रक्तचाप क्या है || रक्तचाप का नियंत्रण कैसे करें।
रक्तचाप क्या है
रक्तचाप शरीर के रक्त के दबाव को निर्दिष्ट करने वाला एक माप है। यह दबाव दो अंकों के रूप में मापा जाता है। उच्च रक्तचाप एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या होती है जो बीमारी या मृत्यु की एक प्रमुख वजह होती है। उच्च रक्तचाप अक्सर किसी अन्य समस्या का एक लक्षण होता है जैसे अस्थमा, मधुमेह और अन्य रोग। उच्च रक्तचाप के कुछ सामान्य लक्षण हैं जिनमें शामिल हैं: तनाव, चक्कर आना, सिरदर्द, निंद ना आना,…
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एक दशक में दोगुने हुए ब्लड प्रेशर के शिकार बच्चे, खानपान है इसका जिम्मेदार : रिपोर्ट
चैतन्य भारत न्यूज
समय से ज्यादा ड्यूटी, खाना खाने का निश्चित समय न होने और कम नींद के चलते लोग ब्लड प्रेशर (बीपी) का शिकार होते जा रहे हैं। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 के बाद पैदा होने वाले बच्चों में हाई ब्लडप्रेशर की दर दोगुनी हो गई है। इसका खुलासा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा 1994 से 2018 के बीच हुए 47 अध्ययन में हुआ है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 में पूरी दुनिया के 6 फीसदी बच्चे हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित थे। जबकि साल 2000 में ये आंक��ा 3 फीसदी था। वहीं साल 1990 के दशक में एक फीसदी बच्चों और किशोरों को ये तकलीफ थी जिसमें कुछ 6 साल के बच्चे भी शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन बच्चों का वजन अधिक था उनमें हाइपरटेंशन का खतरा अधिक है।
ब्लडप्रेशर यूके की सीईओ कैथरीन जेनर ने बताया कि, 'एक समय लोग हाइपरटेंशन को 60 से अधिक उम्र वालों की बीमारी मानते थे लेकिन अब ऐसा नहीं रहा है। उनका कहना है कि, खराब जीवनशैली, नमक का अधिक प्रयोग, फल और हरी सब्जियां न खाने और व्यायाम न करने से 30 से 40 साल के लोगों में हाइपरटेंशन के चलते दिल का दौरा पड़ता है जो मौत का एक बड़ा कारण है।'
मोटापे से महिलाओं को ज्यादा नुकसान
बढ़ता मोटापा हाइपरटेंशन की सबसे बड़ी वजह है। रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों में मोटापे से हाई ब्लडप्रेशर की संभावना दोगुनी होती है। जबकि मोटापे से पीड़ित महिलाओं में यह तीन गुना तेजी से बढ़ता है।
बच्चों का गलत खान-पान
बच्चों का खान-पान बीमारियों का सबसे बड़ा कारण है। गलत खान-पान और रहन सहन से यह तेजी से पांव पसार रहा है।
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Bloating or gas pain can lead to chronic intestinal disease. Excess gas is often a symptom of chronic intestinal conditions, such as diverticulitis, ulcerative colitis If you find any of these symptoms, do not delay. Consult Dr. Saba Khan Homeopathy Call/WhatsApp: 93473 66792 20 years of experience and 98% success rate in curing these disease. #DrSabaKhan #IrritableBowelSyndrome #AbdominalPain #Diarrhoea #HealthFacts #HealthTips #HealthCare #Homeopathy #IBS #VideoConsultation #PhoneConsultation #BestMedicine #BestRemedy #Diabetes #Hypertension #stress #EasyTreatment #Gastric #StomachPain #DrSaba #AlternateMedicine #HighSuccess #BestCure #ulcerativecolitis #diverticulitis #Gas #Bloating #Constipation #Ulcer #pepticulcer #Piles #बवासीर #Hemorrhoids #होम्योपैथी #गैस #डायबिटीज #मधुमेह #हाइपरटेंशन # उच्चरक्तचाप #तनाव
