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#मधुमेह आहार
mwsnewshindi · 2 years
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निम्न रक्त शर्करा: रक्त शर्करा को बढ़ावा देने के लिए सड़क पर स्नैकिंग विकल्प
निम्न रक्त शर्करा: रक्त शर्करा को बढ़ावा देने के लिए सड़क पर स्नैकिंग विकल्प
मधुमेह नाश्ता: कई मधुमेह रोगी जो प्रिस्क्रिप्शन दवाएं लेते हैं, जैसे कि सल्फोनील्यूरिया और इंसुलिन, निम्न रक्त शर्करा या हाइपोग्लाइसीमिया के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे भोजन छोड़ना, अत्यधिक गतिविधि में शामिल होना, अत्यधिक इंसुलिन का उपयोग करना, या शराब पीना, विशेष रूप से खाली पेट। यहां हमारे पास मधुमेह के अनुकूल खाद्य पदार्थों के साथ कुछ देसी व्यंजनों की एक सूची…
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vedikrootsayurveda · 1 year
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सलासिया से मधुमेह को पूरी तरह से नियंत्रित करना संभव है!
आजकल विश्व भर में मधुमेह की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक खतरनाक रोग है जिसमें रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और इसका नियंत्रण रखना मुश्किल हो जाता है। बहुत सारे लोग इसे एक आम समस्या मानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सलासिया नामक जड़ी बूटी का उपयोग करके हम मधुमेह को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं? यह संभव है! इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि सलासिया कैसे मधुमेह के इलाज में मदद कर सकती है और इसे कैसे उपयोग करें।
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स्वागत करते हैं आपका इस ब्लॉग में। मधुमेह, या डायबिटीज, एक बहुत ही आम रोग है जिसमें शरीर की इंसुलिन प्रणाली कमजोर हो जाती है या पूरी तरह बंद हो जाती है। इससे शरीर में उच्च रक्त शर्करा स्तर हो जाता है और कई सारी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि दिल की बीमारियाँ, आंखों की समस्याएं, किडनी की खराबी, और नर्वस सिस्टम की कमजोरी। आपको आश्चर्य हो सकता है कि कैसे एक साधारण सी जड़ी बूटी, जिसे हम सलासिया कहते हैं, मधुमेह के इलाज में मदद कर सकती है।
सलासिया का मधुमेह पर प्रभाव
सलासिया एक जड़ी बूटी है जो पुराने समय से चिकित्सा में उपयोग होती आ रही है। इसे आयुर्वेदिक दवाइयों में एक महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है। सलासिया में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर के रक्त शर्करा स्तर को सामान्य करने में मदद करते हैं। इसके लिए, आप सालासिया के पत्तों को सूखा ले और पाउडर बना लें। फिर इस पाउडर को पानी के साथ मिश्रित करके पीने के पैटी बना लें। रोजाना इस पैटी को सुबह खाली पेट पिएँ और इसे मधुमेह के नियंत्रण में मदद के लिए उपयोग करें।
सलासिया के उपयोग के तरीके
सलासिया के पाउडर को रोजाना लेने से आपके शरीर में इंसुलिन संचार की गति बढ़ती है और रक्त शर्करा स्तर कम होता है। यह आपके शरीर को मधुमेह के संक्रमण से बचाता है और इसे पूरी तरह से नियंत्रित करता है।
स्वस्थ जीवनशैली का महत्व
सलासिया के साथ-साथ, एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम, और तनाव का प्रबंधन मधुमेह के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, एक अच्छा नींद का पालन करें, ज्यादा पानी पिएं, और तंबाकू और शराब का सेवन कम से कम करें।
मधुमेह के नियंत्रण के लिए सावधानियां
मधुमेह एक जीवनशैली संबंधी रोग है, जिसे ठीक से नियंत्रित किया जा सकता है। जब हम सलासिया का उपयोग करते हैं, तो हम अपने शरीर को प्राकृतिक तरीके से मधुमेह से बचाने में मदद करते हैं। इसके साथ-साथ, स्वस्थ जीवनशैली के पालन से हम मधुमेह को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं। यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सलाह पर चलें। ऐसा करने से हम सही इलाज और नियंत्रण की दिशा में सही कदम उठा सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
सलासिया से मधुमेह को नियंत्रित करने की संभावना
आखिरकार, सलासिया से मधुमेह को पूरी तरह से नियंत्रित करना संभव है। हमें इसे सही तरीके से उपयोग करना चाहिए और साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए। इस प्रयास में हम एक स्वस्थ और सुखी जीवन जी सकते हैं जो मधुमेह से पूरी तरह मुक्त होता है।
ध्यान रखें, आपका स्वास्थ्य आपकी जिम्मेदारी है!
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helputrust · 1 year
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देशवासी एक परिवार हैं और परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य की देखभाल करना हमारा कर्तव्य है – हर्ष वर्धन अग्रवाल |
लखनऊ, 09.04.2023 | "विश्व होम्योपैथी दिवस" के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट कार्यालय 25/2G, सेक्टर-25, इंदिरा नगर, लखनऊ में "निशुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर" का आयोजन किया गया | शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा तथा आचार्य अरविंद पांडे नारायण दास ने दीप प्रज्वलन तथा होम्योपैथी के जनक डॉ क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हैनीमेन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया | शिविर आयोजन में विशेष सहयोग करने के लिए डॉ संजय कुमार राणा को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया | इस अवसर पर डॉ अलका सक्सेना, एक्यूपंचर चिकित्सक, डॉ आकांक्षा खरे, क्लीनिकल आहार एवं पोषण विशेषज्ञ एवं डॉ उषा पांडे, कोशीय पोषण विशेषज्ञ ने एक्यूपंचर एवं आहार-विहार परामर्श भी प्रदान किया |
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी को विश्व होम्योपैथी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि, "विश्व होम्योपैथी दिवस का आयोजन होम्योपैथी के जनक डॉक्टर क्रिश्चियन फ्रैडरिक सैमुअल हैनीमैन की स्मृति में उनकी जयंती पर किया जाता है । विश्व होम्योपैथी दिवस 2023 (World Homeopathy Day) की थीम है “होमियो परिवार - सर्वजन स्वास्थ्य, एक स्वास्थ्य, एक परिवार', अर्थात हम सभी देशवासी एक परिवार हैं व परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य की देखभाल करना हमारा कर्तव्य है | इसी कर्तव्य को निभाते हुए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट वर्ष 2022 से निरंतर नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर रहा है तथा अभी तक 10 "नि:शुल्क होम्योपैथी परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविरों" का आयोजन कर चुका है और अब तक 1000 से अधिक लाभार्थी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं | हम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्र "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" के क्रम में आगे भी निरंतर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करते रहेंगे |
होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे कि, सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, ह्रदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) आदि से पीड़ित 61 रोगियों का वजन, रक्तचाप (Blood Pressure), मधुमेह (Sugar-Random) तथा बी.एम.आई (BMI) की जांच की गयी l डॉ० संजय कुमार राणा तथा डॉ० चंद्रकांत ने महिलाएं, पुरुष, बुजुर्गों तथा बच्चों सभी उम्र के लोगों को परामर्श प्रदान किया तथा निःशुल्क होम्योपैथी दवा प्रदान की l
