" Mujhe achha lagta hai "
Mujhe achha lagta hai tumhara intezar krna ye jante huye ki tum kabhi vapas nhi ane vale
Mujhe achha lagta hai us gali se guzarna jahan kabhi tumhara ghar hua krta tha ye jante huye ki ab tum vahan nhi rehte
Mujhe achha lagta hai tumhein yaad krna ye jaante huye ki tum nayi yaadein banane mein itna magan hogye ho ki purani yaadon ko bhul gaye ho
Mujhe achha lagta hai tumhari tasveerein dekhna ye jante huye ki ab un tasveeron mein meri jagah koi aur hai tumhare saath
Mujhe achha lagta hai aaj bhi tumhare liye dua krna.....ab kyu ye mat puchna bs achha lagta hai to lagta hai
dishaa
227 notes
·
View notes
इक चांद मैं भी अधूरा था, इक शाम वो भी अधूरी थी,
इक रात मैं भी तन्हा था, इक मुलाकात वो भी कस्तूरी थी,
हुई यूं बात की,
इश्क़ तो मुक्कमल हूं उससे,
पर
इक मैं इंसान मामूली सा, इक वो कल्पना मयूरी थी,
इक मैं रैन काला सा और एक वो भोर नूरी थी ।।
- अय्यारी
25 notes
·
View notes
किताबों जैसी महक हो जिसकी,
साहित्य जैसी हो उससे बाते,
मोहब्बत हो ऐसी जैसे बारिश में मोर नाचे।
@scribblersobia
27 notes
·
View notes
मुसाफ़िर cafe
दिव्य प्रकाश दुबे
7 notes
·
View notes
तुम्हारे कंधे पे जो सुकून मिला है वो
किसी तकिए ने कहां दिया है,
तुम्हारी आस में को खयाली पुलाव पकाए
वैसा किसी बावर्ची ने कहां बनाया है
और,
तुम्हारी बातों में जब जब डूबी हूं
तो बचने का मौका कहां मिला है,
तुम्हारी रंग में जो घुली है,
तो खुद को अलग करने का जरिया कहां दिखा है।
jaan ae bahara ✨
17 notes
·
View notes
talashate hai raaste ye musafhir e dost,
jo kabhee chale hee nahi vo inhe ulajha hua bataate hai.
.
.
.
तलाशते है रास्ते ये मुसाफिर ए दोस्त,
जो कभी चले ही नही वो इन्हे उलझा हुआ बताते है।
7 notes
·
View notes
मेरी बहु चर्चित वीणा के
सधे हुए स्वर टूट रहे हैं।
बहुत संजोया इन तारों को
ये शिथिल हुए अब छूट रहे हैं।
~ श्री शिवकांत अग्निहोत्री, पड़ोसी को पत्र
3 notes
·
View notes
वो बातें बनाना जानता है
मैं बातें बटोरना जानती हूं
2 notes
·
View notes
Ombril Navel नाभि
© Hansparth
8 notes
·
View notes
हो सके तो कभी कभी ख्वाबों में आके मिला कीजिए
हकीकत से तो जा चुके हैं, ख्वाबों में ही सही आ मुझे गले से लगाया कीजिए
फिक्र ना करें मैं इन मुलाकातों के बारे में किसी को नहीं बताऊंगी
आप बस मेरा हाथ थाम मेरे बगल में बैठ जाना, तब मैं दुनिया से छुपाया हुआ अपना हर आंसू आपके सामने बहा दूंगी
फिर आपकी गोद में सिर सुकून की नींद सोजाऊंगी
आखिर ये तो ख़्वाब है, यहां तो वैसा हो जाएगा जैसा मैं चाहूंगी
मगर फिर एक मनहूस पल आएगा जब मेरा ख़्वाब टूट जायेगा और मेरा सामना मेरी हकीकत से हो जाएगा
तब मैं अपने सिरहाने रखी आपकी तस्वीर को देख कहूंगी
हो सके तो कभी कभी ख्वाबों में आके मिला कीजिए
दिशा
47 notes
·
View notes
आग की लपटे प्रह्लाद के लिए केवल एक चादर बन गईं, क्योंकि उसके मन में नारायण थे । वही आग की लपटे तेरे अंतरमन को शववस्त्र बन लपेट रही है, क्योंकि तूने हिरण्यकशयप को शय दे रखी है ।
- अय्यारी
8 notes
·
View notes
तुम कभी तो...
तुम कभी तो हमे याद करोगे,
तुम कभी तो हमारे दीदार को तरसो गए,
तुम कभी तो मिलने की ख्वाहिश करो गए,
तुम कभी तो हमसे अपनी मोहब्बत का इजहार करोगे।
_सोबिया।
@scribblersobia
49 notes
·
View notes
गरीब लोगो की सुबह सूरज से नहीं लेकिन मेहनत से होती है।
। अनुपमा । tv serial
5 notes
·
View notes
तुम वो कविता हो जिसे पूरा होने के लिए मेरे ख्वाबों की जरूरत है,
और वो कहानी हूं जिससे पूरा होने के लिए तुम्हारी जरूरत है।
जान ए बहरा
7 notes
·
View notes
आजकल तो हर जगह बस दर्द ही महसूस होने लगा है,
बस तुम्हारी बाते ही है जो मरहम की तरह सुकून देती है।
तो हो सके तो माफ़ कर देना,
कभी अगर दो चार बाते और कर दू।
1 note
·
View note