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नेपालीले खाइरहेको खानपान ठिक छैनः नियन्त्रण विभाग
नेपालीले खाइरहेको खानपान ठिक छैनः नियन्त्रण विभाग
शरीरलाई स्वस्थ्य राख्नका लागि सन्तुलित भोजनको आवश्यकता पर्छ । सन्तुलित भोजनले शरीरको वृद्धि विकासमा मद्दत गर्नुका साथै रोगप्रतिरोधात्मक क्षमता बढाउने काम गर्छ ।
सन्तुलित भोजनमा सामान्यतया दाल भात, अन्न फलफूल, माछा मासु, हरिया सागसब्जी दूग्धजन्य पदार्थ र तेल आदि सबै खाद्यान्नहरु पर्छन् । सन्तुलित भोजनले एनिमिया, उच्चरक्तचाप, मधुमेह, ह्ृदयरोग, मोटोपना, क्यान्सर स्ट्रोक जस्ता रोगहरुबाट बच्न मद्दत…
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इस वजह से बढ़ता है ब्रेन हैमरेज का खतरा
डॉ. रीशिकांत सिंह,वरिष्ठ न्यूरो सर्जन ,पीएमसीएच ,पटना ने बताया कि प्रकृति से दूरी बढ़ रही है। लोगों की जीवन शैली ऐसी होती जा रही है जहां प्रकृति प्रदत्त चीजों का स्थान सिमट रहा है। अनियमित दिनचर्या, प्रदूषित खानपान बीमारियों का बम बना रहा है। जिसका मुकाबला हम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर ही कर सकते है । उन्होंने बताया कि हमारे गड़बड़ खान-पान से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है, जिससे तरह तरह के रोग हो रहे हैं और यही रोग बाद में बड़े रोगों का कारण बनते है ।
सावधानी ही बचाव है :
डॉ. रीशिकांत सिंह ,वरिष्ठ न्यूरो सर्जन पीएमसीएच,पटना ने बताया कि ब्रेन हैमरेज, फालिज, लकवा जैसी प्राणघातक बीमारियों के पीछे छिपी हुई बीमारियां होती है। ये बीमारियां जो कि हमारे गड़बड़ खान पान, आहार-विहार और प्रकृति से दूर होने के कारण उत्पन्न होती हैं । उन्होंने लोगों को सुझाव देते हुए कहा कि आदर्श जीवनशैली अपनाएं जिससे स्ट्रोक होने की आशंका ही न रहे। डॉ. Singh ने कहा कि जो लोग मधुमेह, मोटापा, उच्चरक्तचाप आदि से पीड़ित हैं उन्हें सावधान हो जाना चाहिए। निश्चित समय पर जांच करायें और ठंड के दिनों में खानपान एवं रहन-सहन में सावधानी बरतें। सावधानी बरतने से पक्षाघात से बचा जा सकता है ।
फास्ट फूड नहीं घर की रसोई का भोजन
लें कि ज्यादातर बीमारियां पेट की बीमारियों के बाद उत्पन्न होती हैं, इसलिए पेट को दुरूस्त रखना चाहिए। पेट सही तो सब सही रहता है । पेट सही रहे इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम, मॉर्निग वॉक, इवनिंग वॉक के साथ ही संतुलित भोजन (घर की रसोई का पका हुआ भोजन) समय से करना चाहिए और समय से नींद लेनी चाहिए। बाजार का तला भुना भोजन, फास्ड फूड से बचना चाहिए । चोकर युक्त रोटी और हरी सब्जियों कें साथ ही दूध और दही के सेवन के प्रति संतुलित आहार चार्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आहार-विहार संयमित करने से जीवन शैली को आदर्श बनाना चाहिए और प्राकृतिक खाद्य पदार्थो का संतुलित सेवन एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति काम करना चाहिए । बीमारियों की खास वजह में प्रदूषण भी शामिल है।
ब्रेन हैमरेज के लक्षण
- चेहरे, हाथ या पैरों में अचानक से सुन्नपन (खासकर एक हिस्से में)
- अचानक से बोलने या समझने में दिक्कत
- अचानक से दोनों आंखों से धुंधला दिखने लगता है
- अचानक चलने के दौरान बैलेंस बनाए रखने में दिक्कत
- चक्कर आना
ब्रैन हैमरेज का उपचार
