हे प्रिय!
बेकार उम्मीदों के भ्रम में पड़ प्रिय न हो जाना बर्बाद यूँही
अब न तो तुम कोई शशि ठहरी न मैं भी हूँ फरहाद कोई
क्विक फ़िक्स के दौर में प्रिय कब कोई दिल जुड़ पाते हैं
टाँके उधड़ ही जाते हैं प्रिय इंस्टैंट जोड़ कहाँ रुक पाते हैं
गये दौर के प्यार जताने के अंदाज़ भी अब तो हुए पुराने हैं
इस बदलते ज़माने में अब रिश्तों के भी नये हुए अफ़साने हैं
महबूबा प्रेयसी प्रियतमा कहाँ कोई अब हैं बेबी बेब प्रिय
आशिक प्रेमी प्रीतम नहीं कोई अब लवर्स हैं अरमान लिए
जो कभी दिल में सुलग उठती थी कोई चिंगारी इश्क़ की
बस जलाती रहती थी आशिक को ताउम्र दिल में दहकती
वो धूआँ जो उठता था आशिकों के ख़ाक हो जाने तलक
कोई निशाँ नहीं बस ख़ाक है हर तरफ़ ख़ामोश है ख़ल्क़
लवर्स जलते नहीं ब-ख़ूबी जानते हैं वो बचना आग से सभी
जानते हैं ये आग जला देगी दिल लगाने वालों को ही कभी
जज़्बात की चिंगारी ही न रही जो सुलगे और जला भी सके
अब तो स्पार्क है जिसकी आतिश दिल में कुछ पल ही रुके
न सीने पर ज़ख़्म लिए घूमता है न कोई दिल ही टूटते हैं यहाँ
ब्रेकअप होते हैं अब नया सिलसिला शुरू पुराना ख़त्म है जहां
न तो मैं ख़ुशी में बावरा बन नाचूँगा न मोहब्बत में चिल्लाते गाऊँगा
न होंगे ग़म में डूबे गीत कोई न ही ग़म भुलाने नशे में होश गँवाऊँगा
न रांझा हूँ मैं न देवदास कोई न मैं छोड़ूँगा मोहब्बत में घरबार प्रिय
सोहनी नहीं हो तुम भी खुद को बचा लेना कच्चे घड़ों से हर बार प्रिय!
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इंसाफ़ से न महरूम अब कोई शख्स रहेगा
इंसाफ़ से न महरूम अब कोई शख्स रहेगा
दुनियाँ में जो जैसा करेगा, वो वैसा ही भरेगा,
कागज़ की जो हो नाव वो कब तलक चलेगी ?
कोह ए सितम का भी निशाँ पल में मिटेगा,
हर शब के गुज़रने पर सहर हो कर रहेगी
जो दुःख मिला है तो कभी सुख भी मिलेगा,
शैतान के हर मकर से तुम ख़ुद को बचाना
जो नेक राहों पे चलेगा बस वही ऐश करेगा,
हर शाख़ पे है उल्लू क्यूँ न हो फ़िक्र चमन की
गफ़लत में जो रहोगे तो ये चमन भी न बचेगा,
कहीं धूप कहीं…
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"यार मिसाल ए आस चले
पाँव के तले फ़िरदौस चले
कभी डाल डाल कभी पात पात
मैं हवा पे ढूँढूँ उसके निशाँ.."
The build up to these lines, and when they play it just hits so strongly! Magic of Sukhwinder, Rehman and Gulzar.
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शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर बरस मेले वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशाँ होगा https://www.instagram.com/p/CooLW2QSrEa/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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जीवन दर्शन - 1
नाम-ओ-निशाँ तो
एक दिन
सभी का मिट जाता है…
मगर
कोई #हम..
कोई #वहम..
तो कोई #अहम में
जीते जी भी डुबाता है!
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आवरगान-ए-इश्क़ का पूछा जो मैं निशाँ
मुश्त-ए-ग़ुबार ले के सबा ने उड़ा दिया
//Meer ✨
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“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा”
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक एवं महान क्रान्तिकारी अमर शहीद प्रफुल्ल चन्द्र चाकी जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
#PrafullaChaki
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
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“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा”
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“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा”
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“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा”
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“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा”
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक एवं महान क्रान्तिकारी अमर शहीद प्रफुल्ल चन्द्र चाकी जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
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निशाँ...
निशाँ…
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ऐ यक़ीनों के ख़ुदा शहर ए गुमाँ...
ऐ यक़ीनों के ख़ुदा शहर ए गुमाँ किस का है
नूर तेरा है चराग़ों में धुआँ किस का है ?
क्या ये मौसम तेरे क़ानून के पाबंद नहीं
मौसम ए गुल में ये दस्तूर ए ख़िज़ाँ किस का है ?
राख के शहर में एक एक से मैं पूछता हूँ
ये जो महफ़ूज़ है अब तक ये मकाँ किस का है ?
मेरे माथे पे तो ��े दाग़ नहीं था पहले
आज आईने में उभरा जो निशाँ किस का है ?
वही तपता हुआ सहरा वही सूखे हुए होंठ
फ़ैसला कौन करे आब ए रवाँ किस का है…
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रोक दे मेरी धड़कन
हम नादाँ ये क्या मिटाने निकले,
इश्क़ के ज़िद्दी निशाँ बेहद ही पुराने निकले।
बरसों तेरी गली के सुब्ह-ओ-शाम फेरे,
जबकि तुझे शहर छोड़े ज़माने निकले।
यूँ तो हर कुछ कमा लिया था, पर
तुझको चाह कर हम दर्द कमाने निकले।
मेरे संग-संग रो पड़ा वो सागर,
जिसकी लहरों में तेरे ख़त को बहाने निकले।
एक तो ये नाउम्मीदी, उस पर ज़िक्र तेरा,
जैसे कोई आग से आग बुझाने निकले।
या-ख़ुदा अब रोक दे मेरी धड़कन,
फिर ना कोई इस दिल को चुराने निकले ।।
- अमरेश
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चलो कोई #निशाँ ढूँढ़ते हैं, दिल का बहता हुआ कारवाँ ढूँढ़ते हैं,💞 मुद्दत हो गयी है #मुस्कराये हुए🙄, चलो #खुशी का कोई जहां #ढूँढ़ते हैं।😎😎 (at WNN MUSIC Company Pvt. Ltd.) https://www.instagram.com/p/CLtcflaJVrI/?igshid=1wgyuws016sxz
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"शहीदों की #चिताओं पर लगेंगे हर #बरस #मेले #वतन पर मिटने वालों का यही बाकी #निशाँ होगा " "#शहीदी #दिवस पर" -- "#शहीदों को #नमन" . . . . . . . . . #IVFCentre, #SurrogacyCentre, #LaproscopyCentre, #HysteroscopyCentre, #IVF, #Surrogacy, #IUI, #Laparoscopy, #Hysteroscopy, #Delivery, #Maternity, #MaleFertility, #FemaleFertility, #Doctors, #Abortion, #SpermDonor, #Eggdonor, #EmbryoDonation, #MinimalIVF, #EggFreezing, https://www.instagram.com/p/B-FkLojHjG1/?igshid=1qxx0q3w7fde
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