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, डॉ० संजय कुमार राणा, डॉ० चंद्रकांत, सहयोगी सदस्य दिनकर दुबे, राहुल राणा, डॉ अल्का सक्सेना, डॉ आकांक्षा खरे, डॉ ऊषा पांडेय तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही l
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aushadhiauryog1 · 2 years
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प्रोटीनेक्स पाउडर प्रयोग करने से पहले जन लीजिये ये 10 बातें- Protinex Powder Benefits in Hindi
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दोस्तों प्रोटीनेक्स पाउडर बाजार में पाया जाने वाला एक खास किस्म का स्वास्थ्य वर्धक प्रोटीन सप्लीमेंट है। अक्सर लोग इस पाउडर का प्रयोग लोग अपने शरीर की मांसपेशियों को विकसित करने बॉडी बनाने वजन बढ़ाने और समूचे स्वास्थ्य को बूस्ट करने के लिए करते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि प्रोटीनेक्स पाउडर के क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ-Protinex Powder Benefits in Hindi हैं और इसके क्या  साइड इफेक्ट्स है-
मसल्स ग्रोथ में प्रोटीनेक्स का प्रयोग- Protinex for Muscle Growth
प्रोटीनेक्स में उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों और उतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक है।
वर्कआउट के बाद प्रोटीनेक्स पाउडर का सेवन करने से मांसपेशियों की वृद्धि और रिकवरी में सहायता मिलती है।
शरीर का वजन संतुलित करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
बहुत से लोग बचपन से ही दुबले पतले होते हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं। शारीरिक रूप से कमजोर और दुबला पतला होना बहुत ही लज्जा जनक होता है। इसलिए लोग अपना वजन बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं।
प्रोटीनेक्स पाउडर में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह शरीर का वजन तेजी से बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही साथ ही यदि आप शारीरिक व्यायाम करते हैं तो मसल्स ग्रोथ में बहुत सहायता देता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर के साथ-साथ मिनरल्स और अमीनो अम्ल भी पाए जाते हैं। यह सभी तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और रोगों से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं।
ऊर्जा और स्फूर्ति बढ़ाने के लिए प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है जो शरीर को त्वरित गति से उर्जा प्रदान करती है। यदि इस पाउडर का सेवन मुख्य रूप से एथलीट और सक्रिय जीवन शैली वाले लोग करते हैं तो उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।
हड्डियों को मजबूत बनाने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में कैल्शियम की अच्छी मात्रा उपलब्ध होती है जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है। इस पाउडर का नियमित प्रयोग हड्डियों के नुकसान को रोकने और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
पाचन क्रिया को सुधारने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
इस पाउडर में फाइबर की अच्छी मात्रा उपलब्ध होने के कारण यह पाचन क्रिया में भी सुधार लाता है। इसके साथ ही साथ यह आंतों को भी स्वस्थ बनाता है।
प्रोटीनेक्स पाउडर का नियमित सेवन करने से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर विभिन्न पोषक तत्वों से युक्त होता है और इसमें सोया प्रोटीन पाई जाती है। सोया प्रोटीन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। नियमित रूप से प्रोटीनेक्स पाउडर का सेवन करने से हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
ब्रेन फंक्शन सुधारने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में पाया जाने वाला कोलीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड ग्रीन फंक्शन को सुधारने के लिए बहुत आवश्यक तत्व माने गए हैं। इसके नियमित सेवन से याददाश्त और दिमागी कार्य क्षमता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
मधुमेह अर्थात डायबिटीज को संतुलित करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो मधुमेह के रोगियों की रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। संतुलित आहार के रूप में प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग करने से रक्त शर्करा को संतुलित किया जा सकता है और मधुमेह की जटिलताओं से बचा जा सकता है।
जनरल हेल्थ सप्लीमेंट के रूप में प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग
सामान्य तौर पर लोग प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग एक जनरल हेल्थ सप्लीमेंट की तरह करते हैं। सामान्य भारतीय भोजन में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की कमी पाई जाती है। जिसकी पूर्ति प्रोटीनेक्स पाउडर के सेवन द्वारा आसानी से की जा सकती है। नियमित रूप से प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग करने से लंबे समय तक दुरुस्त रहा जा सकता है।
प्रोटीनेक्स पाउडर बाजार में तीन प्रकार के उपलब्ध हैं- बच्चों के लिए प्रोटीनेक्स जूनियर, महिलाओं के लिए mama Protinex और वयस्कों के लिए सामान्य Protinex. भारतीय बाजार में 1kg protinex pack  600~700 INR तक के मूल्य में उपलब्ध है.
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💓 अपने दिल का ख्याल रखें, यह आपके लिए धड़कता है 💓
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आपका दिल हर दिन आपके लिए अथक परिश्रम करता है। इसे स्वस्थ रखने के लिए कुछ ज़रूरी कदम इस प्रकार हैं:
ब्लड प्रेशर की जाँच करें: अपने ब्लड प्रेशर की नियमित निगरानी से समस्याओं का जल्द पता लगाने में मदद मिल सकती है। उच्च रक्तचाप में अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन यह गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है।
ब्लड शुगर की जाँच करें: अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। मधुमेह से दिल की बीमारी का जोखिम काफ़ी हद तक बढ़ सकता है।
रोज़ाना व्यायाम करें: सप्ताह के ज़्यादातर दिनों में कम से कम 30 मिनट तक मध्यम व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। पैदल चलना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसी गतिविधियाँ आपके दिल को मज़बूत बना सकती हैं और रक्त संचार को बेहतर बना सकती हैं।
स्वस्थ भोजन करें: फलों, सब्ज़ियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार कोलेस्ट्रॉल को कम करने और स्वस्थ वज़न बनाए रखने में मदद कर सकता है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों और शर्करा का सेवन सीमित करें।
पर्याप्त नींद लें: समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत ज़रूरी है। अपने शरीर को ठीक होने और तरोताज़ा करने के लिए हर रात 7-9 घंटे की नींद लें।
हाइड्रेटेड रहें: रक्त की मात्रा को बनाए रखने और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पानी पीना ज़रूरी है। दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें।
तनाव को नियंत्रित करें: पुराना तनाव आपके हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ध्यान, योग और गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसी तकनीकें आपको तनाव के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