ब्रैन हैमरेज का उपचार दो तरीकों से होता है। एक तो ओपन सर्जरी और दूसरा इंडोवैस्कुलर तकनीक। ओपन सर्जरी तकनीक से दिमाग में शल्य चिकित्सा द्वारा रक्त स्राव को रोका जाता था। इस प्रक्रिया में शल्य क्रिया ज्यादा होती है। जबकि इंडोवैस्कुलर तकनीक में शल्य क्रिया कम होती है। इस तकनीक के तहत पैरों में छोटा छेद कर रक्त स्राव रोका जाता है।
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"Gift a glass of Goat milk" इंटरनेशनल डेयरी जर्नल में छपे शोध के अनुसार, रोजाना एक गिलास दूध पीने से शरीर में न केवल जरूरी पोषक तत्वों भरपाई होती है बल्कि दिमागी ताकत भी बढ़ती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, दूध में मौजूद मैगनीशियम जैसे पोषक तत्वों से स्मरण शक्ति अच्छी होती है और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है। दूध और दुग्ध उत्पाद दिल की बीमारियों और उच्चरक्तचाप की समस्याओं से भी बचाए रखने में मददगार होते हैं। इसके नियमित सेवन से दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पता लगाया कि अधिक दूध और दुग्ध उत्पादों का सेवन करने वालों का दिमाग और स्मरण शक्ति कम दूध पीने वालों या दूध ना पीने वाले लोगों की तुलना में बेहतर होता है। दूध में लैक्टोज शुगर होने के कारण पाचन दुरुस्त होता है। . . . . . . #azimpremji #ratantata #anandmahindra #vinayandgoat #coronafighters #india #indianwriters #indian #indiancricketteam #love #hindi #hindiwriters #yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagramsoftheday #mahindraroxor @teamkavitakissekahaniyan @kavitayeshaileshki @hindi_panktiyaan @hindinama @ehsas_gulzar @best_motivation_hindi @pratilipihindiofficial https://www.instagram.com/p/CKEva4wgMDt/?igshid=1dpqocne78fu9
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आज चर्चा आग्नेय कोण की- आग्नेय कोण किसी भूखण्ड के दक्षिणपूर्वी कोने को कहा जाता है। आग्नेय कोण को यथार्थ वास्तु विज्ञान के अनुरूप ढाल कर स्वास्थ्य, सम्पत्ति और संबंध लाभ लिया जा सकता है। • दक्षिणपूर्वी कोने में सामान्यतया रसोईघर, अतिथिकक्ष और बिटिया का कमरा बनाया जाता है। • दक्षिणपूर्वी कोना अग्नि तत्व प्रधान होने से यहाँ रसोईघर बनाया जाता है, ताकि भोजन स्वास्थ्यवर्धक रहे और धन संबंधी बरकत भी रहे। • दक्षिणपूर्वी कोने का ग्रह शुक्र होने से जिस दम्पत्ति को संतान प्राप्ति में बाधा हो, उन्हें दक्षिणपूर्वी कोने में ही शयन करना चाहिए। • बिटिया यदि दक्षिणपूर्वी कोने में रहे, तो विवाह योग्य होने पर, विवाह तो तुरंत होता ही है, वह सुख से बसती भी है। विशेष सावधानी- • जिन लोगों को उच्चरक्तचाप रहता है, या हृदयरोग है, या किसी प्रकार का त्वचा रोग है, या फिर जिन्हें जल्दी क्रोध आता है, उन्हें दक्षिणपूर्वी कोने में रहने से बचना चाहिए। • स्थानाभाव में यदि दक्षिणपूर्वी कोने में सीढ़ियाँ हों तो वे ऊपर चढ़ते हुए दाहिने मुड़ने वाली हों। • स्टोर दक्षिणपूर्वी कोने में हो, तो उसमें दैनिक आवश्यकता की वस्तुएँ ही हों, कबाड़ न हो, और उसे हमेशा साफसुथरा रखें। • दक्षिणपूर्वी कोने में शौचालय बना हो और हटा न सकते हों, तो उसमें लाल रंग का बल्ब लगाना चाहिए। • पानी की टंकी दक्षिणपूर्वी कोने में हो तो उसे हर हालत में हटा दें। • दक्षिणपूर्वी कोने में मुख्य द्वार हो तो यहाँ का फर्श उत्तरपूर्व से नीचा न हो। • यहाँ मंदिर न बनाएँ। http://shashwatatripti.wordpress.com #vastulokesh #southeast https://www.instagram.com/p/CCnKWZaHnbH/?igshid=1d1wsms5d5i8a
