
उससे रहा ना गया और वह बोली- समीर, मैं बहुत प्यासी हूँ. पहले मेरी चूत की प्यास मिटा दो. जुनैद के साथ कभी ऐसा मज़ा नहीं आया. वह तो मेरे ऊपर चढ़ता है और दो मिनट में झड़ कर सो जाता है. आज तक न तो उसने कभी मुझे ओरल सेक्स का सुख नहीं दिया.
मैंने कहा- अरे मेरी भाभी जान … अभी तो ये शुरुआत है. अगर आपको मुझसे चुदवाने में मज़ा ना आया, तो मेरा नाम भी समीर नहीं.
बस ये कह कर मैंने भाभी को अपनी तरफ़ खींचा और लंड पर कंडोम लगा कर अपने लंड को भाभी की मखमली चूत पर सैट कर दिया.
लौड़े को सैट करते ही मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.
एकदम से लौड़े ने चूत को फाड़ा, तो भाभी की चीख निकल गई.
भाभी की आंख से आंसू निकल आए और वह चिल्लाने लगी- समीर, मेरी चूत फट गई है, प्लीज़ निकाल लो.
लेकिन मैंने भाभी की एक ना सुनी और दोबारा झटका मार कर अपने लंड को पूरा अन्दर तक डाल दिया.
फिर मैं थोड़ी देर रुक गया.
Xxx सेक्सी भाभी दर्द से चीखती रही और छटपटाती रही.
कुछ देर बाद जब भाभी के चेहरे पर थोड़ा बदलाव आया और वह अपनी गांड को थोड़ा थोड़ा हिलाने लगी, तो मैं समझ गया कि भाभी को मज़ा आने लगा है.
अब मैंने भाभी को और तेज़ी से चोदना चालू कर दिया.
भाभी का सुर बदल गया था और वह बार बार कह रही थी- समीर, और तेज चोदो … और तेज.
यही सब कहते हुए वह अपने सर को इधर से उधर पटक रही थी.
हम दोनों की चुदाई का यह सिलसिला क़रीब बीस मिनट तक चला.
उसके बाद वह झड़ गई और उसके झड़ते ही मैं भी कंडोम में निकल गया.
झड़ने के बाद काफी थकान हो गई थी तो हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
आधा घंटा बाद उठे और वापस चुदाई चालू हो गई.
उस रात हम दोनों ने चार बार सेक्स किया.
यह सिलसिला अभी तक चल रहा है.
मैं आगे बताऊंगा कि भाभी की बहन को सेक्स की गोली खिला कर उसकी सील पैक चूत को कैसे चोदा.
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thisis-matilda · 6 months
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गुफ़्तुगू अच्छी लगी ज़ौक़-ए-नज़र अच्छा लगा
मुद्दतों के बाद कोई हम-सफ़र अच्छा लगा
दिल का दुख जाना तो दिल का मसअला है पर हमें
उस का हँस देना हमारे हाल पर अच्छा लगा
हर तरह की बे-सर-ओ-सामानियों के बावजूद
आज वो आया तो मुझ को अपना घर अच्छा लगा
बाग़बाँ गुलचीं को चाहे जो कहे हम को तो फूल
शाख़ से बढ़ कर कफ़-ए-दिलदार पर अच्छा लगा
कोई मक़्तल में न पहुँचा कौन ज़ालिम था जिसे
तेग़-ए-क़ातिल से ज़ियादा अपना सर अच्छा लगा
हम भी क़ाइल हैं वफ़ा में उस्तुवारी के मगर
कोई पूछे कौन किस को उम्र भर अच्छा लगा
अपनी अपनी चाहतें हैं लोग अब जो भी कहें
इक परी-पैकर को इक आशुफ़्ता-सर अच्छा लगा
'मीर' के मानिंद अक्सर ज़ीस्त करता था 'फ़राज़'
था तो वो दीवाना सा शा'इर मगर अच्छा लगा
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ashryyy · 9 months
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तेरे सिवा भी कई रंग खुश नज़र थे मगर,
जो तुझ को देख चुका हो वो और क्या देखे
- Parveen Shakir
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oyeevarnika · 1 year
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जो लहरों से आगे नज़र देख पाती
तो तुम जान लेते मैं क्या सोचता हूं
वो आवाज़ तुम को भी जो भेद जाती
तो तुम जान लेते मैं क्या सोचता हूं
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ज़िद का तुम्हारे
ज़िद का तुम्हारे जो पर्दा सरकता
खिड़कियों से आगे भी तुम देख पाते
आंखों से आदतों की जो पलकें हटाते
तो तुम जान लेते मैं क्या सोचता हूं
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मेरी तरह होता
मेरी तरह होता अगर ख़ुद पर ज़रा भरोसा
तो कुछ दूर तुम भी साथ-साथ आते
रंग मेरी आंखों का बांटते ज़रा सा
तो कुछ दूर तुम भी साथ-साथ आते
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नशा आसमान का जो
नशा आसमान का जो चूमता तुम्हें
हसरतें तुम्हारी नया जन्म पातीं
ख़ुद दूसरे जन्म में मेरा उड़ान छूने
कुछ दूर तुम भी साथ-साथ आते
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Udaan× taare zameen par
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