ये कदम उठाने से आपको हृदय-स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सकती है। व्यक्तिगत सलाह के लिए, Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology), सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 से परामर्श लें। अधिक जानकारी के लिए 6200784486 पर कॉल करें या drfarhancardiologist.com पर जाएँ।
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imranjalna · 15 days
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हम हर गाँव में मधुमेह निदान शिविर लगाने का प्रयास करेंगे- अर्जुन खोतकर
*शिविर में 331 लोगों की मधुमेह जाँच और 250 लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया जालना- व्यायाम की कमी, बढ़ता तनाव, बदलती जीवनशैली, अनियंत्रित आहार आदि कारणों से मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ रही है. पहले यह बीमारी साठ की उम्र के बाद होती थी, लेकिन अब युवाओं को भी यह हो रही है और शुरुआती कुछ वर्षों तक इसका पता ही नहीं चलता. इसका इलाज नहीं हो पाता और जटिलताएं पैदा होती हैं. समय पर निदान होने से…
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drmadhurendupandey · 16 days
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पुरुषों के स्वास्थ्य समस्याओं का संपूर्ण समाधान
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पुरुषों के स्वास्थ्य का महत्व
पुरुषों का स्वास्थ्य एक व्यापक विषय है जो शारीरिक, मानसिक, और यौन स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। पुरुषों के जीवन में स्वास्थ्य समस्याएँ आम हो सकती हैं, लेकिन इन्हें सही समय पर पहचानकर और उचित इलाज से निपटना आवश्यक है।
स्वस्थ शरीर और मन की आवश्यकता
स्वस्थ शरीर और मन, जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि दोनों का आपस में गहरा संबंध है।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच संबंध
मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याएँ शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं, जैसे उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियाँ, और सेक्स से जुड़ी समस्याएँ।
पुरुषों में आम स्वास्थ्य समस्याएँ
पुरुषों में कई स्वास्थ्य समस्याएँ देखी जाती हैं, जिनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, और मोटापा प्रमुख हैं।
हृदय रोग और उच्च रक्तचाप
हृदय रोग और उच्च रक्तचाप पुरुषों में एक आम समस्या बन चुकी है। यह समस्याएँ अक्सर अस्वस्थ जीवनशैली, उच्च वसा वाला आहार, और शारीरिक गतिविधियों की कमी से उत्पन्न होती हैं।
मधुमेह और इसके प्रभाव
मधुमेह भी एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है, जो न केवल शरीर में शर्करा के स्तर को प्रभावित करता है, बल्कि अन्य अंगों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
मोटापा और इसके कारण
मोटापा न केवल शरीर को भारी बनाता है, बल्कि यह हृदय, लीवर, और अन्य अंगों पर भी असर डालता है। इससे पुरुषों में यौन समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।
सेक्स से जुड़ी समस्याएँ और समाधान
पुरुषों में सेक्स से जुड़ी समस्याएँ जैसे सेक्स कमजोरी, यौन इच्छाशक्ति में कमी, और इरेक्टाइल डिसफंक्शन आम होती हैं। ये समस्याएँ शारीरिक और मानसिक कारणों से उत्पन्न हो सकती हैं।
सेक्स कमजोरी के कारण और उपचार
सेक्स कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक थकान, मानसिक तनाव, और कुछ रोग शामिल हैं। इसका इलाज शारीरिक व्यायाम, आहार सुधार, और मानसिक संतुलन बनाए रखने से किया जा सकता है।
यौन इच्छाशक्ति में कमी
यौन इच्छाशक्ति में कमी अक्सर मानसिक तनाव और हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। योग, ध्यान, और कुछ विशेष आहार इस समस्या में मददगार साबित हो सकते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज दवाओं, काउंसलिंग, और जीवनशैली में सुधार से किया जा सकता है।
आहार और जीवनशैली में परिवर्तन
आहार और जीवनशैली में सुधार, जैसे फल, सब्जियों, और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन और नियमित व्यायाम, इरेक्टाइल डिसफंक्शन को कम कर सकता है।
चिकित्सा और दवाइयाँ
चिकित्सकीय सहायता और दवाइयाँ, जैसे PDE5 inhibitors, भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज में प्रभावी हो सकते हैं।
स्वप्नदोष: कारण, प्रभाव और समाधान
स्वप्नदोष एक सामान्य समस्या है जो अक्सर किशोर और युवाओं में देखी जाती है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकती है।
स्वप्नदोष क्या है?
स्वप्नदोष, जिसे नाइटफॉल भी कहा जाता है, तब होता है जब पुरुष नींद में स्वप्न के दौरान वीर्यपात करते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन जब यह बार-बार हो, तो इसे समस्याग्रस्त माना जा सकता है।
स्वप्नदोष के मुख्य कारण
स्वप्नदोष के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अश्लील सामग्री देखना, अत्यधिक मानसिक उत्तेजना, या किसी चिंता या तनाव का होना।
स्वप्नदोष का प्रभाव
स्वप्नदोष का प्रभाव मानसिक और शारीरिक हो सकता है। अत्यधिक स्वप्नदोष से शारीरिक कमजोरी और मानसिक तनाव हो सकता है।
स्वप्नदोष से बचाव के उपाय
स्वप्नदोष से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली, योग और ध्यान, और उत्तेजक सामग्री से दूर रहना फायदेमंद हो सकता है।
गुप्तरोग: पुरुषों के लिए प्रमुख चिंताएँ
गुप्तरोग, पुरुषों के लिए गंभीर चिंताओं में से एक है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
गुप्तरोग की पहचान और लक्षण
गुप्तरोग, यौन संक्रमित बीमारियाँ होती हैं, जो आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंधों से फैलती हैं। इनके लक्षणों में जननांगों में जलन, घाव, और सूजन शामिल हो सकते हैं।
गुप्तरोग के प्रकार और उनके उपचार
गुप्तरोग कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे सिफलिस, गोनोरिया, और एचआईवी। प्रत्येक का उपचार अलग-अलग होता है, और इसके लिए चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक होता है।
चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता
गुप्तरोग के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। उचित समय पर इलाज न कराने से यह रोग बढ़ सकता है और गंभीर हो सकता है।
पुरुषों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के उपाय
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पुरुष अपने स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं।
नियमित व्यायाम का महत्व
नियमित व्यायाम न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। यह हृदय रोग और मोटापे जैसी समस्याओं से बचाव करता है।
संतुलित आहार और पोषण
संतुलित आहार जिसमें फल, सब्जियाँ, और प्रोटीन शामिल हों, शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है और विभिन्न बीमारियों से बचाता है।
तनाव प्रबंधन और योग
योग और ध्यान, मानसिक तनाव को कम करने और यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। यह मानसिक शांति और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष
पुरुषों के स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान एकीकृत दृष्टिकोण से संभव है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, और यौन स्वास्थ्य को समान महत्व दिया जाना चाहिए। उचित समय पर चिकित्सा
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अपने लिवर की देखभाल के लिए ये संकेत न भूलें, जानें इन्हें कैसे करना है स्वस्थ!