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कोरोनाबाट लण्डनमा थप एक भूपू सैनिकको मृत्यु
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काठमाडौं । कोरोनाबाट बेलायतमा थप एक पूर्व गोरखा सैनिकको निधन भएको छ ।
लण्डनको न्यू माल्डेनमा बस्दै आएका ७५ वर्षीय धनवीर थापामगरको उपचारका क्रममा मृत्यु भएको हो । स्वासप्रश्वासमा कठिनाइ देखिएपछि उनलाई गत मंगलबार किङस्टन अस्पतालमा भर्ना गरिएको थियो ।
उनलाई भेन्टिलेटरमा राखी उपाचार गराइएको थियो । पाल्पा स्थायी घर भएका थापा पछि बुटबल बसाइँसराइ गरेका थिए ।
पहिलेदेखि पिसाबथैलीको र उच्चरक्तचाप…
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Piles are caused by straining during bowel movements, obesity or pregnancy.
Discomfort is a common symptom, especially during bowel movements or when sitting. Other symptoms include itching and bleeding.
Homeopathy treatment with a high-fiber diet can be effective to provide relief for long term without side effects.
Consult Dr. Saba Khan Homeopathy
Call/WhatsApp: 93473 66792
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चुकंदर से स्टैमिना बढ़ायें | beetroot for stamina
चुकंदर स्टैमिना और सहनशक्ति को बढ़ाता है।
चुकंदर सस्ता और बाजारों में आसानी से मिलने वाला फल है। जो की खून को बढ़ाकर स्टैमिना और सहनशक्ति में इजाफा करता है।
चुकंदर में विटामिन , सल्फर, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन, विटामिन B1, B2, खनिज, सोडियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम आदि तत्व पाए जाते है जिस से न केवल बॉडी मजबूत होती है बल्कि रोगप्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ती है।
चुकंदर एक शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर फल है इसमें उपयुक्त मात्रा में नाइट्रेट होता है कई शोध बताते हैं जिन वेजिटेबल्स में नाइट्रेट की अधिकता होती है। ऐसे खाद्य को खाने पर अच्छी हेल्थ और शारीरिक क्षमता का विकास होता है नाइट्रेट को जब खाने में खाया जाता है। तो यह नाटक ऑक्साइड में बदल जाता है।
How beetroot increase Running Stamina
नाइट्रिक ऑक्साइड का लेवल जब शरीर में बढ़ जाता है तो यह रक्त प्रावाह को बढ़ाता है और साथ में फैफड़े और मांशपेशियों को मजबूत करता है। और इनके मजबूत होने से हृदय की साँस लेने की छमता भी बढ़ती है।
नाइट्रिक ऑक्साइड एक ऐसा प्रेरक ��ै जो की ऑक्सीजन को अच्छे से उपयोग करता है। नाइट्रिक ऑक्साइड मांशपेशियों को सिग्नल भेजने का काम भी करता है। और नाइट्रिक ऑक्साइड इस बात का ध्यान रखता है कि मांशपेशियों में रक्त और ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुच रही है या नहीं।
पहले की एक रीसर्च से यह पता चलता है कि चुकंदर खाने से खिलाडियों की खेल छमता को चुकंदर 16 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।
चुकंदर के खाने से anaerobic क्षमता का विकास होता है। जिसमें कम ऑक्सीजन मैं भी खिलाड़ियों का परफॉर्मेंस बढ़ता है ऐसा ही एक एक्सपेरिमेंट स्विमिंग करने वालों पर किया गया जिसमें पुरुष और महिला तैराक को पहले पानी पी कर स्विमिंग की कराई गई और उसके बाद चुकंदर का जूस पी के स्विमिंग करने के लिए गए और जब चुकंदर का जूस पीकर स्विमिंग करने पर उनके स्विमिंग का टाइम बढ़ जाता है।
इससे यह ज्ञात होता है कि चुकंदर का जूस पीने से आना और वह क्षमता बढ़ती है। यानी कि जब आप हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करते हैं। या फिर कोई ऐसा काम करते हैं जिस में ऑक्सीजन की कमी होती है। तो ऐसी स्थिति में यह जूस बहुत ही काम आता है ऐसी परिस्थिति में आप ज्यादा देर तक परफॉर्मेंस दे पाएंगे।
बीटरूट के लगातार उपयोग से क्षमता में लगातार विकास होता रहेगा और यह आपकी परफारमेंस को 20-30% तक बढ़ा सकता है और वही यह धावकों के लिए बहुत ही विशेष है क्योंकि यह रनिंग की क्षमता को भी काफी बढ़ाता है।
चुकंदर खाने के फायदे
चुकंदर कैल्शियम की पूर्ति।
एथलीट और बॉडीबिल्डिंग के लिए मजबूत हड्डियां बहुत जरूरी होती है। और यदि कैल्शियम की कमी हो जाये तो शरीर कमजोर हो जाता है। अगर कैल्शियम की कमी हो तो चुकन्दर का जूस पीना चाहिए। क्यों की इसमें मिनिरल सिलिका होता है जो की कैल्शियम की कमी को पूरा करता है।
चुकंदर श्वसन नली को करें साफ।
दौड़ने में या high intensity workout में साँस फूलने लगती है तो इसका कारण फैफड़ों में जमा बलगम भी हो सकता है। अगर ऐसा हो तो चुकन्दर का जूस पियें। इससे साँस नाली का बलगम बाहर निकल जाता है।
चुकंदर उच्चरक्तचाप को कम करता है।
चुकन्दर के उपयोग से hypertension की समस्या मैं आराम मिलता है क्योंकि चुकंदर में नाइट्रेट की अधिकता होती है जिससे यह नाइट्रेट को खाने पर यह नाइट्रिक ऑक्साइड में कन्वर्ट हो जाता है और नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त में ऑक्सीजन की क्षमता को बढ़ाते हुए रक्त की प्रावाह की गति भी बढ़ाता है यानी कि यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है अगर ब्लड प्रेशर हाई हो तो 500 मिली चुकंदर का जूस पी ले 3 घंटे में आराम मिल जाता है यानी कि यह हाइपरटेंशन के लिए बहुत ही सस्ता इलाज है
चुकन्दर केंसर से बचाता है।
चुकन्दर में बहुत सा एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो कि कैंसर होने की संभावना को कम करता है ऐसा ही एक केमिकल Betanin भी पाया जाता है जोकि कैंसर से बचाता है Bitanin की मदद से ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर से बचा जा सकता है।
चुकंदर शरीर से विषैले तत्वों को निकलता है।
Beetroot मे Betaine और pectin जैसे जरूरी सब्सटेंस होते हैं। जो कि लीवर को क्लीन करते हैं तो अगर आप चुकंदर का जूस पीते हैं तो यह शरीर में toxins का लेवल को कम करते हैं। जिससे कि अगर आप रनिंग करते हैं तो यह मसल्स में जलन को कम करता है और अंदरूनी घाव को जल्दी भरता है
बैगनी कलर की सब्जियों में बहुत सारा नाइट्रेट केमिकल होता है जो कि व्यायाम की क्षमता को बढ़ाता है।
लुइस यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के अनुसार अगर धावक दौड़ से पहले बीटरूट का सेवन करते हैं तो वह 5 किलोमीटर की दौड़ तेजी 5% ज्यादा तेज स्पीड से दौड़ पाएंगे।
और भी ऐसी बहुत सी शोधों के अनुसार पाया गया है। चुकंदर के जूस से स्टैमिना बढ़ता है और मसल्स की कार्य क्षमता बढ़ती है।
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Permanent Cure High Blood Pressure / Hypertension | उच्च रक्तचाप का उपच...