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अपने लिवर की देखभाल के लिए ये संकेत न भूलें, जानें इन्हें कैसे करना है स्वस्थ! लिवर एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर हम इसके स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हैं, तो  पीलिया और फैटी लिवर जैसी स्थितियां हो सकती हैं। इसलिए, विभिन्न रोगों को रोकने के लिए लिवर के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है।
Herbs for Liver Health: समग्र स्वास्थ्य के लिए लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विभिन्न शारीरिक कार्यों मेंमहत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर लीवर अच्छी स्थिति में नहीं है तो पीलिया, फैटी लीवर और लीवर में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लिवर की देखभाल करने से कई बीमारियों को रोका जा सकता है और शरीर के समुचित कार्य को सुनिश्चित किया जा सकता है। लिवर कार्बोहाइड्रेट को स्टोर करने, प्रोटीन बनाने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने और पित्त के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है। जब लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा होता है तो यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। लीवर शरीर को डिटॉक्स करने और विषाक्त पदार्थों को खत्म करने के लिए जिम्मेदार होता है। हमारे आहार में जड़ी-बूटियों, फलों और सब्जियों को शामिल करने से लिवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। इस लेख में हम आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के बारे में चर्चा करेंगे जो लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए फायदेमंद हैं।
लिवर संक्रमण के कारण कई मामलों में ठोस प्रमाण हैं। यहां फैटी लिवर के प्रमुख कारणों की एक नजर है
मोटापा: मोटापा फैटी लिवर रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए महत्वपूर्ण कारक है। अतिरिक्त वजन, विशेष रूप से पेट में अतिरिक्त चर्बी, आपके शरीर के वसा-मांसपेशियों के अनुपात को असंतुलित करता है और यह आपके लिवर में वसा जमा करने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है।
डायबिटीज  Type 2: मधुमेह (डायबिटीज) आपके शरीर में इंसुलिन के स्तर को प्रभावित करता है और इसके साथ ही यह लिवर में वसा संचय को बढ़ा सकता है। इससे लिवर में सूजन और निशान ऊतक का निर्माण हो सकता है।
अत्यधिक शराब की खपत: अत्यधिक शराब पीने वालों में वसायुक्त लिवर रोग के होने की संभावना बढ़ती है। शराब यकृत के सामान्य कामकाज को प्रभावित करती है, विशेष रूप से इसकी वसा को चयापचय करने की क्षमता। यदि यकृत की कोशिकाओं.
फैटी लिवर रोग के लक्षण
पेट में दर्द: पेट में दर्द कई कारणों से हो सकता है, लेकिन अगर यह दर्द लंबे समय तक बना रहता है और आपके आहार और व्यवहार में कोई बदलाव नहीं हो रहा है, तो यह फैटी लिवर के लक्षण हो सकता है।
भूख कम होना: अचानक भूख की कमी और अपार��पक्वता का अनुभव करना फैटी लिवर रोग के लक्षण हो सकता है। यदि आप महसूस करते हैं कि आपकी भूख कम हो गई है या आपको ठीक से भरा हुआ महसूस नहीं होता है, तो इसे जांचवाने के लिए चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
असामान्य वजन घटाना: अगर आपका वजन बिना किसी प्रयास के कम हो रहा है और आपके आहार और व्यायाम में कोई बदलाव नहीं हो रहा है, तो यह फैटी लिवर के लक्षण हो सकता है।
पीली त्वचा और पीली श्वेतपटल (आंखों का सफेद): पीलिया एक अन्य लक्षण हो सकता है जो फैटी लिवर रोग का संकेत देता है। यदि आपकी त्वचा या आंखों का सफेदीकरण हो रहा है, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए और चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
पेट और पैरों में सूजन : ब्लोटिंग और पैरों में सूजन भी फैटी लिवर रोग के लक्षण हो सकते हैं। यदि यह सूजन लंबे समय तक बनी रहती है और इसके साथ थकान और असामान्य वजन घटाने की समस्या होती है, तो आपको चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और आवश्यक परीक्षण कराने की सलाह देनी चाहिए।
लीवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इन चीजों को शामिल करें
मिल्क थीस्ल: लीवर के उपचार में मदद करती है और उसकी पुनर्जीवन क्षमता को बढ़ाती है।
अश्वगंधा: लीवर को सुरक्षा प्रदान करती है और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाती है।
कुटकी: लीवर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है और उसकी स्वास्थ्य को सुधारती है।
हल्दी: लीवर के शोधक गतिविधियों को बढ़ाती है और उसकी सुरक्षा में मदद करती है।
भुम्यमालकी: लीवर की सुरक्षा करती है, उसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाती है और फैटी लीवर को कम करती है।
पुनर्नवा: लीवर के रोगों के उपचार में मदद करती है और उसकी पुनर्जीवन क्षमता को बढ़ाती है।
Fytika Fit Liver लिवर स्वास्थ्य का पूर्ण समर्थन करने का सही तरीका! यह मिल्क थिसल, कासानी, पुरनवा, कुटकी, आंवला एक्सट्रैक्ट जैसे परीक्षित जड़ी-बूटियों के शक्तिशाली मिश्रण से तैयार किया गया है जो  लिवर के फंक्शन और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करती है । यह  पुरुषों और महिलाओं दोनों  के लिए Fytika Fit Liver टैबलेट का इस्तेमाल करने से फैटी लिवर समस्याओं को कम करने और लिवर के कार्य को सुधारने में मदद मिली है। इनकी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण,  लिवर को हानि से बचाते हैं। इन टैबलेट का सेवन न केवल विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है और सूजन, पीलिया, पेट और पेल्विक दर्द, पाचन संबंधी समस्याएं, भूख की कमी और अन्य में भी मदद करती  हैं।
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miracleshealthcare · 27 days
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डायबिटीज क्या है? लक्षण, कारण, बचाव, तथा इलाज
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मिरेकल्ज़ अपोलो क्रैडल/स्पेक्ट्रा में गुड़गांव के प्रसिद्ध आंतरिक चिकित्सा डॉक्टर (Internal Medicine Doctor in Gurgaon) के अनुसार, मधुमेह (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के रक्त में ग्लूकोज (Glucose) का स्तर बढ़ जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि पैंक्रियस (Pancreas) जो शरीर में इंसुलिन नामक एक हार्मोन उत्पन्न करता है, उसका उत्पादन या इसका उपयोग ठीक से करता है। इंसुलिन के अभाव में, ग्लूकोज शरीर के कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता और रक्त में उसकी मात्रा बढ़ जाती है। डायबिटीज अक्सर बढ़े हुए शरीर के मापदंडों, अनियमित खानपान और व्यायाम की कमी के कारण हो सकती है। मधुमेह के लक्षण (Diabetes Symptoms) में थकान, बार-बार पेशाब आना, भूख बढ़ना और वजन कम होने की समस्याएं शामिल हो सकती हैं। इसे नियंत्रित रखने के लिए उपचार में उचित आहार, व्यायाम और दवाओं का सही समय पर सेवन महत्वपूर्ण होता है।
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happymillionsayurved · 2 months
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Diabetes kya hai in Hindi
शुगर की आयुर्वेदिक औषधि ( Sugar ki ayurvedic dawai)
ग्लुकोपॉज़ टैबलेट एक आयुर्वेदिक औषधि है जो मधुमेह को प्रबंधित करने में मदद करती है। यह प्राकृतिक अवयवों जैसे सलासिया रेटिकुलाटा, जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे, मॉमोरडिका चरंटिया और ट्रिगोनेला फोएम से बनी है। ये तत्व रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक होते हैं। इस टैबलेट को भोजन के बाद दिन में दो बार लिया जाता है। यह किसी भी कृत्रिम रंग, स्वाद या परिरक्षक से मुक्त है, जिससे यह सुरक्षित और प्रभावी बनती है।
ग्लुकोपॉज़ टैबलेट (Glucopause Tablet)
मुख्य सामग्री:
सलासिया रेटिकुलाटा (Salacia reticulata): 150mg
जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे (Gymnema sylvestre): 50mg
मॉमोरडिका चरंटिया (Momordica charantia): 200mg
ट्रिगोनेला फोएम (Trigonella foenum): 250mg
लाभ:
रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करता है।
प्राकृतिक अवयवों से बना, बिना किसी कृत्रिम रंग, स्वाद या परिरक्षक के।
अधिक जानकारी और खरीद के लिए यहां क्लिक करें। ‘
FAQ
क्या आयुर्वेदिक डायबिटीज  उपचार के लिए  सुरक्षित हैं?