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कोरोना से बनारस बेहाल शिवम् सिंह बता रहे हैं हाल
मुख्य संवादाता/ वाराणसी
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के जनपद वाराणसी के बीएचयू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कोविड-19 की एक मरीज की बृहस्पतिवार को एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
जिला प्रशासन ने बताया कि 58 वर्षीय महिला का संबंध लल्लापुरा हॉटस्पॉट से है। यह मरीज दिनांक चार मई को बीएचयू सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराई गई थी। उन्हें मधुमेह, उच्चरक्तचाप और थायरॉयड की…
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धूमपान : धूमपान वा चुरोट सेवन गर्ने पुरुषहरुलाई त्यसमा हुने निकोटिनको कारण रक्तनलीहरु खुम्चिन थाल्छ । जसले शरीरमा अक्सिजनको मात्रा समेत घटाउछ । यसले कपाल झर्न मद्धत पुरयाउछ ।
अत्यधिक रक्सी सेवन : बढी रक्सी सेवन गर्ने मानिसको शरीरमा टक्सीन बढ्छ । आइरन, जिंक पानीको मात्रा भने कमी हुन्छ । यस्तो अवस्थामा कपाल झर्न थाल्छ ।
बंशाणुगत कारण : पुरुषहरुको कपाल झर्नुको अर्को कारण बंशाणुगत कारण पनि भएको मानिन्छ । यदि तपाईँको परिबारमा कम उमेरमा पुरुषहरुको कपाल झर्ने समस्या छ भने यस्तो समस्या तपाईँमा पनि हुनसक्छ ।
हर्मोन समस्या : पुरुषहरुको कपाल झर्नेको अर्को साझा कारण एन्ट्रोजेनिक एलोपिका हो । शरीरमा डीएचटी हर्मोनको व्यालेन्स बिग्रदा यस्तो समस्या हुन्छ ।
सरायनयुक्त पदार्थको प्रयोग : हरेक किसिमका हेयर जेल, कलर्स , शैम्फू, कन्डिशनर जस्ता पदार्थको प्रयोग गर्दा हुने साइड इफेक्टको कारण पनि कपाल झर्न थाल्छ । ती पदार्थमा कतिपयलाई सहन गर्न नसक्ने हानीकारक पदार्थ समेत मिलेको हुनसक्छ ।
तनाव : तनाव बढ्दा पनि पुरुषहरुको कपाल झर्नसक्छ । तनाव बढदा शरीरको हर्मोन्सको व्यालेन्स विग्रन्छ । यसले कपाल भर्नेको समस्या ल्याउन सक्छ ।
अस्वस्थ खानपान : पुरुषहरुको छिटो कपाल खुइलिनुको अर्को कारण अस्वस्थकर खानपान हो । खानामा सही मात्रामा पोषण नपुग्दा शरीरमा आइरन, भिटामिन ए, प्रोटिन, जिंक, क्याल्सियम जस्ता पौष्टिक तत्वको कमी हुन्छ ।यसले कपाल झार्न मद्धत गर्छ ।
छालामा संक्रमण : टाउकोमा फंगल इन्फेक्सन भयो अथवा चायाँ पर्ने समस्या देखियो भने पनि त्यसले तिब्रगतिमा कपाल झार्न सक्छ ।
औषधिको असर : क्यान्सर , मुटु, उच्चरक्तचाप, डिप्रेशन, मधुमेह जस्ता रोगको औषधि सेवन गर्ने कतिपयलाई औषधिको असर देखिन्छ र कपाल झर्न थाल्छ ।