आयुर्वेदिक उपचार आमतौर पर प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और प्रक्रियाओं पर आधारित होते हैं, जो हजारों सालों से उपयोग में हैं। हालांकि, किसी भी चिकित्सा पद्धति की तरह, आयुर्वेदिक उपचार भी तभी सुरक्षित होते हैं जब इन्हें सही तरीके से और एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार लिया जाए।
क्या आयुर्वेद से डायबिटीज   ठीक हो सकता है?
आयुर्वेद में डायबिटीज  को प्रमेह के रूप में वर्णित किया गया है, और यह मूल रूप से एक चयापचय विकार है जो शरीर में ग्लूकोज को तोड़ने में असमर्थता के कारण होता है। भले ही डायबिटीज   का पूर्ण इलाज बहस का विषय है, लेकिन स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखकर आयुर्वेद में डायबिटीज  का इलाज संभव है। आपको स्वस्थ जीवन शैली जीने और डायबिटीज  को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा आयुर्वेदिक पूरक, समग्र शुद्धिकरण उपचार और उपचारात्मक मालिश दी जाती है।
डायबिटीज  के लिए कौन से खाद्य पदार्थ सुरक्षित हैं?
कुछ सब्जियाँ जैसे गोभी, गाजर, ब्रोकोली, पालक, प्याज, लहसुन, ककड़ी, सलाद, टमाटर, मूली, और चुकंदर, और खट्टे फल डायबिटीज  रोगियों के लिए बहुत अच्छे हैं। रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए आप साबुत अनाज, अंकुरित अनाज, छोले और आंवला, दालचीनी, हल्दी, मेथी, नीम, हरी चाय और एलोवेरा जैसे हर्बल आहार अनुपूरक का भी सेवन कर सकते हैं। फिर भी, विशेषज्ञों से परामर्श करने और आयुर्वेद में डायबिटीज  का उचित और सर्वोत्तम उपचार पाने के लिए आयुर्वेदग्राम में आपका हमेशा स्वागत है।
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airnews-arngbad · 3 months
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 05 July 2024
Time 7.10 AM to 7.20 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक ०५ जूलै २०२४ सकाळी ७.१० मि.
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नीती आयोगाच्या संपूर्णता अभियानाला सुरुवात, राज्यात १५ जिल्ह्यांमधल्या २७ तालुक्यांचा समावेश
विधानपरिषदेचे विरोधी पक्षनेते अंबादास दानवे यांच्या निलंबन काळात कपात
दूध उत्पादकांना हमी भाव देण्याबाबत केंद्र सरकार सकारात्मक - केंद्रीय सहकार मंत्री अमित शाह
आणि
टी-ट्वेन्टी विश्वचषक विजेत्या भारतीय संघाचे मुंबईत भव्य स्वागत, पॅरिस ऑलिम्पिकसाठी रवाना होणाऱ्या क्रीडापटूंना पंतप्रधानांनी दिल्या शुभेच्छा
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नीती आयोगाचं संपूर्णता अभियान कालपासून देशभरात सुरू झालं. ३० सप्टेंबर पर्यंत देशातल्या ५०० तालुक्यांमध्ये हे अभियान राबवलं जाणार आहे. या अभियानामार्फत गरोदर मातांची तपासणी, उच्च रक्तदाब आणि मधुमेह तपासणी, गरोदर मातांना पोषण आहार, मृदा आरोग्य पत्रिका आणि स्वयंसहाय्यता गटांना खेळतं भांडवल देण्यात येणार आहे.
राज्यात नांदेड, जालना, हिंगोली, धाराशिव, बीडसह १५ जिल्ह्यांमधल्या २७ तालुक्यांचा या अभियानात समावेश झाला आहे.
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हिंगोली जिल्��्यात संपूर्णता अभियानाला काल सुरुवात झाली. जिल्हाधिकारी जितेंद्र पापळकर यांनी आकांक्षित तालुक्यात करण्याच्या कामांची यादी वाचून दाखवत सर्व निकष मुदतीपूर्वीच पूर्ण करणार असल्याचं सांगितलं. यासाठी हिंगोली तालुक्यातल्या सर्व ग्रामपंचायतीमध्ये ग्रामसभा घेण्याचे निर्देशही त्यांनी दिले...
“ह्या कार्यक्रमामध्ये सहा पॅरामीटर्स नीती आयोगाकडून निश्चित केलेले आहेत, त्याच्यामधलं १०० टक्के काम आम्हाला पूर्ण करायचं आहे. ह्याच्यामध्ये महिलांच्या अनुषंगाने १०० टक्के प्रेगनन्ट लेडीजचं रजिस्ट्रेशन, महिलांच्या साठी असलेला १०० टक्के पोषण आहार, त्याच अनुषंगाने आपल्याकडच्या कृषी विभागाकडच्या असलेल्या कृषी आरोग्य कार्डचं डिस्ट्रीब्युशन आणि आपल्या महिला बचत गटांना १०० टक्के रिव्हॉल्व्हिंग फंड देणे या चार पॅरामीटर्समध्ये १०० टक्के काम करण्यासाठी आम्ही त्याचं नियोजन आणि आराखडा आज समितीमध्ये मंजूर केला. आणि खऱ्या अर्थाने आकांक्षित तालुका ऑगस्ट महिन्याच्या अखेरच आपण ह्याच्यातले जे काही पॅरामीटर्स आहेत, ते १०० टक्के पूर्ण करण्याचे नियोजन आम्ही केलेलं आहे.’’
धाराशिव जिल्ह्यातल्या परंडा इथं संपूर्णता अभियानाचा शुभारंभ जिल्हाधिकारी डॉ.सचिन ओंबासे यांचे हस्ते झाला, यावेळी परंडा तालुक्यातल्या शेतकऱ्यांना प्रतिनिधिक स्वरूपात जमीन आरोग्य पत्रिकांचं वाटप करण्यात आलं, तसंच आयुष्यमान भारत अंतर्गत आभा कार्डाच वाटप आणि महिला बचत गटांना फिरत्या निधीचे वाटप करण्यात आलं. तालुक्यातल्या प्रत्येक गावात यानिमित्ताने नीति आयोगाने घालून दिलेल्या विविध निर्देशांकाची जनजागृती करण्यासाठी जनजागृती फेरी काढण्यात आली होती.
यवतमाळ जिल्ह्यात झरी-जामणी इथंही काल संपूर्णता अभियानाचं उद्घाटन झालं. यावेळी जिल्हाधिकाऱ्यांसह उपस्थित सर्वांनी आकांक्षित तालुक्याला सक्षम आणि समृद्ध करण्याची प्रतिज्ञा घेतली.