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आज वास्तुज्ञान में चर्चा आग्नेय कोण की- आग्नेय कोण किसी भूखण्ड के दक्षिणपूर्वी कोने को कहा जाता है । इसका देव अग्नि और ग्रह शुक्र है । आग्नेय कोण में सामान्यतया रसोईघर, अतिथिकक्ष, बिटिया का कमरा बनाया जा सकता है । अग्नि तत्व प्रधान होने से रसोई बनाई जाती है, की भोजन स्वास्थ्यवर्धक रहे और धन संबंधी बरकत भी रहे । ग्रह शुक्र होने से बिटिया यदि इस कोण में रहे, तो विवाह योग्य होने पर, विवाह तुरंत होता है और वह सुख से बसती भी है । जिस दम्पत्ति को संतान प्राप्ति में बाधा हो, उन्हें आग्नेय में शयन करना चाहिए । जिन लोगों को उच्चरक्तचाप है, त्वचा रोग है, जल्दी क्रोध आता है, या हृदयरोग है, उन्हें आग्नेय में नहीं रहना चाहिए । स्थानाभाव में यदि आग्नेय में सीढ़ियाँ हों तो वे ऊपर चढ़ते हुए दाहिने मुड़ने वाली हों । स्टोर हो, तो उसमें दैनिक आवश्यकता की वस्तुएँ ही हों । गलती से यहाँ शौचालय बना हो और हटा न सकते हों, तो उसमें लाल रंग का बल्ब लगाना चाहिए । पानी की टंकी हो तो उसे हर हालत में हटा दें । यदि मुख्य द्वार हो और यहाँ पोर्च हो तो यहाँ का फर्श ईशान से नीचा न हो । यहाँ मंदिर न बनाएँ । इस कोण में अविवाहित पुत्र का कमरा हो और वह जिद्दी, कहना न मानने वाला हो तो उसका कमरा यहाँ न रखें । इस प्रकार आग्नेय कोण को वास्तु अनुरूप ढाल कर स्वास्थ्य, सम्पत्ति और संबंध लाभ लिया जा सकता है ।
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Treat Fissure Fistula without surgery, no side effects, no pain. Consult Dr. Saba Khan Homeopathy Call/WhatsApp: 93473 66792 20 years of experience and 98% success rate in curing these disease. #DrSabaKhan #IrritableBowelSyndrome #AbdominalPain #Diarrhoea #HealthFacts #HealthTips #HealthCare #Homeopathy #IBS #VideoConsultation #PhoneConsultation #BestMedicine #BestRemedy #Diabetes #Hypertension #stress #EasyTreatment #Gastric #StomachPain #DrSaba #AlternateMedicine #HighSuccess #BestCure #ulcerativecolitis #diverticulitis #Gas #Bloating #Constipation #Ulcer #pepticulcer #Piles #बवासीर #Hemorrhoids #होम्योपैथी #गैस #डायबिटीज #मधुमेह #हाइपरटेंशन # उच्चरक्तचाप #तनाव