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महाराष्ट्रात यंदाच्या खरीप हंगामात आतापर्यंत विक्रमी ७१ टक्के पेरणी झाली आहे. गेल्या वर्षीच्या तुलनेत एक लाख १० हजार हेक्टरची वाढ झाल्याची माहिती कृषीमंत्री धनंजय मुंडे यांनी काल विधानसभेत दिली. आतापर्यंत १०१ लाख हेक्टरवर पेरणी झाली असून, गेल्यावर्षीच्या तीन जुलैच्या तुलनेत हे प्रमाण २० लाख हेक्टरनं वाढलं असल्याचं त्यांनी सांगितलं. राज्यात कुठेही खतं आणि बियाणांचा तुटवडा नाही, नियोजनापेक्षा अधिक खतं आणि बियाणं उपलब्ध असल्याचं मुंडे यांनी सांगितलं.
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राज्यात पाणीटंचाई असलेल्या गावांमध्ये पाऊस पडून पाणी उपलब्ध होईपर्यंत टँकरने पाणीपुरवठा करण्याच्या सूचना, मुख्य सचिव आणि सर्व जिल्हाधिकाऱ्यांना देण्यात येतील, अशी घोषणा उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांनी काल विधानसभेत केली. विधानसभा सदस्य राजेश टोपे आणि जयंत पाटील यांनी उपस्थित केलेल्या प्रश्नावर उत्तर देताना ते बोलत होते. राज्यातल्या कुठल्याही खेड्यात कुणीही पाण्यापासून वंचित राहणार नाही, याची दक्षता घेण्यात येईल, असं पवार यांनी आश्वस्त केलं.
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छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यात आदर्श नागरी सहकारी पतसंस्था आणि आदर्श नागरी महिला सहकारी बँकेतल्या गुंतवणुकदारांना त्यांच्या ठेवी परत देण्यासाठी राज्य शासन प्रयत्नरत असल्याचं, सहकार मंत्री दिलीप वळसे पाटील यांनी काल विधानसभेत सांगितलं. हरिभाऊ बागडे यांनी याबाबतची लक्षवेधी सूचना उपस्थित केली होती. गैरव्यवहार करणाऱ्या संचालक मंडळाच्या जप्त केलेल्या मालमत्तेचा लिलाव करून ती रक्कम ठेवीदारांना देण्याबाबत कार्यवाहीच्या सूचना जिल्हाधिकाऱ्यांना दिल्याची माहिती वळसे पाटील यांनी दिली. नारायण कुचे, प्रकाश सोळंके आणि बबनराव लोणीकर यांनीही याबाबत उप प्रश्न विचारले होते.
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सभागृहात आक्षेपार्ह शब्द वापरल्याप्रकरणी विधानपरिषदेतले विरोधी पक्षनेते अंबादास दानवे यांचं पाच दिवसांसाठी केलेलं निलंबन तीन दिवसांवर आणण्याचा प्रस्ताव विधानपरिषदेनं काल एकमतानं मंजूर केला. संसदीय कार्यमंत्री चंद्रकांत पाटील यांनी हा प्रस्ताव मांडला होता.
दरम्यान, विधानपरिषदेतल्या निवृत्त सदस्यांना काल निरोप देण्यात आला. वरिष्ठ सभागृहाचा नावलौकिक वाढवण्याचं का�� या सदस्यांनी केल्याचे गौरवोद्गार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी यावेळी काढले.
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राज्य पोलीस दलात ८१ पदांच्या नियमित भरतीच्या प्रक्रियेला मान्यता देण्यात आली आहे. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी काल विधान परिषदेत ही माहिती दिली. आमदार रमेश पाटील यांनी विचारलेल्या तारांकित प्रश्नाला ते उत्तर देत होते. भारतीय तटरक्षक दल, नौदल अशा यंत्रणांमधून निवृत्त झालेल्यांची भरती कंत्राटी तत्त्वावर करण्यात आल्याचं त्यांनी यावेळी सांगितलं.
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नागपूर जिल्हा मध्यवर्ती सहकारी बँक घोटाळा प्रकरणी माजी मंत्री सुनील केदार यांना दोषी ठरवणाऱ्या निर्णयाला, स्थगितीची मागणी करणारा अर्ज, मुंबई उच्च न्यायालयाच्या नागपूर खंडपीठानं, फेटाळून लावला आहे. या बँकेमध्ये १५० कोटींपेक्षा जास्त रकमेच्या सरकारी रोखे खरेदी घोटाळा प्रकरणी सुनील केदार यांना अतिरिक्त मुख्य न्यायदंडाधिकारी यांनी ५ वर्षे सक्तमजुरी आणि साडे बारा लाख रुपये दंडाची शिक्षा सुनावली होती. उच्च न्यायालयानं ही शिक्षा निलंबित करून केदार यांना जामीन दिला होता.
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ऊस उत्पादकांप्रमाणे दूध उत्पादकांना हमी भाव देण्याबाबत केंद्र सरकार निश्चित सकारात्मक विचार करेल अशी ग्वाही केंद्रीय सहकार मंत्री अमित शाह यांनी दिली आहे. राज्याचे दुग्ध व्यवसाय विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील यांनी काल दिल्ली इथं शाह यांची भेट घेवून महाराष्ट्रातल्या दूध उत्पादक शेतकऱ्यांच्या प्रश्नाकडे लक्ष वेधलं. महायुती सरकारने दूध उत्पादक शेतकऱ्यांच्या हितासाठी घेतलेल्या निर्णयांची माहितीही विखे पाटील यांनी शाह यांना दिली.
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धाराशिव इथं काल अण्णासाहेब पाटील आर्थिक मागास विकास महामंडळाच्या योजनांची आढावा बैठक मंडळाचे अध्यक्ष नरेंद्र पाटील यांच्या उपस्थितीत पार पडली. बँकांनी अण्णासाहेब पाटील महामंडळाचे कर्ज प्रकरणे त्वरित मंजूर करावी, असं त्यांनी यावेळी सांगितलं. जिल्ह्यात महामंडळाअंतर्गत चार हजार १५३ लाभार्थ्यांचे बँकांनी कर्ज मंजूर करून, ३१८ कोटी रुपये रक्कम वितरित केल्याची माहिती यावेळी देण्यात आली.
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टी - ट्वेंटी क्रिकेट विश्वचषक विजेत्या संघाचं काल मुंबईत वानखेडे क्रीडा संकुलावर भव्य स्वागत करण्यात आलं. दिल्लीहून मुंबईत दाखल झाल्यावर हा संघ विशेष बसमधून मिरवणुकीने क्रीडासंकुलावर पोहोचला. या संघाचं स्वागत करण्यासाठी क्रिकेटप्रेमींचा अफाट जनसागर मरीनड्राईव्हवर लोटला होता.
दरम्यान, भारतीय संघानं काल पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांची त्यांच्या निवासस्थानी भेट घेतली. पंतप्रधानांनी या संघाचं कौतुक करत, देशाला त्यांचा अभिमान वाटत असल्याचं सांगितलं.
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पंतप्रधान मोदी यांनी पॅरिस ऑलिम्पिकसाठी रवाना होणाऱ्या खेळाडूंशी देखील काल संवाद साधला. भारतीय खेळाडू चांगली कामगिरी करुन देशाचं नाव उंचावतील, अशी आशा त्यांनी व्यक्त केली.