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पोखराको बजारमा अब पोषणयुक्त कालो चामल, कालो चामल कहिल्यै देख्नु भएको छ ? माघ २१ गते- बजारमा अहिले धेरै जसो पालिस गरिएको सेतो चामल पाइन्छ जो हामीले दैनिक रुपमा उपभोग गर्छौँ र छिटफुट रूपमा रेड राइस, ग्रे राइस, ग्रे ग्रिन राइस, ब्राउन राइसहरू बजारमा उपलब्ध छन्। कालो चामल पनि पाइन्छ, भन्ने कुरा धेरैलाई थाहा नहोला। छिटफूट मात्रामा बजार��ा पाइने यो अरुको तुलनामा महँगो पर्छ। जि–६० धानबाट कालो चामल बन्छ। कालो चामल अब पोखराको बजामा पनि उपलब्ध हुन थालेको छ । विशेषतः यो धानको खेती पहाडी भेगमा राम्रो हुन्छ। यो धानको रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता अन्य जातको धानभन्दा बढी रहेको बताइन्छ। यसलाई ८/१० घण्टा भिजाएर अन्य चामलमा एक तिहाई मिसाई पकाउनु पर्दछ। एक छाकमा १५ ग्राम अन्य चामल सँग मिसाएर पकाउनु पर्दछ । यो चामलले स्वस्थ्यमा निकै फाइदा पुग्ने राप्ती गोल्र्डन एग्रिकल्चरका सञ्चालक चुडानन्द देवकोटाले जानकारी दिए । ‘यसको दैनिक एक चौथाई मात्र सेवनले पनि रक्तअल्पता, क्यान्सर, मधुमेह, हृदयघात, उच्चरक्तचाप, अल्जाइमर, मुटुरोग, जस्ता रोगहरुबाट बच्न मद्दत पुर्याउने उनको भनाई छ । ‘यसमा रहेको चार प्रतिशत भन्दा बढी आइरनको मात्राले रक्तअल्पता तथा विषेश गरी महिलाहरुलाई गर्भवती अवस्थामा आइरनको कमीबाट हुने रोगबाट बचाउन समेत मद्दत गर्दछ’ उनको भनाई छ । यो धानको जीवन नब्बे दिनको हुन्छ, अर्थात नब्बे दिनमा यो धान पाक्दछ। यो धानको अपगुण भनेको यसको धान छोटो हुने र यसलाई झार्न थ्रेसर नै प्रयोग गर्नुपर्छ। काठमाडौं, पोखरा, झापा, महेन्द्रनगर, चितवन आदी ठाँउहरुबाट यो चमलको विक्रि सुरु भएको छ । यो चामल पोखराको चिप्लेढुङ्गा स्थित विनायक सुपरमार्केट र अन्य सुपरमार्केटमा समेत राखेको उनको भनाई छ । विगत ४ बर्षदेखि विविध कृषि फर्म प्रालिको नाममा दाङमा कालो चामल उत्पादन गरको बताए । उनल पहिलो विऊका लागि मात्र उत्पान गरेकार दुईवर्ष देखि चामका लागि विक्रि सुरु गरेको उनको भनाई छ । जि–६० धानको बिउ ७०० रुपैयाँ प्रति केजी पर्छ । दाङ, सल्यान र रुकुममा गरी तीन स्थानमा यसको ब्यवसायीक उत्पादन गरिदै र्फमका सञ्चालक दुर्योधन ओलीले बताए । उनका अनुसार तीन स्थानमा गरी हाल बार्षिक झण्डै ७ सय मुरी उत्पादन भएको बताए । चामल कालो हुने भएपनि यसको धान अन्य धान जस्तै हुन्छ । अन्य धान सरह उत्पादन हुने तर अन्य धानको तुलनामा चामल बढी निस्कने ओलीले बताए । उत्पादन कम भएको र मुल्य पनि बढी भएकाले सिमित स्थानमा मात्रै यसको विक्री वितरण हुने गरेको छ । समुन्द्र सतहबाट १ देखि २ हजार मिटर उचाइमा यसको उत्पादन राम्रो हुने जानकारहरुले बताएका छन् ।
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