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नाशिक जिल्ह्याच्या निफाड तालुक्यातल्या सर्वेश कुशारे याची उंच उडी प्रकारात पॅरिस ऑलिम्पिकसाठी निवड झाली आहे. हरयाणात पंचकुलात झालेल्या चाचणीत सर्वेशने सव्वा दोन मीटर उंच उडी मारत प्रथम क्रमांकासह ऑलिम्पिक पात्रताही पटकावली. भारतीय लष्करी सेवेत असलेला सर्वेश हा अशी किमया करणारा महाराष्ट्रातला पहिलाच खेळाडू ठरला आहे.
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विंबल्डन टेनिस स्पर्धेत भारताचा युकी भांब्री आणि त्याचा फ्रेंच जोडीदार अल्बानो ओलिवेती यांनी कझाकस्तानच्या जोडीचा सहा - चार, सहा - चार असा पराभव करत दुसऱ्या फेरीत प्रवेश केला. रोहन बोपन्ना आणि त्याचा ऑस्ट्रेलियन जोडीदार मॅथ्यू एब्डेन यांनी देखील दुसरी फेरी गाठली असून, त्यांचा पुढचा सामना जर्मन जोडीशी होणार आहे.
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जगद्गुरु श्री संत तुकाराम महाराज आणि संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी सोहळ्यासोबत राज्य शासनानं 'संवादवारी' हा उपक्रम सुरु केला आहे. या माध्यमातून शासकीय योजनांची माहिती चांगल्या प्रकारे मिळत असल्याच्या प्रतिक्रिया वारकऱ्यांनी दिल्या आहेत.
दरम्यान, संत श्री ज्ञानेश्वर महाराजांची पालखी काल जेजुरी इथं मुक्कामी होती. काल जेजुरीत भंडाऱ्याचं उधळण करत पालखीचं स्वागत करण्यात आला. संत तुकाराम महाराज यांची पालखी काल वरवंड इथं मुक्कामी होती.
पैठणहून निघालेल्या संत श्री एकनाथ महाराजांच्या पालखी आज पाटोदा इथून मार्गस्थ होत आहे. पालखीचा दुसरा रिंगण सोहळा आज पारगाव घुमरे इथं होणार आहे.
शेगाव इथल्या संत गजानन महाराजांची पालखी काल धाराशिव जिल्ह्यात दाखल झाली. कळंब शहरात नगरपालिका प्रशासनाने पालखीचं मोठ्या उत्साहात स्वागत केलं.
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छत्रपती संभाजीनगरच्या विमानतळाच्या विकासासंदर्भात खासदार संदिपान भुमरे यांनी नागरी हवाई वाहतुक मंत्री राममोहन नायडू आणि राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोळ यांना पत्र लिहिलं आहे. यासंदर्भात लवकरात लवकर बैठक घेऊन, विमानतळ विस्तारीकरणाचा प्रश्न मार्गी लावावा, असं भुमरे यांनी या पत्रात म्हटलं आहे.
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mwsnewshindi · 2 years
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उच्च रक्त शर्करा: मधुमेह के प्रबंधन के लिए अपने आहार में शामिल करने के लिए 7 जड़ी-बूटियाँ
उच्च रक्त शर्करा: मधुमेह के प्रबंधन के लिए अपने आहार में शामिल करने के लिए 7 जड़ी-बूटियाँ
मधुमेह आहार: शरीर में रक्त शर्करा और इंसुलिन का स्तर मधुमेह रोग से प्रभावित होता है। जीवनशैली में बदलाव करने और कभी-कभार दवा लेने के अलावा, जड़ी-बूटियाँ और विटामिन जैसे वैकल्पिक उपचार फायदेमंद हो सकते हैं। मधुमेह की विशेषता शरीर की पर्याप्त चीनी का उत्पादन करने या उत्पन्न होने वाले इंसुलिन का उपयोग करने में असमर्थता है। उनके कई चिकित्सीय गुणों के कारण जो रक्त शर्करा के नियमन में मदद कर सकते हैं,…
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synerhealseo · 3 months
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मधुमेह (डायबिटीज) के लिए सिफारिश की ग��� भोजन!
इंसुलिन की कमी से या कोशिकाओं (सेल) के इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के बढ़ने एवं रक्तप्रवाह में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि के कारण मधुमेह (डायबिटीज) होता है। दुनिया भर मे लाखों लोग मधुमेह (डायबिटीज)  से प्रभावित हैं। इनमें से अधिकांश निम्न-मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले लोग हैं। समय-समय पर मधुमेह की जांच न कराने से हर साल मृत्यु दर मे बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ दशकों में प्रभावित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मधुमेह मे वृद्धि के कारक:
खनपान मे बढ़ते हुए बदलाव, मोटापा, वजन बढ़ना एवं शारीरिक निष्क्रियता मधुमेह (डायबिटीज) का एक प्रमुख  कारण है और यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। 
किस प्रकार खनपान मे परिवर्तन मधुमेह (डायबिटीज)  का प्रमुख कारण बना है ?
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन करने के बाद ब्लड शुगर (रक्तप्रवाह में ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि होता है। स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, आलू, चावल और दूध खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। कार्बोहाइड्रेट हर किसी के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मधुमेह से क्या-क्या खतरे हैं?
समय के साथ, मधुमेह हृदय, रक्त वाहिकाओं (ब्लड वैसेल्स), आंखों, गुर्दे (किडनी) और तंत्रिकाओं (नर्वस) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दीर्घकालिक समस्याएं और अल्प अवधि में शीघ्र मृत्यु के कारण उत्पन्न होता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर मे मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ रही है, और बच्चों मे किशोर
मधुमेह (जुवेनाइल डायबिटीज) के रूप मे यह बीमारी के विकसित होने का खतरा अधिक है।
प्रारंभिक कार्रवाई और रोगियों को शिक्षित करना आवश्यक है, लेकिन कई देशों को पर्याप्त स्वास्थ्य प्रणालियों की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
मधुमेह रोगियों को अपने ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए अपने भोजन के विकल्पों पर ध्यान देने की आवश्यकता है:
निम्नलिखित के कारणों से ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) का स्तर बढ़ सकता है:
● कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन।
● शारीरिक गतिविधि या व्यायाम का अभाव।
● निर्जलीकरण/पर्याप्त पानी का सेवन न करना
● तनाव एक महत्वपूर्ण कारक है
● पर्याप्त नींद न आना।
● विशिष्ट (स्पेसिफिक) दवाएं, जैसे स्टेरॉयड।
यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिनका सेवन करने से आपको बेहतर एवं फर्क महसूस होता है।
1. बिना स्टार्च वाली सब्जियाँ:
बिना स्टार्च वाली सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी कम होती है एवं फाइबर अधिक होता है, जो उन्हें मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए अत्युत्तम विकल्प बनाता है।
आहार में पालक या कोई भी पत्तेदार साग, ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, बेल मिर्च और खीरे या कोई भी पानी आधारित सब्जियां शामिल होनी चाहिए जिनमें स्टार्च की मात्रा कम हो और जो आपके देश में उगाई गई हो।
2. प्रोटीन:
प्रोटीन खाने से ग्लूकोज का प्रवाह धीमा होता है और ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) को स्थिर करने में मदद मिलता है। प्रोटीन ग्लूकोज को रोक उन्हें धीमा करता हैं और फिर उन्हें धीरे-धीरे रक्तप्रवाह में छोड़ता हैं ताकि आपके ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) सामान्य सीमा में रहे। मुख्य रूप से प्रोटीन के साथ इंसुलिन शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद करता है। ये ब्लड शुगर (रक्त ग्लूकोज) के स्तर को प्रभावित नहीं करता और समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने एवं वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
3. साबुत अनाज:
हालाँकि साबुत अनाज, जौ, बाजरा आदि ( में कार्बोहाइड्रेट होता हैं) फाइबर का भी समृद्ध स्रोत हैं जो ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को बनाए रखने में मदद करता हैं।
4. हेल्दी फैट:
हमें ऐसे भोजन को शामिल करना चाहिए जो रक्तप्रवाह में ग्लूकोज के अवशोषण(अब्ज़ॉर्प्शन) को धीमा करने में मदद कर सके और आपको पेट भरा हुआ महसूस कराए। जैसे: एवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स, बीज, जैतून का तेल और अन्य वनस्पति तेल । सुबह सबसे पहले एक चम्मच घी, वर्जिन जैतून या वर्जिन नारियल जैसे वसा (फैट/तेल) का सेवन  इंसुलिन स्पाइक को कम करता है और शरीर को इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है।
5. डेयरी उत्पाद:
 कम वसा(फैट) वाले और बिना चीनी वाले खाद्य पदार्थ जैसे: ग्रीक दही, कॉटेज पनीर, बिना चीनी वाले बादाम या सोया दूध इत्यादि उपयुक्त है। डेयरी में मौजूद ठोस तैयब दूध में भी चीनी में परिवर्तित होने की प्रवृत्ति होती है इसलिए गैर डेयरी या दही और छाछ के रूप उपयुक्त है।
6. फल:
फलों में जामुन, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रसभरी, सेब, नाशपाती इत्यादि शामिल हैं ।
संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
7. जड़ी-बूटियाँ और मसाले:
दालचीनी, हल्दी, अदरक भोजन मे बिना कार्बोहाइड्रेट के स्वाद बढ़ाता हैं।
निम्नलिखित कदम हमारे शरीर के रक्त मे ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है:
1. अपने शरीर को सक्रिय रखने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
2. संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि के माध्यम से स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखें।
3. मीठे पेय और मिठाइयों का सेवन कम करके चीनी का सेवन कम करें।
4. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट सीमित करें
5. ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ चुनें।
6. पूरे दिन खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें।
7. समग्र स्वास्थ्य और हार्मोन विनियमन के लिए नींद को प्राथमिकता दें।
8. स्थिर ब्लड शुगर को बनाए रखने के लिए तनाव प्रबंधन तकनीकों जैसे योग, ध्यान, अनुलोम-विलोम योग का अभ्यास करें।
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क्या आप जानते हैं
नियमित चिकित्सकीय जांच से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सही समय पर पता लगाना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे समस्याओं को समय रहते पहचाना और उचित उपचार शुरू करना संभव होता है, जिससे समस्याओं का नियंत्रण हो सकता है। साथ ही, नियमित जांच से स्वस्थ जीवनशैली और आहार पर ध्यान देने से समस्याओं का प्रकोप कम हो सकता है और स्वास्थ्य को संरक्षित रखा जा सकता है।
आज ही परामर्श लें!
डॉ. राहुल माथुर(Best General Physician Near Me) जनरल फिजिशियन एवं डायबिटोलॉजिस्ट
सी.के. बिरला हॉस्पिटल, जयपुर
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bhallaeyehospital · 5 months
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👨‍⚕️ग्लूकोमा से बचाव के टिप्स
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डॉ. विक्रम भल्ला, ऑप्थाल्मोलॉजिस्ट, के द्वारा आंखों के ग्लूकोमा से बचाव के टिप्स:
नियमित नेत्र परीक्षण: आँखों की नियमित जाँच जरूरी है। ग्लूकोमा कई बार लक्षणों के बिना विकसित होता है, इसलिए समय रहते निकट नेत्र परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
परिवार का इतिहास जानें: ग्लूकोमा परिवार में चलता है। अपने परिवार के नेत्र स्वास्थ्य का इतिहास जानना आपके जोखिम का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
अपनी आंखों की सुरक्षा करें: बाहरी धूप से अपनी आंखों को हानिकारक यूवी रेडिएशन से बचाएं। और जब भी किसी ऐसी गतिविधि में शामिल हों जिसमें आँखों को चोट का खतरा हो, तो सुरक्षात्मक चश्मा पहनें।
स्वस्थ आदतें बनाएं: फलों और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों का प्रबंधन, सामान्य नेत्र स्वास्थ्य में मदद करता है।
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान न केवल आपकी फेफड़ों को हानि पहुंचाता है, बल्कि आपकी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ना ग्लूकोमा और अन्य आंख की बीमारियों के विकास का जोखिम कम करता है।
अपनी आँखों की स्वास्थ्य के बारे में सतर्क रहें। विस्तृत आँखों की देखभाल और मार्गदर्शन के लिए, डॉ. विक्रम भल्ला से संपर्क करें। उन्हें भल्ला आँख अस्पताल, रांची में संपर्क करें। अपॉइंटमेंट के लिए 7061015823 पर संपर्क करें।
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अपने बच्चे के मधुमेह को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए मुख्य रणनीतियाँ
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खुद को और अपने बच्चे को शिक्षित करें मधुमेह को समझना महत्वपूर्ण है। स्थिति के बारे में जानें और अपने बच्चे को उनकी देखभाल में शामिल करें। इससे उन्हें अधिक नियंत्रण और तैयार महसूस करने में मदद मिलती है।
मधुमेह प्रबंधन योजना बनाएं व्यक्तिगत प्रबंधन योजना विकसित करने के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ काम करें। दवा, रक्त शर्करा की निगरानी और आहार के बारे में विवरण शामिल करें।
मधुमेह के स्तर की निगरानी करें यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से ��क्त शर्करा के स्तर की जाँच करें कि वे लक्ष्य सीमा के भीतर रहें। ट्रैक रखने से प्रबंधन योजना में आवश्यक समायोजन करने में मदद मिलती है।
स्वस्थ आहार लें साबुत अनाज, फल, सब्जियाँ और लीन प्रोटीन वाले संतुलित आहार पर ध्यान दें। पौष्टिक आहार स्थिर रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करें मधुमेह के प्रबंधन के लिए नियमित व्यायाम फायदेमंद है। पैदल चलना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसी गतिविधियाँ रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती हैं।
आपात स्थितियों के लिए तैयार रहें मधुमेह से संबंधित आपात स्थितियों के लिए एक योजना बनाएँ। सुनिश्चित करें कि आप और आपका बच्चा जानते हैं कि कम या उच्च रक्त शर्करा की स्थिति को कैसे संभालना है।
देखभाल करने वालों और स्कूल स्टाफ़ से संवाद करें शिक्षकों, प्रशिक्षकों और अन्य देखभाल करने वालों को अपने बच्चे की स्थिति के बारे में सूचित करें। स्पष्ट संचार विभिन्न वातावरणों में मधुमेह को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है।
अधिक व्यक्तिगत सलाह के लिए, सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 में Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) से परामर्श करें। परामर्श के लिए 6200784486 पर कॉल करें या drfarhancardiologist.com पर जाएँ।
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